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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकता नगर में ‘म्यूज़ियम ऑफ रॉयल किंगडम्स ऑफ इंडिया’ की आधारशिला रखी — भारत की शाही विरासत और राष्ट्रीय एकता को समर्पित एक भव्य पहल

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परिचय

राष्ट्रीय एकता दिवस की पूर्व संध्या पर, साझा विरासत और एकता के संकल्प के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘म्यूज़ियम ऑफ रॉयल किंगडम्स ऑफ इंडिया’ की आधारशिला रखी। यह संग्रहालय भारत की शाही और राजवंशीय विरासत को सम्मान देने का एक भव्य प्रयास है, जो ₹367 करोड़ की अनुमानित लागत से एकता नगर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में पाँच एकड़ भूमि पर निर्मित किया जाएगा।

संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत स्थापित यह संग्रहालय भारत के शाही राज्यों और राजवंशों की गौरवशाली धरोहर को संरक्षित और प्रदर्शित करेगा। इसमें विभिन्न राजवंशों और रियासतों से संबंधित राजचिह्न, कलाकृतियाँ, वस्त्र, पांडुलिपियाँ, चित्रकला और अभिलेखीय सामग्री प्रदर्शित की जाएगी। चार थीम आधारित गैलरियों के माध्यम से यह संग्रहालय आगंतुकों को एक इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करेगा, जो इतिहास, एकता और त्याग की भावना से प्रेरित करेगा।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत की स्वतंत्रता के समय, देश ब्रिटिश प्रशासनिक क्षेत्रों और 550 से अधिक रियासतों में विभाजित था। इन रियासतों का भारतीय संघ में एकीकरण स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है।

उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में, रियासतों के शासकों को ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ के माध्यम से भारत में विलय के लिए राज़ी किया गया। 1949 तक लगभग सभी रियासतें भारतीय संघ का हिस्सा बन गईं, जिसने एक एकीकृत और संप्रभु गणराज्य की नींव रखी। यह शांतिपूर्ण एकीकरण भारत की कूटनीतिक कुशलता, समावेशिता और राष्ट्र निर्माण की भावना का प्रतीक है।

मुख्य उद्देश्य

इस संग्रहालय की स्थापना निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ की जा रही है:

  • भारत की शाही और रियासती विरासत का दस्तावेजीकरण और प्रदर्शन करना।

  • उन ऐतिहासिक कलाकृतियों और अभिलेखों को संरक्षित करना जो भारत की सांस्कृतिक एकता और पहचान को दर्शाते हैं।

  • जनता को भारत के एकीकरण की ऐतिहासिक प्रक्रिया, रियासतों के योगदान और शासन के विकास के बारे में शिक्षित करना।

  • भारत की शाही और लोकतांत्रिक विरासत पर शोध, संरक्षण और सार्वजनिक अधिगम का एक प्रमुख केंद्र बनना।

मुख्य डिज़ाइन विशेषताएँ

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 से प्रेरित होकर, संग्रहालय में एक इंटरएक्टिव और अनुभवात्मक अधिगम गैलरी होगी, जो इतिहास को जीवंत तरीके से प्रस्तुत करेगी।

  • संग्रहालय की वास्तुकला प्राकृतिक परिदृश्य के साथ सामंजस्य बिठाती है, जिसमें जल निकाय, फव्वारे, आंगन और उद्यान प्रमुख संरचनात्मक तत्व हैं।

  • प्रवेश द्वार शाही बाग़ों से प्रेरित लैंडस्केप के माध्यम से होगा, जो अंदर की भव्यता का अनुभव कराएगा।

  • यात्रा का समापन म्यूज़ियम कैफ़े में होगा, जहाँ पर्यटक राजसी व्यंजन का आनंद लेते हुए अपने अनुभव पर विचार कर सकेंगे।

गैलरी अवलोकन

  1. गैलरी 1: ओरिएंटेशन गैलरी – फिल्मों और ऑडियो-विज़ुअल माध्यमों के ज़रिए शाही इतिहास और संग्रहालय की कहानी का परिचय।

  2. गैलरी 2: “द थ्रोन एंड द स्टेट” – राजपरिवारों, शासन व्यवस्था, जनकल्याण नीतियों और प्रजा के प्रति उनके स्नेह को प्रदर्शित करेगी।

    • व्यूइंग लाउंज और डेक से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नर्मदा नदी का विहंगम दृश्य देखा जा सकेगा।

  3. गैलरी 3: “द स्टोरी ऑफ़ इंडिया’स इंटीग्रेशन” – भारत के राजनीतिक एकीकरण से जुड़े ऐतिहासिक घटनाक्रम और दस्तावेज़ों को प्रदर्शित करेगी।

  4. गैलरी 4: “हॉल ऑफ यूनिटी” – सभी रियासतों के प्रतीक और चिन्हों को प्रदर्शित करेगी, जिन्होंने भारत की एकता में योगदान दिया।

निष्कर्ष

रियासतों का एकीकरण स्वतंत्र भारत की असाधारण उपलब्धि है, जो "एकता में विविधता" की भावना का प्रतीक है। प्रस्तावित ‘म्यूज़ियम ऑफ रॉयल किंगडम्स ऑफ इंडिया’ इस ऐतिहासिक प्रक्रिया का उत्सव मनाएगा, भारत की शाही विरासत को संरक्षित करेगा और उनके योगदान को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रदर्शित करेगा।

यह संग्रहालय अतीत की विरासत और आधुनिक तकनीक का संगम होगा — एक जीवंत प्रतीक के रूप में, जो भारत की सांस्कृतिक एकता और गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाएगा।


कानूनी कार्य विभाग ने ‘स्पेशल कैंपेन 5.0’ को सफलतापूर्वक संपन्न किया, स्वच्छता और दक्षता की दिशा में हासिल की उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

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विधि एवं न्याय मंत्रालय के कानूनी कार्य विभाग (Department of Legal Affairs - DLA) ने स्पेशल कैंपेन 5.0 के सभी निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण कर सफलतापूर्वक अभियान का समापन किया। यह उपलब्धि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के मार्गदर्शन और विधि सचिव डॉ. अंजु राठी राणा के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में हासिल की गई।

भारत सरकार की “स्वच्छता ही सेवा” की दृष्टि को मूर्त रूप देते हुए, विभाग के देशभर में स्थित सभी कार्यालयों ने असाधारण समन्वय और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। यह अभियान प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा निर्धारित 12 प्रमुख कार्य बिंदुओं के तहत संचालित किया गया।

योजना से प्रदर्शन तक

सितंबर 2025 में विस्तृत तैयारी चरण (Preparatory Phase) के बाद, कार्यान्वयन चरण (Implementation Phase) की शुरुआत 2 अक्टूबर 2025 को हुई। SCDPM 5.0 पोर्टल के माध्यम से डिजिटल ट्रैकिंग, दैनिक समीक्षा और अंतर-विभागीय निगरानी ने अभियान को सभी मानकों पर संतृप्ति तक पहुँचाया।

मुख्य उपलब्धियाँ

भौतिक फाइलें (Physical Files):

  • 64,401 फाइलों की समीक्षा की गई

  • 26 फाइलें राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India) को हस्तांतरित की गईं

  • 60,216 फाइलें निरस्तीकरण (Weeding) हेतु चिन्हित की गईं

  • 60,216 फाइलें नष्ट की गईं

ई-फाइलें (E-Files):

  • 714 फाइलों की समीक्षा

  • 311 फाइलें बंद की गईं

कार्यालय स्थल एवं राजस्व (Office Space & Revenue):

  • 11,831 वर्ग फुट स्थान मुक्त किया गया

  • ₹4,91,758 का राजस्व अर्जित किया गया

लंबित संदर्भ और शिकायतें (Pending References & Grievances):

  • सांसदों से प्राप्त 50 संदर्भ

  • राज्य सरकारों से प्राप्त 6 संदर्भ

  • 27 अंतर-मंत्रालयी संदर्भ

  • 11 संसदीय आश्वासन

  • 1 पीएमओ संदर्भ

  • 879 सार्वजनिक शिकायतें

  • 10 सार्वजनिक शिकायत अपीलें — सभी का निपटारा किया गया

स्वच्छता, डिजिटलीकरण और पुनर्गठन की दिशा में कदम

सार्वजनिक अभिलेख अधिनियम, 1993 के तहत हजारों भौतिक फाइलों की समीक्षा, वर्गीकरण, डिजिटलीकरण और निरस्तीकरण किया गया, जिससे न केवल कार्यालय स्थान खाली हुआ बल्कि अभिलेख प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी।

ई-कचरे के निस्तारण के तहत अनुपयोगी आईटी उपकरण — जैसे कंप्यूटर, प्रिंटर, यू.पी.एस., फोटोकॉपी मशीनें आदि — पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा जारी ई-वेस्ट प्रबंधन नियम, 2022 के अनुसार अधिकृत रीसायक्लर्स के माध्यम से निस्तारित किए गए। साथ ही, अनुपयोगी फर्नीचर और अन्य वस्तुओं की नीलामी की गई। खाली हुए स्थानों का उपयोग हरित क्षेत्र (Green Corners) और सुव्यवस्थित रिकॉर्ड प्रबंधन हेतु किया गया।

सांसदों, राज्य सरकारों, पीएमओ और मंत्रालयों से प्राप्त सभी संदर्भों का प्राथमिकता से निपटारा किया गया। CPGRAMS पोर्टल के माध्यम से सभी सार्वजनिक शिकायतों और अपीलों को ट्रैक कर समयबद्ध रूप से बंद किया गया।

देशभर के कार्यालयों की सक्रिय भागीदारी

इस अभियान में विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी कार्यालयों ने भाग लिया — मुख्य सचिवालय (नई दिल्ली), शाखा सचिवालय (कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु), केंद्रीय एजेंसी अनुभाग (सुप्रीम कोर्ट), विधि आयोग, इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट (ILI), इंडिया इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (IIAC), सभी आयकर अपीलीय अधिकरण (ITAT) पीठें, और दिल्ली उच्च न्यायालय, सीएटी (मुख्य पीठ) तथा तिस हजारी न्यायालयों में स्थित वाद अनुभाग।

साइबर सुरक्षा जागरूकता पहल

स्पेशल कैंपेन 5.0 के अंतर्गत, 30 अक्टूबर 2025 को विभाग द्वारा साइबर सुरक्षा जागरूकता वेबिनार का आयोजन किया गया, जो राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के अवसर पर आयोजित हुआ। यह सत्र राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की Cyber & Information Security Management Division के विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया गया। इसमें साइबर सुरक्षा, डेटा संरक्षण, पासवर्ड प्रबंधन, फ़िशिंग से बचाव और सुरक्षित डिजिटल व्यवहार पर चर्चा की गई। यह पहल विभाग में साइबर-सुरक्षित कार्य संस्कृति को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विधि सचिव का संदेश

विधि सचिव डॉ. अंजु राठी राणा ने कहा —

“स्वच्छता की भावना केवल भौतिक सफाई तक सीमित नहीं है — यह अनुशासन, दक्षता और लोक सेवा में गर्व का प्रतीक है। मैं विभाग के प्रत्येक अधिकारी को स्पेशल कैंपेन 5.0 को सामूहिक सफलता बनाने के लिए बधाई देती हूँ।”

उन्होंने साप्ताहिक रिपोर्टों की व्यक्तिगत समीक्षा की, निरीक्षण दौरों का संचालन किया और यह सुनिश्चित किया कि सभी लक्ष्यों की पूर्ति समयबद्ध और प्रभावी ढंग से हो।

विकसित भारत @2047 की दिशा में योगदान

विभाग निरंतर डिजिटल परिवर्तन, प्रक्रिया सरलीकरण और सेवा-केंद्रित प्रशासन के माध्यम से विकसित भारत @2047 की दृष्टि को सशक्त कर रहा है। यह अभियान उसी संकल्प का प्रमाण है कि स्वच्छता, दक्षता और पारदर्शिता ही सुशासन की वास्तविक पहचान हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर किया शुभारंभ, सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता की शपथ दिलाई

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केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज राष्ट्रीय एकता दिवस – 2025 के अवसर पर नई दिल्ली में ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित जनसमूह को एकता प्रतिज्ञा भी दिलाई। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, डॉ. मनसुख मांडविया, दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता तथा गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिए विशेष महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की स्मृति में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि आज सरदार पटेल की 150वीं जयंती है और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह निर्णय लिया है कि इसे पूरे देश में विशेष रूप से मनाया जाए।

अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम में ही नहीं, बल्कि स्वतंत्र भारत के वर्तमान स्वरूप को गढ़ने में भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी के आह्वान पर सरदार पटेल ने अपने वकालत के पेशे को त्याग दिया और स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। 1928 के बारडोली सत्याग्रह के दौरान उनके नेतृत्व कौशल की सच्ची झलक देखने को मिली, जब किसानों के साथ अन्याय के विरोध में आंदोलन छेड़ा गया। यह आंदोलन जो एक छोटे से कस्बे में शुरू हुआ था, वह देखते ही देखते पूरे देश में फैल गया और ब्रिटिश शासन को किसानों की माँगें मानने पर मजबूर होना पड़ा। इसी आंदोलन के बाद महात्मा गांधी ने उन्हें “सरदार” की उपाधि दी और वे सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से प्रसिद्ध हुए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के 562 रियासतों में विभाजन की चुनौती थी और यह प्रश्न उठता था कि इतनी बिखरी हुई रियासतों वाला देश एकजुट भारत कैसे बनेगा।अमित शाह ने बताया कि सरदार पटेल के अथक प्रयास, दृढ़ निश्चय और राजनीतिक कौशल से इन सभी रियासतों का विलय संभव हुआ और वर्तमान भारत का नक्शा आकार में आया। काठियावाड़, भोपाल, जूनागढ़, जोधपुर, त्रावणकोर और हैदराबाद जैसी रियासतों ने अलग रहने की कोशिश की, लेकिन सरदार पटेल की लौह इच्छाशक्ति ने उन्हें भारत के साथ जोड़ दिया।

अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल का केवल एक अधूरा कार्य शेष रह गया था — कश्मीर का पूर्ण एकीकरण। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को हटाकर वह कार्य पूरा किया, जो सरदार पटेल का सपना था, और आज हमारे सामने वास्तविक रूप से एकीकृत भारत है।

अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के दिन जब देश के लोग तिरंगा फहरा रहे थे, तब सरदार पटेल नौसेना के युद्धपोत की निगरानी कर रहे थे। उस समय लक्षद्वीप पर नियंत्रण को लेकर प्रश्न उठा था, और सरदार पटेल ने तत्काल नौसेना को वहाँ भेजकर तिरंगा फहरवाया, जिससे लक्षद्वीप भारत का अभिन्न अंग बन गया।

गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष की सरकारों ने सरदार पटेल को वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वे वास्तव में अधिकारी थे। उन्हें भारत रत्न प्राप्त करने में 41 वर्ष लग गए। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल के योगदान के अनुरूप कोई भव्य स्मारक भी नहीं बनाया गया था। जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने केवडिया में एक भव्य स्मारक — स्टैच्यू ऑफ यूनिटी — बनाने का संकल्प लिया। इस स्मारक की आधारशिला 31 अक्टूबर 2013 को रखी गई और केवल 57 महीनों में 182 मीटर ऊँची यह प्रतिमा तैयार हुई, जो आज पूरे देश की एकता का प्रतीक है।

अमित शाह ने बताया कि सरदार पटेल किसानों के नेता थे, और इस प्रतिमा के निर्माण में उपयोग किए गए लगभग 25,000 टन लोहे का संग्रह किसानों के उपकरणों को पिघलाकर किया गया। प्रतिमा के निर्माण में लगभग 90,000 घन मीटर कंक्रीट और 1,700 टन कांसे का प्रयोग हुआ। अब तक लगभग 2.5 करोड़ लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का भ्रमण कर चुके हैं।

अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने जिस मार्ग पर चलकर देश की एकता, अखंडता और आंतरिक सुरक्षा की नींव रखी, उसी मार्ग पर आज भारत आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में केवडिया में सभी राज्यों की पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) ने सरदार पटेल को भव्य परेड के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपरांत हर वर्ष यह एकता परेड इसी भव्य स्वरूप में आयोजित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष ‘रन फॉर यूनिटी’ और प्रतिज्ञा कार्यक्रम भी विशेष रूप से मनाए जा रहे हैं।अमित शाह ने बताया कि कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारका से कामाख्या तक पूरे देश में सरदार पटेल के विचारों को विशेषकर युवाओं तक पहुँचाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो युवा आज राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा की प्रतिज्ञा ले रहे हैं, वही भारत के उज्ज्वल भविष्य के निर्माता होंगे।

बिहार चुनाव 2025 : एनडीए का घोषणापत्र जारी - 1 करोड़ नौकरियाँ, ‘लखपति दीदी’ और वैश्विक कौशल केंद्र का वादा

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NDA Manifesto Bihar : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने आज शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025, को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपना संयुक्त घोषणापत्र जारी किया।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा सहित एनडीए के सभी प्रमुख नेता इस अवसर पर मौजूद रहे।

बिहार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणापत्र की प्रमुख बातें साझा करते हुए कहा कि एनडीए का लक्ष्य बिहार को “रोज़गार, कौशल और आत्मनिर्भरता का ग्लोबल हब” बनाना है।

1 करोड़ नौकरियाँ और वैश्विक कौशल केंद्र

एनडीए ने बिहार में 1 करोड़ से अधिक सरकारी और निजी रोज़गार के अवसर सृजित करने का वादा किया है। इसके तहत राज्यभर में कौशल जनगणना कराई जाएगी और प्रत्येक ज़िले में एक मेगा स्किल सेंटर स्थापित होगा।
घोषणापत्र में बिहार को वैश्विक कौशल केंद्र के रूप में विकसित करने की परिकल्पना की गई है।

महिला सशक्तिकरण: ‘लखपति दीदी’ और ‘मिशन करोड़पति’

महिला स्वावलंबन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना शुरू की जाएगी, जिसके तहत महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलेगी।
एनडीए का लक्ष्य 1 करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाना है, जबकि सफल उद्यमियों के लिए ‘मिशन करोड़पति’ लाया जाएगा।

अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) सशक्तिकरण

एनडीए ने अत्यंत पिछड़े वर्गों (EBC) के लिए 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता का वादा किया है।
इन वर्गों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की समीक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी, जो सशक्तिकरण के लिए ठोस सुझाव देगी।

किसान कल्याण: कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि

किसानों को हर फसल सीजन में 3,000 रुपये, यानी सालाना 9,000 रुपये दिए जाएंगे।
एमएसपी पर धान, गेहूं, दाल और मक्का की खरीद के लिए हर पंचायत में खरीद केंद्र स्थापित होंगे।
सिंचाई, गोदाम और फूड प्रोसेसिंग में 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा भी की गई है।

दुग्ध एवं मत्स्य पालन मिशन

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में दूध शीतलन और प्रसंस्करण केंद्र बनाए जाएंगे।
मत्स्य पालन के लिए कोल्ड स्टोरेज और क्लस्टर विकास योजना लाई जाएगी।

बुनियादी ढाँचा: एक्सप्रेसवे, रेल और मेट्रो विस्तार

बिहार गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत 7 नए एक्सप्रेसवे, 3,600 किमी रेलवे ट्रैक का आधुनिकीकरण और चार नए शहरों में मेट्रो सेवा शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। ‘अमृत भारत एक्सप्रेस’ और ‘नमो रैपिड रेल’ सेवाओं का विस्तार भी प्रस्तावित है।

हवाई संपर्क: नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

पटना के पास एक ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाया जाएगा।
दरभंगा, पूर्णिया और भागलपुर के हवाई अड्डों को अपग्रेड किया जाएगा और 10 नए घरेलू गंतव्यों तक उड़ानें शुरू होंगी।

औद्योगिक विकास और विनिर्माण

हर ज़िले में एक औद्योगिक इकाई और राज्यभर में 10 नए औद्योगिक पार्क स्थापित किए जाएंगे।
स्थानीय रोजगार और उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए विनिर्माण आधारित उद्योग नीति लागू की जाएगी।

शिक्षा: केजी से पीजी तक मुफ़्त शिक्षा

गरीब परिवारों के छात्रों को केजी से पीजी तक मुफ़्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का वादा किया गया है।
स्कूलों में आधुनिक कौशल प्रयोगशालाएँ, पौष्टिक नाश्ता व मध्याह्न भोजन योजना और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय खोलने का लक्ष्य तय किया गया है।

राष्ट्रनायकों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़े हमारी भावी पीढ़ी - मुख्यमंत्री साय

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आज राजधानी रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल केवल स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि वे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने वाले ऐसे युगपुरुष थे जिन्होंने अपने अदम्य साहस और दृढ़ निष्ठा से देश की रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत की नींव रखी।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने स्कूली बच्चों, जनप्रतिनिधियों और आमजनों के साथ राजधानी रायपुर के शास्त्री चौक से शारदा चौक तक आयोजित ‘एकता दौड़’ में शामिल होकर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का संदेश दिया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरदार पटेल को उनकी दूरदृष्टि और अद्भुत नेतृत्व क्षमता के कारण ही ‘भारत का लौह पुरुष’ कहा जाता है। राष्ट्र को एकजुट करने के उनके प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर आज पूरे देश में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय एकता और अखंडता का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि भारत विविधताओं से परिपूर्ण देश है, और 'विविधता में एकता' की भावना हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों के उत्साह और अनुशासन की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह जोश सरदार पटेल के प्रति श्रद्धा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिए गए ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करने का प्रण लेने का आह्वान किया और सभी को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक श्री किरण देव, विधायक पुरंदर मिश्रा तथा छत्तीसगढ़ लौह शिल्पकार विकास बोर्ड के अध्यक्ष प्रफुल्ल विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी, जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी बोले - कांग्रेस की गलती से पाकिस्तान के पास गया कश्मीर, सरदार पटेल की इच्छा अधूरी रह गई

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Sardar Patel Birth Anniversary : राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की ऐतिहासिक गलती की वजह से जम्मू-कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल मानते थे कि “इतिहास लिखने में समय नहीं गंवाना चाहिए, बल्कि इतिहास बनाने के लिए मेहनत करनी चाहिए।


प्रधानमंत्री ने कहा, “कश्मीर आज धारा 370 की जंजीरों को तोड़कर मुख्यधारा से जुड़ चुका है। ऑपरेशन सिंदूर में पूरी दुनिया ने देखा है कि अब भारत पर अगर कोई आंख उठाता है, तो भारत घुसकर जवाब देता है। आज भारत का हर जवाब पहले से बड़ा और निर्णायक होता है — यह हमारे दुश्मनों के लिए संदेश है।”

‘कांग्रेस सरकारों ने देश की संप्रभुता पर नहीं दिखाई गंभीरता’

पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने देश की एकता और संप्रभुता को सर्वोपरि रखा, लेकिन उनके निधन के बाद की सरकारों ने उस गंभीरता को नहीं दिखाया। उन्होंने कहा, “कश्मीर में हुई गलतियों से लेकर पूर्वोत्तर में पैदा हुई समस्याओं और देश में फैले नक्सलवाद तक — इन सबने देश की संप्रभुता को चुनौती दी। लेकिन उस समय की सरकारों ने सरदार पटेल की नीतियों पर चलने की बजाय रीढ़विहीन रवैया अपनाया। इसका परिणाम देश ने हिंसा और रक्तपात के रूप में भुगता।”

‘नेहरू ने सरदार पटेल की इच्छा पूरी नहीं होने दी’

प्रधानमंत्री ने कहा, “सरदार साहब चाहते थे कि जैसे उन्होंने बाकी रियासतों का विलय किया, वैसे ही कश्मीर का भी पूर्ण विलय हो। लेकिन नेहरू जी ने उनकी यह इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर को अलग संविधान और अलग निशान देकर कांग्रेस ने जो गलती की, उसकी आग में देश दशकों तक जलता रहा।”

घुसपैठियों को बताया आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज देश की एकता और आंतरिक सुरक्षा के सामने सबसे बड़ा खतरा विदेशी घुसपैठियों से है। दशकों से ये लोग देश के संसाधनों पर कब्जा करते रहे, जनसांख्यिकीय संतुलन बिगाड़ते रहे और राष्ट्र की एकता को कमजोर करते रहे। लेकिन पिछली सरकारों ने वोटबैंक की राजनीति के लिए इस समस्या पर आंखें मूंद लीं।”

युवा-नेतृत्व वाले भारत की नींव रखना: मेरा युवा भारत (MY Bharat) – राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल

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युवा-नेतृत्व वाले भारत की नींव रखना

भारत अपने विकास यात्रा के एक निर्णायक चरण पर खड़ा है — जहाँ 35 वर्ष से कम आयु की जनसंख्या लगभग 65% है और 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य देश के सामने है। इस परिवर्तनकारी दौर में मेरा युवा भारत (MY Bharat) भारत सरकार की एक ऐतिहासिक पहल के रूप में उभरा है — एक राष्ट्रीय मंच जो युवाओं को सशक्त बनाने और उनकी ऊर्जा को राष्ट्र-निर्माण की दिशा में सार्थक कार्रवाई में परिवर्तित करने के लिए समर्पित है।

31 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय एकता दिवस (सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती) के अवसर पर शुरू किया गया, MY Bharat तकनीक, सुशासन और जनभागीदारी का एक जीवंत संगम है। यह युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में कार्य करता है और युवाओं को स्वैच्छिक सेवा, अनुभवात्मक शिक्षा, नेतृत्व और कौशल विकास के अवसरों से जोड़ने के लिए एक प्रौद्योगिकी-संचालित तंत्र प्रदान करता है।

इस मंच के माध्यम से युवा विभिन्न सरकारी विभागों, निजी संगठनों और नागरिक समाज भागीदारों की पहलों से जुड़ सकते हैं, और स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक समावेशन जैसे क्षेत्रों में वास्तविक जीवन की चुनौतियों का समाधान करने वाले प्रोजेक्ट्स में भाग ले सकते हैं। राष्ट्रीय युवा नीति के अनुरूप यह पहल मुख्य रूप से 15–29 वर्ष के युवाओं को लक्षित करती है, साथ ही 10–19 वर्ष के किशोरों को भी प्रारंभिक नागरिक भागीदारी और जागरूकता के लिए प्रोत्साहित करती है।

MY Bharat का दृष्टिकोण

2023 में MY Bharat की शुरुआत भारत के बदलते युवा परिदृश्य के अनुरूप की गई थी। पारंपरिक युवा कार्यक्रम अब उस पीढ़ी के लिए पर्याप्त नहीं थे जो तकनीक, गतिशीलता और वैश्विक दृष्टिकोण से प्रेरित है। आज का युवा ऐसे मंच चाहता है जो उसकी आकांक्षाओं को पहचान सके, उसकी आवाज़ को सशक्त बनाए और उसे सीखने व नेतृत्व के अवसरों से सीधे जोड़े।

MY Bharat इस अंतर को पाटते हुए एकीकृत, तकनीक-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) प्रदान करता है, जो ग्रामीण, शहरी और “रूरल-अर्बन” (Rurban) युवाओं को एक ही राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर लाता है। इसका “फिजिटल” (Physical + Digital) दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी युवा पीछे न रह जाए।

डिजिटल इकोसिस्टम

MY Bharat के केंद्र में एक सशक्त डिजिटल तंत्र है जो करोड़ों युवाओं को विकास और सेवा के अवसरों से जोड़ता है। डिजिटल इंडिया ढांचे के तहत निर्मित यह प्लेटफॉर्म समावेशी डिज़ाइन और अत्याधुनिक तकनीक को जोड़ता है, जिससे देश का हर युवा—चाहे वह किसी महानगर में हो या किसी सुदूर गाँव में—स्वैच्छिक सेवा, नेतृत्व और सीखने के अवसरों तक पहुंच सके।

MY Bharat पोर्टल (mybharat.gov.in):

यह एक केंद्रीकृत डिजिटल गेटवे है जो युवाओं को पंजीकरण, डिजिटल आईडी, अवसर मिलान (opportunity matching) और रीयल-टाइम प्रभाव ट्रैकिंग जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है। अक्टूबर 2025 तक, इस प्लेटफॉर्म से 2 करोड़ से अधिक युवा और 1.20 लाख संगठन जुड़े हैं, जिससे एक जीवंत सहयोगी इकोसिस्टम तैयार हुआ है।

MY Bharat मोबाइल ऐप (लॉन्च – 1 अक्टूबर 2025):

युवा सहभागिता को मोबाइल-प्रथम और सुलभ बनाने के लिए MY Bharat मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया। इस ऐप में बहुभाषी समर्थन, एआई चैटबॉट, वॉयस असिस्ट नेविगेशन और “स्मार्ट सीवी बिल्डर” जैसे फीचर शामिल हैं। लॉन्च के समय तक 1.81 करोड़ से अधिक युवा और 1.20 लाख संगठन इस प्लेटफॉर्म से जुड़े थे।

MY Bharat 2.0 मॉड्यूल्स:

  • नेशनल करियर सर्विस: युवाओं के लिए रोजगार और करियर लिंकिंग।

  • मेंटरशिप हब: उद्योग विशेषज्ञों और नवप्रवर्तकों से जुड़ाव।

  • अनुभवात्मक शिक्षा कार्यक्रम (ELPs): जिला और राज्य स्तर पर जिम्मेदारी निर्माण के अवसर।

  • फिट इंडिया एकीकरण: स्वास्थ्य और सामुदायिक कल्याण को बढ़ावा देना।

कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) साझेदारी

डिजिटल अंतराल को पाटने के लिए MY Bharat ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के अंतर्गत कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) नेटवर्क के साथ साझेदारी की है। देशभर के पाँच लाख से अधिक वीएलई (Village Level Entrepreneurs) ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में युवाओं की सहायता करते हैं ताकि वे आसानी से पंजीकरण कर सकें और अवसरों का लाभ उठा सकें।

युवा शक्ति की कहानियाँ – परिवर्तन के उदाहरण

  • विकसित भारत रन 2025: 91 देशों के 150 शहरों में आयोजित इस कार्यक्रम ने वैश्विक मंच पर भारतीय युवाओं की एकता और उद्देश्य को प्रदर्शित किया।

  • राष्ट्रीय ध्वज क्विज़: युवाओं को राष्ट्रध्वज के मूल्यों से जोड़ने वाली एक अनोखी पहल, जिसमें श्रेष्ठ प्रतिभागियों ने सियाचिन का दौरा किया।

  • नशा मुक्त युवा फॉर विकसित भारत: जुलाई 2025 में वाराणसी से शुरू हुआ यह अभियान युवाओं द्वारा संचालित एक सामाजिक परिवर्तन आंदोलन बन गया।

  • विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग (VBYLD): 10 विषयगत क्षेत्रों में युवा नेताओं ने भारत के भविष्य के लिए अभिनव समाधान प्रस्तुत किए।

अब तक की यात्रा और आगे की दिशा

MY Bharat ने दो वर्षों से भी कम समय में भारत का सबसे बड़ा डिजिटल युवा मंच बनने की दिशा में ऐतिहासिक प्रगति की है। यह 2 करोड़ से अधिक युवाओं और 1.20 लाख से अधिक संगठनों को जोड़ते हुए युवाओं को स्वैच्छिक सेवा, कौशल विकास और नेतृत्व के अवसर प्रदान कर रहा है।

30 जून 2025 को युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय और डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (MeitY) के बीच हुए एमओयू ने MY Bharat 2.0 के विकास का मार्ग प्रशस्त किया — एक एआई-सक्षम, बहुभाषी मंच जो स्मार्ट सीवी बिल्डर, वॉयस असिस्ट नेविगेशन, मेंटरशिप नेटवर्क और अनुभवात्मक शिक्षण मॉड्यूल जैसे फीचर्स से लैस है।

आगे चलकर MY Bharat 2.0 करियर काउंसलिंग, एआई-आधारित कौशल मानचित्रण, उद्यमिता समर्थन और डिजिटल प्रमाणन जैसी सुविधाएँ जोड़ेगा। यह प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS), डिजिलॉकर, UMANG और डिजिटल इंडिया स्टैक से एकीकृत होकर युवाओं को एकीकृत डिजिटल नेटवर्क से जोड़ेगा — जिससे MY Bharat वैश्विक दक्षिण (Global South) का सबसे बड़ा युवा डिजिटल नेटवर्क बन सके।

“युवा शक्ति से जनभागीदारी” — यही MY Bharat की आत्मा है, जो हर भारतीय युवा को परिवर्तन का सहभागी नहीं, बल्कि उसका निर्माता बनाती है।

गुजरात की धरती पर बस्तर का सम्मान : एकता परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी ने दिखाई विकास और संस्कृति की अनोखी झलक

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 एकता नगर (गुजरात) : गुजरात के एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आज आयोजित एकता परेड में इस वर्ष छत्तीसगढ़ की झांकी “बस्तर की धरती – संस्कृति, सृजन और प्रगति की गाथा” ने सभी का मन मोह लिया। यह झांकी छत्तीसगढ़ के जनजातीय जीवन, परंपराओं और विकास यात्रा का जीवंत प्रतीक बनकर उभरी।


इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परेड में सम्मिलित सभी झांकियों का अवलोकन किया और विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलकियों की सराहना की। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में प्रदर्शित छत्तीसगढ़ की झांकी ने अपने सौंदर्य, प्रतीकात्मकता और सशक्त संदेश से सबका ध्यान आकर्षित किया।

झांकी के अग्रभाग में पारंपरिक वेशभूषा में सजे माड़िया जनजाति के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गौर नृत्य ने बस्तर की आन-बान और सामूहिकता की भावना को सजीव कर दिया। उनके पास रखी पारंपरिक तुरही बस्तर के पर्वों की गूंज और लोक उल्लास की प्रतीक बनी। वहीं, नंदी का चित्रण बस्तर की गहरी लोक आस्था और शिव उपासना की परंपरा को अभिव्यक्त करता नजर आया।

झांकी के मध्य भाग में बस्तर के विकास और परिवर्तन की यात्रा को कलात्मक रूप में दर्शाया गया। कभी नक्सलवाद से प्रभावित यह क्षेत्र अब शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में बस्तर आज तेजी से बदलते भारत का प्रतीक बन चुका है। अब यहाँ बंदूक की नहीं, विकास की गूंज सुनाई देती है।

झांकी के अंतिम भाग में टोकरी लिए महिला की प्रतिमा बस्तर की स्त्री शक्ति, श्रम और सृजनशीलता का प्रतीक बनी। संपूर्ण झांकी की ढोकरा शिल्पकला से की गई सजावट ने बस्तर के शिल्पकारों की अद्भुत कलात्मकता और परंपरागत कौशल को दर्शाया।

छत्तीसगढ़ की यह झांकी न केवल अपनी संस्कृति और कला में समृद्ध है, बल्कि यह बस्तर में हो रहे सकारात्मक बदलाव की कहानी भी कहती है। झांकी ने दिखाया कि आज का नया बस्तर परंपरा, प्रकृति और विकास का सुंदर संगम बन चुका है। कभी दुर्गम और पहुँच से दूर रहने वाले इलाकों में अब सड़कों का जाल बिछ गया है, जिन पर बच्चों के स्कूल जाने की चहल-पहल सुनाई देती है और स्कूलों में घंटियाँ बजने लगी हैं।

गांवों में बिजली की रौशनी और इंटरनेट की पहुँच ने नई आशाएँ जगाई हैं। युवाओं में कुछ करने, आगे बढ़ने का जोश दिखाई देता है। महिलाएँ आत्मनिर्भर बन रही हैं—हस्तशिल्प, वनोपज , विभिन्न विकासात्मक योजनाओं ने उनके जीवन में नई दिशा दी है। लोग अब विकास पर भरोसा करने लगे हैं।

यह झांकी इस विश्वास का प्रतीक है कि बस्तर अब सिर्फ़ अपनी लोक संस्कृति और परंपराओं के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से आगे बढ़ते एक नए युग के लिए भी जाना जा रहा है।

एकता परेड के लिए झांकियों का चयन गृह सचिव की अध्यक्षता में गठित एक उच्चस्तरीय समिति और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने देशभर के राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय संगठनों के प्रजेंटेशन देखे। हर राज्य ने अपनी थीम, मॉडल और विचार समिति के सामने प्रस्तुत किए। इसी प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ की झांकी को उसकी मौलिकता, सांस्कृतिक समृद्धि और विकास के जीवंत चित्रण के लिए चयनित किया गया।

अंतिम सूची में छत्तीसगढ़ के साथ एनएसजी, एनडीआरएफ, अंडमान-निकोबार द्वीप, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, पुद्दुचेरी और उत्तराखंड की झांकियाँ शामिल हुईं।

वर्ष 2025 के लिए 1,466 कर्मियों को ‘केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक’ से सम्मानित किया गया

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वर्ष 2025 के लिए विभिन्न राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों (UTs)/केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs)/केंद्रीय पुलिस संगठनों (CPOs) के 1,466 कार्मिकों को ‘केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक’ से सम्मानित किया गया है।

यह पदक उत्कृष्ट कार्य के लिए मान्यता प्रदान करने, उच्च व्यावसायिक मानकों को प्रोत्साहित करने और संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से निम्नलिखित चार क्षेत्रों में दिया जाता है –

(i) विशेष अभियान (Special Operation)
(ii) अन्वेषण (Investigation)
(iii) गुप्तचर सेवा (Intelligence)
(iv) न्याय विज्ञान (Forensic Science)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में आरंभ किए गए ‘केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक’ से देशभर के पुलिस बलों का मनोबल और उत्साह बढ़ेगा।

“केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक” की स्थापना भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा 1 फरवरी, 2024 को अधिसूचना के माध्यम से की गई थी। यह पदक पुलिस बलों, सुरक्षा संगठनों, राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के गुप्तचर विंग/शाखा/विशेष शाखा, केंद्रीय पुलिस संगठनों (CPOs), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) तथा न्याय विज्ञान (केंद्र/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश) में कार्यरत सरकारी वैज्ञानिकों को अभियानों में उत्कृष्टता, अन्वेषण में उत्कृष्ट सेवा, असाधारण प्रदर्शन, साहसिक गुप्तचर सेवा तथा न्याय विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रदान किया जाता है।

यह पदक प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर घोषित किया जाता है।

पुरस्कृत व्यक्तियों की सूची गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है – https://www.mha.gov.in

पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की सूची देखने के लिए क्लिक करें।☝

आज का मौसमः साइक्लोन ‘मोंथा’ के असर से छत्तीसगढ़ सहित 20 राज्यों में बारिश की चेतावनी

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 नई दिल्ली: साइक्लोन ‘मोंथा’ के प्रभाव से देश के कई हिस्सों में मौसम ने करवट ले ली है। यूपी, बिहार, दिल्ली और हरियाणा सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। ठंड के शुरुआती असर के साथ कई इलाकों में सुबह हल्का कोहरा भी देखा जा रहा है। राजधानी दिल्ली-एनसीआर में आज शुक्रवार सुबह बादल छाए रहे और कुछ क्षेत्रों में हल्की फुहारें पड़ीं।


चक्रवात हुआ कमजोर, लेकिन बारिश जारी

मौसम विभाग के अनुसार, साइक्लोन ‘मोंथा’ अब कमजोर पड़ चुका है, लेकिन इसके प्रभाव से शनिवार तक देश के कई राज्यों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार, 31 अक्टूबर तक पूर्वी उत्तर प्रदेश (पूर्वांचल) और बिहार के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, कोंकण और गोवा में भी तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है।

दक्षिण भारत में केरल, तेलंगाना, यनम, तटीय आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, रायलसीमा और तमिलनाडु में भी आज भारी बारिश का अनुमान है। पूर्वोत्तर राज्यों मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम और नागालैंड में भी बादल बरसने के आसार हैं।

31 अक्टूबर तक बरसेगा आसमान

मौसम विभाग ने 31 अक्टूबर को मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी भारी बारिश की चेतावनी दी है।

भारत की बेटियों ने रचा नया इतिहास: महिला क्रिकेट टीम विश्वकप के फाइनल में पहुँची, मुख्यमंत्री साय ने दी बधाई

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जब हर गेंद पर उम्मीदें डगमगा रही थीं, तब भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपने अदम्य साहस, संयम और जुनून से पूरे खेल का रुख ही बदल दिया। महिला क्रिकेट विश्वकप के सेमीफाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर वह कर दिखाया जिसकी प्रतीक्षा पूरे देश को थी।


उन्होंने कहा कि टीम इंडिया की यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल भारतीय क्रिकेट के लिए, बल्कि देश की हर बेटी के आत्मविश्वास, संघर्ष और प्रतिबद्धता के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। इन खिलाड़ियों ने यह साबित किया है कि असली खिलाड़ी वही होता है जो मुश्किल परिस्थितियों में भी हार नहीं मानता और अपने जज़्बे से इतिहास लिख देता है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने टीम इंडिया को इस शानदार उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि यह जीत देश के हर नागरिक के लिए गर्व का क्षण है। हमारी बेटियों ने साहस और अनुशासन से विश्व पटल पर भारत का परचम फहराया है। फाइनल मुकाबले में हम सबकी शुभकामनाएँ उनके साथ हैं।

उन्होंने कहा कि आज भारत की बेटियाँ विश्वकप के फाइनल में पहुँचकर पूरे राष्ट्र का सिर गर्व से ऊँचा कर चुकी हैं। यह केवल खेल नहीं, बल्कि ‘नए भारत की नारी शक्ति’ का उज्जवल प्रतीक है।

स्वास्थ्य विभाग ने रिश्वत लेते पकड़े गए एक चिकित्सा अधिकारी को किया निलंबित

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रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने रिश्वत लेते पकड़े गए एक चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, डॉ. राजेन्द्र कुमार पटेल, पद प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डभरा, जिला सक्ती को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) बिलासपुर द्वारा 17 अक्टूबर 2025 को डॉ. पटेल को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद वे 48 घंटे से अधिक समय तक पुलिस अभिरक्षा में रहे। इस आधार पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गई है।

राज्य शासन ने आदेश जारी करते हुए डॉ. पटेल को 17 अक्टूबर 2025 से प्रभावशील निलंबित किया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, संभाग बिलासपुर को निर्धारित किया गया है। इस अवधि में वे मूलभूत नियम के अंतर्गत जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने के पात्र होंगे।

छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव: 1 से 5 नवम्बर तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की होगी शानदार प्रस्तुतियां

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मुख्यमंच और शिल्पग्राम मंच में कलाकार बिखेरेंगे मनमोहक छटा

पहले दिन पार्श्व गायक हंशराज रघुवंशी होंगे आकर्षण का केन्द्र

छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय कलाकार भी देंगे अपनी प्रस्तुति

रायपुर-छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के रजत महोत्सव में देश एवं प्रदेश के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। एक नवम्बर से 5 नवम्बर तक मुख्यमंच के अलावा शिल्पग्राम मंच पर भी विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। राज्योत्सव में इस बार छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय कलाकारों के साथ ही देश के जाने-माने कलाकार,हंशराज रघुवंशी,आदित्य नारायण,अंकित तिवारी, कैलाश खेर, भूमि त्रिवेदी अपनी शानदार प्रस्तुति देंगे। 

राज्योत्सव के शुभारंभ अवसर पर नवा रायपुर के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाणिज्य एवं व्यापार परिसर में बनाये गए मुख्यमंच से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत सुबह 11 बजे ऐश्वर्या पंडित के गायन से होगी। इसके बाद पीसी लाल यादव, आरू साहू, दुष्यंत हरमुख, निर्मला ठाकुर तथा शाम 8 बजे राष्ट्रीय कलाकार हंशराज रघुवंशी की प्रस्तुति होगी। इसी प्रकार 2 नवम्बर को सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक आदित्य नारायण प्रमुख आकर्षण के केन्द्र होंगे। उनके द्वारा गीतों की प्रस्तुति रात्रि 9 बजे से दी जाएगी। इस दिन सांस्कृति कार्यक्रमों की शुरूआत शाम 6.30 बजे से होगी। सबसे पहले सुनील तिवारी, जयश्री नायर चिन्हारी द गर्ल बैंड, पद्मश्री डोमार सिंह कंवर नाचा दल का कार्यक्रम होगा। 

इसी प्रकार 3 नवम्बर को पार्श्व गायिका भूमि त्रिवेदी रात्रि 9 बजे से प्रस्तुति देंगी। इस दिन सांस्कृति संध्या में शाम 6 बजे से पद्मश्री उषा बारले पण्डवानी,राकेश शर्मा सूफी-भजन गायन, कुलेश्वर ताम्रकार लोकमंच की प्रस्तुति होगी तथा 4 नवम्बर को रात्रि 9 बजे पार्श्व गायक अंकित तिवारी प्रस्तुति देंगे। इस दिन शाम 6 बजे कला केन्द्र रायपुर बैण्ड, रेखा देवार की लोकगीत,प्रकाश अवस्थी की प्रस्तुति होगी। इसी प्रकार 5 नवम्बर को रात्रि 9 बजे पार्श्व गायक कैलाश खेर अपनी प्रस्तुति देंगे। सांस्कृतिक संध्या में शाम 6 बजे से पूनम विराट तिवारी, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ का कार्यक्रम होगा। 

शिल्पग्राम मंच की प्रस्तुतियां-

शिल्पग्राम मंच में 1 नवम्बर को मोहम्मद अनस पियानो वादन, बासंती वैष्णव द्वारा कत्थक, रमादत्त जोशी और सोनाली सेन का गायन,स्वीटी पगारिया कत्थक,मंगलूराम यादव की बांसगीत, चारूलता देशमुख भारत नाट्य, दुष्यंत द्विवेदी की पण्डवानी, लोकेश साहू की भजन, बॉबी मंडल की लोक संगीत तथा चन्द्रभूषण वर्मा लोकमंच की प्रस्तुति होगी। 

2 नवम्बर को रेखा जलक्षत्रीय की भरथरी, ईकबाल ओबेराय की म्यूजिक ग्रुप, बसंतबीर उपाध्याय मानस बैंड, दीपाली पाण्डेय की कत्थक, लिलेश्वर सिंहा की लोक संगीत,अंविता विश्वकर्मा भारतनाट्यम, आशिका सिंघल कत्थक, प्रांजल राजपूत भरथरी, प्रसिद्धि सिंहा कत्थक,जीवनदास मानिकपुरी लोकमंच एवं जितेन्द्र कुमार साहू सोनहा बादर की प्रस्तुति होगी। 

3 नवम्बर को सुरेश ठाकुर भजन, डॉ. आरती सिंह कत्थक, राखी राय भरतनाट्यम, पुसउराम बंजारे पण्डवानी, इशिका गिरी कत्थक, गिरवर सिंह ध्रुव भंुजिया नृत्य, राधिका शर्मा कत्थक, शांतिबाई चेलक पण्डवानी, दुष्यंतकुमार दुबे सुआ नृत्य, गंगाबाई मानिकपुरी पण्डवानी, संगीता कापसे शास्त्रीय नृत्य,महेन्द्र चौहान की चौहान एव बैंड तथा घनश्याम महानंद फ्यूजन बैंड की प्रस्तुति होगी। 

4 नवम्बर को भुमिसूता मिश्रा ओडिसी, चैतुराम तारक नाचा दल, आशना दिल्लीवार कत्थक, पुष्पा साहू लोक संगीत, महेन्द्र चौहान पण्डवानी, प्रिति गोस्वामी कत्थक, पृथा मिश्रा शास्त्रीय गायन, महेश साहू लोकमंच, विजय चंद्राकर लोक संगीत तथा तिलक राजा साहू लोकधारा की प्रस्तुति होगी। 

5 नवम्बर को दुर्गा साहू पण्डवानी, डाली थरवानी कत्थक, संजय नारंग लोकसंगती, सारिका शर्मा कत्थक, महेश्वरी सिंहा लोकमंच, चंद्रशेखर चकोर की लोक नाट्य,नीतिन अग्रवाल लोकसंगीत, द्वारिकाप्रसाद साहू की डंडा नृत्य, महुआ मजुमदार की लोकसंगीत तथा नरेन्द्र जलक्षत्रीय लोकसंगीत की प्रस्तुति देंगे।

दलाल के चंगुल से छूटे 18 मजदूर बीजापुर प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से सकुशल घर लौटे ग्रामीण

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रायपुर। बीजापुर जिले के 18 ग्रामीणों को अधिक मजदूरी और अच्छे काम का झांसा देकर एक दलाल सीनू श्रीनिवास तेलंगाना राज्य ले गया था। इनमें ग्राम कड़ेनार के 11 और ग्राम घुमरा के 7 मजदूर शामिल थे। यह घटना अगस्त माह की है। दलाल हीके चंगुल से इन 18 मजदूरों को छुड़ाया गया है।

मजदूरों को मेहनताना नहीं दिया और दलाल मौके से फरार

मिली जानकारी के अनुसार, श्रमिक मनोज ताती ने बताया कि पहले इन मजदूरों से तेलंगाना के करीमनगर में काम कराया गया, फिर दलाल ने उन्हें महाराष्ट्र के नांदेड़ भेज दिया। इसके बाद वही दलाल सभी मजदूरों को कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिले के बिगड़ी गांव (जानमट्टी) में एक साहूकार के पास काम पर लगा गया। बताया गया कि दलाल ने मजदूरों को 5 लाख रुपये में साहूकार को सौंप दिया था। मजदूरों को मेहनताना नहीं दिया गया और दलाल मौके से फरार हो गया। मजदूर वापस छत्तीसगढ़ लौटना चाहते थे, लेकिन साहूकार उन्हें छोड़ नहीं रहा था।

संयुक्त टीम ने किया रेस्क्यू टीम 

घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक बीजापुर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक संयुक्त रेस्क्यू टीम बनाई। इस टीम में श्रम निरीक्षक लोकेन्द्र वैष्णव, राजस्व निरीक्षक यशवंत राव और सहायक उप पुलिस निरीक्षक बलदेव कुड़ियाम शामिल थे। टीम को तत्काल कर्नाटक के बागलकोट रवाना किया गया।

सभी 18 मजदूरों को सुरक्षित छुड़ाया गया

स्थानीय प्रशासन की सहायता से टीम ने सभी 18 मजदूरों को सुरक्षित छुड़ाया और 1 लाख 36 हज़ार 100 रुपये की बकाया मजदूरी राशि भी दिलवाई। रेस्क्यू टीम ने 28 अक्टूबर 2025 को सभी मजदूरों को बीजापुर वापस लाया। अगले दिन 29 अक्टूबर को उन्हें उनके गृहग्राम कड़ेनार और घुमरा में सुरक्षित पहुंचा दिया गया। बीजापुर प्रशासन की यह त्वरित कार्रवाई मजदूरों के लिए राहत और भरोसे की बड़ी मिसाल बनी है।

छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा भवन : आधुनिकता, संस्कृति और लोकतंत्र की नई पहचान

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छत्तीसगढ़ के लोकतांत्रिक इतिहास में वर्ष 2025 एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में याद किया जाएगा, जब नया विधानसभा भवन भव्यता, आधुनिकता और सांस्कृतिक गरिमा के साथ जनता के लिए समर्पित होगा।  1 नवम्बर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे। राज्य की राजधानी रायपुर में निर्मित यह भवन न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक महत्व में भी अद्वितीय है। उप मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री  अरुण साव के कुशल नेतृत्व में, यह भवन विकसित होते छत्तीसगढ़ की आकांक्षाओं का स्वरूप है। 

स्थापत्य कला और वास्तुशिल्प की अनूठी मिसाल 

नया विधानसभा भवन राज्य की सांस्कृतिक विविधता और आधुनिक स्थापत्य का अनुपम संगम है। इसकी डिजाइन में छत्तीसगढ़ की धरोहर, आदिवासी कला, और राज्य के प्राकृतिक संसाधनों को प्रमुखता दी गई है। भवन की बाहरी दीवारों को घोटुल, बांस-दरबार, और पेंटिंग्स से सजाया गया है, जिससे यह स्थानीय संस्कृति का जीवंत परिचायक बना है। गुंबद व मेहराबों की संरचना भारतीय परंपरागत स्थापत्य शैली से प्रेरित है, जबकि आंतरिक सजावट में नवीन तकनीकों का प्रभाव साफ दिखता है।

आधुनिक सुविधाएं एवं तकनीकी खुबियां 

इस विधानसभा भवन में अत्याधुनिक सुरक्षा, सूचना व संचार प्रणाली, ऊर्जा दक्षता, तथा भूकंपीय सुरक्षा जैसी विशेषताएं शामिल हैं। पूरी बिल्डिंग में स्मार्ट ऑडियो-विजुअल सिस्टम, ई-वोटिंग व्यवस्था, डिजिटलीकरण के लिए उच्चगुणवत्ता नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर, और हरित भवन संबंधी सुविधाएं को अपनाया गया है। भवन के मुख्य हॉल में एलईडी प्रकाश व्यवस्था, केंद्रीय वातानुकूलन, और फायर सेफ्टी सिस्टम कार्यरत हैं। बैठक कक्ष और समिति कक्षों को भी तकनीकी तौर पर सुसज्जित किया गया है, ताकि विधायकों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कोई बाधा न हो।

पर्यावरण अनुकूलता और हरित प्रौद्योगिकी 

वैश्विक जलवायु संकट की पृष्ठभूमि में छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा भवन ग्रीन बिल्डिंग मानकों का अनुपालन करता है। भवन की छत पर सौर ऊर्जा पैनल्स लगाए गए हैं, वर्षा जल संचयन की व्यवस्था है, और अधिकतम प्राकृतिक रोशनी एवं वेंटिलेशन का ध्यान रखा गया है। बागवानी और वृक्षारोपण से परिसर को हरियालीयुक्त रखा गया है, जिससे भवन पर्यावरण के अनुकूल बनता है।

सुरक्षा इंतजाम और सुव्यवस्थित यातायात 

यह भवन अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों और सीसीटीवी कैमरों से लैस है। आपातकालीन निकासी, अग्निशमन, चिकित्सा कक्ष तथा पर्याप्त पार्किंग सुविधा जैसी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। बाहरी और आंतरिक सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा दस्ते तैनात किए गए हैं। भवन तक सुगम यातायात के लिये चौड़ी सड़कों, फुटपाथ और सार्वजनिक परिवहन कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गई है।


 विधिक एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण 

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने विशेष रूप से बताया कि नया विधानसभा भवन डिजिटल गवर्नेंस की मिसाल पेश करता है। यहाँ सभी दस्तावेजों, प्रसार, नोटिस, एवं प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण किया गया है, जिससे विधानसभा के कामकाज में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। इससे राज्य के नागरिकों को भी विधानसभा संचालन की जानकारी आसानी से उपलब्ध होती रहेगी।

 सांस्कृतिक प्रतीकों और राज्य की पहचान का संरक्षण 

भवन के प्रमुख द्वारों एवं दीवारों पर छत्तीसगढ़ की प्रमुख लोक संस्कृति, पंडवानी, डंडा-गीत, बस्तर की मूर्तिकला और देवी-देवताओं के चित्र अंकित किए गए हैं। यह न केवल राज्य की पारंपरिक पहचान को जीवंत रखते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़े रखने में सहायक हैं।

 उप मुख्यमंत्री-सह-लोक निर्माण मंत्री  अरुण साव का दृष्टिकोण 

अरुण साव ने भवन के लोकार्पण के पहले जारी किए गए वीडियो सन्देश मे कहा- यह विधानसभा भवन हमारे लोकतंत्र की मजबूती, आमजन की भागीदारी और छत्तीसगढ़ की दिव्य संस्कृति का प्रमाण है। हमनें इसे हमारे जनप्रतिनिधियों और जनता के संवाद का सशक्त मंच बनाने का संकल्प लिया है। डिजिटल इंडिया और स्वच्छ ऊर्जा की राह पर यह भवन हमारे नए छत्तीसगढ़ की सोच और गतिशीलता का आईना है।

 देखें VIDEO 


छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा भवन ना केवल प्रशासनिक कार्यों का केंद्र है, वरन यह राज्य की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरणीय चेतना, तकनीकी दक्षता और प्रशासनिक पारदर्शिता का भी जीवंत प्रतीक है।  अरुण साव के मार्गदर्शन में बना यह भवन निश्चित ही छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य का वाहक बनेगा, जहां लोकतंत्र के नए कीर्तिमान स्थापित होंगे।

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