वर्तमान समय हर वर्ग के लोग स्मार्टफोन (smartphone) के साथ ज्यादा समय बिताने लगे है। अक्सर लोग एक ही जगह पर बैठकर फोन यूज करना पसंद करते है, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह के हेल्थ प्रॉब्लम होने लगते है। वहीं कई लोगों की अदत होती है कि सोने से पहले वे स्मार्टफोन का यूज करके ही सोते है, ऐसे ही लोगों को आज हम सोने से पहले फोन यूज करने के दुष्प्रभाव (Side effects of using smartphone before sleeping) के बारे में बताने वाले हैं।
शायद आपको ये पता भी नहीं होगा, लेकिन आपके फोन देखने की आदत कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं की जड़ है। एक रिसर्च कहती है कि सोने के 1 घंटे पहले हमें फोन देखना बंद कर देना चाहिए। ये 1 घंटा शरीर के कई फंक्शन सही करने में मदद करता है।
सेहत और आंखों पर पड़ता है बुरा असर (Health and eyes have bad effect)
अगर आप रात में सोने से पहले स्मार्टफोन ((smartphone)) का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपकी आंखें ड्राई होने लगती है और सूजन की भी शिकायत होने लगती है। बता दें कि दिनभर काम करने से आपकी आंखों को आराम नहीं मिलता। इसके बाद भी लोगों की आदत रहती है कि सोने से पहले मोबाइल यूज करके ही सोते है, जिससे आंखों को नुकसान होता है। दरअसल जब से इंटरनेट डेटा और स्मार्टफोन सभी के पहुंच में आए हैं तब से इनका इस्तेमाल काफी ज्यादा होने लगा है। लोग ज्यादा समय स्मार्टफोन के साथ बिताने लगे हैं, फिर चाहे वो काम की वजह से हो या फिर टाइम पास करने के लिए , लेकिन जरूरत से ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से आपकी सेहत और आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
JEE मेंस परीक्षा की तारीख घोषित, साल में 4 बार होगा एग्जाम
देखने की क्षमता होने लगती है कम (The ability to see seems to be less)
अक्सर देखने को मिलता है कि लोग अपने स्मार्टफोन की डिस्प्ले ब्राइटनेस (Smartphone display brightness) को एकदम फुल रखते हैं, सोने से पहले स्मार्टफोन का यूज करते हैं, जिसकी वजह से कई नुकसान होते हैं। आज हम उन्हीं नुकसानों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। बता दें कि स्मार्टफोन की ब्राइटनेस से और लगातार फोन के इस्तेमाल से हमारी आंखों पर काफी बुरा असर पड़ता है। फोन से निकलनेवाली रोशनी सीधे रेटिना पर असर करती है, जिसकी वजह से आंखें जल्दी खराब होने लगती हैं। इतना ही नहीं धीरे-धीरे देखने की क्षमता भी कम होने लगती है। साथ ही सिर में दर्द भी बढ़ने लगता है।

आंखें होने लगती हैं ड्राई (Eyes start getting dry)
दिनभर काम करने से आपके आंखों को आराम नहीं मिल पाता। इसके बाद भी अगर आप रात में सोने से पहले स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपकी आंखें ड्राई होने लगती है और सूजन की भी शिकायत होने लगती है। लगातार ऐसा होने से आंखों में खुजली और जलन की शिकायत हो जाती है और आंखों की अश्रु ग्रंथि पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
हाई बीपी के हैं शिकार, तो इन चीजों को कहें ना
सोने से पहले स्मार्टफोन यूज करने से सिकुड़ने लगती हैं आंखों की पुतलियां (Pupils of eyes start shrinking)
लगातार स्मार्टफोन के इस्तेमाल से आंखों से पानी आने लगता है। मोबाइल से निकलने वाली किरणें आंखों के लिए बहुत नुकसानदायक साबित होती हैं। लगातार स्मार्टफोन इस्तेमाल करने से पलक झपकाने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिसकी वजह से आंखों की पुतलियां और नसें भी सिकुड़ने लगती हैं, जिसकी वजह से सिर में दर्द बढ़ जाता है।
REM नींद में समस्या (REM sleep problem)
REM स्लीप उस नींद का साइंटिफिक टर्म है जिसे बीच-बीच में गैप के बाद नींद आती है। इसे अक्सर आंखों के मूवमेंट से नापा जाता है। सपने देखने, तेज पल्स होने या शरीर की किसी हरकत के कारण ये हो सकती है। सोने से पहले स्मार्टफोन में दिखे गए या सुने गए कई बातों से हमें कई बार बहुत गुस्सा आता है। वहीं कई बार हम बहुत खुश भी होते है, ऐसे में ये सभी भावनाएं हमारी नींद में खलल डालते हैं। साथ ही इससे anxiety भी बढ़ा सकते हैं।
मास्क पहनते समय इन बातों का रखें ध्यान
स्क्रीन की ब्लू लाइट है सबसे ज्यादा खतरनाक (Screen's blue light is the most dangerous)
जो ब्लू लाइट स्मार्टफोन से आती है वो न सिर्फ हमारे आंखों के लिए खराब होती है बल्कि ये दिमाग के लिए भी काफी खतरनाक होती है। इसे लेकर कई रिसर्च की गई है। स्टडी के मुताबिक इस ब्लू लाइट से रेटिना डैमेज होता है। इससे macular degeneration की समस्या होती है जिससे सेंट्रल विजन खराब होता है। आंखों की तरह ही शरीर और दिमाग पर भी इसका बूरा असर पड़ता है । रिसर्च के मुताबिक इससे Melatonin नाम के हार्मोन पर फर्क पड़ता है। ये शरीर में सोने और जागने की प्रक्रिया में मददगार होता है। इससे यकीनन फिर हर समय आपको आलस रहेगा। फोन को दूर रखना इस मामले में एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
मोबाइल फोन दिमाग को रखता है व्यस्त (Mobile phone keeps the mind busy)
स्मार्टफोन कुछ इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि वो हमें ज्यादा प्रोडक्टिव बनाते हैं और साथ ही साथ हमारे काम को आसान। लेकिन कई बार हमें ये पता नहीं चलता कि कब उन्हें बंद करना चाहिए। कमरे की लाइट बंद होने के बाद हमारे दिमाग को और ज्यादा प्रोडक्टिव होने की या ज्यादा जानकारी की जरूरत नहीं होती है।
पीरियड्स लेट आने के ये हो सकते है कारण,जानें क्या-क्या है कारण
डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादा फोन का इस्तेमाल हमारे दिमाग को थका देता है और उसे ऐसा लगता है कि उसे एक्टिव रहना है। ऐसे में चैन की नींद नहीं आ पाती, जिसके कारण दिमाग को इसकी आदत पड़ जाएगी। कई लोगों के साथ ये देखा गया है कि उन्हें लगातार फोन से कनेक्ट होने की आदत हो जाती है। यही कारण है कि हमारी नींद में खलल पड़ने लगा है। हमारा दिमाग एक्टिव रहता है और इसलिए फोन बंद करने के काफी समय बाद भी नींद नहीं आती।