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मारोक्को नौसेना के रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन का भारत में आधिकारिक दौरा

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24 से 27 नवंबर 2025 तक भारत में आधिकारिक दौरे पर मौजूद रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन, मारोक्को नौसेना के इंस्पेक्टर, का उद्देश्य भारत और मारोक्को के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करना और द्विपक्षीय नौसैनिक सहभागिता को बढ़ाना है। यह दौरा दोनों देशों के बढ़ते समुद्री साझेदारी और साझा हितों को दर्शाता है।

दौरान, रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन ने नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी से द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में नौसैनिक सहभागिता को बढ़ाने, संरचित प्रशिक्षण आदान-प्रदान, और समुद्री क्षेत्र में सहयोग (Maritime Domain Awareness) को सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई। इसके बाद, रियर एडमिरल ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्प अर्पित किए।

अधिकारिक दौरे के दौरान रियर एडमिरल मोहम्मद ताहिन ने भारतीय नौसेना के महत्वपूर्ण समुद्री प्रतिष्ठानों का भी दौरा किया, जिनमें इन्फॉर्मेशन फ्यूज़न सेंटर – इंडियन ओशन रीजन (IFC-IOR), वेपन एंड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम एंड इंजीनियरिंग एस्टैब्लिशमेंट (WESEE), तथा भारतीय नौसेना की साउदर्न नेवल कमांड, कोच्चि के प्रशिक्षण प्रतिष्ठान शामिल हैं।

यह दौरा भारत और मारोक्को के नौसैनिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य सहयोग को गहरा करना और साझा समुद्री हितों को बढ़ावा देना है।




लंबित IBC मामलों की समीक्षा के लिए वित्त सेवा विभाग ने की बैठक; बैंकों को CIRP प्रक्रिया में तेजी लाने की दी सलाह

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वित्त सेवा विभाग (DFS) के सचिव एम. नागराजू ने आज लंबित IBC मामलों से संबंधित मुद्दों पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में DFS के वरिष्ठ अधिकारी, भारत की दिवालियापन और दिवालियापन बोर्ड (Insolvency and Bankruptcy Board of India) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शीर्ष प्रबंधन शामिल हुआ।

बैठक में NCLT में दर्ज मामलों, NCLT में हल किए गए मामलों और IBC के बाहर निपटाए गए मामलों की प्रगति पर चर्चा की गई। NCLT बेंचों पर प्रवेश और समाधान की प्रतीक्षा कर रहे प्रमुख मामलों की समीक्षा की गई। सचिव (DFS) ने जोर दिया कि कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (CIRP) आवेदन के प्रवेश और मामलों के समाधान में समयसीमा का पालन किया जाना चाहिए।

जिन मामलों में Resolution Plans समिति ऑफ़ क्रेडिटर्स (CoC) के पास लंबित हैं, उन पर विचार करते हुए बैंकों को अंतिम निर्णय लेने के लिए समन्वित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी गई।

बैंकों को अपने काउंसल्स के माध्यम से लंबित मामलों के शीघ्र प्रवेश के लिए कार्रवाई करने को कहा गया, ताकि समाधान प्रक्रिया अधिक प्रभावी और कुशल हो सके और CIRP आवेदन दाखिल करने में देरी को कम किया जा सके।

बैंकों को 4 नवंबर, 2025 की IBBI परिपत्र का ध्यान रखने और यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई कि Resolution Professionals विशेष PMLA कोर्ट में प्रवर्तित संपत्तियों की वापसी के लिए आवश्यक प्रतिज्ञा दाखिल करें।

CIRP के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए हितधारकों के साथ सहयोग को सुव्यवस्थित किया जाएगा, जिससे NCLT में मामलों के प्रवेश और समाधान में देरी को रोका जा सके।

सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख अधिकारियों को सलाह दी गई कि वे अपने बैंक से संबंधित NCLT में प्रवेश के लिए लंबित शीर्ष 20 मामलों और समाधान के लिए लंबित 10 खातों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करें। बैंकों को सलाह दी गई कि CoC के पास लंबित Resolution Plans वाले मामलों का शीघ्र निपटान करें।

अंत में, सचिव ने बैंकों से कहा कि वे IBC पारिस्थितिकी तंत्र को सुव्यवस्थित और मजबूत करने के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाएं, ताकि मूल्य अधिकतमकरण और वसूली में सुधार हो सके।

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘नई चेतना 4.0’ महिला सशक्तिकरण अभियान का किया शुभारंभ

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केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में ‘नई चेतना 4.0’ — लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी, तथा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान भी उपस्थित रहे।

मुख्य बातें:

  • शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराया कि कोई बहन गरीबी में न रहे, कोई महिला आँसुओं के साथ जीवन न जीए, और हर बहन “लाखपति दीदी” बनकर आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और समृद्धि प्राप्त करे। उन्होंने बताया कि दो करोड़ से अधिक SHG महिलाओं ने पहले ही लाखपति दीदी बनने की यात्रा पूरी कर ली है।

  • लॉन्च के अवसर पर 11 मंत्रालयों/विभागों का अंतर-मंत्रालयीय संयुक्त मार्गदर्शन (Joint Advisory) भी जारी किया गया। इसमें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, गृह मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, तथा न्याय विभाग शामिल हैं। इसका उद्देश्य लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा को समाप्त करना है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इस अवसर पर बताया कि तीन मंत्रालयों — महिला एवं बाल विकास, कानून और न्याय, और ग्रामीण विकास — के बीच अंतर-मंत्रालयीय MoU के तहत Violence-Free Village Initiative के तहत मॉडल गांव विकसित किए जाएंगे, जिससे ग्रामीण भारत में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा, अधिकार और सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा।

अभियान की अवधि और कार्यप्रणाली:

  • यह माह लंबा अभियान DAY-NRLM (दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

  • अभियान सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 23 दिसंबर 2025 तक चलेगा।

  • अभियान का आधार 10 करोड़ ग्रामीण महिलाओं की SHG नेटवर्क है, जो इसे मजबूत जन आंदोलनों में परिवर्तित करती है।

मुख्य उद्देश्य:

  • ग्रामीण भारत में लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सामुदायिक कार्रवाई को मजबूत करना।

  • महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।

  • महिलाओं की सुरक्षित आवाजाही, संपत्ति, क्रेडिट, कौशल और बाजार तक पहुँच सुनिश्चित करना।

  • महिलाओं को उद्यमिता और आजीविका के अवसर प्रदान करना।

  • लिंग-संवेदनशील नीतियों और बजटों के माध्यम से महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करना।

विशेष आयोजन:

  • बिहार और राजस्थान की दो महिला चैंपियनों ने अपने अनुभव साझा किए, जिन्होंने भेदभाव को पार कर सामुदायिक बदलाव की अगुवाई की।

  • विभिन्न मंत्रालयों, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों के प्रतिनिधियों, SHG महिलाओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और साझेदार नागरिक समाज संगठनों की भागीदारी रही।

नयी चेतना 4.0 ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण, लिंग समानता और समुदाय आधारित विकास की दिशा में एक मजबूत पहल है, जो महिलाओं के जीवन में आत्मनिर्भरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य करेगी।


मुंबई में उद्योग जगत से बोले केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह — “₹1 लाख करोड़ का RDI फंड निजी क्षेत्र आधारित नवाचार को देगा नया आयाम

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देशभर में उद्योगों से संवाद श्रृंखला के तहत आज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मुंबई उद्योग जगत के साथ दो घंटे से अधिक की बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 3 नवंबर को घोषित किए गए ऐतिहासिक 1 लाख करोड़ रुपए के रिसर्च, डेवलपमेंट और इनोवेशन (RDI) फंड को भारत के निजी क्षेत्र आधारित अनुसंधान, आईपी निर्माण और उभरती प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए एक परिवर्तनकारी कदम बताया।

मुंबई के जियो कन्वेंशन सेंटर में आयोजित RDI फंड के पहले आउटरीच कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि आने वाले दशकों में भारत की आर्थिक प्रगति “विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार आधारित विकास” से संचालित होगी। उन्होंने भारतीय उद्योग, निवेशकों और स्टार्टअप्स से आह्वान किया कि वे महत्वाकांक्षा, जोखिम लेने की क्षमता और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के साथ आगे आएं। उन्होंने कहा कि भारत गहन-प्रौद्योगिकी (Deep-Tech) नवाचार में वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है।

यह कार्यक्रम अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) फंड—जो अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) के अंतर्गत एक स्वतंत्र व्यावसायिक इकाई है—द्वारा आयोजित किया गया। इसमें फंड मैनेजर, उद्योग नेता, निवेशक, स्टार्टअप्स और शोधकर्ता शामिल हुए।

डॉ. सिंह ने बताया कि इस ऐतिहासिक फंड को लागू करने के लिए सरकार ने कैसे ठोस व्यवस्था बनाई है, और कहा कि 1 जुलाई 2025 को मंत्रिमंडल की स्वीकृति देश की नवाचार क्षमता को मजबूत करने के सरकार के संकल्प को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025–26 के बजट में 20,000 करोड़ रुपये इस फंड के प्रारंभिक क्रियान्वयन के लिए आवंटित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि भारत आज वैश्विक नवाचार के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ा है—

  • वैज्ञानिक अनुसंधान उत्पादन में विश्व में 3rd स्थान,

  • पेटेंट ग्रांट्स में 6th स्थान,

  • वैश्विक नवाचार सूचकांक में 39th स्थान,

  • 64 में से 45 महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में शीर्ष 5 देशों में स्थान।

उन्होंने कहा कि AI, सेमीकंडक्टर्स, 5G/6G, क्वांटम, बायोटेक्नोलॉजी, स्पेस और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में भारत की क्षमताएं आत्मनिर्भर विज्ञान की नई दिशा दर्शाती हैं।

डॉ. सिंह ने बताया कि RDI फंड निजी क्षेत्र को कम ब्याज वाले दीर्घकालिक ऋण और इक्विटी आधारित जोखिम पूंजी उपलब्ध कराएगा, जिससे AI, सेमीकंडक्टर्स, स्वच्छ ऊर्जा, बायोटेक, स्पेस आदि क्षेत्रों में उच्च प्रभाव वाली R&D को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने घोषणा की कि फंड की पहली किस्त TDB और BIRAC को सेकेंड-लेवल फंड मैनेजर के रूप में दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम अब 1.7 लाख से अधिक स्टार्टअप्स और 6,000 से अधिक डीप-टेक स्टार्टअप्स के साथ तेजी से बढ़ा है, जिनमें से लगभग 60% टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं।

डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि ANRF और RDI फंड के बीच रणनीतिक तालमेल से EV, 2D मटेरियल, मेडटेक, और AI आधारित विज्ञान जैसे क्षेत्रों में मिशन-आधारित अनुसंधान को गति मिल रही है।

उन्होंने समुद्र विज्ञान, हिमालय अध्ययन, बायोटेक्नोलॉजी और स्पेस सेक्टर सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने कई साहसिक और दूरदर्शी निर्णय लिए हैं, जैसे—

  • बायोटेक्नोलॉजी नीति

  • डीप ओशन मिशन

  • एरोमा एवं फ्लोरीकल्चर मिशन

  • IN-SPACe के माध्यम से स्पेस सेक्टर का उदारीकरण

उन्होंने उद्योग, निवेशकों, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स से इस ऐतिहासिक अवसर का पूरा लाभ उठाने की अपील की—

“यह समय सह-निर्माण, सह-निवेश और सहयोग का है। भारत अब कल का भारत नहीं है; लक्ष्य केवल भविष्य की प्रौद्योगिकियों में भाग लेना ही नहीं, बल्कि उनका नेतृत्व करना है।”


सीएसआईआर–आईसीएमआर की उच्चस्तरीय बैठक में स्वास्थ्य अनुसंधान सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति

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परिषद् वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान (CSIR) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (ICMR) ने आज नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर साइंस सेंटर में एक उच्च-स्तरीय विचार-विमर्श बैठक आयोजित की। बैठक का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच चल रहे सहयोग को सुदृढ़ करना और भविष्य के लिए एक एकीकृत रोडमैप तैयार करना था।

बैठक की सह-अध्यक्षता सीएसआईआर की महानिदेशक व डीएसआईआर सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी तथा आईसीएमआर के महानिदेशक व स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल ने की। सीएसआईआर और आईसीएमआर की विभिन्न प्रयोगशालाओं के निदेशकों तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।

बैठक के दौरान दोनों संस्थाओं ने कई प्रमुख संयुक्त परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की, जिनमें शामिल हैं—

  • सीएसआईआर द्वारा विकसित अणुओं (molecules) का क्लीनिकल ट्रायल की ओर बढ़ना,

  • आईसीएमआर समर्थित उन्नत अनुसंधान केंद्रों की स्थिति,

  • बड़े पैमाने की चल रही परियोजनाओं की प्रगति।

विशेष रूप से, अनेक रोगजनकों की निगरानी के लिए अपशिष्ट जल (wastewater) विश्लेषण प्रणाली को और व्यापक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। यह भी सहमति बनी कि इस दिशा में वन हेल्थ मिशन के तहत संयुक्त प्रयासों को मजबूत किया जाएगा।

नई दवाओं और अणुओं के विकास, व्यवस्थित क्लीनिकल ट्रायल, तथा आईसीएमआर की बड़े जानवरों के लिए उपलब्ध विषाक्तता परीक्षण सुविधाओं के उपयोग से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा हुई।

AcSIR–ICMR पीएचडी कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए युवा शोधकर्ताओं के लिए अधिक अवसर उपलब्ध कराने तथा आईसीएमआर की फेलोशिप को सीएसआईआर फेलोशिप के साथ समाहित करने पर भी जोर दिया गया।

बैठक में डॉ. कलैसेल्वी और डॉ. बहल ने कहा कि सीएसआईआर की वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय क्षमता को आईसीएमआर की सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञता के साथ जोड़ना राष्ट्रीय स्तर पर उच्च प्रभाव वाले परिणाम सुनिश्चित करेगा। दोनों ने समयबद्ध प्रगति, बेहतर समन्वय और तकनीकों के संयुक्त विकास के लिए संरचित तंत्र अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसमें डिजिटल रूप से नियंत्रित मेडिकल इमरजेंसी ड्रोन सेवा जैसे नवीन संयुक्त प्रोजेक्ट पर भी चर्चा हुई।

बैठक का समापन इस प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि सीएसआईआर और आईसीएमआर स्वास्थ्य विज्ञान, डायग्नॉस्टिक्स, डिजिटल हेल्थ, पर्यावरणीय स्वास्थ्य निगरानी और अन्य उभरते क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करेंगे तथा संयुक्त परियोजनाओं के विकास और क्रियान्वयन में तेजी लाएंगे।

प्रमुख सांख्यिकीय सूचकांकों के आधार वर्ष संशोधन पर मुंबई में आयोजित होगी पहली प्री-रिलीज़ परामर्श कार्यशाला

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सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) 26 नवंबर 2025 को मुंबई में “उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI), सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के बेस संशोधन पर पहली पूर्व-प्रकाशन परामर्श कार्यशाला” आयोजित कर रहा है।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य GDP, CPI और IIP के जारी बेस संशोधन में प्रस्तावित पद्धतिगत और संरचनात्मक परिवर्तनों को साझा करना है, ताकि सहभागी विशेषज्ञों से सुझाव एवं प्रतिक्रियाएँ प्राप्त की जा सकें। कार्यशाला में इन सूचकांकों के संकलन में उपयोग होने वाले नए डेटा स्रोतों और तकनीकों पर भी प्रकाश डाला जाएगा।

इस कार्यक्रम में विश्व बैंक एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, भारतीय रिज़र्व बैंक, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, वित्तीय एवं बैंकिंग संस्थानों के विशेषज्ञ, विषय-विशेषज्ञ, मुख्य सांख्यिकीय उपयोगकर्ता, तथा केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। विविध समूह की भागीदारी से चर्चाएँ अधिक समृद्ध होंगी और उपयोगकर्ताओं को संशोधित श्रृंखला में होने वाले परिवर्तनों से अवगत कराया जाएगा।

कार्यक्रम की शुरुआत उद्घाटन सत्र से होगी, जिसमें प्रोफेसर एस. महेंद्र देव (अध्यक्ष, EAC-PM), डॉ. पूनम गुप्ता (उप-गवर्नर, RBI), डॉ. सौरभ गर्ग (सचिव, MoSPI) और एन. के. सन्तोषी (महानिदेशक, केंद्रीय सांख्यिकी) संबोधित करेंगे। इसके बाद GDP, CPI और IIP पर तकनीकी सत्र तथा ओपन हाउस चर्चा आयोजित होगी।

इस अवसर पर इन सूचकांकों के बेस संशोधन में प्रस्तावित परिवर्तनों से संबंधित संक्षिप्त अवधारणा-नोट्स की एक पुस्तिका भी प्रतिभागियों को वितरित की जाएगी। कार्यशाला का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, सूचित संवाद को प्रोत्साहित करना, और संशोधित श्रृंखला जारी करने से पूर्व व्यापक परामर्श सुनिश्चित करना है।

मंत्रालय ने सभी हितधारकों से इस महत्वपूर्ण परामर्श प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी और सुझाव देने का स्वागत किया है।

IFFI 2025 में पहली बार रेड कार्पेट पर ‘Handloom Sarees in Motion: 70MM on Runway’ फैशन शो आयोजित

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अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह (IFFI) 2025 के रेड कार्पेट पर इस वर्ष एक अनोखा और पहली बार होने वाला अनुभव देखने को मिला, जहाँ वस्त्र मंत्रालय के हैंडलूम विभाग (DC Handlooms) ने सिनेमा, संस्कृति और कुट्योर (Couture) को एक साथ मंच पर उतारा।

यह फैशन शो “Handloom Sarees in Motion: 70MM on Runway” भारतीय हैंडलूम को समर्पित एक सामाजिक पहल थी।

दो बार प्रस्तुत किए गए इस 15 मिनट के भव्य फैशन शो ने दर्शकों को भारतीय सिनेमा की यात्रा पर ले जाते हुए, हर युग को एक सााड़ी के माध्यम से जीवंत किया। हर सेगमेंट में उस दौर की फिल्मों के संगीत का उपयोग किया गया, जिससे पूरा रेड कार्पेट नॉस्टेल्जिया, कला और साड़ी की कालातीत गरिमा से भर उठा।

1940 के शास्त्रीय अंदाज़ से लेकर 2020 के आधुनिक और एक्सपेरिमेंटल स्टाइल तक—भारतीय सिनेमा की सभी प्रसिद्ध झलकियाँ साड़ियों के माध्यम से प्रदर्शित की गईं। शो ने पुराने दौर की कोमल हीरोइनों, 70 के दशक की बेबाक शैली, 90 के रोमांटिक दौर और आज के ग्लैमरस युग की यादों को फिर से जीवंत किया।

40 से अधिक हैंडलूम साड़ियों का भव्य प्रदर्शन

शो में देशभर से आई 40 से अधिक साड़ियों को प्रदर्शित किया गया, जिनमें शामिल थीं:

  • तसर रेशम – छत्तीसगढ़

  • इकत पश्मीना – जम्मू-कश्मीर

  • बनारसी बुटीदार एवं मुबारकपुर लच्छा बुता – उत्तर प्रदेश

  • चंदेरी – मध्य प्रदेश

  • घीचा सिल्क – छत्तीसगढ़

  • वेंकटागिरी – आंध्र प्रदेश

  • कुथमपुल्ली – केरल

इसके अलावा कई साड़ियों पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कलाकारों द्वारा हाथ से पेंट की गई कलाओं को भी प्रदर्शित किया गया, जिनमें शामिल थीं:

  • पिचवाई (राजस्थान)

  • पत्ताचित्र (ओडिशा)

  • वारली (महाराष्ट्र)

  • पेन-कलमकारी (आंध्र प्रदेश)

  • मधुबनी (बिहार)

  • गोंड एवं भील कला (झारखंड/मध्य प्रदेश)

सम्मानित अतिथियों के वक्तव्य

एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक प्रकाश मगदुम ने कहा:

“IFFI रचनात्मकता का उत्सव है। इस वर्ष मुख्य रेड कार्पेट पर हैंडलूम आधारित फैशन शो ने भारत की सांस्कृतिक गहराई और सिनेमा व शिल्प कौशल के अद्भुत संगम को दर्शाया।”

हैंडलूम विकास आयुक्त डॉ. एम बीना ने कहा:

“साड़ी केवल परिधान नहीं बल्कि दर्शन है—कला का, ग्रामीण जीवन का, परंपरा का। IFFI के माध्यम से हमने वैश्विक दर्शकों के सामने भारत के बुनकरों और कलाओं की विरासत को प्रस्तुत किया है।”


बे ऑफ बंगाल क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग पर चौथी BIMSTEC विशेषज्ञ समूह बैठक सम्पन्न

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नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सचिवालय (NSCS) द्वारा 24-25 नवंबर 2025 को समुद्री सुरक्षा सहयोग पर BIMSTEC विशेषज्ञ समूह की चौथी बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक, वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता (सेवानिवृत्त) ने की। बैठक में सभी BIMSTEC सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी, नीति निर्माता और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल थे।

यह आयोजन समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में पाँच प्रमुख फोकस क्षेत्रों के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों पर सार्थक विचार-विमर्श की एक और सफल कड़ी रहा। प्रतिभागियों ने समुद्री सुरक्षा एवं आपदा राहत (HADR) से संबंधित दिशानिर्देशों को अपनाने पर विस्तार से चर्चा की। प्रतिनिधियों ने अपने पेशेवर सुझाव साझा करते हुए इन दिशा-निर्देशों के मसौदे पर महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए, जो बे ऑफ बंगाल क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण की आवश्यकता को प्रबल रूप से दर्शाते हैं।

बैठक में BIMSTEC सदस्य देशों ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक एक्शन प्लान पर भी विचार-विमर्श किया। इसके साथ ही निकट भविष्य में समुद्री अभ्यास आयोजित करने की संभावनाओं, सूचना साझा करने की व्यवस्था को मजबूत बनाने, समुद्री खतरों के प्रति सामूहिक प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करने, क्षमतावृद्धि और संसाधन निर्माण जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।

समुद्री सुरक्षा पर चौथी BIMSTEC विशेषज्ञ समूह बैठक का सफल आयोजन एक बार फिर इस बात को रेखांकित करता है कि समुद्री क्षेत्र बे ऑफ बंगाल क्षेत्र के देशों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व है। यह बैठक क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुई।

राष्ट्रीय पदयात्रा: ‘Sardar@150 Unity March’ 26 नवंबर से होगा प्रारंभ

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युवा शक्ति के साथ देशभर में एकता का भव्य संदेश

भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (MYAS) द्वारा MY भारत के माध्यम से Sardar@150 Unity March की राष्ट्रीय पदयात्रा का आयोजन 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर शास्त्री मैदान, वल्लभ विद्यापनगर से किया जा रहा है। पिछले कई सप्ताहों से देशभर में चल रहे व्यापक एकता अभियानों के बाद यह राष्ट्रीय पदयात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत–श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए एक ऐतिहासिक जन-आंदोलन का रूप ले चुकी है।

राष्ट्रीय पदयात्रा का शुभारंभ

पदयात्रा की शुरुआत कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगी, जिनमें शामिल हैं—

  • गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल

  • त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा

  • केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल

  • केंद्रीय राज्यमंत्री निमुबेन् बाम्भनिया

  • गुजरात सरकार के वरिष्ठ मंत्री

  • गुजरात विद्यापीठ और सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति

  • पैरा ओलंपिक पदक विजेता सपना व्यास और मानसी जोशी

  • पूर्व क्रिकेटर राकेश चौहान

  • हजारों MY भारत स्वयंसेवक और युवा प्रतिभागी

अब तक की उपलब्धियाँ: देशभर में जबरदस्त उत्साह

24 नवंबर तक अभियान ने देश के 780 में से 613 जिलों को कवर कर लिया है।

  • अब तक 1,422 पदयात्राएँ विभिन्न जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित

  • 431 लोकसभा क्षेत्रों को कवर

  • कुल 7,200 किलोमीटर की दूरी तय

  • 14.3 लाख से अधिक नागरिकों की भागीदारी

इन पदयात्राओं में 2 से 15 किलोमीटर के मार्ग शामिल रहे, जिन्हें स्थानीय इतिहास और संस्कृति के आधार पर चुना गया।

26 नवंबर का कार्यक्रम

पदयात्रा की शुरुआत सुबह 9 बजे सरदार पटेल के करमसद स्थित पैतृक निवास पर पुष्पांजलि से होगी। इसके बाद शास्त्री मैदान, वल्लभ विद्यापनगर में सरदार सभा का आयोजन होगा, जिसमें सरदार पटेल के योगदान और उनके विचारों पर चर्चा होगी।

दोपहर 12 बजे पदयात्रा को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाई जाएगी। यह 11 दिनों में लगभग 180 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 6 दिसंबर को केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुँचकर संपन्न होगी।

पहले दिन का मार्ग

पहले दिन पदयात्रा निम्न स्थानों से गुजरेगी—
सदर पटेल विश्वविद्यालय → शहीद चौक → भाईकाका सर्कल → टाउन हॉल सर्कल → बोरसद चोकड़ी → जिटोडिया रोड → अंधारिया चोकड़ी → नवली (रात्रि विश्राम)

नवली में स्थानीय लोककला, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जनसंवाद आयोजित होंगे।

150 थीम आधारित पड़ाव

पूरे मार्ग में 150 विशेष थीम-स्टॉप बनाए गए हैं जहाँ—

  • प्रदर्शनियाँ

  • स्थानीय हस्तशिल्प

  • सरकारी योजनाओं की जानकारी

  • युवा संवाद और इंटरैक्टिव सत्र

आयोजित किए जाएंगे। हर दिन ‘सरदार गाथा’ के माध्यम से सरदार पटेल के जीवन के प्रेरक प्रसंगों का वाचन होगा।

स्वदेशी भावना के साथ सामुदायिक सहभागिता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत के संदेश को आगे बढ़ाते हुए—

  • प्रतिभागियों को खादी पहनने के लिए प्रेरित किया जाएगा

  • स्थानीय कलाकारों व महिला स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल लगाए जाएंगे

  • ‘एक पेड़ माँ के नाम’, स्वच्छता ड्राइव, ग्राम सभाओं जैसी गतिविधियाँ होंगी

6 दिसंबर: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर राष्ट्रीय समापन कार्यक्रम

पदयात्रा 6 दिसंबर को केवड़िया पहुँचकर समापन करेगी, जहाँ सभी प्रतिभागी मिलकर लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देंगे—जिनके नेतृत्व ने 562 रियासतों को जोड़कर आधुनिक भारत की नींव रखी।


UPSC के शताब्दी वर्ष पर दो दिवसीय ‘शताब्दी सम्मेलन’ का आयोजन

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केंद्रीय लोक सेवा आयोग (UPSC) अपनी शताब्दी वर्ष समारोह के अंतर्गत दो दिवसीय ‘शताब्दी सम्मेलन’ का आयोजन कर रहा है। यह सम्मेलन 26 और 27 नवंबर 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित होगा। लोकसभा अध्यक्ष माननीय ओम बिड़ला मुख्य अतिथि के रूप में और माननीय डॉ. जितेंद्र सिंह, राज्य मंत्री (कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन) विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल होंगे। भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

इस कार्यक्रम में UPSC तथा विभिन्न राज्य लोक सेवा आयोगों के वर्तमान और पूर्व अध्यक्ष एवं सदस्य, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी तथा देश के प्रमुख व्यक्तित्व एक ही मंच पर एकत्रित होंगे। दो दिवसीय शताब्दी सम्मेलन के अंतर्गत 26 नवंबर 2025, संविधान दिवस के अवसर पर ‘चिंतन’ शीर्षक से एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य देश में लोक सेवा आयोगों की संवैधानिक विरासत का सम्मान करना है।

उद्घाटन पूर्णाधिवेशन में कई विशिष्ट अतिथि संबोधित करेंगे, जिनमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला का मुख्य भाषण, डॉ. जितेंद्र सिंह का मंत्रिस्तरीय संबोधन, तथा UPSC के माननीय अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के विचार शामिल होंगे।

यह आयोजन UPSC और राज्य लोक सेवा आयोगों की राष्ट्र-निर्माण में भूमिका पर विचार-विमर्श का महत्वपूर्ण मंच बनेगा। इसके माध्यम से भर्ती प्रणाली में सुधार, समावेशिता और तकनीकी परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद को बढ़ावा मिलेगा।

सबसे बड़ा संविधान जागरूकता अभियान: ‘हमारा संविधान हमारा सम्मान’

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  • एक करोड़ से अधिक नागरिकों की भागीदारी

  • 13,700+ कार्यक्रम पूरे भारत में

  • संविधान के 75वें वर्ष पर इतिहास में सबसे व्यापक जनभागीदारी

स्थानीय स्तर से डिजिटल जुड़ाव तक

यह अभियान 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों, आकांक्षी जिलों और दूरस्थ समुदायों तक पहुंचा। MyGov के माध्यम से लाखों लोगों ने प्रतिज्ञा, क्विज़ और रचनात्मक प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

जागरूकता से गौरव तक

इस पहल ने कानूनी साक्षरता, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, और जन-नियंत्रित आयोजनों को एक साथ लाकर संविधान की समझ और सम्मान को नागरिकों के भीतर गहराई से स्थापित किया।

परिचय

DISHA योजना

वर्ष 2021 में डिज़ाइनिंग इनोवेटिव सॉल्यूशंस फॉर होलिस्टिक एक्सेस टू जस्टिस इन इंडिया (DISHA) नामक एक समग्र, राष्ट्रीय योजना शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य है:

  • आसान, सुलभ और किफायती कानूनी सेवाएँ देना

  • टेली-लॉ

  • न्याय बंधु (प्रो बोनो सेवाएँ)

  • कानूनी साक्षरता और जागरूकता

हर वर्ष 26 नवंबर को भारत संविधान दिवस मनाता है—वह दिन जब 1949 में संविधान को अपनाया गया था।

भारत के गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे होने पर हमारा संविधान – हमारा सम्मान नामक वर्ष-भर चलने वाला राष्ट्रव्यापी अभियान लागू किया गया। इसे 24 जनवरी 2024 को उपराष्ट्रपति द्वारा लॉन्च किया गया।

यह अभियान DISHA योजना से एकीकृत है और इसका लक्ष्य है—
संवैधानिक मूल्यों को समझना, अपनाना और व्यवहार में लाना।

वर्षभर के अभियान के बाद 24 जनवरी 2025 को यह अभियान अपने अगले चरण
"हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान" में परिवर्तित किया गया।
इसका उद्देश्य है— संविधान के प्रति गर्व और गहरी चेतना विकसित करना।

अभियान के उद्देश्य

  • संविधान के प्रति एक दृश्य पहचान बनाना

  • नागरिकों में संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ाना

  • संविधान निर्माण में हुए अद्भुत परिश्रम को सामने लाना

  • भारतवासियों में संविधान के प्रति गौरव की भावना उत्पन्न करना

देशभर में 13,700+ कार्यक्रम और 1 करोड़+ नागरिकों की सहभागिता हुई।

यह केवल एक स्मरण नहीं, बल्कि विकसित भारत 2047 की दिशा में नागरिक सहभागिता को उत्प्रेरित करने वाला आंदोलन बन गया।

अभियान के तीन मुख्य उप-अभियान

1. सबको न्याय – हर घर न्याय

न्याय को सुलभ, सस्ती, और नागरिक-केंद्रित बनाना।

प्रमुख पहल:

(a) पंच प्रण प्रतिज्ञा

जिसमें शामिल है:

  • विकसित भारत

  • गुलामी की मानसिकता से मुक्ति

  • विरासत पर गर्व

  • एकता और अखंडता

  • कर्तव्यनिष्ठ नागरिक

लोग MyGov पर प्रतिज्ञा लेकर ई-सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।

(b) न्याय सेवा मेला (स्टेट लेवल)

25 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजन।

  • Voice of Beneficiaries

  • टेली-लॉ प्रोफाइल

  • फील्ड कर्मियों का सम्मान
    84 लाख+ लोगों तक पहुंच।

(c) न्याय सहायक (Nyaya Sahayak)

  • घर-घर कानूनी जागरूकता

  • 14,598+ मामलों का पंजीकरण

  • गाँव/ब्लॉक स्तर पर "विधि बैठकें"

2. नव भारत नव संकल्प

युवाओं को संविधान और पंच प्राण से जोड़ने के लिए MyGov आधारित इंटरैक्टिव अभियान।

3. विधि जागृति अभियान

ग्रामीण एवं वंचित वर्गों में कानूनी अधिकारों की जागरूकता बढ़ाना।

प्रमुख पहल:

(a) ग्राम विधि चेतना

10,000+ लाभार्थियों तक पहुंच।

(b) वंचित वर्ग सम्मान अभियान

IGNOU और दूरदर्शन के साथ वेबिनार
विषय:

  • बच्चों, महिलाओं, दिव्यांगजनों, SC, ट्रांसजेंडर, वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार

  • सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ

(c) नारी भागीदारी

महिलाओं के अधिकारों पर वेबिनार और गांव-स्तर के कार्यक्रम।

विशेष आयोजन

1. बीकानेर – 9 मार्च 2024

पहला क्षेत्रीय कार्यक्रम

  • न्याय सहायक पहल लॉन्च

  • 900 प्रतिभागी

2. प्रयागराज – 16 जुलाई 2024

दूसरा कार्यक्रम

  • ‘हमारा संविधान हमारा सम्मान’ पोर्टल लॉन्च

  • 800 प्रतिभागी

3. गुवाहाटी – 19 नवंबर 2024

तीसरा कार्यक्रम

  • पॉडकास्ट, कॉमिक बुक, संविधान कट्टा लॉन्च

  • 1400 प्रतिभागी

4. कुंभ, प्रयागराज – 24 जनवरी 2025

समापन कार्यक्रम

  • उपलब्धि पुस्तिका जारी

  • 2000 प्रतिभागी

निष्कर्ष

हमारा संविधान – हमारा सम्मान और हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान
भारत के इतिहास में सबसे व्यापक संविधान जागरूकता अभियानों में से हैं।

इस अभियान ने—

  • न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व

  • कानूनी साक्षरता

  • जनभागीदारी

  • डिजिटल और जमीनी जुड़ाव

को देशभर में मजबूती से स्थापित किया।

13,700+ कार्यक्रम
1 करोड़+ प्रतिभागी

यह अभियान केवल जागरूकता नहीं, बल्कि
संविधान के प्रति गर्व और नागरिक सशक्तिकरण का राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है।


छत्तीसगढ़ देश का सबसे भरोसेमंद और तेज़ी से उभरता औद्योगिक गंतव्य- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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छत्तीसगढ़ को मिले 6800 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव, उद्योग और पर्यटन को मिलेगा बूस्ट 

दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में 3,000 से ज्यादा रोजगार का खुला रास्ता

नई दिल्ली- राजधानी दिल्ली आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को अभूतपूर्व निवेश प्रस्ताव मिले। स्टील, ऊर्जा और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख कंपनियों ने राज्य में उद्योग स्थापित करने, क्षमता विस्तार, होटल निर्माण और वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए रुचि दिखाई। कार्यक्रम में शामिल कंपनियों ने कुल 6321.25 करोड़ के औद्योगिक निवेश और 505 करोड़ का पर्यटन निवेश का प्रस्ताव दिया है। इन परियोजनाओं से आगामी वर्षों में 3,000 से अधिक रोजगार अवसर सृजित होने की उम्मीद है। इस निवेश प्रस्ताव के साथ अब तक छत्तीसगढ़ को कुल 7.90 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं।

दिल्ली स्थित होटल द ललित में आज आयोजित कार्यक्रम में स्टील और टूरिज़्म सेक्टर को केंद्र में रखते हुए नए निवेश अवसरों पर फोकस किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उद्योग जगत के प्रमुख निवेशकों, विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों ने छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की एवं स्टील और टूरिज़्म सेक्टर की कई कंपनियों को निवेश प्रस्ताव पत्र सौंपे।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, भारत सरकार के केमिकल और उर्वरक मंत्रालय के सचिव अमित अग्रवाल, इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंडरिक भी उपस्थित रहे। 

मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ आज देश के सबसे भरोसेमंद, स्थिर और तेज़ी से उभरते हुए औद्योगिक गंतव्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य में ऊर्जा, खनिज, सक्षम मानव संसाधन और निवेशक-हितैषी नीति का ऐसा संयोजन मौजूद है, जो किसी भी उद्योग के लिए अत्यंत उपयुक्त वातावरण तैयार करता है।

उन्होंने बताया कि सिंगल विंडो सिस्टम के तहत अनुमतियाँ अब पहले की तुलना में अधिक तेज़ी और पारदर्शिता के साथ जारी हो रही हैं। छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाना आज पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। राज्य में कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, टिन, लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की उपस्थिति बड़े औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्र के लिए वरदान है। उन्होंने कहा कि हाल ही में आयोजित 'एनर्जी समिट' में राज्य को साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और कई परियोजनाओं में कार्य प्रारंभ भी हो चुका है।

मुख्यमंत्री साय ने स्टील सेक्टर का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश का स्टील हब है, जहां भिलाई स्टील प्लांट, नगरनार स्टील प्लांट और एमएसएमई आधारित स्टील इकाइयां राज्य की औद्योगिक पहचान को मजबूती प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा भिलाई स्टील प्लांट पिछले 70 वर्षों से देश की औद्योगिक प्रगति का स्तंभ रहा है और इसकी उपस्थिति ने स्टील आधारित उद्योगों का प्राकृतिक इकोसिस्टम तैयार किया है। ग्रीन स्टील और नवीकरणीय ऊर्जा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य राज्य के लिए नए अवसर लेकर आया है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

टूरिज़्म सेक्टर पर बात करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर आज बहुत बदल रहा है। नक्सल हिंसा में कमी आई है, सड़कें, इंटरनेट और सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि बस्तर अब निवेश और पर्यटन दोनों का नया केंद्र बन रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि 26 मार्च 2026 तक बस्तर पूरी तरह नक्सल-मुक्त हो जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है और राज्य सरकार होम-स्टे नीति, ट्राइबल टूरिज्म व सस्टेनेबल टूरिज्म पर फोकस कर रही है। 

इस अवसर पर सीएसआईडीसी के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष नीलू शर्मा, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, पर्यटन विभाग के सचिव रोहित यादव, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, संचालक प्रभात मलिक, सीएसआईडीसी के महाप्रबंधक विश्वेश कुमार, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, इन्वेस्टमेंट कमिश्नर ऋतु सेन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ को मिले प्रमुख निवेश प्रस्ताव

  1. ग्रीन एनर्जी इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने कचरे से बिजली उत्पादन करने वाले 50 मेगावॉट के वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट की स्थापना के लिए ₹3,769 करोड़ का निवेश प्रस्तावित किया है, जिससे 150 लोगों को रोजगार मिलेगा। यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ में कचरा प्रबंधन और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
  2. आरती कोटेड स्टील द्वारा 315 करोड़ निवेश प्रस्ताव दिया गया है, एवं 550 रोजगार सृजन की संभावना है। 
  3. एसडीआरएम मेटैलिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्टील प्लांट एवं पावर यूनिट के लिए ₹195.75 करोड़ का निवेश प्रस्ताव दिया है, जिससे रोजगार 492 रोजगार सृजन की संभावना है। 
  4. आरएसएलडी बायोफ्यूल प्राइवेट लिमिटेड, चंडीगढ़ द्वारा इथेनॉल प्लांट हेतु ₹200 करोड़ का निवेश प्रस्ताव दिया है, एवं 213 रोजगार सृजन की संभावना है। 
  5. जे.के. लक्ष्मी सीमेंट, राजस्थान द्वारा क्षमता विस्तार हेतु 1816.5 करोड़ से अधिक निवेश प्रस्ताव, 110 रोजगार सृजन 
  6. अरमानी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज़, रायपुर द्वारा मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माण हेतु ₹25 करोड़ का प्रस्ताव, जिससे 200 युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।

पर्यटन क्षेत्र में मिले 505 करोड़ के निवेश प्रस्ताव

  1. मार्स विवान प्राइवेट लिमिटेड, रायपुर द्वारा 217 कमरों वाले होटल के लिए ₹220 करोड़ निवेश इससे 522 लोगों को रोजगार प्राप्त होगी। 
  2. हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट, तेलंगाना द्वारा वेलनेस रिसॉर्ट एवं शिक्षा केंद्र हेतु ₹200 करोड़ निवेश
  3. विद्या इन, जशपुर द्वारा 52 कमरों के होटल हेतु ₹25 करोड़ निवेश
  4. पीएसए रिज़ॉर्ट, जगदलपुर द्वारा 150 कमरों के एडवेंचर होटल एवं रिसॉर्ट हेतु ₹60 करोड़ निवेश, जिससे बस्तर में पर्यटन गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी। इससे 200 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

IITF 2025 में युवाओं की भागीदारी का उत्सव

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नई दिल्ली में आयोजित 44वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) में इस वर्ष का थीम “एक भारत श्रेष्ठ भारत” केवल मंडपों या सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ही नहीं, बल्कि उन युवा कारीगरों और उद्यमियों के चेहरों पर जीवंत होता दिखाई देता है, जो गर्व के साथ अपने स्टॉल संभाल रहे हैं। बिजनौर से मधुबनी, अलवर से कच्छ, और भूमध्यसागर पार ट्यूनीशिया तक—IITF 2025 भारत और विश्व के आर्थिक तथा सांस्कृतिक परिदृश्य को बदलने वाली युवा पीढ़ी की जीवंत झलक प्रस्तुत करता है।

भारत मंडपम की चौड़ी गलियारों में ये युवा प्रतिभागी केवल उत्पाद नहीं बेच रहे हैं। वे पारिवारिक विरासतों को आगे बढ़ा रहे हैं, पारंपरिक हस्तशिल्प में नवाचार कर रहे हैं, नई तकनीकों के साथ प्रयोग कर रहे हैं और अपने आत्मनिर्भर उद्यमी सफर को आकार दे रहे हैं।

इन युवाओं की कहानियों में MSME विकास, कौशल उन्नयन, ग्रामीण आजीविका और वैश्विक बाजार से जुड़ाव बढ़ाने वाली नीतियों की वास्तविक अभिव्यक्ति देखी जा सकती है। इन प्रयासों को सशक्त बनाता है मेरा युवा भारत (MY Bharat)—भारत सरकार की एक ऐतिहासिक पहल, जो युवाओं को नेतृत्व, नवाचार और राष्ट्रनिर्माण के लिए मंच प्रदान करती है।

IITF 2025 में, युवाओं की आकांक्षाएँ अवसर से मिलती हैं—और उन्हें राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश के भविष्य को आकार देने का मौका मिलता है।

बिजनौर का गुड़ नवाचारक

उत्तर प्रदेश के बिजनौर से आए 26 वर्षीय नमन शर्मा नई पीढ़ी के उस संकल्प का प्रतीक हैं, जो अपनी मिट्टी से जुड़कर विरासत को आधुनिक पहचान देना चाहते हैं। भारत के प्रमुख गन्ना उत्पादक जिलों में से एक बिजनौर का प्रतिनिधित्व करते हुए नमन कहते हैं—

“मैं गुड़ उद्योग को आधुनिक बनाना चाहता हूँ और लोगों को रसायन-मुक्त, प्राकृतिक उत्पाद देना चाहता हूँ।”

2018 से प्रयोग शुरू कर चुके नमन ने 2021 में अपनी कंपनी पंजीकृत की। उनके 21 वर्षीय भाई और 23 वर्षीय बहन उनकी मुख्य टीम हैं। वे 15 फैक्ट्री कर्मचारियों और पैकेजिंग यूनिट में 25 महिलाओं को रोजगार देते हैं।

IITF में उनकी यह पहली भागीदारी है, जो क्षेत्रीय आयोजनों में उल्लेखनीय सफलता के बाद संभव हुई। अब वे निर्यात बाजार को लक्ष्य बना रहे हैं और PMEGP के माध्यम से यूनिट विस्तार की तैयारी कर रहे हैं।

पद्मश्री विरासत को आगे बढ़ाता मधुबनी का युवा कलाकार

बिहार मंडप में मधुबनी कला के रंग सबका ध्यान आकर्षित करते हैं। इन्हीं रंगों के बीच 18 वर्षीय मधुरम कुमार झा खड़े हैं—जितवारपुर गाँव के, जो मधुबनी कला का केंद्र माना जाता है।

उनकी दादी पद्मश्री बऊआ देवी—मिथिला कला की अग्रणी हस्ती हैं। मधुरम बचपन से उनकी कला को देखते हुए बड़े हुए।

वे कहते हैं—
“जब दादी माँ पेंटिंग करती थीं, मैं उनके पास बैठ जाता था… देखकर सीखता था।”

पढ़ाई के साथ वे देशभर में प्रदर्शनियों में भाग लेते हैं। वे चाहते हैं कि मधुबनी कला “हर गली, हर देश” तक पहुँचे। आगे चलकर वे IRS अधिकारी या नौसेना में शामिल होना चाहते हैं।

वे बताते हैं—
“सरकार ने हमें नाम दिया है, पहचान दी है… दादी माँ की वजह से।”

राजस्थान की कुम्हार परंपरा को आगे बढ़ाती करिश्मा

राजस्थान मंडप में टेराकोटा के बर्तन करीने से सजे हैं। इनके बीच 20 वर्षीय करिश्मा परजापत अपने परिवार की कुम्हारी परंपरा का प्रतिनिधित्व करती हैं।

वे बताती हैं—
“हम मिट्टी तोड़ते हैं, गलाते हैं, भिगोते हैं… फिर पिता उसे आकार देते हैं और भट्टी में पकाते हैं।”

करिश्मा बीए कर रही हैं और साथ ही परिवार की इस कला में हाथ बँटा रही हैं। उनका स्टॉल महिला सशक्तिकरण निदेशालय द्वारा प्रायोजित है, और यह उनका दूसरा चयन है।

उनकी उपस्थिति भारतीय हस्तकला में युवा महिलाओं की बढ़ती भूमिका का मजबूत संकेत है।

800 वर्ष पुरानी कच्छ की घंटी कला के युवा शिल्पकार

गुजरात के 26 वर्षीय लुहार जावेद अब्दुल्ला जब अपनी कला के बारे में बताते हैं, तो मानों सदियों पुरानी कहानी सुनाते हैं—

“हमारा काम 800-900 साल पुराना है, और हमारे परिवार का 400 साल से अधिक।”

कच्छ की यह पारंपरिक तांबे की घंटियाँ, जो पहले मवेशियों के गलों में बांधी जाती थीं, अब वाद्ययंत्र, विंड चाइम और सजावटी वस्तुओं के रूप में बनाई जाती हैं। उनकी यूनिट में 20 कर्मचारी हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएँ हैं।

IITF उनके लिए व्यापार से आगे एक सांस्कृतिक मंच है—जहाँ हर घंटी कच्छ की विरासत को नई पहचान देती है।

सीमाओं के पार: अंतरराष्ट्रीय मंडप के युवा चेहरे

IITF 2025 में 12 देशों ने भाग लिया है। अंतरराष्ट्रीय मंडप वैश्विक संस्कृतियों और शिल्प का जीवंत संगम बन गया है।

इसी भीड़ में 26 वर्षीय अहमद शाहिद (ट्यूनीशिया) अपने हाथ से बने सिरेमिक, ऑलिव वुड उत्पाद और सजावटी वस्तुएँ प्रदर्शित कर रहे हैं।

वे कहते हैं—
“भारतीय लोग बहुत सवाल पूछते हैं… जानना चाहते हैं कि चीजें कैसे बनती हैं।”

IITF उनके लिए भारतीय बाजार को समझने, व्यापारिक साझेदारियों और निर्यात अवसरों का द्वार है।

युवा: परिवर्तन की धुरी

IITF 2025 “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना को युवाओं की जीवंत भागीदारी के माध्यम से मजबूत बनाता है। ये युवा—
उद्यमी, कलाकार, नवप्रवर्तक—भारत की विविधता को अपनी रचनात्मक ऊर्जा के साथ प्रस्तुत करते हैं।

उनकी कहानियाँ दर्शाती हैं कि जब युवाओं को मंच मिलता है, तो वे परंपरा और नवाचार दोनों में नया जीवन फूँकते हैं।

यही युवा हैं जो आज देश की प्रगति को आगे बढ़ा रहे हैं—हर कला, हर तकनीक और हर विचार के साथ।


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से की सौजन्य मुलाकात

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छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओं के विस्तार और नए प्रोजेक्ट्स पर हुई विस्तृत चर्चा

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से सौजन्य मुलाकात की। बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ में रेलवे से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों रेल सुविधाओं के विस्तार, नए रेल प्रोजेक्ट्स की प्रगति, तथा प्रगतिरत परियोजनाओं की पूर्णता के संबंध में  विस्तृत और सार्थक चर्चा हुई।मुख्यमंत्री साय ने आग्रह किया कि   स्वीकृत परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए, ताकि नागरिकों, उद्योगों और व्यापारियों को बेहतर परिवहन सुविधाएँ मिल सकें। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे मंत्रालय छत्तीसगढ़ में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, एवं वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार उपस्थित थे।

एपीएल अपोलो इंडस्ट्रीज ने छत्तीसगढ़ में 1200 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया, 100 बिस्तरों का चैरिटी अस्पताल भी बनाएगी कंपनी

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रायपुर- एपीएल अपोलो इंडस्ट्रीज ग्रुप के चेयरमैन संजय गुप्ता ने अपनी टीम के साथ आज नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाक़ात की। मुलाक़ात के दौरान कंपनी ने राज्य में लगभग ₹1200 करोड़ के औद्योगिक निवेश का बड़ा प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा।

कंपनी ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि वह छत्तीसगढ़ में उत्पादन क्षमता बढ़ाने और नए औद्योगिक संयंत्रों की स्थापना पर गंभीरता से काम कर रही है। निवेश प्रस्ताव राज्य की नई औद्योगिक नीति और तेज़ी से विकसित हो रहे औद्योगिक बुनियादी ढांचे को देखते हुए पेश किया गया है।

बैठक में एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल की घोषणा भी की गई। एपीएल अपोलो ग्रुप ने बताया कि वह छत्तीसगढ़ में 100 बिस्तरों का एक आधुनिक चैरिटी अस्पताल भी जल्द शुरू करेगा, जिससे आम जनता को किफ़ायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकेंगी।

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