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NH-49 पर दर्दनाक हादसा—बारात से लौट रही स्कॉर्पियो ट्रक से भिड़ी, दो सेना के जवान समेत 5 की मौत; 3 गंभीर

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जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ में NH-49 पर सुकली गांव के पास ऐसा दर्दनाक सड़क हादसा हुआ कि नवागढ़ क्षेत्र में मातम छा गया। पंतोरा से बारात से लौट रही स्कॉर्पियो की ट्रक से आमने-सामने जोरदार टक्कर हो गई, जिसमें पांच युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी भयंकर थी कि आवाज़ दूर-दूर तक सुनाई दी और स्कॉर्पियो का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया।

मृतक में दो इंडियन आर्मी के जवान

हादसे में जान गंवाने वालों में राजेंद्र कश्यप (27) और पोमेश्वर जलतारे (33) इंडियन आर्मी में पदस्थ थे।
अन्य मृतक— धर्मेश साहू, उत्तम साहू और अजय साहू शामिल हैं।

राजेंद्र कश्यप हाल ही में श्रीनगर पोस्टिंग से शादी के लिए छुट्टी पर आए थे और उनकी शादी 18 नवंबर को ही हुई थी।

पोमेश्वर जलतारे सिक्किम में तैनात थे और 12 नवंबर को घर आए थे, उन्हें 8 दिसंबर को ड्यूटी जॉइन करनी थी।

तीन लोग गंभीर रूप से घायल

हादसे में घायल—
सत्य नारायण साहू (35), संतोष साहू (30) और दीपक केवट (25)
तीनों को पहले जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ स्थिति गंभीर होने पर बिलासपुर सिम्स रेफर किया गया। वहाँ इलाज जारी है।

पूरी बस्ती में मातम

सभी मृतक नवागढ़ के सड़क पारा और शांति नगर के रहने वाले थे।
दोस्त की शादी में खुशी मनाने गए युवक वापस लौटते समय हादसे का शिकार हो गए। रात भर ग्रामीणों की भीड़ अस्पताल और मौके पर जमा रही।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही जांजगीर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। हादसे के कारणों की जांच जारी है।

संविधान दिवस पर बच्चों ने पढ़ी संविधान की उद्देशिका

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कड़ी मेहनत से तैयार हुआ है भारतीय संविधान 

आरंग- बुधवार को  शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला चरौदा में बच्चों ने संविधान दिवस मनाया। इस अवसर पर डाक्टर भीमराव अम्बेडकर को स्मरण करते हुए उनकी छायाचित्र पर माल्यार्पण किया। तत्पश्चात् संविधान के उद्देशिका पढ़कर सुनाया गया। वहीं शिक्षकों ने संविधान के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए कहा भारतीय संविधान को बनाने में संविधान निर्माताओं को करीब तीन वर्ष कड़ी मेहनत करनी पड़ी। कई देशों के संविधान का अध्ययन किया गया।पूरा संविधान को पेन से अंग्रेजी और हिंदी भाषा में लिखा गया । इसे बनने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे। शुरूआत में भारतीय संविधान में  22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी। काफी शोध अध्ययन और कड़ी मेहनत पश्चात 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ।इसलिए इस दिन को पूरे देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।हम सबको देश के संविधान निर्माताओं के योगदान को भूलना नहीं चाहिए। बल्कि उन्हें सदैव स्मरण करना चाहिए। जिनके अथक प्रयासों से हमारे देश का विशाल संविधान लिखा गया है।इस अवसर पर संस्था प्रमुख सहित सभी शिक्षको और बड़ी संख्या में बच्चों की उपस्थिति रही।



भारत–स्लोवेनिया JCTEC का 10वां सत्र नई दिल्ली में सम्पन्न

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भारत–स्लोवेनिया व्यापार एवं आर्थिक सहयोग संयुक्त समिति (JCTEC) के 10वें सत्र का आयोजन नई दिल्ली में हुआ। यह बैठक भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव साकेत कुमार और स्लोवेनिया के विदेश और यूरोपीय मामलों के मंत्रालय में आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कूटनीति के महानिदेशक पीटर जापेल्ज़ की सह-अध्यक्षता में संपन्न हुई।

यह सत्र भारत और स्लोवेनिया के बीच वर्तमान आर्थिक संबंधों की समीक्षा, प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने और व्यापार एवं निवेश के लिए एक अग्रदृष्टि-आधारित रोडमैप तैयार करने का महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।

पिछले कई वर्षों में भारत और स्लोवेनिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार निरंतर बढ़ोतरी दर्शाता रहा है, जो इस साझेदारी की गहराई और मजबूती को प्रतिबिंबित करता है।

स्लोवेनिया की मध्य यूरोप के चौराहे पर स्थित रणनीतिक स्थिति और यूरोप के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी, दोनों देशों के लिए क्षेत्रों को और नज़दीक लाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। भौगोलिक और आर्थिक हितों का यह संगम व्यापार, प्रौद्योगिकी, नवाचार और संपर्कता (कनेक्टिविटी) में सहयोग को और मजबूत करने का ठोस आधार है।

बैठक के दौरान वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की व्यापक समीक्षा की गई, साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों का मूल्यांकन भी किया गया। कृषि, रसायन एवं फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य, परिवहन, ऊर्जा, पर्यटन, MSMEs, तथा आयुर्वेद एवं पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों सहित कई क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने एक संतुलित और परस्पर लाभकारी भारत–यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के शीघ्र निष्कर्ष पर आशावाद व्यक्त किया।

अपनी यात्रा के दौरान,पीटर जापेल्ज़ ने भारत सरकार के वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की।

10वें JCTEC सत्र ने भारत और स्लोवेनिया की मजबूत आर्थिक साझेदारी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि की, जो आपसी विश्वास, साझा मूल्यों और दीर्घकालिक मित्रता पर आधारित है। यह सत्र यूरोप और भारत के बीच व्यापक सहयोग के लिए एक सुदृढ़ आधार भी स्थापित करता है।


मतदाता सर्वे के दौरान बीएलओ पर ईंट से वार, गंभीर रूप से घायल- एक गिरफ्तार

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 भिलाई। खुर्सीपार क्षेत्र में मंगलवार दोपहर मतदान संबंधित सर्वे कार्य के दौरान एक युवक ने बीएलओ पर ईंट से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वारदात के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। घायल बीएलओ को स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया।


घटना सेक्टर-11 शासकीय प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक एवं बीएलओ रूपेश कुमार जोशी (निवासी अटल आवास बोगदा पुल) के साथ हुई। उनके साथ निगम कर्मचारी पी. कार्तिक और दिनेश एस. भी एसआईआर सर्वे ड्यूटी पर तैनात थे।

कैसे हुई घटना

मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे टीम लक्ष्मी नारायण वार्ड के गोकुल नगर में घर-घर जाकर गणना पत्रक (सर्वे फॉर्म) एकत्र कर रही थी। इसी दौरान उड़िया मोहल्ला निवासी जावेद हुसैन वहां पहुंचा और बिना कारण गाली-गलौज करने लगा।

टीम ने उसे शांत करने की कोशिश की तो आरोपी ने इलाके से भगा देने की धमकी दी और अचानक पास पड़ी ईंट उठाकर बीएलओ रूपेश जोशी के सिर पर हमला कर दिया। सिर फूटने से वे लहूलुहान हो गए और कुछ दूरी तक दौड़कर किसी तरह बच निकले। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

सूचना पर एसडीएम हितेश पिस्दा और थाना प्रभारी खुर्सीपार आनंद शुक्ला टीम के साथ मौके पर पहुंचे और आरोपी जावेद हुसैन को हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया।

उसके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा, गाली-गलौच और जानलेवा हमला सहित संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।

संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने दी संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि

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संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनकी दूरदृष्टि और व्यापक दृष्टिकोण आज भी राष्ट्र को विकसित भारत के निर्माण की सामूहिक यात्रा में प्रेरित करते हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत का संविधान मानव गरिमा, समानता और स्वतंत्रता को सर्वोच्च महत्व देता है। उन्होंने बताया कि संविधान जहाँ नागरिकों को अधिकार प्रदान करता है, वहीं वह उन्हें अपने कर्तव्यों की याद भी दिलाता है, जिन्हें ईमानदारी और निष्ठा के साथ निभाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यही कर्तव्य एक मज़बूत और जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला हैं।

राष्ट्र की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपने कार्यों के माध्यम से संवैधानिक मूल्यों को और अधिक मजबूत करें, जिससे देश की एकता और प्रगति को आगे बढ़ाया जा सके।

एक्स पर किए गए पोस्ट में मोदी ने कहा:

“संविधान दिवस पर, हम अपने संविधान के निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनकी दूरदृष्टि और दृष्टिकोण हमें विकसित भारत के निर्माण की दिशा में प्रेरित करते रहते हैं।

हमारा संविधान मानव गरिमा, समानता और स्वतंत्रता को सर्वोच्च महत्व देता है। यह हमें अधिकार देता है और साथ ही यह भी याद दिलाता है कि नागरिकों के रूप में हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। यही कर्तव्य एक मज़बूत लोकतंत्र की नींव हैं।

आइए, अपने कार्यों के माध्यम से संवैधानिक मूल्यों को और अधिक सशक्त करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएँ।”


आयुर्वेद नवाचार को नई दिशा: सिद्धि 2.0 राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

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आयुष मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) ने आज विजयवाड़ा में अपने प्रमुख उद्योग–अनुसंधान इंटरफ़ेस कार्यक्रम सिद्धि 2.0 (Scientific Innovation in Drug Development, Healthcare & Integration) का दूसरा संस्करण लॉन्च किया। यह दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (RARI), विजयवाड़ा द्वारा, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), विजयवाड़ा ज़ोन के सहयोग से आयोजित किया गया है।

कार्यक्रम का शुभारंभ एक औपचारिक उद्घाटन सत्र से हुआ, जिसमें प्रो. वैद्य रबीनारायण आचार्य, महानिदेशक, CCRAS;के. दिनेश कुमार, IAS, निदेशक (आयुष), आंध्र प्रदेश सरकार; डॉ. एन. श्रीकांत, उप महानिदेशक, CCRAS; किरण भूपतिराजू, CEO, Laila Nutra Pvt. Ltd. एवं Chemiloids Life Sciences Pvt. Ltd.; डॉ. वी. नागलक्ष्मी, चेयरपर्सन, CII विजयवाड़ा ज़ोन; और डॉ. बी. वेंकटेश्वरलु, सहायक निदेशक (I/c), RARI विजयवाड़ा शामिल थे।

उद्घाटन समारोह में CCRAS ने अपनी औषधि-ऐतिहासिक पुस्तक “Evolution of Ayurveda, Siddha & Unani Drug Regulations in India” तथा Drug Inventory Management System पोर्टल जारी किया। यह सम्मेलन आयुर्वेद के वैज्ञानिक, औद्योगिक और वाणिज्यिक पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रमुख राष्ट्रीय मंच के रूप में स्थापित किया गया है।

PRAGATI-2024 (Pharma Research in Ayurgan and Techno-Innovation) की गति को आगे बढ़ाते हुए, सिद्धि 2.0 अनुसंधान-आधारित उत्पाद विकास, स्वदेशी प्रौद्योगिकी उन्नति, तेज़ ट्रांसलेशनल पाथवे और उद्योग साझेदारी की दिशा में एक रणनीतिक कदम है—जो भारत के उभरते हुए आयुष नवाचार एजेंडे के प्रमुख तत्व हैं।


इस अवसर पर बोलते हुए CCRAS के महानिदेशक प्रो. रबीनारायण आचार्य ने बताया कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ बढ़ रही हैं और आयुर्वेद का वेलनेस-केंद्रित दृष्टिकोण आज और भी प्रासंगिक है। उन्होंने CII की इस भूमिका की सराहना की कि उसके सहयोग से CCRAS और औषधि उद्योग के बीच सीधे संवाद संभव हो रहे हैं। SPARK, SMART, PDF फेलोशिप और शोध-कार्यक्रमों जैसे CCRAS के विभिन्न उपक्रमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने सहयोगात्मक अनुसंधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और उद्योग सहभागियों को आश्वासन दिया कि संयुक्त कार्य से उत्पन्न IPR को समान रूप से साझा किया जाएगा।

के. दिनेश कुमार, IAS, निदेशक (आयुष), आंध्र प्रदेश सरकार, ने बताया कि राज्य में आयुर्वेद कॉलेजों और औषधि निर्माण इकाइयों की संख्या अभी भी सीमित है। उन्होंने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सिद्धि 2.0 सभी प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाता है और यह भी जोड़ा कि आधुनिक विज्ञान ने जीवनकाल बढ़ाया है, जबकि आयुर्वेद स्वस्थ जीवनकाल सुनिश्चित कर सकता है।

उप महानिदेशक डॉ. एन. श्रीकांत ने बताया कि परिषद ने 150 से अधिक आयुर्वेदिक औषधीय फ़ॉर्मूलेशन, जिनमें हर्बो-मिनरल तैयारियाँ भी शामिल हैं, का सत्यापन किया है। उन्होंने उद्योग को CCRAS के व्यापक डेटा—गुणवत्ता, सुरक्षा और विषाक्तता अध्ययनों—का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया और संगठन की उद्योग-अनुकूल अनुसंधान नीति, जिसमें IPR साझा करने का प्रावधान है, का उल्लेख किया। उन्होंने आयुर्वेद-आधारित, AI-संचालित और प्रौद्योगिकी-सक्षम स्टार्टअप्स को मिल रहे CCRAS समर्थन को भी रेखांकित किया।

उद्योग परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करते हुए किरण भूपतिराजू (CEO, Laila Nutra Pvt. Ltd. एवं Chemiloids Life Sciences Pvt. Ltd.) ने वैश्विक बाज़ार में मजबूती के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और फ़ॉर्मूलेशन के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

CII विजयवाड़ा ज़ोन की चेयरपर्सन डॉ. वी. नागलक्ष्मी ने कहा कि आयुर्वेद की पूरी क्षमता अभी सामने आना बाकी है। उन्होंने अनुसंधान, शिक्षा, निर्माण और उद्योग विकास के समन्वय के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि बढ़ी हुई शोध गतिविधि उद्योग के विकास और रोज़गार के बड़े अवसरों को जन्म देगी।

कार्यक्रम में CCRAS विशेषज्ञों तथा Himalaya Wellness Company जैसी प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। CCRAS वैज्ञानिकों ने अपनी सुविधाओं, प्रमुख शोध-परिणामों, विकसित उत्पादों एवं प्रौद्योगिकियों तथा विभिन्न स्तरों पर विकसित हो रहे फ़ॉर्मूलेशन प्रस्तुत किए। साथ ही, उद्योगों के साथ सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर भी चर्चा की गई। पहले दिन फार्मास्यूटिकल क्षेत्र के विविध हितधारकों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली, जो आयुर्वेद क्षेत्र में सबूत-आधारित विकास को तेज़ करने की दिशा में उपयोगी रही।

सिद्धि 2.0 में दक्षिण भारत की 25 से अधिक प्रमुख आयुर्वेदिक फार्मास्यूटिकल कंपनियों—जैसे कि Himalaya Wellness Company, Oushadhi, IMPCOPS, Laila Nutra Pvt. Ltd., और Imis Pharmaceuticals—के प्रतिनिधियों सहित 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा शोधकर्ता, चिकित्सक, शिक्षाविद, राज्य आयुष अधिकारी और डॉ. NRS आयुर्वेदिक कॉलेज, विजयवाड़ा के स्नातकोत्तर छात्र भी उपस्थित रहे।

एक राष्ट्रीय ट्रांसलेशनल एक्सेलेरेटर के रूप में परिकल्पित, सिद्धि 2.0 का उद्देश्य CCRAS तकनीकों को उद्योग में व्यापक अपनाने को बढ़ावा देना, संस्थागत संबंधों को मजबूत करना, गुणवत्ता और नियामक ढाँचे को उन्नत करना और वैश्विक प्रतिस्पर्धी आयुर्वेदिक औषधि उद्योग के विकास का समर्थन करना है। वैज्ञानिक नवाचार और उद्योग सहयोग को एक साथ आगे बढ़ाते हुए, सिद्धि 2.0 आयुर्वेद के लिए एक आधुनिक, साक्ष्य-आधारित और विस्तार योग्य भविष्य की नींव रखता है, जो भारत की समग्र स्वास्थ्य दृष्टि के अनुरूप है।


प्रधानमंत्री मोदी का संविधान दिवस पर राष्ट्र को संबोधन

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प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस, 26 नवंबर, के अवसर पर भारत के नागरिकों को पत्र लिखते हुए 1949 में संविधान के ऐतिहासिक अंगीकरण को स्मरण किया और राष्ट्र की प्रगति में इसकी निरंतर मार्गदर्शक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2015 में सरकार ने इस पवित्र दस्तावेज़ के सम्मान में 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया था।

मोदी ने बताया कि कैसे संविधान ने साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्तियों को राष्ट्र की सर्वोच्च सेवाओं में योगदान देने का अधिकार और अवसर दिया है। उन्होंने संसद और संविधान के प्रति अपनी श्रद्धा से जुड़े अनुभव साझा किए। उन्होंने 2014 में संसद की सीढ़ियों पर माथा टेकने और 2019 में संविधान को अपने मस्तक पर रखने की स्मृति दोहराई, जो उनके सम्मान का प्रतीक था। उन्होंने कहा कि संविधान ने करोड़ों नागरिकों को सपने देखने की शक्ति और उन्हें साकार करने का सामर्थ्य दिया है।

संविधान सभा के सदस्यों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और कई प्रतिष्ठित महिला सदस्यों को याद किया, जिनकी दूरदर्शिता ने संविधान को समृद्ध बनाया। उन्होंने गुजरात में संविधान की 60वीं वर्षगांठ पर आयोजित संविधान गौरव यात्रा जैसे महत्वपूर्ण पड़ावों और संसद के विशेष सत्र व देशभर में आयोजित कार्यक्रमों का उल्लेख किया, जिन्हें संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर अभूतपूर्व जनभागीदारी प्राप्त हुई।

प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के संविधान दिवस को विशेष महत्व का बताया क्योंकि यह सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, वंदे मातरम् के 150 वर्ष और श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये महान विभूतियाँ और ऐतिहासिक अवसर हमें संविधान के अनुच्छेद 51A में उल्लिखित हमारे मूल कर्तव्यों की याद दिलाते हैं। उन्होंने महात्मा गांधी के इस विचार को दोहराया कि अधिकार कर्तव्यों के पालन से प्राप्त होते हैं, और कर्तव्यों का निर्वहन सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति की नींव है।

भविष्य की ओर दृष्टि डालते हुए मोदी ने कहा कि इस सदी का एक चौथाई समय बीत चुका है और मात्र दो दशक से थोड़ा अधिक समय बाद भारत आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा। वर्ष 2049 में संविधान को अपनाए हुए भी 100 वर्ष हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज लिए जा रहे निर्णय और बन रही नीतियाँ आने वाली पीढ़ियों के जीवन को आकार देंगी, और इसलिए नागरिकों को कर्तव्यों को सर्वोपरि रखने की आवश्यकता है, ताकि भारत विकसित भारत के लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सके।

प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र को मजबूत बनाने की ज़िम्मेदारी का उल्लेख करते हुए मतदान के अधिकार का प्रयोग करने पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों और कॉलेजों में संविधान दिवस पर 18 वर्ष के होने वाले प्रथम मतदाताओं को सम्मानित किया जाए। उनका मानना है कि युवाओं में जिम्मेदारी और गर्व की भावना जगाने से लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्र के भविष्य दोनों को मजबूती मिलेगी।

अपने पत्र के अंत में, प्रधानमंत्री ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस महान राष्ट्र के नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने की प्रतिज्ञा को दोहराएँ, ताकि एक विकसित और सशक्त भारत के निर्माण में सार्थक योगदान दे सकें।


रायपुर में संविधान दिवस समारोह आज, अम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे सीएम साय

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 रायपुर : भारतीय संविधान के अंगीकरण के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राजधानी रायपुर में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर टाउन हॉल में जनसंपर्क विभाग द्वारा भारतीय संविधान पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी लगाई गई है। संस्कृति विभाग, जिला प्रशासन एवं नगर निगम रायपुर द्वारा संयुक्त रूप से एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया है।


छायाचित्र प्रदर्शनी और संगोष्ठी का शुभारंभ करेंगे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज 26 नवंबर को प्रातः 11 बजे टाउन हॉल में आयोजित इस छायाचित्र प्रदर्शनी और संगोष्ठी का शुभारंभ करेंगे। शुभारंभ कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री रायपुर के अम्बेडकर चौक में भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। संविधान दिवस पर सरकारी संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शैक्षणिक संस्थानों में भाषण प्रतियोगिताएं और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी l

संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया जाएगा

भारत का संविधान दुनिया भर के बेहतरीन संविधानों को मिलाकर बनाया गया है और ये दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान दिवस का मुख्य उद्देश्य सभी नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान बढ़ाना है। संविधान दिवस के अवसर पर शासकीय कार्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

मारोक्को नौसेना के रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन का भारत में आधिकारिक दौरा

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24 से 27 नवंबर 2025 तक भारत में आधिकारिक दौरे पर मौजूद रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन, मारोक्को नौसेना के इंस्पेक्टर, का उद्देश्य भारत और मारोक्को के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करना और द्विपक्षीय नौसैनिक सहभागिता को बढ़ाना है। यह दौरा दोनों देशों के बढ़ते समुद्री साझेदारी और साझा हितों को दर्शाता है।

दौरान, रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन ने नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी से द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में नौसैनिक सहभागिता को बढ़ाने, संरचित प्रशिक्षण आदान-प्रदान, और समुद्री क्षेत्र में सहयोग (Maritime Domain Awareness) को सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई। इसके बाद, रियर एडमिरल ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्प अर्पित किए।

अधिकारिक दौरे के दौरान रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन ने भारतीय नौसेना के महत्वपूर्ण समुद्री प्रतिष्ठानों का भी दौरा किया, जिनमें इन्फॉर्मेशन फ्यूज़न सेंटर – इंडियन ओशन रीजन (IFC-IOR), वेपन एंड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम एंड इंजीनियरिंग एस्टैब्लिशमेंट (WESEE), तथा भारतीय नौसेना की साउदर्न नेवल कमांड, कोच्चि के प्रशिक्षण प्रतिष्ठान शामिल हैं।

यह दौरा भारत और मारोक्को के नौसैनिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य सहयोग को गहरा करना और साझा समुद्री हितों को बढ़ावा देना है।




लंबित IBC मामलों की समीक्षा के लिए वित्त सेवा विभाग ने की बैठक; बैंकों को CIRP प्रक्रिया में तेजी लाने की दी सलाह

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वित्त सेवा विभाग (DFS) के सचिव एम. नागराजू ने आज लंबित IBC मामलों से संबंधित मुद्दों पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में DFS के वरिष्ठ अधिकारी, भारत की दिवालियापन और दिवालियापन बोर्ड (Insolvency and Bankruptcy Board of India) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शीर्ष प्रबंधन शामिल हुआ।

बैठक में NCLT में दर्ज मामलों, NCLT में हल किए गए मामलों और IBC के बाहर निपटाए गए मामलों की प्रगति पर चर्चा की गई। NCLT बेंचों पर प्रवेश और समाधान की प्रतीक्षा कर रहे प्रमुख मामलों की समीक्षा की गई। सचिव (DFS) ने जोर दिया कि कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (CIRP) आवेदन के प्रवेश और मामलों के समाधान में समयसीमा का पालन किया जाना चाहिए।

जिन मामलों में Resolution Plans समिति ऑफ़ क्रेडिटर्स (CoC) के पास लंबित हैं, उन पर विचार करते हुए बैंकों को अंतिम निर्णय लेने के लिए समन्वित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी गई।

बैंकों को अपने काउंसल्स के माध्यम से लंबित मामलों के शीघ्र प्रवेश के लिए कार्रवाई करने को कहा गया, ताकि समाधान प्रक्रिया अधिक प्रभावी और कुशल हो सके और CIRP आवेदन दाखिल करने में देरी को कम किया जा सके।

बैंकों को 4 नवंबर, 2025 की IBBI परिपत्र का ध्यान रखने और यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई कि Resolution Professionals विशेष PMLA कोर्ट में प्रवर्तित संपत्तियों की वापसी के लिए आवश्यक प्रतिज्ञा दाखिल करें।

CIRP के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए हितधारकों के साथ सहयोग को सुव्यवस्थित किया जाएगा, जिससे NCLT में मामलों के प्रवेश और समाधान में देरी को रोका जा सके।

सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख अधिकारियों को सलाह दी गई कि वे अपने बैंक से संबंधित NCLT में प्रवेश के लिए लंबित शीर्ष 20 मामलों और समाधान के लिए लंबित 10 खातों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करें। बैंकों को सलाह दी गई कि CoC के पास लंबित Resolution Plans वाले मामलों का शीघ्र निपटान करें।

अंत में, सचिव ने बैंकों से कहा कि वे IBC पारिस्थितिकी तंत्र को सुव्यवस्थित और मजबूत करने के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाएं, ताकि मूल्य अधिकतमकरण और वसूली में सुधार हो सके।

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘नई चेतना 4.0’ महिला सशक्तिकरण अभियान का किया शुभारंभ

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केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में ‘नई चेतना 4.0’ — लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी, तथा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान भी उपस्थित रहे।

मुख्य बातें:

  • शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराया कि कोई बहन गरीबी में न रहे, कोई महिला आँसुओं के साथ जीवन न जीए, और हर बहन “लाखपति दीदी” बनकर आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और समृद्धि प्राप्त करे। उन्होंने बताया कि दो करोड़ से अधिक SHG महिलाओं ने पहले ही लाखपति दीदी बनने की यात्रा पूरी कर ली है।

  • लॉन्च के अवसर पर 11 मंत्रालयों/विभागों का अंतर-मंत्रालयीय संयुक्त मार्गदर्शन (Joint Advisory) भी जारी किया गया। इसमें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, गृह मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, तथा न्याय विभाग शामिल हैं। इसका उद्देश्य लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा को समाप्त करना है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इस अवसर पर बताया कि तीन मंत्रालयों — महिला एवं बाल विकास, कानून और न्याय, और ग्रामीण विकास — के बीच अंतर-मंत्रालयीय MoU के तहत Violence-Free Village Initiative के तहत मॉडल गांव विकसित किए जाएंगे, जिससे ग्रामीण भारत में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा, अधिकार और सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा।

अभियान की अवधि और कार्यप्रणाली:

  • यह माह लंबा अभियान DAY-NRLM (दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

  • अभियान सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 23 दिसंबर 2025 तक चलेगा।

  • अभियान का आधार 10 करोड़ ग्रामीण महिलाओं की SHG नेटवर्क है, जो इसे मजबूत जन आंदोलनों में परिवर्तित करती है।

मुख्य उद्देश्य:

  • ग्रामीण भारत में लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सामुदायिक कार्रवाई को मजबूत करना।

  • महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।

  • महिलाओं की सुरक्षित आवाजाही, संपत्ति, क्रेडिट, कौशल और बाजार तक पहुँच सुनिश्चित करना।

  • महिलाओं को उद्यमिता और आजीविका के अवसर प्रदान करना।

  • लिंग-संवेदनशील नीतियों और बजटों के माध्यम से महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करना।

विशेष आयोजन:

  • बिहार और राजस्थान की दो महिला चैंपियनों ने अपने अनुभव साझा किए, जिन्होंने भेदभाव को पार कर सामुदायिक बदलाव की अगुवाई की।

  • विभिन्न मंत्रालयों, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों के प्रतिनिधियों, SHG महिलाओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और साझेदार नागरिक समाज संगठनों की भागीदारी रही।

नयी चेतना 4.0 ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण, लिंग समानता और समुदाय आधारित विकास की दिशा में एक मजबूत पहल है, जो महिलाओं के जीवन में आत्मनिर्भरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य करेगी।


मुंबई में उद्योग जगत से बोले केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह — “₹1 लाख करोड़ का RDI फंड निजी क्षेत्र आधारित नवाचार को देगा नया आयाम

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देशभर में उद्योगों से संवाद श्रृंखला के तहत आज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मुंबई उद्योग जगत के साथ दो घंटे से अधिक की बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 3 नवंबर को घोषित किए गए ऐतिहासिक 1 लाख करोड़ रुपए के रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) फंड को भारत के निजी क्षेत्र आधारित अनुसंधान, आईपी निर्माण और उभरती प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए एक परिवर्तनकारी कदम बताया।

मुंबई के जियो कन्वेंशन सेंटर में आयोजित RDI फंड के पहले आउटरीच कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि आने वाले दशकों में भारत की आर्थिक प्रगति “विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार आधारित विकास” से संचालित होगी। उन्होंने भारतीय उद्योग, निवेशकों और स्टार्टअप्स से आह्वान किया कि वे महत्वाकांक्षा, जोखिम लेने की क्षमता और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के साथ आगे आएं। उन्होंने कहा कि भारत गहन-प्रौद्योगिकी (Deep-Tech) नवाचार में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है।

यह कार्यक्रम अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) फंड—जो अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) के अंतर्गत एक स्वतंत्र व्यावसायिक इकाई है—द्वारा आयोजित किया गया। इसमें फंड मैनेजर, उद्योग नेता, निवेशक, स्टार्टअप्स और शोधकर्ता शामिल हुए।

डॉ. सिंह ने बताया कि इस ऐतिहासिक फंड को लागू करने के लिए सरकार ने कैसे ठोस व्यवस्था बनाई है, और कहा कि 1 जुलाई 2025 को मंत्रिमंडल की स्वीकृति देश की नवाचार क्षमता को मजबूत करने के सरकार के संकल्प को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025–26 के बजट में 20,000 करोड़ रुपये इस फंड के प्रारंभिक क्रियान्वयन के लिए आवंटित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि भारत आज वैश्विक नवाचार के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ा है—

  • वैज्ञानिक अनुसंधान उत्पादन में विश्व में 3rd स्थान,

  • पेटेंट ग्रांट्स में 6th स्थान,

  • वैश्विक नवाचार सूचकांक में 39th स्थान,

  • 64 में से 45 महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में शीर्ष 5 देशों में स्थान।

उन्होंने कहा कि AI, सेमीकंडक्टर्स, 5G/6G, क्वांटम, बायोटेक्नोलॉजी, स्पेस और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में भारत की क्षमताएं आत्मनिर्भर विज्ञान की नई दिशा दर्शाती हैं।

डॉ. सिंह ने बताया कि RDI फंड निजी क्षेत्र को कम ब्याज वाले दीर्घकालिक ऋण और इक्विटी आधारित जोखिम पूंजी उपलब्ध कराएगा, जिससे AI, सेमीकंडक्टर्स, स्वच्छ ऊर्जा, बायोटेक, स्पेस आदि क्षेत्रों में उच्च प्रभाव वाली R&D को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने घोषणा की कि फंड की पहली किस्त TDB और BIRAC को सेकेंड-लेवल फंड मैनेजर के रूप में दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम अब 1.7 लाख से अधिक स्टार्टअप्स और 6,000 से अधिक डीप-टेक स्टार्टअप्स के साथ तेजी से बढ़ा है, जिनमें से लगभग 60% टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं।

डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि ANRF और RDI फंड के बीच रणनीतिक तालमेल से EV, 2D मटेरियल, मेडटेक, और AI आधारित विज्ञान जैसे क्षेत्रों में मिशन-आधारित अनुसंधान को गति मिल रही है।

उन्होंने समुद्र विज्ञान, हिमालय अध्ययन, बायोटेक्नोलॉजी और स्पेस सेक्टर सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने कई साहसिक और दूरदर्शी निर्णय लिए हैं, जैसे—

  • बायोटेक्नोलॉजी नीति

  • डीप ओशन मिशन

  • एरोमा एवं फ्लोरीकल्चर मिशन

  • IN-SPACe के माध्यम से स्पेस सेक्टर का उदारीकरण

उन्होंने उद्योग, निवेशकों, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स से इस ऐतिहासिक अवसर का पूरा लाभ उठाने की अपील की—

“यह समय सह-निर्माण, सह-निवेश और सहयोग का है। भारत अब कल का भारत नहीं है; लक्ष्य केवल भविष्य की प्रौद्योगिकियों में भाग लेना ही नहीं, बल्कि उनका नेतृत्व करना है।”


सीएसआईआर–आईसीएमआर की उच्चस्तरीय बैठक में स्वास्थ्य अनुसंधान सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति

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परिषद् वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान (CSIR) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (ICMR) ने आज नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर साइंस सेंटर में एक उच्च-स्तरीय विचार-विमर्श बैठक आयोजित की। बैठक का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच चल रहे सहयोग को सुदृढ़ करना और भविष्य के लिए एक एकीकृत रोडमैप तैयार करना था।

बैठक की सह-अध्यक्षता सीएसआईआर की महानिदेशक व डीएसआईआर सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी तथा आईसीएमआर के महानिदेशक व स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल ने की। सीएसआईआर और आईसीएमआर की विभिन्न प्रयोगशालाओं के निदेशकों तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।

बैठक के दौरान दोनों संस्थाओं ने कई प्रमुख संयुक्त परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की, जिनमें शामिल हैं—

  • सीएसआईआर द्वारा विकसित अणुओं (molecules) का क्लीनिकल ट्रायल की ओर बढ़ना,

  • आईसीएमआर समर्थित उन्नत अनुसंधान केंद्रों की स्थिति,

  • बड़े पैमाने की चल रही परियोजनाओं की प्रगति।

विशेष रूप से, अनेक रोगजनकों की निगरानी के लिए अपशिष्ट जल (wastewater) विश्लेषण प्रणाली को और व्यापक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। यह भी सहमति बनी कि इस दिशा में वन हेल्थ मिशन के तहत संयुक्त प्रयासों को मजबूत किया जाएगा।

नई दवाओं और अणुओं के विकास, व्यवस्थित क्लीनिकल ट्रायल, तथा आईसीएमआर की बड़े जानवरों के लिए उपलब्ध विषाक्तता परीक्षण सुविधाओं के उपयोग से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा हुई।

AcSIR–ICMR पीएचडी कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए युवा शोधकर्ताओं के लिए अधिक अवसर उपलब्ध कराने तथा आईसीएमआर की फेलोशिप को सीएसआईआर फेलोशिप के साथ समाहित करने पर भी जोर दिया गया।

बैठक में डॉ. कलैसेल्वी और डॉ. बहल ने कहा कि सीएसआईआर की वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय क्षमता को आईसीएमआर की सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञता के साथ जोड़ना राष्ट्रीय स्तर पर उच्च प्रभाव वाले परिणाम सुनिश्चित करेगा। दोनों ने समयबद्ध प्रगति, बेहतर समन्वय और तकनीकों के संयुक्त विकास के लिए संरचित तंत्र अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसमें डिजिटल रूप से नियंत्रित मेडिकल इमरजेंसी ड्रोन सेवा जैसे नवीन संयुक्त प्रोजेक्ट पर भी चर्चा हुई।

बैठक का समापन इस प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि सीएसआईआर और आईसीएमआर स्वास्थ्य विज्ञान, डायग्नॉस्टिक्स, डिजिटल हेल्थ, पर्यावरणीय स्वास्थ्य निगरानी और अन्य उभरते क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करेंगे तथा संयुक्त परियोजनाओं के विकास और क्रियान्वयन में तेजी लाएंगे।

प्रमुख सांख्यिकीय सूचकांकों के आधार वर्ष संशोधन पर मुंबई में आयोजित होगी पहली प्री-रिलीज़ परामर्श कार्यशाला

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सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) 26 नवंबर 2025 को मुंबई में “उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI), सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के बेस संशोधन पर पहली पूर्व-प्रकाशन परामर्श कार्यशाला” आयोजित कर रहा है।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य GDP, CPI और IIP के जारी बेस संशोधन में प्रस्तावित पद्धतिगत और संरचनात्मक परिवर्तनों को साझा करना है, ताकि सहभागी विशेषज्ञों से सुझाव एवं प्रतिक्रियाएँ प्राप्त की जा सकें। कार्यशाला में इन सूचकांकों के संकलन में उपयोग होने वाले नए डेटा स्रोतों और तकनीकों पर भी प्रकाश डाला जाएगा।

इस कार्यक्रम में विश्व बैंक एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, भारतीय रिज़र्व बैंक, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, वित्तीय एवं बैंकिंग संस्थानों के विशेषज्ञ, विषय-विशेषज्ञ, मुख्य सांख्यिकीय उपयोगकर्ता, तथा केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। विविध समूह की भागीदारी से चर्चाएँ अधिक समृद्ध होंगी और उपयोगकर्ताओं को संशोधित श्रृंखला में होने वाले परिवर्तनों से अवगत कराया जाएगा।

कार्यक्रम की शुरुआत उद्घाटन सत्र से होगी, जिसमें प्रोफेसर एस. महेंद्र देव (अध्यक्ष, EAC-PM), डॉ. पूनम गुप्ता (उप-गवर्नर, RBI), डॉ. सौरभ गर्ग (सचिव, MoSPI) और एन. के. सन्तोषी (महानिदेशक, केंद्रीय सांख्यिकी) संबोधित करेंगे। इसके बाद GDP, CPI और IIP पर तकनीकी सत्र तथा ओपन हाउस चर्चा आयोजित होगी।

इस अवसर पर इन सूचकांकों के बेस संशोधन में प्रस्तावित परिवर्तनों से संबंधित संक्षिप्त अवधारणा-नोट्स की एक पुस्तिका भी प्रतिभागियों को वितरित की जाएगी। कार्यशाला का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, सूचित संवाद को प्रोत्साहित करना, और संशोधित श्रृंखला जारी करने से पूर्व व्यापक परामर्श सुनिश्चित करना है।

मंत्रालय ने सभी हितधारकों से इस महत्वपूर्ण परामर्श प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी और सुझाव देने का स्वागत किया है।

IFFI 2025 में पहली बार रेड कार्पेट पर ‘Handloom Sarees in Motion: 70MM on Runway’ फैशन शो आयोजित

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अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह (IFFI) 2025 के रेड कार्पेट पर इस वर्ष एक अनोखा और पहली बार होने वाला अनुभव देखने को मिला, जहाँ वस्त्र मंत्रालय के हैंडलूम विभाग (DC Handlooms) ने सिनेमा, संस्कृति और कुट्योर (Couture) को एक साथ मंच पर उतारा।

यह फैशन शो “Handloom Sarees in Motion: 70MM on Runway” भारतीय हैंडलूम को समर्पित एक सामाजिक पहल थी।

दो बार प्रस्तुत किए गए इस 15 मिनट के भव्य फैशन शो ने दर्शकों को भारतीय सिनेमा की यात्रा पर ले जाते हुए, हर युग को एक सााड़ी के माध्यम से जीवंत किया। हर सेगमेंट में उस दौर की फिल्मों के संगीत का उपयोग किया गया, जिससे पूरा रेड कार्पेट नॉस्टेल्जिया, कला और साड़ी की कालातीत गरिमा से भर उठा।

1940 के शास्त्रीय अंदाज़ से लेकर 2020 के आधुनिक और एक्सपेरिमेंटल स्टाइल तक—भारतीय सिनेमा की सभी प्रसिद्ध झलकियाँ साड़ियों के माध्यम से प्रदर्शित की गईं। शो ने पुराने दौर की कोमल हीरोइनों, 70 के दशक की बेबाक शैली, 90 के रोमांटिक दौर और आज के ग्लैमरस युग की यादों को फिर से जीवंत किया।

40 से अधिक हैंडलूम साड़ियों का भव्य प्रदर्शन

शो में देशभर से आई 40 से अधिक साड़ियों को प्रदर्शित किया गया, जिनमें शामिल थीं:

  • तसर रेशम – छत्तीसगढ़

  • इकत पश्मीना – जम्मू-कश्मीर

  • बनारसी बुटीदार एवं मुबारकपुर लच्छा बुता – उत्तर प्रदेश

  • चंदेरी – मध्य प्रदेश

  • घीचा सिल्क – छत्तीसगढ़

  • वेंकटागिरी – आंध्र प्रदेश

  • कुथमपुल्ली – केरल

इसके अलावा कई साड़ियों पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कलाकारों द्वारा हाथ से पेंट की गई कलाओं को भी प्रदर्शित किया गया, जिनमें शामिल थीं:

  • पिचवाई (राजस्थान)

  • पत्ताचित्र (ओडिशा)

  • वारली (महाराष्ट्र)

  • पेन-कलमकारी (आंध्र प्रदेश)

  • मधुबनी (बिहार)

  • गोंड एवं भील कला (झारखंड/मध्य प्रदेश)

सम्मानित अतिथियों के वक्तव्य

एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक प्रकाश मगदुम ने कहा:

“IFFI रचनात्मकता का उत्सव है। इस वर्ष मुख्य रेड कार्पेट पर हैंडलूम आधारित फैशन शो ने भारत की सांस्कृतिक गहराई और सिनेमा व शिल्प कौशल के अद्भुत संगम को दर्शाया।”

हैंडलूम विकास आयुक्त डॉ. एम बीना ने कहा:

“साड़ी केवल परिधान नहीं बल्कि दर्शन है—कला का, ग्रामीण जीवन का, परंपरा का। IFFI के माध्यम से हमने वैश्विक दर्शकों के सामने भारत के बुनकरों और कलाओं की विरासत को प्रस्तुत किया है।”


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