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मुख्यमंत्री साय ने 187 करोड़ के 23 कार्यों का किया लोकार्पण-भूमिपूजन

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के फुंडहर खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में रायपुर नगर निगम क्षेत्र में 186 करोड़ 98 रुपए लागत के 23 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें 185 करोड़ 49 लाख रुपए के 17 कार्यों का भूमिपूजन और एक करोड़ 49 लाख रुपए के छह कार्यों का लोकार्पण शामिल है।


मुख्यमंत्री ने एक करोड़ रुपए की लागत से तेलीबांधा चौक पर निर्मित सिंदूर पथ, 49 लाख रुपए से अटल एक्सप्रेस-वे में फुंडहर चौक पर विकसित अटल परिसर और कोर्ट परिसर के पास बनाए गए वनभैंसा के साथ ही आईएसबीटी, मोवा ब्रिज और विधानसभा ब्रिज के नीचे बनाए गए बॉक्स क्रिकेट पिच का लोकार्पण किया।


मुख्यमंत्री साय ने पंडरी बस स्टैंड के पीछे 14 करोड़ 71 लाख रुपए तथा नरैया तालाब के पास 14 करोड़ 66 लाख रुपए के कामकाजी महिला छात्रावास का भूमिपूजन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के तहत तेलीबांधा चौक के पास 39 करोड़ 31 लाख रुपए के टेक्नीकल टॉवर और खम्हारडीह में 20 करोड़ 93 लाख रुपए के 2500 किलोलीटर क्षमता के नवीन जलागार का भी भूमिपूजन किया।

साय ने दलदल सिवनी अम्युजमेंट पार्क के पास 11 करोड़ 42 लाख रुपए के नालंदा परिसर, पचपेड़ी नाका से सीएसईबी चौक तक 13 करोड़ 39 लाख रुपए के गौरवपथ तथा 11 करोड़ 17 लाख रुपए के पीएम ई-बस डिपो एवं दो करोड़ 79 लाख रुपए के पीएम ई-बस डिपो के लिए इलेक्ट्रिक सब-स्टेशन का भूमिपूजन किया। उन्होंने लाभांडी और फुंडहर में 35 करोड़ 73 लाख रुपए के राइजिंग एवं डिस्ट्रीब्युशन पाइपलाइन, विधायक कॉलोनी से अविनाश वन होते हुए एनएच-53 तक एक करोड़ 94 लाख रुपए के नाला पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना में तीन करोड़ 23 लाख रुपए के सीसी रोड एवं नाली निर्माण तथा श्रीराम मंदिर के पास एक करोड़ 98 लाख रुपए के आरसीसी कवर्ड नाली निर्माण का भूमिपूजन किया।

मुख्यमंत्री ने रायपुर-ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में तीन करोड़ रुपए के मुख्य मार्गों के सुदृढ़ीकरण, बीटी रिनिवल, ड्रेन एवं अन्य कार्यों, रायपुर-उत्तर विधानसभा क्षेत्र में तीन करोड़ रुपए के मुख्य मार्गों के सुदृढ़ीकरण, बीटी रिनिवल, ड्रेन एवं अन्य कार्यों, रायपुर-दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में दो करोड़ 99 लाख रुपए के दतरेंगा मोड़ से चन्द्रा टाउन, महादेव घाट रोड तक सड़क सुदृढ़ीकरण, दो करोड़ 52 लाख रुपए से शहर के विभिन्न स्थानों में सड़क मरम्मत एवं बीटी टॉपिंग कार्य तथा दो करोड़ 71 लाख रुपए से शहर के विभिन्न मार्गों में बीटी टॉपिंग एवं पैच रिपेयर कार्य का भूमिपूजन किया।

हितग्राहियों को भवन निर्माण अनुज्ञा पत्र और चेक वितरित किए

मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के पांच हितग्राहियों कांती ढीढ़ी, सर्वश्री अजय शर्मा, योगेश साहू, पवन साहू और काशीराम वर्मा को भवन निर्माण अनुज्ञा पत्र वितरित किए। उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना के पांच हितग्राहियों उमा जोशी, फूलबाई गिरी, निशा द्विवेदी, रामप्यारी और भगवती यादव को 50-50 हजार रुपए का चेक प्रदान किया।

शीर्ष नक्सली नेता गणेश उइके का न्यूट्रलाइजेशन नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार - मुख्यमंत्री साय

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ओडिशा के कंधमाल-गंजाम सीमावर्ती वन क्षेत्रों में संचालित संयुक्त सुरक्षा अभियान में सीपीआई (माओवादी) संगठन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल गणेश उइके के न्यूट्रलाइज किए जाने को नक्सलवाद के विरुद्ध चल रही निर्णायक लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई नक्सल तंत्र की रीढ़ पर सीधा प्रहार है तथा स्पष्ट संदेश है कि अब नक्सल हिंसा के लिए देश में कहीं भी सुरक्षित ठिकाना शेष नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय संकल्प को साकार करने की दिशा में यह एक ठोस और निर्णायक कदम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दृढ़ नेतृत्व एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के सशक्त मार्गदर्शन में देश नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन की ओर तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। एक-भारत श्रेष्ठ-भारत की भावना के साथ केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति एवं विकास की नई धारा प्रवाहित हो रही है।

मुख्यमंत्री साय ने इस अभियान में शामिल सभी सुरक्षा बलों के जवानों और अधिकारियों के अदम्य साहस, पराक्रम और पेशेवर दक्षता को नमन किया तथा उनके उत्कृष्ट मनोबल की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है—“हिंसा का रास्ता छोड़िए, मुख्यधारा से जुड़िए; अन्यथा कानून अपना कार्य करेगा।”

उन्होंने कहा कि शांति, विकास और विश्वास ही नए भारत की पहचान है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के नए अवसर निरंतर सृजित किए जा रहे हैं। साथ ही हिंसा के मार्ग पर भटके युवाओं के पुनर्वास और मुख्यधारा में सम्मानजनक वापसी के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि जनता-जनार्दन के सहयोग, सुरक्षा बलों के साहस तथा स्पष्ट नीतिगत प्रतिबद्धता के बल पर नक्सल-मुक्त भारत का संकल्प शीघ्र ही पूर्णतः साकार होगा।

पत्नी मायके गई तो नाराज पति ने जेसीबी से गिरा दी ससुराल की चहारदीवारी

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 गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह जिले में पारिवारिक विवाद के कारण एक व्यक्ति ने जेसीबी मशीन से अपनी ससुराल की चहारदीवारी तोड़ दी। घटना के बाद पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला जमुआ थाना क्षेत्र के सिरसिया गांव का है।


जानकारी के अनुसार, गादी चंगुलो गांव निवासी पिंटू मंडल बुधवार रात जेसीबी लेकर ससुराल पहुंचा और मकान की दीवार गिरा दी। इससे गांव में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों के जुटने पर वह जेसीबी लेकर मौके से फरार हो गया।

पिंटू मंडल का कहना है कि शादी के साढ़े चार साल बाद भी उसकी पत्नी बार-बार मायके चली जाती है और ससुराल भेजने में उसके परिजन सहयोग नहीं करते। कई समझाइश के बावजूद पत्नी के वापस नहीं आने से वह तनाव में था।

वहीं पत्नी उर्मिला देवी ने आरोप लगाया कि पति रोज शराब पीकर मारपीट करता है। इसी कारण वह दोनों बच्चों के साथ मायके में रह रही है। उनका कहना है कि पंचायत में समझौते की कोशिश भी हुई, लेकिन पति ने हंगामा किया और गहने ले लिए।

जमुआ थाना प्रभारी विभूतिदेव कुमार ने बताया कि लिखित शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। दोनों पक्षों के बयान और साक्ष्यों के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

एंटी-नक्सल ऑपरेशन: इनामी कमांडर गणेश उइके समेत 4 माओवादी ढेर

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 सुकमा/ओड़िशा। नक्सल उन्मूलन प्रयासों के तहत सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है। ओड़िशा के कंधमाल जिले में जारी एंटी-नक्सल ऑपरेशन में इनामी माओवादी कमांडर गणेश उइके सहित चार नक्सली मारे गए हैं। पुलिस ने घटनास्थल से दो INSAS राइफल और एक .303 राइफल बरामद की है।


पुलिस के अनुसार यह कार्रवाई चाकापाड़ और राम्पा जंगल इलाके में हुई, जहाँ उड़ीसा स्पेशल फोर्स (SOG), सीआरपीएफ और बीएसएफ की संयुक्त टीमें सक्रिय रहीं। मारे गए नक्सलियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं।

डिग्री (DIG) ऑपरेशंस अखिलेश्वर सिंह और कंधमाल एसपी ने ऑपरेशन की निगरानी की। सुरक्षा बलों ने बताया कि 312 से अधिक टीमों और उपकरणों के साथ जारी इस अभियान का उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता और नागरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब 2025 में कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और कुछ मुठभेड़ों में मारे भी गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, गणेश उइके जैसे शीर्ष नेता के खिलाफ कार्रवाई से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की पकड़ और मजबूत होगी।

सुरक्षा बलों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना स्थानीय प्रशासन को दें।

मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 की घोषणा, छत्तीसगढ़ के श्रेष्ठ प्रशासनिक नवाचारों को मिलेगा सम्मान

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 रायपुर : छत्तीसगढ़ में सुशासन की दिशा में हो रहे परिवर्तन और प्रशासनिक संस्कृति के सुदृढ़ होते स्वरूप को रेखांकित करते हुए आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 की घोषणा की । यह पुरस्कार राज्य के विभिन्न जिलों और विभागों द्वारा लागू किए गए उन नवाचारों को सम्मानित करने हेतु दिए जाएंगे, जिन्होंने शासन व्यवस्था को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा स्थापित ये पुरस्कार इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि राज्य शासन सार्वजनिक प्रशासन के केंद्र में नवाचार, ठोस परिणाम और नागरिक हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने कहा कि शासन की गुणवत्ता को केवल मंशा या व्यय के आधार पर नहीं, बल्कि उसके वास्तविक, मापनीय प्रभाव, विस्तार-योग्यता और जमीनी समस्याओं के समाधान की क्षमता के आधार पर आँका जाना चाहिए। मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार इस नई प्रशासनिक सोच को संस्थागत रूप देने का प्रयास हैं, जहाँ तकनीक, संवेदनशीलता और संस्थागत सुधार मिलकर सार्वजनिक सेवा को सशक्त बनाते हैं।

उन्होंने कहा कि सुशासन केवल नीतियों से नहीं, बल्कि निरंतर हो रहे नवाचारों से साकार होता है। परम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर मनाए जा रहे सुशासन दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में जनहित को केंद्र में रखकर विकसित किए गए उत्कृष्ट प्रशासनिक नवाचारों को सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 के विजेताओं की घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा कि शासन में नवाचार कोई विकल्प नहीं, बल्कि समय की आवश्यकता और प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक प्रणालियों को नागरिकों की अपेक्षाओं के अनुरूप गति, पारदर्शिता और विश्वसनीयता के साथ निरंतर स्वयं को ढालना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन नवाचारों के सम्मान की आज घोषणा की गई है, वे केवल व्यक्तिगत उपलब्धियाँ नहीं, बल्कि भविष्य-उन्मुख शासन के लिए अनुकरणीय और दोहराने योग्य मॉडल हैं। मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 के लिए एक सुदृढ़ और बहु-स्तरीय मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसका उद्देश्य समावेशिता और गुणवत्ता के बीच संतुलन स्थापित करना था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कुल 312 नवाचार प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें 275 जिलों से और 37 राज्य स्तरीय विभागों से थे। यह व्यापक सहभागिता इस बात का प्रमाण है कि शासन के प्रत्येक स्तर पर समस्या-समाधान की नवाचारी सोच विकसित हो रही है। यह प्रवृत्ति समाधान-केंद्रित प्रशासन की ओर हो रहे सांस्कृतिक बदलाव को भी दर्शाती है।

मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार हेतु दो-स्तरीय चयन प्रक्रिया के अंतर्गत पहले चरण में 55 नवाचारों को शॉर्टलिस्ट किया गया। इसके बाद 13 नवाचारों को फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया और अंततः 10 विजेता नवाचारों का चयन किया गया, जिनमें जिला और विभागीय श्रेणियों से समान संख्या में प्रविष्टियाँ शामिल रहीं। मूल्यांकन के दौरान परिणामों को 50 अंक, विस्तार-योग्यता को 40 अंक और नवाचार को 10 अंक का भार दिया गया, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि सम्मान केवल विचारों पर नहीं, बल्कि वास्तविक और प्रभावशाली परिणामों पर आधारित हो।

जिला श्रेणी के विजेताओं में दंतेवाड़ा जिले की “ब्लॉकचेन आधारित भूमि अभिलेख डिजिटलीकरण” पहल एक प्रमुख उदाहरण के रूप में सामने आई। इस नवाचार के माध्यम से मैनुअल और कागजी प्रक्रियाओं को समाप्त कर ब्लॉकचेन आधारित छेड़छाड़-रोधी प्रणाली लागू की गई, जिससे भूमि अभिलेख प्राप्त करने का समय हफ्तों से घटाकर कुछ ही मिनटों में संभव हो सका। इस पहल से दस्तावेज़ी धोखाधड़ी पूरी तरह समाप्त हुई और सेवा प्रदाय में अभूतपूर्व तेजी आई, जिसने आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों में राजस्व प्रशासन के लिए एक नया मानक स्थापित किया।

जशपुर जिले की “निर्माण जशपुर” पहल ने यह दर्शाया कि एकीकृत डिजिटल मॉनिटरिंग किस प्रकार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन को प्रभावी बना सकती है। 16 विभागों की 7,300 से अधिक परियोजनाओं और 444 ग्राम पंचायतों को कवर करने वाली इस प्रणाली ने रियल-टाइम निगरानी, जियो-टैग्ड सत्यापन और GIS आधारित योजना को संभव बनाया, जिससे कार्यों की गुणवत्ता में सुधार हुआ और विलंब में उल्लेखनीय कमी आई।

मोहला–मानपुर–अंबागढ़ चौकी में लागू संवर्धित टेक-होम राशन (A-THR) नवाचार ने गंभीर कुपोषण जैसी चुनौती का प्रभावी समाधान प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से विकसित इस पोषण-घन आहार के माध्यम से गंभीर कुपोषित बच्चों में 77.5 प्रतिशत सुधार दर दर्ज की गई। यह पहल इस बात का उदाहरण है कि साक्ष्य-आधारित पोषण हस्तक्षेप बड़े पैमाने पर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

गरियाबंद जिले की “हाथी ट्रैकिंग एवं अलर्ट ऐप” ने मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने में तकनीक की भूमिका को सशक्त रूप से सामने रखा। AI आधारित ट्रैकिंग और रियल-टाइम अलर्ट व्यवस्था के माध्यम से मानव हताहतों की संख्या लगभग शून्य तक लाई गई, साथ ही फसल क्षति और मुआवजा बोझ में भी उल्लेखनीय कमी आई। राज्य के बाहर भी अपनाई जा चुकी यह पहल संघर्ष-संवेदनशील शासन का एक प्रभावी मॉडल बन चुकी है।

नारायणपुर जिले का “इंटिफाई इंटेलिजेंस टूल” आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में डेटा एकीकरण की उपयोगिता को दर्शाता है। रियल-टाइम, जियो-स्पेशियल और पूर्वानुमान आधारित इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 100 से अधिक नियोजित अभियानों का संचालन संभव हुआ, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बेहतर हुआ और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में परिस्थितिजन्य जागरूकता को मजबूती मिली।

विभागीय श्रेणी में शिक्षा विभाग का “विद्या समीक्षा केंद्र (VSK)” डेटा-आधारित शिक्षा शासन का एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरा। यह AI सक्षम प्लेटफॉर्म 56,000 से अधिक विद्यालयों, 2.83 लाख शिक्षकों और 57.5 लाख विद्यार्थियों की निगरानी करता है, जिससे ड्रॉपआउट की प्रारंभिक पहचान, संसाधनों का बेहतर उपयोग और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेना संभव हो सका है।

वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की “वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम” ने व्यवसाय सुगमता सुधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। 16 विभागों की 136 सेवाओं को एकीकृत करते हुए इस प्रणाली ने अनुमोदन, प्रोत्साहन, शिकायत निवारण और निरीक्षण प्रक्रियाओं को सरल बनाया, जिससे विलंब कम हुआ और पारदर्शिता के साथ निवेशकों का विश्वास बढ़ा।

वाणिज्य कर (आबकारी) विभाग की समग्र ई-गवर्नेंस सुधार पहल ने राजस्व संग्रह और अनुपालन व्यवस्था को सुदृढ़ किया। एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण, ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली और रियल-टाइम डैशबोर्ड के माध्यम से विभाग ने ₹5,425 करोड़ का राजस्व अर्जित किया और पारदर्शिता तथा नियामक निगरानी के नए मानक स्थापित किए।

वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की “FDS 2.0 – ई-कुबेर डिजिटल भुगतान प्रणाली” ने मैनुअल चेक आधारित प्रक्रियाओं को समाप्त कर पूर्णतः कैशलेस, RBI एकीकृत भुगतान व्यवस्था लागू की। इसके माध्यम से ₹1,776 करोड़ से अधिक के 18 लाख लेन-देन पूर्ण हुए, जिससे दूरस्थ और नक्सल प्रभावित वन क्षेत्रों में भी समय पर मजदूरी भुगतान, आजीविका सुरक्षा और पारदर्शी फंड प्रवाह सुनिश्चित हुआ।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा अंतर्गत लागू QR कोड आधारित सूचना स्वप्रकटिकरण व्यवस्था ने नागरिक-केंद्रित शासन को नई मजबूती दी। QR कोड के माध्यम से ग्रामीणों को वास्तविक समय की योजना जानकारी उपलब्ध कराकर इस पहल ने मध्यस्थों पर निर्भरता कम की और 11,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता को सुदृढ़ किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ये पुरस्कार छत्तीसगढ़ में जनकल्याण केंद्रित नवाचारों और सुशासन को प्रोत्साहन देने की एक नई शुरुआत हैं। यह इस बात का संकेत है कि छत्तीसगढ़ का भविष्य विस्तार-योग्य, नागरिक-केंद्रित और तकनीक-सक्षम शासन में निहित है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले अधिकारी एवं टीमें एक प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान में नेतृत्व विकास कार्यक्रम में भाग लेंगी, जिससे आज के नवाचार आने वाले समय में शासन के मानक बन सकें।

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा कि लोक प्रशासन में नवाचार का अर्थ केवल नई तकनीक अपनाना नहीं, बल्कि नागरिकों को समयबद्ध, पारदर्शी और परिणाम-उन्मुख सेवाएँ प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर की जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए शासन को निरंतर विकसित होना होगा और मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार की पहल यह सिद्ध करती हैं कि किस प्रकार विस्तार-योग्य, डेटा-आधारित और नागरिक-केंद्रित समाधान सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास को मजबूत करते हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि छत्तीसगढ़ शासन सार्वजनिक सेवा के मूल मूल्य के रूप में नवाचार को निरंतर प्रोत्साहित करता रहेगा, ताकि शासन व्यवस्था को भीतर से रूपांतरित करते हुए प्रत्येक नागरिक तक मापनीय और सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित किया जा सके।

मुख्यमंत्री साय ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी जयंती के अवसर पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अटलजी का संपूर्ण जीवन राष्ट्रहित के लिए समर्पित रहा। लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण, सुशासन की स्थापना और जनकल्याण के व्यापक दृष्टिकोण के कारण वे देशवासियों के हृदय में सदैव अमर रहेंगे। वे केवल महान राजनेता ही नहीं, बल्कि संवेदनशील कवि, दूरदर्शी राजनेता और करुणा से भरे जननायक थे, जिन्होंने राजनीति को जनसेवा का सशक्त माध्यम बनाया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अटलजी के नेतृत्व में देश ने विकास, पारदर्शिता और सुशासन की नई दिशा प्राप्त की। उनका समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुँचाने का संकल्प आज भी हमारी शासन-नीति का केंद्रीय आधार है। यही भावना छत्तीसगढ़ सरकार के प्रत्येक कार्यक्रम, योजना और निर्णय का मार्गदर्शन करती है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुशासन को सशक्त बनाने के लिए प्रशासनिक सुधार, पारदर्शी व्यवस्था, समयबद्ध सेवाओं की आपूर्ति और जनविश्वास की पुनर्स्थापना के प्रयास लगातार जारी हैं। यह यात्रा अटलजी के विचारों, आदर्शों और प्रेरणा से ऊर्जा प्राप्त करती है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों—ईमानदारी, संवेदनशीलता, संवाद और समावेशी विकास—को अपने जीवन और कार्य में अपनाएँ तथा विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनें।

इस अवसर पर विधायक किरण सिंह देव उपस्थित थे।

ओड़िशा में एंटी-नक्सल ऑपरेशन : शीर्ष माओवादी कमांडर समेत 4 मारे गए

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 जगदलपुर/भुवनेश्वर। ओड़िशा के कंधमाल जिले में सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में चार माओवादी मारे गए। इनमें CPI (माओवादी) संगठन के शीर्ष कमांडर गणेश उइके भी शामिल हैं। पुलिस ने घटनास्थल से दो इंसास राइफल और एक .303 राइफल सहित अन्य सामग्री बरामद की है।


यह मुठभेड़ चाकापाड़ और राम्पा जंगल क्षेत्र में हुई, जहां स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), सीआरपीएफ और बीएसएफ ने संयुक्त अभियान चलाया। पुलिस के अनुसार, यह कार्रवाई विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी।

गणेश उइके का संगठन में ऊंचा रैंक

मारे गए माओवादी गणेश उइके को संगठन में उच्च जिम्मेदारियां प्राप्त थीं और पुलिस उसकी गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखे हुए थी। बरामद हथियारों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

अभियान जारी

सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद आसपास के घने जंगलों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान और सख्ती बढ़ाई जाएगी, ताकि संगठन की क्षमता को कमजोर किया जा सके।

पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल स्थानीय प्रशासन को दें।

Kisaan School : देश के पहले किसान स्कूल में 'किसान महोत्सव' आयोजित, प्रख्यात कवि व गीतकार और सांसद समेत अन्य अतिथि हुए शामिल, महोत्सव में 9 किसान, 9 पत्रकार समेत 32 लोगों का हुआ सम्मान

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 जांजगीर-चाम्पा. बहेराडीह गांव में स्थित देश के पहले किसान स्कूल में 'किसान महोत्सव' आयोजित हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात कवि व गीतकार मीर अली मीर थे. अध्यक्षता सांसद कमलेश जांगड़े ने की. विशिष्ट अतिथि के रूप में रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. संजय शेखर और छग राज्य हथकरघा संघ के अध्यक्ष भोजराज देवांगन, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजेश अग्रवाल मौजूद थे.


यहां वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल में आयोजित किसान महोत्सव में 9 किसान, 9 पत्रकार और धरोहर के लिए पुरानी सामग्री भेंट करने वाले 9 लोगों समेत 32 लोगों का सम्मान किया गया. इस दौरान किसान महोत्सव को लेकर किसानों में गजब का उत्साह दिखा.


इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कवि व गीतकार मीर अली मीर ने कहा कि देश के पहले किसान स्कूल में आकर बड़ी खुशी हुई है. यहां प्राचीन चीजों को धरोहर में अनोखे तरीके से संजोकर रखा जा रहा है, जो बहुत बड़ा प्रयास है. किसान स्कूल के इस धरोहर को नई पीढ़ी को देखने जरूर आना चाहिए. उन्होंने कहा कि छग की भाजियों को जिस तरह से संरक्षित किया जा रहा है, यह तारीफ के काबिल है. महोत्सव की अध्यक्षता कर रही सांसद कमलेश जांगड़े ने कहा कि किसान स्कूल ने बड़ी पहचान बना ली है, यह हम सबके लिए गौरव की बात है. किसान महोत्सव में किसानों, पत्रकारों और धरोहर में योगदान करने वालों का सम्मान किया जाना सराहनीय पहल है. रायपुर के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. संजय शेखर ने कहा कि किसान स्कूल की गजब संकल्पना की गई है, यहां के नवाचार को देखकर मन गदगद हो गया. किसान महोत्सव के माध्यम से छग की संस्कृति से लोगों को जोड़ने की बड़ी कोशिश की जा रही है. राज्य हथकरघा संघ के अध्यक्ष भोजराज देवांगन ने कहा कि किसान स्कूल के बारे में बहुत सुना था, यहां आकर छग की पुरानी चीजों को देखने पर बचपन की यादें ताजा हो गई. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने कहा कि किसान स्कूल में पहले भी कई बार आना हुआ है और देश के पहले किसान स्कूल ने जिस तरह जांजगीर-चाम्पा और छ्ग का मान बढ़ाया है, इस अनोखे किसान स्कूल को हम सभी को मिलकर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि आनंदप्रकाश मिरी, भाजयुमो के सक्ती जिलाध्यक्ष आलोक पटेल ने भी सम्बोधित किया. इससे पहले, बिलासपुर सहकारी बैंक के अध्यक्ष रजनीश सिंह और भाजपा के रायगढ़ प्रभारी प्रशांत सिंह ठाकुर ने किसान स्कूल का भ्रमण किया और किसान महोत्सव में पहुंचकर शुभकामना दी.


कार्यक्रम का संचालन चाम्पा की जया अग्रवाल और आभार प्रदर्शन डॉ. सुरेश देवांगन ने किया. इस अवसर पर जनपद सदस्य चुड़ामणि राठौर, बलौदा जनपद की पूर्व उपाध्यक्ष नम्रता नामदेव, सरपंच चन्द्रकला सरवन कश्यप, वरिष्ठ पत्रकार शैलेश शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केडी महंत, वैज्ञानिक रंजीत तिग्गा, वरिष्ठ किसान श्यामलाल राठौर, शिवकुमार तिवारी, राघवेंद्र नामदेव, भागवत देवांगन, संतोष यादव, ब्रजेन्द्रधर शर्मा, राजनारायण गुप्ता, रामाधार देवांगन, संतोष शुक्ला, विजय अग्रवाल, दिलहरण चंद्रा, रूषोत्तम राठौर, रामकुमार मनहर, शकुंतला देवांगन, पुष्पा यादव, डॉ. कैलाश बरेठ, अविनाश धीवर, गिरवर पटेल, आरसेटी सक्ती के फेकेल्टी, विक्टर कोसरिया, आशीष कुमार पाठक, प्रदीप कुमार साहू, मितेश कुमार साहू, एफएलसीआरपी राजकुमारी श्रीवास, रमशीला महंत, रूप बाई कंवर, जानकी बाई महंत, रश्मि कंवर, कस्तूरी बाई, रामकुमारी, मातेश्वरी कंवर, सरोजनी कंवर, सुलेखा कंवर, संध्या कंवर, वर्षा कुमारी, आराधना यादव, संतोषी बाई, धनबाई राठौर, रम्भा बाई श्रीवास, भुवनेश्वरी कंवर, प्रमिला कुम्हार, मंजू बाई यादव, राजकुमारी, पंच कुंवर, सोनाई बाई, ललिता वैष्णव, दुर्गा यादव, संतोषी यादव, गीता यादव,हेमलता जायसवाल, हामेश्वरी बाई, राधा सूर्यवंशी, श्याम बाई कंवर, धनबाई साहू उपस्थित थे.


प्रख्यात कवि व गीतकार मीर अली मीर के गीतों ने खूब तालियां बटोरी
रायपुर से बहेराडीह पहुंचे प्रख्यात कवि व गीतकार मीर अली मीर ने शानदार गीत प्रस्तुत किया. यहां उन्होंने छग की संस्कृति से जुड़े गीतों के माध्यम से खूब तालियां बटोरी. किसानों से जुड़ी बातों को लेकर उन्होंने गीत प्रस्तुत किया. यहां उन्होंने 'नन्दा जाहि का रे... गीत गाया, जिससे समां बंध गया.

बांस गीत की प्रस्तुति ने मन मोह लिया
बलौदा के महेत्तर लाल यादव और उनके सहयोगी कटनई गांव से पतिराम यादव द्वारा बांस गीत की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया. बहेराडीह के कलाकार बाबूलाल यादव, रामायण सिंह कंवर ने लोकगीत, बिहान की सक्ती जिले के नगरदा कलस्टर की महिलाओं ने लोकनृत्य सुआ, स्कूल के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी, जिसने खूब तालियां बटोरी.

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) – 25 वर्षों में ग्रामीण विकास का एक स्तंभ

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मुख्य तथ्य

  • PMGSY के तहत अब तक 8,25,114 किमी ग्रामीण सड़कें स्वीकृत की गईं, जिनमें से 7,87,520 किमी पूर्ण हो चुकी हैं।

  • PMGSY–III के तहत 1,22,393 किमी सड़कें स्वीकृत हुईं, और 1,01,623 किमी (83%) निर्माणाधीन और पूर्ण हो चुकी हैं।

  • PMGSY–IV (2024–29) के दौरान 25,000 गांवों को जोड़ने के लिए 62,500 किमी सड़कें बनाई जाएंगी, जिसके लिए 70,125 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

  • OMMAS, e-MARG, GPS ट्रैकिंग और तीन-स्तरीय गुणवत्ता प्रणाली के माध्यम से वास्तविक समय में निगरानी की जाती है, जो जिम्मेदारी और सड़क की टिकाऊपन सुनिश्चित करती है।

परिचय

सड़क बुनियादी ढांचा ग्रामीण विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह आर्थिक और सामाजिक सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाता है, कृषि आय बढ़ाता है, उत्पादक रोजगार के अवसर प्रदान करता है और गरीबी में कमी लाने में योगदान करता है। 2025 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) अपने 25 वर्ष पूरे कर रही है।

25 दिसंबर 2000 को शुरू की गई यह योजना पहले से अनकनेक्टेड ग्रामीण गांवों को सालभर चालू रहने वाली सड़कें प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। PMGSY ने समय के साथ कृषि विकास, रोजगार सृजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, तथा गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

PMGSY के विभिन्न चरण

  1. Phase I (2000): 1,63,339 ग्रामीण गांवों को सभी मौसम में चलने योग्य सड़क कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई गई।

  2. Phase II (2013): मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क को मजबूत करना और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण मार्गों का उन्नयन।

  3. RCPLWEA (2016): 44 लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिज्म प्रभावित जिलों में सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाकर सुरक्षा और सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करना।

  4. Phase III (2019): 1,25,000 किमी के माध्यमिक मार्ग और प्रमुख ग्रामीण लिंक का उन्नयन। अब तक 1,22,393 किमी स्वीकृत और 1,01,623 किमी पूर्ण।

  5. Phase IV (2024–29): 25,000 ग्रामीण गांवों को जोड़ने के लिए 62,500 किमी सड़कें बनाई जाएंगी, जिसमें विशेष श्रेणी के क्षेत्र, ट्राइबल क्षेत्र और आकांक्षी जिले शामिल हैं।

उन्नत तकनीक का उपयोग

  • OMMAS (Online Management, Monitoring, and Accounting System): वास्तविक समय में निर्माण और वित्तीय प्रगति की निगरानी।

  • e-MARG (Electronic Maintenance of Rural Roads): सड़क निर्माण के पांच वर्षों के लिए रखरखाव और प्रदर्शन आधारित भुगतान।

  • GPS ट्रैकिंग: सभी निर्माण मशीनरी और वाहनों पर निगरानी, गुणवत्ता सुनिश्चित करना।

तकनीकी मानक और नवाचार

  • इको-फ्रेंडली सामग्री: फ्लाई ऐश, स्लैग, कचरा, प्लास्टिक, क्रंब रबर बिटुमेन, जियोसिंथेटिक्स आदि।

  • नवीन निर्माण तकनीक: कोल्ड मिक्स तकनीक, फुल डेप्थ रीक्लेमेशन, प्लास्टिक का पुन: उपयोग।

  • तीन-स्तरीय गुणवत्ता प्रणाली:

    1. क्षेत्रीय स्तर पर गुणवत्ता जांच।

    2. राज्य गुणवत्ता निरीक्षण (SQMs)।

    3. राष्ट्रीय गुणवत्ता निरीक्षण (NQMs) द्वारा अचानक ऑडिट।

निष्कर्ष

2025 में PMGSY ने 25 साल पूरे किए, और यह ग्रामीण विकास की दिशा में एक मजबूत स्तंभ बन चुका है। लगभग 96 प्रतिशत सड़कें पूर्ण होने के साथ, योजना ने ग्रामीण पहुंच, बाजार कनेक्टिविटी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और समावेशी आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

PMGSY ने डिजिटल निगरानी प्रणालियों, उन्नत तकनीकों और तीन-स्तरीय गुणवत्ता प्रणाली के माध्यम से पारदर्शिता, जवाबदेही, टिकाऊपन और जलवायु प्रतिरोधक क्षमता सुनिश्चित की है। यह योजना सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप न केवल सड़क निर्माण बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता, गरीबी उन्मूलन और समावेशी ग्रामीण परिवर्तन को भी बढ़ावा देती है।

किम्बर्ली प्रक्रिया की अध्यक्षता के लिए भारत का चयन, 1 जनवरी 2026 से संभालेगा नेतृत्व

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नई दिल्ली- किम्बर्ली प्रक्रिया (KP) की आम सभा ने भारत को 1 जनवरी 2026 से किम्बर्ली प्रक्रिया की अध्यक्षता संभालने के लिए चुना है। किम्बर्ली प्रक्रिया एक त्रिपक्षीय पहल है जिसमें सरकारें, अंतरराष्ट्रीय हीरे का उद्योग और नागरिक समाज शामिल हैं। इसका उद्देश्य “संघर्ष हीरों” (Conflict Diamonds) के व्यापार को रोकना है—ये वे हीरे हैं जिनका उपयोग विद्रोही समूह या उनके सहयोगी संघर्षों को वित्तपोषित करने के लिए करते हैं, जो वैध सरकारों को कमजोर करते हैं, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में परिभाषित है।

भारत 25 दिसंबर 2025 से KP के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करेगा, इसके बाद नए साल में अध्यक्षता संभालेगा। यह तीसरी बार है जब भारत को किम्बर्ली प्रक्रिया की अध्यक्षता के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि भारत का चयन मोदी सरकार की अंतरराष्ट्रीय व्यापार में ईमानदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता पर वैश्विक विश्वास को दर्शाता है।

किम्बर्ली प्रक्रिया प्रमाणन योजना (KPCS), जिसे एक संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत स्थापित किया गया था, 1 जनवरी 2003 से प्रभावी है और तब से यह संघर्ष हीरों के व्यापार को रोकने का एक प्रभावी तंत्र बन चुकी है। वर्तमान में किम्बर्ली प्रक्रिया के 60 प्रतिभागी हैं, जिसमें यूरोपीय संघ और उसके सदस्य राज्य को एक ही प्रतिभागी के रूप में गिना जाता है। KP प्रतिभागी विश्व के लगभग 99 प्रतिशत कच्चे हीरों के व्यापार को नियंत्रित करते हैं, जिससे यह इस क्षेत्र का सबसे व्यापक अंतरराष्ट्रीय तंत्र बन गया है।

हीरे के निर्माण और व्यापार में एक प्रमुख वैश्विक केंद्र होने के नाते, भारत की अध्यक्षता ऐसे समय में आ रही है जब भू-राजनीति बदल रही है और सतत और जिम्मेदार स्रोतों से हीरों की आपूर्ति पर अधिक जोर दिया जा रहा है। भारत अपने कार्यकाल के दौरान संचालन और अनुपालन को मजबूत करने, डिजिटल प्रमाणन और ट्रेसबिलिटी को बढ़ावा देने, डेटा-आधारित निगरानी के माध्यम से पारदर्शिता बढ़ाने, और संघर्ष-रहित हीरों में उपभोक्ता विश्वास मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

2025 में उपाध्यक्ष और 2026 में अध्यक्ष के रूप में, भारत सभी प्रतिभागियों और पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर किम्बर्ली प्रक्रिया में विश्वास को मजबूत करने, नियम-आधारित अनुपालन सुनिश्चित करने और इसकी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए काम करेगा। इसके साथ ही भारत KP को एक अधिक समावेशी और प्रभावी बहुपक्षीय तंत्र बनाने की दिशा में भी प्रयास करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ‘कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन’ में क्रिसमस प्रार्थना सभा में की शिरकत

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नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज क्रिसमस के पावन अवसर पर दिल्ली स्थित ‘द कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन’ में आयोजित प्रातःकालीन प्रार्थना सभा में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएँ देते हुए प्रेम, शांति और करुणा के संदेश को आत्मसात करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्रिसमस प्रार्थना सभा में प्रेम, शांति और करुणा का शाश्वत संदेश परिलक्षित हुआ। उन्होंने कामना की कि क्रिसमस की भावना समाज में सद्भाव, सौहार्द और परस्पर सद्भावना को और अधिक सुदृढ़ करे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर ईसाई समुदाय के धर्मगुरुओं और श्रद्धालुओं से संवाद भी किया और देश की एकता, भाईचारे तथा सांस्कृतिक विविधता को भारत की सबसे बड़ी शक्ति बताया।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स (X) पर अपने संदेश में कहा:

“आज दिल्ली के ‘द कैथेड्रल चर्च ऑफ द रिडेम्पशन’ में क्रिसमस की प्रातःकालीन प्रार्थना सभा में सम्मिलित हुआ। इस सेवा में प्रेम, शांति और करुणा का शाश्वत संदेश झलका। क्रिसमस की भावना हमारे समाज में सद्भाव और सद्भावना को प्रेरित करे।”

प्रधानमंत्री की इस उपस्थिति को देश की विविध धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान और आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है।




महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 26 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर ‘वीर बाल दिवस’ का आयोजन

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नई दिल्ली- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, कल 26 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर वीर बाल दिवस का आयोजन करेगा। इस अवसर पर भारत के युवा नायकों के साहस, बलिदान और प्रेरणादायी मूल्यों को स्मरण किया जाएगा। इसी दिन विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियाँ हासिल करने वाले बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) से सम्मानित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाने वाला एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान है, जो बच्चों को वीरता, कला एवं संस्कृति, पर्यावरण, सामाजिक सेवा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा खेल के क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। वर्ष 2025 में देश के 18 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से चयनित 20 बच्चों को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। ये पुरस्कार राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू द्वारा 26 दिसंबर 2025 को प्रातः 10:00 बजे नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित विशेष समारोह में प्रदान किए जाएंगे।

वीर बाल दिवस 2025 का राष्ट्रीय कार्यक्रम 26 दिसंबर 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और देश के बच्चों एवं युवाओं को राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका के प्रति प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम में वीरता, साहस, दृढ़ संकल्प और निःस्वार्थ सेवा की प्रेरक गाथाओं को प्रस्तुत किया जाएगा, जो विकसित भारत@2047 के लक्ष्य के अनुरूप सशक्त और जिम्मेदार नागरिकों के निर्माण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराएगा। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी स्वागत भाषण देंगी।

इस राष्ट्रीय आयोजन में देशभर से विद्यालयी छात्र, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता और अन्य गणमान्य अतिथि भाग लेंगे। कार्यक्रम के दौरान भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और वीरता की भावना को दर्शाने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की जाएंगी।

वीर बाल दिवस 2025 का यह राष्ट्रीय कार्यक्रम 26 दिसंबर 2025 को दोपहर 12:30 बजे से एनआईसी वेबकास्ट, डीडी न्यूज़ तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारित किया जाएगा, जिससे देशभर के नागरिक इस कार्यक्रम से जुड़ सकेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर दी श्रद्धांजलि, शिक्षा और राष्ट्रजागरण में उनके योगदान को किया नमन

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नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामना मालवीय जी ने अपना संपूर्ण जीवन मातृभूमि की सेवा, सामाजिक सुधार और राष्ट्रीय चेतना के जागरण को समर्पित कर दिया। उनका जीवन भारत की स्वतंत्रता संग्राम और शैक्षिक पुनर्जागरण का उज्ज्वल अध्याय है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए समाज सुधार के साथ-साथ देशवासियों में राष्ट्रप्रेम और आत्मसम्मान की भावना को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक थे और उन्होंने भारतीय समाज को संगठित करने के लिए शिक्षा को सबसे प्रभावी माध्यम माना।

महामना मालवीय जी का सबसे अविस्मरणीय योगदान देश के शिक्षा जगत में रहा। उन्होंने 1916 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्थापना कर भारत में आधुनिक और राष्ट्रीय शिक्षा की मजबूत नींव रखी। बीएचयू आज भी देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में गिना जाता है और उनके दूरदर्शी विचारों का जीवंत उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महामना मालवीय जी न केवल महान शिक्षाविद और समाज सुधारक थे, बल्कि वे एक प्रभावशाली वक्ता, लेखक और निर्भीक पत्रकार भी थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति, मूल्यों और स्वदेशी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। उनका आदर्श जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स (X) पर अपने संदेश में कहा:

“मातृभूमि की सेवा में आजीवन समर्पित रहे भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए समाज सुधार के साथ राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश के शिक्षा जगत में उनका अतुलनीय योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि महामना मालवीय जी के विचार और कार्य आज भी आत्मनिर्भर, शिक्षित और सशक्त भारत के निर्माण के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर दी श्रद्धांजलि, कहा—सुशासन और राष्ट्रनिर्माण के प्रतीक थे अटल जी

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नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपना संपूर्ण जीवन सुशासन, लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्र निर्माण को समर्पित कर दिया। उनका व्यक्तित्व और विचार आज भी देश को दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स (X) पर अपने संदेश में कहा कि अटल जी न केवल एक प्रखर वक्ता और दूरदर्शी नेता थे, बल्कि वे एक ओजस्वी कवि भी थे, जिनकी रचनाओं में राष्ट्रप्रेम, संवेदना और मानवीय मूल्यों की गहरी झलक मिलती है। उनका नेतृत्व देश के चहुंमुखी विकास के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय राजनीति के उन विरले नेताओं में से थे, जिन्हें पक्ष और विपक्ष—दोनों में समान सम्मान प्राप्त था। वे तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे और उनके कार्यकाल में भारत ने सुशासन, आर्थिक सुधार, बुनियादी ढांचे के विकास और वैश्विक मंच पर सशक्त पहचान की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की। पोखरण परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना और ग्राम सड़क योजना जैसे निर्णय उनके दूरदर्शी नेतृत्व के उदाहरण हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जी का जीवन और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे और उनका योगदान भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा।

प्रधानमंत्री का संदेश:

“देशवासियों के हृदय में बसे पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी जयंती पर सादर नमन। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सुशासन और राष्ट्र निर्माण को समर्पित कर दिया। वे एक प्रखर वक्ता के साथ-साथ ओजस्वी कवि के रूप में भी सदैव स्मरणीय रहेंगे। उनका व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व देश के चहुंमुखी विकास के लिए पथ-प्रदर्शक बना रहेगा।”


कर्नाटक के चित्रदुर्ग में दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक, मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में हुई दुर्घटना में लोगों की जान जाने पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मोदी ने दुर्घटना में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है।

प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को 2 लाख रुपये तथा घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री ने एक्स (X) पर पोस्ट किया:

“कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में हुई दुर्घटना में लोगों की जान जाने से अत्यंत दुखी हूँ। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हों, यही कामना है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से प्रत्येक मृतक के निकटतम परिजन को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे

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