मन की बात की 77वीं कड़ी में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि किस प्रकार से देश पूरी ताक़त के साथ COVID-19 के खिलाफ़ लड़ रहा है। पिछले सौ वर्षों में यह सबसे बड़ी महामारी है और इसी pandemic के बीच भारत ने अनेक प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है। इस दौरान cyclone अम्फान आया, cyclone निसर्ग आया, अनके राज्यों में बाढ़ आई, छोटे-बड़े अनेक भूकंप आए, भू-स्खलन हुए। अभी-अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने, फिर दो बड़े cyclones का सामना किया। पश्चिमी तट पर cyclone ‘ताऊ-ते’ और पूर्वी coast पर cyclone ‘यास’। इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया है। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताक़त से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की। हम अब ये अनुभव करते हैं कि पहले के वर्षों की तुलना में, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचा पा रहे हैं। विपदा के इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में Cyclone से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है,इस संकट की घड़ी में बड़े धैर्य के साथ, अनुशासन के साथ मुक़ाबला किया है. प्रधानमंत्री ने सभी नागरिकों की सराहना करना चाहता हूँ। जिन लोगों ने आगे बढ़कर राहत और बचाव के कार्य में हिस्सा लिया, ऐसे सभी लोगों की जितनी सराहना करें, उतनी कम है। मैं उन सब को salute करता हूँ। केंद्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी, एक साथ मिलकर इस आपदा का सामना करने में जुटे हुए हैं। मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है। हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मज़बूती से खड़े हैं, जिन्होंने इस आपदा का नुक़सान झेला है।
प्रधानमंत्री ने कहा, चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी हमेशा उतना ही बड़ा रहा है। देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने, देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है। हाल के दिनों में हमने देखा है कि कैसे हमारे doctors, nurses और front line warriors- उन्होंने ख़ुद की चिंता छोड़कर दिन रात काम किया और आज भी कर रहे हैं। इस सबके बीच कई लोग ऐसे भी हैं,जिनकी कोरोना की second wave से लड़ने में बहुत बड़ी भूमिका रही है। मुझसे ‘मन की बात’ के कई श्रोताओं ने NamoApp पर और पत्र के द्वारा इन warriors के बारे में चर्चा करने का आग्रह किया है.
उन्होंने आगे कहा, जब second wave आई, अचानक से oxygen की माँग कई गुना बढ़ गई तो बहुत बड़ा challenge था। Medical oxygen का देश के दूर-सुदूर हिस्सों तक पहुँचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी। Oxygen tanker ज़्यादा तेज़ चले। छोटी-सी भी भूल हो, तो उसमें बहुत बड़े विस्फोट का ख़तरा होता है। Industrial oxygen का उत्पादन करने वाले काफी प्लांट देश के पूर्वी हिस्सों में हैं वहाँ से दूसरे राज्यों में oxygen पहुँचाने के लिए भी कई दिन का समय लगता है। देश के सामने आई इस चुनौती में देश की मदद की, cryogenic tanker चलाने वाले drivers ने, oxygen express ने, Air Force के pilotsने। ऐसे अनेकों लोगों ने युद्ध-स्तर पर काम करके हज़ारों-लाखों लोगों का जीवन बचाया। प्रधानमंत्री ने मन की बात में ऐसे अनेको कर्मवीरों से बात भी की हैं.