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नए स्ट्रेन की जांच जरूरी : 4 दिन बाद आ सकती है रिपोर्ट

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रायपुर. ब्रिटेन से 22 नवंबर के बाद छत्तीसगढ़ लौटने वाले 6 नागरिक 20 से 22 दिसंबर के बीच हुई जांच में कोरोना संक्रमित पाए गए थे। भारत सरकार के निर्देश पर ब्रिटेन में मिले नए स्ट्रेन (New Strain News) की जांच के लिए इनके सैंपल लेकर पुणे लैब भेजे गए थे। मगर, यहां पर जीनोम सीक्वेंसिंग फेल होने की वजह से इनके सैंपलों की दोबारा जांच हो रही है। कोरोना नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धमेंद्र गहवईं ने 'पत्रिका' को बताया कि 4-5 दिन में रिपोर्ट आ सकती है।





उधर, इन सभी लोगों को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया, जो ब्रिटेन से लौटे थे और संक्रमित पाए गए थे। इन्हें २४ दिसंबर को भर्ती करवाया गया था, अगर रिपोर्ट आने तक स्वस्थ होने के बाद भी इन्हें रखना व्यावहारिक नहीं था। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि स्ट्रेन (New Strain News) चाहे जो भी हो, अगर मरीज स्वस्थ हो चुका है तो उससे संक्रमण फैलना की कोई संभावना नहीं होती। हर स्ट्रेन में प्रोटोकॉल के तहत दवा का वही डोज निर्धारित है जो कोरोना मरीजों को दिया जाता है।





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क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग
यह एक वायरस का बायोडाटा होता है। कोई वायरस कैसा है, किस तरह का है। इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। इसे जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहा जाता है।





अब भुवनेश्वर भेजे जाएंगे सैंपल
राज्य स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ब्रिटेन से लौटे ६ छत्तीसगढ़ी नागरिकों के अतिरिक्त कोई और नहीं आया। क्योंकि भारत सरकार ने उड़ानों पर रोक लगा दी थी। इन संपर्क वाले 6 मरीज भी स्वस्थ हो चुके हैं। अब अगर नए स्ट्रेन से जुड़े सैंपल लिए जाते हैं तो उन्हें जांच के लिए पुणे नहीं भुवनेश्वर लैब में जांच के लिए भेजे जाने के निर्देश हैं।


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