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धान फसल अवशेष को जलाना दंडनीय


रायपुर : राज्य में चालू खरीफ सीजन में पर्याप्त वर्षा और अर्ली वेराईटी के धान की फसल पकने की स्थिति के मद्देनजर कृषि विभाग ने किसान भाइयों से उतेरा फसल लेने की तैयारी करने की सलाह दी है। कृषि विभाग ने कहा है कि आगामी 20 दिवस पश्चात् किसान खेतों से पानी निकासी कर पकी धान फसल की कटाई करेंगे। ऐसे किसान भाई जो धान की फसल काटकर रबी फसल लेते हैं, वे पैरा खेत में जला देते हैं। जिससे मिट्टी में उपलब्ध नमी नष्ट होने के साथ ही मिट्टी में मौजूद फसल उत्पादन में सहायक जीवाणु भी नष्ट हो जाते है। इससे रबी में उगाई जाने वाली फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।





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फसल अवशेष को जलाना दण्ड का प्रावधान





कृषि विभाग ने कहा है कि फसल अवशेष को जलाना राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली द्वारा अपराध माना गया है और दण्ड का प्रावधान किया गया है। दो एकड़ से कम में एक बार फसल अवशेष जलाने पर दो 2500 रुपए और 2 से 5 एकड़ में एक समय में फसल अवशेष जलाने पर 5 हजार रूपए एवं 5 एकड़ से अधिक में एक समय में फसल अवशेष जलाने पर 15 हजार रूपए के जुर्माने का प्रावधान है।  किसान भाईयों को सलाह दी है कि वे फसलों के अवशेष को जुताई (रोटावेटर) चलाकर पानी एवं डिकम्पोजर या ट्राईकोडर्मा डालकर खाद में परिवर्तित कर सकते है एवं उपलब्ध नमी का उपयोग उतेरा फसल लेकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते है।





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किसान भाई रबी फसल में सरसों, अलसी एवं तिवड़ा की फसलें विशेष तौर पर ले सकते है। किसानों को अनुदान पर बीज उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। उतेरा फसल लेने के इच्छुक किसान बीज के लिए अपनी मांग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को प्रस्तुत कर सकते है।


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