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प्रधानमंत्री मोदी ने संथाली भाषा में संविधान जारी होने की सराहना की

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संथाली भाषा में भारतीय संविधान जारी किए जाने की सराहना की है। मोदी ने कहा कि यह कदम संविधान संबंधी जागरूकता और लोकतांत्रिक भागीदारी को और गहरा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, "भारत को संथाली संस्कृति और राष्ट्रीय विकास में संथाली लोगों के योगदान पर गर्व है।"

प्रधानमंत्री ने X पर लिखा:

"एक सराहनीय प्रयास!

संथाली भाषा में संविधान संविधान संबंधी जागरूकता और लोकतांत्रिक भागीदारी को और गहरा करने में मदद करेगा।

भारत को संथाली संस्कृति और राष्ट्रीय विकास में संथाली लोगों के योगदान पर गर्व है।"




आयुष मंत्रालय 2025: पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक मान्यता और मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण वर्ष

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साल 2025 भारत के आयुष क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष रहा, जिसमें पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को मुख्यधारा में लाने, शोध, वैश्विक सहयोग और डिजिटल एकीकरण के माध्यम से नागरिक-केंद्रित स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने का प्रयास किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष मंत्रालय ने “विकसित भारत@2047” के विजन के अनुरूप भारत की पारंपरिक चिकित्सा नेतृत्व क्षमता को मजबूत किया और लाखों नागरिकों तक स्वास्थ्य लाभ पहुँचाया।

मुख्य उपलब्धियाँ और कार्यक्रम:

  • सीएआरआई का नया परिसर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (CARI) के 2.92 एकड़ में बने नए ₹187 करोड़ के अत्याधुनिक परिसर की आधारशिला रखी। इस परिसर में 100-बेड का अनुसंधान अस्पताल, विशेष क्लीनिक, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं और प्रशिक्षण सुविधाएं होंगी।

  • अंतरराष्ट्रीय उन्नीस सम्मेलन: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने केंद्रीय परिषद फॉर रिसर्च इन यूनानी मेडिसिन (CCRUM) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने अनुसंधान और नवाचार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत की यूनानी प्रणाली विश्व में सर्वमान्य हो रही है।

  • महाकुंभ में आयुष सेवाएं: प्रयागराज महाकुंभ में आयुष सेवाओं के माध्यम से 9 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को लाभ मिला। OPD, मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों, योग सत्रों और औषधीय पौधों के वितरण के माध्यम से स्वास्थ्य जागरूकता और जीवन शैली सुधार पर जोर दिया गया।

  • भारत-इंडोनेशिया सहयोग: पारंपरिक चिकित्सा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भारत और इंडोनेशिया के बीच MoU का आदान-प्रदान हुआ। इस सहयोग से वैश्विक मानक, प्रशिक्षण और ज्ञान का आदान-प्रदान मजबूत होगा।

  • WHO द्वारा ICD-11 अपडेट: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2025 में ICD-11 में आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी के लिए समर्पित मॉड्यूल को शामिल किया, जिससे वैश्विक स्तर पर पारंपरिक चिकित्सा के डेटा संग्रह और रिपोर्टिंग में मजबूती आई।

  • ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ में रिकॉर्ड: अभियान के पहले चरण में 1.29 करोड़ प्रकृति आकलन हुए और भारत ने 5 गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए।

  • योग महोत्सव और 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: योग महोत्सव 2025 का उद्घाटन करते हुए आयुष मंत्री श्री प्रताप राव जाधव ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की 100-दिन गिनती शुरू की। प्रधानमंत्री ने विश्व के सबसे बड़े योग कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए 3 लाख प्रतिभागियों के साथ भारत की योग विश्वसनीयता को उजागर किया।

  • बीमस्टेक शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक चिकित्सा के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की घोषणा की, जिससे क्षेत्रीय सहयोग और क्षमता निर्माण को बल मिलेगा।

  • विश्व होम्योपैथी दिवस और राष्ट्रीय सम्मेलन: गैंधीनगर में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में 8,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने शिक्षा, अनुसंधान और अभ्यास पर चर्चा की।

  • WHO–IRCH हर्बल मेडिसिन कार्यशाला: 17 देशों ने भाग लिया और आयुष मंत्रालय ने गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता में वैश्विक सहयोग को मजबूत किया।

  • Ayush Nivesh Saarthi पोर्टल: निवेशकों और उद्यमियों के लिए डिजिटल निवेश पोर्टल लॉन्च किया गया, जो पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र को निवेश-योग्य बनाने में सहायक होगा।

  • WHO Global Summit on Traditional Medicine: नई दिल्ली में आयोजित दूसरे सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और आयुष मंत्री जाधव ने भारत की पारंपरिक चिकित्सा में वैश्विक नेतृत्व क्षमता को प्रदर्शित किया। सम्मेलन में 16 द्विपक्षीय बैठकें और कई वैश्विक पहलें हुईं।

निष्कर्ष:

साल 2025 ने आयुष मंत्रालय को पारंपरिक चिकित्सा को मुख्यधारा में लाने, वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने और नागरिक-केंद्रित स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए निर्णायक रूप से आगे बढ़ाया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्वास्थ्य, अनुसंधान, डिजिटल नवाचार और वैश्विक सहयोग में नई ऊंचाइयों को छुआ, जिससे आयुष प्रणाली विश्व स्वास्थ्य परिदृश्य में एक मजबूत और विश्वसनीय विकल्प बनकर उभरी।


केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय: 2025 में ऊर्जा सुलभता, स्थिरता और सुरक्षा में प्रगति

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परिचय

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तेल और प्राकृतिक गैस के अन्वेषण एवं उत्पादन, परिष्करण, वितरण और विपणन, साथ ही उनके आयात, निर्यात और संरक्षण के लिए जिम्मेदार है। तेल और गैस भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण इनपुट हैं।

वित्तीय वर्ष 2025 में मंत्रालय ने सस्ती ऊर्जा पहुँच, घरेलू उत्पादन वृद्धि, बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना, स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना जैसी बहुआयामी पहलें की। ये सभी पहलें ऊर्जा पहुँच, ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं।

स्वच्छ रसोई ईंधन तक सार्वभौमिक पहुँच

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत 1 दिसंबर 2025 तक लगभग 10.35 करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिला। लंबित आवेदन निपटाने और एलपीजी कवरेज बढ़ाने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 25 लाख अतिरिक्त कनेक्शन की मंजूरी दी गई।

पात्रता प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एकल Deprivation Declaration लागू किया गया, जिससे आवेदन प्रक्रिया तेज और अधिक समावेशी हुई।

LPG की सस्ती उपलब्धता और उपभोग

  • PMUY लाभार्थियों के लिए 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर ₹300 की लक्षित सब्सिडी प्रति सिलेंडर, साल में नौ रिफिल तक।

  • इससे एलपीजी की खपत में निरंतर वृद्धि हुई—FY 2019-20 में औसत 3 रिफिल प्रति व्यक्ति, FY 2024-25 में 4.47 रिफिल और FY 2025-26 में 4.85 रिफिल तक बढ़ गई।

  • बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण को तेज किया गया—1 दिसंबर 2025 तक PMUY उपभोक्ताओं का 71% और गैर-PMUY उपभोक्ताओं का 62% प्रमाणित।

  • नवंबर 2025 में देशव्यापी अभियान चलाकर मोबाइल आधारित प्रमाणीकरण नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया।

सुरक्षा और जागरूकता

  • बेसिक सेफ्टी चेक अभियान के तहत 12.12 करोड़ से अधिक मुफ्त सुरक्षा निरीक्षण किए गए।

  • 4.65 करोड़ से अधिक एलपीजी होज़ को डिस्काउंट पर बदला गया।

  • इससे घरेलू LPG उपयोग में सुरक्षा मानक और जागरूकता बढ़ी।

पेट्रोलियम विपणन अवसंरचना

  • 90,000 से अधिक रिटेल आउटलेट्स में डिजिटल भुगतान सुविधा उपलब्ध कराई गई।

  • 2.71 लाख POS टर्मिनल समर्थित।

  • 3,200 से अधिक बोवसर कमिशनिंग के माध्यम से दूरदराज़ क्षेत्रों में डोर-टू-डोर वितरण बढ़ाया गया।

  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत अधिकांश रिटेल आउटलेट्स में शौचालय की सुविधा और पुरुष/महिला के लिए अलग-अलग सुविधाएं सुनिश्चित की गईं।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और APNA GHAR

  • FAME-II योजना के तहत 8,932 EV चार्जिंग स्टेशन रिटेल आउटलेट्स में स्थापित।

  • Oil Marketing Companies द्वारा 18,500 से अधिक चार्जिंग स्टेशन अपने संसाधनों से।

  • APNA GHAR पहल के तहत 500+ ट्रकर्स के लिए वेसाइड सुविधा केंद्र स्थापित।

  • Public Sector Oil Marketing Companies 2024-25 से 2028-29 के दौरान 4,000 ऊर्जा स्टेशन स्थापित कर रही हैं।

  • ये स्टेशन इंटीग्रेटेड मोबिलिटी हब के रूप में विकसित हो रहे हैं—पेट्रोल, डीज़ल, CNG, LNG (जहाँ संभव हो) और EV चार्जिंग।

  • 1 नवंबर 2025 तक 1,064 ऊर्जा स्टेशन पूरे देश में स्थापित।

गैस आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार

  • परिचालन गैस पाइपलाइन लंबाई 15,340 किमी (2014) से बढ़कर 25,429 किमी (जून 2025)।

  • अतिरिक्त 10,459 किमी पाइपलाइन निर्माणाधीन।

  • PNGRB और सरकार द्वारा पूर्ण राष्ट्रीय गैस ग्रिड के निर्माण से गैस की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

  • Unified Pipeline Tariff (One Nation, One Grid, One Tariff) से क्षेत्रीय परिवहन लागत में समानता आई।

  • लगभग 90% पाइपलाइनें इस प्रणाली में शामिल।

  • सिटी गैस वितरण (CGD) 307 भौगोलिक क्षेत्रों तक बढ़ा।

  • 1.57 करोड़ PNG घरेलू कनेक्शन और 8,400+ CNG स्टेशन।

  • घरेलू गैस आवंटन के नए दिशानिर्देशों से उपभोक्ताओं की कीमत अस्थिरता कम हुई।

SATAT और बायोगैस

  • 1 नवंबर 2025 तक 130+ CBG संयंत्र चालू, कई निर्माणाधीन।

  • FY 2025-26 से CBG के CNG और PNG में अनिवार्य मिश्रण।

  • पाइपलाइन कनेक्टिविटी और बायोमास संग्रहण के लिए वित्तीय सहायता।

बायोफ्यूल्स और ethanol blending

  • पेट्रोल में ईथेनॉल मिश्रण 19.24% (ESY 2024-25)।

  • विदेशी मुद्रा बचत: ₹1.55 लाख करोड़ से अधिक।

  • Pradhan Mantri JI-VAN योजना के तहत एडवांस्ड बायोफ्यूल्स, Panipat और Numaligarh में 2nd generation ethanol plants।

  • Sustainable Aviation Fuel (SAF) blending: अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए 2027-2030 में क्रमशः 1%, 2% और 5% लक्ष्य।

  • IOCL ने Panipat refinery में SAF उत्पादन के लिए ISCC CORSIA प्रमाणन प्राप्त किया।

  • IOCL और Air India ने SAF आपूर्ति के लिए MoU किया।

  • Biodiesel blending और फीडस्टॉक विविधीकरण बढ़ाया गया।

अपस्ट्रीम सेक्टर सुधार

  • Oilfields (Regulation and Development) Amendment Act, 2025 लागू।

  • Petroleum and Natural Gas Rules, 2025 अधिसूचित।

  • Hydrocarbon Exploration Licensing Policy (HELP) के तहत 172 ब्लॉक्स (~3.78 लाख sq km) आवंटित।

  • निवेश: लगभग USD 4.36 बिलियन।

  • अन्वेषण गतिविधियां: भूकंपीय सर्वेक्षण, ड्रिलिंग, Mission Anveshan।

रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार

  • Phase-II सुविधाओं के तहत अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियाँ।

  • विदेशी निवेशों के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा और आपूर्ति स्रोतों में विविधीकरण।

निष्कर्ष

वित्तीय वर्ष 2025 में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने ऊर्जा सुलभता, सस्ती उपलब्धता, स्थिरता और सुरक्षा में महत्वपूर्ण प्रगति की।
नीतिगत सुधार, बुनियादी ढांचे का विस्तार और स्वच्छ ऊर्जा पहलें भारत को सशक्त, समावेशी और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की दिशा में आगे ले जा रही हैं।


“आपकी पूंजी, आपका अधिकार” : अदावी वित्तीय संपत्तियों की पहचान और वापसी हेतु राष्ट्रव्यापी पहल

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मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • “आपकी पूंजी, आपका अधिकार – Your Money, Your Right” एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता एवं सुविधा अभियान है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को उनकी अदावी (Unclaimed) वित्तीय संपत्तियों की पहचान कराने और उन्हें वापस दिलाने में सहायता करना है।
  • यह पहल बैंकों, बीमा, म्यूचुअल फंड, लाभांश, शेयर तथा सेवानिवृत्ति लाभों से जुड़ी अदावी बचत को संबोधित करती है, जो विनियमित वित्तीय प्रणाली के भीतर सुरक्षित रूप से रखी गई हैं।
  • वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services) द्वारा वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ समन्वय में संचालित यह अभियान डिजिटल पोर्टलों और जिला-स्तरीय सुविधा शिविरों को जोड़ता है।
  • सरकारी विभागों, नियामकों और वित्तीय संस्थानों के समन्वित प्रयासों से अब तक लगभग ₹2,000 करोड़ की राशि वास्तविक हकदारों को लौटाई जा चुकी है।

परिचय (Introduction)

पीढ़ियों से भारतीय परिवारों ने सावधानीपूर्वक बचत की है—बैंक खाते खोलकर, बीमा पॉलिसियाँ लेकर, म्यूचुअल फंड में निवेश कर, शेयरों से लाभांश अर्जित कर तथा सेवानिवृत्ति के लिए धन सुरक्षित रखकर। ये निर्णय बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य आवश्यकताओं और वृद्धावस्था में सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने की आशा के साथ लिए जाते हैं।

लेकिन समय के साथ इन मेहनत की कमाई में से एक बड़ा हिस्सा अदावी रह गया है। यह धन न तो गायब हुआ है और न ही दुरुपयोग हुआ है—यह विनियमित वित्तीय संस्थानों के पास सुरक्षित है। जागरूकता की कमी, पुराने रिकॉर्ड, निवास परिवर्तन, या दस्तावेजों की अनुपलब्धता के कारण कई परिवारों को इन संपत्तियों की जानकारी ही नहीं होती।

Your Money, Your Right इसी उद्देश्य से शुरू किया गया प्रयास है—नागरिकों को उनकी भूली-बिसरी वित्तीय संपत्तियों से पुनः जोड़ना और यह सुनिश्चित करना कि उनका धन अंततः उन्हीं तक पहुँचे।

अदावी वित्तीय संपत्तियाँ क्या हैं? (What Are Unclaimed Financial Assets)

जब किसी वित्तीय संस्था के पास रखा धन लंबे समय तक खाताधारक या उसके वैध उत्तराधिकारियों द्वारा दावा नहीं किया जाता, तो वह अदावी वित्तीय संपत्ति कहलाता है। इनमें शामिल हैं:

  • 10 वर्ष या उससे अधिक समय से निष्क्रिय बैंक जमा (बचत, चालू, एफडी, आरडी)

  • देय तिथि के बाद भी अप्रदत्त बीमा पॉलिसी की राशि

  • म्यूचुअल फंड रिडेम्पशन/लाभांश जो बैंक खाते में जमा न हो पाए

  • अदावी लाभांश और शेयर जो वैधानिक प्राधिकरणों को स्थानांतरित हो गए हों

  • पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ जिनका समय पर दावा नहीं किया गया हो

ये संपत्तियाँ अक्सर नौकरी के लिए स्थानांतरण, संपर्क विवरण में बदलाव, पुराने खाते बंद होने या परिवार/उत्तराधिकारियों को जानकारी न होने के कारण अदावी रह जाती हैं।

“आपकी पूंजी, आपका अधिकार” पहल

अक्टूबर 2025 में सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए “आपकी पूंजी, आपका अधिकार – Your Money, Your Right” पहल शुरू की।
यह पहल वित्त मंत्रालय के अंतर्गत वित्तीय सेवा विभाग द्वारा, निम्न नियामकों के सहयोग से संचालित है:

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)

  • बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI)

  • भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI)

  • निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA)

  • पेंशन फंड विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA)

मुख्य उद्देश्य है—नागरिकों को उनकी वैध वित्तीय संपत्तियों की पहचान, पहुँच और दावा करने में सरल, पारदर्शी प्रक्रियाओं के माध्यम से सहायता करना।

अदावी धन की व्यापकता (The Scale of Unclaimed Money)

  • बैंकों में अदावी जमा: लगभग ₹78,000 करोड़

  • अदावी बीमा राशि: लगभग ₹14,000 करोड़

  • म्यूचुअल फंड में अदावी राशि: लगभग ₹3,000 करोड़

  • अदावी लाभांश: लगभग ₹9,000 करोड़

ये आँकड़े दर्शाते हैं कि नागरिकों की बड़ी मात्रा में बचत आज भी उपयोग में नहीं आ पा रही है।

अदावी संपत्तियाँ क्यों महत्वपूर्ण हैं? (Why Unclaimed Assets Matter)

अदावी धन केवल आँकड़ा नहीं है—यह परिवारों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और आपात स्थितियों में सहारा बन सकता है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह पेंशन या बीमा लाभ के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रणालीगत स्तर पर, अदावी संपत्तियाँ औपचारिक वित्तीय व्यवस्था में नागरिकों के भरोसे और सहभागिता को कमजोर करती हैं। यह पहल उस भरोसे को मजबूत करती है।

डिजिटल पोर्टल

1. UDGAM पोर्टल (अदावी बैंक जमा)

RBI द्वारा विकसित यह पोर्टल विभिन्न बैंकों में अदावी जमाओं की केंद्रीय खोज सुविधा देता है।

2. बीमा भरोसा पोर्टल (अदावी बीमा राशि)

बीमा पॉलिसीधारकों/नामांकितों को अदावी बीमा राशि खोजने में सहायता करता है।

3. MITRA पोर्टल (म्यूचुअल फंड)

MF Central पर उपलब्ध यह प्लेटफॉर्म अदावी/निष्क्रिय म्यूचुअल फंड निवेश की पहचान में मदद करता है।

4. IEPFA पोर्टल (लाभांश और शेयर)

7 वर्ष से अदावी लाभांश/शेयर IEPFA को स्थानांतरित होते हैं, जिन्हें कभी भी दावा किया जा सकता है।

ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वयन

अक्टूबर–दिसंबर 2025 के बीच यह तीन माह का राष्ट्रव्यापी अभियान रहा, जिसमें सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश शामिल हुए।
3A फ्रेमवर्क—जागरूकता (Awareness), पहुँच (Accessibility) और कार्रवाई (Action) पर आधारित इस अभियान के तहत 668 जिलों में सुविधा शिविर आयोजित हुए।
डिजिटल कियोस्क, हेल्पडेस्क और स्थानीय प्रशासन/वित्तीय संस्थानों के समन्वय से नागरिकों को सीधे सहायता मिली।

प्रगति और उपलब्धि (Progress Achieved)

  • लगभग ₹2,000 करोड़ की राशि वास्तविक हकदारों को लौटाई गई

  • नामांकन, दस्तावेज़ीकरण और रिकॉर्ड-कीपिंग के प्रति जागरूकता बढ़ी

  • वित्तीय समावेशन और प्रणाली में विश्वास मजबूत हुआ

निष्कर्ष (Conclusion)

“आपकी पूंजी, आपका अधिकार – Your Money, Your Right” एक नागरिक-केंद्रित पहल है, जो लोगों को उनकी वैध वित्तीय संपत्तियों से पुनः जोड़ती है।
जागरूकता, सरल पहुँच और समन्वित सुविधा के माध्यम से यह पहल वित्तीय प्रणाली को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और नागरिक-प्रथम बनाती है, ताकि हर व्यक्ति की बचत सुरक्षित, सुलभ और हस्तांतरणीय बनी रहे।

‘वीर बाल दिवस’ पर गुरु गोबिंद सिंह जी, माता गुजरी और साहिबज़ादों को अमित शाह व प्रधानमंत्री मोदी की भावपूर्ण श्रद्धांजलि

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‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सिख धर्म के दशम गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी, माता गुजरी जी तथा चारों साहिबज़ादों को उनके अद्वितीय बलिदान को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

‘एक्स’ (X) पर साझा किए गए अपने संदेश में अमित शाह ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के वीर पुत्रों—साहिबज़ादा अजीत सिंह, साहिबज़ादा जुझार सिंह, साहिबज़ादा ज़ोरावर सिंह और साहिबज़ादा फतेह सिंह—द्वारा अत्यंत अल्प आयु में धर्म और देश की रक्षा के लिए दिया गया बलिदान विश्व इतिहास में साहस, शौर्य और त्याग का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह बलिदान न केवल तत्कालीन अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी नैतिक शक्ति और मानवता की रक्षा का संदेश देता है।

अमित शाह ने कहा कि माता गुजरी जी और गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा साहिबज़ादों में संस्कारित किए गए मूल्य—धर्म की रक्षा, मानवता की सेवा और अन्याय के विरुद्ध अडिग रहने की भावना—क्रूर शासकों द्वारा दी गई अमानवीय यातनाओं के बावजूद भी डिग नहीं सके। उन्होंने कहा कि यह अदम्य साहस भारतीय सभ्यता की आत्मा को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘वीर बाल दिवस’ की शुरुआत का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह प्रयास सुनिश्चित करता है कि चारों साहिबज़ादों के त्याग और बलिदान की गाथा हर पीढ़ी तक पहुँचे और देश के युवा उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र, समाज और मानवता की सेवा के लिए आगे आएँ।

प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी ने भी ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह जी, माता गुजरी जी और चारों साहिबज़ादों को नमन करते हुए कहा कि उनका सर्वोच्च बलिदान भारत की आत्मा, उसकी सांस्कृतिक विरासत और धर्म की रक्षा के लिए अमर प्रेरणा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि साहिबज़ादों का शौर्य और दृढ़ संकल्प देशवासियों को सदैव सत्य, साहस और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहेगा।

शहीद उधम सिंह की जयंती पर अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी ने अर्पित की श्रद्धांजलि

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद उधम सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

‘एक्स’ (X) पर साझा किए गए संदेश में अमित शाह ने कहा कि अमर शहीद उधम सिंह ने जलियांवाला बाग नरसंहार में शहीद हुए देशवासियों का बदला लेकर अद्वितीय साहस और पराक्रम का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि उधम सिंह जी ने ग़दर आंदोलन के माध्यम से विदेशी धरती पर भी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ज्वाला को प्रज्वलित करने में अग्रणी भूमिका निभाई। शाह ने कहा कि उनकी वीरगाथा देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का अक्षय स्रोत है, जो उनके मन में मातृभूमि के प्रति अटूट समर्पण का भाव जागृत करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शहीद उधम सिंह को उनकी जयंती पर नमन करते हुए कहा कि उनका बलिदान और राष्ट्रभक्ति आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि शहीद उधम सिंह का जीवन अन्याय के विरुद्ध संघर्ष, साहस और देशप्रेम का अमर प्रतीक है, जिसे भारतवासी कभी नहीं भूल सकते।

छत्तीसगढ़ में अगले 3 दिन कड़ाके की ठंड और शीतलहर का अलर्ट

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 CG Weather Update: प्रदेश में ठंड का असर तेजी से बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ में अगले तीन दिनों तक कड़ाके की ठंड और शीतलहर की स्थिति बने रहने का अनुमान जताया है। इस दौरान न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है, जिससे ठिठुरन भरी सर्दी लोगों को और परेशान करेगी।


मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, विशेषकर उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ में घना कोहरा छाने की संभावना है। हाल ही में अंबिकापुर में तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे न्यूनतम तापमान है। वहीं, अन्य जिलों में भी रात के तापमान में निरंतर गिरावट देखी जा रही है।

विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक की और कमी दर्ज हो सकती है। कोहरे के कारण सुबह के समय दृश्यता प्रभावित होने की भी आशंका है।

शुक्रवार को राजनांदगांव, दुर्ग, बालोद, रायपुर और बेमेतरा जिलों के कुछ हिस्सों में शीतलहर की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटों में दुर्ग जिले के एक-दो क्षेत्रों में शीतलहर की स्थिति दर्ज की गई है।

मौसम विभाग ने नागरिकों को ठंड से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है। विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग सुबह-शाम ठंडी हवाओं से बचें। वाहन चालकों को कोहरे के कारण सतर्क रहकर सफर करने की अपील की गई है।

निफ्टेम कुंडली को ‘पीएम विकास’ योजना के क्रियान्वयन हेतु परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में चयन

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राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (निफ्टेम), कुंडली को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा “पीएम विकास (PM VIKAS)” योजना के क्रियान्वयन हेतु परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी (PIA) के रूप में चयनित किया गया है। इस संबंध में संस्थान और मंत्रालय के बीच 22 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।

यह योजना अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं की क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से बनाई गई है, जिसके अंतर्गत आवश्यकता आधारित पाठ्यक्रमों में कौशल प्रशिक्षण सहायता प्रदान की जाएगी तथा उनके लिए रोजगार/आजीविका के अवसर सुनिश्चित किए जाएंगे। निफ्टेम, कुंडली इस योजना के लिए PIA के रूप में चयनित कुछ गिने-चुने राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (INI) में से एक है।

इस परियोजना के अंतर्गत निफ्टेम-कुंडली अल्पसंख्यक समुदाय के कुल 2110 लाभार्थियों को तीन श्रेणियों—मल्टी स्किल टेक्नीशियन (फूड प्रोसेसिंग), मिलेट उत्पाद प्रोसेसर तथा असिस्टेंट बेकिंग टेक्नीशियन—में प्रशिक्षण प्रदान करेगा। यह प्रशिक्षण झारखंड, बिहार, पंजाब और हरियाणा के चार राज्यों में स्थित सात स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। यह पहल अल्पसंख्यक समुदायों की रोजगार क्षमता बढ़ाने तथा उन्हें बाजार और ऋण से जोड़कर आर्थिक मुख्यधारा में सम्मिलित करने के माध्यम से बेहतर आजीविका के अवसर सृजित करने का प्रयास है।

परियोजना के तहत लाभार्थियों को NCVET (राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद) द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रमों के माध्यम से NSQF (राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा) के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। साथ ही, योग्य प्रशिक्षित लाभार्थियों को किसी न किसी प्रकार के रोजगार—जैसे वेतन रोजगार, स्वरोजगार या अप्रेंटिसशिप—में, विशेषकर संगठित क्षेत्र में, नियुक्ति के लिए सहयोग किया जाएगा। सभी लाभार्थियों को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) / NCVET द्वारा अनुमोदित संस्थानों से प्रमाणन प्रदान किया जाएगा। यह कार्यक्रम जनवरी 2026 से प्रारंभ किए जाने की संभावना है।

मुख्यमंत्री साय ने 187 करोड़ के 23 कार्यों का किया लोकार्पण-भूमिपूजन

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रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के फुंडहर खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में रायपुर नगर निगम क्षेत्र में 186 करोड़ 98 रुपए लागत के 23 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें 185 करोड़ 49 लाख रुपए के 17 कार्यों का भूमिपूजन और एक करोड़ 49 लाख रुपए के छह कार्यों का लोकार्पण शामिल है।


मुख्यमंत्री ने एक करोड़ रुपए की लागत से तेलीबांधा चौक पर निर्मित सिंदूर पथ, 49 लाख रुपए से अटल एक्सप्रेस-वे में फुंडहर चौक पर विकसित अटल परिसर और कोर्ट परिसर के पास बनाए गए वनभैंसा के साथ ही आईएसबीटी, मोवा ब्रिज और विधानसभा ब्रिज के नीचे बनाए गए बॉक्स क्रिकेट पिच का लोकार्पण किया।


मुख्यमंत्री साय ने पंडरी बस स्टैंड के पीछे 14 करोड़ 71 लाख रुपए तथा नरैया तालाब के पास 14 करोड़ 66 लाख रुपए के कामकाजी महिला छात्रावास का भूमिपूजन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के तहत तेलीबांधा चौक के पास 39 करोड़ 31 लाख रुपए के टेक्नीकल टॉवर और खम्हारडीह में 20 करोड़ 93 लाख रुपए के 2500 किलोलीटर क्षमता के नवीन जलागार का भी भूमिपूजन किया।

साय ने दलदल सिवनी अम्युजमेंट पार्क के पास 11 करोड़ 42 लाख रुपए के नालंदा परिसर, पचपेड़ी नाका से सीएसईबी चौक तक 13 करोड़ 39 लाख रुपए के गौरवपथ तथा 11 करोड़ 17 लाख रुपए के पीएम ई-बस डिपो एवं दो करोड़ 79 लाख रुपए के पीएम ई-बस डिपो के लिए इलेक्ट्रिक सब-स्टेशन का भूमिपूजन किया। उन्होंने लाभांडी और फुंडहर में 35 करोड़ 73 लाख रुपए के राइजिंग एवं डिस्ट्रीब्युशन पाइपलाइन, विधायक कॉलोनी से अविनाश वन होते हुए एनएच-53 तक एक करोड़ 94 लाख रुपए के नाला पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना में तीन करोड़ 23 लाख रुपए के सीसी रोड एवं नाली निर्माण तथा श्रीराम मंदिर के पास एक करोड़ 98 लाख रुपए के आरसीसी कवर्ड नाली निर्माण का भूमिपूजन किया।

मुख्यमंत्री ने रायपुर-ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में तीन करोड़ रुपए के मुख्य मार्गों के सुदृढ़ीकरण, बीटी रिनिवल, ड्रेन एवं अन्य कार्यों, रायपुर-उत्तर विधानसभा क्षेत्र में तीन करोड़ रुपए के मुख्य मार्गों के सुदृढ़ीकरण, बीटी रिनिवल, ड्रेन एवं अन्य कार्यों, रायपुर-दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में दो करोड़ 99 लाख रुपए के दतरेंगा मोड़ से चन्द्रा टाउन, महादेव घाट रोड तक सड़क सुदृढ़ीकरण, दो करोड़ 52 लाख रुपए से शहर के विभिन्न स्थानों में सड़क मरम्मत एवं बीटी टॉपिंग कार्य तथा दो करोड़ 71 लाख रुपए से शहर के विभिन्न मार्गों में बीटी टॉपिंग एवं पैच रिपेयर कार्य का भूमिपूजन किया।

हितग्राहियों को भवन निर्माण अनुज्ञा पत्र और चेक वितरित किए

मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के पांच हितग्राहियों कांती ढीढ़ी, सर्वश्री अजय शर्मा, योगेश साहू, पवन साहू और काशीराम वर्मा को भवन निर्माण अनुज्ञा पत्र वितरित किए। उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना के पांच हितग्राहियों उमा जोशी, फूलबाई गिरी, निशा द्विवेदी, रामप्यारी और भगवती यादव को 50-50 हजार रुपए का चेक प्रदान किया।

शीर्ष नक्सली नेता गणेश उइके का न्यूट्रलाइजेशन नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार - मुख्यमंत्री साय

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ओडिशा के कंधमाल-गंजाम सीमावर्ती वन क्षेत्रों में संचालित संयुक्त सुरक्षा अभियान में सीपीआई (माओवादी) संगठन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल गणेश उइके के न्यूट्रलाइज किए जाने को नक्सलवाद के विरुद्ध चल रही निर्णायक लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई नक्सल तंत्र की रीढ़ पर सीधा प्रहार है तथा स्पष्ट संदेश है कि अब नक्सल हिंसा के लिए देश में कहीं भी सुरक्षित ठिकाना शेष नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय संकल्प को साकार करने की दिशा में यह एक ठोस और निर्णायक कदम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दृढ़ नेतृत्व एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के सशक्त मार्गदर्शन में देश नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन की ओर तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। एक-भारत श्रेष्ठ-भारत की भावना के साथ केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति एवं विकास की नई धारा प्रवाहित हो रही है।

मुख्यमंत्री साय ने इस अभियान में शामिल सभी सुरक्षा बलों के जवानों और अधिकारियों के अदम्य साहस, पराक्रम और पेशेवर दक्षता को नमन किया तथा उनके उत्कृष्ट मनोबल की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है—“हिंसा का रास्ता छोड़िए, मुख्यधारा से जुड़िए; अन्यथा कानून अपना कार्य करेगा।”

उन्होंने कहा कि शांति, विकास और विश्वास ही नए भारत की पहचान है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के नए अवसर निरंतर सृजित किए जा रहे हैं। साथ ही हिंसा के मार्ग पर भटके युवाओं के पुनर्वास और मुख्यधारा में सम्मानजनक वापसी के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि जनता-जनार्दन के सहयोग, सुरक्षा बलों के साहस तथा स्पष्ट नीतिगत प्रतिबद्धता के बल पर नक्सल-मुक्त भारत का संकल्प शीघ्र ही पूर्णतः साकार होगा।

पत्नी मायके गई तो नाराज पति ने जेसीबी से गिरा दी ससुराल की चहारदीवारी

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 गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह जिले में पारिवारिक विवाद के कारण एक व्यक्ति ने जेसीबी मशीन से अपनी ससुराल की चहारदीवारी तोड़ दी। घटना के बाद पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला जमुआ थाना क्षेत्र के सिरसिया गांव का है।


जानकारी के अनुसार, गादी चंगुलो गांव निवासी पिंटू मंडल बुधवार रात जेसीबी लेकर ससुराल पहुंचा और मकान की दीवार गिरा दी। इससे गांव में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों के जुटने पर वह जेसीबी लेकर मौके से फरार हो गया।

पिंटू मंडल का कहना है कि शादी के साढ़े चार साल बाद भी उसकी पत्नी बार-बार मायके चली जाती है और ससुराल भेजने में उसके परिजन सहयोग नहीं करते। कई समझाइश के बावजूद पत्नी के वापस नहीं आने से वह तनाव में था।

वहीं पत्नी उर्मिला देवी ने आरोप लगाया कि पति रोज शराब पीकर मारपीट करता है। इसी कारण वह दोनों बच्चों के साथ मायके में रह रही है। उनका कहना है कि पंचायत में समझौते की कोशिश भी हुई, लेकिन पति ने हंगामा किया और गहने ले लिए।

जमुआ थाना प्रभारी विभूतिदेव कुमार ने बताया कि लिखित शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। दोनों पक्षों के बयान और साक्ष्यों के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

एंटी-नक्सल ऑपरेशन: इनामी कमांडर गणेश उइके समेत 4 माओवादी ढेर

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 सुकमा/ओड़िशा। नक्सल उन्मूलन प्रयासों के तहत सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है। ओड़िशा के कंधमाल जिले में जारी एंटी-नक्सल ऑपरेशन में इनामी माओवादी कमांडर गणेश उइके सहित चार नक्सली मारे गए हैं। पुलिस ने घटनास्थल से दो INSAS राइफल और एक .303 राइफल बरामद की है।


पुलिस के अनुसार यह कार्रवाई चाकापाड़ और राम्पा जंगल इलाके में हुई, जहाँ उड़ीसा स्पेशल फोर्स (SOG), सीआरपीएफ और बीएसएफ की संयुक्त टीमें सक्रिय रहीं। मारे गए नक्सलियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं।

डिग्री (DIG) ऑपरेशंस अखिलेश्वर सिंह और कंधमाल एसपी ने ऑपरेशन की निगरानी की। सुरक्षा बलों ने बताया कि 312 से अधिक टीमों और उपकरणों के साथ जारी इस अभियान का उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता और नागरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब 2025 में कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और कुछ मुठभेड़ों में मारे भी गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, गणेश उइके जैसे शीर्ष नेता के खिलाफ कार्रवाई से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की पकड़ और मजबूत होगी।

सुरक्षा बलों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना स्थानीय प्रशासन को दें।

मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 की घोषणा, छत्तीसगढ़ के श्रेष्ठ प्रशासनिक नवाचारों को मिलेगा सम्मान

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 रायपुर : छत्तीसगढ़ में सुशासन की दिशा में हो रहे परिवर्तन और प्रशासनिक संस्कृति के सुदृढ़ होते स्वरूप को रेखांकित करते हुए आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 की घोषणा की । यह पुरस्कार राज्य के विभिन्न जिलों और विभागों द्वारा लागू किए गए उन नवाचारों को सम्मानित करने हेतु दिए जाएंगे, जिन्होंने शासन व्यवस्था को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा स्थापित ये पुरस्कार इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि राज्य शासन सार्वजनिक प्रशासन के केंद्र में नवाचार, ठोस परिणाम और नागरिक हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने कहा कि शासन की गुणवत्ता को केवल मंशा या व्यय के आधार पर नहीं, बल्कि उसके वास्तविक, मापनीय प्रभाव, विस्तार-योग्यता और जमीनी समस्याओं के समाधान की क्षमता के आधार पर आँका जाना चाहिए। मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार इस नई प्रशासनिक सोच को संस्थागत रूप देने का प्रयास हैं, जहाँ तकनीक, संवेदनशीलता और संस्थागत सुधार मिलकर सार्वजनिक सेवा को सशक्त बनाते हैं।

उन्होंने कहा कि सुशासन केवल नीतियों से नहीं, बल्कि निरंतर हो रहे नवाचारों से साकार होता है। परम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर मनाए जा रहे सुशासन दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में जनहित को केंद्र में रखकर विकसित किए गए उत्कृष्ट प्रशासनिक नवाचारों को सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 के विजेताओं की घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा कि शासन में नवाचार कोई विकल्प नहीं, बल्कि समय की आवश्यकता और प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक प्रणालियों को नागरिकों की अपेक्षाओं के अनुरूप गति, पारदर्शिता और विश्वसनीयता के साथ निरंतर स्वयं को ढालना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन नवाचारों के सम्मान की आज घोषणा की गई है, वे केवल व्यक्तिगत उपलब्धियाँ नहीं, बल्कि भविष्य-उन्मुख शासन के लिए अनुकरणीय और दोहराने योग्य मॉडल हैं। मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2025–26 के लिए एक सुदृढ़ और बहु-स्तरीय मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसका उद्देश्य समावेशिता और गुणवत्ता के बीच संतुलन स्थापित करना था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कुल 312 नवाचार प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें 275 जिलों से और 37 राज्य स्तरीय विभागों से थे। यह व्यापक सहभागिता इस बात का प्रमाण है कि शासन के प्रत्येक स्तर पर समस्या-समाधान की नवाचारी सोच विकसित हो रही है। यह प्रवृत्ति समाधान-केंद्रित प्रशासन की ओर हो रहे सांस्कृतिक बदलाव को भी दर्शाती है।

मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार हेतु दो-स्तरीय चयन प्रक्रिया के अंतर्गत पहले चरण में 55 नवाचारों को शॉर्टलिस्ट किया गया। इसके बाद 13 नवाचारों को फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया और अंततः 10 विजेता नवाचारों का चयन किया गया, जिनमें जिला और विभागीय श्रेणियों से समान संख्या में प्रविष्टियाँ शामिल रहीं। मूल्यांकन के दौरान परिणामों को 50 अंक, विस्तार-योग्यता को 40 अंक और नवाचार को 10 अंक का भार दिया गया, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि सम्मान केवल विचारों पर नहीं, बल्कि वास्तविक और प्रभावशाली परिणामों पर आधारित हो।

जिला श्रेणी के विजेताओं में दंतेवाड़ा जिले की “ब्लॉकचेन आधारित भूमि अभिलेख डिजिटलीकरण” पहल एक प्रमुख उदाहरण के रूप में सामने आई। इस नवाचार के माध्यम से मैनुअल और कागजी प्रक्रियाओं को समाप्त कर ब्लॉकचेन आधारित छेड़छाड़-रोधी प्रणाली लागू की गई, जिससे भूमि अभिलेख प्राप्त करने का समय हफ्तों से घटाकर कुछ ही मिनटों में संभव हो सका। इस पहल से दस्तावेज़ी धोखाधड़ी पूरी तरह समाप्त हुई और सेवा प्रदाय में अभूतपूर्व तेजी आई, जिसने आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों में राजस्व प्रशासन के लिए एक नया मानक स्थापित किया।

जशपुर जिले की “निर्माण जशपुर” पहल ने यह दर्शाया कि एकीकृत डिजिटल मॉनिटरिंग किस प्रकार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन को प्रभावी बना सकती है। 16 विभागों की 7,300 से अधिक परियोजनाओं और 444 ग्राम पंचायतों को कवर करने वाली इस प्रणाली ने रियल-टाइम निगरानी, जियो-टैग्ड सत्यापन और GIS आधारित योजना को संभव बनाया, जिससे कार्यों की गुणवत्ता में सुधार हुआ और विलंब में उल्लेखनीय कमी आई।

मोहला–मानपुर–अंबागढ़ चौकी में लागू संवर्धित टेक-होम राशन (A-THR) नवाचार ने गंभीर कुपोषण जैसी चुनौती का प्रभावी समाधान प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से विकसित इस पोषण-घन आहार के माध्यम से गंभीर कुपोषित बच्चों में 77.5 प्रतिशत सुधार दर दर्ज की गई। यह पहल इस बात का उदाहरण है कि साक्ष्य-आधारित पोषण हस्तक्षेप बड़े पैमाने पर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

गरियाबंद जिले की “हाथी ट्रैकिंग एवं अलर्ट ऐप” ने मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने में तकनीक की भूमिका को सशक्त रूप से सामने रखा। AI आधारित ट्रैकिंग और रियल-टाइम अलर्ट व्यवस्था के माध्यम से मानव हताहतों की संख्या लगभग शून्य तक लाई गई, साथ ही फसल क्षति और मुआवजा बोझ में भी उल्लेखनीय कमी आई। राज्य के बाहर भी अपनाई जा चुकी यह पहल संघर्ष-संवेदनशील शासन का एक प्रभावी मॉडल बन चुकी है।

नारायणपुर जिले का “इंटिफाई इंटेलिजेंस टूल” आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में डेटा एकीकरण की उपयोगिता को दर्शाता है। रियल-टाइम, जियो-स्पेशियल और पूर्वानुमान आधारित इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से 100 से अधिक नियोजित अभियानों का संचालन संभव हुआ, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय बेहतर हुआ और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में परिस्थितिजन्य जागरूकता को मजबूती मिली।

विभागीय श्रेणी में शिक्षा विभाग का “विद्या समीक्षा केंद्र (VSK)” डेटा-आधारित शिक्षा शासन का एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरा। यह AI सक्षम प्लेटफॉर्म 56,000 से अधिक विद्यालयों, 2.83 लाख शिक्षकों और 57.5 लाख विद्यार्थियों की निगरानी करता है, जिससे ड्रॉपआउट की प्रारंभिक पहचान, संसाधनों का बेहतर उपयोग और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेना संभव हो सका है।

वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की “वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम” ने व्यवसाय सुगमता सुधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। 16 विभागों की 136 सेवाओं को एकीकृत करते हुए इस प्रणाली ने अनुमोदन, प्रोत्साहन, शिकायत निवारण और निरीक्षण प्रक्रियाओं को सरल बनाया, जिससे विलंब कम हुआ और पारदर्शिता के साथ निवेशकों का विश्वास बढ़ा।

वाणिज्य कर (आबकारी) विभाग की समग्र ई-गवर्नेंस सुधार पहल ने राजस्व संग्रह और अनुपालन व्यवस्था को सुदृढ़ किया। एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण, ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली और रियल-टाइम डैशबोर्ड के माध्यम से विभाग ने ₹5,425 करोड़ का राजस्व अर्जित किया और पारदर्शिता तथा नियामक निगरानी के नए मानक स्थापित किए।

वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की “FDS 2.0 – ई-कुबेर डिजिटल भुगतान प्रणाली” ने मैनुअल चेक आधारित प्रक्रियाओं को समाप्त कर पूर्णतः कैशलेस, RBI एकीकृत भुगतान व्यवस्था लागू की। इसके माध्यम से ₹1,776 करोड़ से अधिक के 18 लाख लेन-देन पूर्ण हुए, जिससे दूरस्थ और नक्सल प्रभावित वन क्षेत्रों में भी समय पर मजदूरी भुगतान, आजीविका सुरक्षा और पारदर्शी फंड प्रवाह सुनिश्चित हुआ।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा अंतर्गत लागू QR कोड आधारित सूचना स्वप्रकटिकरण व्यवस्था ने नागरिक-केंद्रित शासन को नई मजबूती दी। QR कोड के माध्यम से ग्रामीणों को वास्तविक समय की योजना जानकारी उपलब्ध कराकर इस पहल ने मध्यस्थों पर निर्भरता कम की और 11,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता को सुदृढ़ किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ये पुरस्कार छत्तीसगढ़ में जनकल्याण केंद्रित नवाचारों और सुशासन को प्रोत्साहन देने की एक नई शुरुआत हैं। यह इस बात का संकेत है कि छत्तीसगढ़ का भविष्य विस्तार-योग्य, नागरिक-केंद्रित और तकनीक-सक्षम शासन में निहित है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले अधिकारी एवं टीमें एक प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान में नेतृत्व विकास कार्यक्रम में भाग लेंगी, जिससे आज के नवाचार आने वाले समय में शासन के मानक बन सकें।

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा कि लोक प्रशासन में नवाचार का अर्थ केवल नई तकनीक अपनाना नहीं, बल्कि नागरिकों को समयबद्ध, पारदर्शी और परिणाम-उन्मुख सेवाएँ प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर की जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए शासन को निरंतर विकसित होना होगा और मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार की पहल यह सिद्ध करती हैं कि किस प्रकार विस्तार-योग्य, डेटा-आधारित और नागरिक-केंद्रित समाधान सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास को मजबूत करते हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि छत्तीसगढ़ शासन सार्वजनिक सेवा के मूल मूल्य के रूप में नवाचार को निरंतर प्रोत्साहित करता रहेगा, ताकि शासन व्यवस्था को भीतर से रूपांतरित करते हुए प्रत्येक नागरिक तक मापनीय और सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित किया जा सके।

मुख्यमंत्री साय ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी जयंती के अवसर पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अटलजी का संपूर्ण जीवन राष्ट्रहित के लिए समर्पित रहा। लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण, सुशासन की स्थापना और जनकल्याण के व्यापक दृष्टिकोण के कारण वे देशवासियों के हृदय में सदैव अमर रहेंगे। वे केवल महान राजनेता ही नहीं, बल्कि संवेदनशील कवि, दूरदर्शी राजनेता और करुणा से भरे जननायक थे, जिन्होंने राजनीति को जनसेवा का सशक्त माध्यम बनाया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अटलजी के नेतृत्व में देश ने विकास, पारदर्शिता और सुशासन की नई दिशा प्राप्त की। उनका समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुँचाने का संकल्प आज भी हमारी शासन-नीति का केंद्रीय आधार है। यही भावना छत्तीसगढ़ सरकार के प्रत्येक कार्यक्रम, योजना और निर्णय का मार्गदर्शन करती है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुशासन को सशक्त बनाने के लिए प्रशासनिक सुधार, पारदर्शी व्यवस्था, समयबद्ध सेवाओं की आपूर्ति और जनविश्वास की पुनर्स्थापना के प्रयास लगातार जारी हैं। यह यात्रा अटलजी के विचारों, आदर्शों और प्रेरणा से ऊर्जा प्राप्त करती है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों—ईमानदारी, संवेदनशीलता, संवाद और समावेशी विकास—को अपने जीवन और कार्य में अपनाएँ तथा विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बनें।

इस अवसर पर विधायक किरण सिंह देव उपस्थित थे।

ओड़िशा में एंटी-नक्सल ऑपरेशन : शीर्ष माओवादी कमांडर समेत 4 मारे गए

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 जगदलपुर/भुवनेश्वर। ओड़िशा के कंधमाल जिले में सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में चार माओवादी मारे गए। इनमें CPI (माओवादी) संगठन के शीर्ष कमांडर गणेश उइके भी शामिल हैं। पुलिस ने घटनास्थल से दो इंसास राइफल और एक .303 राइफल सहित अन्य सामग्री बरामद की है।


यह मुठभेड़ चाकापाड़ और राम्पा जंगल क्षेत्र में हुई, जहां स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG), सीआरपीएफ और बीएसएफ ने संयुक्त अभियान चलाया। पुलिस के अनुसार, यह कार्रवाई विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी।

गणेश उइके का संगठन में ऊंचा रैंक

मारे गए माओवादी गणेश उइके को संगठन में उच्च जिम्मेदारियां प्राप्त थीं और पुलिस उसकी गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखे हुए थी। बरामद हथियारों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

अभियान जारी

सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद आसपास के घने जंगलों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान और सख्ती बढ़ाई जाएगी, ताकि संगठन की क्षमता को कमजोर किया जा सके।

पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल स्थानीय प्रशासन को दें।

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