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अयोध्या में ध्वज आरोहण: राम मंदिर के पूर्ण वैभव का ऐतिहासिक क्षण

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“यह भव्य राम मंदिर भारत की समृद्धि, उदय और विकसित भारत का साक्षी बनेगा।” — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भूमिका

जब भोर की पहली किरणें अयोध्या के प्राचीन नगर पर फैलती हैं, तो वे केवल पत्थरों पर उकेरी गई कलाकृतियों को नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का वह इतिहास भी प्रकाशित करती हैं जिसने सदियों तक पीढ़ियों को दिशा दी है।

भव्य और पूर्ण स्वरूप में खड़ा श्री राम जन्मभूमि मंदिर केवल एक स्थापत्य चमत्कार नहीं, बल्कि आस्था, धैर्य और सांस्कृतिक संकल्प का उज्ज्वल प्रतीक है।

विश्वभर के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए अयोध्या सदैव भगवान श्रीराम की जन्मभूमि रही है। इसलिए यहां एक भव्य मंदिर का निर्माण भारतीय सांस्कृतिक चेतना का नैसर्गिक विस्तार था।

25 नवंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर परिसर में ध्वजा-रोहण करेंगे। यह 22 फुट ऊँचा पावन ध्वज धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक है और विश्वभर के भक्तों को इस पावन अवसर का सहभागी बनने का निमंत्रण है।

ऐतिहासिक यात्रा : आस्था से न्याय तक

राम जन्मभूमि का इतिहास भारत की सभ्यता, आस्था और न्याय व्यवस्था की सशक्त कहानी है।

9 नवंबर 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय देते हुए संपूर्ण 2.77 एकड़ भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए प्रदान की।

यह निर्णय भारत की:

  • न्याय व्यवस्था की मज़बूती,

  • सुलह-संवाद की भावना,

  • और संवैधानिक मूल्यों

— इन सबका उज्ज्वल उदाहरण बना।

इसके बाद 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने भूमिपूजन कर निर्माण की आधारशिला रखी और इसे सदियों पुरानी प्रतीक्षा का अंत बताया।

मंदिर का भव्य स्वरूप

भव्य श्री राम मंदिर नागर शैली में निर्मित है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • 392 स्तंभ,

  • 44 प्रवेश द्वार,

  • स्तंभों और दीवारों पर अद्भुत देव प्रतिमाओं व शिल्पकारी का अलंकरण

  • सिंहद्वार से 32 सीढ़ियों के बाद गर्भगृह

  • भूमि तल पर बाल-रूप श्री रामलला की प्रतिमा की स्थापना

  • पाँच मंडप — नृत्य, रंग, सभा, प्रार्थना और कीर्तन

मंदिर परिसर में:

  • प्राचीन कुबेर टीला का शिव मंदिर

  • ऐतिहासिक सीता कूप

  • दिव्य प्रकाश व्यवस्था

  • श्रद्धालुओं के लिए विशाल मार्ग एवं सुविधाएँ

सभी शामिल हैं।

यह मंदिर भारत की सतत् आस्था, हज़ारों वर्षों की सांस्कृतिक निरंतरता, और कानून द्वारा संरक्षित आस्था का अद्भुत संगम है।

वैश्विक प्रभाव

राम मंदिर की भव्यता और प्रतीकात्मकता ने भारत की सीमाओं से परे भी अपनी गूंज दर्ज कराई है।

कैरेबियन देश त्रिनिदाद एवं टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में भी एक भव्य राम मंदिर के निर्माण की घोषणा की गई है। मई 2025 में वहां अयोध्या स्थित रामलला की प्रतिकृति का अनावरण किया गया, जिसने वैश्विक श्रद्धालुओं को एकजुट किया।


कला, विज्ञान और आधुनिकता का संगम

मंदिर का डिजाइन अहमदाबाद के प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा द्वारा तैयार किया गया है।

निर्माण कार्य:

  • लार्सन एंड टुब्रो,

  • परामर्श: टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स,

  • तकनीकी सहयोग: IIT मद्रास, IIT दिल्ली, IIT मुंबई, IIT गुवाहाटी

— के द्वारा किया गया।

मंदिर के निर्माण में प्रयोग हुए पत्थर और इंजीनियरिंग तकनीकें इसे हज़ार वर्षों तक टिकाऊ बनाती हैं।

श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएँ:

  • पिलग्रिम फैसिलिटी सेंटर (PFC)

  • बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए रैम्प

  • आपातकालीन मेडिकल सेवा

  • सौर ऊर्जा आधारित बिजली

इससे मंदिर आधुनिक भारत और आध्यात्मिक विरासत का संतुलन बनाता है।

समापन : एक सपना, एक ध्वज, एक युग का उद्घाटन

25 नवंबर 2025, जब राम मंदिर के ऊपर पवित्र ध्वज लहराएगा, तब केवल एक भव्य मंदिर का पूर्ण उद्घाटन नहीं होगा—

बल्कि एक युग का पुनर्जागरण होगा।

ये ध्वजारोहण:

  • आस्था की विजय,

  • न्याय की प्रतिष्ठा,

  • सांस्कृतिक पुनर्जागरण,

  • और विकसित भारत की दिशा

— इन सभी का दिव्य संगम होगा।

आज राम मंदिर केवल पत्थरों में गढ़ी एक संरचना नहीं है।
यह भारत की आत्मा, संघर्ष, श्रद्धा, और वैश्विक भविष्य से जुड़ता एक सेतु है।


जनजातीय शिक्षा को सशक्त बनाने हेतु NESTS की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति छात्र शिक्षा समाज (NESTS) ने 21–22 नवंबर 2025 को आकाशवाणी भवन, नई दिल्ली में “जनजातीय शिक्षा के लिए गुणवत्तापूर्ण ढाँचा निर्माण” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह कार्यशाला सरकार द्वारा जनजातीय समुदायों की शैक्षणिक संरचना को मज़बूत करने और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) के माध्यम से सतत एवं प्रभावी शिक्षण वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल माननीय प्रधानमंत्री के “शिक्षा द्वारा जनजातीय परिवर्तन” के विज़न को साकार करने पर केंद्रित है।

जनजाति कार्य मंत्रालय की सचिव ने कार्यशाला का उद्घाटन किया, इंजीनियर्स हैंडबुक जारी

कार्यक्रम का उद्घाटन रंजन चोपड़ा, सचिव, जनजाति कार्य मंत्रालय ने किया। उन्होंने EMRS इंजीनियर्स हैंडबुक भी जारी की।
सचिव ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य NESTS, परियोजना टीमों और EMRS निर्माण स्थलों पर कार्यरत इंजीनियरों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है।

उन्होंने कहा कि EMRS जनजातीय छात्रों और उनके परिवारों में आत्मविश्वास और सम्मान की भावना जगाते हुए सामाजिक परिवर्तन का माध्यम हैं।

उन्होंने विद्यालयों के निर्माण में सुरक्षा, संरचनात्मक मजबूती और सौंदर्य को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ये विद्यालय आशा और अवसर के प्रतीक हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यद्यपि स्थलों से संबंधित चुनौतियाँ हैं, फिर भी परिश्रम, पारदर्शी संवाद और समान अपेक्षाएँ उच्च गुणवत्ता वाले EMRS कैंपस बनाने में सहायक होंगे। यह कार्यशाला तकनीकी सवालों को हल करने, सूचना की खाई को पाटने और समन्वित प्रयासों को प्रोत्साहित करेगी।

NESTS के आयुक्त का संबोधन

शुरुआत में NESTS के आयुक्त अजीत के. श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
अपने संबोधन में उन्होंने बताया:

  • वर्तमान में 499 EMRS स्कूल संचालित हैं,

  • 397 स्कूल भवन पूर्ण हो चुके हैं,

  • शेष विद्यालय निर्माण या पूर्व-निर्माण चरणों में हैं।

उन्होंने समय पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण के महत्व पर जोर देते हुए कहा:

“अच्छी गुणवत्ता वाले EMRS का समय पर पूरा न होना मतलब है कि जनजातीय बच्चे स्कूल नहीं जा पाएँगे—जो बिल्कुल स्वीकार्य नहीं।”

कार्यशाला के बारे में

कार्यशाला में PSUs, CPWD, राज्य सरकारों और विभिन्न निर्माण एजेंसियों के इंजीनियरों ने भाग लिया।
यह कार्यक्रम क्षमता-विकास पर केंद्रित था ताकि EMRS निर्माण कार्य को तेजी और गुणवत्ता के साथ आगे बढ़ाया जा सके।

सत्रों में निम्न विषय शामिल थे:

  • परियोजना योजना व निगरानी

  • भू-तकनीकी जांच

  • सामग्री परीक्षण

  • अर्थवर्क और रिइनफोर्समेंट

  • जनजातीय क्षेत्रों की चुनौतियों के अनुरूप निर्माण प्रथाएँ

प्रतिभागियों ने भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों के अनुरूप निर्माण मॉडल अपनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए विशेषज्ञों का मार्गदर्शन

IIT, NIT, CBRI, SAI सहित प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने निम्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया:

  • गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली

  • सामग्री परीक्षण तकनीक

  • प्रभावी परियोजना प्रबंधन

  • क्षेत्रीय चुनौतियों के समाधान

इंटरैक्टिव सत्रों में इंजीनियरों ने अपने अनुभव साझा किए और व्यावहारिक समाधान खोजे।

यह कार्यशाला जनजातीय छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मजबूत विद्यालय अवसंरचना सुनिश्चित करने की दिशा में NESTS के मिशन का महत्वपूर्ण कदम है। यह जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा के परिदृश्य को बदलने की सरकारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।


भारत सरकार ने की बड़ी कार्रवाई: मोबाइल के IMEI से छेड़छाड़ पर अब सख्त सजा, तीन साल तक की जेल और ₹50 लाख तक जुर्माना

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मोबाइल कनेक्टिविटी में तेजी के साथ भारत में IMEI जैसी टेलीकॉम पहचान संख्या के दुरुपयोग के मामले भी बढ़े हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने इन टेलीकॉम पहचानकर्ताओं से छेड़छाड़ और गलत उपयोग रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं।

दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकम्यूनिकेशंस एक्ट, 2023 के तहत IMEI और अन्य डिवाइस पहचान संख्याओं से छेड़छाड़ को गंभीर अपराध बताया है और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

कानून में क्या है प्रावधान?

टेलीकम्यूनिकेशंस एक्ट, 2023 में IMEI से छेड़छाड़ पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

  • सेक्शन 42(3)(c): किसी भी टेलीकॉम पहचानकर्ता (IMEI सहित) से छेड़छाड़ करना अपराध।

  • सेक्शन 42(3)(e): फर्जी दस्तावेज़, धोखाधड़ी या किसी की नकल कर SIM या टेलीकॉम पहचानकर्ता प्राप्त करना अवैध।

  • सेक्शन 42(3)(f): ऐसे मोबाइल, मॉडेम, SIM Box या अन्य रेडियो उपकरण रखना, जिसमें जानबूझकर छेड़छाड़ किया गया IMEI हो — अपराध।

सजा क्या है?

➡️ तीन साल तक की जेल,
➡️ ₹50 लाख तक का जुर्माना, या
➡️ दोनों
ये अपराध गंभीर, गिरफ्तारी योग्य (Cognizable) और जमानत रहित (Non-bailable) हैं।

टेलीकॉम साइबर सुरक्षा नियम, 2024 के तहत:

  • किसी भी व्यक्ति को IMEI बदलना, छेड़छाड़ करना, या ऐसे उपकरण रखना/खरीदना/बेचना मना है, जिनमें IMEI बदला जा सकता हो।

नागरिकों को क्या नहीं करना चाहिए?

🚫 छेड़छाड़ किए गए IMEI वाले मोबाइल का उपयोग
🚫 मॉडेम, मॉड्यूल, SIM Box जैसे उपकरण जिनमें IMEI बदला जा सके
🚫 फर्जी दस्तावेज़ों से SIM कार्ड लेना
🚫 दूसरों को अपने नाम के SIM कार्ड देना
🚫 कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (CLI) बदलने वाले ऐप्स/वेबसाइट का इस्तेमाल

➡️ ध्यान दें:

यदि किसी व्यक्ति ने अपने नाम पर SIM लेकर किसी और को दे दिया और उसका दुरुपयोग हुआ, तो कानूनन मूल धारक को भी अपराधी माना जाएगा।

कैसे करें IMEI की जांच?

सरकार ने संचार साथी (Sanchar Saathi) पहल के तहत मोबाइल सुरक्षा के लिए डिजिटल टूल उपलब्ध कराए हैं।
नागरिक IMEI की जानकारी यहाँ देख सकते हैं:

🔗 https://ceir.sancharsaathi.gov.in/Device/SancharSaathiKym.jsp

Sanchar Saathi मोबाइल ऐप भी उपलब्ध है:

यह पोर्टल ब्रांड, मॉडल और डिवाइस की असली जानकारी देता है।

नागरिकों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता

इन नियमों का पालन करने से न केवल मोबाइल धोखाधड़ी कम होगी, बल्कि देश की दूरसंचार व्यवस्था भी सुरक्षित होगी।

विस्तृत जानकारी के लिए विज़िट करें:


भारत–कनाडा आर्थिक सहयोग में नई ऊर्जा: पीयूष गोयल ने क्रिटिकल मिनरल्स, क्लीन एनर्जी और एआई में अपार संभावनाएँ बताईं

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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में इंडो-कनाडियन बिजनेस चैंबर को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और कनाडा के बीच क्रिटिकल मिनरल्स, मिनरल प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी, क्लीन एनर्जी, न्यूक्लियर एनर्जी और सप्लाई-चेन विविधीकरण में सहयोग की व्यापक संभावनाएँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग और नेक्स्ट-जनरेशन डेटा सेंटर्स जैसे उभरते क्षेत्रों में भारत की क्षमता दुनिया में तेजी से बढ़ रही है और भारत हर वर्ष सबसे बड़ा STEM टैलेंट पूल तैयार कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा प्राकृतिक सहयोगी हैं, जिनकी पूरक क्षमताएँ—व्यापार, निवेश और नई तकनीकों में व्यापक अवसर पैदा करती हैं।

भारत–कनाडा के मजबूत संबंध और CEPA पर प्रगति

पीयूष गोयल ने G20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच हुई सकारात्मक बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने उच्च महत्त्वाकांक्षी CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) पर बातचीत शुरू करने और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने पर सहमति व्यक्त की है।

उन्होंने कहा कि CEPA दोनों देशों के बीच विश्वास, निवेश सुरक्षा और सम्मानजनक संवाद को मजबूत करेगा।

क्लीन एनर्जी और एआई–ड्रिवन इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारत अग्रणी

पीयूष गोयल ने बताया कि भारत की 500 GW की राष्ट्रीय पावर ग्रिड—जिसमें 250 GW नवीकरणीय ऊर्जा शामिल है—एआई आधारित प्रणालियों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है।

भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 GW क्लीन एनर्जी क्षमता हासिल करना है, जिससे भारत दुनिया के सबसे भरोसेमंद और किफायती स्वच्छ ऊर्जा प्रदाताओं में शामिल होगा।

भारत की अर्थव्यवस्था: मजबूती, स्थिरता और वैश्विक विश्वास

उन्होंने बताया कि भारत “Fragile Five” की सूची से आगे बढ़कर आज दुनिया की शीर्ष पाँच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है और अगले 2–2.5 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।

भारत के पास—

  • कम मुद्रास्फीति,

  • मजबूत बैंकिंग प्रणाली,

  • ऊँचे विदेशी मुद्रा भंडार,

  • तेज़ी से विकसित होता इंफ्रास्ट्रक्चर,

  • और सशक्त कैपिटल मार्केट है।

उन्होंने यह भी बताया कि बीते 11 वर्षों में भारतीय शेयर बाजार 4.5 गुना तक बढ़ा है, जो निवेशकों के विश्वास का प्रमाण है।

भारत–कनाडा साझेदारी को मज़बूत करने के लिए पाँच–बिंदु प्रस्ताव

पीयूष गोयल ने दोनों देशों के बीच संबंध को गति देने के लिए पाँच प्रमुख सुझाव दिए—

  1. संवाद को परिणामों में बदलना
    — स्पष्ट रोडमैप, लक्ष्य और मापनीय प्रगति।

  2. सीईओ फोरम को सक्रिय करना
    — उद्योगों के बीच सीधे सहयोग को बढ़ावा देना।

  3. कनाडा को भारत के आगामी AI Summit में भाग लेने के लिए आमंत्रण।

  4. संयुक्त नवाचार को बढ़ावा
    — भारत की मजबूत IPR व्यवस्था, विशाल डेटा सेट और किफायती अनुसंधान माहौल का लाभ उठाना।

  5. प्रमुख क्षेत्रों में साझेदारी
    — क्रिटिकल मिनरल्स, क्लीन एनर्जी, एयरोस्पेस, रक्षा और मेक इन इंडिया के तहत निर्माण।

उन्होंने कहा कि कनाडाई नवाचार और भारतीय क्षमताएँ मिलकर दुनिया के लिए नई संभावनाएँ पैदा कर सकती हैं।

भारत–कनाडा सहयोग: 2047 के विकसित भारत की यात्रा में साथ

अंत में,पीयूष गोयल ने कनाडाई कंपनियों को भारत की विकसित राष्ट्र 2047 की यात्रा में सहयोगी बनने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि भारत स्थिर, पारदर्शी और अवसरों से भरपूर वातावरण प्रदान करता है और आने वाले वर्षों में भारत–कनाडा साझेदारी और अधिक मजबूत होगी।


प्रधानमंत्री मोदी ने लचित बोड़फुकन को याद कर कहा—साहस और देशभक्ति के अमर प्रतीक

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लचित दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असम के महान सेनानी लचित बोड़फुकन को याद करते हुए उन्हें साहस, देशभक्ति और सच्चे नेतृत्व का प्रतीक बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लचित बोड़फुकन का वीरता भरा इतिहास आने वाली पीढ़ियों को निरंतर प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने इस महान योद्धा की उस महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया, जिसके चलते असम की समृद्ध और अद्वितीय संस्कृति संरक्षित रह सकी और एकता व दृढ़ता के मूल्यों को मजबूती मिली।

प्रधानमंत्री मोदी ने X पर अपने संदेश में कहा:

“लचित दिवस पर हम लचित बोड़फुकन को याद करते हैं, जो साहस, देशभक्ति और सच्चे नेतृत्व के प्रतीक हैं। उनकी वीरता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। असम की अनुकरणीय संस्कृति की रक्षा में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।”

प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व बॉक्सिंग कप फाइनल 2025 में भारत के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर खिलाड़ियों को बधाई दी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व बॉक्सिंग कप फाइनल 2025 में भारतीय बॉक्सरों के शानदार, ऐतिहासिक और रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन पर बधाई दी है। भारतीय खिलाड़ियों ने इस प्रतियोगिता में कुल 20 पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया, जिनमें 9 स्वर्ण पदक शामिल हैं। यह उपलब्धि भारतीय बॉक्सिंग की ताकत, खिलाड़ियों के हौसले और उनकी निरंतर मेहनत का असाधारण प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय बॉक्सर अपनी लगन, जुनून और दृढ़ संकल्प के दम पर दुनिया में देश का मान बढ़ा रहे हैं। यह प्रदर्शन आने वाले वर्षों में भारतीय खेलों के लिए एक प्रेरक मील का पत्थर साबित होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा:

“हमारे शानदार एथलीट्स ने विश्व बॉक्सिंग कप फाइनल्स 2025 में असाधारण और रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन किया! उन्होंने 9 गोल्ड समेत कुल 20 पदक जीतकर नया इतिहास बनाया है। यह हमारे बॉक्सर्स के संकल्प और दृढ़ता का परिणाम है। उन्हें बधाई! आगे के प्रयासों के लिए शुभकामनाएँ।”

यह प्रदर्शन भारतीय खेल इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है, और आने वाली पीढ़ियों को नए सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा देता रहेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम को विश्व विजेता बनने पर दी बधाई, कहा—“हर खिलाड़ी है चैंपियन, उपलब्धि प्रेरित करेगी आने वाली पीढ़ियों को”

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारतीय ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम को पहला ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप जीतकर इतिहास रचने पर हार्दिक बधाई दी। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अपराजित रहते हुए देश का मान बढ़ाया और खेल जगत में एक नया स्वर्णिम अध्याय लिख दिया।

प्रधानमंत्री ने टीम की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को मेहनत, टीमवर्क और अटूट संकल्प का प्रेरणादायी उदाहरण बताते हुए कहा कि खिलाड़ियों का समर्पण एवं जज़्बा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

X पर साझा अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने लिखा:

“प्रथम ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप जीतकर इतिहास रचने के लिए भारतीय ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम को हार्दिक बधाई! इससे भी अधिक गर्व की बात यह है कि टीम पूरे टूर्नामेंट में अपराजित रही। यह उपलब्धि कड़ी मेहनत, टीमवर्क और दृढ़ निश्चय का चमकदार प्रमाण है। हर खिलाड़ी एक सच्ची चैंपियन है! टीम को भविष्य के लिए मेरी ढेरों शुभकामनाएँ। यह अद्वितीय प्रदर्शन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।”


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे कुरुक्षेत्र का दौरा: पंचजन्य लोकार्पण और गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत दिवस पर विशेष कार्यक्रम

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को हरियाणा के पवित्र नगर कुरुक्षेत्र का दौरा करेंगे, जहाँ वे कई ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व के कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

पंचजन्य का लोकार्पण — 4:00 PM

प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य शंख ‘पंचजन्य’ के सम्मान में निर्मित नवीन परिसर का लोकार्पण करेंगे। यह स्थल महाभारत और गीता से जुड़े सांस्कृतिक वैभव को समर्पित है।

इसके बाद वे महाभारत अनुभव केंद्र (Mahabharata Anubhav Kendra) का अवलोकन करेंगे। यह एक अत्याधुनिक, अनुभव-आधारित केंद्र है, जहाँ महाभारत के प्रमुख प्रसंगों को अभिनव तकनीक और कलात्मक इंस्टॉलेशन के माध्यम से जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया है।

गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर विशेष कार्यक्रम — 4:30 PM

प्रधानमंत्री मोदी इसके बाद गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस अवसर पर वे:

  • 350वीं शहादत दिवस को समर्पित स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करेंगे

  • उपस्थित संगत को संबोधित करेंगे

गौरतलब है कि भारत सरकार गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की 350वीं वर्षगांठ को सालभर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मना रही है।

ब्रह्मसरवर में दर्शन और पूजा — 5:45 PM

प्रधानमंत्री शाम को ब्रह्म सरोवर में पूजा-अर्चना करेंगे। यह पवित्र स्थल श्रीमद्भगवद्गीता के दिव्य उपदेश से जुड़ा माना जाता है और देश के प्रमुख तीर्थों में से एक है।

यह दौरा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान हो रहा है, जो 15 नवंबर से 5 दिसंबर तक कुरुक्षेत्र में मनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री का कुरुक्षेत्र दौरा भारतीय सांस्कृतिक धरोहर, अध्यात्म और राष्ट्र के ऐतिहासिक मूल्यों को पुनर्स्मरण कराने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।

राष्ट्रपति भवन में भव्य समारोह: न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने ली भारत के नए प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ

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नई दिल्ली — राष्ट्रपति भवन के प्रतिष्ठित गणतंत्र मंडप में आज सुबह 10 बजे आयोजित एक गरिमामय समारोह में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में शपथ ग्रहण की।

राष्ट्रपति ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रीगण, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, संवैधानिक पदाधिकारी तथा कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत के शपथ ग्रहण के साथ ही देश की न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर एक अनुभवी, संवेदनशील और दूरदर्शी न्यायाधीश की नियुक्ति हुई है। संवैधानिक कानून, जनहित मामलों और न्यायिक सुधारों में उनके व्यापक योगदान को देशभर में सराहा जाता है।

इस अवसर ने भारत की न्याय व्यवस्था में एक नए अध्याय की शुरुआत की, जो न्याय, पारदर्शिता और संविधान की सर्वोच्चता के प्रति समर्पण को और मजबूत करता है।


पीएम मोदी कल फहराएँगे राम मंदिर का ध्वज, 191 फीट ऊँचे शिखर पर होगा ध्वजारोहण

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 अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के 191 फुट ऊँचे शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल पवित्र ध्वज फहराएँगे। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि यह ध्वजारोहण केवल एक समारोह नहीं, बल्कि दुनिया भर के भक्तों के लिए यह संदेश है कि मंदिर का निर्माण पूर्ण हो चुका है।


मिश्र ने एएनआई से बातचीत में कहा कि अब भगवान श्रीराम अपने उचित स्थान पर विराजमान हैं। उन्होंने बताया कि पहली मंजिल पर रामलला के साथ सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी भी प्रतिष्ठित हैं। ध्वजारोहण के दिन विशेष आरती भी की जाएगी, जो इस आयोजन को अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है।

समाज के हर वर्ग को मिलेगा प्रतिनिधित्व

नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम में केवल विशिष्ट लोगों को नहीं, बल्कि समाज के उन तबकों को भी आमंत्रित किया गया है जिन्हें पहले कभी ऐसे आयोजनों में स्थान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि भगवान राम सामाजिक समरसता का संदेश देते हैं, इसलिए उन समुदायों के लोग भी आमंत्रित हैं जिनके साथ भगवान राम ने अपने वनवास काल में संवाद किया था — जैसे निषाद समुदाय और शबरी माता का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग।

चंपत राय कर रहे तैयारियों की निगरानी

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पूरे आयोजन की व्यवस्थाओं पर नजर रख रहे हैं। मिश्र ने बताया कि कार्यक्रम के लिए 6,000 से 8,000 श्रद्धालुओं की सूची तैयार की गई है, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश और अयोध्या से गहरा संबंध रखने वाले भक्तों को प्राथमिकता दी गई है।

‘सीमाएं बदल सकती हैं’- राजनाथ के सिंध बयान पर तिलमिलाया पाकिस्तान

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 India vs Pakistan : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ‘सिंध भारत का अभिन्न अंग है और भविष्य में सीमाएं बदल सकती हैं’ वाले बयान पर पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसे “विस्तारवादी हिंदुत्व सोच” करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मान्यता प्राप्त सीमाओं का उल्लंघन बताया है।


राजनाथ सिंह ने रविवार को दिल्ली में सिंधी समाज के एक कार्यक्रम में कहा कि “सिंध सभ्यतागत रूप से भारत का हिस्सा रहा है। आज भले यह भारत से भौगोलिक रूप से अलग हो, लेकिन भविष्य में स्थितियां बदल सकती हैं।” उन्होंने कहा कि सिंधु नदी के प्रति भारतीय संस्कृति का सम्मान आज भी उतना ही गहरा है।

आडवाणी का उल्लेख—‘सीमाएं स्थायी नहीं होतीं’

कार्यक्रम में सिंह ने पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के उस कथन को भी दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पीढ़ी के सिंधी हिंदू सिंध के भारत से अलग हो जाने को अब भी स्वीकार नहीं कर पाए। राजनाथ सिंह ने कहा—
“आडवाणी जी ने लिखा था कि सीमाएं स्थायी नहीं होतीं। कौन जानता है, कल सिंध फिर भारत का हिस्सा बन जाए।”

उन्होंने यह भी कहा कि सिंधु नदी को लेकर न सिर्फ भारत के हिंदुओं में आस्था है, बल्कि सिंध के कई मुसलमान भी इसे मक्का के ‘आब-ए-जमजम’ से कम पवित्र नहीं मानते।

‘अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन’ - पाकिस्तान 

राजनाथ सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह बयान दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता को खतरे में डालने वाला है। पाकिस्तान ने कहा कि भारत “ऐतिहासिक तथ्यों और स्थापित सीमाओं को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है।”

साथ ही, पाकिस्तान ने भारत को उत्तर-पूर्व के मुद्दों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ध्यान देने की नसीहत दी।

CAA पर भी बोले राजनाथ सिंह

इसी कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि CAA पड़ोसी देशों से आए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने का मानवीय कदम है।

सोने के दामों में गिरावट, चांदी भी सस्ती हुई; जानें आज आपके शहर में क्या चल रहा है भाव

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Gold-Silver Rate Today: हफ्ते की शुरुआत सोने और चांदी, दोनों के लिए कमजोर रही। सोमवार को 24 कैरेट गोल्ड के दाम में गिरावट दर्ज की गई। 24 नवंबर को दिल्ली में 24 कैरेट सोना घटकर ₹1,25,980 प्रति 10 ग्राम पर आ गया। मुंबई में इसका भाव ₹1,25,830 प्रति 10 ग्राम रहा। देश के अधिकतर शहरों में यही गिरावट देखने को मिली।


बीते एक हफ्ते में 24 कैरेट सोने में करीब ₹760 और 22 कैरेट सोने में ₹700 की तेजी देखने को मिली थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का हाजिर भाव $4061.91 प्रति औंस पर है।

देश के प्रमुख शहरों में आज का गोल्ड रेट (सोमवार)

24 कैरेट और 22 कैरेट सोने का ताज़ा भाव
शहर 22 कैरेट (₹) 24 कैरेट (₹)
दिल्ली 1,15,490 1,25,980
मुंबई 1,15,340 1,25,830
अहमदाबाद 1,13,680 1,24,010
चेन्नई 1,15,340 1,25,830
कोलकाता 1,15,340 1,25,830
हैदराबाद 1,15,340 1,25,830
जयपुर 1,15,490 1,25,980
भोपाल 1,13,680 1,24,010
लखनऊ 1,15,490 1,25,980
चंडीगढ़ 1,15,490 1,25,980
चांदी भी हुई सस्ती

गोल्ड की तरह चांदी में भी गिरावट देखने को मिली। सोमवार को चांदी का रेट ₹1,63,900 प्रति किलोग्राम रहा। सप्ताह भर में चांदी ₹5,000 तक सस्ती हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का वायदा भाव $49.56 प्रति औंस पर पहुंच चुका है।

आगे कैसी रह सकती है सोने की चाल?

एक्सपर्ट्स के अनुसार-

  • डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी की वजह से भारत में दामों में गिरावट सीमित रही है।
  • अमेरिका में उम्मीद से बेहतर नॉन-फार्म पेरोल डेटा आया है, जिससे ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कम हुई है।
  • इन मिश्रित संकेतों के बीच सोने पर दबाव बना रह सकता है।

53rd CJI Oath Ceremony : भारत को मिला नया CJI: जस्टिस सूर्यकांत ने ली शपथ

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 53rd CJI Oath Ceremony : रविवार शाम देश की न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव हुआ। जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस बी.आर. गवई के सेवानिवृत्त होते ही सर्वोच्च न्यायालय की जिम्मेदारी अब जस्टिस सूर्यकांत के हाथों में आ गई है।


शपथ कार्यक्रम में देश–विदेश की मौजूदगी

नई दिल्ली में आयोजित समारोह में कई प्रतिष्ठित हस्तियाँ उपस्थित रहीं। खास बात यह रही कि सात देशों के चीफ जस्टिस भी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। कानूनी जगत में इस नियुक्ति को लेकर उत्साह देखा गया और इसे सुप्रीम कोर्ट में “नए दौर की शुरुआत” के रूप में देखा जा रहा है।

  • 370, पेगासस, बिहार वोटर लिस्ट—महत्वपूर्ण मामलों में निभाई भूमिका
  • जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के कई बड़े और संवैधानिक महत्व के मामलों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें शामिल हैं—
  • अनुच्छेद 370 हटाने से जुड़े फैसले
  • पेगासस स्पाइवेयर जांच मामला
  • बिहार की वोटर लिस्ट से जुड़े सवाल
  • इन मामलों में उनकी भूमिका ने उन्हें देश की न्याय व्यवस्था में विशेष पहचान दी है।

15 महीने का कार्यकाल

30 अक्टूबर को CJI-डिज़िग्नेट बनाए गए जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल लगभग 15 महीने का होगा। वे 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त होंगे।

कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत? — साधारण परिवार से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

  • 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत का सफर प्रेरणादायक माना जाता है।
  • कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से लॉ में मास्टर डिग्री (फर्स्ट क्लास फर्स्ट)
  • पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में उल्लेखनीय फैसले
  • हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस
  • 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त

उनके कुछ महत्वपूर्ण फैसले

  • सुप्रीम कोर्ट में रहते हुए वे कई अहम बेंचों का हिस्सा रहे—
  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े फैसले
  • नागरिकता और संवैधानिक दिशानिर्देश
  • राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों की व्याख्या करने वाली बेंच
  • बिहार में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से 65 लाख गायब वोटरों पर चुनाव आयोग से रिपोर्ट तलब करना

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाउसिंग बोर्ड की 2060 करोड़ की लागत वाली आवासीय परियोजनाओं का किया शुभारंभ

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राज्य के 26 जिलों में हाउसिंग बोर्ड की 55 परियोजनाओं से बनेंगे 12 हजार से अधिक किफायती एवं गुणवत्तापूर्ण आवास 

शंकर नगर बीटीआई ग्राउण्ड में 3 दिवसीय राज्य स्तरीय आवास मेला शुरू

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआई ग्राउण्ड में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय आवास मेले में छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की 2060 करोड़ की आवासीय परियोजनाओं का शुभारंभ किया। यह 55 परियोजना राज्य के 26 जिलों में शुरू होंगी, जिनके माध्यम से 12 हजार से अधिक किफायती एवं गुणवत्तापूर्ण मकानों का निर्माण किया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने हाउसिंग बोर्ड के एआई चैट बॉट और पोर्टल का भी शुभारंभ किया। इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को हाउसिंग बोर्ड की आवासीय परियोजनाओं की जानकारी सहजता से मिल सकेगी।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक पुरंदर मिश्रा, विधायक अनुज शर्मा, अध्यक्ष गृह निर्माण मंडल अनुराग सिंहदेव, फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष मोना सेन, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष जतीन साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की टीम बहुत बेहतर है। राज्य के लोगों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण मकान उपलब्ध कराने के लिए नवाचार के साथ आगे बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने हाउसिंग बोर्ड के 790 करोड़ रूपए के कर्ज को अदा कर बोर्ड को कर्ज मुक्त कर दिया है ताकि बोर्ड बेहतर रणनीति के साथ काम करें। उन्होंने जरूरतमंदों एवं आवासहीनों को पक्का मकान दिए जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन पूरे देश में संचालित प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि 2 वर्षों में छत्तीसगढ़ राज्य में इस योजना के तहत 26 लाख लोगों को आवासों की मंजूरी दी गई। सबका आवास बन रहा है। पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 32 हजार तथा बस्तर में आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए 15 हजार आवास की मंजूरी दी गई है। 

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य स्तरीय आवास मेले में आवास बुकिंग का प्रमाण पत्र, हाउसिंग बोर्ड के उपभोक्ताओं को आवास की चाबी तथा फ्री होल्ड मकान का प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। 

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के कार्यों की सराहना की और कहा कि बोर्ड की वर्तमान टीम, हाउसिंग के क्षेत्र में अच्छा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आवास मेले की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब से मेला शुरू हुआ है रोड पर जाम लग गया है और टैªफिक व्यवस्था संभल नहीं रही है। उन्होंने राज्य में जरूरतमंद परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि इसके लिए उन्होंने बजट में 14 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया। डॉ. सिंह ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड की सभी परियोजनाओं को जिलों में अच्छा प्रतिसाद मिलेगा। 

आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने हाउसिंग बोर्ड के काम-काज को बेहतर बनाने तथा उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में लिए गए फैसलों के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल से छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड 790 करोड़ रूपए के कर्ज से मुक्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि साल भर के भीतर हाउसिंग बोर्ड ने 672 करोड़ का बिजनेस किया है। लैंड डायवर्सन एवं फ्री होल्ड की रियायत सरकार ने देकर हाउसिंग बोर्ड और उपभोक्ताओं को राहत दी है। चौधरी ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड उपभोक्ताओं की डिमांड के आधार पर आवासीय परियोजनाओं के निर्माण का काम शुरू करेगा। 

कार्यक्रम को हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग सिंहदेव ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हाउसिंग बोर्ड राज्य के सभी जिलों में मकान का निर्माण करेगा। हम अगले चरण में सभी विधानसभा क्षेत्रों में भी आवासीय परियोजनाएं लॉन्च करेंगे। 

गौरतलब है कि बीटीआई ग्राउंड में यह राज्य स्तरीय आवास मेला 25 नवम्बर तक चलेगा। मेले के पहले दिन सुबह से ही मेला ग्राउंड में हाउसिंग बोर्ड की आवासीय परियोजनाओं की जानकारी लेने और आवास बुक कराने के लिए लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा था। शंकर नगर टर्निंग प्वाइंट से खम्हारडीह जाने वाली रोड पर जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी।


“वर्ल्ड चैंपियन भारत की बेटियाँ—आप पर देश को गर्व है” : मुख्यमंत्री देव साय

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कोलंबो में आयोजित विमेंस T20 वर्ल्ड कप क्रिकेट फॉर द ब्लाइंड में नेपाल को 7 विकेट से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनी भारतीय महिला टीम को हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने इसे पूरे देश के लिए गर्व, प्रेरणा और भावनाओं से भरा ऐतिहासिक क्षण बताया।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह जीत केवल एक खेल उपलब्धि भर नहीं है, बल्कि हिम्मत, विश्वास और अदम्य इच्छाशक्ति की विजयगाथा है। भारतीय बेटियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर संकल्प दृढ़ हो, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं रहती। विशेष रूप से दृष्टिबाधित महिलाओं की टीम द्वारा विश्व मंच पर हासिल की गई यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का उज्ज्वल दीपक बनेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की बेटियाँ हर क्षेत्र में उत्कृष्टता का नया इतिहास लिख रही हैं—खेल, शिक्षा, विज्ञान, आर्ट, टेक्नोलॉजी और नेतृत्व—हर जगह उनकी चमक राष्ट्र का गौरव बढ़ा रही है। यह जीत न सिर्फ क्रिकेट की जीत है, बल्कि नारी शक्ति, आत्मविश्वास और ‘नए भारत’ की भावना की जीत है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने भारतीय महिला टीम के सभी खिलाड़ियों, कोचिंग स्टाफ और सपोर्ट स्टाफ को बधाई देते हुए कहा कि उनका यह प्रदर्शन विश्व खेल जगत में भारत की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाइयों पर ले गया है।

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