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'कबीर साहित्य की प्रासंगिकता' पर ऑनलाइन राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन


शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुंद में "कबीर साहित्य की प्रासंगिकता" विषय पर ऑनलाइन राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. ज्योति पांडे के मार्गदर्शन और डॉ.अनुसुइया अग्रवाल के संयोजन में हिंदी विभाग द्वारा कबीर जयंती के अवसर पर यह आयोजन हुआ।






ऑनलाइन वेबिनार के मुख्य अतिथि प्रोफेसर राम नारायण पटेल,प्राध्यापक,हिंदी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय थे। डॉ. सुनील कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, गुरुनानक विश्वविद्यालय, अमृतसर मुख्य वक्ता थे।





कार्यक्रम का शुभारंभ कबीर वाणी से किया गया l डॉ. अनुसुइया अग्रवाल ने स्वागत भाषण के साथ विषय प्रवर्तन किया। उन्होंने कहा कि कबीर मस्तमौला, दुनियादारी से बेपरवाह थे।
कबीर का व्यक्तित्व सबसे अनूठा है। उनका साहित्य संपूर्ण जीवन दर्शन है, जो जीवन जीने की कला सिखाती है l कबीर का साहित्य सामाजिक समरसता को बढ़ाता है ।





अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ ज्योति पांडेय ने कहा कि कबीर के जैसा सपाट बयान करने वाला बिरला होता है। कबीर सर्वधर्म समभाव, विश्वबंधुत्व के उन्नायक थे l कबीर के मन में जब जो भाव आया उसी भाव से उन्होंने ईश्वर से प्रेम किया ।





मुख्य अतिथि प्रोफेसर राम नारायण पटेल ने भक्ति काल के राजनीतिक, ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में कबीर-दर्शन को स्पष्ट किया । कबीर समाज के सच्चे हितैषी थे। कबीर ने सत्य की निरंतर खोज की। बताया की सत्य वही हो सकता है, जो शाश्वत है,चिरंतन है। कबीर का सत्य शून्य है और उनका शून्य गगनमंडल है । कबीर के अनुसार आत्मज्ञान से ही आत्मसंयम संभव है। शास्त्र ज्ञान से जो कभी संभव नहीं है । कबीर ने सदैव जागृत रहने को कहा। कबीर का साहित्य ढकोसला का विरोध है।









विशिष्ट अतिथि डॉ सुनील कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि कबीर का संपूर्ण जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित रहा l कबीर ने स्वयं के परिवर्तन के लिए स्वयं से लड़ा l कबीर द्वारा स्थापित मूल्य सार्वदेशीय व सर्वकालीन है। इसलिए मूल्यों की प्यास बुझाने हेतु कबीर का आश्रय लेना ही होगा l कबीर का मूल-मंत्र मानवता है।
कबीर समाज में मनुष्य होने की भावना एवं मन की शुद्धता पर सर्वाधिक बल देते हैं।





आभार ज्ञापन डॉ दुर्गावती भारतीय एवं कार्यक्रम की सह संयोजक के द्वारा किया गया l कार्यक्रम का संचालन सीमा रानी प्रधान आयोजन समिति सचिव द्वारा किया गया l





कार्यक्रम में डॉ जया ठाकुर विभागाध्यक्ष समाज शास्त्र , करुणा दुबे विभागाध्यक्ष रसायन , डॉ.नीलम अग्रवाल विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र , डॉ. मालती तिवारी विभागाध्यक्ष राजनीति शास्त्र , डॉ. रीता पांडे विभागाध्यक्ष इतिहास , डॉ. वैशाली गौतम हिरवे विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान , डॉ.चेलक विभागाध्यक्ष वनस्पति , मनीराम धीवर, अजय राजा, सरस्वती सेठ, एम आर वर्मा , डॉ. आर के अग्रवाल. सी खलको एवं महाविद्यालय के समस्त स्टाफ के साथ छात्र-छात्राएं तथा प्रदेश व अन्य प्रदेश से भी प्रबुद्ध-जन इस कार्यक्रम में जुड़कर लाभान्वित हुए।


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