भाटापारा से लगभग 10 किलोमीटर दूर रानी जरौद गांव में अंधविश्वास की अजीबो-गरीब घटना सामने आई है। अंधविश्वास की वजह से एक महिला बलि की भेंट चढ़ गई। हैरानी की बात तो ये है कि महिला की मौत के 4 दिन बाद तक भी परिवार के लोगों ने किसी को इस बात की सूचना नहीं दी। दरअसल महिला ने अंधविश्वास की वजह से खुद को आग के हवाले कर दिया था। लाश से आ रही बदबू की वजह से लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
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पुलिस ने बताया कि महिला का परिवार खुजली की बीमारी से परेशान था। खुजली का इलाज डॉक्टर से कराया गया, लेकिन बीमारी और बढ़ गई। जिसके बाद महिला और परिवार के लोगों ने झाड़-फूंक और पूजापाठ का रास्ता अपनाया। परिवार वालों का मानना था कि 18 दिसंबर को बलि देने के बाद महिला जिंदा हो जाएगी और परिवार को रोग से मुक्ति मिल जाएगी।
बदबू आने से खुला राज
अंधविश्वास में आकर 15 दिसंबर की रात 1 बजे मिट्टी का तेल छिड़क कर महिला ने अपने आप को आग के हवाले कर दिया। परिवार के लोगों ने जली हुई लाश को एक कुर्सी पर रखा और उसकी पूजापाठ करने लगे। परिवार महिला के जिंदा होने को इंतजार करने लगा। 4 दिन बीत जाने के बाद भी जब महिला नहीं जगी और उसकी लाश से बदबू आने लगी तो आसपास के लोगों को घटना की जानकारी हुई।
कोटवार और सरपंच ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और ग्राम रानी जरौद पहुंच कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने बताया कि जांच के बाद दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।