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कोरोना संकट के बीच PM ने ली समीक्षा बैठक, वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने पर दिया ज़ोर


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में कोविड-19 (COVID-19) महामारी के कारण उपजे हालात की व्यापक तौर पर समीक्षा की। उन्हें 12 राज्यों में 1 लाख से अधिक सक्रिय मामलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसके अलावा राज्यों के जिन जिलों में संक्रमण के कारण अधिक मौतें हो रही हैं, उससे भी उन्हें अवगत कराया गया।





प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि इन राज्यों को मदद के साथ इनके स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु दिशा-निर्देश भी दिए जाएं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत बनाने के लिए किए जा रहे कामों का विवरण दिया। इसके अलावा उन्होंने प्रभावित राज्यों में वैक्सीनेशन व दवाओं का भी लेखा जोखा लिया।





वैक्सीनेशन पर प्रधानमंत्री ने दिया जोर





प्रधानमंत्री ने कोरोना के कारण संवेदनशील हालात वाले राज्यों का जिक्र किया और कहा कि इन जगहों पर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया की गति कम नहीं होनी चाहिए। लोगों को लॉकडाउन के बावजूद वैक्सीनेशन की सुविधा दी जानी चाहिए और जो हेल्थकेयर वर्कर वैक्सीनेशन का काम कर रहे हैं उन्हें किसी और ड्यूटी में न लगाया जाए। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने उन राज्यों के बारे में भी विवरण लिया जहां कोरोना वैक्सीन बर्बाद हो गए। प्रधानमंत्री को बताया गया कि 45 साल से अधिक उम्र वाले करीब 31 फीसद जनसंख्या को अब तक वैक्सीन की खुराक मिल चुकी है।





वैक्सीनेशन के साथ दवाओं के उत्पादन का भी लिया ब्यौरा





प्रधानमंत्री ने दवाओं की उपलब्धता का विवरण लिया। उन्हें रेमडेसिविर समेत तमाम दवाओं के उत्पादन प्रक्रिया में लाई गई तेजी से अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री ने वैक्सीनेशन में प्रगति व अगले कुछ महीनों में होने वाले दवाओं के उत्पादन की भी समीक्षा की। उन्हें बताया गया कि करीब 17.7 करोड़ वैक्सीन की खेप राज्यों को सप्लाई की जाएगी। प्रधानमंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि राज्यों को एडवाइजरी भेजी गई है कि वे 10 फीसद या उससे अधिक संक्रमण के मामलों वाले जिलों को चिन्हित करें।


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