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गाड़ी का इंश्योरेंस रिन्यू करवाने से पहले पढ़े ये खबर, बचा सकते है अपने पैसे


गाड़ी खरीदते वक्त वाहन का इंश्योरेंस कराना बेहद जरूरी है, चाहे वह गाड़ी नई हो या पुरानी। कई लोग ऐसा मानते हैं कि इंश्योरेंस बेकार की चीज है, क्योंकि कभी क्लेम मिलता नहीं हैं और प्रीमियम बैकार जाता है। लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है कि अगर आप क्लेम नहीं लेते हैं तो कंपनी बदले में आपको 'नो क्लेम बोनस' (No Claim Bonus) देती है। इससे आपको कम प्रीमियम का भुगतान करना पड़ेगा। साथ ही पॉलिसी रिनुअल पर 50 फीसदी तक छूट पा सकते हैं। आइए जानते हैं नो क्लेम बोनस के बारे में सभी जरूरी बातें…





क्या है नो क्लेम बोनस(No Claim Bonus)





नो क्लेम बोनस को एनसीबी भी कहते हैं। यह एक प्रकार से छूट होती है, जो बीमा कंपनी ग्राहकों को प्रीमियम के बदले देती है। आप वाहन इंश्योरेंस के बदले जो भी प्रीमियम चुकाते हैं और बदले में सालभर तक कोई क्लेम नहीं लेते हैं, तो कंपनी आपको अगले साल के प्रीमियम के रिनुअल पर कंपनी कुछ छूट देती है। इसे छूट को ही नो क्लेम बोनस कहते हैं। कार खरीदने के बाद अगर आप पहले साल तक कोई क्लेम नहीं लेते हैं तो नई पॉलिसी रिनुअल पर आपको 20 फीसदी की छूट मिलती है, जिसके बाद हर साल पांच फीसदी की छूट मिलती जाती है। छठे साल तक एनसीबी अधिकतम 50 फीसदी तक हो सकती है। वहीं एनसीबी आपको तभी मिलेगी, अगर आपने 'ओन डैमेज' या 'कॉम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी' ली हो।





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इंश्योरेंस क्लेम लेते वक्त रखें ध्यान(No Claim Bonus)





कई बार लोग छोटी-मोटी खरोंच या नुकसान के लिए क्लेम लेने पहुंच जाते हैं। हालांकि यह आपका हक है। लेकिन छोटे-मोटे नुकसान के लिए क्लेम लेने से बचें। जब तक 20-25 हजार रुपये नुकसान न हों, तब क्लेम से परहेज करें। दो-चार हजार रुपये के लिए क्लेम न लें।





नो क्लेम बोनस कब नहीं मिलता





अगर गाड़ी का एक्सीडेंट ड्राइवर की गलती से होता है, तो कंपनी के पास अधिकार है कि वह एनसीबी आंशिक या पूरा देने से मना कर सकती है। वहीं अगर हादसे में थर्ड पार्टी शामिल है और ड्राइवर की गलती भी नहीं है तो भी एनसीबी नहीं मिलेगा। वहीं गाड़ी चोरी होने की स्थिति में भी एनसीबी (No Claim Bonus Details) नहीं मिलता है।





क्या हैं फायदे





अगर पॉलिसी रिन्यू करते हैं और गाड़ी की इंश्योर्ड वैल्यू चार लाख रुपये है, तो ओन डैमेज प्रीमियम पर कम से कम 2400 रुपये की छूट मिलेगी। जिससे आप पर प्रीमियम का भार कम पड़ेगा।
एनसीबी असल में आपसे जुड़ी होती है, न कि व्हीकल से। आप कोई भी कार रखते हों, आप जब तक चाहें एक्सपायरी डेट से पहले पॉलिसी रिन्यू करने पर एनसीबी ले सकते हैं।
वहीं एनसीबी से आप पर प्रीमियम का बोझ कम पड़ेगा आप कम से कम 20 फीसदी तक इंश्योरेंस रिन्यू के दौरान प्रीमियम पर बचा सकते हैं।
इसे आसानी से ट्रांसफऱ भी कराया जा सकता है। अगर आप नई कार खरीद रहे हैं और पुरानी कार पर एनसीबी है तो पुरानी कार का इंश्योरेंस खत्म होने से पहले आप एनसीबी को नई कार पर ट्रांसफर करवा सकते हैं।





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इन बातों का रखें ध्यान





आपको इस शर्त पर एनसीबी का फायदा नहीं मिलेगा, अगर आप पॉलिसी को रिन्यू नहीं करा पाते हैं। पॉलिसी की एक्सपायरी के 90 दिन के भीतर इंश्योरेंस रिन्यू कराना जरूरी है, नहीं तो एनसीबी नहीं मिलगा।
अगर आपने साल भर तक कोई क्लेम नहीं लिया है और पॉलिसी के मध्य में अगर आप कार बेचने के फैसला करते हैं, तो आप एनसीबी ट्रांसफर के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको इंश्योरेंस प्रदाता कंपनी को सूचित करना होगा कि आप अपनी पुरानी कार बेच रहे हैं और एनसीबी को नई कार पर ट्रांसफर किया जाए।
वहीं इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर एनसीबी ट्रांसफर के लिए अनुरोध कर रहे हैं, तो आपके नाम पर पुरानी और नई कार का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। किसी अन्य के नाम पर एनसीबी ट्रांसफर नहीं होती है।
वहीं अगर एनसीबी ट्रांसफर के दौरान आप इंश्योरेंस कंपनी भी बदल रहे हैं, तो भी आप नो क्लेम बोनस यानी एनसीबी के हकदार हैं। लेकिन इसके आपको नई कंपनी को सबूत उपलब्ध कराना होगा कि आपने पहले कोई क्लेम नहीं लिया है।
ध्यान रखें कि ओन पॉलिसी में ही नो क्लेम बोनस का फायदा मिलता है, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में इसका फायदा नहीं मिलता है।


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