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सहकारिता के माध्यम से किसानों की समृद्धि: केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पैनचकूला में KRIBHCO सम्मेलन को संबोधित किया

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केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज पैनचकूला, हरियाणा में कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (KRIBHCO) द्वारा ‘सतत कृषि में सहकारिता की भूमिका’ विषय पर आयोजित सहकारी सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नयाब सिंह सैनी, केंद्रीय राज्य मंत्री, सहकारिता कृष्ण पाल गुरजर, सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. अशिष कुमार भुतानी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सहकारिता से किसान समृद्धि:

अमित शाह ने कहा कि हरियाणा, जो इतिहास, धर्म, आध्यात्म और परंपराओं से जुड़ा हुआ है, आज सहकारिता और कृषि के सहयोग से किसानों की समृद्धि के नए आयाम रच रहा है। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर सम्मेलन में दूध शीतलन केंद्र, HAFED फ्लोर मिल, RuPay Platinum कार्ड और मॉडल PACS के पंजीकरण प्रमाण पत्र, और अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष पोर्टल का भी उद्घाटन किया गया।

कृषि और पशुपालन में रोजगार और समृद्धि:

मंत्री ने कहा कि देश की लगभग 70% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और बड़ी संख्या में लोग सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि और पशुपालन पर निर्भर हैं। जब कृषि और पशुपालन को सहकारिता के माध्यम से जोड़ा जाता है, तो यह न केवल 125 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है, बल्कि उन्हें समृद्ध भी बनाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि गुजरात में अमूल हर साल लगभग ₹90,000 करोड़ 36 लाख महिला दूध उत्पादकों को वितरित करता है, जबकि बाजार मूल्य पर यही राशि केवल ₹12,000 करोड़ होती।

सहकारिता के माध्यम से समृद्धि:

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय स्तर पर सहकारिता मंत्रालय की स्थापना कर ‘Prosperity through Cooperation’ का नया मंत्र दिया। अब सहकारिता केवल रोजगार के लिए नहीं, बल्कि किसानों की समृद्धि के लिए भी जुड़ी हुई है।

कृषि और ग्रामीण विकास में सरकार की पहल:

  • 2014 में प्रधानमंत्री बनने के समय कृषि बजट ₹22,000 करोड़ था, जिसे अब ₹1,27,000 करोड़ किया गया।

  • ग्रामीण विकास बजट ₹80,000 करोड़ से बढ़कर ₹1,87,000 करोड़।

  • किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सालाना ₹6,000।

  • कृषि अवसंरचना निधि के तहत ₹1 लाख करोड़ का प्रावधान।

  • e-NAM, श्री अन्ना मिशन, दाल और तेलहन मिशन, डेयरी क्षेत्र की परिपत्र प्रणाली जैसी योजनाओं को लागू किया गया।

PACS और सहकारी संस्थाओं का सशक्तिकरण:

शाह ने बताया कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के लिए मॉडल उपनियम तैयार किए गए और मल्टीपर्पज PACS प्रमाण पत्र जारी किए गए। 30 से अधिक क्षेत्रों को PACS से जोड़ा गया, जैसे उर्वरक वितरण, कृषि उत्पाद की सफाई, ग्रेडिंग, विपणन, दवा दुकानें, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां और जल वितरण।

राष्ट्रीय स्तर पर सहकारी संस्थाएं:

  • National Cooperative Exports Limited (NCEL) – किसानों के उत्पाद के निर्यात के लिए

  • National Cooperative Organics Limited (NCOL) – ऑर्गेनिक उत्पादों के विपणन और प्रमाणन के लिए

  • Bharatiya Beej Sahkari Samiti Limited (BBSSL) – बीज उत्पादन, खरीद और वितरण के लिए

अमूल का उदाहरण और भविष्य की योजना:

अमूल आज लगभग 3 करोड़ लीटर दूध प्रतिदिन एकत्र करता है और ₹1,23,000 करोड़ का टर्नओवर है। शाह ने कहा कि अगले 15 वर्षों में देश में कम से कम 20 ऐसे संस्थान होंगे जो किसानों के लिए मजबूत सहकारी संस्थाएं बनेंगी।

सहकारिता के अन्य पहल:

  • ‘भारत टैक्सी’ योजना जल्द लॉन्च की जाएगी, जिसमें पूरी आय ड्राइवरों को मिलेगी।

  • हरियाणा के किसानों को गन्ने के उच्चतम मूल्य और समृद्धि उपलब्ध कराई गई।

हरियाणा का योगदान:

शाह ने कहा कि हरियाणा ने देश की खाद्य सुरक्षा, दूध उत्पादन और खेलों में सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह राज्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और तीनों सशस्त्र सेनाओं में सबसे अधिक प्रतिशत में योगदान देता है और इसके खिलाड़ियों ने देश को हर खेल में शीर्ष पदक सूची में पहुँचाया है।

इस प्रकार, सहकारिता, कृषि और ग्रामीण समृद्धि के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल किसानों की आय, रोजगार और सतत विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है।

उपभोक्ता संरक्षण और गुणवत्ता परीक्षण सेवाओं की पहुंच मजबूत करने के लिए NTH और डाक विभाग ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन नेशनल टेस्ट हाउस (NTH) और डाक विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार ने देशभर में नमूनों के संग्रहण और उन्हें सुरक्षित, विश्वसनीय एवं समय पर NTH प्रयोगशालाओं तक पहुँचाने के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।


इस MoU के तहत, डाक विभाग ग्राहकों से उनके दरवाजे पर नमूने उठाने और उन्हें कोलकाता, गाजियाबाद, मुंबई, जयपुर, गुवाहाटी, वाराणसी और चेन्नई में स्थित NTH प्रयोगशालाओं तक पहुँचाने की सुविधा प्रदान करेगा। यह सुविधा डाक विभाग के व्यापक और भरोसेमंद नेटवर्क का उपयोग करेगी, जो भारत के शहरी, ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों तक फैला हुआ है।

MoU पर 24 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर भारत मंडपम, नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर प्रल्हाद जोशी, माननीय केंद्रीय मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और बी. एल. वर्मा, राज्य मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण उपस्थित थे।

इस रणनीतिक सहयोग से NTH की परीक्षण सेवाओं की सुलभता, किफायती और दक्षता में काफी वृद्धि होगी। यह पहल लॉजिस्टिक चुनौतियों को हल करेगी और परीक्षण की प्रक्रिया का समय कम करेगी। इसका लाभ उपभोक्ता, निर्माता, MSME, स्टार्टअप और व्यवसायों, विशेषकर दूर-दराज और पिछड़े क्षेत्रों में स्थित लोगों को मिलेगा। यह पहल व्यवसाय करने में आसानी, उपभोक्ता संरक्षण तंत्र को मजबूत करने और मानक और गुणवत्ता संस्कृति को बढ़ावा देने में भी सहायक होगी।

यह साझेदारी आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप है, जो उपभोक्ता विश्वास बढ़ाने, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार और एक मजबूत, आत्मनिर्भर भारत बनाने में गुणवत्ता और मानकीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है। यह पहल जन-केंद्रित सेवा और मंत्रालयों के बीच प्रभावी सहयोग को भी दर्शाती है, जिसमें सार्वजनिक अवसंरचना का सर्वोत्तम उपयोग किया गया है।

इस सहयोग के माध्यम से भारत के हर नागरिक तक गुणवत्ता परीक्षण सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित होगी, जिससे बाजार में विश्वास, पारदर्शिता और जवाबदेही मजबूत होगी।

झरिया कोयला क्षेत्र में पुनर्वास और विकास को नई दिशा: केंद्रीय मंत्री G. किशन रेड्डी का धनबाद दौरा

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केंद्रीय कोयला एवं खनिज मंत्री G. किशन रेड्डी ने अपने धनबाद दौरे के दूसरे दिन झरिया कोयला क्षेत्र में पुनर्वास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और रिवाइज्ड झरिया मास्टर प्लान (RJMP) के तहत बेलगाड़िया और कर्मतांड पुनर्वास स्थलों पर कई जनता-केंद्रित परियोजनाओं का उद्घाटन और भूमि-पूजन किया। मंत्री का बीसीसीएल गेस्ट हाउस में सीआईएसएफ के जवानों द्वारा सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया।

रिवाइज्ड झरिया मास्टर प्लान (RJMP):

25 जून 2025 को कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स द्वारा अनुमोदित RJMP का उद्देश्य लंबे समय से चले आ रहे खदान आग, भूमि धंसाव और पुनर्वास संबंधी मुद्दों का समाधान करना है। इसके अंतर्गत जोखिम वाले क्षेत्रों से गैर-BCCL परिवारों के पुनर्वास का कार्य झरिया पुनर्वास और विकास प्राधिकरण (JRDA) द्वारा किया जा रहा है, जबकि Bharat Coking Coal Limited (BCCL) अपने संचालन क्षेत्रों में परिवारों के पुनर्वास के लिए जिम्मेदार है।

बेलगाड़िया पुनर्वास नगर:

बेलगाड़िया पुनर्वास नगर में मंत्री ने JRDA प्रशासनिक भवन और पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (PDS) शॉप का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं का भूमि-पूजन किया, जिनमें शामिल हैं:

  • सड़क चौड़ीकरण कार्य (Phase II और III)

  • 500 LED सोलर स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना

  • Phase IV, VI, VII और VIII के संतुलित विकास कार्य

  • प्राथमिक स्कूल का मॉडर्न क्लासरूम, डिजिटल शिक्षा सुविधाएं, स्वच्छता, पावर बैकअप के साथ मॉडल स्कूल में उन्नयन

बेलगाड़िया, JRDA द्वारा विकसित सबसे बड़ा पुनर्वास नगर है, जिसमें 8 चरणों में 1,191 ब्लॉक्स और कुल 18,272 मकान शामिल हैं। BCCL के CSR कार्यक्रम के तहत 11 ई-रिक्शा वितरित किए गए, जिससे पुनर्वासित परिवारों को स्थायी आय और स्वरोजगार के अवसर मिले।

कर्मतांड पुनर्वास स्थल:

BCCL द्वारा विकसित कर्मतांड पुनर्वास स्थल पर 4,008 घर बनाए गए हैं, जिनमें जल और बिजली की आपूर्ति, चौड़ी आंतरिक सड़कें, स्ट्रीट लाइटिंग और सुरक्षा व्यवस्थाएं शामिल हैं।

मंत्री ने कर्मतांड में मिडल/हाई स्कूल का उद्घाटन किया, जिसे लोडना क्षेत्र से स्थानांतरित कर नवीनीकृत भवन में स्थापित किया गया है। स्कूल 1 नवंबर 2025 से संचालन में है और बच्चों को आधुनिक सुविधाओं के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है।

साथ ही मंत्री ने मल्टी-स्किल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (MSDI-IV) का उद्घाटन किया, जो 27 नवंबर 2025 से राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद (NSDC) के सहयोग से विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है, जैसे कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव, ब्यूटिशियन और असिस्टेंट फिट्टर।

मंत्री ने बताया कि कर्मतांड में फ्री ई-बस सेवाएं, मार्केट कॉम्प्लेक्स और शिकायत निवारण तंत्र भी उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य सेवाओं, PDS सुविधाओं, सामुदायिक संरचना और आंगनवाड़ी केंद्रों को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं।

इसके अतिरिक्त, मंत्री ने Bharat Coking Coal Limited का Integrated Command and Control Centre (ICCC) और दूग्धा सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन किया, जो उन्नत डिजिटल सिस्टम, स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास के प्रति BCCL की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

ये सभी पहलें सरकार, JRDA और BCCL की ओर से सुनिश्चित करती हैं कि झरिया कोयला क्षेत्र में प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित पुनर्वास, बेहतर जीवन स्तर, स्वरोजगार और सतत विकास सुनिश्चित हो। आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, स्वच्छ ऊर्जा और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को एकीकृत दृष्टिकोण में लाकर पुनर्वास प्रक्रिया को तेजी से और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जा रहा है।

दिल्ली मेट्रो Phase-V(A) परियोजना के तहत तीन नई कॉरिडोर मंजूर: केंद्रीय राजधानी में बेहतर कनेक्टिविटी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के Phase-V(A) परियोजना के तहत तीन नई कॉरिडोर को मंजूरी दी है। ये कॉरिडोर निम्नलिखित हैं:

  1. आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी)

  2. एरोसिटी – IGD एयरपोर्ट टर्मिनल-1 (2.263 किमी)

  3. तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज (3.9 किमी)

इस परियोजना की कुल लंबाई 16.076 किमी होगी और इसका कुल अनुमानित लागत ₹12,014.91 करोड़ है, जो भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।

मुख्य विशेषताएं और लाभ:

  • सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर से सभी कर्तव्य भवनों से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लगभग 60,000 ऑफिस जाने वाले और 2 लाख दैनिक आगंतुकों को लाभ मिलेगा।

  • ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करने में मदद करेंगे, जिससे नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा।

कॉरिडोर विवरण:

  • आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ: यह बोटैनिकल गार्डन–आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा और सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

  • एरोसिटी – IGD एयरपोर्ट टर्मिनल-1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज: ये एरोसिटी–तुगलकाबाद कॉरिडोर के विस्तार हैं और एयरपोर्ट को दक्षिणी दिल्ली के क्षेत्रों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि से जोड़ेंगे।

  • इन तीन कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन होंगे, जिनमें से 10 भूमिगत और 3 उन्नत (elevated) स्टेशन होंगे।

स्टेशन विवरण:

  • आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरियट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल–हाई कोर्ट, बरौदा हाउस, भारत मंडपम, इंद्रप्रस्थ।

  • तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज कॉरिडोर: सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर, कालिंदी कुंज।

  • एरोसिटी – IGD एयरपोर्ट T-1: एरोसिटी स्टेशन IGD T-1 स्टेशन से जुड़ा होगा।

अन्य जानकारियाँ:

  • Phase-IV परियोजना की 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशनों का निर्माण जारी है, और लगभग 80.43% सिविल निर्माण पूरा हो चुका है।

  • Phase-IV के प्राथमिक तीन कॉरिडोर दिसंबर 2026 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे होने की संभावना है।

  • दिल्ली मेट्रो वर्तमान में 65 लाख यात्रियों प्रति दिन परिवहन कर रही है, जबकि अब तक का अधिकतम रिकॉर्ड 81.87 लाख यात्रियों का है।

  • DMRC वर्तमान में 12 मेट्रो लाइनों, लगभग 395 किमी लंबाई और 289 स्टेशनों के साथ दिल्ली और एनसीआर में संचालन कर रही है। दिल्ली मेट्रो भारत की सबसे बड़ी मेट्रो नेटवर्क और विश्व की बड़ी मेट्रो प्रणालियों में से एक बन चुकी है।

इन नई मेट्रो एक्सटेंशन से सेंट्रल दिल्ली और घरेलू एयरपोर्ट के क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी, सड़क पर ट्रैफिक कम होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी।

उपराष्ट्रपति ने “Economic Empowerment of Bharat in the Modi Era” पुस्तक का विमोचन किया

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भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने आज उपराष्ट्रपति भवन में सांसद प्रो. (डॉ.) सिकंदर कुमार द्वारा लिखित पुस्तक “Economic Empowerment of Bharat in the Modi Era” का विमोचन किया।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व, सशक्त सोच और परिवर्तनकारी आर्थिक नीतियों की सशक्त अभिव्यक्ति है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि बीते एक दशक में भारत ने उल्लेखनीय आर्थिक परिवर्तन और नई राष्ट्रीय आत्मविश्वास की भावना का अनुभव किया है। आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और साथ ही प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था भी है।

उन्होंने कहा कि यह पुस्तक दिवाला कानून, डिजिटल शासन और पारदर्शी बैंकिंग व्यवस्था जैसे प्रमुख संरचनात्मक सुधारों को रेखांकित करती है। ये सुधार केवल नीतिगत पहल नहीं थे, बल्कि दशकों पुरानी अक्षमताओं और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए उठाए गए साहसिक कदम थे। प्रधानमंत्री का “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” का विजन आज दक्षता और अनुशासन के एक प्रभावी मॉडल के रूप में सामने आया है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह सुनिश्चित करने पर विशेष बल देते हैं कि सरकारी योजनाओं का 100 प्रतिशत लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जनधन–आधार–मोबाइल (JAM) त्रयी के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) संभव हुआ है, जिससे लीकेज कम हुए हैं और शासन में पारदर्शिता व दक्षता बढ़ी है। अब तक ₹47 लाख करोड़ से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में अंतरित की जा चुकी है।

उपराष्ट्रपति ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) को इस दौर की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने कर ढांचे को सरल बनाकर, अनुपालन बढ़ाकर और सहकारी संघवाद को मजबूत करते हुए भारत को एकीकृत राष्ट्रीय बाजार में परिवर्तित किया। अंतरराज्यीय चेक पोस्ट हटने से वस्तुओं की आवाजाही सुगम हुई, लाखों मानव-घंटों और ईंधन की बचत हुई। उन्होंने कहा कि जीएसटी को स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े सुधारों में से एक माना जाता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत का आर्थिक सशक्तिकरण समावेशी विकास पर आधारित रहा है। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलें और यूपीआई का तीव्र विस्तार नागरिकों, उद्यमियों और छोटे व्यवसायों को सशक्त बना रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत का विजन निर्भरता से आत्मनिर्भरता की ओर एक निर्णायक बदलाव है, जो भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक भरोसेमंद भागीदार के रूप में स्थापित करता है। यह यात्रा विकसित भारत की व्यापक परिकल्पना से जुड़ी है, जहां आर्थिक विकास के साथ सामाजिक न्याय, पर्यावरणीय सततता और तकनीकी प्रगति का संतुलन बना रहता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने नीति पक्षाघात से उद्देश्यपूर्ण शासन की ओर, गरीबी की मानसिकता से समृद्धि के संकल्प की ओर और निर्भरता से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। उन्होंने नागरिकों से एक नए भारत—आत्मविश्वासी, सक्षम और करुणामय—का उत्सव मनाने का आह्वान किया, जो विकसित भारत @2047 की ओर अग्रसर है।

छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार को नई दिशा: मंत्री गुरु खुशवंत साहेब

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रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन के तकनीकी शिक्षा, रोजगार एवं कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने आज आयोजित प्रेस वार्ता में विभाग की उपलब्धियों, योजनाओं और भविष्य की कार्ययोजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के समुचित विकास एवं आपसी समन्वय के लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है।

मंत्री ने बताया कि वर्तमान में तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत 29 इंजीनियरिंग महाविद्यालय, 53 पॉलिटेक्निक संस्थान और 101 फार्मेसी संस्थान संचालित हैं। इनमें इंजीनियरिंग स्तर पर 30 स्नातक, 36 स्नातकोत्तर तथा पॉलिटेक्निक में 21 डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित हैं, जिनमें लगभग 60 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इस वर्ष इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रवेश में लगभग 20 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

उन्होंने बताया कि सत्र 2025-26 से आईआईटी की तर्ज पर शासकीय पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालयों के उन्नयन के साथ रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी उभरती शाखाओं में चार छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (CIT) की स्थापना की गई है। जल्द ही रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में भी CIT स्थापित किए जाएंगे।

नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य शासन ने i-Hub गुजरात के साथ एमओयू कर शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, रायपुर में i-Hub की स्थापना की है, जहां विद्यार्थियों को स्टार्टअप और इनोवेशन से जुड़ा मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इसके अलावा, Apanatech Pvt. Ltd., CSRBOX Pvt. Ltd., CII एवं YI समूह के साथ एमओयू के माध्यम से छात्रों को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण, स्टार्टअप सहयोग और उद्योग से जोड़ने की पहल की गई है।

मंत्री ने बताया कि सत्र 2025-26 से छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों के लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के तहत अब तक 11,643 विद्यार्थियों को 22.53 करोड़ रुपये का ब्याज अनुदान प्रदान किया गया है।

मानव संसाधन सशक्तिकरण की दिशा में 204 प्रथम श्रेणी शिक्षकों को पदोन्नति, 116 तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति तथा 205 को समयमान वेतनमान दिया गया है। इसके साथ ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी पदोन्नति और वेतनमान का लाभ दिया गया।

कौशल विकास योजनाओं की जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0, पीएम विश्वकर्मा, पीएम जनमन, नल-जल मित्र कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत हजारों युवाओं को प्रशिक्षण देकर बड़ी संख्या में रोजगार से जोड़ा गया है। विशेष रूप से बस्तर संभाग और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर, आवासीय प्रशिक्षण, छात्रावास निर्माण और पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।

आईटीआई सुदृढ़ीकरण के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय प्रगति की है। पिछले दो वर्षों में 100 से अधिक नए ट्रेड चिन्हित किए गए, 4 नए आईटीआई स्थापित हुए और आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन, 5जी नेटवर्क, 3डी प्रिंटिंग, ईवी टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया।

मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य युवाओं को आधुनिक तकनीक, कौशल और रोजगार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। विभाग द्वारा किए जा रहे ये प्रयास प्रदेश को तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएंगे।

बिहान योजना से बदली शांति दुग्गा की तक़दीर,किराना दुकान से ट्रैक्टर तक का सफर

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5 लाख तक पहुँची सालाना आय

रायपुर- जिला नारायणपुर के विकासखण्ड ओरछा अंतर्गत ग्राम कुरूषनार की निवासी शांति दुग्गा आज ग्रामीण आत्मनिर्भरता की सशक्त पहचान बन चुकी हैं। रोशनी स्व सहायता समूह की सक्रिय सदस्य और प्रतीज्ञा ग्राम संगठन से जुड़ी शांति दुग्गा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की बिहान योजना के माध्यम से न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया है।

शांति दुग्गा 19 अगस्त 2019 को स्व सहायता समूह से जुड़ीं। इससे पहले उनके परिवार की आजीविका कृषि कार्य और वनोपज संग्रहण पर निर्भर थी, जिससे आय सीमित रहती थी। समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने नियमित बचत की शुरुआत की। शासन द्वारा समूह को 15 हजार रुपये की चक्रीय निधि एवं 60 हजार रुपये की सामुदायिक निवेश कोष राशि प्राप्त हुई, जिससे वित्तीय अनुशासन और आपसी लेन-देन की समझ विकसित हुई।

बैंक लिंकेज के माध्यम से शांति दुग्गा ने पहली बार 1 लाख रुपये का ऋण लेकर किराना दुकान शुरू की। व्यवसाय में सफलता मिलने पर उन्होंने 2 लाख 70 हजार रुपये का ऋण लेकर कपड़ा व्यवसाय प्रारंभ किया।  बाजार-हाट के कार्य को विस्तार देने के उद्देश्य से उन्होंने एक पिकअप वाहन भी खरीदा। नियमित आय के चलते वे समय पर ऋण की किश्तें और ब्याज का भुगतान करती रहीं।

लगातार बढ़ते व्यवसाय और आत्मविश्वास के साथ शांति दुग्गा ने तीसरे चरण में 6 लाख रुपये का ऋण लेकर ट्रैक्टर खरीदा। आज उनके परिवार की वार्षिक आय 4 से 5 लाख रुपये तक पहुँच चुकी है, जिससे परिवार का जीवन स्तर उल्लेखनीय रूप से सुधरा है।

शांति दुग्गा का कहना है कि बिहान योजना ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया। आज वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा पा रही हैं। उनकी सफलता कहानी यह सिद्ध करती है कि सही मार्गदर्शन और सरकारी योजनाओं के सहयोग से ग्रामीण महिलाएं भी आर्थिक सशक्तिकरण की नई मिसाल कायम कर सकती हैं।

छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण का नया युग,आगामी वर्ष ‘महतारी गौरव वर्ष’ घोषित

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महिला विकास की नई इबारत लिख रही है साय सरकार

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने मातृशक्ति के सम्मान, सुरक्षा और सशक्तिकरण को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी वर्ष को ‘महतारी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की है। 

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार नित-नये फैसले ले रही है। विकसित छत्तीसगढ़ के लिए छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047 तैयार किया गया है। विकसित छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सशक्त भागीदारी को देखते हुए राज्य में आगामी वर्ष को महतारी गौरव वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ‘महतारी गौरव वर्ष’ में महिलाओं के सशक्तिकरण, सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक गरिमा को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का सशक्त संकल्प सिद्ध होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह वर्ष छत्तीसगढ़ में मातृशक्ति के नेतृत्व, सहभागिता और सम्मान का एक नया अध्याय लिखेगा, जो विकसित, समरस और सशक्त छत्तीसगढ़ की मजबूत नींव बनेगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार को सबसे बड़ा आशीर्वाद माताओं और बहनों से प्राप्त होता है। उनके विश्वास, समर्थन और आशीष से ही जनसेवा के कार्यों को नई ऊर्जा और दिशा मिलती है। इसी भावनात्मक और सामाजिक दायित्वबोध से प्रेरित होकर राज्य सरकार ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का पहला वर्ष ‘विश्वास वर्ष’ के रूप में समर्पित रहा, जिसमें शासन और जनता के बीच भरोसे की पुनर्स्थापना हुई। दूसरा वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को समर्पित ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में मनाया गया, जिसके दौरान आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण, सामाजिक विकास और जनकल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण कार्य पूरे हुए। अब सेवा का आगामी वर्ष मातृशक्ति को समर्पित ‘महतारी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें राज्य की सभी प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों का केंद्रबिंदु माताएँ और बहनें होंगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बीते दो वर्षों में महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर किए गए कार्यों ने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पटल पर एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित किया है। सरकार ने महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और निर्णय क्षमता को अपनी नीतियों का मूल आधार बनाते हुए सामाजिक-आर्थिक बदलाव की एक नई दिशा तय की है।

महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को मजबूती देने वाली महतारी वंदन योजना के अंतर्गत राज्य की लगभग 70 लाख विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक 22 किश्तों में 14,306 करोड़ 33 लाख रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की जा चुकी है। महिला कल्याण के लिए 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि राज्य की विकास यात्रा के केंद्र में महिलाएँ हैं।

महिलाओं को संपत्ति में अधिकार दिलाने के उद्देश्य से रजिस्ट्री शुल्क में 1 प्रतिशत की छूट, 368 महतारी सदनों का निर्माण, मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय का ऑनलाइन भुगतान जैसे निर्णयों ने सुशासन और पारदर्शिता को और सुदृढ़ किया है। स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 42,878 महिला समूहों को 12,946.65 लाख रुपये का रियायती ऋण प्रदान किया गया है। वहीं, बस्तर सहित छह जिलों में रेडी-टू-ईट का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा गया है।

महिला आजीविका के नए अवसर सृजित करने के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना, नवाबिहान योजना, डिजिटल सखी, दीदी ई-रिक्शा योजना, सिलाई मशीन सहायता, तथा मिनीमाता महतारी जतन योजना जैसी पहलें लागू की गई हैं। कन्याओं के विवाह में सहयोग हेतु मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सहायता राशि का बड़ा हिस्सा सीधे कन्या के बैंक खाते में जमा किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और आत्मनिर्भरता दोनों को बल मिला है।

महिला सुरक्षा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ ने ऐतिहासिक पहल की है। वन-स्टॉप सेंटर, 181 महिला हेल्पलाइन और डायल 112 के एकीकृत संचालन ने संकट की घड़ी में त्वरित और प्रभावी सहायता सुनिश्चित की है। सुखद सहारा योजना के अंतर्गत 2 लाख 18 हजार से अधिक विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जा रही है।किशोरियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए शुचिता योजना, साइकिल वितरण योजना, तथा नवा रायपुर में यूनिटी मॉल का निर्माण महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित ‘जशप्योर’ ब्रांड को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयास भी महिलाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रहे हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ उनके लिए सुरक्षित, सम्मानजनक और सशक्त वातावरण तैयार करना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना, नवाबिहान, लखपति दीदी, शुचिता और महतारी सदन जैसी पहलें महिलाओं के समग्र विकास का मजबूत आधार तैयार कर रही हैं।

वर्ष 2025-26 में महिला एवं बाल विकास विभाग को 8,245 करोड़ रुपये का बजट आवंटित कर राज्य सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि महिला कल्याण, सुरक्षा और सशक्तिकरण उसकी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आज महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नई दिशा, नई उम्मीद और नए परिवर्तन का प्रतीक बनकर उभर रहा है।

उपराष्ट्रपति ने आगरा में तृतीय संसद खेल महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की

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भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने आज उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर आगरा में आयोजित तृतीय संसद खेल महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की। इस आयोजन में युवा खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखने को मिली, जो जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति के बढ़ते विस्तार को दर्शाती है।

सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने संसद खेल महोत्सव का हिस्सा बनकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने खेलों से अपने व्यक्तिगत जुड़ाव का उल्लेख करते हुए बताया कि वे स्कूल और कॉलेज के दिनों में सक्रिय खिलाड़ी रहे हैं। वे टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन रहे, लंबी दूरी की दौड़ में भाग लिया तथा क्रिकेट और वॉलीबॉल जैसे खेलों का भी आनंद लिया। उन्होंने कहा कि खेलों से प्राप्त शारीरिक फिटनेस और मानसिक दृढ़ता ने उन्हें कठिन पदयात्राओं और लगभग 19,000 किलोमीटर की रथयात्रा जैसे अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद की।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की प्राचीन परंपरा में मन और शरीर के संतुलन पर हमेशा जोर दिया गया है। उन्होंने खेलों को केवल प्रतिस्पर्धा तक सीमित न मानते हुए, उन्हें चरित्र निर्माण का सशक्त माध्यम बताया, जो अनुशासन, धैर्य, टीम भावना और नियमों के सम्मान जैसे गुणों को विकसित करता है—जो व्यक्तिगत विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि संसद खेल महोत्सव जैसे आयोजन जमीनी स्तर पर इन मूल्यों के पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आयोजकों की सराहना करते हुए राधाकृष्णन ने कहा कि महानगरों से बाहर खेलों को बढ़ावा देना अत्यंत सराहनीय पहल है। उन्होंने पिछले ग्यारह वर्षों में भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र में आए संरचनात्मक परिवर्तन का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में खेलो इंडिया, फिट इंडिया मूवमेंट और स्वदेशी खेलों को प्रोत्साहन जैसी पहलें राष्ट्रीय विकास के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत की खेल उपलब्धियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने महिलाओं की खेलों में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों का भी उल्लेख किया, जिनमें ASMITA महिला लीग जैसी पहलें शामिल हैं।

युवाओं में नशे की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि खेल, नशा मुक्त भारत के निर्माण के सबसे प्रभावी साधनों में से एक हैं। उन्होंने युवाओं से “नशे को ना और खेल को हां” कहने का आह्वान करते हुए कहा कि स्वस्थ और सक्रिय युवा ही सशक्त राष्ट्र की नींव हैं।

माता-पिता और शिक्षकों से अपील करते हुए उन्होंने बच्चों और युवाओं को खेलों के लिए प्रोत्साहित करने को चरित्र निर्माण और मानसिक स्वास्थ्य में निवेश बताया तथा ऐसी संतुलित शिक्षा प्रणाली की वकालत की जिसमें शिक्षा और खेल—दोनों को समान महत्व दिया जाए।

उल्लेखनीय है कि संसद खेल महोत्सव का आयोजन आगरा में 21 से 25 दिसंबर तक किया जा रहा है, जिसमें पांच दिनों के दौरान 33 से अधिक टीम और व्यक्तिगत खेल प्रतियोगिताओं में हजारों नागरिक भाग ले रहे हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज राज्य मंत्री एवं आगरा से सांसद प्रो. एस. पी. सिंह बघेल, उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


भारतीय रक्षा लेखा सेवा (2024 बैच) के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने राष्ट्रपति से भेंट की

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भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) के 2024 बैच के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने आज (24 दिसंबर 2025) राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से शिष्टाचार भेंट की।

अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय रक्षा लेखा सेवा के अधिकारी भारतीय सशस्त्र बलों और संबद्ध संगठनों के वित्तीय संसाधनों के प्रबंधन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बजट निर्माण और लेखांकन से लेकर लेखा परीक्षा, भुगतान, वित्तीय परामर्श और रक्षा व्यय में पारदर्शिता सुनिश्चित करने तक, उनकी भूमिका सीधे तौर पर परिचालन तैयारियों और रक्षा अवसंरचना के विकास को प्रभावित करती है। उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि रक्षा सेवाओं के प्रमुख लेखा एवं वित्तीय प्राधिकरण के रूप में उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे सशस्त्र बलों के समक्ष आने वाली विशिष्ट चुनौतियों, कठिनाइयों और परिचालन वास्तविकताओं को भली-भांति समझें।

राष्ट्रपति ने कहा कि हम तीव्र परिवर्तन के दौर में रह रहे हैं। बदलता भू-राजनीतिक परिदृश्य और उभरती सुरक्षा चुनौतियां त्वरित, स्मार्ट और अधिक सटीक निर्णयों की मांग करती हैं। साथ ही, व्यावसायिक प्रक्रियाएं भी अधिक जटिल और प्रौद्योगिकी आधारित होती जा रही हैं। इस संदर्भ में रक्षा लेखा विभाग को निरंतर स्वयं को अनुकूलित, नवोन्मेषी और आधुनिक बनाते रहना चाहिए। उन्होंने सरकार के महत्वाकांक्षी ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को सक्रिय रूप से समर्थन देने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिसमें स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहन देना, स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुदृढ़ करना और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देना शामिल है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय रक्षा लेखा सेवा के अधिकारी आत्मनिर्भर और सुदृढ़ रक्षा इकोसिस्टम के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

राष्ट्रपति ने आईडीएएस अधिकारियों से आजीवन सीखते रहने, जिज्ञासु बने रहने और आत्मविश्वास के साथ परिवर्तन को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें यह भी याद दिलाया कि सेवा का वास्तविक मापदंड पद या पहचान में नहीं, बल्कि संस्थानों के प्रभावी संचालन और नागरिकों के कल्याण के लिए उनके निरंतर और समर्पित योगदान में निहित है।

CG NEWS : अस्पताल बना मौत का फंदा! जनरल वार्ड में आग से युवक की मौत

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 सक्ती। सक्ती जिले से एक गंभीर और सनसनीखेज घटना सामने आई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सक्ती के जनरल वार्ड में अचानक आग लगने से वहां भर्ती एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई और मरीजों व उनके परिजनों में दहशत फैल गई।


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वार्ड से अचानक आग की लपटें उठती दिखाई दीं। युवक आग की चपेट में आ गया। आग लगते ही वार्ड में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। मौजूद लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक युवक की जान नहीं बचाई जा सकी।

घटना की सूचना मिलते ही सक्ती थाना प्रभारी लखन पटेल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया और घटनास्थल को सील कर दिया। अस्पताल परिसर में मौजूद स्टाफ, मरीजों और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की जा रही है।

फिलहाल मृत युवक की पहचान नहीं हो पाई है। आग लगने के कारणों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। पुलिस अस्पताल प्रबंधन, ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के बयान दर्ज कर रही है। साथ ही अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह घटना दुर्घटनावश हुई या इसके पीछे कोई अन्य कारण है। घटना के बाद अस्पताल परिसर और आसपास के इलाके में तनाव और दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है।

‘न्यूज एंकर हटाओ वरना दफ्तर जला देंगे’ - बांग्लादेश में मीडिया पर कट्टरपंथी हमला

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 BANGLADESH MEDIA ATTACK : बांग्लादेश में मीडिया की आज़ादी पर खतरा लगातार गहराता जा रहा है। दो प्रमुख अखबारों के दफ्तर जलाए जाने के बाद भी कट्टरपंथी तत्वों के हौसले कम नहीं हुए हैं। अब एक निजी न्यूज चैनल के दफ्तर को आग के हवाले करने की खुली धमकी दी गई है। धमकी का मकसद है—चैनल की न्यूज़ हेड को पद से हटवाना।


यह गंभीर मामला ढाका स्थित ग्लोबल टीवी बांग्लादेश से जुड़ा है, जहां चैनल की न्यूज़ हेड नाजनीन मुन्नी को हटाने की मांग को लेकर सीधे दफ्तर पहुंचकर धमकी दी गई। चेतावनी दी गई कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो चैनल के दफ्तर को भी प्रथम आलो और द डेली स्टार की तरह जला दिया जाएगा।

दफ्तर पहुंचकर दी आग लगाने की धमकी

घटना 21 दिसंबर 2025 की है। युवकों का एक समूह ढाका के तेजगांव इलाके में स्थित ग्लोबल टीवी के कार्यालय पहुंचा और चैनल प्रबंधन को खुली धमकी दी। इन युवकों ने खुद को एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट से जुड़ा बताया।

संगठन के अध्यक्ष रिफत राशिद ने स्वीकार किया है कि उनके संगठन से जुड़ा एक सदस्य चैनल कार्यालय गया था और इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा गया था। हालांकि उन्होंने हिंसक धमकी से खुद को अलग बताया।

गौरतलब है कि इससे ठीक पहले 18 दिसंबर की रात दंगाइयों ने ढाका में प्रथम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों पर हमला कर आग लगा दी थी, जिससे मीडिया जगत में डर का माहौल है।

नाजनीन मुन्नी का खुलासा

सीनियर पत्रकार नाजनीन मुन्नी, जो जुलाई 2025 में ग्लोबल टीवी की न्यूज़ हेड बनी थीं, ने इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा फेसबुक पोस्ट के जरिए किया। उन्होंने बताया कि 7–8 युवक उनके ऑफिस पहुंचे और सीधे कहा कि अगर उन्होंने नौकरी नहीं छोड़ी तो चैनल का दफ्तर जला दिया जाएगा।

उनके अनुसार, युवकों ने चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर से सवाल किया कि उन्हें क्यों नियुक्त किया गया, क्योंकि वे कथित तौर पर अवामी लीग समर्थक हैं। नाजनीन मुन्नी ने साफ कहा कि अगर कोई उनके राजनीतिक जुड़ाव का सबूत पेश करता है तो वे जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन धमकी देने वाले कोई प्रमाण नहीं दे सके।

आंदोलन से कट्टरपंथ तक

एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट का नाम पिछले साल जुलाई-अगस्त के विद्रोह में प्रमुखता से सामने आया था। बाद में इसी आंदोलन से जुड़ी ताकतों ने नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) का गठन किया। अब इसी आंदोलन से जुड़े कुछ तत्वों पर मीडिया संस्थानों को निशाना बनाने के आरोप लग रहे हैं।

संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष रशीदुल इस्लाम ने माना कि शहर इकाई के एक सदस्य ने केंद्रीय अनुमति के बिना कुछ युवकों के साथ चैनल जाकर ज्ञापन सौंपा था।

“मैं डरने वाली नहीं हूं”

धमकियों के बावजूद नाजनीन मुन्नी ने साफ कहा है कि वे डरने वाली नहीं हैं। उनका कहना है कि यह मीडिया पर हमलों की एक सोची-समझी श्रृंखला है, जिसका उद्देश्य पत्रकारों को चुप कराना और न्यूज़रूम को नियंत्रित करना है।

बांग्लादेश में लगातार हो रहे इन हमलों ने एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं—
क्या वहां मीडिया स्वतंत्र रूप से काम कर पाएगा, या कट्टरपंथ की आग में पत्रकारिता झुलसती रहेगी?

 

एक गलती, पूरी रात की दरिंदगी: होटल के कमरे में नर्स से सामूहिक दुष्कर्म

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 महाराष्ट्र से सामने आई एक दिल दहला देने वाली वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक मामूली सी भूल—होटल का गलत दरवाज़ा खुल जाना—एक महिला नर्स के लिए जिंदगी की सबसे भयावह रात में तब्दील हो गया।


घटना छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक होटल की है, जहां बुधवार देर रात एक महिला नर्स के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया। पीड़िता होटल के कमरे नंबर 105 में ठहरी थी, लेकिन अनजाने में वह दूसरी मंजिल पर पहुंच गई और 105 की जगह 205 नंबर कमरे का दरवाजा खोल बैठी।

बताया जा रहा है कि उस कमरे में तीन युवक शराब पी रहे थे। महिला कुछ समझ पाती, इससे पहले ही आरोपियों ने उसे जबरन कमरे में खींच लिया और दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद घंटों तक महिला के साथ दरिंदगी की गई।

पुलिस के अनुसार, यह घटना बुधवार रात करीब 11 बजे से गुरुवार तड़के 3 बजे के बीच हुई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि महिला फोन पर बात करने के लिए अपने कमरे से बाहर निकली थी। लौटते समय वह गलती से पहली मंजिल की बजाय दूसरी मंजिल पर चली गई और गलत कमरे में दाखिल हो गई।

महिला अपने एक परिचित से मिलने होटल आई थी, लेकिन यह मुलाकात उसकी जिंदगी का सबसे डरावना अनुभव बन गई। तड़के करीब 3 से 4 बजे के बीच पीड़िता किसी तरह आरोपियों के चंगुल से छूटकर कमरे से बाहर निकलने में सफल हुई और सीधे वेदांत नगर पुलिस थाने पहुंची।

शिकायत मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महज तीन घंटे के भीतर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान घनश्याम राठौड़, ऋषिकेश चव्हाण और किरण राठौड़ के रूप में हुई है। घनश्याम राठौड़ और किरण राठौड़ बैंक में रिकवरी एजेंट बताए जा रहे हैं, जबकि ऋषिकेश चव्हाण एमबीए का छात्र है। तीनों आरोपियों को अदालत में पेश कर चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

सवालों के घेरे में होटल की सुरक्षा

इस जघन्य वारदात के बाद होटल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं—कैसे देर रात बाहरी लोग शराब के नशे में कमरे में मौजूद थे और किसी तरह की निगरानी नहीं थी?

फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी है। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि छोटी सी चूक भी महिलाओं के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकती है।

ज्ञानपीठ सम्मानित साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल पंचतत्व में विलीन, मुख्यमंत्री साय ने कंधा देकर दी अंतिम विदाई

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 रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के शैलेन्द्र नगर स्थित वरिष्ठ साहित्यकार एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित स्वर्गीय श्री विनोद कुमार शुक्ल के निवास पहुँचे और उनके अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर नमन किया तथा ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने स्वर्गीय श्री शुक्ल के पार्थिव शरीर को कंधा देकर उन्हें भावपूर्ण अंतिम विदाई दी। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों से भेंट कर अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त कीं तथा असंख्य पाठकों और साहित्य-प्रेमियों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की माटी से उपजे महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के निधन से हिंदी साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुँची है। उनकी रचनाएँ संवेदनशीलता, मानवीय सरोकारों और सरल किंतु गहन अभिव्यक्ति की अनुपम मिसाल हैं।


उन्होंने कहा कि श्री शुक्ल की लेखनी ने हिंदी साहित्य को नई ऊँचाइयाँ प्रदान की। उनका साहित्य न केवल पाठकों को गहराई से स्पर्श करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत बना रहेगा। साहित्य जगत में उनका अवदान सदैव स्मरणीय रहेगा। श्री शुक्ल को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

इस अवसर पर कवि डॉ. कुमार विश्वास, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी अलोक सिंह, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्षशशांक शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार, जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी गण उपस्थित रहे।

कांकेर धर्मांतरण हिंसा पर उबाल: सर्वसमाज का छत्तीसगढ़ बंद, रायपुर-दुर्ग-बिलासपुर-जगदलपुर पूरी तरह ठप

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 रायपुर : कांकेर जिले के आमाबेड़ा में कथित धर्मांतरण और उससे जुड़ी हिंसा के बाद छत्तीसगढ़ का माहौल विस्फोटक हो गया है। सर्वसमाज के आह्वान पर आज को पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ बंद का असर देखने को मिला। राजधानी रायपुर से लेकर दुर्ग, बिलासपुर और जगदलपुर तक बाजार, स्कूल और व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। सड़कों पर संगठनों का सैलाब उमड़ पड़ा और प्रशासन हाई अलर्ट मोड में नजर आया।


सुबह से बंद, सड़कों पर संगठन

रायपुर में जयस्तंभ चौक, मालवीय रोड और प्रमुख बाजारों में चैंबर ऑफ कॉमर्स, RSS और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। हाथ जोड़कर व्यापारियों से दुकानें बंद रखने की अपील की गई। बजरंग दल सहित अन्य संगठनों की मौजूदगी ने माहौल को और गरमा दिया।

दुर्ग, भिलाई और पावर हाउस इलाके के बाजारों में शटर नहीं खुले। बिलासपुर में सुबह से ही पूरा व्यापारिक इलाका बंद रहा, जिससे शहर की रफ्तार थम गई। जगदलपुर में संजय मार्केट, गोल बाजार, चांदनी चौक सहित सभी प्रमुख बाजार पूरी तरह बंद रहे। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर में भी बंद का असर दिखा।

हाई अलर्ट पर प्रशासन

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार पेट्रोलिंग करती नजर आई। हालांकि अस्पताल, मेडिकल स्टोर और आपातकालीन सेवाएं चालू रहीं।

सरकार को सीधी चेतावनी, पांच मांगों पर अड़े संगठन

सर्वसमाज ने सरकार के सामने पांच सख्त मांगें रख दी हैं—

  • धर्म स्वातंत्र्य कानून को बिना ढिलाई के सख्ती से लागू किया जाए
  • कांकेर एसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला को तत्काल निलंबित कर उच्चस्तरीय जांच कराई जाए
  • SDM ए.एस. पैकरा और तहसीलदार सुधीर खलखो को पद से हटाया जाए
  • आमाबेड़ा हिंसा में शामिल भीम आर्मी सहित अन्य समूहों पर कड़ी कार्रवाई हो
  • ग्रामीणों पर दर्ज कथित पक्षपातपूर्ण केस वापस लेकर पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए

संगठनों ने साफ चेतावनी दी है कि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और उग्र होगा।

शव से शुरू हुआ विवाद, चर्च जलने तक पहुंचा

कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में 19 दिसंबर को विवाद उस वक्त भड़का, जब सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम की मौत के बाद शव को गांव में दफनाया गया। सरपंच परिवार के कथित धर्मांतरण को लेकर पहले से नाराज ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा।

मामला इतना बढ़ा कि गांव में हिंसक झड़प हुई, सरपंच के घर में तोड़फोड़ की गई और चर्च में आग लगा दी गई। हालात उस समय और बेकाबू हो गए, जब करीब तीन हजार की भीड़ आमाबेड़ा पहुंची और एक अन्य चर्च को आग के हवाले कर दिया गया।

स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान कई ग्रामीण, पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हुए। हालात बिगड़ते देख भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम ने शव को कब्र से बाहर निकाला।

प्रदेश में तनाव, नजरें सरकार के फैसले पर

कांकेर की इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। छत्तीसगढ़ में साम्प्रदायिक तनाव की आंच साफ महसूस की जा रही है। अब सभी की नजरें सरकार और प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं—क्या दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी या आंदोलन और भड़केगा?

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