महासमुंद। सामाजिक समरसता बिगाड़ने के आरोप में कांग्रेस नेता अंकित बागबाहरा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अंकित के खिलाफ 22 मई को अपराध पंजीबद्ध किया गया था। इस मामले को लेकर साहू समाज लामबंद हो गया था। सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों ने सामाजिक-राजनीतिक बहिष्कार का प्रस्ताव पारित किया। जिला से लेकर राजधानी तक लामबंदी कर कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा। इस बीच आज सुबह अंकित ने बागबाहरा थाना पहुंच कर सरेंडर कर दिया। थाना प्रभारी स्वराज त्रिपाठी ने बताया कि न्यायालय में पेश करने रवाना कर दिया गया है। इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी से निष्कासित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने जिलाध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने अधिकृत किया है।
कांग्रेस नेता अंकित की गिरफ्तारी और पार्टी से निष्कासन के लिए साहू समाज के लीडर लामबंद
कुछ इस तरह का है मामला
गौरतलब है कि वार्ड नं. 05 गणेशपारा बागबाहरा निवासी प्रेम साहू ने FIR कराया। पुलिस में कराए गए FIR में बताया गया है कि वह नगर साहू (तेली) समाज बागबाहरा का अध्यक्ष हैं। 17 मई 2021 को वाट्सअप ग्रुप “बागबाहरा एक्सप्रेस” में अंकित अग्रवाल उर्फ अंकित बागबाहरा ने दोपहर 03:54 बजे अपने मोबाईल नम्बर 9926644470 से एक वीडियो अपलोड किया था। जिसमें एक व्यक्ति द्वारा तेली समाज के व्यक्तियों और महिलाओं के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है। जिससे तेली समाज की भावनाएं आहत हुई। अंकित अग्रवाल उर्फ अंकित बागबाहरा के द्वारा किए गए इस कृत्य से समाज के विभिन्न वर्गो के मध्य शत्रुता एवं घृणा पैदा हो गई है। और नाराज होकर सामाजिक पदाधिकारियों ने अंकित के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
यह है शिकायत पत्र में
व्हाट्सएप ग्रुप में पोस्ट वीडियो से साहू समाज (तेली समाज) की भवनाएं आहत हुई है। वीडियो में दिखाए जाने वाले व्यक्ति के द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए जातिगत गालीगलौज की गई है। खास कर समाज के महिलाओं की भावनाओं को आहत किया गया है। वीडियो वायरल के संदर्भ में पोस्टकर्ता अंकित अग्रवाल उर्फ अंकित बागबाहरा को ग्रुप के माध्यम से और अन्य माध्यम से भी पोस्ट (वीडियो) को डिलीट करने कहा गया। इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण देते हुए माफी मांगने आग्रह किया गया , लेकिन पोस्टकर्ता अंकित द्वारा उपरोक्त सभी अनुरोध की अवहेलना कर दी गई। इससे आक्रोश बढ़ता गया। आरोप है कि पोस्टकर्ता अंकित द्वारा जानबूझकर और सोच समझ कर समाज (जाति) विशेष के भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से पोस्ट किया गया है। पुलिस ने धारा 505 (2) के तहत जुर्म दर्ज किया था।
हो सकती है तीन साल तक की सजा
भादवि की धारा 505(2): विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति, आदि, परिचालित करना । न्यायालय में दोष सिद्ध पाए जाने पर तीन वर्ष का कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दंडित किया जा सकता है। यह अपराध गैर-जमानती और संज्ञेय है।