देवों की नगरी उत्तराखंड में मंगलवार को एक बार फिर से कुदरत ने कहर बरपाया है। जानकारी के मुताबिक देवप्रयाग के दशरथ डांडा पर्वत पर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। जलभराव के कारण थाना देवप्रयाग कस्बा क्षेत्र के अंतर्गत शांति बाजार में बड़े-बड़े बोल्डरों और पानी में आए मलबे से कैन्तुरा स्वीट शॉप, असवाल ज्वेलर्स, कंट्रोल की दुकान और ITI को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं जरीन खान की फर्नीचर की दुकान और भट्ट पूजन सामग्री की दुकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है।
वहीं पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए क्षतिग्रस्त इमारतों के आस-पास के लोगों को हटाया गया है। सभी लोगों को थाना प्रांगण और बस अड्डा प्रांगण में रुकवाया गया है। थाना प्रभारी महिपाल सिंह रावत क्षेत्र में लगातार बने हुए हैं। श्रीनगर से SDRF की टीम भी रवाना हो चुकी है। वर्तमान में किसी प्रकार की जनहानि की कोई सूचना नहीं है।
कोरोना और अन्य कारणों से 10 से ज्यादा नक्सलियों की मौत, SP ने किया दावा
बता दें कि 8 फरवरी को चमोली जिले के रैंणी गांव के पास एक ग्लेशियर फटने से हड़कंप मच गया था। देखते ही देखते पानी विकराल रूप लेते हुए निचले इलाकों की ओर बढ़ने लगा, जिसमें सबसे पहले इसकी चपेट में ऋषि गंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट आया, ये प्रोजेक्ट इस आपदा में पूरी तरह तबाह हो गया था।
ऋषिगंगा प्रोजेक्ट
आपदा ग्रस्त क्षेत्र में मौजूद ऋषिगंगा प्रोजेक्ट 2020 में कमीशन हुआ था। जिसमें 35 लोग काम करते थे। उसी के नीचे तपोवन में एनटीपीसी प्रोजेक्ट पर 176 लोग काम कर रहे थे। यहां दो टनल है। एक में 15 लोग तो दूसरी में 35 लोग से ज्यादा लोग फंसे हुए थे। वहीं इस हादसे में 56 से ज्यादा शव बरामद किए गए थे। जबकि 150 से ज्यादा लोग लापता थे।