कोरोना संक्रमण (Corona infection) से हो रही मौतों को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग (health Department) पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है, लेकिन लोगों द्वारा लापरवाही बरतने के कारण मृत्यु के आंकड़े बढ़ रहे हैं। राज्य स्तरीय डेथ आडिट में यह जानकारी सामने आई कि 11 से 17 दिसंबर के मध्य अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे के अंदर ही उस हफ्ते हुई कुल मृत्यु की 28 प्रतिशत मृत्यु हुईं, क्योंकि लक्षण नजर आने के बाद भी लोग कोरोना की जांच नहीं करवा रहें और स्थिति बिगड़ने पर ही अस्पताल पहुंचते हैं। इस दौरान 12 प्रतिशत मृत्यु 48 घंटों के अंदर और 6 प्रतिशत 2-3 दिनों के अंदर हुई।
वहीं उम्रवार आंकड़ों के मुताबिक 60 साल के मरीजों में केस फेटलिटी रेट 4.45 था। जबकि 45-59 उम्र में यह 0.92 था। इसीलिए डॉक्टर बार-बार समझाइश दे रहे हैं कि बुजुर्गों का अत्यधिक ख्याल रखा जाए और सर्दी,बुखार, थकान ,उल्टी- दस्त,भूख न लगने जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं। साथ ही दवाई दुकान से खुद दवाई लेकर न खाएं।
रायपुर मेडिकल कॉलेज (Raipur Medical College) में दो लाख से ज्यादा सैंपलों की RT–PCR जांच
पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर में कोविड-19 की पहचान के लिए अब तक दो लाख से ज्यादा सैंपलों की RT–PCR जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने बताया कि 25 दिसंबर तक रायपुर मेडिकल कॉलेज में दो लाख एक हजार 979 सैंपलों की जांच की गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए RT–PCR सबसे विश्वसनीय और सटीक जांच है। राज्य में भी इसकी पहचान के लिए ज्यादा से ज्यादा सैंपलों की RT–PCR जांच पर जोर दिया जा रहा है।
रायपुर मेडिकल कॉलेज (Raipur Medical College) के वायरोलॉजी लैब में इस साल 14 अप्रैल से 22 सैंपलों के साथ RT–PCR जांच की शुरूआत हुई थी। वहीं लॉकडाउन के उस दौर में कन्ज्युमेबल्स (Consumable) और अन्य संसाधनों की दिक्कतों के बीच राज्य शासन ने इस लैब को शुरू किया था। इसे शुरू करने स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के मार्गदर्शन में भारत सरकार, आईसीएमआर और विभिन्न राज्यों से मदद और समन्वय के लिए अलग-अलग मोर्चे पर करीब 20 अधिकारी-कर्मचारी दिन रात काम कर कर रहे थे।
इन जिलों की सैंपलों की हो रही जांच
सैंपलों की जांच के दौरान लैब में कार्यरत साइंटिस्ट, लैब टेक्नीशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट सहित कुल आठ लोग संक्रमित भी हो चुके हैं। इसके बावजूद यहां की टीम पूरी तत्परता और समर्पण से सैंपलों की जांच में लगी हुई है। सिर्फ 22 सैंपलों की जांच से शुरू रायपुर मेडिकल कॉलेज के इस लैब में अभी रोजाना 1500 सैंपलों की जांच हो रही है। अभी यहां रायपुर, धमतरी, बलौदाबाजार और गरियाबंद से प्राप्त सैंपलों की RT–PCR जांच की जा रही है।