Responsive Ad Slot


 

Showing posts with label Kuno National Park. Show all posts
Showing posts with label Kuno National Park. Show all posts

कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता गामिनी के शावक की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में होगा कारणों का खुलासा

No comments Document Thumbnail

kuno national park: मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित चीतों के इकलौते घर कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है. यहां तीन माह पहले मादा चीता गामिनी द्वारा जन्मे 6 शावकों में से एक शावक की मौत हो गई. मृत शावक मां के पास पड़ा मिला. फिलहाल पूरे मामले मौत की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है. पार्क प्रबंधन की माने तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत की असली वजह पता चल सकेगी.


बीती मंगलवार की शाम 4 बजे करीब पशु चिकित्सक टीम ने देखा कि एक शावक मां के पास लेटा हुआ है. जबकि बाकी पांच शावक इधर-उधर खेल रहे हैं. इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने पास जाकर जांच की तो मृत पाया गया. अब कूनो पार्क में शेष 13 शावक और 13 व्यस्क चीते ही शेष बचे हैं.

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ थिरुकुरल आर ने एमपीतक को फोन कॉल पर बताया कि शावक स्वस्थ्य था. वह मॉनिटरिंग टीम को मादा चीता गामिनी के पास अचेत पड़ा मिला था. काफी देर तक उसके शरीर मे जब कोई हरकत नहीं हुई. तब डॉक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित किया. शावक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. शेष सभी चीते और शावक स्वस्थ्य है.

यहां बतादे कि पिछले साल से लेकर अब तक 4 शावकों सहित कुल 11 चीतों की मौत हो चुकी है. पिछले साल गर्मी में ज्वाला चीता के शावकों की मौत हो गई थी. जिसे देखते हुए कूनो प्रबंधन ने चीता व शावकों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए कई प्रबंध किए हैं, लेकिन फिर एक शावक की मौत हो गई. हालांकि राहत की बात यह है कि 2-3 दिन में तापमान 48 डिग्री पहुंचने के बाद 44 डिग्री पर आ गया है.

Kuno National Park : हेलीकाप्टर से अब खोजी जाएगी मादा चीता निर्वा

No comments Document Thumbnail

Kuno National Park :  मध्‍यप्रदेश के श्‍योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क  में नौ चीतों की मौत के बाद एक और चीता के नहीं मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। निर्वा नाम की मादा चीता  की कॉलर आईडी खराब है। इससे उसकी लोकेशन कूनो प्रबंधन को नहीं मिल रही है। मादा चीता निर्वा पिछले 20 दिन से गायब है। अब उसे ढूंढने के लिए वन विभाग हेलीकॉप्टर की मदद लेने की तैयारी कर रहा है। 80 लोगों की टीम, दो ड्रोन और एक हाथी टीम भी अब तक निर्वा की तलाश में नाकाम ही रही है।


बता दें कि कूनो नेशनल पार्क  से मादा चीता निर्वा 19 जुलाई से लापता है। मादा चीता निर्वा का कॉलर आईडी खराब है, जिसकी वजह से उसका संपर्क टूट गया है। संभावना जताई जा रही है कि मादा चीता निर्वा कूनो नेशनल पार्क के जंगल से बाहर निकल गई है। कूनो नेशनल पार्क का जमीनी अमला लगातार मादा चीता निर्वा को खोजने के लिए प्रयासरत है, यहां तक की मादा चीता को खोजने के लिए हाथी का भी उपयोग किया गया, लेकिन कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन को सफलता नहीं मिल सकी है।

बता दें मादा चीता निर्वा की कॉलर आईडी खराब है, जिसकी वजह से उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है. कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन अब और ज्यादा चिंतित हो गया है, क्योंकि पिछले एक सप्ताह से मादा चीता निर्वा के पगमार्क भी नहीं मिले हैं।

कूनो नेशनल पार्क में 14 चीते हैं, जो पूरी तरह से स्वस्थ है. यह सभी चीते बाड़े में है. इन चीतों में 7 नर, 6 मादा और 1 शावक शामिल हैं. जबकि नौ चीतों की मौत हो गई है। चीतों की मौत के सिलसिले की शुरुआत 26 मार्च से हुई थी. 26 मार्च को इन्फेक्शन की वजह से साशा की मौत हो गई थी। इसी तरह 23 अप्रैल को नर चीता उदय की हार्ट अटैक से जान चली गई थी. 9 मई को मादा चीता दक्षा की मीटिंग के दौरान मौत हुई, 23 मई को ज्वाला के एक शाव की मौत, 25 मई को ज्वाला के दो शावकों की मौत, 11 जुलाई को नर चीता तेजस की मौत, 14 जुलाई को सूरज की मौत के बाद धात्री भी मृत अवस्था में पाई गई।



Kuno National Park में एक और अफ्रीकी चीते 'तेजस' की मौत, बीते तीन महीने में 7 की गई जान

No comments Document Thumbnail

 Kuno National Park : दक्षिण अफ्रीका से लाए गए और मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में रखे गए एक और चीता, तेजस की मंगलवार को मौत हो गई। तेजस से पहले पार्क में तीन चीतों और तीन शावकों की जान जा चुकी है। मॉनिटरिंग टीम को तेजस घायल अवस्था मे मिला था। उसका इलाज किया था, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। यह श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दो और चीतों को जंगल में छोड़े जाने के कुछ घंटों बाद आया है। दो चीतों के शामिल होने और अब तेजस की मौत के साथ, जंगल में इनकी कुल संख्या 11 तक पहुंच गई है।


श्योपुर के प्रभागीय वन अधिकारी पी के वर्मा ने बताया कि सोमवार को दो नर चीतों, प्रभाष और पावक को केएनपी के जंगल में छोड़ दिया गया। आठ नामीबियाई चीते, जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे, को केएनपी में लाया गया और भारत में प्रजातियों को फिर से पेश करने के एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल 17 सितंबर को विशेष बाड़ों में छोड़ दिया गया। इस साल 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से बारह और चीते - सात नर और पांच मादा - केएनपी में लाए गए थे।

मालूम हो कि 27 मार्च को, साशा नाम की मादा चीता की किडनी की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी. वहीं, 23 अप्रैल को उदय की मौत हो गई थी. इसके बाद 9 मई को दक्ष नामक मादा चीते को मेटिंग के दौरान एक नर चीते ने घायल कर दिया और बाद में उसकी मौत हो गई. 25 मई को दो चीता शावकों की मृत्यु हो गई. इससे पहले, केंद्र सरकार ने KNP में दो महीने के भीतर तीन शावकों समेत छह चीतों की मौत के पीछे किसी भी चूक से इनकार किया था.

एक अधिकारी ने कहा, ‘चीते की किसी भी मौत के पीछे कोई चूक नहीं है. मई महीने तक हुई छह मौतों के बाद दक्षिण अफ्रीकी वन्यजीव विशेषज्ञ विंसेंट वान डेर मेरवे ने और अधिक मौतों की भविष्यवाणी की थी. उन्होंने कहा था कि अगले कुछ महीनों में और भी अधिक मृत्यु दर देखने को मिलेगी.


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.