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अमर शहीद खुदीराम बोस की जयंती पर गृह मंत्री अमित शाह की श्रद्धांजलि

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केंद्रीय गृह मंत्री और सहयोग मंत्री अमित शाह ने महान देशभक्त और अमर शहीद खुदीराम बोस जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

‘एक्स’ प्लेटफ़ॉर्म पर एक पोस्ट में अमित शाह ने कहा कि मां भारती की स्वतंत्रता के लिए सशस्त्र क्रांति हेतु युवाओं को संगठित करने वाले और स्वदेशी के लिए देशवासियों को जागृत करने वाले, वीरता, साहस और त्याग के प्रतीक खुदीराम बोस जी सदैव स्मरणीय रहेंगे।

उन्होंने कहा कि अनगिनत क्रांतिकारियों से प्रेरित खुदीराम जी ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों से कभी भयभीत नहीं हुए और उन्होंने मां भारती के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

शाह ने कहा कि खुदीराम बोस जी की वीर गाथा हर युवा के लिए राष्ट्र को सर्वोपरी रखने की अनमोल प्रेरणा है।

RPF पोस्ट में गोलियों की गूंज! जवान ने हेड कॉन्स्टेबल को चार गोली मारकर मौत के घाट उतारा

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 रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ स्थित RPF पोस्ट के अंदर आज तड़के बड़ा हादसा हो गया, जब ड्यूटी के दौरान हुए विवाद में RPF जवान ने अपने ही हेड कॉन्स्टेबल साथी को पिस्टल से सिर पर चार गोलियां दाग दीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पूरे रेलवे सुरक्षा बल में हड़कंप मचा हुआ है।


विवाद के बाद चली गोलियां

जानकारी के मुताबिक, गोली चलाने वाले जवान का नाम एस. लादेर है, जो जांजगीर-चांपा का निवासी बताया जा रहा है। वहीं मृतक हेड कॉन्स्टेबल पीके मिश्रा मध्यप्रदेश के रीवा जिले के रहने वाले थे। दोनों बैचमेट थे और रात की ड्यूटी पर तैनात थे। बताया जाता है कि रात लगभग 4 बजे किसी बात पर विवाद बढ़ गया, जिसके बाद आरोपी जवान ने अचानक पिस्टल उठाई और पीके मिश्रा के सिर पर चार राउंड फायर कर दिए।

पोस्ट सील, अधिकारी मौके पर

फायरिंग की सूचना मिलते ही RPF के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। RPF पोस्ट को पूरी तरह सील कर दिया गया है और किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। बिलासपुर से IG मुनव्वर खुर्शीद भी रायगढ़ पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

फॉरेंसिक टीम भी पहुंच चुकी है और सबूत जुटाने में लगी हुई है। मृतक की पत्नी भी पोस्ट पहुंच चुकी है, जिसके बाद माहौल और अधिक भावुक और तनावपूर्ण हो गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों के बयान

पोस्ट के पास दुकान चलाने वाले श्याम सरकार ने बताया कि उन्होंने गोली चलने की आवाज नहीं सुनी, लेकिन सुबह करीब 6 बजे घटना की जानकारी मिली। पोस्ट के बाहर अतिरिक्त RPF जवानों को तैनात किया गया है। अंदर उच्च अधिकारियों द्वारा जांच जारी है।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने किया राष्ट्रनिर्माता के योगदान का स्मरण

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नई दिल्ली- भारत के प्रथम राष्ट्रपति और संविधान निर्माण के महानायक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संदेश साझा करते हुए कहा कि डॉ. प्रसाद का जीवन सत्यनिष्ठा, सादगी और राष्ट्र सेवा का अद्वितीय उदाहरण है, जिसकी प्रेरणा आज भी देश की नई पीढ़ियों का मार्गदर्शन करती है।

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में लिखा:

“डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने से लेकर संविधान सभा की अध्यक्षता करने और हमारे पहले राष्ट्रपति बनने तक, उन्होंने अतुलनीय गरिमा, समर्पण और स्पष्ट उद्देश्य के साथ देश की सेवा की। लोक जीवन के उनके लंबे वर्षों में सादगी, साहस और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण की छाप रही। उनकी अनुकरणीय सेवा और दृष्टि पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है।”

प्रधानमंत्री के इस संदेश ने एक बार फिर उस महान नेता के प्रति देश की सामूहिक स्मृतियों को जागृत किया, जिसने अपनी संपूर्ण ऊर्जा राष्ट्रउत्थान के लिए समर्पित की।

बचपन से लेकर राष्ट्र नेतृत्व तक—डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अद्वितीय यात्रा

3 दिसंबर 1884 को बिहार के जीरादेई में जन्मे डॉ. राजेन्द्र प्रसाद असाधारण प्रतिभा और गहन नैतिक मूल्यों से संपन्न थे। बचपन से ही मेधावी, विनम्र और अनुशासित—वे छात्रों के बीच "राजेन्द्र बाबू" के नाम से प्रसिद्ध थे।

उनकी शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय में हुई, जहाँ उन्होंने कानून की पढ़ाई में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। बाद में वे देश के सर्वश्रेष्ठ वकीलों में गिने जाने लगे, लेकिन राष्ट्र की पुकार पर उन्होंने अपना कानूनी करियर छोड़ दिया और स्वतंत्रता आंदोलन में पूर्णकालिक रूप से सक्रिय हो गए।

स्वतंत्रता आंदोलन में अद्वितीय नेतृत्व

डॉ. प्रसाद ने महात्मा गांधी के साथ कई ऐतिहासिक आंदोलनों में भाग लिया।
उनके प्रमुख योगदानों में शामिल हैं:

  • चंपारण सत्याग्रह में किसानों के अधिकारों के लिए अग्रणी भूमिका

  • असहयोग आंदोलन और नमक सत्याग्रह में सक्रिय सहभागिता

  • ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष

  • जेल में कई बार कारावास, लेकिन संकल्प एक क्षण भी कमजोर नहीं

उनकी शांत, संतुलित और प्रभावी नेतृत्व क्षमता ने उन्हें राष्ट्र के सबसे विश्वसनीय नेताओं में स्थापित किया।

संविधान सभा के अध्यक्ष—भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के निर्माता

1946 में, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया।
उनके नेतृत्व में:

  • विविध विचारधाराओं के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर संविधान तैयार किया

  • कठिन बहसों को धैर्य और सरल भाषा में समझाते हुए संतुलन बनाया

  • गांधीवादी मूल्यों, लोकतंत्र, न्याय और समानता को संविधान में मजबूत आधार मिला

भारत का संविधान आज विश्व के सर्वोत्तम संविधान मॉडलों में से एक माना जाता है—जिसे अंतिम रूप देने में डॉ. प्रसाद की भूमिका केंद्रीय रही।

12 वर्षों तक भारत के राष्ट्रपति—सादगी और नैतिकता का आदर्श

26 जनवरी 1950 को जब भारत गणतंत्र बना, तो डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सर्वसम्मति से देश के पहले राष्ट्रपति चुने गए।
कुल 12 वर्षों तक उन्होंने इस उच्चतम संवैधानिक पद को अद्वितीय गरिमा और पवित्रता के साथ निभाया—जो आज तक किसी और राष्ट्रपति के कार्यकाल से अधिक है।

उनकी कार्यशैली में:

  • निर्णयों में निष्पक्षता और नैतिक दृढ़ता

  • सरकार के कामकाज पर सजग, लेकिन संवैधानिक मर्यादा का कठोर पालन

  • आम जनता के बीच लगातार संपर्क

  • सादगी की ऐसी मिसाल कि राष्ट्रपति भवन में भी सामान्य जीवनशैली बनाए रखी

राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी वे सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहे और समाजसेवा में लगे रहे।

भारत रत्न और अमर विरासत

1962 में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया।
वे न केवल एक महान स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रपति थे, बल्कि:

  • लेखक

  • सामाजिक सुधारक

  • शिक्षाविद

  • किसान और गरीबों के सच्चे हितैषी

उनकी पुस्तकें, भाषण और जीवन मूल्य आज भी देश के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

प्रधानमंत्री का संदेश—नए भारत के लिए प्रेरक संकल्प

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर प्रधानमंत्री के श्रद्धांजलि संदेश ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि राष्ट्र निर्माण की यात्रा में मूल्यों, त्याग और देशभक्ति का महत्व आज भी उतना ही है जितना स्वतंत्रता के समय था।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे डॉ. प्रसाद के आदर्शों से प्रेरणा लें और राष्ट्र की एकता, विकास और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने में योगदान दें।

बाल विवाह मुक्त भारत के लिए 100 दिवसीय गहन जन-जागरूकता अभियान का शुभारंभ

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बाल विवाह मुक्त भारत के लिए 100 दिवसीय गहन जन-जागरूकता अभियान का औपचारिक शुभारंभ कल (4 दिसंबर, 2025) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किया जाएगा। यह आयोजन बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 27 नवंबर, 2024 को यह अभियान शुरू किया था, जो 27 नवंबर, 2025 को एक वर्ष पूरा कर चुका है। कल होने वाले इस शुभारंभ कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री, अन्नपूर्णा देवी मुख्य अतिथि होंगी तथा राज्य मंत्री, सवित्री ठाकुर भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी।

कार्यक्रम में बाल विवाह समाप्त करने की राष्ट्रीय प्रतिज्ञा, देशभर की प्रेरक परिवर्तन कहानियों पर आधारित विशेष रूप से निर्मित फिल्म, तथा फ्रंटलाइन चैंपियनों के अनुभव शामिल होंगे। यह कार्यक्रम सामूहिक प्रगति का उत्सव मनाएगा और मिशन के अगले चरण के लिए गति को मजबूत करेगा।
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण https://webcast.gov.in/mwcd पर उपलब्ध होगा।

100 दिवसीय अभियान (27 नवंबर 2025 – 8 मार्च 2026)

यह अभियान एक संरचित तीन-चरणीय योजना का पालन करता है, जिसका उद्देश्य समुदायों को सक्रिय करना और निरंतर कार्रवाई को बढ़ावा देना है:

चरण 1 (27 नवंबर – 31 दिसंबर 2025):

  • स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जागरूकता गतिविधियाँ

  • वाद-विवाद, निबंध प्रतियोगिता, इंटरैक्टिव सत्र

  • जागरूकता प्रतिज्ञा समारोह

चरण 2 (1 – 31 जनवरी 2026):

  • धार्मिक नेताओं, समुदाय के प्रभावशाली व्यक्तियों, और विवाह सेवा प्रदाताओं के साथ संवाद

  • बाल अधिकारों, सुरक्षा और सशक्तिकरण के संदेशों का प्रसार

चरण 3 (1 फरवरी – 8 मार्च 2026):

  • ग्राम पंचायतों और नगरपालिका वार्डों का संकल्प पारित करना

  • अपने क्षेत्र को बाल विवाह मुक्त घोषित करने के लिए जन-सक्रियता बढ़ाना

यह राष्ट्रीय अभियान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से लागू किया जाएगा, ताकि समन्वित प्रयास और व्यापक जमीनी पहुंच सुनिश्चित की जा सके।

इन 100 दिनों के दौरान, मंत्रालय देशभर के नागरिकों, संस्थानों और सामुदायिक नेताओं से इस आंदोलन से जुड़ने और बाल विवाह मुक्त भारत का संकल्प मजबूत करने की अपील करता है।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी की श्रद्धांजलि

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में सक्रिय भागीदारी से लेकर संविधान सभा की अध्यक्षता करने और हमारे पहले राष्ट्रपति बनने तक, उन्होंने अद्वितीय गरिमा, समर्पण और स्पष्ट उद्देश्य के साथ देश की सेवा की।

उन्होंने कहा, “लोक जीवन के उनके लम्बे वर्षों में सादगी, साहस और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण की छाप रही। उनकी अनुकरणीय सेवा और दूरदृष्टि पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है।”

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया:

“डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने से लेकर संविधान सभा की अध्यक्षता करने और हमारे पहले राष्ट्रपति बनने तक, उन्होंने अतुलनीय गरिमा, समर्पण और स्पष्ट उद्देश्य के साथ देश की सेवा की। लोक जीवन के उनके लंबे वर्षों में सादगी, साहस और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण की छाप रही। उनकी अनुकरणीय सेवा और दृष्टि पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है।”


कैबिनेट बैठक आज: कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे CM साय

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 रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आज सुबह 11 बजे मंत्रालय स्थित मंत्रिपरिषद कक्ष में आयोजित होगी।


विभागीय अधिकारियों के अनुसार बैठक में वित्त, कृषि, अवसंरचना, उद्योग, ऊर्जा और अन्य प्रमुख विभागों से जुड़े कई आवश्यक एजेंडा पेश होने की संभावना है। राज्य में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी। साथ ही आगामी बजट में शामिल की जा सकने वाली नई नीतियों और परियोजनाओं पर निर्णय की प्रक्रिया तेज किए जाने के संकेत हैं।

विकास को गति देने के उद्देश्य से सरकार निवेश आकर्षण, रोजगार सृजन, औद्योगिक विस्तार और बुनियादी ढांचा सुधार से संबंधित प्रस्तावों पर भी विचार कर सकती है। कानून-व्यवस्था, लोक सेवा प्रबंधन और प्रशासनिक सुधारों को मजबूत करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण चर्चाएं अपेक्षित हैं।

मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में सरकार हाल ही में कई योजनाएं शुरू कर चुकी है, जिन्हें प्रभावी ढंग से भूमि स्तर पर लागू करने और उनके लाभ को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की रणनीति भी इस बैठक की प्राथमिकताओं में शामिल होगी।

SIR अभियान के दौरान सामने आई मानव संवेदना की अनोखी कहानी, 13 साल बाद बेटी की घर वापसी, पढ़े पूरी खबर

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 केशकाल/कांकेर। छत्तीसगढ़ के केशकाल से एक भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान 13 साल पहले लापता हुई बेटी अपने परिवार को वापस मिल गई। वर्षों बाद मिली इस खुशखबरी ने पूरे परिवार को भावुक कर दिया। मां-बाप और सुनीता की आंखों से लंबे समय बाद खुशी के आंसू छलक पड़े।


जानकारी के अनुसार, वर्ष 2012 में केशकाल क्षेत्र से सुनीता यादव नाम की नाबालिग लड़की लापता हो गई थी, जिसके बाद पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद सुनीता का कोई पता नहीं चल पाया था और परिवार लगातार उसकी तलाश में लगा था।

रायपुर में रहकर गुज़रे 13 साल

सुनीता ने बताया कि घर छोड़ने की वजह पिता की शराब की लत और मारपीट थी, जिसके चलते वह मानसिक तनाव में आ गई थी। वह रायपुर पहुँच गई जहाँ एक बुजुर्ग महिला ने उसे आश्रय दिया और उसे सहारा देकर पालन-पोषण किया।
महिला ने सुनीता को भरोसा दिया था कि बालिग होने के बाद उसकी शादी करवा देंगी, लेकिन 2019 में उनका निधन हो गया, जिसके बाद सुनीता अकेली पड़ गई। कई बार घर लौटने की इच्छा हुई, मगर पिता के भय से वह कदम नहीं उठा सकी।

थाने में दर्ज गुमशुदगी रिपोर्ट ने बदला सबकुछ

टीआई केशकाल ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि 2012 में सुनीता की गुमशुदगी रिपोर्ट आज भी रिकॉर्ड में दर्ज थी और उसकी तलाश जारी थी। हाल ही में SIR प्रक्रिया के दौरान सुनीता को जब यह जानकारी मिली कि उसकी रिपोर्ट अब भी चल रही है, तो वह खुद थाने पहुँच गई।

पुलिस ने उसका विस्तृत बयान दर्ज किया है और आगे की वैधानिक कार्रवाई जारी है। सुनीता अब अपने परिवार के साथ है और घर में खुशी का माहौल है।

‘पाञ्चजन्य कॉनक्लेव – दंतेश्वरी डायलॉग’ में मुख्यमंत्री साय ने साझा किए सुशासन के दो वर्षों के अनुभव

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 रायपुर : राजधानी नया रायपुर स्थित मेफेयर लेक रिसॉर्ट में आयोजित पाञ्चजन्य कॉनक्लेव ‘दंतेश्वरी डायलॉग’ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल, बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्रों में विकास, नक्सल उन्मूलन, औद्योगिक निवेश, महिला सशक्तिकरण तथा नई टेक्नोलॉजी आधारित विकास मॉडल सहित अनेक विषयों पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विभिन्न सवालों के सरल और स्पष्ट उत्तर देकर सरकार की योजनाओं और आगामी रोडमैप की जानकारी दी।


महिला सशक्तिकरण सबसे बड़ी उपलब्धि

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो वर्षों में महतारी वंदन योजना महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा माध्यम बनी है।70 लाख महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए की सम्मान राशि दी जा रही है, जिससे परिवारों में पोषण, बच्चों की शिक्षा और घरेलू जरूरतों में सकारात्मक बदलाव आया है।

टेक-ड्रिवन छत्तीसगढ़ – नई औद्योगिक नीति में विशेष प्रावधान

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में नई उद्योग नीति लागू की गई है, जिसमे रोजगार को विशेष महत्व दिया गया है। साथ ही नई औद्योगिक नीति में निवेश को आकर्षित करने के लिए आकर्षक अनुदान,सिंगल विंडो सिस्टम,250 से अधिक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार को भी शामिल किया गया है। इसी का परिणाम है कि अभी तक लगभग 8 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। नई औद्योगिक नीति में आईटी, एआई, ग्रीन टेक व सेमीकंडक्टर जैसी नई पीढ़ी की इंडस्ट्री को प्रोत्साहन दिया गया है।नवा रायपुर को आईटी हब, सेमीकंडक्टर प्लांट, और एआई डेटा सेंटर पार्क के रूप में विकसित करने का काम जारी है।

बस्तर का विकास – स्थानीय पहचान और आधुनिक अवसरों का संतुलित मॉडल

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर का विकास स्थानीय संस्कृति के संरक्षण और आधुनिक सुविधाओं के संतुलन के आधार पर होगा। कृषि, सिंचाई, जैविक खेती, वनोपज प्रसंस्करण, पर्यटन और स्थानीय रोजगार पर विशेष फोकस किया जा रहा है।

वनोपज संग्राहकों के लिए बेहतर सुविधा

प्रधानमंत्री वनधन योजना और वनोपज आधारित प्रसंस्करण के विस्तार से संग्राहकों की आय में वृद्धि हो रही है।

नक्सलवाद के विरुद्ध ‘सामाजिक मनोवैज्ञानिक मोड़’

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली जाकर नक्सल पीड़ितों द्वारा अपनी बात रखना ऐतिहासिक कदम है। इससे बस्तर के लोगों में बड़ा आत्मविश्वास आया और देश के सामने माओवादी हिंसा का वास्तविक चेहरा उजागर हुआ।

मतांतरण पर सख्त कार्रवाई और सांस्कृतिक सुरक्षा पर जोर

उन्होंने कहा कि प्रलोभन या दबाव से होने वाले मतांतरण रोकने के लिए लगातार कड़ी कार्रवाई हो रही है।इसके लिए विधानसभा में विधेयक लाने की भी तैयारी की जा रही है।

जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य व डिजिटल कनेक्टिविटी में तेजी से सुधार

मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर और सरगुजा में मोबाइल टावरों की स्थापना, स्कूलों का पुनः संचालन और युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शिक्षा गुणवत्ता में तेजी से वृद्धि हुई है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और सुविधाओं का विस्तार

नियद नेल्ला नार योजना के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, KCC कार्ड, बिजली, पानी, सड़क और अन्य सुविधाएँ तेजी से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

दो वर्षों में गारंटियों का सफल क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित अधिकांश गारंटियाँ पूरी की जा चुकी हैं। इनमें 18 लाख आवास स्वीकृत,किसानों को बेहतर समर्थन मूल्य,महतारी वंदन योजना,तेंदूपत्ता संग्राहकों की बढ़ी हुई राशि,भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता आदि शामिल है। इसके अलावा प्रदेश में माओवाद पर निर्णायक प्रहार किया गया है।

धान खरीदी में पारदर्शिता का लाभ -किसानों ने कहा, 3100 रुपये समर्थन मूल्य से मिला वास्तविक फायदा

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही पारदर्शी और किसान हितैषी धान खरीदी व्यवस्था ने किसानों के चेहरे पर संतोष और भरोसे की नई चमक ला दी है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत 15 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी के दौरान नारायणपुर जिले के 17 उपार्जन केंद्रों में बारदाना, छाया, पेयजल, मेडिकल किट जैसी सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं।


खरीदी प्रक्रिया को ज्यादा सहज और पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन टोकन प्रणाली लागू की गई है, जिससे किसानों को अब लंबी कतारों और अनावश्यक प्रतीक्षा से मुक्ति मिल रही है। वहीं नोडल अधिकारियों की नियमित मॉनिटरिंग के कारण किसानों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। धान विक्रय के बाद भुगतान भी दो दिनों के भीतर किसानों के खातों में अंतरित किया जा रहा है, जिससे उन्हें बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा।


नारायणपुर जिले के माहका धान खरीदी केंद्र में अपना धान बेचने पहुंचे किसान नंद कुमार शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए सरकार की इस व्यवस्था की सराहना की। पाँच एकड़ खेत में इस वर्ष 60 क्विंटल धान का उत्पादन करने वाले श्री शर्मा ने बताया कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मानक से किसानों को वास्तविक लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन टोकन प्रणाली ने प्रक्रिया को आसान बना दिया है और केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाएँ संतोषजनक हैं।

नंद कुमार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने धान बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग खेती-बाड़ी सुधार और पारिवारिक आवश्यकताओं को पूरा करने में करने की बात कही।

केंद्र में मौजूद अन्य किसानों ने भी धान खरीदी की सुदृढ़ व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए उम्मीद जताई कि ऐसी सुविधाएँ आने वाले वर्षों में भी जारी रहेंगी और सरकार के प्रयासों से किसानों का विश्वास निरंतर बढ़ता रहेगा।

राष्ट्रीय वित्तीय सेवा विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन: ऋण वसूली न्यायाधिकरणों के लिए प्रशिक्षण एवं ज्ञानवर्धन

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वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services) द्वारा 1 और 2 दिसंबर, 2025 को भोपाल में नेशनल ज्यूडिशियल अकादमी (NJA) में ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (DRTs) के अध्यक्ष अधिकारियों के लिए दो दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी में इंटरैक्टिव सत्र और खुली चर्चाएँ आयोजित की गईं, जिनमें अध्यक्ष अधिकारियों को कानून और न्यायशास्त्र के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया।

संगोष्ठी में निम्नलिखित विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई:

  • ऋण वसूली और दिवालियापन अधिनियम, 1993 (RDB) का मूल एवं अवलोकन

  • RDB की अधिकार क्षेत्र की विशेषताएँ

  • DRT में कार्यवाही और अध्यक्ष का भूमिका

  • मामले के प्रबंधन के तरीके और DRT की दक्षता एवं प्रभावशीलता में सुधार

  • निर्णय/आदेशों का प्रारूपण और उसका विज्ञान

  • SARFAESI अधिनियम के पश्चात DRT की जिम्मेदारियाँ

  • प्रक्रियात्मक मुद्दे और चुनौतियाँ

संगोष्ठी में प्रतिभागियों ने शामिल विषयों की व्यापकता और गुणवत्ता की सराहना की और वित्तीय सेवा विभाग द्वारा इस आयोजन के लिए अपनी संतोष व्यक्त की।

भारत सरकार ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 6% हिस्सेदारी बेचने की योजना की घोषणा, ओएफएस पर निवेशकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया

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भारत सरकार ने 1 दिसंबर 2025 को बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) में अपनी 6% हिस्सेदारी (5% इक्विटी + 1% ग्रीन-शू विकल्प) बेचने का निर्णय लिया, जिसकी floor कीमत ₹54 प्रति शेयर निर्धारित की गई है। कुल ऑफर का 10% हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है, जबकि शेष गैर-खुदरा निवेशकों को आवंटित किया गया।

2 दिसंबर 2025 को गैर-खुदरा निवेशकों के लिए ओपनिंग डे पर इस ऑफर ने जबरदस्त प्रतिक्रिया प्राप्त की और बेस साइज का 4.07 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ। ओवरसब्सक्रिप्शन के कारण सरकार ने ग्रीन-शू विकल्प का पूरा उपयोग करते हुए कुल हिस्सेदारी 6% कर दी।

अब ऑफर 3 दिसंबर 2025 से खुदरा निवेशकों और बैंक कर्मचारियों के लिए खुला है। सरकार ने सभी पात्र निवेशकों से भाग लेने और सार्वजनिक संपत्तियों के मूल्य सृजन में योगदान देने का आग्रह किया है।

नई दिल्ली में ग्लोबल फोरम ऑन टैक्स ट्रांसपेरेंसी की 18वीं प्लेनरी बैठक का उद्घाटन: भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और पारदर्शिता पर जोर दिया

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केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमन ने आज नई दिल्ली में ग्लोबल फोरम ऑन ट्रांसपेरेंसी और एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन फॉर टैक्स पर्पजेस की 18वीं प्लेनरी बैठक का उद्घाटन किया।

बैठक का विषय:

“Tax Transparency: Delivering a Shared Vision Through International Cooperation”

इस फोरम में 172 सदस्य क्षेत्र शामिल हैं और यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के कार्यान्वयन के लिए विश्व का प्रमुख संगठन है, जिसमें एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन ऑन रिक्वेस्ट (EOIR) और ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ फाइनेंशियल अकाउंट इंफॉर्मेशन (AEOI) शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर टैक्स चोरी और अवैध वित्तीय प्रवाह को रोकना है।


मुख्य बिंदु:

  •  मंत्री सीतारमन ने कहा कि पारदर्शिता केवल अनुपालन का उपकरण नहीं है, बल्कि यह सतत विकास का आधार है। जब राष्ट्रीय धन वैध कराधान से बचता है, तो यह राजस्व और विकास दोनों में अंतर पैदा करता है।

  • उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत में स्वैच्छिक अनुपालन को स्पष्टता, सरलीकरण और विश्वास निर्माण के माध्यम से बढ़ाया गया है।

  • पंकज चौधरी ने कहा कि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जानकारी प्राप्त करना आसान और व्यावहारिक हो गया है, जिससे करदाता का विश्वास बढ़ा है।

  • अरविंद श्रीवास्तव ने फोरम को बहुपक्षीय सहयोग का सफल उदाहरण बताया और डिजिटल अर्थव्यवस्था में कराधान और क्रिप्टो-एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क को आगामी प्राथमिकताओं में रखा।

प्लेनरी बैठक का महत्व:

यह बैठक ग्लोबल फोरम की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। इसमें सभी सदस्य क्षेत्र समान स्तर पर भाग लेते हैं और निर्णय आमतौर पर सहमति से लिए जाते हैं। बैठक में EOIR और AEOI मानकों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की जाती है और भविष्य की प्राथमिकताओं को निर्धारित किया जाता है।

भारत की भूमिका:

  • भारत 2009 से संस्थापक सदस्य है और ग्लोबल फोरम में सक्रिय नेतृत्व निभा रहा है।

  • भारत वर्तमान में स्टियरिंग ग्रुप, EOIR और AEOI पियर रिव्यू ग्रुप्स, ग्रुप ऑन रिस्क और CARF ग्रुप में प्रमुख पदों पर है।

  • भारत ने 2023–24 में एशिया इनिशिएटिव की सह-अध्यक्षता की और विकासशील देशों के लिए क्षमता निर्माण में योगदान दिया।

इस बैठक में भारत अंतरराष्ट्रीय कर पारदर्शिता और सहयोग के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराएगा और सभी देशों को समान लाभ सुनिश्चित करने पर ध्यान देगा।

पूर्वोत्तर में एकीकृत पर्यटन विकास को गति: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 4वीं उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स बैठक में किया मार्गदर्शन

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केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री, ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज नई दिल्ली में आयोजित पर्यटन पर 4वीं उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स (HLTF) बैठक में भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने की। इसमें त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, सिक्किम के पर्यटन मंत्री त्शेरिंग टी. भूटिया, अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन मंत्री पासंग दोर्जे सोना तथा पर्यटन मंत्रालय के संयुक्त सचिव एम.आर. सिनरेम भी उपस्थित रहे।

बैठक ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक एकीकृत और क्रियाशील पर्यटन ब्लूप्रिंट तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया। इसमें प्राथमिकताओं को स्पष्ट करने, चुनौतियों की पहचान करने और राज्यों के बीच समन्वित कार्यान्वयन को तेज करने पर विशेष जोर दिया गया।

बैठक के प्रमुख बिंदु इस प्रकार रहे:

🌄 पर्यटन क्षमता को अनलॉक करने पर जोर

  • मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत करना

  • विश्वस्तरीय पर्यटन अवसंरचना का विकास

  • वैश्विक आकर्षण वाले प्रमुख पर्यटन स्थलों का निर्माण

  • एडवेंचर एवं इको-टूरिज्म को बढ़ावा

  • संस्कृति, प्रकृति और विरासत आधारित नए पर्यटन उत्पाद विकसित करना

🧭 कौशल विकास व सेवा मानकीकरण

  • स्थानीय युवाओं के लिए स्किलिंग इकोसिस्टम का विस्तार

  • सेवा मानकों को एकरूप करना

  • क्षमता-विकास को सुदृढ़ कर सतत उद्योग विकास को बढ़ावा

🌐 उत्तरी-पूर्व का एकीकृत ब्रांडिंग अभियान

  • पूर्वोत्तर भारत को एक प्रीमियम पर्यटन क्षेत्र के रूप में वैश्विक मंच पर स्थापित करना

  • नीतिगत प्रक्रियाओं को सरल बनाकर निजी निवेश आकर्षित करना

  • राज्यों के बीच मजबूत समन्वय से सहज पर्यटन सर्किट विकसित करना

🗣️ मंत्री सिंधिया के प्रमुख विचार

मंत्री सिंधिया ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत, भारत की सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहर का शक्ति-केंद्र है और इसे देश के सबसे आकर्षक पर्यटन गंतव्यों में परिवर्तित किया जा सकता है। उन्होंने जोर दिया:

  • अंतिम मील कनेक्टिविटी का सुदृढ़ीकरण

  • स्थिरता-आधारित पर्यटन विकास

  • हर राज्य के प्रमुख त्योहारों का वार्षिक कैलेंडर तैयार करना

📝 अगले कदम

केंद्रीय मंत्री ने मेघालय सरकार से अनुरोध किया कि सभी सदस्यों की सुझावों को शामिल कर अंतिम HLTF रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

यह बैठक पूर्वोत्तर क्षेत्र में टिकाऊ, समन्वित और व्यापक पर्यटन विकास की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुई।

चक्रवात ‘दितवाह’ के बाद भारतीय नौसेना का त्वरित HADR अभियान: ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को बड़ी राहत

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चक्रवाती तूफान ‘दितवाह’ से श्रीलंका में उत्पन्न प्रभाव के मद्देनज़र भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत व्यापक मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभियान शुरू किया है। श्रीलंका नौसेना की 75वीं वर्षगांठ अंतर्राष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा (IFR-2025) में भाग लेने के लिए कोलंबो में मौजूद आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी को त्वरित आवश्यकताओं के आधार पर तुरंत राहत पहुँचाने के लिए तैनात किया गया। इन जहाज़ों ने प्रभावित समुदायों के वितरण हेतु राहत सामग्री सौंपी है।

जहाज़ों पर मौजूद हेलीकॉप्टरों को प्रभावित क्षेत्रों की हवाई टोह लेने तथा जारी खोज एवं बचाव अभियानों को मजबूत करने के लिए तैनात किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कई श्रीलंकाई नागरिकों का सफलतापूर्वक बचाव किया गया।

इन प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाते हुए, भारतीय नौसेना ने 01 दिसंबर 2025 को आईएनएस सुकोन्या को त्रिंकोमाली भेजा। यह जहाज़ आवश्यक राहत सामग्री लेकर पहुँचा है ताकि श्रीलंका के लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए चल रहे प्रयासों को और मजबूती मिल सके। भारतीय और श्रीलंकाई अधिकारियों के बीच घनिष्ठ समन्वय से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सहायता सामग्री समय पर और प्रभावी ढंग से पहुँचे।

भारतीय नौसेना की यह त्वरित प्रतिक्रिया एक बार फिर यह साबित करती है कि वह हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) की प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता (First Responder) है। यह भारत की अपने साझीदार देशों के प्रति प्रतिबद्धता को भी दोहराता है, जो भारत सरकार की ‘महासागर’ दृष्टि और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के अनुरूप है। भारतीय नौसेना मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए पूर्ण रूप से तत्पर है और श्रीलंका के लोगों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।


डीआरडीओ ने फाइटर एयरक्राफ्ट एस्केप सिस्टम का हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेड परीक्षण सफलतापूर्वक किया

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने नियंत्रित वेग पर फाइटर विमान के एस्केप सिस्टम का सफल हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेड परीक्षण किया है। चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) के रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड (RTRS) सुविधा में किए गए इस परीक्षण ने कैनोपी सेवरेंस, इजेक्शन सीक्वेंसिंग और एयरक्रू रिकवरी को सफलतापूर्वक प्रमाणित किया।

यह परीक्षण एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सहयोग से किया गया। यह जटिल डायनामिक परीक्षण भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करता है, जिनके पास उन्नत इन-हाउस एस्केप सिस्टम परीक्षण क्षमता मौजूद है।

स्टैटिक परीक्षणों—जैसे नेट टेस्ट या ज़ीरो-ज़ीरो टेस्ट—की तुलना में डायनामिक इजेक्शन टेस्ट अधिक जटिल होते हैं और इजेक्शन सीट की कार्यक्षमता व कैनोपी सेवरेंस सिस्टम की प्रभावशीलता का वास्तविक मूल्यांकन करते हैं।

परीक्षण में LCA विमान के फोरबॉडी के साथ एक डुअल-स्लेड सिस्टम को ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटरों के चरणबद्ध प्रज्वलन से नियंत्रित गति तक पहुंचाया गया।

इजेक्शन प्रक्रिया के दौरान प्रयुक्त एंथ्रोपोमोर्फिक टेस्ट डमी ने पायलट द्वारा अनुभव किए जाने वाले महत्वपूर्ण लोड, मोमेंट और एक्सेलेरेशन को रिकॉर्ड किया। पूरे इजेक्शन अनुक्रम को ऑनबोर्ड और ग्राउंड-बेस्ड इमेजिंग सिस्टम्स ने कैप्चर किया। परीक्षण को भारतीय वायुसेना (IAF) और इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष रूप से देखा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, IAF, ADA, HAL और उद्योग जगत को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई दी और इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता का एक बड़ा मील का पत्थर बताया।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस सफल प्रदर्शन से जुड़े DRDO वैज्ञानिकों व टीम की सराहना की।

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