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CG NEWS : आबादी के नज़दीक बढ़ती तेंदुए की मूवमेंट, ग्रामीण को किया घायल

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डोंगरगढ़ / मोहारा। डोंगरगढ़ थाना अंतर्गत मोहारा पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम लोझरी में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब जंगल में नीम की पत्तियां लेने गए एक ग्रामीण पर तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया। हमले में ज़उ राम कंवर (उम्र लगभग 45 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गया।


तेंदुए के पंजों से सिर और चेहरे पर गहरी चोट आने के बाद परिजन और ग्रामीणों की मदद से उसे तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगढ़ लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।

वन क्षेत्र में लगातार बढ़ रही तेंदुए की गतिविधियां

ग्रामीणों के अनुसार, यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ महीनों से डोंगरगढ़ वन परिक्षेत्र में तेंदुए की मूवमेंट लगातार बढ़ी है। कुछ माह पहले इसी इलाके में एक तेंदुए का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था, लेकिन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग सका।

स्थानीय लोगों का कहना है कि लोझरी, मोहारा और आसपास के जंगलों में शाम होते ही तेंदुए की मौजूदगी महसूस की जाती है। पहले मवेशियों पर हमले होते थे, मगर अब इंसानों पर हमला होना चिंता का विषय है।

ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार शिकायत करने के बावजूद न तो स्थायी निगरानी लगाई गई और न ही सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई।

मौके पर पहुंची वन विभाग और पुलिस की टीम

सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और क्षेत्र में निगरानी बढ़ाई जा रही है।

वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि

  • जंगलों में भोजन की कमी
  • मानव गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी
  • जंगल क्षेत्र में अवैध आवाजाही

इन कारणों से तेंदुए आबादी वाले इलाकों का रुख कर रहे हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ता जा रहा है।

ग्रामीणों ने उठाई कड़े कदमों की मांग

ग्रामीणों का कहना है -

जब तक तेंदुए की मूवमेंट नियंत्रित नहीं होती,
तब तक जंगल में प्रवेश पर रोक और रात्रि गश्त अनिवार्य की जाए।

यह घटना साफ संकेत देती है कि वन्यजीव प्रबंधन और मानव सुरक्षा के बीच असंतुलन खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। तत्काल ठोस कदम आवश्यक हैं।

छत्तीसगढ़ में ‘बर्फ’ जैसा मौसम: अंबिकापुर में पारा 4.8°C, शिमला जैसा ठंडा हाल!

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 CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन प्रभावित कर दिया है। उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ में ठंडी हवाओं का प्रभाव अधिक बना हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक प्रदेश के कई इलाकों में शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की है। ठंड बढ़ने से सुबह और रात के समय लोगों को तेज ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है।


अंबिकापुर सबसे ठंडा — 4.8°C पहुंचा पारा

बीते 24 घंटों में

  • 29.4°C — जगदलपुर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान
  • 4.8°C — अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान

उत्तर छत्तीसगढ़ में लगातार तापमान गिरने से हाल शिमला जैसे पहाड़ी इलाकों जैसा हो गया है।

अगले 5 दिनों में मिल सकती है थोड़ी राहत

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में
➡ न्यूनतम तापमान में 2 से 3°C की वृद्धि हो सकती है
➡ दिन के समय धूप निकलने से कुछ राहत मिलने की उम्मीद

हालांकि सुबह–शाम की ठिठुरन अभी बनी रहेगी।

रायपुर में कैसा रहेगा मौसम?

राजधानी में 30 दिसंबर को घना कुहासा छाए रहने की संभावना है।

  • अधिकतम तापमान: लगभग 27°C
  • न्यूनतम तापमान: लगभग 12°C

कुहासे के कारण विजिबिलिटी प्रभावित हो सकती है। वाहन चालकों को धीमी गति और हेडलाइट उपयोग करने की सलाह दी गई है।

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने रचा आवास क्षेत्र में नया कीर्तिमान, हाउसिंग बोर्ड के इतिहास में पहली बार एक वर्ष में 1022 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों का विक्रय

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रायपुर। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल ने वर्ष 2025 में आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों के विक्रय के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मंडल द्वारा जनवरी 2025 से दिसंबर 2025 के बीच कुल 4689 संपत्तियों का विक्रय किया गया, जिनका कुल मूल्य 1022 करोड़ रुपये से अधिक है। यह छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के गठन के बाद अब तक का सर्वाधिक वार्षिक विक्रय है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी के मार्गदर्शन तथा छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंह देव के नेतृत्व में मंडल द्वारा किफायती, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराने की दिशा में योजनाबद्ध एवं प्रभावी कार्य किया जा रहा है, जिसका प्रत्यक्ष परिणाम इस अभूतपूर्व सफलता के रूप में सामने आया है।

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा प्रारंभ से ही समाज के कमजोर एवं निम्न आय वर्ग को प्राथमिकता दी जाती रही है। अब तक निर्मित कुल आवासों में लगभग 70 प्रतिशत आवास कमजोर एवं निम्न आय वर्ग के हितग्राहियों के लिए बनाए गए हैं। विगत पांच वर्षों में जहां मंडल द्वारा औसतन 1387 संपत्तियों का प्रतिवर्ष विक्रय हुआ और औसत मूल्य लगभग 262 करोड़ रुपये रहा, वहीं वर्ष 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 4689 संपत्तियों एवं 1022 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह मंडल की कार्यप्रणाली में हुए सुधार, नीतिगत सरलीकरण और आम नागरिकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

विगत एक वर्ष के दौरान शासन द्वारा लागू की गई ओटीएस-2 (वन टाइम सेटलमेंट) योजना के तहत हितग्राहियों को 30 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की गई, जिसके परिणामस्वरूप 1452 संपत्तियों का विक्रय हुआ। इन संपत्तियों का कुल मूल्य लगभग 220.16 करोड़ रुपये रहा, जिससे मध्यम एवं निम्न आय वर्ग के बड़ी संख्या में नागरिकों को सीधा लाभ मिला।

आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी के निर्देश पर इस वर्ष 23 से 26 नवंबर 2025 तक रायपुर के बीटीआई ग्राउंड, शंकर नगर में आयोजित राज्य स्तरीय आवास मेला 2025 भी अत्यंत सफल रहा। इस मेले के दौरान छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा 26 जिलों में 2080 करोड़ रुपये की लागत वाली 56 नई आवासीय योजनाओं का शुभारंभ किया गया। साथ ही मेले के दौरान ही 305 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों का विक्रय हुआ, जिससे मंडल की योजनाओं के प्रति आमजन का विश्वास और अधिक मजबूत हुआ।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2025 में 1022 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों का विक्रय एक बड़ी और ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह सरकार की जनहितैषी नीतियों और आम नागरिकों के बढ़ते विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंह देव तथा मंडल के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस सफलता के लिए बधाई दी।

आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि एक वर्ष में 1022 करोड़ रुपये की संपत्तियों का विक्रय राज्य के आवास क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह मुख्यमंत्री की जनकल्याणकारी सोच, स्पष्ट आवास नीति तथा हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता का परिणाम है। शासन का लक्ष्य प्रत्येक पात्र नागरिक को किफायती, सुलभ और सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना है।

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंह देव ने कहा कि वर्ष 2025 की यह सफलता मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के मार्गदर्शन, मंत्री ओपी चौधरी के नेतृत्व और मंडल की पूरी टीम के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि मंडल पारदर्शिता, नई सोच और जनहित को केंद्र में रखकर कार्य कर रहा है तथा भविष्य में भी आवासहीनों को किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास करता रहेगा।  


राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2026 का 01 जनवरी को होगा शुभारंभ

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रायपुर। लोगों को सड़क सुरक्षा की गंभीरता, चुनौतियों और नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सहित सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 2026 का आयोजन 1 से 31 जनवरी 2026 तक किया जा रहा है। इस दौरान राज्य के सभी जिलों में सड़क सुरक्षा को लेकर व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

जन-जागरूकता के लिए होंगे विविध कार्यक्रमों का होगा आयोजन

सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत जिलों में सड़क सुरक्षा पर प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य परीक्षण एवं नेत्र जांच शिविर, स्कूल डे आयोजन, स्कूली बच्चों के लिए स्लोगन, निबंध, चित्रकला एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, ई-रिक्शा, ऑटो व बस चालकों का प्रशिक्षण, एम्बुलेंस ड्राइविंग ट्रेनिंग, वाहनों की फिटनेस एवं रेडियम स्ट्रिप्स की जांच/संधारण, शराब सेवन कर वाहन चलाने से होने वाले नुकसान पर रैली, ग्राम चौपालों में जन-जागरूकता कार्यक्रम, गंभीर सड़क दुर्घटना स्थलों का चिन्हांकन एवं सड़क सुरक्षा मितानों का प्रशिक्षण जैसे अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त युवाओं के लिए एरोबिक्स-जुंबा के माध्यम से 'स्वस्थ शरीर - स्वस्थ मन, सुरक्षित जन' थीम पर कार्यक्रम, हेलमेट धारी वाहन चालकों को प्रोत्साहन स्वरूप टॉफी वितरण तथा स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप विविध गतिविधियां भी आयोजित होंगी।

1 जनवरी 2026 को सर्किट हाउस रायपुर के समीप शाम 5:00 बजे सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे की उपस्थिति में जनजागरूकता के लिए हेलमेट एवं बाइक रैली का आयोजन किया जाएगा। यह रैली सड़क सुरक्षा नियमों के पालन, हेलमेट उपयोग और सुरक्षित वाहन संचालन का संदेश देगी। 

जनजागरूकता के लिए भिलाई में मैराथन का हुआ आयोजन

इसी क्रम में रविवार को भिलाई में आयोजित मैराथन को सड़क सुरक्षा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष संजय शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मैराथन के उपरांत सड़क सुरक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटक का मंचन भी किया गया, जिसकी लोगों ने सराहना की।


पीएम-उषा मद में अनियमितता पर शासन का सख्त रुख, लोहराकोट कालेज के प्राचार्य और पिथौरा कॉलेज के चार सहायक प्राध्यापक निलंबित

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रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने महासमुंद जिला के शासकीय महाविद्यालय लोहराकोट के प्राचार्य और पिथौरा के चार सहायक प्राध्यापकों को सामग्री क्रय से जुड़े गंभीर आर्थिक अनियमितता के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 

जारी आदेश के अनुसार प्राचार्य डॉ. एस.एस. तिवारी पर पीएम-उषा मद के अंतर्गत आवंटित राशि में गड़बड़ी तथा वित्तीय नियमों के उल्लंघन का प्रथम दृष्टया दोष पाया गया है।इसी तरह पिथौरा महाविद्यालय में पीएम-उषा मद से प्राप्त राशि के अंतर्गत मिड-डे के दौरान जेम पोर्टल के माध्यम से किए गए क्रय में छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम, 2002 एवं संशोधित 2025 के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया। प्रारंभिक जांच में यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के उल्लंघन के दायरे में पाया गया है।

निलंबित किए गए सहायक प्राध्यापकों में डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ. बृहस्पतु सिंह विशाल, श्री पीठी सिंह ठाकुर एवं डॉ. एस.एस. दीवान सभी शासकीय महाविद्यालय पिथौरा के नाम शामिल हैं। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत की गई है।

निलंबन अवधि के दौरान सभी का मुख्यालय क्षेत्रीय अपर संचालक, उच्च शिक्षा कार्यालय, रायपुर निर्धारित किया गया है। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। प्रकरण में विभागीय जांच की कार्यवाही पृथक से की जाएगी। यह आदेश उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव द्वारा छत्तीसगढ़ राज्यपाल के नाम से जारी किया गया है। शासन की इस कार्रवाई को शासकीय संस्थानों में पारदर्शिता, जवाबदेही और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

अवैध रेत खनन और मुरुम का अवैध परिवहन करते तीन हाईवा जब्त

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रायपुर। अवैध खनन एवं खनिजों के अवैध परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण हेतु जिला प्रशासन धमतरी द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में जिला खनिज उड़नदस्ता दल द्वारा 28 दिसम्बर 2025 की रात्रि लगभग 11 बजे ग्राम कलारतराई में औचक जांच के दौरान खनिज मुरूम एवं रेत के अवैध परिवहन में संलिप्त तीन हाईवा वाहनों को जब्त कर प्रकरण दर्ज किया गया।

जांच के दौरान मुरूम के अवैध परिवहन में संलिप्त दो हाईवा वाहनों को मौके पर जब्त किया गया, वहीं एक अन्य हाईवा वाहन को अवैध रूप से रेत का परिवहन करते हुए पकड़ा गया। जब्त किए गए सभी वाहनों के संबंध में संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 40.25 करोड़ रूपए लागत के विकास कार्यों का किया लोकार्पण और भूमिपूजन

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज विकासखंड कांसाबेल के ग्राम ढुढरुडांड में आयोजित अखिल भारतीय आदिवासी कंवर समाज विकास समिति के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में 40.25 करोड़ रूपए लागत के 18 विकासकार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें 13.56 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 9 विकासकार्यों का लोकार्पण और 26.68 करोड़ 68 रुपए लागत के 9 विकासकार्यों का भूमिपूजन शामिल है। इस अवसर पर विधायक गोमती साय, पूर्व सांसद नन्द कुमार साय, पूर्व संसदीय सचिव भरत साय, जिला पंचायत सदस्य गेंद बिहारी सिंह सहित कंवर समाज के पदाधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री साय ने पत्थलगांव विकासखण्ड में जिन नवनिर्मित कार्यों का भूमिपूजन किया उनमें 2.71 करोड़ रूपए लागत से ग्राम आमाटोली में 100 सीटर बालक छात्रावास भवन, 3.04 करोड़ रुपए लागत से ग्राम पंचायत पंगसुवा दर्रापारा तक सड़क, 2.35 करोड़ रुपए लागत से सराईटोला से बरपारा पहुंच मार्ग, 3.06 करोड़ लागत से पालीडीह बस्ती से लाखझार तक सड़क, 6.34 करोड़ लागत से कर्राजोर से होते हुए बरपारा, धनुपारा से काडरो पहुंच मार्ग, 2.73 करोड़ रुपए लागत से बंधनपुर से छातासराई तक पहुंच मार्ग, 2.16 करोड़ रुपए लागत से सूरजगढ़ के मिडिल स्कूल पक्की सड़क से लुडेग गौठान तक पहुंच मार्ग, 2.01 करोड़ लागत के तिलडेगा अटल चौक से आमाकानी पहुंच मार्ग और 2.25 करोड़ रुपए लागत से एस.टी.पी. निर्माण कार्य शामिल है।

इसी तरह जिन नवनिर्मित कार्यों का लोकार्पण किया उनमें विकासखण्ड कांसाबेल में 2.63 करोड़ रुपए लागत से कांसाबेल के कोरंगा बस्ती से ग्यारटोली पहुंच मार्ग, 1.07 करोड़ रुपए लागत से छुरीटोली से अलंगीझार पहुंच मार्ग, 1.97 करोड़ रुपए लागत से करंजटोली डाड़ीडिपा होते हुए चक्रधर नगर पहुंच मार्ग, 1.72 करोड़ रुपए की लागत से कोरंगा बस्ती से खैरवारटोली पहुंच मार्ग, 4.28 करोड़ रुपए की लागत से मुसकुटी से मुख्य मार्ग पहुंच मार्ग, 3 करोड़ रुपए की लागत से करंजटोली-रजौटी पहुचं मार्ग 1.23 करोड़ रुपए की लागत से घोघरा के चौक से फरसाटोली मेन रोड पहुंचमार्ग, 10 लाख रुपए की लागत से सीसी रोड, नक्टीमुंडा और 54.01 लाख रुपए की लागत से पत्थलगांव में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), कार्यालय भवन शामिल है।

नीर चेतना अभियान का आगाज 31 दिसंबर को : श्रमदान से तांदुला नदी के स्वच्छता एवं संरक्षण की पहल

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रायपुर। बालोद जिले की जीवनरेखा तांदुला नदी को पुनर्जीवित करने की दिशा में जिला प्रशासन एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। 31 दिसंबर को सुबह 8 बजे से तांदुला नदी तट पर नीर चेतना अभियान का शुभारंभ वृहद श्रमदान के साथ किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य नदी की स्वच्छता, संरक्षण और जल स्रोतों को संवारना है।

कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और अधिकारियों के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील की कि वे राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित तांदुला नदी पुल के नीचे निषाद सामुदायिक भवन के पास पहुंचकर श्रमदान में भाग लें और इस अभियान को सफल बनाने में सहभागी बने।

जिले में तेजी से घटते भू-जल स्तर और संभावित जल संकट को दूर करने के उद्देश्य से जन सहयोग से श्रमदान का यह अभियान जिला प्रशासन द्वारा शुरू किया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि पहले भी जिले में संचालित अभियानों का जनभागीदारी से सकारात्मक परिणाम मिला है। तांदुला नदी का संरक्षण भावी पीढी के लिए जरूरी है।

बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिभा चौधरी, जिला पंचायत के पदाधिकारियों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने अभियान में सक्रिय भागीदारी की बात कही। सामाजिक संगठनों ने भी इस अभियान को लेकर उपयोगी सुझाव दिए। जिला प्रशासन का मानना है कि नीर चेतना अभियान न केवल नदी को नई जिंदगी देगा, बल्कि जल संरक्षण को लेकर जनजागरूकता बढ़ाएगा।

किसान की आड़ में अवैध धान व्यापार करने वाले को प्रशासन ने रंगे हाथों पकड़ा

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रायपुर। बस्तर जिले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशा निर्देशों के अनुसार निरंतर किसानों से धान का उपार्जन किया जा रहा है साथ ही अवैध धान के विक्रय पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा रहा है। जिसका असर आज देखने को मिला जहां कलेक्टर हरिस एस के निर्देश पर अवैध धान परिवहन के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत बकावंड विकासखण्ड के अनुविभागीय दंडाधिकार मनीष वर्मा ने बड़ी कार्रवाई की। 

सोमवार को धान उपार्जन केंद्र करपावंड के औचक निरीक्षण के दौरान प्रशासन ने व्यापारी और किसान की मिलीभगत से चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया, जिसमें किसान के टोकन पर व्यापारी का धान खपाने का प्रयास किया जा रहा था। मामले की जांच में यह खुलासा हुआ कि जिस टोकन पर धान बेचा जा रहा था, वह कृषक उपेन्द्र भारती पिता अर्जुन भारती के नाम पर था।

जमीनी हकीकत यह थी कि कृषक उपेन्द्र भारती आजीविका के सिलसिले में हैदराबाद में निवासरत हैं और उनकी जमीन पर खेती उनके भाई लखीधर भारती द्वारा की जा रही थी। लखीधर ने अपनी उपज के लिए 182 क्विंटल का टोकन कटवाया था, लेकिन खेत में वास्तविक उत्पादन केवल 100 क्विंटल ही हुआ। टोकन में बचे 80 क्विंटल के अंतर का गलत फायदा उठाने के लिए व्यापारी राजेश गुप्ता ने साजिश रची। व्यापारी ने मंडी करपावंड से ही धान अपने दो वाहन क्रमांक सीजी 17 केवाय 7204 और सीजी 17 केजे 9389 में लोड करवाया और ड्राइवरों के हाथ में उपेन्द्र भारती के टोकन की फोटोकॉपी थमाकर उन्हें उपार्जन केंद्र भेज दिया।

मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने जब कड़ाई से पूछताछ की, तो ड्राइवर और किसान के भाई ने पूरा सच स्वीकार कर लिया। उनकी स्वीकारोक्ति के बाद एसडीएम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अवैध धान से भरे दोनों वाहनों को जब्त कर लिया है और उन्हें आगामी कार्यवाही हेतु थाना करपावंड के सुपुर्द कर दिया गया है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग का बड़ा निर्णय:अब 10 परसेंटाइल वाले अभ्यर्थी भी ले सकेंगे बी.एससी. नर्सिंग में दाखिला

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में बी.एससी. नर्सिंग पाठ्यक्रम के सत्र 2025-26 में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रवेश नियमों में बड़ी शिथिलता देते हुए अब 10 परसेंटाइल या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को भी प्रवेश के लिए पात्र घोषित कर दिया है।

भारतीय उपचर्या परिषद (INC), नई दिल्ली द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के संदर्भ में यह निर्णय लिया गया है। दरअसल, कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) 2025 में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए पहले निर्धारित अंक अनिवार्य थे, लेकिन रिक्त सीटों को भरने के उद्देश्य से परिषद ने पात्रता मानदंडों में छूट देने पर अपनी सहमति जताई है।

31 दिसंबर है प्रवेश की अंतिम तिथि

शासन द्वारा नियमों में दी गई यह छूट केवल शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रभावी होगी। प्रवेश प्रक्रिया की समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए विभाग ने आदेश जारी किया है कि जिन अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा में 10 परसेंटाइल या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं, वे रिक्त सीटों पर प्रवेश ले सकते हैं।प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़ नर्सिंग पाठ्यक्रम प्रवेश नियम 2019 के प्रावधानों के तहत यह रियायत दी जा रही है। सभी संबंधित नर्सिंग कॉलेजों और संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि वे निर्धारित अंतिम तिथि तक योग्य अभ्यर्थियों का प्रवेश सुनिश्चित करें।

मड़ई 2025: सांस्कृतिक समागम सहभागियों के लिए आनंद के क्षण : चार दिवसीय युवा महोत्सव मड़ई 2025 का रंगा-रंग समापन

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रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में आयोजित चार दिवसीय अंतर महाविद्यालयीन सांस्कृतिक युवा महोत्सव मड़ई 2025 का पुरस्कार वितरण एवं प्रो. (डॉ.) लवली शर्मा, कुलपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के मुख्य आतिथ्य में एवं डॉ. गिरीश चंदेल, कुलपति इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता कॉलेज टीम्स तथा विद्यार्थियों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। 

मड़ई 2025 युवा महोत्सव का ओवर ऑल चैम्पियन कृषि महाविद्यालय रायपुर को घोषित किया गया। कृषि महाविद्यालय अम्बिकापुर मड़ई 2025 का ओवर ऑल रनरअप रहा। शोभा यात्रा में प्रस्तुत झांकियों में कृषि महाविद्यालय राजनांदगांव को प्रथम तथा कृषि महाविद्यालय कांकेर को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। संगीत स्पर्धाओं में राजनांदगांव विजेता तथा कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय रायपुर उप विजेता रहे। इसी प्रकार नृत्य प्रतियोगिता में कृषि महाविद्यालय रायपुर विजेता तथा कृषि महाविद्यालय कांकेर उप विजेता रहे। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के निर्णायकों, टीम मैनेजर्स तथा विभिन्न आयोजन समितियों को अध्यक्षों एवं सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। 

समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) लवली शर्मा, कुलपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ ने कहा कि यह एक चार दिवसीय सांस्कृतिक समागम है जो समस्त सहभागियों के लिए आनंद का अवसर है। उन्होंने इस अवसर पर सस्वर गणेश वंदना का भी प्रस्तुतिकरण किया। कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ की आदिवासी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। यह सांस्कृतिक प्रदर्शन विद्यार्थी जीवन का एक स्वर्णिम पल है जिसे हर व्यक्ति आजीवन मन में संजोए रहता है। 

यह आयोजन हार या जीत तक सीमित नहीं है परंतु प्रतिभा, व्यक्तित्व विकास एवं टीम के रूप में संगठित कार्य सीखने का सुअवसर है। डॉ. संजय शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने कहा कि इस सांस्कृतिक समारोह का मुख्य उद्धेश्य विद्यार्थियों की सृजन एवं अभिव्यक्ति की कला का विकास करना है। कला और कृषि एक-दूसरे के पूरक है क्योंकि हमारे समस्त त्यौहारों का संबंध मूल रूप से कृषि से ही जुड़ा है। डॉ. शर्मा ने मड़ई 2025 के अंतर्गत विगत चार दिनों में आयोजित कार्यक्रम एवं गतिविधियों की जानकारी दी। आयोजन सचिव डॉ सुनील नाग ने अतिथियों एवं सफल आयोजन के लिए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर का 01 जनवरी को भूमिपूजन, उप मुख्यमंत्री शर्मा ने की तैयारियों की समीक्षा

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 रायपुर : 01 जनवरी को छत्तीसगढ़ के पर्यटन विकास को नई दिशा देने वाले भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर का भूमिपूजन होने जा रहा है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल से लगभग 146 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले इस परियोजना का भूमिपूजन केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के करकमलों से संपन्न होगा।


आयोजन की तैयारियों का जायजा लेने उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज भोरमदेव मंदिर परिसर स्थित कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर तैयारियों की विस्तार से जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री शर्मा ने मुख्य मंच एवं बैठक व्यवस्था, जनसमुदाय के बैठक व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, यातायात, पार्किंग, पेयजल सहित आयोजन से संबंधित अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए।

इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी साहू, जिला पंचायत उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी, सभापति डॉ वीरेंद्र साहू, कलेक्टर गोपाल वर्मा, एएसपी पुष्पेंद्र सिंह बघेल, एडीएम विनय पोयाम सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

भोरमदेव मंदिर परिसर अपनी प्राचीन स्थापत्य कला और धार्मिक आस्था के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटन कॉरिडोर के निर्माण से यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी। भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत सड़क, पार्किंग, व्यू प्वाइंट, पर्यटक सुविधा केंद्र, सौंदर्यीकरण एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इससे न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाए। भोरमदेव कॉरिडोर इसी सोच का परिणाम है, जो आने वाले वर्षों में क्षेत्र की पहचान को और मजबूत करेगा।

भोरमदेव पर्यटन कॉरिडोर का भूमिपूजन न केवल नए साल की शुरुआत को खास बनाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक नई उपलब्धि के रूप में दर्ज होगा। यह परियोजना राज्य के ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

EPFO अधिकारियों के लिए नैतिक नेतृत्व को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम: PDUNASS और ICCfG के बीच रणनीतिक साझेदारी

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भारत में सार्वजनिक सेवा वितरण को नए सिरे से परिभाषित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की शीर्ष प्रशिक्षण संस्था पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा अकादमी (PDUNASS) ने आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस (ICCfG) के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की है। इस संबंध में नई दिल्ली में आज एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।

यह MoU EPFO अधिकारियों के लिए तकनीकी दक्षता के साथ-साथ नैतिक नेतृत्व और नैतिक मूल्यों को संस्थागत रूप से प्रशिक्षण प्रणाली में शामिल करने का एक व्यापक ढांचा स्थापित करता है।

समझौता ज्ञापन पर PDUNASS की ओर से क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-I राम आनंद तथा ICCfG की ओर से महासचिव शांति नारायण ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर PDUNASS के निदेशक कुमार रोहित सहित ICCfG के कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

यह साझेदारी ऐसे समय में हुई है जब EPFO “ईज़ ऑफ लिविंग” सुधारों और डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में संगठन को न केवल तकनीकी रूप से दक्ष बल्कि नैतिक रूप से सुदृढ़ अधिकारियों की आवश्यकता है।

‘मिशन कर्मयोगी’ की दिशा में कदम

इस सहयोग का उद्देश्य “मिशन कर्मयोगी” की परिकल्पना को साकार करना है, जिसमें नियम-आधारित कार्यप्रणाली से आगे बढ़कर भूमिका-आधारित नैतिक दक्षता पर जोर दिया गया है। यह पहल पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता को प्रशासन का अभिन्न हिस्सा बनाने में सहायक होगी।

PDUNASS के निदेशक कुमार रोहित ने कहा कि EPFO की बढ़ती जिम्मेदारियों के मद्देनज़र अधिकारियों को केवल प्रक्रियात्मक ज्ञान ही नहीं, बल्कि नैतिक विवेक की भी आवश्यकता है। यह साझेदारी कौशल प्रशिक्षण से आगे बढ़कर चरित्र निर्माण पर केंद्रित है।

संरचित प्रशिक्षण व्यवस्था

MoU के तहत चरणबद्ध वार्षिक प्रशिक्षण ढांचा तैयार किया गया है। इसमें

  • ग्रुप ‘A’ अधिकारियों के लिए ICCfG केंद्रों पर आवासीय नेतृत्व और नीति-आधारित प्रशिक्षण

  • ग्रुप ‘B’ अधिकारियों के लिए PDUNASS परिसर में पेशेवर आचरण और नागरिक-केंद्रित सेवा पर आधारित प्रशिक्षण शामिल है।

इससे सभी स्तरों पर अधिकारियों को भरोसेमंद और उत्तरदायी सार्वजनिक सेवा देने के लिए तैयार किया जाएगा।

सुधारों के संदर्भ में पहल

यह पहल 2025 में EPFO द्वारा लागू किए गए हालिया सुधारों—जैसे सरल निकासी प्रणाली और केंद्रीकृत पेंशन भुगतान व्यवस्था—को नैतिक आधार प्रदान करती है। डिजिटल स्वचालन के साथ-साथ मानवीय विवेक और नैतिक निर्णय-क्षमता को मजबूत करना इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य है।

यह समझौता भारत की सामाजिक सुरक्षा प्रशासन प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार, मूल्य-आधारित और जनविश्वास से परिपूर्ण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) की कार्यकारी समिति की 68वीं बैठक आयोजित

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राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) की कार्यकारी समिति (Executive Committee) की 68वीं बैठक का आयोजन गंगा और उसकी सहायक नदियों के अविरल (निर्बाध) एवं निर्मल प्रवाह को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया। बैठक की अध्यक्षता NMCG के महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल ने की। बैठक में नदी की पारिस्थितिकी बहाली, जैव विविधता संरक्षण, प्रकृति-आधारित समाधानों (Nature Based Solutions) के माध्यम से नवाचार, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा आधारभूत संरचना परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया गया।

बैठक में मंत्रालय एवं संबंधित एजेंसियों के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें जल संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार गौरव मसालदान, NMCG के उप महानिदेशक नलिन श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक (परियोजना) बृजेंद्र स्वरूप, कार्यकारी निदेशक (तकनीकी) अनुप कुमार श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक (प्रशासन) एस.पी. वशिष्ठ तथा कार्यकारी निदेशक (वित्त) भास्कर दासगुप्ता शामिल थे। राज्य सरकारों की ओर से परियोजना निदेशकों में पश्चिम बंगाल की  नंदिनी घोष, उत्तर प्रदेश के जोगेंद्र कुमार, बिहार अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (BUDCO) के प्रबंध निदेशक अनिमेष कुमार तथा NMCG के निदेशक राहुल द्विवेदी उपस्थित रहे।

गंगा बेसिन में संकटग्रस्त पक्षी प्रजातियों के संरक्षण को मंजूरी

गंगा बेसिन में संकटग्रस्त पक्षी प्रजातियों के संरक्षण के लिए एक नई परियोजना को स्वीकृति दी गई है। इस परियोजना का उद्देश्य रेत-टीलों (sandbar) पर घोंसला बनाने वाले पक्षियों, विशेषकर इंडियन स्किमर, के प्रजनन स्थलों की रक्षा करना है। नमामि गंगे मिशन–II के अनुरूप यह परियोजना दीर्घकालिक निगरानी, समुदाय की भागीदारी तथा साक्ष्य-आधारित संरक्षण पर केंद्रित है। चंबल और निचली गंगा में घोंसलों की निगरानी जारी रहेगी तथा बिजनौर, नरौरा और प्रयागराज में इसे प्रारंभ किया जाएगा। प्रशिक्षित स्थानीय समुदाय संवेदनशील रेत-टीलों की सुरक्षा, मानवीय हस्तक्षेप को कम करने और जागरूकता एवं क्षमता निर्माण गतिविधियों में सहयोग करेंगे।

यह परियोजना नदी-आधारित जीव-जंतुओं की जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक अनूठी पहल है, जो डॉल्फिन, मछलियों, कछुओं और मगरमच्छों से संबंधित NMCG के प्रयासों को पूरक बनाते हुए नदी जीव-जंतुओं पर समग्र ध्यान केंद्रित करेगी।

परियोजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन हेतु प्रशासनिक एवं व्यय स्वीकृतियां

बैठक के दौरान गंगा बेसिन राज्यों में विभिन्न परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन एवं सुचारू संचालन के लिए संशोधित प्रशासनिक और व्यय स्वीकृतियां प्रदान की गईं। इन स्वीकृतियों से व्यावहारिक क्रियान्वयन संबंधी चुनौतियों का समाधान होगा, संसाधनों के कुशल उपयोग को बढ़ावा मिलेगा तथा परियोजनाओं की गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होगी।

इन स्वीकृतियों से जिन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सुविधा मिलेगी, उनमें उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले में 10 KLD फीकल स्लज एवं सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट, कानपुर में मौजूदा सीवरेज अवसंरचना का पुनर्वास एवं मुख्य सब-स्टेशन का नवीनीकरण, वाराणसी में गंगा सतह की स्वच्छता हेतु ट्रैश स्किमर परियोजना, बिहार के दानापुर, फुलवारी शरीफ और फतुहा में इंटरसेप्शन एवं डायवर्जन तथा एसटीपी परियोजनाएं, झारखंड के फुसरो में इंटरसेप्शन एवं डायवर्जन तथा एसटीपी परियोजना, तथा पश्चिम बंगाल में गार्डन रीच और कूरापुकुर स्थित दो प्रमुख गंगा प्रदूषण नियंत्रण परियोजनाओं में छोटे संशोधन शामिल हैं।

प्रकृति-आधारित समाधानों को बढ़ावा

कार्यकारी समिति ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक नवोन्मेषी दृष्टिकोण अपनाते हुए दिल्ली में यमुना में गिरने वाले शास्त्री पार्क नाला, गौशाला नाला तथा कैलाश नगर/रमेश नगर नालों के इन-सीटू उपचार और पुनर्जीवन हेतु प्रकृति-आधारित समाधान (Nature Based Solutions) परियोजना को मंजूरी दी। यह पर्यावरण-अनुकूल और प्रभावी पहल है, जिसके अंतर्गत चट्टानी फिल्टर, पत्थर की चिनाई और जलीय पौधों के माध्यम से कच्चे सीवेज का प्राकृतिक उपचार कर उसे यमुना में प्रवेश से पहले ही शुद्ध किया जाएगा।

सांस्कृतिक विरासत संरक्षण हेतु गोमती नदी उद्गम स्थल का पुनर्विकास

समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में गोमती नदी के उद्गम स्थल की प्राकृतिक पवित्रता और सांस्कृतिक पहचान को पुनर्स्थापित करने के लिए एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस योजना में आधुनिक अवसंरचना विकास, कैचमेंट क्षेत्र उपचार, जल स्रोतों का पुनर्जीवन तथा माधोटांडा नगर से निकलने वाले सीवेज का प्रकृति-आधारित उपचार शामिल है। साथ ही घाटों और आरती मंचों का विकास, झीलों का पुनर्जीवन और कछुओं के आवासों का संरक्षण भी किया जाएगा। श्मशान, पंचवटीका और योग मंडप जैसी सुविधाएं स्थल के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ाएंगी।

इन सभी स्वीकृतियों के माध्यम से कार्यकारी समिति ने नदी-आधारित जैव विविधता संरक्षण को सुदृढ़ करने, प्रकृति-आधारित समाधानों को मुख्यधारा में लाने, नदियों से सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत करने तथा गंगा के पुनर्जीवन के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन की दिशा में NMCG के संकल्प को और सशक्त किया है।

अहमदाबाद में ‘नमोत्व’ का भव्य मंचन: संस्कृति, नेतृत्व और राष्ट्रनिर्माण की प्रेरक गाथा

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अहमदाबाद में कल गर्व, संस्कृति और प्रेरणा से भरपूर एक अविस्मरणीय संध्या देखने को मिली, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन, नेतृत्व और दूरदर्शी यात्रा पर आधारित भव्य संगीतात्मक मल्टीमीडिया प्रस्तुति ‘नमोत्व’ का आयोजन किया गया। संस्कारधाम द्वारा आयोजित यह तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम हाउसफुल रहा, जिसमें कला, संगीत, तकनीक और कथा-वाचन के माध्यम से सेवा, संकल्प और राष्ट्रनिर्माण की असाधारण यात्रा को सजीव रूप में प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया। उद्घाटन अवसर पर उन्होंने कहा कि “नमोत्व एक ऐसे नेता के जीवन का चित्रण है, जिन्होंने मात्र 11 वर्षों में 140 करोड़ भारतीयों को 2047 तक भारत को हर दृष्टि से विश्व का नंबर एक देश बनाने के लिए प्रेरित किया। यह तभी संभव है जब कोई व्यक्ति अपने जीवन को एक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए समर्पित कर दे, निरंतर प्रयोग करता रहे और पूरे देश में उसी सपने को साझा करने वाली एक विशाल टीम तैयार करे।”

‘नमोत्व’ एक भव्य मंचीय प्रस्तुति है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन की प्रेरक यात्रा को कलात्मक ढंग से दर्शाती है—गुजरात के वडनगर में उनके साधारण आरंभ से लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री और फिर भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनके परिवर्तनकारी नेतृत्व तक। लाइव परफॉर्मेंस, संगीत, नृत्य, कथानक और अत्याधुनिक मल्टीमीडिया विजुअल्स के समन्वय से यह कार्यक्रम न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन के अहम पड़ावों को दर्शाता है, बल्कि भारत के विकासात्मक सफर को भी रेखांकित करता है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में विशिष्ट अतिथि, सांस्कृतिक साधक, आध्यात्मिक गुरु, कलाकार, विद्वान और विभिन्न वर्गों के नागरिक उपस्थित रहे। भारी जनभागीदारी ने यह सिद्ध किया कि सांस्कृतिक अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय चेतना के बीच गहरा संबंध है।

कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण कलाकारों की अद्भुत लाइव प्रस्तुति रही। हवाई दृश्य से प्रस्तुत मंचन ने संस्कृति, संगीत और संदेश का ऐसा जीवंत समन्वय प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस मंचीय प्रस्तुति में 150 से अधिक कलाकारों ने भाग लिया, जिनकी सशक्त प्रस्तुतियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन और नेतृत्व यात्रा के निर्णायक क्षणों को सजीव किया। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान शुरू की गई ऐतिहासिक विकास पहलों को विशेष रूप से रेखांकित किया गया, यह दर्शाते हुए कि कैसे गुजरात मॉडल बाद में राष्ट्रीय प्रगति का खाका बना।

कथानक में अवसंरचना विकास, सुशासन, सामाजिक सशक्तिकरण और समावेशी विकास की प्रमुख उपलब्धियों को दर्शाया गया। पारदर्शिता, जवाबदेही और जनभागीदारी पर आधारित विकास दर्शन को कार्यक्रम के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने प्रकाशन प्रभाग, केंद्रीय संचार ब्यूरो (CBC) और PIB के माध्यम से प्रधानमंत्री के जीवन और कार्यों से जुड़ी जानकारी के प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाई। CBC और प्रकाशन प्रभाग, अहमदाबाद द्वारा कार्यक्रम स्थल पर एक विशेष पुस्तक स्टॉल लगाया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों, नेतृत्व दर्शन और सार्वजनिक जीवन पर आधारित प्रकाशनों का समृद्ध संग्रह प्रदर्शित किया गया।

पुस्तक स्टॉल पर दर्शकों, छात्रों, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों की विशेष रुचि देखने को मिली। लगभग 14 प्रमुख पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें Letters to Mother (भावना सोमैया), आंख आ धन्य छे, The Modi Story – Reflections on Leadership and Life, Modi@20: Dreams Meet Delivery, 370: Undoing the Unjust, Igniting Collective Goodness – Mann Ki Baat @100 सहित कई महत्वपूर्ण शीर्षक शामिल थे।

इसके अतिरिक्त, प्रकाशन प्रभाग द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों का संकलन भी प्रदर्शित किया गया, जो शासन, विकास, सामाजिक सुधार और वैश्विक सहभागिता पर उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस संग्रह ने आगंतुकों को प्रधानमंत्री के विचारों से गहराई से जुड़ने का अवसर प्रदान किया।

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी, प्रेस सूचना ब्यूरो के महानिदेशक धीरेंद्र ओझा तथा PIB अहमदाबाद के अपर महानिदेशक प्रशांत पाथराबे ने पुस्तक स्टॉल का दौरा किया और अधिकारियों से संवाद किया। उन्होंने प्रधानमंत्री की यात्रा और राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान को प्रामाणिक रूप से प्रस्तुत करने के प्रयासों की सराहना की तथा सांस्कृतिक मंचों के माध्यम से सूचना प्रसार की पहल को ऐतिहासिक दस्तावेजीकरण के लिए महत्वपूर्ण बताया।

‘नमोत्व’ कार्यक्रम इस बात का सशक्त उदाहरण बनकर उभरा कि किस प्रकार संस्कृति, मूल्यों, नेतृत्व और सामाजिक परिवर्तन के संदेश को प्रभावी ढंग से संप्रेषित कर सकती है। पारंपरिक कला रूपों और आधुनिक तकनीक के समन्वय से यह कार्यक्रम सभी पीढ़ियों और वर्गों के दर्शकों को जोड़ने में सफल रहा।

पूरे कार्यक्रम के दौरान दर्शकों ने संकल्प, नवाचार और लोकसेवा की भावना से जुड़े अनेक प्रेरक क्षणों का अनुभव किया। विनम्रता, समर्पण और सामूहिक प्रयास जैसे मूल्यों को उजागर करते हुए यह संदेश दिया गया कि परिवर्तनकारी नेतृत्व जनकेंद्रित शासन में निहित होता है।

उच्च कलात्मक मानकों के साथ प्रस्तुत यह कार्यक्रम आम जन के लिए सहज, भावनात्मक और अर्थपूर्ण बना रहा। सटीक कोरियोग्राफी, प्रभावशाली संगीत, सशक्त कथन और immersive विजुअल्स ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी।

नमोत्व केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक यात्रा, विकासात्मक आकांक्षाओं और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव बनकर सामने आया। इसने नेतृत्व की भूमिका को रेखांकित करते हुए यह सिद्ध किया कि रचनात्मक अभिव्यक्ति आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने की अपार शक्ति रखती है।


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