Responsive Ad Slot

Latest

latest
lockdown news

महासमुंद की खबरें

महासमुंद की खबर

रायगढ़ की ख़बरें

raigarh news

दुर्ग की ख़बरें

durg news

जम्मू कश्मीर की ख़बरें

jammu and kashmir news

VIDEO

Videos
top news


 

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर जांच ही रोगों से बचाव का मूल मंत्र : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

No comments

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि अच्छा स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे बड़ी संपदा है। यदि हम संतुलित आहार लें, नियमित रूप से व्यायाम करें और समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच कराएं, तो अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के केनाल रोड स्थित झूलेलाल धाम में आयोजित भव्य निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर को संबोधित कर रहे थे।

पूज्य बाबा गुरुदास राम साहेब जी की 94वीं जयंती के अवसर पर इस स्वास्थ्य शिविर का आयोजन पूज्य शदाणी सेवा मंडल, पूज्य बाबा गरीबदास सेवा मंडल, पूज्य छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत, भारतीय सिंधु सभा तथा पूज्य कंधकोट पंचायत द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में नागरिकों ने स्वास्थ्य जांच कराई और आयुष्मान कार्ड भी बनवाए। शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं प्रदान की।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज की अनियमित जीवनशैली, मिलावटी खानपान और प्रदूषित वातावरण के कारण बीपी और डायबिटीज जैसी बीमारियाँ अब आम हो चुकी हैं। यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों के मेहनतकश लोग भी अब इन बीमारियों से अछूते नहीं हैं। ऐसे में इस तरह के स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन अत्यंत सराहनीय पहल है।

मुख्यमंत्री साय ने सिंधी समाज की सेवा भावना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह समाज प्रारंभ से ही सामाजिक सरोकारों में अग्रणी रहा है। उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि जब वे रायगढ़ से सांसद थे, तब से वे सिंधी समाज के विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मिलित होते रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अपने रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है और इस अवधि में स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में चौतरफा विकास हुआ है। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से छत्तीसगढ़ आज मेडिकल हब के रूप में उभर रहा है। राज्य निर्माण के समय जहाँ केवल एक मेडिकल कॉलेज था, वहीं अब शासकीय एवं निजी क्षेत्र मिलाकर 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। निजी क्षेत्र में सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों की स्थापना भी हुई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्थाएं सुदृढ़ हुई हैं। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी प्रारंभ किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि आम नागरिकों को बेहतर इलाज की सुविधा देने हेतु केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को वय वंदन योजना के अंतर्गत इलाज हेतु 5 लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है। इसी प्रकार, राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के अंतर्गत गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए 25 से 30 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से भी पात्र मरीजों को आर्थिक सहायता दी जाती है।

मुख्यमंत्री ने अंत में स्वास्थ्य शिविर के संयोजक अमित चिमनानी एवं शिविर में सेवा प्रदान करने वाले डॉक्टरों को सम्मानित किया।

इस अवसर पर विधायक गुरु खुशवंत साहेब, धमतरी महापौर रामू रोहरा, छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, कार्यक्रम संयोजक अमित चिमनानी, भारतीय सिंधु सभा के अध्यक्ष लधाराम जी, छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के अध्यक्ष महेश दरयानी सहित सिंधी समाज के सेवादार, विशेषज्ञ डॉक्टर एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

मिशन अमृत से कोसारटेड़ा बांध का पानी पहुंचेगा घरों तक, कोंडागांव में जल प्रदाय योजना का 33 प्रतिशत काम पूरा

No comments

रायपुर। कोंडागांव नगर पालिका में मिशन अमृत 2.0 के तहत जल प्रदाय योजना का काम तेजी से प्रगति पर है। पेयजल की निर्बाध आपूर्ति के लिए कोंडागांव से 25 किलोमीटर दूर कोसारटेड़ा बांध का पानी लाकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध कर नल कनेक्शन के जरिए घर-घर पहुंचाया जाएगा। कुल 102 करोड़ रुपए लागत की इस जल प्रदाय योजना का अब तक 33 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। आगामी डेढ़ से दो वर्षों में योजना का शत-प्रतिशत काम पूर्ण करने का लक्ष्य है।

भारत सरकार के मिशन अमृत 2.0 के अंतर्गत कोंडागांव में पेयजल आपूर्ति के लिए नौ एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। यहां शुद्ध किए गए जल की आपूर्ति शहर में वर्तमान में विद्यमान पांच पानी टंकियों के साथ ही योजना के तहत बनाई जा रही दो नई टंकियों से की जाएगी। मिशन अमृत के अंतर्गत शहर के बांधापारा में 555 किलोलीटर और फॉरेस्ट कॉलोनी के पास 810 किलोलीटर की ओवरहेड पानी टंकियां निर्माणाधीन हैं। शहर की नई और पुरानी पानी टंकियों के जरिए नौ हजार घरों तक शुद्ध और सुरक्षित पेयजल पहुंचाया जाएगा। कोंडागांव की 40 हजार आबादी को इसका फायदा मिलेगा।

कोंडागांव नगर पालिका में पेयजल की सुचारू व्यवस्था के लिए मिशन अमृत के तहत 24 किलोमीटर रॉ-वाटर पाइपलाइन और करीब 11 किलोमीटर क्लियर-वाटर पाइपलाइन बिछाई जाएगी। 143 किलोमीटर ड्रिस्ट्रीब्यूशन लाइन के जरिए हर घर नल से जल की आपूर्ति की जाएगी। निर्माणकर्ता एजेंसी योजना के विभिन्न घटकों के निर्माण और स्थापना के साथ ही पांच वर्षों तक संचालन व संधारण करेगी।

विशेष लेख : रक्षा, एयरोस्पेस और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में निवेश का नया केंद्र बनने की ओर छत्तीसगढ़

No comments

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अब केवल खनिज और कृषि प्रधान राज्य नहीं रह गया है, बल्कि तकनीकी नवाचार और रणनीतिक उद्योगों का नया गढ़ बनकर उभरने की दिशा में अग्रसर है। इस परिवर्तन की आधारशिला मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में रखी गई है, जिन्होंने न केवल राज्य की औद्योगिक नीतियों को समकालीन और रोजगारोन्मुख बनाया, बल्कि रक्षा, एयरोस्पेस और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करने के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं।

मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में हाल ही में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में इन उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के लिए पृथक औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई। यह पैकेज न केवल इन क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करेगा, बल्कि राज्य के युवाओं के लिए सेवा और रोजगार के अवसरों के नए द्वार भी खोलेगा।

छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के अंतर्गत तैयार किया गया यह विशेष पैकेज अत्याधुनिक उद्योगों की स्थापना और विस्तार को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। रक्षा, एयरोस्पेस और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़े उद्यमों को स्थायी पूंजी निवेश के आधार पर 100 प्रतिशत तक की एसजीएसटी प्रतिपूर्ति या वैकल्पिक रूप से पूंजी अनुदान की सुविधा दी जाएगी। 50 करोड़ से लेकर 500 करोड़ से अधिक के निवेश करने वाली इकाइयों के लिए 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 300 करोड़ रुपये तक तय की गई है। इसके साथ ही, निवेशकों को ब्याज अनुदान, विद्युत शुल्क में छूट, स्टाम्प और पंजीयन शुल्क में रियायतें, भूमि उपयोग परिवर्तन शुल्क में छूट, रोजगार सृजन पर आधारित प्रोत्साहन, ईपीएफ प्रतिपूर्ति और प्रशिक्षण अनुदान जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी।

इस नीति का सबसे प्रभावशाली पहलू यह है कि इसमें स्थानीय युवाओं के लिए स्थायी रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी गई है। जो उद्योग छत्तीसगढ़ के निवासियों को पहली बार रोजगार देंगे, उन्हें दिए गए वेतन का 20 प्रतिशत तक अनुदान भी मिलेगा। यह राज्य सरकार की उस सोच का परिणाम है, जिसमें विकासकेवल आंकड़ों तक सीमित न रहकर आम जनता के जीवनस्तर में वास्तविक सुधार का माध्यम बने।

रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास की स्थापना पर व्यय का 20 प्रतिशत तक अनुदान, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना पर पूंजी निवेश अनुदान तथा ड्रोन प्रशिक्षण केंद्रों के लिए विशेष सहायता जैसी व्यवस्थाएं राज्य को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और अग्रणी बनाएंगी। जो इकाइयां 1000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेंगी या 1000 से अधिक लोगों को रोजगार देंगी, उन्हें अतिरिक्त औद्योगिक प्रोत्साहन भी मिलेगा। इससे वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर की बड़ी कंपनियों को राज्य में निवेश हेतु प्रोत्साहन मिलेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का मानना है कि छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश के नए अवसरों के साथ ही रोजगार, तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का एक समेकित पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जाए। छत्तीसगढ़ का युवा केवल नौकरी खोजने वाला न बने, बल्कि नौकरी देने वाला भी बने। यह औद्योगिक नीति मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे राष्ट्रीय अभियानों के अनुरूप राज्य को नई पहचान दिलाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। छत्तीसगढ़ अब पारंपरिक उद्योगों से आगे बढ़ते हुए रक्षा और एयरोस्पेस जैसे उच्च तकनीक क्षेत्रों में निवेश का गंतव्य बनता जा रहा है। यह न केवल राज्य की आर्थिक समृद्धि को गति देगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को सपनों की नई ऊंचाई तक ले जाने का मार्ग भी खोलेगा।

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का नया सूर्योदय: अब कोई स्कूल शिक्षक विहीन नहीं, एकल शिक्षकीय शालाओं की संख्या में हुई 80 प्रतिशत की कमी

No comments

 रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एक नया आयाम स्थापित किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी नीति के चलते आज प्रदेश का प्राथमिक से लेकर हायर सेकण्डरी तक कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं रह गया है। राज्य की एकल शिक्षकीय शालाओं की संख्या में 80 प्रतिशत की कमी आई है।


यह परिवर्तन युक्तियुक्तकरण के माध्यम से संभव हो सका है, जिसका उद्देश्य राज्य के शैक्षणिक संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग, शिक्षकों की तर्कसंगत पदस्थापना और शिक्षा के अधिकार अधिनियम व नई शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप शालाओं में आवश्यकता के अनुरुप शिक्षकों की पदस्थापना रहा है ।

गौरतलब है कि युक्ति -युक्त करण से पर्व प्रदेश में 453 विद्यालय शिक्षक विहीन और 5936 विद्यालयों में मात्र एक ही शिक्षक पदस्थ था। विशेषकर सुकमा, नारायणपुर और बीजापुर जैसे दूरस्थ और संवेदनशील जिलों में यह समस्या अधिक थी।

इस विसंगति को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने जिला, संभाग और राज्य स्तर पर तीन चरणों में शिक्षकों की काउंसलिंग की प्रक्रिया चलाई। इसके परिणामस्वरूप, आज प्रदेश का कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है और सभी हाई स्कूलों में न्यूनतम आवश्यक शिक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने युक्ति- युक्तकरण के जरिये स्कूलों में शैक्षिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि हमने यह ठान लिया था कि छत्तीसगढ़ में अब कोई बच्चा शिक्षक के बिना नहीं पढ़ेगा। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से हम न केवल शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन कर रहे हैं, बल्कि एक मजबूत और समान शिक्षा प्रणाली की नींव भी रख रहे हैं। यह सिर्फ स्थानांतरण नहीं, यह शिक्षा में न्याय की पुनर्स्थापना है।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि एकल शिक्षकीय शालाओं की स्थिति में सुधार सरकार की प्राथमिकताओं में है और आगामी महीनों में पदोन्नति और नई नियुक्तियों के माध्यम से इन विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक भेजे जाएंगे।

राज्य सरकार अब उन 1207 प्राथमिक विद्यालयों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां अभी भी एक शिक्षक है। इसके समाधान हेतु प्राथमिक शाला प्रधान पाठकों की पदोन्नति, शिक्षकों की पदस्थापना तथा भर्ती प्रक्रिया को प्राथमिकता देने की रणनीति बनाई गई है।

राज्य में एकल शिक्षक वाले प्राथमिक विद्यालयों में बस्तर जिले में 283, बीजापुर 250,सुकमा 186,मोहला -मानपुर - चौकी 124,कोरबा 89, बलरामपुर 94,नारायणपुर 64,धमतरी 37,सूरजपुर 47,दंतेवाड़ा 11,अन्य जिले में मात्र 22 शालाएं है। इन शालाओं में जल्द ही आवश्यकता के अनुसार शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास शिक्षा को समावेशी बनाने और हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का समान अवसर उपलब्ध कराना है। इस पूरी प्रक्रिया ने यह साबित किया है कि युक्तियुक्तकरण केवल प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक न्याय आधारित शिक्षा सुधार है, जिसके केंद्र में हर बच्चा, हर गांव, हर स्कूल है।

छत्तीसगढ़ में शिक्षा का नया सूर्योदय: अब कोई स्कूल शिक्षक विहीन नहीं

No comments

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एक नया आयाम स्थापित किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी नीति के चलते आज प्रदेश का प्राथमिक से लेकर हायर सेकण्डरी तक कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं रह गया है। राज्य की एकल शिक्षकीय शालाओं की संख्या में 80 प्रतिशत की कमी आई है।

यह परिवर्तन युक्तियुक्तकरण के माध्यम से संभव हो सका है, जिसका उद्देश्य राज्य के शैक्षणिक संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग, शिक्षकों की तर्कसंगत पदस्थापना और शिक्षा के अधिकार अधिनियम व नई शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप शालाओं में आवश्यकता के अनुरुप शिक्षकों की पदस्थापना रहा है।

गौरतलब है कि युक्ति -युक्त करण से पर्व प्रदेश में 453 विद्यालय शिक्षक विहीन  और 5936 विद्यालयों में मात्र एक ही शिक्षक पदस्थ था। विशेषकर सुकमा, नारायणपुर और बीजापुर जैसे दूरस्थ और संवेदनशील जिलों में यह समस्या अधिक थी।

इस विसंगति को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने जिला, संभाग और राज्य स्तर पर तीन चरणों में शिक्षकों की  काउंसलिंग की प्रक्रिया चलाई। इसके परिणामस्वरूप, आज प्रदेश का कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है और सभी हाई स्कूलों में न्यूनतम आवश्यक शिक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने युक्ति- युक्तकरण के जरिये स्कूलों में शैक्षिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयास की सराहना करते हुए  कहा कि हमने यह ठान लिया था कि छत्तीसगढ़ में अब कोई बच्चा शिक्षक के बिना नहीं पढ़ेगा। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से हम न केवल शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पालन कर रहे हैं, बल्कि एक मजबूत और समान शिक्षा प्रणाली की नींव भी रख रहे हैं। यह सिर्फ स्थानांतरण नहीं, यह शिक्षा में न्याय की पुनर्स्थापना है।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि एकल शिक्षकीय शालाओं की स्थिति में सुधार सरकार की प्राथमिकताओं में है और आगामी महीनों में पदोन्नति और नई नियुक्तियों के माध्यम से इन विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक भेजे जाएंगे।

राज्य सरकार अब उन 1207 प्राथमिक विद्यालयों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां अभी भी एक शिक्षक है। इसके समाधान हेतु प्राथमिक शाला प्रधान पाठकों की पदोन्नति, शिक्षकों की पदस्थापना तथा भर्ती प्रक्रिया को प्राथमिकता देने की रणनीति बनाई गई है।

राज्य में एकल शिक्षक वाले प्राथमिक विद्यालयों में बस्तर जिले में  283, बीजापुर 250,सुकमा 186,मोहला -मानपुर - चौकी 124,कोरबा 89, बलरामपुर 94,नारायणपुर 64,धमतरी 37,सूरजपुर 47,दंतेवाड़ा 11,अन्य जिले में मात्र 22 शालाएं है। इन शालाओं में जल्द ही आवश्यकता के अनुसार शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास शिक्षा को समावेशी बनाने और हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का समान अवसर उपलब्ध कराना है। इस पूरी प्रक्रिया ने यह साबित किया है कि युक्तियुक्तकरण केवल प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक न्याय आधारित शिक्षा सुधार है, जिसके केंद्र में हर बच्चा, हर गांव, हर स्कूल है।

शासन की योजनाओं से सशक्त बनी जशपुर की उद्यमी महिला लालमती

No comments

 रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित महिला सशक्तिकरण की योजनाएं अब धरातल पर सकारात्मक परिणाम देने लगी हैं। इसकी एक प्रेरणादायी मिसाल हैं जशपुर जिले के गम्हरिया ग्राम की लालमती, जिन्होंने शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभ लेकर आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है। उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से न सिर्फ स्वयं की पहचान बनाई, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया है।


लालमती का जीवन एक साधारण मजदूर से सफल उद्यमी बनने की कहानी है। जब वे प्रजापति गौरी स्व-सहायता समूह से जुड़ीं, तब उन्हें बिहान योजना के माध्यम से शासन की योजनाओं का लाभ मिला। उन्होंने उद्योग विभाग से लोन प्राप्त कर शटरिंग प्लेट का व्यवसाय प्रारंभ किया और बाद में जनवरी 2025 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण लेकर अपने व्यवसाय को विस्तार दिया।

आज श्रीमती लालमती के पास 200 से अधिक शटरिंग प्लेट हैं, जो वे निजी भवनों एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन आवासों की छत ढलाई हेतु किराये पर उपलब्ध कराती हैं। फरवरी 2025 से अब तक इस व्यवसाय से उन्हें लगभग 35,000 से 40,000 रुपये की आय हुई है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव में कई मकानों का निर्माण कार्य चल रहा है।

लालमती ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि, यदि शासन की योजनाओं का साथ न होता, तो मैं आज इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती। शासन ने हमें हौसला दिया, साधन उपलब्ध कराए और नई राह दिखाई।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार का यह दृढ़ संकल्प है कि ग्रामीण अंचलों की महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और आर्थिक गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाएं। बिहान, मुद्रा योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से हम महिलाओं को न केवल वित्तीय सहयोग दे रहे हैं, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और बाज़ार तक पहुँच भी प्रदान कर रहे हैं। लालमती जैसी महिलाएं छत्तीसगढ़ की नई सामाजिक-आर्थिक चेतना की प्रतीक हैं।छत्तीसगढ़ शासन की प्राथमिकता है कि हर महिला अपने पैरों पर खड़ी हो, सम्मान के साथ जीवन जिए और दूसरों के लिए प्रेरणा बने।

CG NEWS : सेक्सटॉर्शन से तंग युवक ने दी जान, अश्लील कॉल से ब्लैकमेलिंग के बाद रेलवे ट्रैक पर मिला शव

No comments

 रायपुर : प्रदेश के दुर्ग जिले के भिलाई में सेक्सटार्सन मामले में एक युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दी। घटना की जानकारी लगने पर मौके पर पहुंचें परिजनों ने शव का शिनाख्त किया।


भिलाई में सेक्सटार्सन मामले में एक युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दी। घटना की जानकारी लगने पर मौके पर पहुंचें परिजनों ने शव का शिनाख्त किया। परिजनों ने घटना की शिकायत वैशाली नगर पुलिस से की गई है।

मिली जानकारी के अनुसार, शांति नगर सड़क 1 निवासी हरविंदर सिंग उर्फ सन्नी अपने घर से शुक्रवार की सुबह 6 बजे गुरुद्वारा जाने के लिए बाइक से निकला था। देर रात तक घर नहीं पहुंचने पर परिजन परेशान होकर खोजबीन करने में लग गए। युवक अपने घर पर पर्स और मोबाइल को छोड़कर सिर्फ बाइक लेकर निकला था। परिजनों को पता चला कि ट्रेन से कटकर युवक की मौत हुई है। परेशान परिजन जब शव को देखने पहुंचे तक उसे देख हरविंदर के रुप में शिनाख्त किया।

युवक मार्केटिंग का काम करता था और पिछले कुछ दिनों से मानसिक रूप से बेहद परेशान चल रहा था। परिजनों का आरोप है कि अज्ञात लोगों द्वारा सनी को हनी ट्रैप में फंसाकर उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाया गया और उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था। इसी तनाव के चलते उसने आत्मघाती कदम उठा लिया।

ब्लैकमेलिंग से था मानसिक तनाव

परिजनों ने बताया कि सनी मार्केटिंग की नौकरी करता था और पिछले कुछ समय से बेहद तनाव में था। जब उसका मोबाइल खंगाला गया तो उसमें कुछ आपत्तिजनक वीडियो और ब्लैकमेलिंग से जुड़े चैट्स मिले। परिजनों का आरोप है कि सनी को किसी हनी ट्रैप में फंसाकर उसको ब्लैकमेल किया जा रहा था और पैसे की डिमांड की जा रही थी। इसी डर और सामाजिक बदनामी के कारण उसने आत्महत्या कर ली।

इस घटना ने एक बार फिर शहर में सक्रिय ऑनलाइन हनी ट्रैप गैंग और साइबर ब्लैकमेलर्स को लेकर चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ महीनों में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं, जहां युवाओं को फर्जी रिश्तों के जाल में फंसा कर वीडियो बनाकर उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।

हरविंदर सिंह की मौत ने उसके परिवार को तोड़ दिया है। युवक के परिजनों का कहना है कि सनी एक सीधा-सादा लड़का था और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर इस हद तक पहुंचाया गया। उन्होंने प्रशासन से मामले की गंभीरता से जांच कर ब्लैकमेल करने वालों को सख्त सजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हम मामले की जांच के लिए एसपी, डीजीपी और आईजी तक जाएंगे।

क्या होता है सेक्सटॉर्शन?

कई बार यूजर्स किसी पॉर्न, डेटिंग या किसी ऐसी साइट को पर चले जाते हैं, जो सिक्योर नहीं होता। हैकर सॉफ्टवेयर की मदद से सर्फिंग डिटेल का डिटेल निकाल लेते हैं। इसके बाद वे यूजर्स का नंबर,ईमेल आईडी और सोशल मीडिया अकाउंट का डिटेल की जानकारी जुटाते हैं। फिर वे उनको ब्लैकमेल करते हैं और लोगों को ठगते हैं। नाबालिग लड़के-लड़कियों को सबसे ज्यादा निशाना बनाते हैं।

वर्षा ऋतु में मछलियों के संरक्षण हेतु 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्याखेट रहेगा प्रतिबंधित

No comments

महासमुन्द। राज्य शासन द्वारा मछलियों की वंश वृद्धि एवं प्रजनन काल को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2025-26 में भी विगत वर्षों की भांति मत्स्याखेट पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। यह प्रतिबंध आगामी 16 जून 2025 से 15 अगस्त 2025 तक लागू रहेगा।

इस अवधि में जिले के सभी तालाबों एवं जल स्त्रोतों (जो नदी-नालों से जुड़े हुए हैं) में मत्स्याखेट (मछली पकड़ने) की गतिविधियाँ पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगी। केवल ऐसे छोटे तालाब अथवा जल स्त्रोत, जिनका संबंध किसी भी नदी या नाले से नहीं है, एवं जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर को इस प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है। यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो छत्तीसगढ़ मत्स्य क्षेत्र (संशोधित) अधिनियम के नियम-3 (5) के अंतर्गत उस पर एक वर्ष तक का कारावास, 10,000 रुपए तक का जुर्माना अथवा दोनों एक साथ दंड के रूप में दिए जा सकते हैं।

मत्स्य विभाग द्वारा सभी मत्स्य पालकों, ठेकेदारों एवं मछुआ समुदाय को निर्देशित किया गया है कि वे उक्त अवधि में मछली पकड़ने से परहेज करें, जिससे प्राकृतिक रूप से मछलियों की संख्या में वृद्धि हो सके एवं जल स्रोतों में जैव विविधता बनी रहे।

 

ईरान-इजरायल में तेज हुई जंग तो भारत ने जताई चिंता, प्रधानमंत्री मोदी को इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने किया फोन

No comments

 Iran Israel Conflict : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुक्रवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से टेलीफोन पर बात हुई। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने पीएम मोदी को इजराइल और ईरान के बीच हाल के घटनाक्रमों और उभरती स्थिति के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की चिंता को साझा किया और क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की आवश्यकता पर बल दिया। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई हैं।


प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। इजरायल ने शुक्रवार की सुबह ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र और तेहरान में कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए। हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर स्थिति की जानकारी दी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तरफ से फोन आया। उन्होंने मुझे मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी। मैंने भारत की चिंताओं को साझा किया और क्षेत्र में शांति तथा स्थिरता की शीघ्र बहाली की आवश्यकता पर जोर दिया।”

वहीं, ईरान और इजरायल के बीच बढ़ रहे तनाव की स्थिति में निश्चित तौर पर भारत सरकार को अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। जिसको लेकर तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने देश में मौजूद भारतीय नागरिकों को एक ‘अर्जेंट एडवाइजरी’ जारी की है। इस एडवाइजरी में यहां रह रहे भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने, गैर-जरूरी आवाजाही से बचने और स्थानीय सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। यह सलाह शुक्रवार सुबह इजरायल के ईरान पर बड़े हवाई हमले करने के बाद आई है, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की चिंता बढ़ गई है। इजरायल ने ऑपरेशन को ‘नेशन ऑफ लायंस’ नाम दिया है।

ईरान पर हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने संबोधन में कहा, “इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया है। यह हमला इजरायल के अस्तित्व पर उत्पन्न खतरे को दूर करने के लिए किया गया है। ईरान सिर्फ तीन साल के अंदर 10,000 बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने की तैयारी कर रहा है। अगर 10,000 मिसाइलें उसने छोटे से इजरायल पर दाग दीं, तो क्या होगा। यह असहनीय खतरा है, जिसे रोका जाना चाहिए। इजरायल ने ईरान के मुख्य संवर्धन केंद्र सहित अन्य ठिकानों पर लक्षित हमले किए हैं।”

बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान ने नौ परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त उच्च-संवर्धित यूरेनियम का हाल के वर्षों में उत्पादन किया है। यह इजरायल के लिए खतरा है। इसलिए जब तक यह खतरा खत्म नहीं हो जाता है, तब तक ऑपरेशन जारी रहेगा।

इजरायल के हमले में वरिष्ठ ईरानी सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई। वहीं, इजरायल ने पूरे देश में विशेष आपातकाल की घोषणा कर दी है।

छत्तीसगढ़: सुकमा कांग्रेस मुख्यालय पर ED का कब्जा, कवासी लखमा की 6.15 करोड़ की संपत्ति अटैच

No comments

 रायपुर : छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर शराब घोटाले की चल रही जांच में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस पार्टी के कार्यालय और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा की संपत्तियों सहित ₹ 6.15 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की हैं। यह पहली बार है जब संघीय एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत किसी राजनीतिक दल की संपत्ति कुर्क की है।


कुर्क की गई संपत्तियों में सुकमा जिला मुख्यालय में स्थित कांग्रेस भवन , जो छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तहत पंजीकृत है, रायपुर में कवासी लखमा का एक आवासीय घर और सुकमा में उनके बेटे हरीश के नाम पर एक और घर शामिल है। ईडी का अनंतिम कुर्की आदेश 2019 से 2022 के बीच पिछली कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान राज्य में संचालित कथित ₹ 2,100 करोड़ के शराब रैकेट की जांच के बीच आया है।

जेल में कवासी लखमा

शराब घोटाला मामले में ED ने 15 जनवरी को पूर्व मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था. तब से कवासी लखमा जेल में हैं. अब ACB और EOW की टीम इस मामले में आगे की जांच में जुटी हुई है.

छत्तीसगढ़ में करीब 2000 करोड़ रुपए काे शरब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा का नाम भी शामिल है. ED ने इस घोटालेम में पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को मास्टरमाइंड बताया.

आरोप हैं कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी तब प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ. इस बात की जानकारी तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी थी. घोटाला के दौरान कमीशन का एक बड़ा हिस्सा पूर्व मंत्री कवासी लखमा के पास भी जाता था. अब तक इस मामले में कुल 8 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस मामले में आगे की कार्रवाई अब भी जारी है.

युवक को हनी ट्रैप में फंसाकर अपहरण, 17 लाख की फिरौती मांगी; पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा

No comments

 रायपुर : छत्तीसगढ़ में एक सनसनीखेज हनी ट्रैप और अपहरण का मामला सामने आया है। लक्षणपुर गांव के एक युवक, किशन साहू को एक महिला, आयशा बेगम उर्फ अन्नू उर्फ अस्मिता साहू (26), और उसके साथी अभय कुमार सूर्यवंशी (22) ने व्हाट्सएप चैट के जरिए प्रेमजाल में फंसाया। युवक को बहला-फुसलाकर बुलाने के बाद उसका अपहरण कर लिया गया और उसके पिता से 17 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। अपहरणकर्ताओं ने फिल्मी अंदाज में फिरौती के लिए लोकेशन दी और धमकी दी कि रकम न देने पर युवक की हत्या कर दी जाएगी।




जांजगीर पुलिस और साइबर सेल ने शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई की। 12 जून 2025 को रात 8 बजे पीड़ित के पिता, बुधराम साहू की शिकायत के बाद पुलिस ने 6 घंटे के भीतर ऑपरेशन चलाकर सुबह 4-5 बजे पहरिया के खेतों में एक मकान से किशन को सकुशल मुक्त कराया। अभय कुमार और आयशा बेगम को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि एक अन्य आरोपी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।

पुलिस ने घटना में प्रयुक्त एक मोटरसाइकिल, दो स्कूटी, और मोबाइल फोन बरामद किए। दोनों आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 140(2) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया।

एग्री स्टैक सम्मेलन: नई तकनीक से सशक्त होगा भारतीय किसानों का भविष्य

No comments

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) द्वारा शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित “नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एग्री स्टैक : डेटा से डिलीवरी तक” में आधुनिक तकनीक, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित नवाचारों और राज्यों की सफलता की कहानियों पर प्रमुखता से प्रकाश डाला गया।


सम्मेलन का एक बड़ा आकर्षण एग्री स्टैक डेटा पर आधारित गूगल जेमिनी से विकसित एक AI चैटबॉट रहा, जो किसानों के सवालों का कई भाषाओं में उत्तर देने में सक्षम है। इसके अलावा मंत्रालय द्वारा फसल पहचान, सर्वेयर की पहचान के लिए फेस ऑथेंटिकेशन और बैकएंड सिस्टम को ऑप्टिमाइज करने के लिए भी AI टूल्स का परीक्षण किया जा रहा है। मुख्य ज्ञान अधिकारी और सलाहकार (CKO&A) ने “डिजिटली वेरीफायबल क्रेडेंशियल (DVC)” या “किसान पहचान पत्र” की जानकारी दी, जो किसानों को अपनी जमीन और फसल से संबंधित प्रमाणित जानकारी तैयार करने और DigiLocker से जोड़ने की सुविधा देता है। यह DVC जमीन में बदलाव होने पर अपने आप अपडेट हो जाता है।

सम्मेलन में एकीकृत शिकायत निवारण पोर्टल भी लॉन्च किया गया, जिसमें ओटीपी लॉगिन, मल्टीलैंगुअल सपोर्ट और ऑडियो अपलोड जैसी सुविधाएं दी गई हैं। अब किसान अपने प्रतिनिधि को सेवा लेने या शिकायत दर्ज करने की अनुमति भी दे सकते हैं। इससे जमीन से जुड़ी शिकायतों का समाधान अब अधिक सरल और सुलभ हो गया है।

“Insights from States on Agri Stack Usage” नामक विशेष सत्र में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक ने अपने-अपने अनुभव साझा किए। महाराष्ट्र ने राज्यभर में फार्मर रजिस्ट्री में हो रहे नामांकन और Mahavistaar AI नामक AI-आधारित सलाह तंत्र के लिए केंद्र सरकार से डेटा प्रोविजनिंग इंजन (DPE) हेतु सहयोग मांगा। वहीं उत्तर प्रदेश ने बताया कि उसने 2024 की एमएसपी ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली में एग्री स्टैक का एकीकरण सफलतापूर्वक किया है, हालांकि डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) के क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां सामने आई हैं। कर्नाटक ने अपनी FRUITS प्रणाली को बैंकों से जोड़ने, आपदा राहत कार्यों में एग्री स्टैक के उपयोग और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से किसानों को व्यक्तिगत सलाह देने जैसी कई नवाचार प्रस्तुत किए।

इजरायली सेना का भारत से माफी मांगना, विवादित बयान पर खेद

No comments

इजरायल रक्षा बलों (IDF) द्वारा शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किए गए एक नक्शे ने विवाद को जन्म दे दिया है। दरअसल इस नक्शे में ईरानी मिसाइलों की रेंज को दिखाया गया था, लेकिन इसमें भारत की सीमाओं को गलत तरीके से पेश किया गया, जिससे सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। नक्शे में जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा और अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखाया गया, जिसके बाद भारतीय यूजर्स ने कड़ी आपत्ति जताई। विवाद बढ़ने पर IDF को माफी मांगनी पड़ी।


क्या है पूरा मामला?

13 जून को IDF ने एक ग्राफिकल वर्ल्ड मैप पोस्ट किया, जिसमें ये दिखाया गया कि ईरान की मिसाइलें दुनिया के किस-किस हिस्से तक मार कर सकती हैं। पोस्ट के साथ लिखा गया, "ईरान एक वैश्विक खतरा है। इजरायल उसका अंतिम लक्ष्य नहीं है, यह तो केवल शुरुआत है। हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था, सिवाय कार्रवाई करने के।" हालांकि, इस नक्शे में भारत की सीमाओं को सटीक रूप से नहीं दिखाया गया था, जिसने विवाद को हवा दे दी।

गलत नक्शे का खुलासा

सोशल मीडिया यूजर्स ने जल्द ही नक्शे में गलतियों को नोटिस किया। जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा और अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखाने के साथ-साथ उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को नेपाल से जोड़ा गया था। इस गलती ने भारतीय नागरिकों और नेताओं को नाराज कर दिया, क्योंकि यह भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल उठाता है।


फूटा भारतीय जनता का गुस्सा

एक्स पर यूजर्स ने IDF के पोस्ट के नीचे तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने लिखा, "कृपया भारत की सीमाओं को सही करें। ऐसी गलतियां न करें।" दूसरे यूजर ने टिप्पणी की, "इजरायल ने कश्मीर को पाकिस्तान और अरुणाचल को चीन का हिस्सा दिखाया। इसे तुरंत हटाएं।" कई यूजर्स ने सही नक्शे के साथ जवाबी पोस्ट किए और IDF से त्रुटि को ठीक करने की मांग की।


IDF ने मांगी माफी

विवाद बढ़ता देख IDF ने 13 जून को ही दोपहर एक जवाबी पोस्ट जारी की। इसमें कहा गया, "यह पोस्ट महज क्षेत्र का एक चित्रण है। यह नक्शा सीमाओं को सटीक रूप से दर्शाता नहीं है। इस तस्वीर के कारण हुई किसी भी ठेस के लिए हम क्षमा चाहते हैं।" इसके अलावा, भारत में इजरायल के राजदूत ने भी इस पर सफाई दी। उन्होंने एक भारतीय यूजर की शिकायत पर लिखा, "यह एक खराब अनपेक्षित इन्फोग्राफिक है। पहले ही हटाने/ठीक करने के लिए कह दिया गया है।" हालांकि, इस माफी के बावजूद कई यूजर्स ने मांग की कि गलत नक्शे को हटाकर सही नक्शे के साथ नया पोस्ट किया जाए।

पिछले साल भी इजरायल ने भारत का गलत मैप दिखाया था जिसे बाद में हटा लिया गया था। मानचित्र में जम्मू और कश्मीर को गलत तरीके से दर्शाया गया था। तब इजरायली राजदूत ने कहा था कि ये वेबसाइट के एडिटर की गलती से वजह से ऐसा हुआ और उस गलत मैप को हटा दिया गया है। भारत और इजरायल के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी और खुफिया जानकारी के क्षेत्र में मजबूत संबंध रहे हैं। 1992 में पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से दोनों देशों ने आतंकवाद विरोधी और सैन्य सहयोग को बढ़ाया है। हालांकि इजरायल की ये इस तरह की पहली गलती नहीं है।

मुंगेली में आबकारी विभाग की कार्रवाई, 7.5 लीटर अवैध शराब जब्त

No comments

रायपुर। कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देश पर जिले में अवैध शराब के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में आबकारी विभाग ने 12 जून को ग्राम सिलौटी में दबिश देकर 7.5 लीटर अवैध कच्ची शराब जब्त की।

जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई विशेष अभियान के तहत की गई, जिसका उद्देश्य अवैध शराब के निर्माण और बिक्री पर नियंत्रण पाना है। विभागीय टीम ने मौके पर पहुंचकर शराब के अवैध कारोबार को रोकने की दिशा में कार्रवाई की है।  आरोपी के विरुद्ध छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि उन्हें किसी प्रकार की अवैध शराब निर्माण, संग्रहण या विक्रय की जानकारी मिले, तो तत्काल विभाग को सूचित करें, जिससे समय पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके। यह अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा और अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई  की जाएगी।

मुख्यमंत्री के हाथों मिलेगा श्रमिकों के 31 मेधावी बच्चों को 2-2 लाख की प्रोत्साहन राशि

No comments

रायपुर। मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत बोर्ड परीक्षा में कक्षा दसवीं और बारहवीं के टॉप 10 में आए पंजीकृत श्रमिकों के कुल 31 मेधावी छात्र छात्राओं को प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा 15 जून को न्यू सर्किट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में दो-दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस मौके पर श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन और छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. राम प्रताप सिंह भी उपस्थित रहेंगे।

श्रम मंत्री देवांगन ने बताया कि मंडल के प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल में 10वीं कक्षा के 26 और 12वीं कक्षा के 5 बच्चों सहित कुल 31 श्रमिक बच्चों को 2 लाख रूपए प्रति छात्र दिए जाएंगे. इसमें 1 लाख रूपए दोपहिया वाहन के लिए और 1 लाख रूपए नकद प्रोत्साहन राशि के रूप में शामिल है। इसी तरह में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल ने राज्य के 38200 निर्माण श्रमिकों के लिए 19.71 करोड़ रूपए से ज्यादा की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी की जायगी।  यह राशि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत प्रदान की जाएगी।

योजनाओं और उनके लाभार्थियों की संख्या और राशि का विवरण इस प्रकार है -

मिनीमाता महतारी जतन योजना 1,915 श्रमिकों को 3.83 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना 279 श्रमिकों को 10.33 लाख रूपए, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना 6,319 श्रमिकों को 2.19 करोड रूपए, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना 12 श्रमिकों को 94 हजार 800 रूपए, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना 4,825 श्रमिकों को 96.17 लाख रूपए, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना 155 श्रमिकों को 37.63 लाख रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक दीर्घायु सहायता योजना 2 श्रमिकों को 40 हजार रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना 4,939 श्रमिकों को 74.08 लाख रूपए,

निर्माण श्रमिकों के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना 1 श्रमिक को 50 हजार रूपए, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना 7 श्रमिकों को 7 लाख रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना 264 श्रमिकों को 2.64 करोड रूपए़, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना 2,486 श्रमिकों को 4.97 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना 372 श्रमिकों को 74.40 लाख रूपए, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना 15,066 श्रमिकों 2.00 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना 25 श्रमिकों को 25 लाख रूपए यह पहल राज्य के निर्माण श्रमिकों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.