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झीरम श्रद्धांजलि दिवस- हमले की 7वीं बरसी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीदों को किया नमन


रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद नेताओं और जवानों को नमन करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। झीरम घाटी के नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा सहित कई नेता और सुरक्षा बलों के जवान शहीद हो गए थे।





झीरम घाटी शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में बघेल ने कहा है कि झीरम घाटी के शहीदों और विगत वर्षों में नक्सल हिंसा के शिकार हुए सभी लोगों की स्मृति में वर्ष 2020 से 25 मई को हर वर्ष ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ मनाया जाता है। प्रदेश के सभी शासकीय एवं अर्धशासकीय कार्यालयों में नक्सल हिंसा में शहीदों की स्मृति में 25 मई को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी जाएगी तथा राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए शपथ भी ली जाएगी।





क्या हुआ था 7 साल पहले





नवंबर 2013 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने थे। आपसी अंतरकलह से उबर कर एकजुटता दिखाते हुए कांग्रेस राज्य में परिवर्तन यात्रा निकाल रही थी। इस यात्रा में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता शामिल थे। अलग-अलग इलाकों से होते हुए कांग्रेस की यह यात्रा नक्सलियों के गढ़ से गुजर रही थी। 25 मई को प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, दिग्गज कांग्रेसी विद्याचरण, शुक्ल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा और बहुत सारे नेताओं के साथ यात्रा पर थे।





सुकमा जिले में एक सभा के बाद सभी नेता सुरक्षा दस्ते के साथ काफिला लेकर अगले पड़ाव के लिए निकले थे। काफिले में सबसे आगे नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल और कवासी लखमा (वर्तमान में राज्य में आबकारी मंत्री) सुरक्षा गार्ड्स के साथ आगे बढ़ रहे थे। पीछे की गाड़ी में मलकीत सिंह गैदू और बस्तर टाइगर महेन्द्र कर्मा सहित कुछ अन्य नेता सवार थे। इस गाड़ी के पीछे बस्तर के तत्कालीन कांग्रेस प्रभारी उदय मुदलियार कुछ अन्य नेताओं के साथ चल रहे थे।





इस काफिले में सबसे पीछे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विद्याचरण शुक्ल एनएसयूआई के दो नेताओं देवेन्द्र यादव (अब भिलाई से विधायक) व निखिल कुमार के साथ थे। इस पूरे काफिले में करीब 50 लोग शामिल थे। दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर यह काफिला घने जंगलों से घिरी झीरम घाटी पर पहुंचा। अचानक दोनों से ओर से बंदूक से चली गोलियों की आवाज गूंजने लगी। काफिले में सबसे आगे चल रही गाड़ी को नक्सलियों ने पहला निशाना बनाया। हमले में कुल 32 लोग मारे गए थे।


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