बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जहां गुजरात की एक महिला (Women sent Condom to Judge) ने बॉम्बे हाई कोर्ट की जज पुष्पा गनेड़ीवाला को कंडोम के 150 पैकेट भेजे है। खुद को राजनीतिक विश्लेषक बताने वाली अहमदाबाद की महिला देवश्री त्रिवेदी जज पुष्पा गनेड़ीवाला के यौन शोषण संबंधी स्कीन-टू-स्कीन वाले फैसले से नाराज थी और अपना गुस्सा जाहिर करते हुए जज पुष्पा गनेड़ीवाला को कंडोम के पैकेट भेजे है। यौन उत्पीड़न के मामलों पर विवादित फैसले देने वाली जस्टिस पुष्पा गनेड़ीवाला वर्तमान में बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर बेंच में तैनात हैं।
बता दें कि पिछले दिनों न्यायमूर्ति गनेड़ीवाला ने एक बाद एक कई ऐसे फैसले दिए थे, जिन्हें विवादित माना गया। ये मामले बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों और यौन उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण यानि पॉक्सो (POCSO) एक्ट से संबंधित थे।
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देवश्री त्रिवेदी का दावा है कि वह जस्टिस गनेड़ीवाला के फैसलों से नाराज थी। जिनमें उन्होंने कहा था कि यौन उत्पीड़न के अपराध में ‘यौन-संपर्क के साथ त्वचा से त्वचा का संपर्क होना चाहिए’। एक नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ना और उस वक्त उस व्यक्ति की पैंट की ज़िप खोला होना अधिनियम की ‘यौन हमले’ संबंधी परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता है।
देवश्री त्रिवेदी (Women sent Condom to Judge) का दावा है कि उसने 12 अलग-अलग स्थानों पर कंडोम भेजे हैं. जिनमें जस्टिस गनेड़ीवाला का चैंबर, नागपुर बेंच की रजिस्ट्री और मुंबई में हाई कोर्ट की प्रमुख सीट समेत अन्य स्थान शामिल हैं। देवी का कहना है कि वह अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति गनेड़ीवाला के इस फैसले के कारण एक नाबालिग लड़की को न्याय नहीं मिला. देवश्री ने न्यायमूर्ति पुष्पा गनेड़ीवाला को निलंबित किए जाने की मांग की है।
देवश्री त्रिवेदी ने 9 फरवरी को कंडोम के पैकेट भेजे थे। उसे नागपुर सहित कुछ अन्य जगहों से डिलीवरी रिपोर्ट मिल चुकी है। देवश्री का कहना है कि यह विरोध की एक निशानी है। ये पैकेट 9 फरवरी को पंजीकृत डाक से भेजे गए थे। देवश्री कहती हैं कि एक महिला के रूप में मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ गलत किया है, मैंने कोई अपराध नहीं किया है. महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा।