Responsive Ad Slot

Latest

latest
lockdown news

महासमुंद की खबरें

महासमुंद की खबर

रायगढ़ की ख़बरें

raigarh news

दुर्ग की ख़बरें

durg news

जम्मू कश्मीर की ख़बरें

jammu and kashmir news

VIDEO

Videos
top news


 

कोंडापल्ली में संचार क्रांति का नया सवेरा: मोबाइल नेटवर्क पहुंचते ही नाच उठे ग्रामीण

No comments Document Thumbnail

दशकों की प्रतीक्षा समाप्त: कोंडापल्ली में पहली बार मोबाइल नेटवर्क, गांव में उत्सव का माहौल

नियद नेल्ला नार योजना ने बदली तस्वीर: कोंडापल्ली में जीवन हुआ आसान

रायपुर- दूरसंचार, बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएँ जहाँ देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य जीवन का आधार बन चुकी हैं, वहीं बस्तर संभाग के कुछ सुदूर वनांचलों ने दशकों तक इन सुविधाओं को कभी देखा ही नहीं था। ऐसे ही एक इलाके, बीजापुर जिले के ग्राम कोंडापल्ली, में अभूतपूर्व उत्सव का माहौल देखने को मिला जब गाँव में पहली बार मोबाइल नेटवर्क आया।

कोंडापल्ली तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित एक घना वनांचल है, जहाँ वर्षों से सड़क, बिजली और पेयजल जैसी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं थीं। ऐसे में गाँव में मोबाइल टॉवर स्थापित होना स्थानीय समुदाय के लिए केवल तकनीकी प्रगति नहीं, बल्कि दुनिया से जुड़ने का प्रतीक बन गया।

जैसे ही टॉवर के सक्रिय होने की घोषणा हुई, ग्रामीणों में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी। महिलाएँ, पुरुष, बच्चे — सभी रैली के रूप में टॉवर स्थल तक पहुँचे। पारंपरिक विधि से टॉवर की पूजा-अर्चना की गई। माँदर की थाप पर लोग भावुक होकर नाच उठे। यह दृश्य किसी उत्सव से कम नहीं था।

इस उत्सव में केवल कोंडापल्ली ही नहीं, बल्कि आसपास के गाँवों के लोग भी शामिल हुए। ग्रामीणों ने कहा कि यह उनके लिए केवल एक तकनीकी सुविधा नहीं, बल्कि “बाहरी दुनिया से पहला वास्तविक जुड़ाव” है। सुरक्षा बलों के जवानों ने भी ग्रामीणों की खुशी में शामिल होकर मिठाइयाँ वितरित कीं।

अब मोबाइल नेटवर्क ग्रामीणों के लिए बैंकिंग, आधार, राशन, स्वास्थ्य योजनाओं, पेंशन और शैक्षणिक सुविधाओं का प्रवेश-द्वार बनेगा। जिनके लिए यह सेवाएँ अब तक दूर का सपना थीं, उनके लिए यह दिन जीवन में एक नया अध्याय लेकर आया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संचालित नियद नेल्ला नार योजना का उद्देश्य संवेदनशील क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएँ पहुँचाकर लोगों में विश्वास बढ़ाना और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना है। योजना के तहत सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बैंकिंग, संचार सहित प्रशासनिक सेवाओं को तेज़ी से पहुँचाने का काम किया जा रहा है।

योजना का दायरा व्यापक है — 69 नवीन कैम्पों के आसपास स्थित 403 ग्रामों में 09 विभागों की 18 सामुदायिक सेवाएँ और 11 विभागों की 25 व्यक्तिमूलक योजनाएँ पहुँचाई जा रही हैं, ताकि ग्रामीण किसी भी मूलभूत सुविधा से वंचित न रहें।

इस पूरी प्रक्रिया में संचार अधोसंरचना सबसे प्रभावी साबित हो रही है। पिछले दो वर्षों में इस क्षेत्र में 728 नए टॉवर स्थापित किए गए हैं — जिनमें 116 एलडब्ल्यूई कार्यक्रम से, 115 आकांक्षी जिलों में, और 467 टावर 4G नेटवर्क के रूप में लगाए गए हैं। इसके साथ ही 449 टॉवरों का 2G से 4G में उन्नयन किया गया है।

कोंडापल्ली में नियद नल्ला नार योजना से तेज़ी से बदलाव आए हैं। दिसम्बर 2024 में कैम्प स्थापित होने के बाद पहली बार प्रशासन गाँव तक नियमित रूप से पहुँचने लगा। यहाँ लंबे समय से बंद पड़ी सड़क का पुनर्निर्माण बार्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने अपने जिम्मे लिया है और 50 किलोमीटर सड़क का कार्य प्रगति पर है।

गाँव में दो महीने पहले ही पहली बार विद्युत लाइन पहुँची है। बिजली आने के बाद से बच्चों की पढ़ाई, छोटे व्यवसाय और ग्रामीण जीवन में अभूतपूर्व सकारात्मक बदलाव देखे जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा लगातार सेचुरेशन शिविर आयोजित कर सभी योजनाओं का लाभ प्रत्येक परिवार तक पहुँचाया जा रहा है।

कोंडापल्ली में मोबाइल नेटवर्क के आगमन से यह स्पष्ट हो गया है कि विकास की किरण अब उन इलाकों तक भी पहुँच रहा है, जो वर्षों से प्रतीक्षा में थे। संचार सुविधा के इस नए सवेरे ने ग्रामीणों को भरोसा दिया है कि अब उनका गाँव भी राज्य के अन्य हिस्सों की तरह आधुनिक सुविधाओं से जुड़कर आगे बढ़ेगा।

बीजापुर जिले के कोंडापल्ली में मोबाइल नेटवर्क का पहुँचना सिर्फ एक टॉवर का खड़ा होना नहीं है, यह उन लोगों के सपनों का उठ खड़ा होना है जो वर्षों से दुनिया से कटे हुए थे। हमारी सरकार का संकल्प है कि बस्तर का हर गांव–हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े, डिजिटल सुविधाओं तक पहुँचे और अवसरों के नए द्वार उनके लिए खुलें। यह सिर्फ संचार की शुरुआत नहीं, बल्कि विश्वास, बदलाव और नई संभावनाओं के युग का आरंभ है। - मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

IISF 2025: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विज्ञान उत्सव का उद्घाटन किया, तीन ‘C’ – Celebration, Communication और Career पर दिया जोर

No comments Document Thumbnail

पंचकुला- केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज हरियाणा के पंचकुला में चार दिवसीय भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) 2025 का उद्घाटन किया। मंत्री ने कहा कि भारत की वैज्ञानिक प्रगति केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे नागरिकों, छात्रों और युवा पेशेवरों के साथ सार्थक रूप से जोड़ना आवश्यक है। यह महोत्सव 6 से 9 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है।

तीन ‘C’ – Celebration, Communication और Career

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि IISF को साधारण शैक्षणिक सभा के रूप में नहीं, बल्कि एक खुला, जन-सामना करने वाला मंच के रूप में विकसित किया गया है, जो विज्ञान को लोगों के करीब लाता है।

मंत्री ने तीन “C” का अर्थ समझाया:

  1. Celebration – भारत की वैज्ञानिक यात्रा और उपलब्धियों का उत्सव।

  2. Communication – शैक्षणिक संस्थानों से बाहर वैज्ञानिक ज्ञान का प्रसार।

  3. Career – युवा प्रतिभागियों के लिए करियर खोज का मंच।

उन्होंने कहा कि महोत्सव में छात्रों, शोधकर्ताओं और नए शिक्षार्थियों को स्टार्टअप, उद्योग और अनुसंधान में उभरते अवसरों के बारे में जानकारी मिलती है, जिसमें औपचारिक सत्रों के साथ-साथ अनौपचारिक नेटवर्किंग के मौके भी शामिल हैं।

Viksit Bharat@2047 में विज्ञान की भूमिका

डॉ. सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन की नींव हैं। उन्होंने पिछले दशक में भारत द्वारा अपनाई गई मिशन-ड्रिवन विज्ञान नीति, सुधारों, बुनियादी ढांचे में निवेश और प्रतिभा विकास पर जोर दिया। उन्होंने वैज्ञानिक प्रगति के सरकारी कार्यान्वयन और सार्वजनिक सेवा में योगदान जैसे बेहतर मौसम पूर्वानुमान, चेतावनी प्रणाली, ध्रुवीय अनुसंधान और डिजिटल तकनीकों का उदाहरण दिया।

आत्मनिर्भर भारत और प्रमुख वैज्ञानिक पहल

IISF 2025 का विषय है – “विज्ञान से समृद्धि: आत्मनिर्भर भारत की ओर”। मंत्री ने कहा कि विज्ञान में आत्मनिर्भरता धीरे-धीरे आकार ले रही है। प्रमुख पहलें:

  • बहुउद्देश्यीय ऑल-वेदर अनुसंधान पोत (2028 में कमीशन होने की संभावना)

  • देश का मानव-सबमर्सिबल कार्यक्रम

  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल होने वाले जलवायु डेटा और मॉडल

वैश्विक मान्यता और अनुसंधान उपलब्धियां

मंत्री ने भारत की वैश्विक नवाचार, अनुसंधान उत्पादन और उद्यमिता में प्रगति का उल्लेख किया। उदाहरण स्वरूप:

  • चंद्रयान-3 मिशन

  • कोविड-19 महामारी के दौरान देशी टीका विकास

  • जैव प्रौद्योगिकी में उपलब्धियां

उन्होंने कहा कि ये सभी अनुसंधान के साक्ष्य-आधारित परिणाम हैं।

युवा सहभागिता और करियर अवसर

डॉ. सिंह ने बताया कि IISF की गतिविधियों का एक बड़ा हिस्सा स्कूल, कॉलेज छात्रों और युवा शोधकर्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने विज्ञान करियर की व्यापक संभावनाओं पर जोर दिया, जिसमें स्टार्टअप्स, उद्योग-नेतृत्व वाले अनुसंधान और लागू नवाचार शामिल हैं। इस वर्ष के कार्यक्रम में क्वांटम तकनीक, जैव प्रौद्योगिकी, ब्लू इकोनॉमी और डीप-टेक उद्यमिता पर सत्र शामिल हैं।

सार्वजनिक-निजी सहयोग और नवाचार

मंत्री ने सार्वजनिक अनुसंधान संस्थानों और निजी उद्योग के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने हाल की नीतिगत पहलें बताईं जो अंतरिक्ष, स्वास्थ्य तकनीक और उन्नत निर्माण जैसे क्षेत्रों में निजी भागीदारी बढ़ाने के लिए बनाई गई हैं।

प्रदर्शनी और वैज्ञानिक इंटरैक्शन

उद्घाटन कार्यक्रम में मंत्री ने Science-Technology-Defence-Space Exhibition और “Science on a Sphere” इंस्टॉलेशन का उद्घाटन किया। उन्होंने भारत के अंटार्कटिका रिसर्च स्टेशन, भारतीय अनुसंधान केंद्र, भारती से लाइव इंटरफेस के माध्यम से बातचीत की और चरम ध्रुवीय परिस्थितियों में हो रहे अनुसंधान का अवलोकन किया।

उद्देश्य और दीर्घकालिक प्रभाव

IISF 2025 में प्रदर्शनी, व्याख्यान और इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि जनता के साथ विज्ञान की सहभागिता बढ़े और भारत के दीर्घकालिक अनुसंधान, नवाचार और मानव संसाधन विकास के राष्ट्रीय लक्ष्यों में योगदान मिले।


IISF 2025 में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्योग और निवेशकों से रीसर्च और इनोवेशन में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया

No comments Document Thumbnail

पंचकुला- भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) 2025 के दौरान आयोजित एक राउंड टेबल में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को उद्योग, निवेशकों और शोधकर्ताओं से भारत के अनुसंधान और नवाचार परिदृश्य को आकार देने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। यह बैठक ₹1 लाख करोड़ के रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) फंड के क्रियान्वयन को लेकर आयोजित की गई थी।

विज्ञान नीति का उद्देश्य और निजी क्षेत्र की भूमिका

मंत्री ने कहा कि विज्ञान नीति की सफलता केवल प्रकाशनों से नहीं बल्कि अनुसंधान को वास्तविक परिणामों, नौकरियों और तकनीकी क्षमता में बदलने की क्षमता से मापी जानी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि सार्वजनिक संस्थान अकेले नवाचार का भार नहीं उठा सकते और इसलिए निजी क्षेत्र की भागीदारी अब भारत की फ्रंटियर तकनीकों में महत्वाकांक्षाओं के लिए आवश्यक है।

RDI फंड के उद्देश्य और संरचना

RDI फंड का उद्देश्य निजी क्षेत्र-नेतृत्व वाले उच्च-प्रभाव और व्यावसायिक परियोजनाओं का समर्थन करना है। इसमें शामिल क्षेत्र हैं:

  • स्वच्छ ऊर्जा

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)

  • बायोटेक्नोलॉजी

  • डीप-टेक मैन्युफैक्चरिंग

  • सेमीकंडक्टर्स

  • डिजिटल इकोनॉमी

फंड सीधे कंपनियों को अनुदान देने की बजाय पेशेवर, स्तरित संरचना के माध्यम से काम करेगा।

  • अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) पहली कड़ी के रूप में फंड की देखरेख करेगा।

  • दूसरी कड़ी में चयनित फंड मैनेजर जैसे अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड, डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टिट्यूशन्स, टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड (TDB), और BIRAC शामिल होंगे।

  • वित्तपोषण मुख्यतः दीर्घकालिक, कम ब्याज वाले ऋण या इक्विटी सपोर्ट के रूप में होगा, और इसका जोर बाजार-तैयार परियोजनाओं पर होगा।

भारत की वैज्ञानिक प्रगति और स्टार्टअप पारिस्थितिकी

मंत्री ने बताया कि हाल के वर्षों में भारत वैश्विक वैज्ञानिक अनुसंधान और पेटेंट योगदान में अग्रणी बनकर उभरा है। साथ ही, भारत का स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र पिछले दशक में तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियाँ तकनीकी आत्मनिर्भरता के बड़े राष्ट्रीय प्रयास से जुड़ी हैं और RDI फंड का उद्देश्य प्रयोगशालाओं में किए गए अनुसंधान को वाणिज्यिक रूप में लागू करने के अंतर को पाटना है।

ANRF के सहयोग और उद्योग से सुझाव

प्रतिभागियों को बताया गया कि RDI फंड ANRF के कार्यों को पूरक करेगा, जो:

  • मौलिक और फ्रंटियर अनुसंधान का समर्थन करता है

  • युवा वैज्ञानिकों को पोषण देता है

  • समर्पित अनुदान कार्यक्रमों और संयोजन अनुसंधान केंद्रों के माध्यम से अकादमी–उद्योग सहयोग को बढ़ावा देता है

मंत्री ने उद्योग और निवेशकों से फंड के डिजाइन और कार्यान्वयन पर सुझाव देने का आग्रह किया और इसे एक साझा राष्ट्रीय परियोजना करार दिया। उन्होंने कहा कि उद्योग को दीर्घकालीन अनुसंधान निवेश के लिए साहस और महत्वाकांक्षा दिखानी होगी।

Viksit Bharat@2047 और नवाचार में भारत का अग्रणी कदम

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जैसे-जैसे भारत Viksit Bharat@2047 के लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है, RDI फंड भारतीय कंपनियों को केवल अन्य देशों द्वारा विकसित तकनीकों का उत्पादन करने से हटकर उन्हें खुद आविष्कार करने और वैश्विक स्तर पर निर्यात करने की दिशा में प्रेरित करेगा। यह भारत में नवाचार के वित्तपोषण और संचालन के तरीके में बदलाव का प्रतीक है।


भारत ने दर्ज की अब तक की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा वृद्धि, ओडिशा में 1.5 लाख रूफटॉप सोलर की योजना

No comments Document Thumbnail

केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री  प्रल्हाद जोशी ने भारत में ऐतिहासिक रूप से स्वच्छ ऊर्जा के विस्तार को उजागर करते हुए कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में देश ने अभी तक की सबसे बड़ी गैर-फॉसिल क्षमता जोड़ी है, कुल 31.25 GW, जिसमें से 24.28 GW सौर ऊर्जा है।

जोशी ने यह जानकारी ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट 2025, पुरी, ओडिशा में दी और साथ ही ओडिशा के लिए 1.5 लाख रूफटॉप सोलर ULA मॉडल की घोषणा की, जिससे राज्य के लगभग 7–8 लाख लोगों को लाभ मिलेगा और उनकी सशक्तिकरण में मदद होगी।

वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा में भारत की भूमिका

उन्होंने कहा कि विश्व ने 2022 में 1 TW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने में लगभग 70 साल लिए, लेकिन 2024 तक केवल दो साल में 2 TW की क्षमता हासिल कर ली। इस वैश्विक वृद्धि में भारत का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।

पिछले 11 वर्षों में भारत की सौर क्षमता 2.8 GW से लगभग 130 GW तक बढ़ी, यानी 4,500% से अधिक की वृद्धि। केवल 2022–2024 के बीच, भारत ने वैश्विक सौर ऊर्जा में 46 GW का योगदान दिया और तीसरे सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में उभरा।

जोशी ने यह भी कहा कि भारत के पास विश्व के पाँचवें सबसे बड़े कोयला भंडार हैं और यह कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इसके बावजूद, भारत धीरे-धीरे कोयले और नवीकरणीय ऊर्जा का संतुलन बना रहा है।

ओडिशा में नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में प्रगति

ओडिशा के लिए नई पहलों का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत उपभोक्ता-स्वामित्व वाले Utility-Led Aggregation (ULA) मॉडल के तहत राज्य में 1.5 लाख रूफटॉप सोलर सिस्टम (प्रति यूनिट 1 kW) स्थापित किए जाएंगे। इससे लगभग 7–8 लाख लोगों, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को लाभ मिलेगा।

मंत्री ने बताया कि ओडिशा पहले से ही स्वच्छ ऊर्जा अपनाने में अग्रणी है। राज्य में स्थापित कुल नवीकरणीय क्षमता 3.1 GW से अधिक है, जो राज्य की कुल स्थापित विद्युत क्षमता का 34% से अधिक है।

PM सूर्य घर योजना के तहत:

  • 1.6 लाख परिवारों ने रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन किया

  • 23,000 से अधिक इंस्टॉलेशन पूरे हुए

  • 19,200 से अधिक परिवारों के बैंक खातों में ₹147 करोड़ से अधिक की सब्सिडी सीधे ट्रांसफर की गई

प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता और केंद्र–राज्य सहयोग

जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाए गए समग्र इकोसिस्टम, आसान व्यापारिक माहौल, निवेशकों का विश्वास, मजबूत आधारभूत संरचना, मांग-आधारित योजनाएँ और केंद्र–राज्य सहयोग ने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार को गति दी है।

मंत्री ने ओडिशा के भविष्य के लिए आश्वस्ति व्यक्त की और राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव, और जनता की सराहना की, जिन्होंने स्वच्छ ऊर्जा और हरित तकनीक को बढ़ावा दिया।

ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट (GELS) 2025

ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट (GELS) 2025, पुरी भारत की स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को तेज़ करने के लिए नीति निर्माता, नवप्रवर्तनकर्ता और उद्योग नेताओं को एक मंच पर लाने का पहला कदम है।
5–7 दिसंबर 2025 के बीच आयोजित इस समिट में केंद्रीय और राज्य ऊर्जा मंत्री, वैश्विक ऊर्जा नेता, नवप्रवर्तक और उद्योगपति भाग लेंगे, जो ऊर्जा के भविष्य को आकार देने के लिए विचार-विमर्श करेंगे।


अमित शाह ने बनास डेयरी के नए बायो-CNG और उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया

No comments Document Thumbnail

केंद्रीय गृह मंत्री और सहयोगिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के वाव-थराद जिले में बनास डेयरी द्वारा निर्मित नए बायो-CNG और उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया और 150 टन क्षमता वाले पाउडर प्लांट की आधारशिला रखी। इस अवसर पर गुजरात विधानसभा के स्पीकर शंकर चौधरी, केंद्रीय राज्य मंत्री सहयोगिता कृष्ण पाल गुर्जर एवं मुरलीधर मोहोल, केंद्रीय सहयोगिता सचिव डॉ. अशिष कुमार भूतानी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।

बनास डेयरी की सफलता और योगदान

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि गलबाभाई नांजीभाई पटेल द्वारा बनास डेयरी की शुरुआत धीरे-धीरे इतनी बड़ी हो गई कि आज इसका टर्नओवर ₹24,000 करोड़ तक पहुँच गया है। उन्होंने कहा कि जहां भी वे जाते हैं, गर्व से यह घोषणा करते हैं कि गुजरात के गांवों को समृद्ध बनाने का कार्य राज्य की माताओं और बहनों ने किया है।

उन्होंने किसानों, विशेष रूप से सहकारी आंदोलन के अग्रणी, ग्राम स्तरीय दूध समितियों के अध्यक्षों और बनास डेयरी के निदेशकों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जो चमत्कार किया है, उसे शायद वे स्वयं भी नहीं समझते। ₹24,000 करोड़ का व्यवसाय खड़ा करना किसी भी बड़ी कॉर्पोरेट कंपनी के लिए चुनौती है, लेकिन बनास डेयरी ने यह कार्य आसानी से पूरा किया।

कृषि और जल प्रबंधन में विकास

शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पर्याप्त पानी उपलब्ध करवा कर किसानों की मदद की। सजलम-सुफलम योजना के तहत नर्मदा और माहि नदियों का अतिरिक्त पानी बनासकांठा तक पहुँचाया गया। पहले यहां के किसान दूसरों के खेतों में मजदूरी करते थे, लेकिन आज वही किसान अपने खेतों को स्वर्ग बना चुके हैं और पूरे बनासकांठा को समृद्ध किया है।

महिलाओं का योगदान

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस सफलता में महिलाओं का योगदान अत्यंत सराहनीय है। इस ₹24,000 करोड़ के व्यवसाय में दूध एकत्र करने का सारा काम बनासकांठा की माताओं, बहनों और बेटियों ने किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण का सबसे जीवंत उदाहरण है। भुगतान प्रणाली इतनी पारदर्शी है कि दूध का पूरा पैसा सीधे उनके बैंक खातों में हर सप्ताह पहुँचता है।

एशिया की सबसे बड़ी डेयरी और सहकारी मॉडल

शाह ने बताया कि बनास डेयरी अब एशिया की सबसे बड़ी दूध उत्पादन डेयरी बन चुकी है। गलबा काका (गलबाभाई नांजीभाई पटेल) का इसमें बड़ा योगदान है। 1960 में सिर्फ आठ गांवों और दो तालुकों (वडगाम और पालनपुर) से शुरू हुई यात्रा आज ₹24,000 करोड़ के व्यवसाय तक पहुँच चुकी है। 
गलबाभाई का मूल मंत्र था:
“हमारे पास कम पैसा हो सकता है, लेकिन हमारे पास बहुत लोग हैं।”
उनकी सोच ने छोटे योगदान से बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करने की प्रेरणा दी, जो आज न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में सहकारी आंदोलनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है।

नई पहलें और भविष्य की योजनाएँ

अमित शाह ने कई नई पहलों की घोषणा की, जिनमें शामिल हैं:

  • बायो-CNG संयंत्र और मिल्क पाउडर प्लांट का उद्घाटन

  • प्रोटीन प्लांट और हाई-टेक ऑटोमेटेड पनीर प्लांट का समर्पण

उन्होंने कहा कि अब सहकारी डेयरी सेक्टर को पूरी तरह से सर्कुलर इकोनॉमी में बदलने का समय आ गया है।
गाय और भैंस की गोबर को बर्बाद नहीं होने देना है, बल्कि उसे जैविक उर्वरक, बायोगैस और बिजली में बदलना है, और इससे होने वाली आय सीधे किसानों के खाते में जाएगी।

नई राष्ट्रीय सहकारी संस्थाएँ और डेयरी विकास

शाह ने बताया कि किसानों के लाभ के लिए भारत सरकार ने तीन नई राष्ट्रीय सहकारी संस्थाएँ बनाई हैं:

  1. बीज उत्पादन और वितरण

  2. ऑर्गेनिक उत्पादों का विपणन

  3. कृषि निर्यात

साथ ही, डेयरी क्षेत्र के लिए तीन राष्ट्रीय बहु-राज्यीय सहकारी संस्थाएँ बनाई गई हैं।
ये छह संस्थाएँ अब कृषि और पशुपालन के हर पहलू को कवर करेंगी—चीज़, प्रोटीन, दूध उत्पाद, खवा, आइसक्रीम, बेबी फ़ूड, तेल की पैकिंग, आटा, हनी, कूल स्टोरेज, आलू चिप्स, बीज उत्पादन, और पशु चारा निर्माण। सभी लाभ सीधे किसानों तक पहुँचेंगे।

सर्कुलर इकोनॉमी मॉडल और भविष्य

शाह ने कहा कि केवल दूध, घी और पनीर तक सीमित नहीं रहना है, बल्कि हाई-वैल्यू उत्पादों का उत्पादन भी करना होगा, जिनकी वैश्विक मांग और मूल्य अधिक है।
साथ ही, सहकारी डेयरी स्तर पर पशु चारा भी निर्मित होगा और आय सीधे किसानों के खाते में जाएगी।
उन्होंने आश्वासन दिया कि इसके लिए आवश्यक टेक्नोलॉजी और फाइनेंसिंग पहले ही प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा चुकी है।

सफेद क्रांति 2.0 और माइक्रो-एटीएम

शाह ने कहा कि हर गाँव की दूध सहकारी समिति को माइक्रो-एटीएम प्रदान किया गया है, जिससे भुगतान प्रक्रिया सरल हुई है। आने वाले समय में इन एटीएम के माध्यम से वित्तीय सेवाएँ भी शुरू की जाएंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने White Revolution 2.0 के लिए कई लक्ष्य निर्धारित किए हैं, और शाह ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन, एनिमल हसबैंडरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड, राष्ट्रीय डेयरी योजना और राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सहारे यह सफलता निश्चित है।

शाह ने कहा कि बनास डेयरी की यह परंपरा केवल बनासकांठा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे देश के लाखों पशुपालक किसानों के लिए समृद्धि का स्रोत बनेगी।


विद्युत विभाग का बड़ा एक्शन,88 बकायादारों के काटे गए कनेक्शन

No comments Document Thumbnail

अवैध रूप से उपयोग पर होगी एफआईआर

रायपुर- बिजली बिल की लगातार बढ़ती राशि पर प्रभावी नियंत्रण तथा लंबे समय से बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं पर कार्यवाही के लिए विद्युत विभाग ने सख्त रुख अपनाया है।

विगत दिवस बलरामपुर- रामानुजगंज  जिले के बरियो वितरण केंद्र में विशेष वसूली अभियान चलाया गया, जिसके तहत विभागीय टीम ने बड़ी कार्रवाई की।

मुख्य अभियंता छत्तीसगढ विद्युत वितरण कंपनी अम्बिकापुर क्षेत्र यशवंत शिलेदार के नेतृत्व में ,अधीक्षण अभियंता के.एन. सिंह, कार्यपालन अभियंता बलरामपुर प्रकाश अग्रवाल तथा  जिले में पदस्थ सभी सहायक एवं कनिष्ठ अभियंताओं की संयुक्त टीम सुबह 10:00 बजे ही बरियो पहुंची और बकायादारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की शुरुआत की।

इस दौरान 88 बड़े बकायादारों के विद्युत कनेक्शन की बकाया राशि 23 लाख96 हज़ार 988 रुपये के लिए काटे गए। 24 बकायादारों ने तत्काल अपने बकाये का भुगतान करते हुए कुल 9 लाख 19 हज़ार 563 रुपये जमा किए।

मुख्य अभियंता शिलेदार ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बकाया वसूली के लिए प्रतिदिन इसी प्रकार सघन मुहिम चलाएं, ताकि बकाया राशि की रिकवरी में तेजी लाई जा सके। उन्होंने निर्देश दिए है कि जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे गए हैं, उनके घरों की शाम के समय नियमित जांच की जाए। यदि कोई उपभोक्ता अनाधिकृत रूप से बिजली उपयोग करते पाया जाता है तो उसके विरुद्ध भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आसपास से अनाधिकृत कनेक्शन लेकर बिजली उपयोग करने पर धारा 138 के तहत एफआईआर दर्ज कर न्यायालयीन कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।

विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे समय पर बिजली बिल जमा कर कार्य में सहयोग दें अन्यथा नियमों के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी।

पी.एम. सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत रायगढ़ का एक ग्राम बनेगा ‘सोलर मॉडल विलेज’

No comments Document Thumbnail

जिला स्तरीय चयन समिति ने शुरू की चयन प्रक्रिया, 10 सर्वाधिक आबादी वाले ग्रामों में अगले छह माह चलेगी प्रतिस्पर्धा

सौर संयंत्र स्थापना, जनजागरूकता, सामुदायिक भागीदारी और नवाचार पर तय होगा मॉडल विलेज का चयन

रायुपर- केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पी.एम. सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत रायगढ़ जिले में एक ग्राम को पूर्णतः सौर ऊर्जा आधारित सोलर मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। इस दिशा में जिला स्तरीय चयन समिति ने औपचारिक रूप से चयन प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। कलेक्टर  की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जिले के उन्हीं ग्रामों को प्रतिस्पर्धा में शामिल किया जाएगा, जिनकी जनसंख्या 5 हजार  से अधिक है। चूंकि जिले में इस श्रेणी के ग्राम सीमित संख्या में हैं, इसलिए प्रशासन ने सर्वाधिक जनसंख्या वाले 10 ग्रामों का चयन कर उन्हें छह माह की प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया में शामिल करने का निर्णय लिया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर  राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार को गति देने के लिए जिलों को निरंतर कार्य करने के निर्देश दिए हैं, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर सौर ऊर्जा लक्ष्य को धरातल पर साकार किया जा सके।

रायगढ़ जिले में केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार जिले में प्रतियोगिता के लिए चयनित 10 ग्राम ग्राम पंचायतों में घरघोड़ा विकासखंड का ग्राम कुडुमकेला, तमनार विकासखंड का ग्राम तमनार, रायगढ़ विकासखंड का ग्राम खैरपुर, धरमजयगढ़ विकासखंड का ग्राम विजयनगर, तमनार विकासखंड का ग्राम तराईमाल, लैलूंगा विकासखंड का ग्राम गहनाझरिया, पुसौर विकासखंड का ग्राम गढ़मरिया, धरमजयगढ़ विकासखंड का ग्राम छाल, पुसौर विकासखंड का ग्राम सिसरिंगा, और पुसौर विकासखंड का ग्राम कोडातराई। इन्हीं ग्रामों में से एक ग्राम जिले का पहला सोलर मॉडल विलेज बनेगा।

 जिले के सभी विकासखंड से ग्राम  पंचायतों का चयन किया गया है। इन ग्रामों में अब अगले छह माह तक सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, जनजागरूकता अभियान चलाने, घरेलू एवं सामुदायिक सौर संयंत्रों की स्थापना, तथा योजनाओं के लिए ग्रामीणों द्वारा किए जाने वाले आवेदनों की सतत समीक्षा की जाएगी।

इस प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए  प्रत्येक चयनित ग्राम में आदर्श ग्राम समिति गठित की जा रही है, जिसमें सरपंच, सचिव, जनप्रतिनिधि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, डॉक्टर, कृषि विस्तार अधिकारी तथा संबंधित शासकीय अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। यह समिति डोर-टू-डोर संपर्क कर ग्रामीणों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। साथ ही पी.एम. कुसुम योजना, जल जीवन मिशन के सोलर डुअल पंप, सोलर हाईमास्ट, सोलर स्ट्रीट लाइट तथा अन्य नवीकरणीय ऊर्जा आधारित व्यवस्थाओं की जानकारी भी प्रदान करेगी।

क्रेडा के सहायक अभियंता विक्रम वर्मा ने बताया कि इस प्रतियोगिता के दौरान प्रत्येक ग्राम अपनी जरूरतों के अनुसार सामुदायिक सौर संयंत्रों के प्रस्ताव तैयार कर जिला स्तर पर प्रस्तुत किया जाएगा। छह माह की अवधि पूर्ण होने पर जिला स्तरीय समिति द्वारा सभी ग्रामों का मूल्यांकन किया जाएगा। यह मूल्यांकन ग्रामीणों द्वारा स्थापित सौर संयंत्रों की संख्या, योजनाओं के लिए किए गए आवेदनों, सामुदायिक सहभागिता, उपलब्ध ऊर्जा सुविधाओं और सौर संसाधनों के उपयोग की आधारशिला पर किया जाएगा।

इसी मूल्यांकन के आधार पर जिले के पहले सोलर मॉडल विलेज का चयन किया जाएगा और चयनित ग्राम का विस्तृत डी.पी.आर. तैयार कर 15 मार्च 2025 तक ऊर्जा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन को भेजा जाएगा, ताकि उस ग्राम को पूर्णतः सौर ऊर्जा आधारित आदर्श मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जा सके।

मृणाल मंडल ने धान विक्रय का सही मूल्य मिला,ऑनलाइन टोकन से आसान हुआ धान खरीदी

No comments Document Thumbnail

रायपुर- ऑनलाइन टोकन  प्रणाली ने धान खरीदी प्रक्रिया को सरल और सहज बनाया है l किसान स्वयं ऑनलाइन टोकन के माध्यम से  घर बैठे ही टोकन प्राप्त कर सकते हैं।  समिति में पहुंचते ही  उन्हें बिना किसी परेशानी के धान बेचना आसानी हुआ ।

जिला बलरामपुर- रामानुजगंज के बलरामपुर विकासखंड के धान उपार्जन केंद्र बरदर में ग्राम रामनगरकला रहने वाले किसान मृणाल मंडल ने अपनी मेहनत से उपजे लगभग 166 बोरी धान का विक्रय किया। समिति में मिली बेहतर व्यवस्था, सहज प्रक्रिया और त्वरित खरीदी ने उन्हें संतुष्ट किया,  मृणाल मंडल बताते हैं कि धान का सर्वाधिक मूल्य ने उनकी मेहनत को सही मूल्य दिलाया है। 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी का प्रावधान किसानों के लिए  बड़ी राहत साबित हो रहा है।

मंडल ने बताया कि समय पर समिति पहुंचना और तुरंत धान की खरीदी होना उनके लिए अत्यंत सुखद अनुभव रहा। बिना लंबी प्रतीक्षा और बिना किसी भागदौड़ और सुव्यवस्थित खरीदी व्यवस्था से धान विक्रय हो गया। उन्होंने बताया की इस बार की उपज के मिले राशि से परिवार की जरूरत, अगली फसल की तैयारी में उपयोग करेंगे।मंडल ने धान खरीदी व्यवस्था को सरल एवं सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त भी किया।

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की छात्रा निहारिका नाग बनी राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता

No comments Document Thumbnail

राष्ट्रीय सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कला उत्सव उद्भव 2025 में छत्तीसगढ़ राज्य का किया नाम रोशन

मिट्टीकला में निहारिका ने बढ़ाया प्रदेश का मान 

रायपुर- एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शंकरगढ़ की होनहार छात्रा निहारिका नाग ने वह कर दिखाया है, जिसका सपना हर विद्यार्थी देखता है। साधारण आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाली यह बाल प्रतिभा आज अपने हुनर से न सिर्फ जिले का, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय मानचित्र पर रोशन किया है।

मिट्टीकला में मिला नया आयाम

शंकरगढ़ की कक्षा 11वीं की छात्रा निहारिका नाग को एकलव्य विद्यालय में प्रवेश के बाद अपनी मिट्टी कला सामर्थ्य को निखारने का सुनहरा अवसर मिला, जहां विद्यालय के बेहतर माहौल, उपलब्ध संसाधनों और विशेषज्ञों के प्रशिक्षण ने उनके सपनों को मजबूती दी।

राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पहला स्वर्ण पदक से मिली नई उड़ान

निहारिका ने पहले जगदलपुर में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपने कला कौशल का प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। यह जीत उनके आत्मविश्वास को नई उड़ान देने में सहायक साबित हुई।

उद्भव 2025 में राष्ट्रीय स्वर्ण पदक से हुई दोहरी जीत

इसके बाद निहारिका ने आंध्र प्रदेश में आयोजित 6 वीं ईएमआरएस राष्ट्रीय सांस्कृतिक एवं साहित्यिक कला उत्सव उद्भव 2025 में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर का स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। लगातार दोहरा स्वर्ण पदक जीतकर निहारिका ने अपने विद्यालय और छत्तीसगढ़  राज्य का मान बढ़ाया है।

शिक्षकों का मार्गदर्शन बना सफलता की नींव

निहारिका के इस सफलता के पीछे उनके कला शिक्षक राहुल जंघेल की प्रेरणा और विद्यालय के प्राचार्य संजय कुमार तिर्की का सतत सहयोग और मार्गदर्शन रहा। निहारिका ने साबित कर दिखाया कि प्रतिभा को बस सही मंच की जरूरत होती है। निहारिका की बचपन से ही मिट्टी कला के प्रति गंभीर रुझान रखती थीं और विद्यालय ने उनकी इस प्रतिभा को ऊंचाई तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मेहनत और मार्गदर्शन से बनती है नई पहचान

निहारिका की इस उपलब्धि से  बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में उत्साह का माहौल है। निहारिका की सफलता उन विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद ऊंचे सपने देखते हैं।  निहारिका नाग की तरह मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन से कोई भी विद्यार्थी राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना सकता है।

NCA-F में 176 अधिकारी प्रशिक्षुओं के लिए स्पेशल फाउंडेशन कोर्स 2025 का समापन, मुख्य अतिथि डॉ. पेम्मासानी

No comments Document Thumbnail

डॉ. चंद्र शेखर पेम्मासानी, केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, 6 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय संचार अकादमी – वित्त (NCA-F) में आयोजित स्पेशल फाउंडेशन कोर्स 2025 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि रहे।
NCA-F दूरसंचार विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत एक “सर्वोत्तम” (5-स्टार) रेटेड केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान है।

यह विशेष फाउंडेशन कोर्स 15 सितंबर से 5 दिसंबर 2025 तक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी के सहयोग से आयोजित किया गया था। इसमें UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 के माध्यम से चयनित 15 अखिल भारतीय एवं केंद्रीय सेवाओं के 176 अधिकारी प्रशिक्षुओं (OTs) ने भाग लिया।

इस कोर्स का उद्देश्य युवा सिविल सेवकों को भारत के प्रशासनिक, सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य से परिचित कराना, तथा विभिन्न सेवाओं के बीच एकता, अनुशासन, नैतिकता, प्रोफ़ेशनलिज़्म और सेवा भाव (Seva Bhaav) विकसित करना था। पाठ्यक्रम में प्रशासन, शिक्षा, सिविल सोसाइटी, उद्योग और अन्य क्षेत्रों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान शामिल किए गए।
साथ ही, शैक्षणिक गतिविधियों के अतिरिक्त अधिकारी प्रशिक्षुओं ने भारत दिवस, खेल संगम, एक-अंक नाटक प्रतियोगिता, परपल फेस्ट जैसी गतिविधियों में भाग लेकर सामूहिकता, सहानुभूति और राष्ट्रीय गौरव की भावना विकसित की।

वे पद्म पुरस्कार विजेताओं, खेल रत्न एवं अर्जुन पुरस्कार विजेताओं, अर्थशास्त्रियों, अंतरिक्ष यात्री तथा अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भी मिले, जिन्होंने अतिथि शिक्षक के रूप में उन्हें प्रेरित किया।

समापन समारोह में LBSNAA के निदेशक श्रीराम तरणिकांति, दूरसंचार विभाग की कंट्रोलर जनरल ऑफ कॉम्युनिकेशन अकाउंट्स वंदना गुप्ता, तथा NCA-F की महानिदेशक  माधवी दास सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारियों ने उपस्थिति दर्ज की। कोर्स डायरेक्टर डॉ. कमल कपूर एवं कोर्स कोऑर्डिनेटर शैलेश बंसल भी उपस्थित रहे।

डॉ. पेम्मासानी का संबोधन

अपने समापन भाषण में डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने अधिकारी प्रशिक्षुओं से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में विषय विशेषज्ञ (Subject Matter Expert) बनें, क्योंकि कुशलता ही विश्वास का आधार है।
उन्होंने भ्रष्टाचार को दृढ़ता से नकारने के लिए धर्म और मूल्यों पर अडिग रहने की सलाह दी।
स्वयं की समझ पर जोर देते हुए कहा कि "अहंकार आपका सबसे बड़ा शत्रु है", इसलिए अपने कार्यों के प्रभाव पर हमेशा विचार करें।
उन्होंने टीम वर्क को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बेहतर लोगों से प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सहयोग करें—क्योंकि सार्वजनिक संस्थाएँ मजबूत प्रणालियों पर फलती-फूलती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि 1.4 अरब भारतीयों की सेवा करने का अवसर सार्वजनिक सेवा का सबसे बड़ा उपहार है।

अन्य वक्ताओं के मुख्य बिंदु

  • तरणिकांति ने सभी सेवाओं को जोड़ने वाले साझा उद्देश्य पर बल दिया और प्रशिक्षुओं से कहा कि वे साइलो तोड़ें, सहयोग बढ़ाएं और जनभागीदारी से परिवर्तन लाएं।

  • माधवी दास ने आजीवन सीखने, विनम्रता और सिविल सेवकों पर निहित विश्वास को अधिकार नहीं बल्कि जिम्मेदारी बताया।

  • डॉ. कपूर ने कोर्स की गतिविधियों और मॉड्यूल का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।

पुरस्कार वितरण

समारोह में विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें शामिल थे:

  • सर्वश्रेष्ठ हाउस

  • हिमालयन स्टडी टूर में सर्वश्रेष्ठ हाउस

  • ग्रामीण–शहरी इमर्शन कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ हाउस

  • सर्वश्रेष्ठ अधिकारी प्रशिक्षु

  • सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक प्रदर्शन

  • सर्वश्रेष्ठ खेल प्रदर्शन आदि

कार्यक्रम का समापन प्रीति महतो द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव और जन-गण-मन के गायन के साथ हुआ।



उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने सरदार @150 यूनिटी मार्च—राष्ट्रीय पदयात्रा के समापन समारोह में की शिरकत

No comments Document Thumbnail

भारत के उपराष्ट्रपति, सी. पी. राधाकृष्णन ने आज गुजरात के एकता नगर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर आयोजित सरदार @150 यूनिटी मार्च – राष्ट्रीय पदयात्रा के समापन समारोह में भाग लिया।

सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक राष्ट्रीय पदयात्रा के समापन में शामिल होना एक महान सम्मान है। उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति पद संभालने के बाद महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल की इस पवित्र भूमि की यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा है।

14 लाख युवाओं की भागीदारी—एकता की ज्वाला आज भी प्रज्ज्वलित

उपराष्ट्रपति ने बताया कि पदयात्रा की शुरुआत 26 नवंबर—संविधान दिवस—को होना अत्यंत सार्थक है।
उन्होंने कहा कि 1,300 से अधिक पदयात्राओं में 14 लाख से ज्यादा युवाओं की भागीदारी यह साबित करती है कि सरदार पटेल द्वारा प्रज्ज्वलित राष्ट्रीय एकता की ज्योति आज भी उतनी ही उज्ज्वल है।

उन्होंने अपने पूर्व पदयात्रा अनुभवों को याद किया—जिसमें 19,000 किमी की रथयात्रा और तमिलनाडु, केरल एवं आंध्र प्रदेश में नदी जोड़ने, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता, अस्पृश्यता मिटाने और नशीले पदार्थों के विरुद्ध कई यात्राएँ शामिल थीं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी यात्राएँ लोगों से सीधे जुड़ने और राष्ट्रव्यापी संकल्प को मजबूत करने का प्रभावी माध्यम हैं।

‘भारत लौह पुरुष’ को नमन – 560 रियासतों के एकीकरण का ऐतिहासिक नेतृत्व

उन्होंने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा—

“भारत सदैव लौह पुरुष का ऋणी रहेगा, जिन्होंने 560 से अधिक रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत की नींव रखी।”

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का सपना आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हो रहा है।

तेजी से बढ़ता भारत—आर्थिक, सामाजिक, सामरिक प्रगति का दशक

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने आर्थिक, सामाजिक, सैन्य और रणनीतिक क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है और अब वह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है।

युवा—भारत की ऊर्जा शक्ति

युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि युवा देश की भविष्य ऊर्जा हैं, और जब वे एकता, अनुशासन और राष्ट्रीय उद्देश्य के साथ आगे बढ़ते हैं, तो भारत को नवाचार और विकास का वैश्विक नेता बना सकते हैं।

उन्होंने युवाओं से ‘नशीली दवाओं को ना कहने’ का आग्रह किया और सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग करने, डिजिटल साक्षरता और साइबर सुरक्षा में योगदान देने की सलाह दी।

नारी शक्ति—विकास से नेतृत्व की तरफ

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम ने देश के फोकस को महिला सशक्तिकरण से महिला-नेतृत्व विकास की ओर मोड़ दिया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा—भारत की अडिग प्रतिबद्धता

उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा क्षमताएँ कई गुना बढ़ी हैं।
ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस अभियान ने भारत की संप्रभुता की रक्षा और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के संकल्प को प्रदर्शित किया।

श्रम सुधार—नए भारत की पारदर्शी और श्रमिक-केंद्रित व्यवस्था

उपराष्ट्रपति ने चार नए श्रम संहिताओं को एक बड़ा सुधार बताते हुए कहा कि यह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास की भावना का प्रतिबिंब है, जिसने भारत के श्रम ढांचे को आधुनिक, पारदर्शी और श्रमिक-केंद्रित बनाया है।

अमृतकाल में विकसित भारत 2047 की ओर

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय पदयात्रा का समापन विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा पर होना केवल सरदार पटेल को श्रद्धांजलि ही नहीं, बल्कि नए भारत की भावना को भी सलाम है।
उन्होंने कहा कि अमृतकाल में भारत विकसित भारत @2047 के लक्ष्य की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और सरदार पटेल के आदर्श ही इस यात्रा के पथप्रदर्शक बने रहेंगे।

10-दिवसीय राष्ट्रीय पदयात्रा—आत्मनिर्भरता और पर्यावरण चेतना का प्रतीक

करमसद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक 180 किमी की यह 10-दिवसीय पदयात्रा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण जागरूकता का संदेश समेटे हुए थी, जो प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संदेश पुनः स्थापित करती है।

कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, डॉ. मनसुख मांडविया, राज्य मंत्री रक्ष खडसे, टोखन साहू सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।


जनवरी 2026 में होगा ‘परीक्षा पे चर्चा’ का 9वां संस्करण; पीएम मोदी फिर करेंगे छात्रों से संवाद

No comments Document Thumbnail

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकप्रिय संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ (PPC) अपनी 9वीं कड़ी के साथ जनवरी 2026 में आयोजित होने जा रहा है। इस अनोखी पहल में देश-विदेश के छात्र, अभिभावक और शिक्षक परीक्षाओं से जुड़ी चुनौतियों, तनाव और ‘परीक्षा को उत्सव’ के रूप में मनाने को लेकर प्रधानमंत्री से सीधा संवाद करते हैं।

प्रतिभागियों के चयन के लिए ऑनलाइन प्रतियोगिता

कार्यक्रम में शामिल होने के लिए MCQ आधारित ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन MyGov पोर्टल पर 1 दिसंबर 2025 से 11 जनवरी 2026 तक किया जा रहा है।
कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक इसमें भाग ले सकते हैं। सभी प्रतिभागियों को MyGov द्वारा भागीदारी प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।

2025 की 8वीं कड़ी ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

पिछला संस्करण 10 फरवरी 2025 को नई दिल्ली के सुंदर नर्सरी में आयोजित हुआ था, जिसमें देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से चुने गए 36 छात्रों ने हिस्सा लिया।
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और CBSE स्कूलों के छात्र जुड़े थे, साथ ही PRERANA विद्यार्थी, कला उत्सव और वीर गाथा के विजेताओं ने भी भाग लिया।

2025 के PPC ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए 245 देशों के छात्रों, 153 देशों के शिक्षकों और 149 देशों के अभिभावकों की भागीदारी दर्ज की।
कार्यक्रम की लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2018 में 22,000 प्रतिभागियों से शुरू हुई यह पहल 2025 में बढ़कर 3.56 करोड़ पंजीकरण तक पहुँच गई।
देशभर में PPC 2025 से जुड़े जन आंदोलन गतिविधियों में 1.55 करोड़ लोगों ने भाग लिया और कुल भागीदारी करीब 5 करोड़ तक पहुँच गई।


पीयूष गोयल का संदेश: युवा भारत के निर्माण में स्नातकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण

No comments Document Thumbnail

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नोएडा स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि किसी विश्वविद्यालय का इससे बड़ा योगदान नहीं हो सकता कि वह प्रतिभाशाली युवाओं को वापस आने के लिए प्रेरित करे, उनकी क्षमताओं को निखारे और उन्हें ऐसा मंच दे जो उनकी योग्यता को पहचान और सम्मान दे।

लगभग 29,000 ऑन-कैंपस और ऑनलाइन छात्रों के स्नातक होने पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि समारोह का वास्तविक केंद्रबिंदु छात्रों और पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की उपलब्धियाँ हैं।

गोयल ने विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को दिए जाने वाले व्यापक अवसरों पर प्रकाश डाला और योग्यता-आधारित छात्रवृत्तियों के माध्यम से ज़रूरत-आधारित रहित (need-blind) प्रवेश प्रणाली की सराहना की। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय में आधी छात्र संख्या युवा महिलाओं की है और नवाचार के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय अग्रणी है, जहाँ छात्रों के पास 450 से अधिक पेटेंट हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय के 50 संकाय सदस्य रामलिंगम स्वामी फ़ेलो हैं, जो राष्ट्र सेवा के लिए लौटे हैं।

महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर की विरासत को याद करते हुए उन्होंने संविधान में निहित समानता, सामाजिक सद्भाव और सबके लिए अवसरों के मूल्यों को दोहराया। उन्होंने कहा कि शिक्षा अब भी वंचित वर्गों के उत्थान की नींव है और छात्रों को समाज तथा राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को याद रखना चाहिए।

मंत्री ने स्नातक हो रही इस पीढ़ी को भारत के विकसित राष्ट्र 2047 के लक्ष्य में एक महत्वपूर्ण भाग बताया और कहा कि आने वाले 25 वर्ष विकसित भारत के लिए निर्णायक होंगे। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों की सीमाओं को आगे बढ़ाएँ और राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान दें।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने संबोधन में एक लाख युवाओं से सार्वजनिक जीवन और राजनीति को करियर के रूप में अपनाने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि राजनीति को ऐसे प्रतिबद्ध व्यक्तियों की आवश्यकता है जो राष्ट्र के लिए काम करें, सार्वजनिक जीवन की ईमानदारी को बनाए रखें और 140 करोड़ नागरिकों को अपने कर्तव्यों—परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति—जागरूक करें।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि अधिक विश्वविद्यालय छात्रों को सार्वजनिक जीवन और राजनीति को समझने के लिए प्रेरित करेंगे, और नोट किया कि एमिटी विश्वविद्यालय राजनीतिक विज्ञान का अध्ययन प्रदान करता है। उन्होंने सुझाव दिया कि संस्थान चाहें तो छात्रों को निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ इंटर्नशिप के लिए भेज सकते हैं ताकि वे शासन और जनसेवा को प्रत्यक्ष रूप से समझ सकें और भविष्य में इसे और बेहतर बना सकें।

उन्होंने अपने शुरुआती कंप्यूटर प्रशिक्षण को याद करते हुए कहा कि “garbage in, garbage out” और बताया कि भारतीय राजनीति को अधिक अच्छे लोग और मजबूत जननेता चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि अधिक संवेदनशील और ईमानदार युवा सार्वजनिक जीवन से जुड़ेंगे तो भारत अपेक्षा से कहीं अधिक तेजी से महाशक्ति बनेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री का उद्धरण देते हुए कहा कि भारत का भविष्य “can-do generation” के हाथों में है और यही युवा नया भारत बनाएंगे।

उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि वे अमृत काल में भारत का नेतृत्व करने की ज़िम्मेदारी उठाते हैं और उन्हें उन सिद्धांतों पर विचार करने को कहा जो इस यात्रा का मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस भाषण को हर नागरिक के लिए एक प्रेरणादायी मार्गदर्शक बताया और 15 अगस्त 2022 के भाषण का उल्लेख किया जब भारत ने 75वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पाँच प्रमुख प्रण बताए थे, जो 2022 से 2047 तक भारत को $4 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था से $35 ट्रिलियन और $2,500 प्रति व्यक्ति आय से $20,000 तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि 140 करोड़ भारतीय इन सिद्धांतों को अपनाएँ, तो भारत का भविष्य अत्यंत उज्ज्वल होगा।

पाँच प्रणों का उल्लेख

पहला प्रण: विकसित भारत का संकल्प

उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्ष निर्णायक हैं और युवाओं को अपने क्षेत्रों में नई ऊँचाइयाँ हासिल करनी होंगी।

दूसरा प्रण: औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति

उन्होंने छात्रों से मानसिक बाधाओं, पुराने विचारों और सीमित सोच को त्यागने का आग्रह किया। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय पारंपरिक भारतीय दीक्षांत वस्त्र अपनाने पर विचार कर सकते हैं, जो राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक होगा।

तीसरा प्रण: भारत की विरासत पर गर्व

उन्होंने कहा कि तीव्र आधुनिकीकरण के बावजूद भारत की शक्ति उसकी विविधता, मूल्य और प्राचीन ज्ञान में निहित है।

चौथा प्रण: भारत की एकता—विविधता में एकता

उन्होंने छात्रों से अलग-अलग समुदायों से जुड़ने, सहयोग बढ़ाने और पुल बनाने का आह्वान किया।

पाँचवाँ प्रण: कर्तव्य की भावना

उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए है। उन्होंने छात्रों को भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में योगदान देने को कहा।

गोयल ने शिक्षकों और अभिभावकों के योगदान की सराहना की और उनके समर्पण को छात्रों की सफलता की नींव बताया। उन्होंने छात्रों को अपने शिक्षकों और विश्वविद्यालय से जुड़े रहने की प्रेरणा दी।

उन्होंने कहा कि वास्तविक दुनिया में कदम रखते ही चुनौतियाँ स्वाभाविक हैं, लेकिन विश्वास जताया कि एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए मूल्य और शिक्षा उन्हें इन चुनौतियों से आत्मविश्वास और दृढ़ता के साथ निपटने में सक्षम बनाएंगे। उन्होंने छात्रों से राष्ट्र-निर्माण में सक्रिय योगदान देने और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया।


नागरिक उड्डयन मंत्रालय का निर्देश: IndiGo को सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर तक निपटाने के आदेश

No comments Document Thumbnail

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने IndiGo को सभी लंबित यात्री रिफंड बिना किसी देरी के पूर्ण रूप से निपटाने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने अनिवार्य किया है कि सभी रद्द या बाधित उड़ानों के रिफंड की प्रक्रिया रविवार, 7 दिसंबर 2025 को शाम 8:00 बजे तक पूरी हो जानी चाहिए।
जिन यात्रियों की यात्रा योजनाएँ रद्दीकरण के कारण प्रभावित हुई हैं, उनसे किसी भी प्रकार का पुनः-निर्धारण शुल्क (rescheduling charges) न लेने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रिफंड प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी या अनुपालन न होने पर तुरंत नियामकीय कार्रवाई की जाएगी।

विशेष यात्री सहायता एवं रिफंड सेल

शिकायत निवारण को सुगम बनाने के लिए, IndiGo को विशेष यात्री सहायता और रिफंड सुविधा सेल स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।
इन सेल का कार्य प्रभावित यात्रियों से स्वत: संपर्क करना और यह सुनिश्चित करना होगा कि रिफंड और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था के लिए यात्रियों को बार-बार अनुवर्ती कार्रवाई न करनी पड़े।
ऑपरेशनल स्थिति पूरी तरह सामान्य होने तक स्वचालित रिफंड प्रणाली सक्रिय रहेगी।

बैगेज प्रबंधन पर आश्वासन

मंत्रालय ने IndiGo को निर्देश दिया है कि रद्दीकरण या देरी के कारण यात्रियों से अलग हो चुके सभी बैगेज को अगले 48 घंटों के भीतर यात्रियों के निवास स्थान या उनकी पसंद के पते पर पहुँचाया जाए।
एयरलाइनों को बैगेज ट्रैकिंग और डिलीवरी समय-सीमा के बारे में यात्रियों के साथ स्पष्ट संचार बनाए रखने तथा आवश्यक होने पर मौजूदा यात्री अधिकार विनियमों के तहत क्षतिपूर्ति प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।

यात्रियों के लिए ज़ीरो-इनकन्वीनियंस नीति

नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस अवधि में यात्रियों के अधिकारों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइनों, हवाईअड्डों, सुरक्षा एजेंसियों और सभी परिचालन हितधारकों के साथ निरंतर समन्वय में है।
वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग यात्रियों, छात्रों, मरीजों और तत्काल यात्रा की आवश्यकता वाले सभी लोगों के लिए उचित सुविधा सुनिश्चित करने हेतु निरीक्षण तंत्र (oversight mechanisms) को मजबूत किया गया है।
मंत्रालय रिकवरी प्रक्रिया की निरंतर निगरानी कर रहा है और परिचालन सामान्य स्थिति को यथाशीघ्र बहाल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।


राज्य वीरता पुरस्कार के लिए आवेदन 20 दिसंबर तक

No comments Document Thumbnail

 रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अदम्य साहस, शौर्य, वीरता और बुद्धिमत्ता का परिचय देने वाले बच्चों को सम्मानित करने हेतु प्रतिष्ठित “राज्य वीरता पुरस्कार” के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। यह पुरस्कार उन बालक-बालिकाओं को समर्पित है, जिन्होंने किसी विशेष घटना में निःस्वार्थ भाव से किसी जीवन को बचाने या गंभीर क्षति से संरक्षित करने का साहसिक कार्य किया हो।


पुरस्कार के लिए पात्रता में आवेदक की आयु 18 वर्ष से कम होना अनिवार्य है तथा घटना की अवधि 1 जनवरी 2025 से 15 दिसंबर 2025 के बीच की होनी चाहिए। चयनित बच्चों को 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि, मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।

इच्छुक अभ्यर्थी अपने आवेदन 20 दिसंबर 2025 तक संबंधित जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय में जमा कर सकते हैं। पुरस्कार से संबंधित विस्तृत जानकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.