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राष्ट्रीय कार्यशाला “आयुष क्षेत्र में आईटी समाधान” का शुभारंभ

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आज केरल सरकार की स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास मंत्री, वीणा जॉर्ज द्वारा केरल के खूबसूरत केटीडीसी वाटरस्केप्स, कुमाराकॉम में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला “आयुष क्षेत्र में आईटी समाधान” का शुभारंभ किया गया। यह कार्यशाला राष्ट्रीय आयुष मिशन, केरल द्वारा आयोजित की गई है, जिसमें 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 91 प्रतिनिधि और 155 प्रतिभागी, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और नीति निर्माता शामिल हैं, भाग ले रहे हैं। यह पहल नई दिल्ली में आयोजित आयुष विभागीय सम्मेलन 2025 की प्राथमिकताओं के अनुरूप है।

उद्घाटन भाषण में मंत्री वीणा जॉर्ज ने कही मुख्य बातें

मंत्री वीणा जॉर्ज ने प्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत किया और कुमाराकॉम के प्राकृतिक वातावरण के चयन का प्रतीकात्मक महत्व बताते हुए कहा कि यह आयुष द्वारा promoted सामंजस्य को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि तेज़ तकनीकी प्रगति को अपनाते हुए, परंपरागत मूल्यों को बनाए रखना आवश्यक है।

मंत्री ने डिजिटल उपकरणों के स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र में सहज समावेश पर जोर दिया—जैसे कि रीयल-टाइम निगरानी, मानव संसाधन प्रबंधन, डेटा फ्रेमवर्क, और पारदर्शी वित्तीय ट्रैकिंग, ताकि स्वास्थ्य सेवाएँ अधिक सुलभ और किफायती बनें। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से केंद्रीकृत, इंटरऑपरेबल डिजिटल ढांचे के लिए रोडमैप तैयार करने का आग्रह किया, जिससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मजबूत हो और कोई भी पिछड़ न जाए।

मंत्री ने केरल की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि राज्य प्राचीन ज्ञान और आधुनिक तकनीक के बीच संतुलन बनाए रखेगा और डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में आयुष डिजिटल सेवाओं में एकरूपता और विस्तार आवश्यक है, जो नागरिक-केंद्रित शासन पर आधारित हो।

मुख्य वक्ताओं के विचार

वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने कार्यशाला में कहा कि आयुष क्षेत्र में आईटी समाधानों का एकीकरण अब विकल्प नहीं बल्कि अनिवार्य है। उन्होंने मंत्रालय की चल रही पहलों जैसे आयुष ग्रिड और नए डिजिटल पोर्टल का उल्लेख किया, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देंगे, सॉफ़्टवेयर को मानकीकृत करेंगे और आधुनिक आयुष सेवाओं की समान पहुँच सुनिश्चित करेंगे।

उन्होंने प्रतिभागियों से डिजिटल नवाचारों को अपनाने और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के साथ तालमेल बनाए रखने का आग्रह किया। interoperable सिस्टम्स के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इनसे रीयल-टाइम निगरानी, डेटा और मानव संसाधन प्रबंधन, और वित्तीय ट्रैकिंग आसान होगी।

राजन एन. खोबरागड़े, अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य और आयुष), केरल सरकार ने केरल की स्वास्थ्य और आयुष अवसंरचना तथा डिजिटल समावेशन में प्रगति की सराहना की। उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से केरल के मॉडल का लाभ उठाने और यूज़र-फ्रेंडली, केंद्रीकृत और स्थानीय रूप से अनुकूल डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाने का आह्वान किया।

डॉ. रघु, सलाहकार, आयुष मंत्रालय ने कहा कि कार्यशाला समय पर एक मंच है जो आईटी-आधारित समाधानों को बढ़ावा देता है, जिससे पारदर्शिता, रोगी देखभाल और पहुंच में सुधार होता है।

रंजन कुमार, प्रमुख सचिव, आयुष, उत्तर प्रदेश ने कहा कि ऐसे मंच राज्यों के बीच नवाचार, सहयोग और ज्ञान साझा करने में मदद करते हैं, जिससे स्केलेबल और समावेशी स्वास्थ्य समाधान पूरे देश में लागू हो सकें।

डॉ. डी. साजित बाबू, राज्य मिशन निदेशक, राष्ट्रीय आयुष मिशन, केरल ने कहा कि कार्यशाला केरल के आयुष सेवाओं को आईटी नवाचारों के माध्यम से आधुनिक बनाने के मिशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन सॉफ़्टवेयर के लाइव डेमो में भाग लेने के अवसर पर जोर दिया और कहा कि डिजिटल परिवर्तन सभी समुदायों को शामिल करते हुए होना चाहिए।

डॉ. सुभोद कुमार, निदेशक, आयुष मंत्रालय ने राष्ट्रीय आयुष मिशन, केरल की सराहना की कि उन्होंने इस पहल का नेतृत्व किया, जो आयुष विभागीय सम्मेलन की दृष्टि के अनुरूप है और राज्यों के बीच डिजिटल सहयोग को बढ़ावा देती है।

कार्यशाला में कविता जैन, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय भी उपस्थित रही। 91 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड, पुदुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

कार्यशाला के मुख्य उद्देश्य

  • सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं और नवाचारों का आदान-प्रदान

  • केंद्रीय सरकार के आईटी प्लेटफ़ॉर्म जैसे आयुष ग्रिड पर परिचय

  • प्रोग्राम प्रबंधन, रोगी देखभाल, निगरानी, मानव संसाधन और डेटा प्रबंधन, और वित्तीय ट्रैकिंग के क्षेत्रों पर चर्चा

क्षेत्र भ्रमण

20–21 सितंबर 2025 को प्रतिभागियों का केरल के कottayam, Alappuzha और Thrissur जिलों में आयुष सुविधाओं का दौरा होगा, जिसमें शामिल हैं:

  • NABH एंट्री लेवल सर्टिफाइड और कायाकल्प पुरस्कार प्राप्त आयुषमैन आरोग्य मंदिर

  • सरकारी आयुष अस्पताल

  • स्पोर्ट्स आयुर्वेदा प्रोजेक्ट

  • आरोग्यानौका, पल्लियेटिव केयर, दृष्टि और आयुर्कर्मा जैसी पहलों का अवलोकन

यह राष्ट्रीय कार्यशाला भारत की भविष्य-सक्षम, गतिशील और नागरिक-केंद्रित आयुष डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


पक्के घर और नई उम्मीद: सेवा पखवाड़े में हितग्राहियों के चेहरे खिले

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सफलता की कहानी

पक्का आशियाना मिलने से खिले चेहरे, भवन अनुज्ञा और वय वंदन कार्ड सहित कई योजनाओं का लाभ

रायपुर-छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित सेवा पखवाड़े में हितग्राहियों को राज्य एवं केंद्र सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ मिल रहा है। अपनी जरूरतें पूरी होने और परेशानियों से मुक्ति मिलने से हितग्राहियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। बिलासपुर में हुए कार्यक्रम में जरूरतमंद परिवारों को पक्के आशियाने की चाबी, भवन अनुज्ञा, पहले किश्त की राशि और वय वंदन कार्ड प्रदान किए गए। इसके साथ ही लखपति दीदियों को सम्मानित किया गया।

प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी से लाभान्वित कुदुदन निवासी ममता दुबे को आवास स्वीकृत हुआ और भवन का नक्शा मिलने पर उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब उन्हें किराए के घर से निजात मिल गई है। इसी तरह हेमूनगर की गोटीवाड़ा विजया और बिजौर निवासी ओम साहू को घर की चाबी मिलने पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। विजय ने बताया कि पति ड्राइविंग का काम करते हैं, आमदनी इतनी नहीं कि खुद का घर बना सकें, पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवास योजना से अब उनका पक्का घर का सपना साकार हो गया और कच्चे घर से निजात मिल गई।

इसी तरह अशोक नगर निवासी संतोषी श्रीवास और पूनम टंडन लिंगियाडीह निवासी को खमतराई और बहतराई में मकान आवंटित हुआ और उन्हें पहले किश्त का चेक प्राप्त हुआ। उन्होंने खुशी से बताया कि अब उनका अपने खुद के घर में रहने का सपना साकार होने जा रहा है। वहीं रानी यादव सरकंडा थाना के सामने बेजा कब्जा कर परिवार के साथ रह रही थी, जिसके कभी टूटने की आशंका थी। उन्होंने बताया कि घर तोड़े जाने का नोटिस भी जारी किया गया था, पर अब आवास स्वीकृत होने से उनकी बड़ी चिंता दूर हो गई।

बहुत से हितग्राहियों को इस अवसर पर जहां गृह प्रवेश के लिए आवास की चाबी सौंपी गई, वहीं लखपति दीदियों का सम्मान भी किया गया। तालापारा, ख्वाजा नगर निवासी अब्दुल नईम को आवास स्वीकृत हुआ। मैकेनिक का कार्य करने वाले नईम ने बताया कि अब उनके परिवार को सुरक्षित छत मिल सकेगी।

बिलासपुर के ही हरनारायण पटेल, शांति देवी और विद्या परिहार को वय वंदन कार्ड के अंतर्गत पांच लाख रुपये की स्वास्थ्य सहायता का लाभ मिला। सभी हितग्राहियों ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन योजनाओं से उनके जीवन को एक नई उम्मीद और संबल मिला है।


वस्त्र मंत्रालय ने शुरू किया स्वच्छता ही सेवा-2025 अभियान

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वस्त्र मंत्रालय गर्व के साथ घोषणा करता है कि स्वच्छता ही सेवा-2025 अभियान का शुभारंभ हो चुका है। यह एक राष्ट्रीय पहल है, जिसका उद्देश्य दैनिक जीवन में स्वच्छता और स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करना है। यह अभियान मंत्रालय के सभी संगठनों में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक मनाया जाएगा।

इस वर्ष का थीम है ‘स्वच्छोत्सव’, जो स्वच्छता को सामूहिक प्रयास और सामुदायिक भागीदारी का त्योहार मानकर इसे मनाने पर जोर देता है। इस थीम के तहत, मंत्रालय और उसके संबद्ध संगठन स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक जागरूकता पर आधारित कई गतिविधियां आयोजित करेंगे।

  • कार्यालय परिसर, शैक्षणिक संस्थानों के परिसर और सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाए जाएंगे।

  • इन कार्यक्रमों में कर्मचारी, छात्र, नागरिक समाज समूह, स्थानीय समुदाय और आम जनता को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

अभियान के तहत की गई प्रमुख गतिविधियां:

  1. स्वच्छता प्रतिज्ञा:

    • AS&FA (वस्त्र) ने अधिकारियों को स्वच्छता प्रतिज्ञा दिलाई ताकि वे इसे अपने दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा मानें।

    • मंत्रालय के सभी संगठनों में भी स्वच्छता प्रतिज्ञा कराई गई।

  2. स्टैंडिस और बैनर:

    • मंत्रालय और अन्य संगठनों के प्रमुख स्थानों पर स्टैंडिस लगाए गए।

    • स्वच्छता ही सेवा अभियान का बैनर मंत्रालय और उसके सभी संगठनों की वेबसाइट के डैशबोर्ड पर अपलोड किया गया।

  3. सेल्फी प्वाइंट:

    • मंत्रालय और अन्य कार्यालयों में प्रमुख स्थानों पर सेल्फी प्वाइंट स्थापित किया गया ताकि लोग स्वच्छता संदेश के साथ फोटो ले सकें।

  4. सोशल मीडिया अभियान:

    • अभियान की गतिविधियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा किया जा रहा है, ताकि स्वच्छता का संदेश अधिकतम लोगों तक पहुंचे।



धरती के पास से गुज़रेगा विशालकाय क्षुद्रग्रह 2025 FA22, वैज्ञानिकों ने कहा – कोई खतरा नहीं

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नई दिल्ली-धरती के नज़दीक से आज एक विशालकाय क्षुद्रग्रह (Asteroid) गुज़रने वाला है। वैज्ञानिकों ने इसका नाम “2025 FA22” रखा है। यह क्षुद्रग्रह लगभग 24,000 मील प्रति घंटा (लगभग 38,600 किमी/घंटा) की रफ्तार से अंतरिक्ष में यात्रा कर रहा है।

अंतरिक्ष विशेषज्ञों के अनुसार, यह क्षुद्रग्रह आकार में बड़ा और तेज़ होने के बावजूद पृथ्वी के लिए कोई तात्कालिक खतरा नहीं है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने पुष्टि की है कि इसकी कक्षा पृथ्वी से काफी दूरी पर गुज़रेगी।

वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे खगोलीय पिंडों की निगरानी लगातार की जाती है ताकि पृथ्वी के लिए किसी भी संभावित खतरे का समय रहते पता लगाया जा सके। हालांकि, 2025 FA22 को लेकर फिलहाल लोगों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।


भारत–यूएई व्यापार संबंधों को नई उड़ान देने दुबई जाएंगे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

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नई दिल्ली-केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 18 से 19 सितंबर तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे भारत–यूएई उच्च स्तरीय निवेश कार्यबल (High Level Task Force on Investments) की बैठक की संयुक्त अध्यक्षता करेंगे।

इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश के नए अवसरों को तलाशना और आपसी आर्थिक साझेदारी को और गहरा बनाना है। मंत्री गोयल अपने दौरे में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे और भारत में निवेश को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।

भारत और यूएई के बीच पिछले कुछ वर्षों में आर्थिक रिश्तों ने नई मजबूती हासिल की है। व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक आदान-प्रदान और निवेश में तेजी आई है। आगामी बैठक से इन संबंधों को और नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।


17 सितंबर 1949 से 2025 तक : आईडीएसई की 76 वर्ष की उपलब्धियों का उत्सव

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भारतीय रक्षा अभियंता सेवा (IDSE) का 76वां स्थापना दिवस मनाया गया

भारतीय रक्षा अभियंता सेवा (IDSE), जो रक्षा मंत्रालय (MoD) के अंतर्गत एक संगठित ग्रुप ‘ए’ कैडर है, ने 17 सितंबर 2025 को दिल्ली कैंट स्थित मानेकशॉ सेंटर में अपना 76वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह मुख्य अतिथि थे।

अपने संबोधन में रक्षा सचिव ने आईडीएसई कैडर अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विश्वस्तरीय अवसंरचना के माध्यम से राष्ट्रीय रक्षा तैयारियों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि बदलते सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए वे उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए सदैव तत्पर रहें तथा बदलते समय के अनुरूप नई प्रौद्योगिकियों को अपनाएं।

रक्षा सचिव के संबोधन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुतियां दीं। रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालय के वरिष्ठ नागरिक एवं सैन्य अधिकारी इस आयोजन में उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि आईडीएसई की औपचारिक स्थापना 17 सितंबर 1949 को हुई थी, जो भारत की रक्षा अभियंत्रण यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही है। इस कैडर के अधिकारी देशभर के सैन्य स्टेशनों पर तैनात रहते हैं और वे रक्षा अवसंरचना के निर्माण व रखरखाव की जिम्मेदारी निभाते हैं। इसमें आवासीय परिसर, तकनीकी एवं प्रशासनिक भवन, हवाई पट्टियां, हैंगर, नौसैनिक जेट्टी, अस्पताल और सेना, नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक बल तथा डीआरडीओ के लिए विशेष सुविधाओं का विकास शामिल है।


Navratri 2025: कभी हाथी तो कभी घोड़ा, नवरात्रि में कैसे तय होती है माता की सवारी?

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 Navratri 2025: नवरात्रि का महापर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विशेष अवसर है। हर साल नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना की जाती है। इन दिनों माता के आगमन और प्रस्थान की सवारी का भी खास महत्व होता है। आपने अक्सर सुना होगा कि कभी मां दुर्गा हाथी पर आती हैं, तो कभी घोड़े या नाव पर। आखिर यह तय कैसे होता है? आइए जानते हैं।


नवरात्रि और माता की सवारी का ज्योतिषीय आधार

  • मां दुर्गा की सवारी का निर्धारण उस दिन (वार) से होता है, जिस दिन नवरात्रि का आरंभ होता है।
  • सोमवार और रविवार – हाथी (गज) पर आगमन → वर्षा, समृद्धि और खुशहाली का संकेत।
  • शनिवार और मंगलवार – घोड़ा (तुरंग) पर आगमन → युद्ध, अस्थिरता या आपदा का संकेत।
  • गुरुवार और शुक्रवार – पालकी (डोला) पर आगमन → सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक।
  • बुधवार – नाव (नौका) पर आगमन → शुभ संकेत, भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति।

माता की वापसी की सवारी

जैसे आगमन की सवारी का महत्व है, वैसे ही विजयादशमी पर माता की विदाई सवारी भी शुभ-अशुभ संकेत देती है।

  • रविवार और सोमवार – भैंसा पर वापसी → रोग और कष्ट का संकेत।
  • मंगलवार और शनिवार – मुर्गा पर वापसी → संघर्ष और संकट का संकेत।
  • बुधवार और शुक्रवार – हाथी पर वापसी → समृद्धि और खुशहाली।
  • गुरुवार – नर वाहन (मनुष्य) पर वापसी → कठिनाइयों का संकेत।

इस बार माता की सवारी कौन-सी?

पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर, सोमवार से हो रही है।
इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जिसका अर्थ है — वर्षा, उन्नति और सुख-समृद्धि के शुभ संकेत।

पौराणिक मान्यता

मां दुर्गा का मुख्य वाहन शेर है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक है। लेकिन नवरात्रि के आरंभ और समापन वार के अनुसार बदलती हुई सवारियां ब्रह्मांडीय ऊर्जा और प्रकृति के चक्र को दर्शाती हैं। यह परंपरा हमें याद दिलाती है कि मां का हर रूप और हर संकेत मानव जीवन और प्रकृति से गहराई से जुड़ा हुआ है।

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. media24media इसकी पुष्टि नहीं करता है.

महादेव घाट पर गूंजे मंत्र, 21 सौ दीपों से खारुन मईया आरती सम्पन्न

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय खारुन मईया समरसता भव्य महाआरती में हुए शामिल : महाआरती में मंत्रोच्चार से गूंजा खारुन नदी का महादेव घाट

रायपुर-मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज शाम महादेव घाट, रायपुर में आयोजित खारुन मईया समरसता भव्य महाआरती में शामिल हुए। इस भव्य आयोजन का संयुक्त रूप से आयोजन सनातन ध्वज वाहिनी एवं महिला मोर्चा द्वारा देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में किया गया। इस अवसर पर खारुन नदी तट पर 21 सौ दीपों का दीपदान भी किया गया।

मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश का गौरव पूरी दुनिया में बढ़ा है। वे आज आधुनिक भारत के शिल्पकार हैं और विकसित भारत के निर्माण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। इसका लाभ देश की 140 करोड़ जनता को मिल रहा है। उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य का दर्जा दिलाने के लिए हमारी डबल इंजन की सरकार दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ हर मोर्चे पर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि साध्वी प्रज्ञा भारती के नेतृत्व में चंद्रपुर स्थित महानदी तट पर गंगा आरती की शुरुआत हुई थी, जो आज भी निरंतर जारी है। उस आरती में वे स्वयं उपस्थित रहे। इसके बाद रायगढ़ की केलो नदी में भी गंगा आरती प्रारंभ हुई, जो नदी संरक्षण की दिशा में एक उत्कृष्ट पहल है। उन्होंने खारुन नदी में भी समय-समय पर गंगा आरती आयोजित करने की अपील की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दीं। साथ ही उन्होंने पूरे प्रदेशवासियों को विश्वकर्मा जयंती की भी शुभकामनाएँ दी तथा इस भव्य आयोजन के लिए सनातन ध्वज वाहिनी एवं महिला मोर्चा के सदस्यों की सराहना की।

रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नदियों की आरती हमारी आस्था का प्रतीक है। इसके माध्यम से हम नदियों से जुड़ते हैं और उनके संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी निभाते हैं। यह परंपरा नई नहीं, बल्कि सदियों से हमारे सनातन धर्म का अभिन्न हिस्सा रही है। नदियाँ आदि काल से ही हमारी आस्था और संस्कृति का प्रमुख केंद्र रही हैं। सांसद अग्रवाल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएँ दीं।

इस अवसर पर पूज्य साध्वी प्रज्ञा भारती, रायपुर ग्रामीण विधायक मोती लाल साहू, महापौर मीनल चौबे, अपेक्स अध्यक्ष केदार गुप्ता, नॉन अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु उपस्थित थे।


राजिम को मिला रेल सेवा का तोहफ़ा, CM विष्णुदेव साय आज करेंगे शुभारंभ

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 नयापारा (राजिम)। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नयापारा में बने राजिम रेलवे स्टेशन का शुभारंभ करेंगे। इसी के साथ धर्मनगरी राजिम को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की नई सौगात मिलेगी।


आज से राजिम से रायपुर तक नई मेमू पैसेंजर ट्रेन का परिचालन शुरू होगा। पहले यह ट्रेन रायपुर से अभनपुर तक चलती थी, लेकिन अब इसका संचालन राजिम तक बढ़ा दिया गया है।

मुख्यमंत्री साय हरी झंडी दिखाकर इस सेवा की शुरुआत करेंगे। लंबे समय से क्षेत्रवासी इस रेल सेवा का इंतजार कर रहे थे। अब इसके शुरू होने से यात्रियों की सुविधा में बढ़ोतरी होगी और रायपुर आने-जाने का सफर और आसान हो जाएगा।

सहकारिता मंत्रालय ने गांधी जयंती को मनाए जाने वाले ‘स्वच्छ भारत दिवस’ की तैयारियों के तहत एक विशेष ‘स्वच्छोत्सव अभियान’ की शुरुआत की

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती 2 अक्तूबर को मनाए जाने वाले ‘स्वच्छ भारत दिवस’ की तैयारियों के तहत सहकारिता मंत्रालय ने आज से एक विशेष ‘स्वच्छोत्सव अभियान’ की शुरुआत की । इस अभियान के अंतर्गत सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ आशीष कुमार भूटानी ने मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर स्वच्छता शपथ ली और दिल्ली स्थित अटल अक्षय उर्जा भवन परिसर में आयोजित स्वच्छता अभियान में भाग लिया। सचिव ने सभी कर्मचारियों को सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया और स्वयं परिसर की सफाई में श्रमदान किया। उन्होंने परिसर में एक पौधा भी लगाया, जो ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के अंतर्गत स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ी एक महत्वपूर्ण गतिविधि है।

2 अक्तूबर को मनाये जाने वाले ‘स्वच्छ भारत दिवस’ की तैयारियों के तहत सहकारिता मंत्रालय ने 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक विशेष ‘स्वच्छोत्सव अभियान’ चलाने की रूपरेखा तैयार की है।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में मंत्रालय इस स्वच्छता अभियान को जन-आंदोलन का रूप देने के लिए देशभर की सहकारी समितियों और महासंघों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

स्वच्छोत्सव अभियान के अंतर्गत ऐसे स्थलों को लक्षित स्वच्छता इकाइयों (CTUs) के रूप में चिन्हित किया जाएगा जहां सफाई की आवश्यकता है और इन स्थलों पर विशेष स्वच्छता गतिविधियां संचालित की जाएगी ताकि उन्हें स्वच्छ, सुरक्षित एवं जनोपयोगी स्थलों के रूप में विकसित किया जा सके। इसके साथ ही  इस अभियान में सार्वजनिक स्थलों की सफाई, स्वच्छता कर्मियों के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविर, पर्यावरण अनुकूल त्योहारों का आयोजन तथा जनजागरूकता बढ़ाने के लिए वेस्ट टू आर्ट, स्वच्छता शपथ और ‘रिड्यूस-रीयूज-रीसायकल (RRR)’ गतिविधियां प्रमुख रूप से आयोजित की जाएंगी।

‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’ अभियान के अंतर्गत सहकारिता मंत्रालय 25 सितंबर 2025 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर एक देशव्यापी विशेष स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा है। इस पहल का उद्देश्य नागरिकों, सहकारी समितियों, कर्मचारियों और विभिन्न सहकारी संगठनों को एकजुट कर स्वच्छता के लिए सामूहिक श्रमदान को प्रोत्साहित करना है। इस दिन सभी एक घंटा एक साथ स्वच्छता के लिए समर्पित करेंगे, जिससे यह प्रयास जनआंदोलन का रूप लेकर न केवल सार्वजनिक स्थलों की सफाई को सुनिश्चित करेगा बल्कि स्वच्छता को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

2अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस पर विभिन्न राज्यों  संगठनों में जनसहभागिता से स्वच्छता गतिविधियां आयोजित होंगी। मंत्रालय ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, सहकारी समितियों और राष्ट्रीय महासंघों से सक्रिय भागीदारी की अपील की है ताकि 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस पर व्यापक जनसहभागिता सुनिश्चित की जा सके। स्वच्छता ही सेवा 2025 का उद्देश्य स्वच्छता को स्थायी जीवनशैली का हिस्सा बनाना है। सहकारिता मंत्रालय का प्रयास है कि इस वर्ष का ‘स्वच्छोत्सव 2025’ और अधिक व्यापक तथा प्रभावी बने और सहकारिता, सामूहिक जिम्मेदारी तथा जनभागीदारी के माध्यम से एक स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान दिया जा सके।


केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम में सहभागिता की

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 केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली के सी.एच.सी, साकेत में स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम में सहभागिता की और सभी जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में धार, मध्य प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाइव कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा।

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 75वें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक वैभवशालीगौरवशालीसंपन्नसमृद्धशक्तिशालीविकसित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दुनिया में भारत की छवि मजबूत करने का काम किया है। आज दुनिया में भारत की साख बढ़ी है और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। प्रधानमंत्री ने अपना सारा जीवन देश की जनता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। उनका जीवन साधना और तपस्या का उदाहरण है। प्रधानमंत्री जब बतौर मुख्यमंत्री गुजरात की कमान संभाल रहे थेतब उन्होंने देश को विकास का नया मॉडल दियागुजरात को एक अद्भुत प्रदेश बना दिया। उसके बाद 2014 में देश ने नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताते हुए स्पष्ट बहुमत के साथ उन्हें देश का प्रधानमंत्री चुना और अब भारत तीसरी बार उनके सफल नेतृत्व में विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है।   

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सदैव देश के हितों को सर्वोपरि रखा है। प्रधानमंत्री दुनिया के सामने भारत का पक्ष मजबूती से रखते हैं। पहलगाम की आतंकी घटना का भी ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम  से उन्होंने कड़ा जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सेना के शौर्य का प्रदर्शन पूरी दुनिया ने देखा। आगे उन्होंने कहा कि हाल ही में व्यापार समझौते को लेकर भी प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि दुनिया में किसी भी देश के साथ कोई भी समझौता अगर होगा तो वह हमारी शर्तों पर ही होगा।   

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज देशभर में प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए हैं। आज से ही स्वस्थ नारीसशक्त परिवार’ का भी शुभारंभ हो रहा है। केंद्रीय मंत्री ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली में पिछली सरकार के कामकाज को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि पिछली सरकार में मात्र खानापूर्ति के लिए स्वास्थ्य केंद्र खोले गए थे। लेकिन अब खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ के जरिए व्यापक स्तर पर जन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावी रूप से लोगों तक पहुंच पा रही हैं।

शिवराज सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर सेवा पखवाड़े’ की शुरुआत एक खास पहल है। आरोग्य मंदिर में महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं स्वस्थ रहेंगी तभी परिवार स्वस्थ रहेगा। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सदैव महिला सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया है। महिलाओं और बेटियों के कल्याण के लिए उन्होंने कई योजनाएं बनाई हैं। बेटी बचाओबेटी पढ़ाओ’  की उन्होंने ही शुरुआत की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान उन्होंने भी लाडली बहना योजना की शुरुआत कर महिलाओं के कल्याण को सदैव प्राथमिकता दी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में महिलाओं को स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ संवेदनीय पक्ष जुड़ा हुआ हैमहिलाएं सभी का ध्यान रखती हैंकिंतु अपने स्वास्थ्य की चिंता करना भूल जाती हैसरकार ने अब उनके स्वास्थ्य की चिंता की है और इसलिए आज से स्वस्थ नारीसशक्त परिवार’ अभियान की शुरुआत हो रही है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि भविष्य में बड़ी गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है कि समय-समय पर स्वास्थ्य जांच होती रहे। प्रारंभिक स्तर पर ही बीमारी का पता चलने से सही समय पर सही उपचार संभव हो पाता है। केंद्रीय मंत्री ने सभी महिलाओं से आह्वान किया कि जांच शिविर में जाकर अवश्य मुक्त जांच की सुविधा का लाभ लें और अपने आस-पास की अन्य महिलाओं को भी इसके प्रति जागरुक करें।

केंद्रीय मंत्री ने सभी महिलाओं से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखनेपोषणयुक्त आहार लेनेयोगप्राणायाम करने का भी आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी का उदाहरण देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री तमाम व्यस्तताओं के बीच एक स्वस्थ दिनचर्या का पालन करते हुएजो हम सब सबके लिए बड़ी प्ररेणा का स्रोत है।      

अंत में केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी’ अपनाने के संकल्प का भी जिक्र किया और सभी देशवासियों से आह्वान किया कि आने वाले त्यौहारों के अवसर पर एवं दैनिक उपयोग की चीजों के लिए यथासंभव स्वदेशी उत्पाद ही खरीदें। इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को मजबूती मिलेगी।

धरोहरों की रक्षा का संकल्प: आईजीएनसीए संरक्षण प्रभाग का गौरवशाली सफर

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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने संरक्षण एवं सांस्कृतिक अभिलेखागार प्रभाग का स्थापना दिवस मनाया

नई दिल्ली- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने 17 सितम्बर 2025 को अपने संरक्षण एवं सांस्कृतिक अभिलेखागार प्रभाग का स्थापना दिवस मनाया, जो विश्वकर्मा जयंती के अवसर के साथ आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अजय भटनागर उपस्थित थे। कार्यक्रम में आईजीएनसीए के अधिकारीगण, सहकर्मी, छात्र एवं आमंत्रित अतिथि भी शामिल हुए।

इसी कड़ी में आईजीएनसीए में चल रही ‘मन की बात’ पेंटिंग प्रदर्शनी के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ पर आधारित पुस्तक ‘Igniting Collective Goodness’ पर चर्चा का आयोजन किया गया। इस चर्चा में डॉ. सच्चिदानंद जोशी और आईजीएनसीए की निदेशक (प्रशासन) डॉ. प्रियंका मिश्रा सहित केंद्र के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

डॉ. जोशी ने कहा, “मन की बात जैसा कार्यक्रम संभवतः विश्व में अनोखा है। इस पहल के माध्यम से प्रधानमंत्री सीधे देश की जनता से जुड़ते हैं, प्रेरणा देते हैं और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देते हैं।” उन्होंने उल्लेख किया कि कार्यक्रम के पहले 100 एपिसोड 100 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा सुने गए हैं और यह कार्यक्रम सामुदायिक भावना का प्रतीक बन चुका है, क्योंकि लोग अक्सर मिलकर इसे सुनते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छता जैसे विषयों का गहरा असर पड़ा है, आज छोटे बच्चे भी दूसरों को स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं, जो प्रधानमंत्री की गांधीवादी प्रेरणा को दर्शाता है।

उन्होंने बताया कि मन की बात एकतरफा संवाद नहीं है, बल्कि इसमें देशभर से आई कहानियाँ शामिल होती हैं और नागरिक सक्रिय भागीदारी निभाते हैं। विजयादशमी 2014 से प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम के अब तक 100 से अधिक एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं। डॉ. जोशी ने कहा कि रेडियो का श्रव्य माध्यम एक अलग ही प्रभाव छोड़ता है, और प्रत्येक एपिसोड देशभर की विशेष घटनाओं और उपलब्धियों को सामने लाता है, जिससे अन्य लोग प्रेरित होते हैं।

इस अवसर पर डॉ. प्रियंका मिश्रा ने Igniting Collective Goodness पुस्तक पर विचार व्यक्त किए और प्रधानमंत्री के भाषणों पर आधारित पाँच खंडों का उल्लेख करते हुए डॉ. जोशी के संपादकीय योगदान को रेखांकित किया।

संरक्षण प्रभाग के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. जोशी ने कहा कि यह प्रभाग आज 150 से अधिक संरक्षकों की शक्ति बन चुका है, जिसने लद्दाख से वर्धा तक अनेक ऐतिहासिक परियोजनाओं को आगे बढ़ाया है। इनमें महात्मा गांधी ग्रामीण उद्योग संस्थान की पहल और भारत मंडपम में विश्व की सबसे बड़ी नटराज प्रतिमा की स्थापना जैसी उल्लेखनीय उपलब्धियाँ शामिल हैं। उन्होंने लद्दाख में पूरी तरह महिलाओं की टीम द्वारा किए गए कार्य को विशेष उदाहरण बताया और कहा कि संरक्षण दल ने समर्पण और अनुशासन के साथ नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। उन्होंने ज्ञान भारतम् सम्मेलन को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने संरक्षकों के प्रयासों की सराहना की और युवाओं को इस महान पेशे से जुड़ने का आह्वान किया।

डॉ. जोशी ने प्रो. अचल पांडेय और उनकी टीम को बधाई दी और कहा कि छात्रों की तैयारी और निरंतर प्रयास से आने वाली पीढ़ियों को इसका लाभ मिलेगा। प्रो. अचल पांडेय, प्रभागाध्यक्ष, ने संरक्षण एवं सांस्कृतिक अभिलेखागार प्रभाग की अब तक की यात्रा और इसकी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि यह प्रभाग ओरछा, वडोदरा, लालबाग (इंदौर), पटना संग्रहालय, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय (जयपुर), भरतपुर, लद्दाख और भारत के सर्वोच्च न्यायालय जैसे स्थलों पर सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण कार्य कर रहा है।

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अजय भटनागर ने भारत की सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में प्रभाग के सतत प्रयासों की प्रशंसा की और संरक्षण जागरूकता के महत्व पर बल दिया। कार्यक्रम में सांस्कृतिक आयाम जोड़ते हुए कुआहारा सेनके स्कूल की मास्टर ताकाहो असोनुमा और उनकी टीम ने जापानी कला इकेबाना (फूल सज्जा) का प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का समापन प्रो. अचल पांडेय, उनकी टीम और संरक्षक बनने की तैयारी कर रहे छात्रों को बधाई के साथ हुआ, उनके अथक योगदान को भारत की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा में सराहनीय बताया गया।

श्रमिकों के जीवन में ला रहे बदलाव: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हितग्राहियों से किया संवाद

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 मुख्यमंत्री ने किया दीदी ई-रिक्शा चालक भुनेश्वरी साहू एवं मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के हितग्राही मनोज साहू से संवाद

रायपुर-मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रमिकों एवं परिजनों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के उत्थान के लिए लगातार उन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है। इसी सिलसिले में आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित श्रमिक महासम्मेलन में मुख्यमंत्री ने दीदी ई-रिक्शा चालक भुनेश्वरी साहू और मनोज साहू से संवाद किया।

मुख्यमंत्री साय ने रेजा श्रमिक भुनेश्वरी से उनकी जीवन यापन के संबंध में जब पूछा तो मोवा रायपुर निवासी भुनेश्वरी ने बताया कि वे पहले रेजा कुली का काम करती थीं। इसी दौरान उन्हें दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के बारे में जानकारी मिली। अब वह ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण और बच्चों की परवरिश ठीक से कर रही हैं। भुनेश्वरी ने बताया कि उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी अच्छी चल रही है। उन्होंने सरकार की इस महती योजना के लिए मुख्यमंत्री साय के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

इसी प्रकार राजनांदगांव जिले के छुरिया विकासखंड के मनोज कुमार साहू ने मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए कहा कि मेरी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी भूमिका साहू ने कक्षा 10वीं में टॉप 10 में स्थान बनाया है। श्रम विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना का लाभ मिला, जिसके अंतर्गत 1 लाख रुपए एवं स्कूटी के लिए अलग से सहायता राशि मिली। इसके लिए मैं प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन के प्रति हृदय से धन्यवाद प्रकट करता हूं।


आदि कर्मयोगी लाएंगे जनजातीय गांवों में जमीनी बदलाव: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित सड्डू के प्रयास आवासीय विद्यालय में आदि सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय गांवों के जमीनी बदलाव की दिशा में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश की 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और उनके शतायु एवं दीर्घायु जीवन की कामना की। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक मोतीलाल साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के सभी जनजातीय गांवों का ट्राइबल विजन डाक्यूमेंट 2030 तैयार किया जाएगा, जो दीर्घकालीन विकास का रोडमैप बनेगा। आगामी 2 अक्टूबर को आयोजित ग्राम सभाओं में इसका अनुमोदन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के धार से इस अभियान का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य जनजातीय गांवों में नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। इसके तहत ऐसे वालंटियर चिन्हांकित किए जाएंगे जो गांव की बेहतरी के लिए विजन रखते हों और उसे जमीनी स्तर पर लागू कर सकें। देशभर में 20 लाख वालंटियर तैयार करने का लक्ष्य है, जिनमें से छत्तीसगढ़ के 6,650 गांवों में 1 लाख 33 हजार वालंटियर तैयार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार ने आदि सेवा केंद्रों की स्थापना भी की है, जहां ग्रामीण शासन की सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे और अपनी शिकायतें भी दर्ज कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि हमारे देश की जनजातीय विरासत गौरवशाली रही है। राज्य सरकार शहीद वीरनारायण सिंह और गुंडाधुर जैसे जनजातीय नायकों के आदर्शों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रही है। नवा रायपुर में जनजातीय नायकों की स्मृतियों को सहेजने के लिए म्यूजियम का निर्माण किया जा रहा है। वहीं ट्राइबल म्यूजियम में छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति की सुंदर झलक प्रस्तुत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा जनजातीय गांवों के लिए पीएम जनमन योजना तथा धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष ग्राम अभियान के अंतर्गत दिए गए बजट के अनुरूप तेजी से कार्य हो रहा है। जिन क्षेत्रों तक विकास की गति अभी पूर्ण रूप से नहीं पहुँची है, वहाँ अब आदि कर्मयोगी अभियान के माध्यम से प्रत्येक घर तक विकास पहुँचाया जाएगा और समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।

आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि का परिणाम है। इसके माध्यम से देश के 11 करोड़ से अधिक आदिवासियों के विकास को नई दिशा और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में लोकप्रिय नेता और नए भारत के निर्माता प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से ही 2047 तक विकसित भारत का संकल्प अवश्य पूरा होगा। हमारी सरकार सेवा, समर्पण और मिशन मोड पर आदि कर्मयोगी अभियान को आगे बढ़ा रही है। रायपुर लोकसभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ-सबका विकास के सिद्धांत पर कार्य कर रहे हैं और आदि कर्मयोगी अभियान से जनजातीय समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।

आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणी बोरा ने विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रदेश के 6,650 गांवों में 1 लाख 33 हजार आदि साथी व आदि सहयोगी तैयार किए जा रहे हैं। ये सहयोगी आदिवासी परिवारों से उनकी भाषा में संवाद कर उनकी समस्याओं व अपेक्षाओं को समझेंगे और विकास की दिशा तय करने में सहभागी बनेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी राज्योत्सव तक 50 हजार आदि कर्मयोगी तैयार करने का लक्ष्य है। साथ ही, शिष्यवृत्ति प्रदाय की समय-सीमा तय कर दी गई है ताकि विद्यार्थियों को राशि समय पर उनके खातों में प्राप्त हो सके।

शिष्यवृत्ति और भोजन सहायता के तहत 6.2 करोड़ की राशि अंतरित

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आदि सेवा पखवाड़ा के शुभारंभ अवसर पर आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास तथा पिछड़ा वर्ग विभाग की योजनाओं के तहत प्रदेश के आश्रम-छात्रावासों में निवासरत 8,370 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति एवं भोजन सहायता योजना की राशि 6 करोड़ 2 लाख 19 हजार 270 रुपये का ऑनलाइन अंतरण उनके खातों में किया।

एक पेड़ मां के नाम 2.0 के तहत पौधरोपण

मुख्यमंत्री साय ने प्रयास आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर में एक पेड़ मां के नाम 2.0 के अंतर्गत जामुन का पौधा रोपा। इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने पेंटिंग व रंगोली प्रदर्शित की, जिनका मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया और बच्चों की रचनात्मकता की सराहना की। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को उनके चित्र की पेंटिंग भेंट की।

मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चों के साथ किया भोजन

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रयास आवासीय विद्यालय सड्डू में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के छात्र किशन बैगा और छात्रा अंजुला बैगा को अपने बगल में बैठाकर के साथ भोजन किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ मुनगा की सब्जी, पूड़ी और दाल-भात का स्वाद लेते हुए उनसे आत्मीय बातचीत की। किशन ने बताया कि वह मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के लाखनटोला गांव का निवासी है और प्रयास विद्यालय सड्डू में कक्षा 11वीं में अध्ययनरत है। मुख्यमंत्री ने उससे गांव में प्रधानमंत्री जनमन योजना के कार्यों के बारे में पूछा। कक्षा 12वीं की छात्रा अंजुला ने बताया कि वह देवगढ़ गांव (मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) की रहने वाली है और जीव विज्ञान विषय लेकर पढ़ाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने दोनों को मन लगाकर पढ़ाई करने की प्रेरणा दी और उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।


आदि कर्मयोगी लाएंगे जनजातीय गांवों में जमीनी बदलाव: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित सड्डू के प्रयास आवासीय विद्यालय में आदि सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ  किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय गांवों के जमीनी बदलाव की दिशा में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश की 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और उनके शतायु एवं दीर्घायु जीवन की कामना की। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक मोतीलाल साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के सभी जनजातीय गांवों का ट्राइबल विजन डाक्यूमेंट 2030 तैयार किया जाएगा, जो दीर्घकालीन विकास का रोडमैप बनेगा। आगामी 2 अक्टूबर को आयोजित ग्राम सभाओं में इसका अनुमोदन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के धार से इस अभियान का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य जनजातीय गांवों में नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। इसके तहत ऐसे वालंटियर चिन्हांकित किए जाएंगे जो गांव की बेहतरी के लिए विजन रखते हों और उसे जमीनी स्तर पर लागू कर सकें। देशभर में 20 लाख वालंटियर तैयार करने का लक्ष्य है, जिनमें से छत्तीसगढ़ के 6,650 गांवों में 1 लाख 33 हजार वालंटियर तैयार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार ने आदि सेवा केंद्रों की स्थापना भी की है, जहां ग्रामीण शासन की सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे और अपनी शिकायतें भी दर्ज कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे देश की जनजातीय विरासत गौरवशाली रही है। राज्य सरकार शहीद वीरनारायण सिंह और गुंडाधुर जैसे जनजातीय नायकों के आदर्शों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रही है। नवा रायपुर में जनजातीय नायकों की स्मृतियों को सहेजने के लिए म्यूजियम का निर्माण किया जा रहा है। वहीं ट्राइबल म्यूजियम में छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति की सुंदर झलक प्रस्तुत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जनजातीय गांवों के लिए पीएम जनमन योजना तथा धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष ग्राम अभियान के अंतर्गत दिए गए बजट के अनुरूप तेजी से कार्य हो रहा है। जिन क्षेत्रों तक विकास की गति अभी पूर्ण रूप से नहीं पहुँची है, वहाँ अब आदि कर्मयोगी अभियान के माध्यम से प्रत्येक घर तक विकास पहुँचाया जाएगा और समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।



आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि का परिणाम है। इसके माध्यम से देश के 11 करोड़ से अधिक आदिवासियों के विकास को नई दिशा और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में लोकप्रिय नेता और नए भारत के निर्माता प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से ही 2047 तक विकसित भारत का संकल्प अवश्य पूरा होगा। हमारी सरकार सेवा, समर्पण और मिशन मोड पर आदि कर्मयोगी अभियान को आगे बढ़ा रही है। रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ-सबका विकास के सिद्धांत पर कार्य कर रहे हैं और आदि कर्मयोगी अभियान से जनजातीय समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।

आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणी बोरा ने विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रदेश के 6,650 गांवों में 1 लाख 33 हजार आदि साथी व आदि सहयोगी तैयार किए जा रहे हैं। ये सहयोगी आदिवासी परिवारों से उनकी भाषा में संवाद कर उनकी समस्याओं व अपेक्षाओं को समझेंगे और विकास की दिशा तय करने में सहभागी बनेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी राज्योत्सव तक 50 हजार आदि कर्मयोगी तैयार करने का लक्ष्य है। साथ ही, शिष्यवृत्ति प्रदाय की समय-सीमा तय कर दी गई है ताकि विद्यार्थियों को राशि समय पर उनके खातों में प्राप्त हो सके।

शिष्यवृत्ति और भोजन सहायता के तहत 6.2 करोड़ की राशि अंतरित

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आदि सेवा पखवाड़ा के शुभारंभ अवसर पर आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास तथा पिछड़ा वर्ग विभाग की योजनाओं के तहत प्रदेश के आश्रम-छात्रावासों में निवासरत 8,370 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति एवं भोजन सहायता योजना की राशि 6 करोड़ 2 लाख 19 हजार 270 रुपये का ऑनलाइन अंतरण उनके खातों में किया।

एक पेड़ मां के नाम 2.0 के तहत पौधरोपण

मुख्यमंत्री साय ने प्रयास आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर में एक पेड़ मां के नाम 2.0 के अंतर्गत जामुन का पौधा रोपा। इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने पेंटिंग व रंगोली प्रदर्शित की, जिनका मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया और बच्चों की रचनात्मकता की सराहना की। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को उनके चित्र की पेंटिंग भेंट की।

मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजाति के बच्चों के साथ किया भोजन

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रयास आवासीय विद्यालय सड्डू में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के छात्र किशन बैगा और छात्रा अंजुला बैगा को अपने बगल में बैठाकर विद्यार्थियों के साथ भोजन किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ मुनगा की सब्जी, पूड़ी और दाल-भात का स्वाद लेते हुए उनसे आत्मीय बातचीत की। किशन ने बताया कि वह मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के लाखनटोला गांव का निवासी है और प्रयास विद्यालय सड्डू में कक्षा 11वीं में अध्ययनरत है। मुख्यमंत्री ने उससे गांव में प्रधानमंत्री जनमन योजना के कार्यों के बारे में पूछा। कक्षा 12वीं की छात्रा अंजुला ने बताया कि वह देवगढ़ गांव (मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) की रहने वाली है और जीव विज्ञान विषय लेकर पढ़ाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने दोनों को मन लगाकर पढ़ाई करने की प्रेरणा दी और उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।


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