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राष्ट्रीय वित्तीय सेवा विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन: ऋण वसूली न्यायाधिकरणों के लिए प्रशिक्षण एवं ज्ञानवर्धन

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वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services) द्वारा 1 और 2 दिसंबर, 2025 को भोपाल में नेशनल ज्यूडिशियल अकादमी (NJA) में ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (DRTs) के अध्यक्ष अधिकारियों के लिए दो दिवसीय आवासीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी में इंटरैक्टिव सत्र और खुली चर्चाएँ आयोजित की गईं, जिनमें अध्यक्ष अधिकारियों को कानून और न्यायशास्त्र के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया।

संगोष्ठी में निम्नलिखित विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई:

  • ऋण वसूली और दिवालियापन अधिनियम, 1993 (RDB) का मूल एवं अवलोकन

  • RDB की अधिकार क्षेत्र की विशेषताएँ

  • DRT में कार्यवाही और अध्यक्ष का भूमिका

  • मामले के प्रबंधन के तरीके और DRT की दक्षता एवं प्रभावशीलता में सुधार

  • निर्णय/आदेशों का प्रारूपण और उसका विज्ञान

  • SARFAESI अधिनियम के पश्चात DRT की जिम्मेदारियाँ

  • प्रक्रियात्मक मुद्दे और चुनौतियाँ

संगोष्ठी में प्रतिभागियों ने शामिल विषयों की व्यापकता और गुणवत्ता की सराहना की और वित्तीय सेवा विभाग द्वारा इस आयोजन के लिए अपनी संतोष व्यक्त की।

भारत सरकार ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 6% हिस्सेदारी बेचने की योजना की घोषणा, ओएफएस पर निवेशकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया

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भारत सरकार ने 1 दिसंबर 2025 को बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) में अपनी 6% हिस्सेदारी (5% इक्विटी + 1% ग्रीन-शू विकल्प) बेचने का निर्णय लिया, जिसकी floor कीमत ₹54 प्रति शेयर निर्धारित की गई है। कुल ऑफर का 10% हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है, जबकि शेष गैर-खुदरा निवेशकों को आवंटित किया गया।

2 दिसंबर 2025 को गैर-खुदरा निवेशकों के लिए ओपनिंग डे पर इस ऑफर ने जबरदस्त प्रतिक्रिया प्राप्त की और बेस साइज का 4.07 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ। ओवरसब्सक्रिप्शन के कारण सरकार ने ग्रीन-शू विकल्प का पूरा उपयोग करते हुए कुल हिस्सेदारी 6% कर दी।

अब ऑफर 3 दिसंबर 2025 से खुदरा निवेशकों और बैंक कर्मचारियों के लिए खुला है। सरकार ने सभी पात्र निवेशकों से भाग लेने और सार्वजनिक संपत्तियों के मूल्य सृजन में योगदान देने का आग्रह किया है।

नई दिल्ली में ग्लोबल फोरम ऑन टैक्स ट्रांसपेरेंसी की 18वीं प्लेनरी बैठक का उद्घाटन: भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और पारदर्शिता पर जोर दिया

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केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमन ने आज नई दिल्ली में ग्लोबल फोरम ऑन ट्रांसपेरेंसी और एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन फॉर टैक्स पर्पजेस की 18वीं प्लेनरी बैठक का उद्घाटन किया।

बैठक का विषय:

“Tax Transparency: Delivering a Shared Vision Through International Cooperation”

इस फोरम में 172 सदस्य क्षेत्र शामिल हैं और यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के कार्यान्वयन के लिए विश्व का प्रमुख संगठन है, जिसमें एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन ऑन रिक्वेस्ट (EOIR) और ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ फाइनेंशियल अकाउंट इंफॉर्मेशन (AEOI) शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर टैक्स चोरी और अवैध वित्तीय प्रवाह को रोकना है।


मुख्य बिंदु:

  •  मंत्री सीतारमन ने कहा कि पारदर्शिता केवल अनुपालन का उपकरण नहीं है, बल्कि यह सतत विकास का आधार है। जब राष्ट्रीय धन वैध कराधान से बचता है, तो यह राजस्व और विकास दोनों में अंतर पैदा करता है।

  • उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत में स्वैच्छिक अनुपालन को स्पष्टता, सरलीकरण और विश्वास निर्माण के माध्यम से बढ़ाया गया है।

  • पंकज चौधरी ने कहा कि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जानकारी प्राप्त करना आसान और व्यावहारिक हो गया है, जिससे करदाता का विश्वास बढ़ा है।

  • अरविंद श्रीवास्तव ने फोरम को बहुपक्षीय सहयोग का सफल उदाहरण बताया और डिजिटल अर्थव्यवस्था में कराधान और क्रिप्टो-एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क को आगामी प्राथमिकताओं में रखा।

प्लेनरी बैठक का महत्व:

यह बैठक ग्लोबल फोरम की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। इसमें सभी सदस्य क्षेत्र समान स्तर पर भाग लेते हैं और निर्णय आमतौर पर सहमति से लिए जाते हैं। बैठक में EOIR और AEOI मानकों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की जाती है और भविष्य की प्राथमिकताओं को निर्धारित किया जाता है।

भारत की भूमिका:

  • भारत 2009 से संस्थापक सदस्य है और ग्लोबल फोरम में सक्रिय नेतृत्व निभा रहा है।

  • भारत वर्तमान में स्टियरिंग ग्रुप, EOIR और AEOI पियर रिव्यू ग्रुप्स, ग्रुप ऑन रिस्क और CARF ग्रुप में प्रमुख पदों पर है।

  • भारत ने 2023–24 में एशिया इनिशिएटिव की सह-अध्यक्षता की और विकासशील देशों के लिए क्षमता निर्माण में योगदान दिया।

इस बैठक में भारत अंतरराष्ट्रीय कर पारदर्शिता और सहयोग के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराएगा और सभी देशों को समान लाभ सुनिश्चित करने पर ध्यान देगा।

पूर्वोत्तर में एकीकृत पर्यटन विकास को गति: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 4वीं उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स बैठक में किया मार्गदर्शन

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केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री, ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज नई दिल्ली में आयोजित पर्यटन पर 4वीं उच्च-स्तरीय टास्क फोर्स (HLTF) बैठक में भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने की। इसमें त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, सिक्किम के पर्यटन मंत्री त्शेरिंग टी. भूटिया, अरुणाचल प्रदेश के पर्यटन मंत्री पासंग दोर्जे सोना तथा पर्यटन मंत्रालय के संयुक्त सचिव एम.आर. सिनरेम भी उपस्थित रहे।

बैठक ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक एकीकृत और क्रियाशील पर्यटन ब्लूप्रिंट तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया। इसमें प्राथमिकताओं को स्पष्ट करने, चुनौतियों की पहचान करने और राज्यों के बीच समन्वित कार्यान्वयन को तेज करने पर विशेष जोर दिया गया।

बैठक के प्रमुख बिंदु इस प्रकार रहे:

🌄 पर्यटन क्षमता को अनलॉक करने पर जोर

  • मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत करना

  • विश्वस्तरीय पर्यटन अवसंरचना का विकास

  • वैश्विक आकर्षण वाले प्रमुख पर्यटन स्थलों का निर्माण

  • एडवेंचर एवं इको-टूरिज्म को बढ़ावा

  • संस्कृति, प्रकृति और विरासत आधारित नए पर्यटन उत्पाद विकसित करना

🧭 कौशल विकास व सेवा मानकीकरण

  • स्थानीय युवाओं के लिए स्किलिंग इकोसिस्टम का विस्तार

  • सेवा मानकों को एकरूप करना

  • क्षमता-विकास को सुदृढ़ कर सतत उद्योग विकास को बढ़ावा

🌐 उत्तरी-पूर्व का एकीकृत ब्रांडिंग अभियान

  • पूर्वोत्तर भारत को एक प्रीमियम पर्यटन क्षेत्र के रूप में वैश्विक मंच पर स्थापित करना

  • नीतिगत प्रक्रियाओं को सरल बनाकर निजी निवेश आकर्षित करना

  • राज्यों के बीच मजबूत समन्वय से सहज पर्यटन सर्किट विकसित करना

🗣️ मंत्री सिंधिया के प्रमुख विचार

मंत्री सिंधिया ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत, भारत की सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहर का शक्ति-केंद्र है और इसे देश के सबसे आकर्षक पर्यटन गंतव्यों में परिवर्तित किया जा सकता है। उन्होंने जोर दिया:

  • अंतिम मील कनेक्टिविटी का सुदृढ़ीकरण

  • स्थिरता-आधारित पर्यटन विकास

  • हर राज्य के प्रमुख त्योहारों का वार्षिक कैलेंडर तैयार करना

📝 अगले कदम

केंद्रीय मंत्री ने मेघालय सरकार से अनुरोध किया कि सभी सदस्यों की सुझावों को शामिल कर अंतिम HLTF रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

यह बैठक पूर्वोत्तर क्षेत्र में टिकाऊ, समन्वित और व्यापक पर्यटन विकास की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुई।

चक्रवात ‘दितवाह’ के बाद भारतीय नौसेना का त्वरित HADR अभियान: ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को बड़ी राहत

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चक्रवाती तूफान ‘दितवाह’ से श्रीलंका में उत्पन्न प्रभाव के मद्देनज़र भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत व्यापक मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभियान शुरू किया है। श्रीलंका नौसेना की 75वीं वर्षगांठ अंतर्राष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा (IFR-2025) में भाग लेने के लिए कोलंबो में मौजूद आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी को त्वरित आवश्यकताओं के आधार पर तुरंत राहत पहुँचाने के लिए तैनात किया गया। इन जहाज़ों ने प्रभावित समुदायों के वितरण हेतु राहत सामग्री सौंपी है।

जहाज़ों पर मौजूद हेलीकॉप्टरों को प्रभावित क्षेत्रों की हवाई टोह लेने तथा जारी खोज एवं बचाव अभियानों को मजबूत करने के लिए तैनात किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कई श्रीलंकाई नागरिकों का सफलतापूर्वक बचाव किया गया।

इन प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाते हुए, भारतीय नौसेना ने 01 दिसंबर 2025 को आईएनएस सुकोन्या को त्रिंकोमाली भेजा। यह जहाज़ आवश्यक राहत सामग्री लेकर पहुँचा है ताकि श्रीलंका के लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए चल रहे प्रयासों को और मजबूती मिल सके। भारतीय और श्रीलंकाई अधिकारियों के बीच घनिष्ठ समन्वय से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सहायता सामग्री समय पर और प्रभावी ढंग से पहुँचे।

भारतीय नौसेना की यह त्वरित प्रतिक्रिया एक बार फिर यह साबित करती है कि वह हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) की प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता (First Responder) है। यह भारत की अपने साझीदार देशों के प्रति प्रतिबद्धता को भी दोहराता है, जो भारत सरकार की ‘महासागर’ दृष्टि और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के अनुरूप है। भारतीय नौसेना मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए पूर्ण रूप से तत्पर है और श्रीलंका के लोगों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।


डीआरडीओ ने फाइटर एयरक्राफ्ट एस्केप सिस्टम का हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेड परीक्षण सफलतापूर्वक किया

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने नियंत्रित वेग पर फाइटर विमान के एस्केप सिस्टम का सफल हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेड परीक्षण किया है। चंडीगढ़ स्थित टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) के रेल ट्रैक रॉकेट स्लेड (RTRS) सुविधा में किए गए इस परीक्षण ने कैनोपी सेवरेंस, इजेक्शन सीक्वेंसिंग और एयरक्रू रिकवरी को सफलतापूर्वक प्रमाणित किया।

यह परीक्षण एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सहयोग से किया गया। यह जटिल डायनामिक परीक्षण भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करता है, जिनके पास उन्नत इन-हाउस एस्केप सिस्टम परीक्षण क्षमता मौजूद है।

स्टैटिक परीक्षणों—जैसे नेट टेस्ट या ज़ीरो-ज़ीरो टेस्ट—की तुलना में डायनामिक इजेक्शन टेस्ट अधिक जटिल होते हैं और इजेक्शन सीट की कार्यक्षमता व कैनोपी सेवरेंस सिस्टम की प्रभावशीलता का वास्तविक मूल्यांकन करते हैं।

परीक्षण में LCA विमान के फोरबॉडी के साथ एक डुअल-स्लेड सिस्टम को ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटरों के चरणबद्ध प्रज्वलन से नियंत्रित गति तक पहुंचाया गया।

इजेक्शन प्रक्रिया के दौरान प्रयुक्त एंथ्रोपोमोर्फिक टेस्ट डमी ने पायलट द्वारा अनुभव किए जाने वाले महत्वपूर्ण लोड, मोमेंट और एक्सेलेरेशन को रिकॉर्ड किया। पूरे इजेक्शन अनुक्रम को ऑनबोर्ड और ग्राउंड-बेस्ड इमेजिंग सिस्टम्स ने कैप्चर किया। परीक्षण को भारतीय वायुसेना (IAF) और इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष रूप से देखा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, IAF, ADA, HAL और उद्योग जगत को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई दी और इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता का एक बड़ा मील का पत्थर बताया।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस सफल प्रदर्शन से जुड़े DRDO वैज्ञानिकों व टीम की सराहना की।

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस हमें यह सिखाता है कि सक्षम समाज वही है जो सबको साथ लेकर चलता है — मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर कहा कि दिव्यांगजन  हमारे समाज का अभिन्न हिस्सा है। छत्तीसगढ़ सरकार दिव्यांगजनो के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। 

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस समाज को यह समझने का अवसर देता है कि दिव्यांगजन किसी भी दृष्टि से कमतर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एक सशक्त और प्रगतिशील समाज वही है जो सभी को बराबरी के अवसर प्रदान करे और किसी भी व्यक्ति को उसकी शारीरिक सीमाओं के कारण पीछे नहीं रहने दे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के अधिकार, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ, सहायता उपकरण, कौशल-विकास, रोजगार अवसर, सामाजिक सुरक्षा और अनुकूल वातावरण निर्माण के लिए अनेक योजनाएँ सुदृढ़ रूप से लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में समान और सशक्त भागीदारी दिलाने का है, ताकि वे अपनी पूर्ण क्षमता के साथ राज्य के विकास में सक्रिय योगदान दे सकें।

मुख्यमंत्री ने समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया कि दिव्यांगजनों के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाएँ और उनके साथ सम्मानजनक, सहयोगपूर्ण और संवेदनशील व्यवहार अपनाएँ। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन तभी वास्तविक रूप से सशक्त होंगे जब समाज और शासन मिलकर ऐसी परिस्थितियाँ तैयार करें, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमताओं के अनुरूप आगे बढ़ सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस हमें समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करने का संदेश देता है।

पश्चिमी क्षेत्र CGCA समीक्षा सम्मेलन संपन्न: राजस्व, पेंशन और सेवा दक्षता पर व्यापक मंथन

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दो दिवसीय पश्चिमी क्षेत्र समीक्षा सम्मेलन (Western Zone Review Conference) का सफल समापन आज कैंडोलिम, गोवा में हुआ। यह सम्मेलन संचार लेखा महानियंत्रक (CGCA) कार्यालय द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें पश्चिमी क्षेत्र के विभिन्न राज्यों से वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सम्मेलन का उद्देश्य CGCA के कार्यक्षेत्रों की समीक्षा करना और संचालन क्षमता को और बेहतर बनाना था।

सम्मेलन की अध्यक्षता नई दिल्ली से वर्चुअली शामिल हुईं संचार लेखा महानियंत्रक (CGCA) वंदना गुप्ता ने की, जबकि गोवा में आयोजित भौतिक बैठक की अध्यक्षता प्रधान मुख्य संचार लेखा नियंत्रक (प्र. CCA) पश्चिमी क्षेत्र, संजय कुमार बारीयर ने की।

 प्रमुख चर्चाएँ और समीक्षा

दो दिनों में सम्मेलन के दौरान निम्न प्रमुख क्षेत्रों पर विस्तृत चर्चा एवं समीक्षा की गई:

  • राजस्व संग्रह

  • पेंशन वितरण

  • डिजिटल भारत निधि

  • दूरसंचार निदेशालय की आंतरिक ऑडिट व्यवस्था

सम्मेलन में यह प्रमुख रूप से सामने आया कि पश्चिमी क्षेत्र के CCA कार्यालय 1 लाख से अधिक पेंशनरों को सेवाएँ प्रदान करते हैं और प्रतिवर्ष लगभग ₹5,000 करोड़ का पेंशन भुगतान करते हैं। साथ ही, ये कार्यालय लाइसेंस शुल्क एवं स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में लगभग ₹6,000 करोड़ का राजस्व संग्रह कर भारत सरकार के गैर-कर राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों के संबोधन

टेलीकॉम की महानिदेशक (DG Telecom) सुनीता चंद्रा ने वर्चुअल माध्यम से अधिकारियों को संबोधित करते हुए CGCA और CCA कार्यालयों के कार्यों की सराहना की। उन्होंने समयबद्ध सेवा, फील्ड इकाइयों को समर्थन और बेहतर सेवा वितरण के लिए निरंतर सहयोग के महत्व पर बल दिया।

समापन संबोधन में CGCA वंदना गुप्ता ने पेंशन वितरण, शिकायत निवारण और कुशल राजस्व संग्रह में CCA कार्यालयों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने जवाबदेही, पारदर्शिता और संचालन दक्षता को और मजबूत करने हेतु कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

 CCA संजय कुमार बारीयर ने CGCA टीम द्वारा साझा किए गए सुझावों और सम्मेलन में हुए रचनात्मक विचार-विमर्श के लिए आभार व्यक्त किया।

सम्मेलन का समापन

सम्मेलन का समापन डॉ. सतीश चंद्र झा, संचार लेखा नियंत्रक (महाराष्ट्र एवं गोवा) द्वारा दिए गए औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने CGCA वंदना गुप्ता के मार्गदर्शन और बारीयर के नेतृत्व की सराहना की तथा सभी प्रतिभागियों को उनके मूल्यवान योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

यह सम्मेलन CGCA संचालन को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

आदिवासी समाज के उत्थान और कल्याण के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज रायगढ़ के बोईरदादर में आयोजित अखिल भारतीय कंवर समाज के वार्षिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री साय ने समाज की मांग पर 30 लाख रुपए की लागत से निर्मित सामुदायिक भवन के प्रथम तल का लोकार्पण किया। समाज के वरिष्ठजनों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री साय ने कंवर समाज के पुरोधाओं को नमन करते हुए कहा कि समाज का विकास शिक्षा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी ही नहीं, बल्कि विभिन क्षेत्रों में सफल बनने का माध्यम भी है। हर बेटा-बेटी को शिक्षित करना ही समाज को मजबूती देगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी समाज के उत्थान और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। आदिवासियों एवं क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है। उन्होंने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आव्हान भी किया। 


मुख्यमंत्री साय ने जनजातीय समाज के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित कर जनजातीय समुदाय के सम्मान को नई ऊंचाई दी है। उन्होंने बताया कि आदिवासी समाज को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धरती आबा ग्राम उत्कर्ष और पीएम जनमन कार्यक्रम की शुरूआत की है। यह आदिवासी कल्याण के क्षेत्र में आजादी के बाद सबसे बड़ा अभियान है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं जनजातीय परिवारों को उपलब्ध करायी जा रही है। इन योजनाओं से जनजातीय क्षेत्रों में तेज गति से विकास हो रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की रजत जयंती समारोह के अवसर पर रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक सह संग्रहालय का लोकार्पण किया है। संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के वीर सेनानियों का देश के लिए योगदान जीवंत रूप में प्रदर्शित हो रहा है। यह आने वाली पीढ़ियों को हमारे वीर नायकों के शौर्य और बलिदान से परिचित कराता रहेगा। यह हमारे आदिवासी समाज के लिए भी गौरव की बात है। 

मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने पर राज्य के विकास-पीडीएस प्रणाली, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यापक विस्तार का उल्लेख करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद गांव-गांव तक पहुंच मार्ग और विकास की रोशनी पहुँची है। राज्य में नक्सलवाद विकास में सबसे बड़ी बाधा रहा है, लेकिन सरकार के प्रयासों से यह अंतिम सांस ले रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। 

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की नई औद्योगिक नीति के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। हम उद्योग धंधों के माध्यम से युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रहे है। इसके साथ ही हमारी सरकार प्रदेश के सभी समाज को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है, इसका लाभ अवश्य उठाना चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं, जिनमें कंवर समाज के लिए बोईरदादर रायगढ़ मे एक और सांस्कृतिक भवन के साथ मुख्य मार्ग तक सीसी रोड का निर्माण, लैलूंगा के टुरटूरा में नए समाजिक भवन, लैलूंगा और घरघोड़ा में निर्मित सामाजिक भवन के विस्तार की घोषणा की। 

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय, लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, महापौर जीवर्धन चौहान, जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक सिदार, भरत साय, सत्यानंद राठिया, अनंतराम पैंकरा सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

पारदर्शी व्यवस्था से खुशहाल किसान—3100 रुपये समर्थन मूल्य से नंद कुमार ने जताया मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही पारदर्शी और किसान हितैषी धान खरीदी व्यवस्था ने किसानों के चेहरे पर संतोष और भरोसे की नई चमक ला दी है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत 15 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी के दौरान नारायणपुर जिले के 17 उपार्जन केंद्रों में बारदाना, छाया, पेयजल, मेडिकल किट जैसी सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। 

खरीदी प्रक्रिया को ज्यादा सहज और पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन टोकन प्रणाली लागू की गई है, जिससे किसानों को अब लंबी कतारों और अनावश्यक प्रतीक्षा से मुक्ति मिल रही है। वहीं नोडल अधिकारियों की नियमित मॉनिटरिंग के कारण किसानों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। धान विक्रय के बाद भुगतान भी दो दिनों के भीतर किसानों के खातों में अंतरित किया जा रहा है, जिससे उन्हें बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा।

नारायणपुर जिले के माहका धान खरीदी केंद्र में अपना धान बेचने पहुंचे किसान नंद कुमार शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए सरकार की इस व्यवस्था की सराहना की। पाँच एकड़ खेत में इस वर्ष 60 क्विंटल धान का उत्पादन करने वाले शर्मा ने बताया कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मानक से किसानों को वास्तविक लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन टोकन प्रणाली ने प्रक्रिया को आसान बना दिया है और केंद्रों पर उपलब्ध सुविधाएँ संतोषजनक हैं।

नंद कुमार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने धान बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग खेती-बाड़ी सुधार और पारिवारिक आवश्यकताओं को पूरा करने में करने की बात कही।

केंद्र में मौजूद अन्य किसानों ने भी धान खरीदी की सुदृढ़ व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए उम्मीद जताई कि ऐसी सुविधाएँ आने वाले वर्षों में भी जारी रहेंगी और सरकार के प्रयासों से किसानों का विश्वास निरंतर बढ़ता रहेगा।

भारतीय रेलवे तमिलनाडु और काशी के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए काशी तामिल संगम 4.0 के लिए चलाए सात विशेष ट्रेनें

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भारतीय रेलवे ने काशी तामिल संगम 4.0 में बड़ी संख्या में प्रतिभागियों की सुविधा के लिए कन्नियाकुमारी, चेन्नई, कोयम्बटूर और बनारस के बीच सात विशेष ट्रेनों की श्रृंखला संचालित की है। इन विशेष ट्रेनों का उद्देश्य सहज यात्रा, लंबी दूरी की आरामदायक कनेक्टिविटी और प्रतिभागियों के लिए समय पर आगमन सुनिश्चित करना है, जो बहु-दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

पहली ट्रेन 29 नवंबर 2025 को कन्नियाकुमारी से रवाना हुई। इसके बाद आज चेन्नई से अतिरिक्त विशेष ट्रेन चलायी गई। आगामी प्रस्थान तिथियाँ हैं:

  • कोयम्बटूर: 3 दिसंबर

  • चेन्नई: 6 दिसंबर

  • कन्नियाकुमारी: 7 दिसंबर

  • कोयम्बटूर: 9 दिसंबर

  • चेन्नई: 12 दिसंबर 2025

साथ ही, भारतीय रेलवे ने बनारस से समय पर वापसी की सुविधा के लिए विशेष रिटर्न सेवाओं की व्यवस्था की है। रिटर्न ट्रेनें निम्नानुसार हैं:

  • कन्नियाकुमारी: 5 दिसंबर

  • चेन्नई: 7 दिसंबर

  • कोयम्बटूर: 9 दिसंबर

  • चेन्नई: 11 दिसंबर

  • कन्नियाकुमारी: 13 दिसंबर

  • कोयम्बटूर: 15 दिसंबर

  • चेन्नई: 17 दिसंबर 2025

काशी तामिल संगम 4.0 का आयोजन आज से शुरू हुआ और यह तमिलनाडु और काशी के बीच लंबे समय से चले आ रहे सांस्कृतिक संबंधों को जारी रखता है। इस संस्करण का मुख्य विषय है “चलो तमिल सीखें – तमिल कारकलम”, जो काशी और तमिलनाडु के बीच भाषाई और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है। इसमें काशी के छात्रों के लिए तमिल अध्ययन कार्यक्रम, तमिलनाडु के स्कूलों में अध्ययन यात्रा और तेनकसी से काशी तक आस्तिक वाहन यात्रा जैसे पहल शामिल हैं।

काशी तामिल संगम 4.0 ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संदेश को समर्पित है, जो लोगों को अपनी संस्कृति से परे अन्य संस्कृतियों को समझने और सराहने के लिए प्रेरित करता है। इस कार्यक्रम का संचालन शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है, जबकि आईआईटी मद्रास और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय प्रमुख ज्ञान भागीदार हैं। इसमें रेलवे सहित दस मंत्रालयों की भागीदारी है, जो छात्रों, कलाकारों, विद्वानों, आध्यात्मिक नेताओं, शिक्षकों और सांस्कृतिक प्रैक्टिशनरों को जोड़ते हुए दोनों क्षेत्रों के बीच विचार, सांस्कृतिक प्रथाओं और पारंपरिक ज्ञान का आदान-प्रदान सुनिश्चित करता है।

इन सात विशेष ट्रेनों के संचालन और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कार्यक्रम के माध्यम से, भारतीय रेलवे देश के विविध क्षेत्रों को जोड़ने और तमिलनाडु और काशी के बीच साझा विरासत को सुदृढ़ करने में एक केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।


राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षित यात्रा के लिए NHAI और रिलायंस जियो ने किया समझौता

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राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और सहज यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने रिलायंस जियो के साथ एक समझौता (MoU) किया है। इस साझेदारी के तहत, जियो के मौजूदा 4G और 5G नेटवर्क का उपयोग कर राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को मोबाइल पर अग्रिम चेतावनी दी जाएगी। यह सिस्टम उन क्षेत्रों के लिए काम करेगा, जिन्हें दुर्घटना-संवेदनशील क्षेत्र, आवारा पशु क्षेत्र, धुंध प्रभावित इलाके और आपातकालीन मार्ग परिवर्तनों के रूप में चिन्हित किया गया है।

उद्देश्य और लाभ

यह पहल सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और यात्रियों को समय पर जानकारी देने का प्रयास है, ताकि वे अपनी गति और ड्राइविंग व्यवहार को पहले से समायोजित कर सकें। चेतावनियाँ SMS, WhatsApp और उच्च प्राथमिकता वाले कॉल के माध्यम से दी जाएंगी। यह प्रणाली NHAI के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे कि ‘राजमार्गयात्रा’ मोबाइल एप्लिकेशन और आपातकालीन हेल्पलाइन 1033 के साथ चरणबद्ध रूप से एकीकृत की जाएगी।

प्रणाली की विशेषताएँ

  • यह स्वचालित प्रणाली सभी जियो मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए कार्य करेगी, जो राष्ट्रीय राजमार्गों पर या उसके पास हैं।

  • यात्रियों को खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले पूर्व चेतावनी प्रदान की जाएगी।

  • मौजूदा टेलिकॉम टावरों का उपयोग किया जाएगा, जिससे अतिरिक्त सड़क किनारे हार्डवेयर की आवश्यकता नहीं होगी।

  • इस साझेदारी के तहत जियो के डिजिटल नेटवर्क का लाभ उठाकर देश के 500 मिलियन से अधिक ग्राहकों तक समय पर सुरक्षा संदेश पहुँचाए जाएंगे।

प्रमुख बयानों से

NHAI के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने कहा, “यह पहल यात्रियों को समय पर और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने में महत्वपूर्ण कदम है। इससे यात्रियों को सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार अपनाने में मदद मिलेगी। मुझे विश्वास है कि यह पहल राष्ट्रीय राजमार्गों पर तकनीक-सक्षम सड़क सुरक्षा के नए मानक स्थापित करेगी।”

रिलायंस जियो के अध्यक्ष ज्योतिंद्र ठाक्कर ने कहा कि इस पहल के तहत जियो के नेटवर्क के माध्यम से बड़े पैमाने पर समय पर सुरक्षा चेतावनी दी जाएगी, जिससे यात्रियों की जागरूकता बढ़ेगी और यात्रा अधिक सुरक्षित होगी।

भविष्य की योजना

प्रारंभिक पायलट डिप्लॉयमेंट कुछ क्षेत्रीय कार्यालयों में जोखिम क्षेत्र की पहचान और चेतावनी सीमा के तहत लागू की जाएगी। NHAI सभी नियामक प्रावधानों और डेटा सुरक्षा आवश्यकताओं का पूरी तरह पालन करेगा। भविष्य में NHAI अन्य टेलिकॉम सेवा प्रदाताओं के साथ भी इस तरह की पहल करेगा।

यह पहल डिजिटल अवसंरचना और वास्तविक समय संचार उपकरणों के संयोजन से यात्री जागरूकता बढ़ाने और दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करेगी। NHAI देशभर में सुरक्षित, स्मार्ट और कुशल राष्ट्रीय राजमार्ग यात्रा सुनिश्चित करने के लिए नवाचारपूर्ण और पैमाने योग्य समाधान अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संबोधन: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर इस बात का प्रमाण है कि भारत शांति और सद्भावना की भाषा न समझने वालों को करारा जवाब देना बखूबी जानता है।” वे गुजरात के वडोदरा में 2 दिसंबर 2025 को आयोजित सरदार सभा को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम मेरा युवा (MY) भारत द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘यूनिटी मार्च’ का हिस्सा था।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की शक्ति का संदेश

रक्षा मंत्री ने भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता को नमन करते हुए कहा कि दुनिया आज भारतीय सैनिकों की बहादुरी और क्षमता को मान रही है। उन्होंने कहा:

  • “हम शांति-प्रिय राष्ट्र हैं, लेकिन यदि कोई उकसाता है तो उसे बख्शते नहीं।”

  • ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपनी सुरक्षा और सम्मान के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगा।

सरदार पटेल की विरासत और भारत की एकता

राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल को भारत की एकता का शिल्पकार बताते हुए कहा:

  • उनकी दूरदर्शिता के कारण भारत एकजुट हुआ।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘वन इंडिया, बेस्ट इंडिया’ के उनके सपने को नई मजबूती मिली है।

  • अनुच्छेद 370 हटाना, जम्मू-कश्मीर को मुख्यधारा में लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम था।

भारत की वैश्विक स्थिति और मजबूत नेतृत्व

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत:

  • विश्व मंच पर अपनी बात मजबूती से रखता है।

  • एक प्रमुख आर्थिक व सामरिक शक्ति के रूप में उभर रहा है।

  • वर्ष 2014 में आर्थिक रैंकिंग में 11वें स्थान पर था, आज चौथे स्थान पर पहुंच चुका है।

उन्होंने सरकार की नीति ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ को सरदार पटेल के सिद्धांतों का आधुनिक रूप बताया।

रक्षा उत्पादन और आत्मनिर्भरता

 राजनाथ सिंह ने कहा:

  • सरदार पटेल की सोच रक्षा आधुनिकीकरण पर आधारित थी।

  • ‘मेक इन इंडिया’ के चलते आज भारत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बन रहा है।

  • पिछले 11 वर्षों में रक्षा निर्यात 34 गुना बढ़ा है।

  • लक्ष्य:

    • ₹3 लाख करोड़ रक्षा उत्पादन

    • ₹50,000 करोड़ रक्षा निर्यात (वर्ष 2029 तक)

नैतिकता और सुशासन: संविधान (130वां संशोधन) विधेयक

उन्होंने सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े रुख की जानकारी देते हुए कहा:

  • यदि किसी उच्च पदाधिकारी पर गंभीर आरोप में गिरफ्तारी के बाद 30 दिनों तक जमानत नहीं मिलती, तो वह स्वचालित रूप से अपने पद से मुक्त हो जाएगा।

युवा पीढ़ी से आह्वान

रक्षा मंत्री ने युवाओं से आह्वान किया:

  • भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लें।

  • एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करें।

  • सरदार पटेल के आदर्शों को अपनाएं और अगली पीढ़ी तक पहुंचाएं।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख हस्तियाँ

  • पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया

  • उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

  • श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया

  • केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे

  • अन्य वरिष्ठ अधिकारी

यह आयोजन सरदार पटेल की एकता, राष्ट्रवाद और दृढ़ नेतृत्व की भावना को समर्पित रहा।

संयुक्त सैन्य अभ्यास 'एकुवेरिन' का 14वां संस्करण तिरुवनंतपुरम में शुरू: भारत–मालदीव रक्षा सहयोग को नई मजबूती

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भारतीय सेना और मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एकुवेरिन’ का 14वां संस्करण आज तिरुवनंतपुरम, केरल में आरंभ हुआ। यह अभ्यास 02 से 15 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जाएगा। भारतीय सेना की ओर से गढ़वाल राइफल्स बटालियन के 45 सैनिक भाग ले रहे हैं, जबकि समान संख्या में MNDF के सैनिक भी शामिल हैं।

‘एकुवेरिन’ धिवेही भाषा में ‘दोस्त’ का अर्थ रखता है, जो भारत और मालदीव के बीच गहरे मित्रतापूर्ण संबंधों, आपसी विश्वास और सैन्य सहयोग को दर्शाता है। वर्ष 2009 से यह अभ्यास बारी-बारी से दोनों देशों में आयोजित होता आ रहा है और यह भारत की पड़ोसी प्रथम नीति (Neighbourhood First Policy) का उत्कृष्ट उदाहरण है।

अभ्यास के प्रमुख उद्देश्य

यह दो सप्ताह लंबा प्रशिक्षण कार्यक्रम निम्नलिखित क्षेत्रों में संयुक्त क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित है:

  • जंगल, अर्ध-शहरी और तटीय क्षेत्रों में काउंटर-इंसर्जेंसी और काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशंस

  • दोनों सेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी और ऑपरेशनल तालमेल

  • सर्वोत्तम सैन्य प्रथाओं का आदान-प्रदान

  • सामरिक अभ्यास, संयुक्त योजना और प्रशिक्षण

यह अभ्यास भारत–मालदीव के बढ़ते रक्षा सहयोग और हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करता है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्पष्टीकरण: संचार साथी ऐप पूरी तरह वैकल्पिक, सुरक्षित और उपभोक्ता केंद्रित

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केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज संचार साथी ऐप को लेकर स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह लोकतांत्रिक और पूरी तरह स्वैच्छिक (voluntary) है। उपयोगकर्ता अपनी सुविधा के अनुसार ऐप को सक्रिय कर सकते हैं और चाहें तो कभी भी इसे निष्क्रिय या हटा सकते हैं।

उपभोक्ता केंद्रित, सुरक्षित और पारदर्शी प्लेटफॉर्म

सिंधिया ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और संचार साथी ऐप हर मोबाइल उपयोगकर्ता को सशक्त बनाने के लिए तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा:

“संचार साथी एक ऐप और पोर्टल दोनों है, जो नागरिकों को पारदर्शी और आसान टूल्स के माध्यम से खुद को सुरक्षित करने में सक्षम बनाता है। यह जनभागीदारी की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें नागरिक अपने डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।”

संचार साथी के प्रभाव और प्रमुख उपलब्धियाँ

लॉन्च के बाद से संचार साथी ने बड़े पैमाने पर प्रभाव डाला है:

  • 21.5 करोड़+ पोर्टल विज़िट

  • 1.4 करोड़+ ऐप डाउनलोड

  • 1.43 करोड़+ मोबाइल कनेक्शन नागरिकों द्वारा “Not My Number” चुनने पर डिस्कनेक्ट

  • 26 लाख खोए/चोरी हुए मोबाइल फोन ट्रेस किए गए

    • इनमें से 7.23 लाख फोन सफलतापूर्वक लौटाए गए

  • 40.96 लाख फर्जी कनेक्शन नागरिकों की रिपोर्ट के आधार पर डिस्कनेक्ट

  • 6.2 लाख फ्रॉड-लिंक्ड IMEI ब्लॉक

  • ₹475 करोड़ की संभावित वित्तीय धोखाधड़ी रोकी गई Financial Fraud Risk Indicator (FRI) के माध्यम से

साइबर सुरक्षा और नागरिक संरक्षण सर्वोपरि

संचार साथी में उपयोगकर्ताओं को कॉल लॉग से सीधे संदिग्ध धोखाधड़ी रिपोर्ट करने की सुविधा है, जिससे नागरिक स्वयं और दूसरों को डिजिटल धोखाधड़ी से सुरक्षित रख सकते हैं।

 सिंधिया ने कहा:

“हर नागरिक की डिजिटल सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। संचार साथी स्वैच्छिक, पारदर्शी और पूरी तरह नागरिक सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इसे कभी भी सक्रिय, निष्क्रिय या हटाया जा सकता है—सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए गोपनीयता से समझौता किए बिना।”


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