देश में कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस की भी एंट्री हो गई है। बता दें कि मुंबई में गंभीर और जानलेवा ब्लैक फंगस से कोरोना से उबरे 10 लोगों ने दम तोड़ दिया। इस फंगस के कारण कुछ मरीजों की आंखों की रोशनी भी चली गई है। महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के अब तक दो हजार मामले सक्रिय है।
इस जिले में मिले ब्लैक फंगस के 270 केस, इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन विभाग के सूचना केंद्र ने इसकी जानकारी दी है। इससे पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को ब्लैक फंगस के 1500 सक्रिय मामले होने की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि महाराष्ट्र में इस बीमारी से अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने ब्लैक फंगस को लेकर जारी की एडवाइजरी
स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन विभाग ने इस बीमारी के फैलने, कोविड से इसका संबंध, लक्षण, उपचार और इसमें बरतने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक साइनस की परेशानी से नाक का बंद हो जाना, आधा चेहरा सुन्न पड़ जाना, आंखों में सूजन, धुंधलापन, सीने में दर्द उठना, सांस लेने में समस्या होना और बुखार होना ब्लैक फंगस संक्रमण के लक्षण हैं।
क्या है ब्लैक फंगस
म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) इंफेक्शन एक गंभीर बीमारी है जो शरीर में बहुत तेजी से फैलती है जिसे आम बोलचाल की भाषा में ब्लैक फंगस (Black fungus) कहा जाता है। ब्लैक फंगस मरीज के दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी अटैक कर सकता है। इस बीमारी में कई मरीजों के आंखों की रोशनी जा चुकी है। वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी के गलने की भी शिकायतें हैं। इसके अतिरिक्त भी तमाम दूसरी परेशानियां हैं। अगर समय रहते इसे कंट्रोल न किया गया तो इससे मरीज की मौत भी हो सकती है।
ब्लैक फंगस से बचने के उपाय
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) एक फंगल संक्रमण है। यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित है और दवाइयां ले रहे हैं। इससे उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता प्रभावित होती है। अगर व्यक्ति के शरीर में यह फंगस सूक्ष्म रूप में शरीर के अंदर चला जाता है तो उसके साइनस या फेफड़े प्रभावित होंगे, जिससे गंभीर बीमारी हो सकती है। अगर इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह घातक हो सकती है।