देश में कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ने लगी है। देश में रोजाना मिलने वाले कोरोना मरीजों की संख्या में गिरवट आई है। इसी बीच कर्नाटक में बच्चों के बीच कोरोना केस लगातार बढ़ रहे हैं। भले ही एक्सपर्ट्स ने थर्ड वेव में बच्चों पर खतरा बताया है, लेकिन सेकंड वेव में भी ये आंकड़े डराने वाले हैं। कर्नाटक में सिर्फ दो महीनों के अंदर 0-9 साल के करीब 40 हजार बच्चे संक्रमित हुए हैं। वहीं 10-19 साल के संक्रमित बच्चों की संख्या 1 लाख पार पहुंच गई है। इनकी संख्या करीब 1,05,044 है। ये आंकड़े 18 मार्च से 18 मई के बीच के हैं। जो ये बताने के लिए काफी हैं कि किस तरह कोविड अब बच्चों पर खतरा बन चुका है। पॉजिटिविटी इजाफा 0-9 साल के बच्चों में 143% तो 10 से 19 साल के बच्चों में 160% हुआ है।
कोविड की तीसरी लहर बच्चों के लिए हो सकती है ज्यादा खतरनाक: एक्सपर्ट
इसकी खास वजह बड़ों में फैल रहे कोविड के बाद बच्चों को इससे दूर न रखना माना जा रहा है। बच्चों को तुरंत ही आइसोलेट करने की जरूरत है, लेकिन ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है। न सरकार इस पर कोई ठोस प्लान बनाती दिख रही है। इस बीच कुछ NGO और प्राइवेट इंस्टीट्यूशन सामने आए हैं और बेंगलुरू में पहली बार बच्चों के लिए एक्सक्लूसिव कॉविड केयर सेंटर और आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं।
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यह वे बच्चे हैं जिनके पैरंट्स कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए और बच्चों की देखभाल करने के लिए कोई नहीं है। ऐसे बच्चों को इन आइसोलेशन सेंटर में रखा जाता है। साथ ही जो बच्चे कोविड-19 पॉजिटिव होते हैं उनका पूरा ध्यान मेडिकल टीम द्वारा रखा जाता है। फ्रंटलाइन वॉरियर डॉक्टरों की टीम बच्चों को मोटिवेट कर रही है। साथ ही उनके साथ खेलती भी दिखाई दे रही है। अभी शुरुआती तौर पर बच्चों के लिए एक कोविड केयर सेंटर और 3 आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं।
बच्चों पर है खतरा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आई तो बच्चे इस वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा आएंगे। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि तीसरी लहर तक देश में ज्यादातर वयस्क लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग जाएगी। ऐसे में ये लोग बच्चों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रहेंगे। वहीं बच्चों के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है।
बच्चों का रखें खास ख्याल
बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है, जिसके लिए पहले सावधान रहना बहुत जरूरी है। जानकारों के मुताबिक कोरोना की पहली लहर ने बुजुर्गों को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में लिया था। कोरोना की पहली लहर बुजुर्गों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हुई थी। वहीं कोरोना की दूसरी लहर सबसे ज्यादा युवाओं के लिए खतरनाक साबित हो रही है। ऐसे में कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में बच्चों का अच्छे से ख्याल रखें।