Responsive Ad Slot

Latest

latest
lockdown news

महासमुंद की खबरें

महासमुंद की खबर

रायगढ़ की ख़बरें

raigarh news

दुर्ग की ख़बरें

durg news

जम्मू कश्मीर की ख़बरें

jammu and kashmir news

VIDEO

Videos
top news


 

छत्तीसगढ़ के शहरों को आधुनिक, सुंदर और जीवंत बनाने की प्रभावी योजना- मुख्यमंत्री साय

No comments Document Thumbnail

 रायपुर : छत्तीसगढ़ के शहरों में आइकॉनिक (Iconic) विकास कार्यों के लिए राज्य शासन ने इस साल मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना शुरू की है। पहले चरण में इसे राज्य के सभी 14 नगर निगमों में लागू किया गया है। इसके तहत शहरों में मजबूत अधोसंरचना के विकास के बड़े काम मंजूर किए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री  अरुण साव के अनुमोदन के बाद योजना के अंतर्गत अब तक 13 नगर निगमों में 26 कार्यों के लिए 429 करोड़ 45 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें मरीन ड्राइव विस्तार, ऑक्सीजोन-कम-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, रोड जंक्शन, हाइटेक बस स्टैंड, ऑडिटोरियम, तालाब सौंदर्यीकरण, उद्यान विकास, जलापूर्ति सुदृढ़ीकरण, कॉरीडोर निर्माण, गौरव पथ निर्माण, सड़क बाइपास एवं चौड़ीकरण जैसे वृहद कार्य शामिल हैं। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। स्वीकृत कार्यों में से पांच कार्यों के लिए संबंधित फर्म्स को कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। वहीं पांच कार्यों का भूमिपूजन भी हो गया है।


मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने राज्य शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के बारे में कहा कि इस योजना से शहरों के अधोसंरचना विकास में बड़ा बदलाव आएगा। शहरों के सतत् विकास और नागरिक केंद्रित समाधानों को ध्यान में रखते हुए यह योजना तैयार की गई है। छत्तीसगढ़ के शहरों को आधुनिक, सुंदर और जीवंत बनाने में यह योजना प्रभावी साबित होगी। शहरों की सूरत और सीरत बदलने में इसकी अहम भूमिका होगी।


उप मुख्यमंत्री  अरुण साव ने बताया कि जीवंत शहरों के निर्माण और इज ऑफ लीविंग के लिए इस साल के बजट में शामिल कार्ययोजना के अनुसार मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना प्रारंभ की गई है। पहले चरण में राज्य के सभी नगर निगमों को इसमें शामिल किया गया है। चरणबद्ध रूप से इसे सभी नगरीय निकायों में लागू किया जाएगा। योजना के माध्यम से शहरों में बढ़ती आबादी के मद्देनजर सुगम यातायात के लिए मुख्य सड़कों के निर्माण, चौड़ीकरण, बाइपास सड़क, फ्लाई-ओव्हर, सर्विस-लेन, अंडर-पास तथा अन्य बुनियादी ढांचों का विकास किया जाएगा। राज्य के शहरों को सुंदर, आधुनिक, व्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए रिवर-फ्रंट डेवलपमेंट और भव्य उद्यानों का भी निर्माण योजना के तहत किए जाएंगे। योजना में ऐसे आइकॉनिक कार्य व परियोजनाएं ली जाएंगी जो शहर के विकास का उदाहरण बन सके।

मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना से होंगे ये काम

मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना से प्रमुख रूप से मुख्य सड़क निर्माण एवं मुख्य सड़क चौड़ीकरण कार्य, बाइपास रोड निर्माण, मुख्य सड़क में सर्विस रोड निर्माण कार्य, फ्लाई-ओव्हर निर्माण कार्य, अंडर-पास सड़क निर्माण कार्य, जलप्रदाय योजना के कार्य, सीवरेज नेटवर्क निर्माण कार्य, एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य, मुख्य सड़कों में रोटरी चौक निर्माण पुनर्व्यवस्था कार्य, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स निर्माण, हाइटेक बस स्टैण्ड निर्माण, ऑडिटोरियम निर्माण, भव्य उद्यान विकास एवं रिवर-फ्रंट डेवलपमेंट कार्य तथा पर्यटन स्थलों के विकास के कार्य किए जाएंगे। इनके साथ ही शहर की जरूरत के अनुसार अन्य विशिष्ट कार्य भी किए जाएंगे।

कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी मॉनिटरिंग

मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना के कार्यों की मॉनिटरिंग और निगरानी कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी। समिति प्रगतिरत कार्यों की नियमित समीक्षा कर समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करेगी। संबंधित नगर निगम के आयुक्त समिति के सदस्य-सह-सचिव होंगे। वहीं जिले में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता समिति के अन्य सदस्य होंगे।

रायपुर में 91.27 करोड़, रायगढ़ में 64.66 करोड़ और बिलासपुर में 57.92 करोड़ के काम, कोरबा में गौरव पथ के लिए 36.55 करोड़

मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना से रायपुर नगर निगम में कुल 91 करोड़ 27 लाख रुपए के चार कार्यों की स्वीकृति दी गई है। इनमें नौ करोड़ दो लाख रुपए की लागत से 18 रोड जंक्शन्स (Road Junctions) के विकास, 23 करोड़ 38 लाख रुपए से जल आपूर्ति व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, 18 करोड़ 86 लाख रुपए के महादेव घाट पुनरूद्धार योजना फेज-1 और तेलीबांधा में 40 करोड़ रुपए के टेक्नीकल टॉवर का निर्माण शामिल है। रायगढ़ नगर निगम में कुल 64 करोड़ 66 लाख रुपए के तीन कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनमें 29 करोड़ 57 लाख रुपए का न्यू शनि मंदिर से छठघाट तक मरीन ड्राइव विस्तार, 12 करोड़ 81 लाख रुपए का एफ.सी.आई. के पास ऑक्सीजोन-कम-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स विकास कार्य और 22 करोड़ 28 लाख रुपए का न्यू सारंगढ़ बस स्टैंड (अंतरराज्यीय बस टर्मिनल) का उन्नयन कार्य शामिल है।

बिलासपुर नगर निगम में योजना के तहत कुल 57 करोड़ 92 लाख रुपए की लागत के नौ कार्य मंजूर किए गए हैं। इनमें 17 करोड़ रुपए का अशोक नगर-बिरकोनी रोड चौड़ीकरण, नौ करोड़ 74 लाख रुपए का अरपा इंद्रा सेतु से राम सेतु तक अटल पथ निर्माण, पांच करोड़ नौ लाख रुपए का मंगला चौक से आजाद चौक तक सड़क निर्माण, पांच करोड़ 26 लाख रुपए का गुरुनानक चौक से मोपका/राजकिशोर नगर तिराहा तक डामरीकरण एवं नाला निर्माण, दो करोड़ 22 लाख रुपए का रकबंधा तालाब उसलापुर का सौंदर्यीकरण, छह करोड़ 82 लाख रुपए का सिरगिट्टी क्षेत्र में सीसी रोड एवं नाली निर्माण तथा एक करोड़ 70 लाख रुपए का जोन-7 के अंतर्गत सीसी रोड विकास कार्य शामिल हैं। तिफरा में सीसी रोड और नाली निर्माण के लिए छह करोड़ 48 लाख रुपए तथा शहर में स्ट्रीट लाइट व विद्युत लाइट पोल के प्रतिस्थापन के लिए तीन करोड़ 62 लाख रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। कोरबा में सीएसईबी चौक से जैन चौक – आईटीआई चौक से कोसाबाड़ी चौक तक गौरव पथ के निर्माण के लिए 36 करोड़ 55 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।

धमतरी में बनेगा हाइटेक बस स्टैंड और ऑडिटोरियम, अंबिकापुर में मां महामाया कॉरीडोर के लिए 11.6 करोड़

योजना के तहत धमतरी नगर निगम में दो कार्यों के लिए कुल 24 करोड़ 64 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इनमें 17 करोड़ 70 लाख रुपए का नवीन हाइटेक बस स्टैंड निर्माण और छह करोड़ 94 लाख रुपए का ऑडिटोरियम निर्माण शामिल है। जगदलपुर नगर निगम में भी दो कार्यों के लिए कुल 19 करोड़ 95 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें दस करोड़ छह लाख रुपए का मुक्तिधाम से समुद्र चौक, पॉवर हाउस चौक, पंचपथ चौक होते हुए लालबाग आमागुड़ा चौक तक मार्ग चौड़ीकरण और नौ करोड़ 89 लाख रुपए का दलपत सागर विकास व सौंदर्यीकरण कार्य शामिल है। बीरगांव नगर निगम में दो कार्यों के लिए 24 करोड़ 75 लाख रुपए से अधिक की राशि मंजूर की गई है। इनमें सात करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से उरला नाला निर्माण (5.08 किलोमीटर) तथा 16 करोड़ 85 लाख रुपए का शनि मंदिर से फिल्टर प्लांट होते हुए कन्हेरा मोड़ तक सड़क निर्माण शामिल है।

नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा योजना के तहत चिरमिरी नगर निगम में चार कार्यों के लिए कुल 14 करोड़ 84 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इनमें आठ करोड़ 65 लाख रुपए का सोनामली नाका से दीनदयाल चौक पौढ़ी तक बाइपास निर्माण, तीन करोड़ 57 लाख रुपए का कोरिया कॉलरी शाखा शिवमंदिर के पास विकास एवं सौंदर्यीकरण, 69 लाख रुपए का पोड़ी वेस्ट चिरमिरी में अटल परिसर से मालवीय नगर तक सड़क चौड़ीकरण तथा एक करोड़ 93 लाख रुपए का अहिंसा चौक हल्दीवाड़ी से अग्रसेन चौक बड़ा बाजार तक सड़क चौड़ीकरण कार्य शामिल है। अंबिकापुर नगर निगम में दो कार्यों के लिए कुल 13 करोड़ 99 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इनमें दो करोड़ 39 लाख रुपए की लागत से पुष्पवाटिका सरगांव पार्क का विकास एवं जल आपूर्ति व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के साथ ही 11 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से मां महामाया कॉरीडोर का निर्माण शामिल है।

भिलाई-चरोदा में बनेगा केनाल रोड, रिसाली में तीन सड़कों के विकास और चौड़ीकरण के लिए 17.33 करोड़

दुर्ग नगर निगम में नौ करोड़ 84 लाख रुपए की लागत से धमधा मार्ग से आदित्य नगर होते हुए रायपुर नाका अंडर-ब्रिज की ओर तथा हनुमान नगर होते हुए जुनवानी रोड तक फोरलेन निर्माण, भिलाई-चरोदा नगर निगम में डभरा पारा से इन्द्रानगर तक केनाल रोड निर्माण के लिए 29 करोड़ 43 लाख रुपए और भिलाई नगर निगम में 24 कार्यों के लिए 24 करोड़ 30 लाख रुपए मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना से स्वीकृत किए गए हैं। रिसाली नगर निगम में तीन कार्यों के लिए कुल 17 करोड़ 33 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। इनमें मैत्री कुंज से मधुरिशा फेज-3 तक, आजाद चौक से कृष्णा टॉकीज रोड तक तथा श्रीराम चौक से बालाजी अपार्टमेंट (वार्ड क्रमांक-23) तक सड़क के विकास एवं चौड़ीकरण के लिए क्रमशः पांच करोड़ 21 लाख, सात करोड़ 97 लाख तथा चार करोड़ 15 लाख रुपए शामिल हैं।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने आयोजित की 30वीं वार्षिक वाद-विवाद प्रतियोगिता, CISF बनी सर्वश्रेष्ठ टीम

No comments Document Thumbnail

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), भारत ने सशस्त्र सीमा बल (SSB) के सहयोग से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के लिए अपनी 30वीं वार्षिक वाद-विवाद प्रतियोगिता का फाइनल राउंड नई दिल्ली में आयोजित किया। प्रतियोगिता का विषय था— "मानवाधिकारों का पालन अर्धसैनिक बलों द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किए बिना किया जा सकता है"।

सेमीफाइनल और ज़ोनल राउंड के बाद कुल 16 प्रतिभागियों ने हिंदी और अंग्रेज़ी में पक्ष और विपक्ष में अपनी बात रखी। CISF ने सर्वश्रेष्ठ टीम के रूप में रनिंग ट्रॉफी जीती।

व्यक्तिगत पुरस्कार

हिंदी वाद-विवाद:

  • प्रथम पुरस्कार:मायंक वर्मा, सहायक कमांडेंट, CISF

  • द्वितीय पुरस्कार: दीपक सिंह यादव, भर्ती GD, असम राइफल्स

  • तृतीय पुरस्कार: आशुतोष सिंह, कॉन्स्टेबल, BSF

अंग्रेज़ी वाद-विवाद:

  • प्रथम पुरस्कार: अरुंधति वी., सहायक कमांडेंट, CISF

  • द्वितीय पुरस्कार: मेजर आदित्य पाटिल, असम राइफल्स

  • तृतीय पुरस्कार: नरेश चन्द्र बजेटा, सहायक कमांडेंट, NSG

विजेताओं को प्रमाणपत्र, मोमेंटो के साथ क्रमशः ₹12,000, ₹10,000 और ₹8,000 की नकद राशि भी प्रदान की गई।

NHRC अध्यक्ष का संबोधन

NHRC अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमणियन ने सभी प्रतिभागियों के स्पष्ट और तर्कपूर्ण विचारों की सराहना की और कहा कि सभी विजेता बनने योग्य हैं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता का उद्देश्य सशस्त्र बलों को मानवाधिकारों के दृष्टिकोण से अपनी ड्यूटी पर चिंतन करने का अवसर देना है।

उन्होंने यह भी कहा:

  • संतुलन ही सशस्त्र बलों के कर्तव्यों का सार है।

  • यह कहना अतिशयोक्ति होगी कि मानवाधिकारों का पालन केवल राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करके ही संभव है।

  • मानवाधिकार और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर बहस प्राचीन काल से चली आ रही है—उन्होंने रामायण और महाभारत के उदाहरण भी दिए।

अन्य अधिकारियों के विचार

  • NHRC सदस्य विजय भारती सयानी: “सुरक्षा और मानवाधिकार विरोधी अवधारणाएँ नहीं, बल्कि हमारी लोकतांत्रिक संरचना के पूरक स्तंभ हैं।”

  • NHRC सचिव जनरल भारत लाल: “पुलिस का कर्तव्य और मानवाधिकारों की रक्षा एक-दूसरे के विरोध में नहीं हैं। सार्वजनिक व्यवस्था के साथ ही समानता और स्वतंत्रता का आनंद लिया जा सकता है।”

  • विशेष DG, SSB, अनुपमा निलेक्कर चंद्रा: प्रतिभागियों की स्पष्टवादी और गहन अभिव्यक्ति की सराहना की।

कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी

कार्यक्रम में NHRC के कई वरिष्ठ अधिकारी, CAPF कर्मी, DG (इन्वेस्टिगेशन) आनंद स्वरूप, रजिस्ट्रार (लॉ) जोगिंदर सिंह और जूरी सदस्यों में डॉ. मीरन चड्ढा बोरवांकर तथा प्रो. रजनी अब्बी शामिल रहे।
NHRC SSP हरीलाल चौहान ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।



फुटवियर उद्योग में बढ़ती आत्मनिर्भरता: राष्ट्रपति मुर्मु ने FDDI दीक्षांत समारोह में नवाचार, निर्यात और उद्यमिता पर दिया जोर

No comments Document Thumbnail

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी भूमिका को और विस्तार देने में सक्षम बन रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत फुटवियर सेक्टर को ‘चैंपियन सेक्टर’ का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र और प्रोत्साहन प्रदान कर रही है।

राष्ट्रपति ने बताया कि भारत फुटवियर उत्पादन और खपत में विश्व में दूसरे स्थान पर है। वित्त वर्ष 2024–25 के दौरान भारत का फुटवियर निर्यात 2500 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक रहा, जबकि आयात लगभग 680 मिलियन डॉलर रहा। उन्होंने कहा कि भारत का फुटवियर निर्यात आयात से लगभग चार गुना अधिक है, जो दर्शाता है कि भारत विश्व के प्रमुख फुटवियर निर्यातकों में से एक है। उन्होंने कहा कि निर्यात को और बढ़ाने के लिए फुटवियर उद्योग का विस्तार आवश्यक है। इससे छात्रों के लिए उद्यमी बनने, रोजगार सृजन करने या प्रतिष्ठानों में रोजगार पाने के अधिक अवसर बनेंगे।

राष्ट्रपति ने FDDI और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थैम्पटन के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि यह भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते के तहत सहयोग के एक और आयाम को मजबूत करता है। उन्होंने उल्लेख किया कि यह MoU सतत सामग्री और सर्कुलर इकोनॉमी प्रथाओं पर विशेष जोर देता है, जो दोनों देशों की पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि फुटवियर डिजाइन का क्षेत्र अनेक महत्वपूर्ण आयामों से जुड़ा है। उन्होंने स्नातक हो रहे छात्रों को सलाह दी कि वे व्यापक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ें और अपने कार्य के माध्यम से समाज और राष्ट्र के बहुआयामी विकास में योगदान दें। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने डिजाइन के माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य और सुविधा में सुधार लाएं; रोजगार सृजन में योगदान दें; विकास यात्रा में पिछड़े लोगों को आर्थिक अवसरों से जोड़ें; निर्यात को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करें; गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के माध्यम से भारत के ब्रांड एंबेसडर बनें; और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के राष्ट्रीय लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान दें।


आम जनता के साथ पुलिस संवेदनशीलता के साथ बर्ताव करें - राज्यपाल डेका

No comments Document Thumbnail

 रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि पुलिस को आमजनता से मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए संवेदनशीलता के साथ बर्ताव करना चाहिए। पुलिस की छवि, थाने में शिकायत लेकर आने वाले नागरिकों से किए गए व्यवहार से बनती है।


पुलिस अधिकारियों को थाने में आए पीड़ित व्यक्तियों की सहायता के लिए तत्पर होना चाहिए। राज्यपाल डेका ने आज राजभवन में भेंट करने आए भारतीय पुलिस सेवा के परीवीक्षाधीन अधिकारियों से उक्त बातें कही।

भेंट के दौरान राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना, नेताजी सुभाषचंद्र बोस राज्य पुलिस अकादमी, चंद्रखुरी रायपुर के निदेशक अजय कुमार यादव, अकादमी के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज शुक्ला भी उपस्थित थे। परीवीक्षाधीन आइपीएस अधिकारियों आदित्य कुमार, अंशिका जैन, बनसोडे प्रतीक दादासाहेब और साकोरे मानसी नानाभाऊ ने राज्यपाल से भेंट की।

प्रकृति आधारित जीवनशैली से कई बीमारियों से बचाव संभव - राज्यपाल

No comments Document Thumbnail

 रायपुर । राज्यपाल डेका ने कहा है कि स्वस्थ रहने के लिए हमें प्रकृति के नियमों का ध्यान रखा जाना चाहिए। हमारा खान-पान और जीवन शैली प्रकृति के अनुरूप होने से हम बहुत सी बीमारियों से बच सकते हैं। राज्यपाल के एक निजी होटल में आयेाजित छत्तीसगढ़ ओबिसिटीज़, डायबिटिज एंड इंडोक्राइन (मोटापा, मधुमेह, अंतःस्रावी) सोसाइटी (कोड) के तृतीय वार्षिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।


अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज डायबिटीज़, मोटापा और हार्माेन संबंधी बीमारियां न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में भी एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनकर उभर रही है। भारत को दुनिया का डायबिटीज कैपिटल कहा जाने लगा है, छत्तीसगढ़ की स्थिति भी चिंता बढ़ाती है। राज्य में 15 से 19 आयु समूह में लगभग 9 से 10 प्रतिशत वयस्कों में ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक पाया गया है और शहरी क्षेत्रों में यह प्रतिशत और तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज, मोटापा और मानसिक बीमारी ये सब हमारी सिविलाइजेशन से पैदा हुई समस्या है। दरअसल, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण प्रदूषण- विशेषकर माइक्रो प्लास्टिक का उपयोग हमारी सेहत पर विपरीत असर डालने वाली एक बड़ी चुनौती है।

डेका ने कहा कि आज हम जीवन शैली और व्यवहार में पश्चिमी शैली का अनुसरण कर रहे हैं। राज्यपाल ने 600 ईसा पूर्व रचित प्राचीन ग्रंथ चरक संहिता का उल्लेख करके हुए कहा कि उस समय भी भोजन की गुणवत्ता और प्रकृति को चयापचय संबंधी रोगों का मूल माना गया था। राज्यपाल ने कहा कि हमारे ऋषि पहले ही चेतावनी दे चुके थे कि अनुचित आहार ही शरीर के संतुलन को बिगाड़कर रोगों की जड़ बनता है। आज विज्ञान भी यही सिद्ध कर रहा है। आज जो मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है, वह जंक फूड के कारण है। राज्यपाल ने चिकित्सकों की सामाजिक और नैतिक भूमिका पर विशेष बल देते हुए कहा कि चिकित्सक अपने सफेद एप्रॉन को दाग से मुक्त रखें।

राज्यपाल ने चिकित्सकों को समाज का मार्गदर्शक बताया। राज्यपाल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में निजी चिकित्सक और चिकित्सा संस्थान जो योगदान दे रहे हैं, वह सराहनीय है। उन्होंने चिकित्सकों से आह्वान किया कि छत्तीसगढ़ में सिकलसेल के प्रति जनजागरूकता लाने और टीबी के उन्मूलन में योगदान दें। कार्यक्रम में प्रो. एसएन मिश्रा को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया, साथ ही क्विज प्रतियोगिता के विजेता छात्रों को पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रदीप पात्रा उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में आयोजन समिति की प्रमुख डॉ. कल्पना दास, डॉ. संजीत जायसवाल एवं अन्य सदस्यों ने अतिथियों का स्वागत किया। कोडकॉन सम्मेलन में देशभर के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, चिकित्सक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्होंने आधुनिक चिकित्सा, जीवन शैली जनित रोगों और तकनीकी प्रगति पर विचार साझा किए।

रायपुर में आज उतरेगी टीम इंडिया - 3 दिसंबर को होगा हाई-वोल्टेज मुकाबला

No comments Document Thumbnail

 रायपुर। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले दूसरे वनडे मैच के लिए आज दोनों टीमें रायपुर पहुंच रही हैं। 3 दिसंबर को शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, नवा रायपुर में होने वाले मैच को लेकर क्रिकेट प्रेमियों में जबरदस्त उत्साह है।


सीरीज में टीम इंडिया पहले ही रांची वनडे जीतकर 1-0 से बढ़त बनाए हुए है। रोहित शर्मा, विराट कोहली समेत कई स्टार खिलाड़ियों के आज रायपुर आने की संभावना है।

ब्लैक में टिकट बेचते दो आरोपी पकड़े गए

मैच का रोमांच बढ़ने के साथ ही टिकट ब्लैक में बेचे जाने का खेल भी शुरू हो गया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो युवकों को ब्लैक टिकट बेचने के आरोप में हिरासत में लिया है।

मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस को टिकटों की अवैध बिक्री की सूचना मिली।
भारत माता चौक के पास घेराबंदी कर पुलिस ने ऋतिक माकीजा और देवव्रत माकीजा को पकड़ा।

थाना प्रभारी दीपक पासवान ने बताया कि आरोपियों पर प्रतिबंधात्मक धाराओं में कार्रवाई की गई है और पुलिस ऐसे लोगों पर लगातार नजर रखे हुए है।

टिकट के लिए मची होड़, बैरिकेड तोड़ने की कोशिश

इंडोर स्टेडियम में फिजिकल टिकट वितरण के दौरान सोमवार को छात्रों की भारी भीड़ उमड़ी।
सुबह 4 बजे से ही काउंटर के बाहर लाइन लग गई थी, जबकि वितरण सुबह 10 बजे से शुरू हुआ।
इस दौरान धक्कामुक्की और अफरातफरी की स्थिति बन गई। कुछ छात्राओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, जिससे पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

पहला चरण—16 हजार टिकट 15 मिनट में सोल्ड आउट

पहले चरण में शाम 5 बजे ऑनलाइन टिकट बिक्री शुरू होते ही 16 हजार टिकट सिर्फ 15 मिनट में बिक गए।
वेबसाइट पर "Sold Out" दिखाई देने से लोग भ्रमित हो गए, जबकि अभी दूसरे चरण में टिकट जारी किए जाएंगे, जिन्हें बाद में फिजिकल टिकट में बदल सकेंगे।

मैच शेड्यूल

  • 1 दिसंबर: टीम इंडिया और साउथ अफ्रीका रायपुर पहुंचेंगी
  • 2 दिसंबर: दोनों टीमों की प्रैक्टिस
  • 3 दिसंबर: वनडे मैच

स्टेडियम में सुविधाएँ – पानी मुफ्त, खाने के रेट तय

दर्शकों की सुविधा के लिए स्टेडियम में 22 बड़े वॉटर फिल्टर लगाए गए हैं, जिससे पानी मुफ्त मिलेगा।
साथ ही सभी फूड वेंडर्स को रेट-लिस्ट डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा, ताकि ओवरचार्जिंग न हो। अलग-अलग जगहों पर रेट-चार्ट भी लगाए जाएंगे।

शीतकालीन सत्र से पहले PM मोदी का संबोधन: लोकतांत्रिक ऊर्जा, नीति-केन्द्रित बहस और राष्ट्रहित पर जोर

No comments Document Thumbnail

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद परिसर में 2025 के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले मीडिया को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह सत्र केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि राष्ट्र की तीव्र प्रगति की यात्रा में नई ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है। उन्होंने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह सत्र देश की प्रगति को गति देने के लिए चल रहे प्रयासों में नई ऊर्जा का संचार करेगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने लगातार अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं की जीवंतता और भावना को प्रदर्शित किया है। हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए, उन्होंने रिकॉर्ड मतदान को राष्ट्र की लोकतांत्रिक शक्ति का सशक्त प्रमाण बताया। उन्होंने महिला मतदाताओं की बढ़ती भागीदारी को भी अत्यंत उत्साहजनक और प्रेरणादायक बताया, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में नया विश्वास और नई उम्मीद जगाती है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत की लोकतांत्रिक संस्थाएं मजबूत हो रही हैं, विश्व यह देख रहा है कि यह लोकतांत्रिक ढांचा देश की आर्थिक क्षमता को भी मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा, “भारत ने सिद्ध किया है कि लोकतंत्र डिलीवर कर सकता है।” मोदी ने जोर देकर कहा, “भारत की आर्थिक प्रगति जिस गति से नए आयाम छू रही है, वह हमें आत्मविश्वास देती है और विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए नई शक्ति प्रदान करती है।”

प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि सत्र का केंद्र राष्ट्रीय हित, रचनात्मक बहस और नीतिगत परिणाम होने चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वह देश के लिए क्या सोच रखती है और क्या देने के लिए प्रतिबद्ध है। विपक्ष से लोकतांत्रिक जिम्मेदारी निभाने का आह्वान करते हुए, उन्होंने सार्थक और गंभीर मुद्दे उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने चेताया कि चुनावी हार की निराशा को संसद की कार्यवाही पर हावी नहीं होने देना चाहिए। वहीं, चुनावी जीत के अहंकार से भी सावधान करते हुए उन्होंने कहा, “शीतकालीन सत्र में संतुलन, जिम्मेदारी और जनप्रतिनिधियों की अपेक्षित गरिमा झलकनी चाहिए।”

प्रधानमंत्री ने सूचित बहस के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सदस्यों को यह देखना चाहिए कि क्या अच्छा चल रहा है उसे और बेहतर कैसे बनाया जाए, और जहां आवश्यकता हो वहां सही, रचनात्मक आलोचना प्रस्तुत की जाए ताकि नागरिकों को सही जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा, “यह काम कठिन है, लेकिन देश के लिए अनिवार्य है।”

पहली बार चुने गए और युवा सांसदों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कई सांसदों को — चाहे वे किसी भी दल के हों — अपनी बात रखने और अपने क्षेत्रों के मुद्दे उठाने का पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहा है। उन्होंने सभी दलों से आग्रह किया कि इन सांसदों को उचित मंच उपलब्ध कराया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा, “संसद और देश, दोनों को नए भारत की नई पीढ़ी की ऊर्जा और विचारों का लाभ मिलना चाहिए।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद नीतियों और डिलीवरी का स्थान है, न कि नाटक या नारेबाज़ी का। “नारे और नाटक के लिए दुनिया में जगहों की कमी नहीं है। लेकिन संसद में हमारा फोकस नीति पर होना चाहिए और हमारी नीयत स्पष्ट होनी चाहिए।”

उन्होंने इस सत्र के विशेष महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सत्र राज्यसभा के नए माननीय सभापति के मार्गदर्शन की शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने सभापति को बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि उनके नेतृत्व में संसदीय प्रक्रियाएं और मजबूत होंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधारों ने नागरिकों के बीच भरोसे का मजबूत माहौल बनाया है और यह सुधार अब अगली पीढ़ी के सुधारों के रूप में विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पहलों को आगे बढ़ाया जाएगा।

हालिया संसदीय प्रवृत्तियों पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के समय में संसद को कभी चुनावों की तैयारी के मैदान के रूप में तो कभी चुनावी हार की निराशा निकालने के मंच के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “देश ने इन तरीकों को स्वीकार नहीं किया है। अब समय आ गया है कि वे अपनी रणनीति और दृष्टिकोण बदलें। यदि आवश्यकता हो तो मैं उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के टिप्स देने के लिए भी तैयार हूँ।”

उन्होंने कहा, “मैं आशा करता हूँ कि हम सभी इन जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ेंगे। और मैं देश को आश्वस्त करता हूँ कि भारत प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।” उन्होंने पुनः दोहराया कि “देश नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ रहा है और इस यात्रा में यह सदन नई ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”


जींद के अस्पताल में शव को चूहों द्वारा कुतरे जाने की घटना पर NHRC का संज्ञान, हरियाणा सरकार से रिपोर्ट तलब

No comments Document Thumbnail

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि हरियाणा के जींद जिले स्थित नरवाना सिविल अस्पताल की शवगृह में एक शव को चूहों ने कुतर दिया। बताया गया है कि यह इस अस्पताल में सामने आया पहला ऐसा मामला नहीं है।

आयोग ने टिप्पणी की है कि यदि समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है, तो यह मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के मुद्दे उठाती है। इसलिए, आयोग ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

12 नवंबर 2025 की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने शवगृह के फ्रीजर की मरम्मत के लिए संबंधित कंपनी को शिकायत दी है, लेकिन उसकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि, अस्थायी तौर पर फ्रीजर में चूहों के प्रवेश को रोकने के लिए जाली लगाई गई है।


कोयला अन्वेषण में बड़ी राहत: कोयला मंत्रालय ने सरल की स्वीकृति प्रक्रिया, निजी एजेंसियों को मिली बढ़ी भूमिका

No comments Document Thumbnail

भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयला और लिग्नाइट संसाधनों की तेज़, अधिक कुशल और तकनीकी रूप से सुदृढ़ खोज की आवश्यकता है। इसी राष्ट्रीय आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, कोयला मंत्रालय निरंतर ऐसे प्रगतिशील सुधार लागू कर रहा है जो पारदर्शिता बढ़ाते हैं, निजी क्षेत्र की भागीदारी को मजबूत करते हैं और राष्ट्र की ऊर्जा तैयारियों को सुदृढ़ करते हैं। यह पहल भारत के लिए खोज-परिस्थितिकी तंत्र को आधुनिक बनाने और प्रक्रियाओं को अधिक सक्षम बनाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

कोयला मंत्रालय ने पूर्व की कार्यप्रणाली की समीक्षा कर, अधिसूचित मान्यता प्राप्त अन्वेषण एजेंसियों (APAs) — जिन्हें QCI-NABET द्वारा मान्यता प्राप्त है — द्वारा तैयार किए गए कोयला और लिग्नाइट ब्लॉकों के अन्वेषण कार्यक्रमों और भूवैज्ञानिक रिपोर्टों (GRs) की स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाया है। इन GRs की सहकर्मी समीक्षा भी किसी अन्य APA द्वारा की जाएगी। नई प्रक्रिया में, जनवरी 2022 में गठित मंत्रालय स्तरीय समिति की स्वीकृति की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है। यह एक बड़ा प्रक्रियागत सुधार है और अन्वेषण क्षेत्र में व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

कोयला मंत्रालय द्वारा प्रकाशित नई कार्यप्रणाली उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है:

हाल के सुधारों के तहत निजी मान्यता प्राप्त अन्वेषण एजेंसियों की क्षमताओं का विस्तार और उपयोग कर सरकार ने निजी अन्वेषण संस्थाओं पर मजबूत विश्वास प्रदर्शित किया है। यह दृष्टिकोण उनकी दक्षता, तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार को भारत के कोयला संसाधनों के सतत विकास में उपयोग करने का उद्देश्य रखता है, साथ ही उच्च तकनीकी मानकों और कड़ी पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। नई प्रक्रिया से भूवैज्ञानिक रिपोर्ट की स्वीकृति में कम से कम 3 माह की बचत होगी, जिससे कोयला ब्लॉक के शीघ्र परिचालन में मदद मिलेगी और ब्लॉक आवंटियों को समयबद्ध रूप से मील के पत्थर पूरे करने में सहायता मिलेगी। यह सुधार अन्वेषण की गति बढ़ाएगा, स्वीकृति समय कम करेगा और भारत के कोयला संसाधनों की दीर्घकालिक सुरक्षा तथा सतत उपयोग में योगदान देगा।

इन दूरदर्शी सुधारों के साथ, कोयला मंत्रालय भारत को अधिक ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाता रहेगा। अन्वेषण क्षमताओं को मजबूत कर और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाकर, मंत्रालय एक मजबूत कोयला पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में योगदान दे रहा है—जो विकसित भारत की आकांक्षाओं को आने वाले वर्षों में ऊर्जा प्रदान करेगा और राष्ट्र के लिए एक अधिक सक्षम, भविष्य-तैयार ऊर्जा परिदृश्य तैयार करेगा।

दिसंबर में बैंक बंदी का कैलेंडर जारी- कुल 18 दिन बंद रहेंगे बैंक

No comments Document Thumbnail

 December Bank Holidays: दिसंबर का महीना शुरू होते ही बैंकों की छुट्टियों की लिस्ट भी जारी हो गई है। इस बार पूरे देश में अलग-अलग राज्यों को मिलाकर कुल 18 दिन बैंक बंद रहेंगे। इनमें 4 रविवार, दूसरा और चौथा शनिवार के साथ राज्यों की स्थानीय छुट्टियां शामिल हैं। इसलिए अगर इस महीने आप कोई जरूरी बैंकिंग काम करने की योजना बना रहे हैं, तो पहले छुट्टियों की तारीखें जरूर जांच लें।


आरबीआई के हॉलिडे कैलेंडर के अनुसार देशभर में अलग-अलग कारणों से अलग-अलग तिथियों पर बैंक बंद रहेंगे — कहीं उद्घाटन दिवस, कहीं धार्मिक पर्व, क्रिसमस, तो कहीं राज्य स्तरीय कार्यक्रमों के कारण।

दिसंबर 2025 में बैंक कब-कब रहेंगे बंद

तारीखराज्य / क्षेत्रकारण
1 दिसंबरअरुणाचल प्रदेश, नागालैंडउद्घाटन दिवस / स्वदेशी आस्था दिवस
3 दिसंबरगोवासेंट फ्रांसिस जेवियर पर्व
7 दिसंबरपूरे देशरविवार
12 दिसंबरमेघालयपा तोगन नेंगमिंजा संगमा पुण्यतिथि
13 दिसंबरपूरे देशदूसरा शनिवार
14 दिसंबरपूरे देशरविवार
18 दिसंबरछत्तीसगढ़, मेघालयसोसो थाम पुण्यतिथि
19 दिसंबरगोवागोवा मुक्ति दिवस
20 दिसंबरसिक्किमलोसूंग-नामसूंग पर्व
21 दिसंबरपूरे देशरविवार
22 दिसंबरसिक्किमलोसूंग-नामसूंग (दूसरा दिन)
24 दिसंबरमिजोरम, नागालैंड, मेघालयक्रिसमस सेलिब्रेशन
25 दिसंबरपूरे देशक्रिसमस
26 दिसंबरमिजोरम, नागालैंड, मेघालयक्रिसमस सेलिब्रेशन (दूसरा दिन)
27 दिसंबरपूरे देशचौथा शनिवार
28 दिसंबरपूरे देशरविवार
30 दिसंबरमेघालययू कियांग नांगबाह दिवस
31 दिसंबरमिजोरम, मणिपुरन्यू ईयर सेलिब्रेशन


अहम जानकारी

  • इन छुट्टियों के दौरान ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं (UPI, IMPS, NEFT, RTGS) सामान्य रूप से उपलब्ध रहेंगी।
  • ATM सेवाएं भी पूरे महीने चलती रहेंगी।
  • दिसंबर में शेयर बाजार भी 9 दिन बंद रहेगा — सभी शनिवार, रविवार और 25 दिसंबर (क्रिसमस) को कोई ट्रेडिंग नहीं होगी।

काशी तमिल संगमम 4.0: भाषा, संस्कृति और सभ्यतागत एकता का नया अध्याय

No comments Document Thumbnail

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • काशी तमिल संगमम 4.0 की शुरुआत 2 दिसंबर, 2025 से हो रही है, जो तमिलनाडु और काशी के सांस्कृतिक व सभ्यता संबंधों को आगे बढ़ाता है।

  • इस संस्करण का मुख्य आधार “लेट अस लर्न तमिल – तमिल कार्कालम” है, जिसके तहत तमिल भाषा सीखने और भाषाई एकता पर विशेष फोकस रहेगा।

  • प्रमुख कार्यक्रमों में तमिल कार्कालम (वाराणसी के विद्यालयों में तमिल शिक्षण), तमिल कर्पोम (काशी क्षेत्र के 300 छात्रों के लिए तमिल सीखने हेतु अध्ययन भ्रमण), और सेज अगस्त्य व्हीकल एक्सपीडिशन (तेनकासी से काशी तक सभ्यतागत मार्ग का अनुसरण) शामिल हैं।

  • इस वर्ष का संगमम रामेश्वरम में वैलेडिक्टरी समारोह के साथ सम्पन्न होगा, जो काशी से तमिलनाडु तक की सांस्कृतिक यात्रा का प्रतीकात्मक समापन होगा।

प्राचीन बंधन की पुनर्स्मृति: काशी तमिल संगमम क्या है?

स्रोत: काशी तमिल संगमम वेबसाइट

काशी तमिल संगमम एक ऐसे संबंध का उत्सव है, जो सदियों से भारतीय चेतना में समाहित रहा है। तमिलनाडु और काशी के बीच होने वाली यात्राएँ केवल भौगोलिक नहीं थीं, बल्कि विचारों, दर्शन, भाषाओं और परंपराओं के आदान-प्रदान की गहन सांस्कृतिक यात्राएँ थीं। संगमम इसी जीवंत ऐतिहासिक संबंध को आधुनिक समय में पुनर्जीवित करता है।

2022 में आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान शुरू हुआ यह कार्यक्रम भारत की विविध सांस्कृतिक धारा को एक सूत्र में जोड़ने का प्रयास है। यह पहल एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना से प्रेरित है, जो लोगों को विभिन्न संस्कृतियों को समझने और अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित और IIT मद्रास तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के ज्ञान साझेदारों के रूप में, संगमम में रेलवे, संस्कृति, पर्यटन, वस्त्र, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय सहित कई मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार की सक्रिय भागीदारी रहती है।

प्रत्येक संस्करण में तमिलनाडु के छात्र, शिक्षक, कारीगर, विद्वान, आध्यात्मिक नेता, महिला समूह और सांस्कृतिक प्रतिनिधि काशी पहुंचते हैं तथा वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या में आयोजित कार्यक्रमों, दर्शन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और संवादों में भाग लेते हैं।

काशी तमिल संगमम 4.0: “तमिल कार्कालम – लेट अस लर्न तमिल”

2 दिसंबर 2025 से प्रारंभ होने वाला 4.0 संस्करण अपने पूर्व संस्करणों की भावना को आगे ले जाता है, परंतु इस बार इसका केंद्र भाषाई शिक्षा और युवा सहभागिता है।

इस वर्ष का विषय “लेट अस लर्न तमिल – तमिल कार्कालम” सभी भारतीय भाषाओं को एक साझा "भारतीय भाषा परिवार" का हिस्सा मानते हुए भाषाई विविधता में एकता का संदेश देता है। यह संस्करण उत्तर भारत के छात्रों के लिए तमिल भाषा सीखने और तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने के नए अवसर प्रदान करता है।

तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि काशी आएंगे, जिनमें विद्यार्थी, शिक्षक, लेखक, पत्रकार, किसान, कारीगर, पेशेवर, महिलाएँ और आध्यात्मिक विद्वान शामिल होंगे।

काशी तमिल संगमम 4.0: प्रमुख पहलें

1. उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों को तमिल सिखाना – “तमिल कार्कालम”

  • 50 तमिल शिक्षक (DBHPS प्रचारकों सहित) वाराणसी के 50 स्कूलों में 2–15 दिसंबर 2025 के बीच तैनात रहेंगे।

  • प्रत्येक शिक्षक कक्षा 30 छात्रों को तमिल बोलचाल, उच्चारण और मूलाक्षरों का प्रशिक्षण देंगे।

  • कुल 1,500 विद्यार्थियों को आधारभूत तमिल शिक्षा मिलेगी।

  • BHU का तमिल विभाग, CIIL मैसूरु, IRCTC और वाराणसी प्रशासन इसके समन्वय में शामिल हैं।

यह पहल तमिल शिक्षण को तमिलनाडु के बाहर विस्तृत करने का महत्वपूर्ण कदम है।

2. तमिलनाडु यात्रा के दौरान तमिल सीखना – स्टडी टूर कार्यक्रम

  • उत्तर प्रदेश के 300 कॉलेज छात्र 10 बैचों में तमिलनाडु का अध्ययन दौरा करेंगे।

  • CICT, चेन्नई में ओरिएंटेशन के बाद वे तमिल भाषा और संस्कृति पर कक्षाओं में भाग लेंगे।

  • प्रमुख संस्थान (IIT मद्रास, शास्त्र यूनिवर्सिटी, पांडिचेरी विवि, कांचीपुरम के संस्थान आदि) छात्रों की मेजबानी करेंगे।

  • प्रत्येक छात्र को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।

यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रत्यक्ष अनुभव के माध्यम से तमिल भाषा व संस्कृति से परिचित कराता है।

3. सेज अगस्त्य व्हीकल एक्सपीडिशन (SAVE)

  • 2 दिसंबर 2025 को तेनकासी से शुरू होकर 10 दिसंबर 2025 को काशी पहुंचेगा।

  • यह यात्रा ऋषि अगस्त्य के पौराणिक मार्ग पर आधारित है।

  • चेरी, चोल, पांड्य, पल्लव, चालुक्य और विजयनगर साम्राज्यों की ऐतिहासिक कड़ियों को रेखांकित करेगी।

  • तमिल साहित्य, सिद्ध चिकित्सा और साझा विरासत पर भी प्रकाश डालेगी।

यह यात्रा तमिलनाडु और काशी के बीच प्राचीन सभ्यतागत संबंधों को सम्मानित करती है।

काशी तमिल संगमम: 1.0 से 4.0 तक की यात्रा

KTS 1.0 (2022)

  • 2,500+ प्रतिभागी

  • काशी, प्रयागराज और अयोध्या के व्यापक दर्शन और संवाद

  • सांस्कृतिक कार्यक्रम, शैक्षणिक सत्र और प्रदर्शनियाँ

KTS 2.0 (2023)

  • 1,435 प्रतिनिधि

  • PM के भाषण का पहली बार रियल-टाइम तमिल अनुवाद

  • 2 लाख से अधिक आगंतुकों वाली बड़ी प्रदर्शनी

  • डिजिटल आउटरीच में 8.5 करोड़ की पहुंच

KTS 3.0 (2025)

  • ऋषि अगस्त्य पर केंद्रित प्रदर्शनियाँ और सत्र

  • महाकुंभ 2025 और राम मंदिर, अयोध्या के दर्शन

  • NEP 2020 के अनुरूप भारतीय ज्ञान प्रणाली आधारित कार्यक्रम

काशी–तमिल बंध को सुदृढ़ करना: एक जीवंत सांस्कृतिक सततता

चारों संस्करणों ने दिखाया है कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान तभी प्रभावी होता है, जब वह अनुभव और सहभागिता पर आधारित हो।
KTS 4.0 इस यात्रा को नई दिशा देता है—भाषाई सीखने, युवाओं की सहभागिता और द्विपक्षीय सांस्कृतिक समझ को केंद्र में रखकर।

यह पहल एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को मूर्त रूप देती है, जहाँ भाषाएँ, परंपराएँ और विचार एकता के सूत्र में जुड़ते हैं।



संसद का शीतकालीन सत्र शुरू, PM Modi ने विपक्ष को दी सलाह- 'ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए'

No comments Document Thumbnail

 Parliament Winter Session : संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। पहले ही दिन सत्र की कार्यवाही में गर्माहट देखने को मिली। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पिछले सत्र की तरह इस बार भी एसआईआर (Socio-Economic Impact Review) का मुद्दा संसद की कार्यवाही को प्रभावित करेगा, क्योंकि यह मुद्दा इस समय देश की राजनीति के केंद्र में बना हुआ है। बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया शांतिपूर्वक पूरी हो चुकी है और चुनाव संपन्न हो चुके हैं, लेकिन विपक्ष अभी भी इसे मुख्य मुद्दे के रूप में उठाने के लिए तैयार है।


सर्वदलीय बैठक में विपक्ष का दबाव

सत्र शुरू होने से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने एक सुर में एसआईआर पर विस्तृत चर्चा की मांग रखी। आज भी कार्यस्थगन प्रस्ताव देकर विपक्ष ने संकेत दे दिए कि यह सत्र टकरावपूर्ण और हंगामेदार हो सकता है।

पीएम मोदी ने दी कड़ी सलाह

सत्र आरंभ होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत में उम्मीद जताई कि सत्र सकारात्मक और सार्थक होगा। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा:

“1-2 दल अभी भी अपनी पराजय पचा नहीं पा रहे हैं… संसद में ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र आज परिणाम देने में सक्षम है और बिहार चुनाव में रिकॉर्ड मतदान इसका प्रमाण है।
पीएम मोदी ने कहा- ड्रामा करने के लिए बहुत जगह होती है, लेकिन यहां डिलीवरी होनी चाहिए। नारे नहीं, नीति पर बल देना चाहिए और वो आपकी नीयत होनी चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा—

“पराजय की बौखलाहट को संसद का मैदान नहीं बनाना चाहिए… विपक्ष चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए।”

शिवगंगा हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी का शोक, PMNRF से राहत राशि की घोषणा

No comments Document Thumbnail

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में हुई दुर्घटना में हुए जनहानि पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने दुर्घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।

प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये तथा घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया:

“तमिलनाडु के शिवगंगा में हुई दुर्घटना में जान गंवाने वालों की मौत अत्यंत दुखद है। जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएँ। मैं प्रार्थना करता हूँ कि घायल लोग जल्द स्वस्थ हों।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से प्रत्येक मृतक के परिजन को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे


पेट्रोलियम उद्योग में बड़ा बदलाव: श्रम संहिताओं से सुरक्षा और कल्याण को नई दिशा

No comments Document Thumbnail

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • ओएसएचडब्ल्यूसी कोड, 2020 (OSHWC Code) पेट्रोलियम यूनिट्स, रिफ़ाइनरी से लेकर फ़्यूल डिपो तक सभी को एक एकीकृत राष्ट्रीय सुरक्षा ढाँचे के अंतर्गत लाता है।

  • अनिवार्य मेडिकल सर्विलांस, कौशल-आधारित प्रशिक्षण व प्रमाणन, आधुनिक सुरक्षा मानक, और आपातकालीन तैयारी के माध्यम से श्रमिक सुरक्षा को और मजबूत किया गया है।

  • सोशल सिक्योरिटी कोड, 2020 ESIC कवरेज का विस्तार करता है और डिजिटल, सरल अनुपालन प्रक्रिया लागू करता है, जिससे पेट्रोलियम क्षेत्र में कल्याणकारी प्रावधानों और प्रशासन में सुधार होता है।

परिचय (Introduction)

भारत सरकार ने चार श्रम संहिताओं —

  1. व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य परिस्थितियाँ संहिता 2020 (OSHWC),

  2. सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020,

  3. औद्योगिक संबंध संहिता 2020,

  4. वेतन संहिता 2019 —
    के माध्यम से श्रम क़ानूनों में ऐतिहासिक सुधार किए हैं।

ये सुधार औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा, कार्य परिस्थितियों और सामाजिक सुरक्षा के लिए एक समग्र, समन्वित एवं आधुनिक ढाँचा स्थापित करते हैं। पेट्रोलियम उद्योग, जो उच्च-जोखिम वाले पदार्थों का संचालन करता है, इस एकीकृत ढाँचे से विशेष रूप से लाभान्वित होगा।

नई श्रम संहिताओं के लागू होने के साथ, पेट्रोलियम उद्योग विखंडित और निरीक्षक-प्रधान व्यवस्था से निकलकर एकीकृत, अनुपालन-उन्मुख और तकनीक-सक्षम प्रणाली की ओर बढ़ रहा है। यह संहिताएँ पेट्रोलियम के पूरे मूल्य-श्रृंखला — अपस्ट्रीम से डाउनस्ट्रीम तक — को कवर करती हैं।

पेट्रोलियम उद्योग के विनियामक ढाँचे में परिवर्तन

पेट्रोलियम उद्योग देश के सबसे खतरनाक एवं सुरक्षा-संवेदी क्षेत्रों में से है। यहाँ अत्यधिक ज्वलनशील हाइड्रोकार्बन, हाइड्रोजन सल्फ़ाइड जैसे विषैले गैस, बेंजीन वाष्प, LNG, LPG, उच्च तापमान वाले प्रोसेस फ्लुइड्स आदि लगातार संभाले जाते हैं, जिससे थर्मल रेडिएशन और एक्सपोज़र संबंधी बीमारियों का खतरा रहता है।

पहले सुरक्षा व्यवस्था का आधार मुख्यतः फ़ैक्टरी अधिनियम, 1948 पर था, जो आधुनिक पेट्रोलियम जोखिमों के लिए पर्याप्त नहीं था। इसमें:

  • सीमित मेडिकल निगरानी,

  • बिखरी हुई आपातकालीन आवश्यकताएँ,

  • धीमी और अप्रभावी प्रवर्तन प्रणाली,

  • कागज़-आधारित रिकॉर्ड,

  • बहु-विभागीय अनुमतियाँ

जैसी समस्याएँ थीं। पाइपलाइनों, रिटेल आउटलेट्स, स्टोरेज हब आदि के लिए अलग-अलग विभागों से अनुमतियाँ लेनी पड़ती थीं।

OSHWC कोड, 2020 के प्रमुख प्रावधान

OSHWC कोड, 2020 पेट्रोलियम उद्योग के लिए एकीकृत, जोखिम-आधारित और राष्ट्रीय सुरक्षा ढाँचा स्थापित करता है। सभी पेट्रोलियम यूनिट्स एक ही सुरक्षा प्रणाली के अंतर्गत आती हैं।

1. अनिवार्य जोखिम आकलन और परिचालन अनुमोदन

  • जोखिम पहचान और HIRA आधारित अनुमोदन।

  • खतरनाक कार्य शुरू करने से पहले सरकारी अनुमति अनिवार्य।

  • भंडारण, परिवहन, संचालन आदि के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा मानक।

  • डिजिटल अनुपालन, जोखिम-आधारित निरीक्षण और आधुनिक सुरक्षा ऑडिट।

2. बेहतर श्रमिक सुरक्षा

  • जाँच केवल समय-समय पर नहीं, बल्कि

    • नियुक्ति-पूर्व,

    • आवधिक,

    • एक्सपोज़र के बाद मेडिकल परीक्षण अनिवार्य।

  • खतरनाक कार्य में लगे श्रमिकों के लिए वार्षिक मुफ्त स्वास्थ्य परीक्षण।

3. कौशल-आधारित प्रशिक्षण और आधुनिक सुरक्षा उपकरण

  • पेट्रोलियम/रसायन संभालने से पहले प्रमाणित प्रशिक्षण अनिवार्य।

  • सुरक्षा उपकरणों के मानक आधुनिक और बाध्यकारी बनाए गए।

  • सतत-प्रक्रिया संयंत्रों में 8 घंटे की शिफ़्ट सीमा लागू।

4. आपातकालीन तैयारी और श्रमिक अधिकार

  • ऑन-साइट इमरजेंसी प्लान अब कागज़ी औपचारिकता नहीं, बल्कि कानूनी रूप से लागू प्रणाली।

  • नियमित मॉक ड्रिल अनिवार्य।

  • श्रमिकों को खतरनाक कार्य से इनकार करने का अधिकार।

  • गर्भवती महिलाओं और किशोरों के लिए विशेष सुरक्षा प्रावधान।

5. निरीक्षण की बजाय सुविधा-आधारित प्रवर्तन

  • “इंस्पेक्टर-कम-फैसिलिटेटर” मॉडल।

  • एकल-खिड़की अनुमतियाँ और डिजिटल सबमिशन।

  • उद्योग-अनुकूल, पारदर्शी प्रवर्तन तंत्र।

सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के प्रावधान

1. विस्तृत कल्याण लाभ

  • पेट्रोलियम क्षेत्र में अधिक कर्मियों को ESIC कवरेज।

  • चिकित्सा, चोट मुआवजा, विकलांगता लाभ, निर्भर लाभ, मातृत्व लाभ।

  • व्यावसायिक रोगों और दुर्घटनाओं के लिए संरक्षण।

2. पारदर्शिता और सरल अनुपालन

  • डिजिटल स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा रिकॉर्ड।

  • लाभों की पोर्टेबिलिटी और तेज़ वितरण।

निष्कर्ष

OSHWC कोड एक आधुनिक, एकीकृत, सक्रिय सुरक्षा प्रणाली बनाता है, जिससे:

  • पेट्रोलियम प्रतिष्ठान अधिक सुरक्षित,

  • आपातकालीन क्षमता मजबूत,

  • कार्यकर्ता अधिक स्वस्थ,

  • संचालन अधिक विश्वसनीय व वैश्विक मानकों के अनुरूप होते हैं।

वहीं, सामाजिक सुरक्षा संहिता व्यापक कल्याण और अनुपालन सुधार सुनिश्चित करती है।

दोनों संहिताएँ मिलकर पेट्रोलियम उद्योग की सुरक्षा प्रणाली को:

  • प्रतिक्रिया-आधारित से रोकथाम-आधारित,

  • जटिल से सरल,

  • कागज़ आधारित से डिजिटल,

  • निरीक्षक-प्रधान से गवर्नेंस-प्रधान

मॉडल में परिवर्तित करती हैं।

इन प्रावधानों का परिणाम है:

  • अधिक अनुशासित संचालन,

  • कुशल और स्वस्थ कार्यबल,

  • कम बाधाएँ और दुर्घटनाएँ,

  • उच्च उत्पादकता,

  • बेहतर वैश्विक अनुपालन।

सामूहिक रूप से, यह भारत के पेट्रोलियम क्षेत्र में मजबूत सुरक्षा संस्कृति और औद्योगिक स्थिरता का निर्माण करता है।


फ़िट इंडिया संडेज़ ऑन साइकिल: देशभर में बढ़ा फिटनेस का जन-आंदोलन

No comments Document Thumbnail

प्रधानमंत्री मोदी ने आज मन की बात के 128वें संस्करण में अपने संबोधन के दौरान कहा, “हमारे युवा मित्रों के बीच कई अन्य प्रतियोगिताएँ भी बहुत लोकप्रिय होती जा रही हैं। बहुत से लोग फ़िट इंडिया संडेज़ ऑन साइकिल जैसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए एक साथ आ रहे हैं। ये सभी फिटनेस को बढ़ावा देने के तरीके हैं।”

इत्तफ़ाक़ से, इस रविवार देशव्यापी साइक्लिंग ड्राइव के 51वें संस्करण का सफल आयोजन किया गया, जिसमें एथेंस 2004 ओलंपिक रजत पदक विजेता और राजस्थान के खेल मंत्री राजयवर्धन सिंह राठौड़ ने जयपुर में कार्यक्रम का नेतृत्व किया।

कर्नल राठौड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों की भी सराहना की।

कर्नल राठौड़ ने जयपुर के अमर जवान ज्योति पर आयोजित संडेज़ ऑन साइकिल कार्यक्रम के दौरान कहा, “दुनिया में बहुत कम ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण पर इतना ज़ोर देते हुए लगातार आह्वान करते हैं। नरेंद्र मोदी जी ने समय-समय पर फ़िट इंडिया के बारे में बात की है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा तेल उपभोग कम करने से लेकर मिलेट्स (श्री अन्न) को बढ़ावा देने और मोटापे को कम करने के लिए निरंतर काम करने तक—हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री ने हमेशा हमें फिट रहने के सभी उपाय अपनाने के लिए प्रेरित किया है, चाहे वह योग हो, साइक्लिंग हो, दौड़ हो या अन्य माध्यम। संडेज़ ऑन साइकिल के माध्यम से देश में जो चेतना पैदा हुई है, वह इसका स्पष्ट उदाहरण है। आज जयपुर में करीब 1000 बच्चे इसमें भाग ले रहे हैं और उनके लिए साइकिलें भी उपलब्ध हैं।” कर्नल राठौर, जो स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक रजत पदक विजेता हैं, ने यह भी जोड़ा।

फ़िट इंडिया संडेज़ ऑन साइकिल के 30 नवंबर वाले संस्करण में पूरे भारत से पत्रकारों ने भी अपने-अपने राज्यों और क्षेत्रों में आयोजित रैलियों में हिस्सा लिया।

राजस्थान में चल रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के दौरान जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में एक विशेष फ़िट इंडिया ज़ोन भी स्थापित किया गया है, जो आगंतुकों को एक गतिशील, रोचक और इंटरएक्टिव अनुभव देने के लिए प्रमुख फिटनेस गतिविधियों को एक जगह लाता है।

इस ज़ोन में तीन प्रमुख घटक शामिल हैं—जुम्बा और रोप-स्किपिंग जैसी गतिविधियों के साथ एक ऊर्जावान फ़िटनेस चैलेंज ज़ोन (आकर्षक पुरस्कारों सहित), एक समर्पित साइक्लिंग ज़ोन, और अभिनव बिंद्रा टार्गेट परफॉर्मेंस द्वारा संचालित व्यापक शारीरिक एवं मानसिक फिटनेस आकलन।

फ़िट इंडिया संडेज़ ऑन साइकिल की शुरुआत दिसंबर 2024 में माननीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के मार्गदर्शन में हुई थी।

यह अब एक साप्ताहिक आयोजन है, जो माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “फ़िटनेस का डोज़, आधा घंटा रोज़” और “मोटापे के ख़िलाफ़ लड़ाई” के विज़न को मज़बूती देता है।

आज, संडेज़ ऑन साइकिल एक सच्चा जन-आंदोलन बन चुका है, जिसमें देशभर के आम लोग नेतृत्व कर रहे हैं।

4000 से अधिक नमो फ़िट इंडिया साइक्लिंग क्लब, तथा लाखों आम नागरिक नियमित रूप से साइक्लिंग करते हैं और हर सप्ताह भाग लेते हैं, जिससे यह पहल एक राष्ट्रव्यापी समुदाय-चालित फिटनेस क्रांति में बदल गई है। इन क्लबों द्वारा यह आयोजन हर सप्ताह किया जाता है।

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (SAI) भी अपने नेटवर्क में स्थित SAI ट्रेनिंग सेंटर्स (STCs)—जैसे असम के कोकराझार, पंजाब के जगतपुर और बादल, मणिपुर के उटलौ, लद्दाख के कारगिल आदि—में संडेज़ ऑन साइकिल गतिविधियों के माध्यम से एक मजबूत राष्ट्रीय भागीदारी सुनिश्चित करता है। यह कई खेलो इंडिया केंद्रों, जैसे भद्रक, झारसुगुड़ा, ढेंकनाल, और राष्ट्रभर के 23 SAI नेशनल सेंटर्स ऑफ़ एक्सीलेंस (NCOEs) में भी हर रविवार आयोजित किया जा रहा है।


© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.