कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। खराब सेहत की वजह से मोतीलाल वोरा को रविवार रात को दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, जहां सोमवार को यानी आज उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें कि कल ही उन्होंने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था। लंबे समय तक कांग्रेस कोषाध्यक्ष रहे मोतीलाल वोरा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं।
मोतीलाल वोरा के निधन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सीएम भूपेश बघेल सहित कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख जताया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे. हम उन्हें बहुत मिस करेंगे। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है।'
सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने श्रद्धांजलि दी है. सीएम ने लिखा है ' बाबूजी श्री मोतीलाल वोरा जी का जाना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे कांग्रेस परिवार के लिए एक अभिभावक के चले जाने जैसा है। ज़मीनी स्तर से राजनीति शुरु करके राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई और आजीवन एक समर्पित कांग्रेसी बने रहे। उनकी जगह कभी नहीं भरी जा सकेगी।'
सीएम बघेल ने आगे लिखा कि ' मैंने अपनी राजनीति का ककहरा जिन लोगों से सीखा उनमें बाबूजी एक थे।अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक वे हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक पथ प्रदर्शक थे। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को इस कठिन समय में दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति:'
बता दें कि मोतीलाल वोरा गांधी परिवार के बहुत करीबी थे। साल 2018 में बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने मोतीलाल वोरा से कोषाध्याक्ष की जिम्मेदारी लेते हुए अहमद पटेल को दी थी। अहमद पटेल का भी पिछले दिनों निधन हो गया था। कांग्रेस के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले मोतीलाल वोरा ने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली थी। मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान के नागौर जिले में हुआ था। मोतीलाल वोरा की शादी शांति देवी वोरा से हुआ था, उनकी चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनके बेटे अरुण वोरा दुर्ग से विधायक हैं और वे तीन बार विधायक के रूप में चुनाव जीत चुके हैं।
मोतीलाल वोरा का राजनीतिक जीवन
- मोतीलाल वोरा ने कई सालों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए पत्रकारिता की और बाद में 1968 में राजनीति में प्रवेश किया।
- 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश 'राज्य सड़क परिवहन निगम' के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए।
- 1977 और 1980 में दोबारा विधानसभा में चुने गए और उन्हे 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली।
- मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त हुए।
- 13 फरवरी 1985 में वोरा को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया।
- 13 फरवरी 1988 को मोतीलाल वोरा ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला।
- अप्रैल 1988 में मोतीलाल वोरा राज्यसभा के लिए चुने गए।
- 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे।
इस कारण विवादों में भी रहे मोतीलाल वोरा
नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर की संपत्ति के विवाद में मोतीलाल वोरा विवादों में भी रहे। इस केस को लेकर कोर्ट में आज तक सुनवाई चल रही है, जिसमें अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, यंग इंडियन और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में शामिल तीनों संस्थाओं में मोतीलाल वोरा को महत्वपूर्ण स्थान मिला था। मोतीलाल वोरा 22 मार्च 2002 को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बने थे। उन्होंने इससे पहले भी ऑल इंडिया कांग्रेस कार्यसमिति के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। इसके अलावा मोतीलाल वोरा 12 प्रतिशत के शेयरधारक और युवा भारतीय निर्देशक भी थे।