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अलग-अलग डैम में डूबने से 9 लोगों की गई जान, मृतकों में 5 महिलाएं और 4 युवक शामिल

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महाराष्ट्र हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में रोजाना किसी न किसी हादसे की खबर सामने आ रही है। ताजा मामला पुणे का है, जहां दो अलग-अलग डैम में डूबने से 9 लोगों की मौत हो गई है। पहली दुर्घटना भोर तहसील के भाटघर की है। जबकि दूसरी घटना खेड़ तहसील के चासकमान में हुई है। भाटघर में पांच महिलाओं ने जान गंवाई है। वहीं चासकमान डैम में पिकनिक मनाने गए 4 युवक डूब गए। 

भाटघर डैम में डूबने से खुशबू राजपूत (उम्र 19), मनीषा राजपूत (उम्र 20), चांदनी राजपूत (उम्र 21), पूनम राजपूत (उम्र 22) और मोनिका चव्हाण की मौत हो गई है। ये पांचों डैम के पास घूमने के लिए आईं थीं। वहीं सभी महिलाएं नहाने के लिए पानी में चली गईं। इसी दौरान ये हादसा हो गया। सभी पुणे की रहने वाली हैं। पानी में डूबी पांच में से चार महिलाओं के शवों को बाहर निकाल लिया गया है। जांच में सामने आया है कि बांध के किनारे खड़े होकर महिलाएं सेल्फी ले रहीं थीं। इसी दौरान एक महिला का पैर फिसल गया और उसे बचाने के चक्कर में एक-एक करके चार अन्य महिलाएं पानी में कूदी और दुर्घटना का शिकार हुई हैं। 

एक ही परिवार की है 4 महिलाएं

पानी में डूबी पांच में से चार महिलाएं एक ही परिवार से थीं। इधर, चासकमान डैम पर कृष्णमूर्ती फाउंडेशन, सह्याद्री स्कूल के 4 स्टूडेंट्स पिकनिक मनाने गए थे। इसी बीच डैम के गेट से निकल रहे पानी में नहा रहा एक साथी डूबने लगा। उसे बचाते समय बाकी तीन भी डूब गए। इनमें से दो के शव बाहर निकाले जा चुके हैं। चासकमान डैम में डूबे चारों छात्र बेस्ट फ्रेंड थे और एक ही क्लास में पढ़ते थे।

कुकदा डैम में डूबने से 3 लोगों की मौत

इससे पहले 14 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में कुकदा डैम में डूबने से युवती समेत 3 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक तीनों लोग अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के कर्मचारी थे, जो अपने साथियों के साथ रायपुर, धमतरी और कांकेर से पिकनिक मनाने के लिए कुकदा डैम पहुंचे थे। सूचना मिलने पर ASP चंद्रेश ठाकुर भी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की।

तालाब में डूबने से एक ही परिवार के 5 बच्चों की मौत

बता दें कि 5 सितंबर को राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड़ क्षेत्र में तालाब में नहाने गए एक ही परिवार 5 बच्चों की डूबने से मौत हो गई थी। पानी के बाहर खड़े अन्य बच्चों ने गांव के लोगों को इसकी सूचना दी, जिस पर ग्रामीण तत्काल मौके पर पहुंचे और पांचों बच्चों को पानी से बाहर निकाला और सभी बच्चों को मंगलवाड़ के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। 

झारखंड में हुआ था ऐसा ही हादसा

वहीं 9 नवंबर को झारखंड के पलामू जिले में ऐसा ही हादसा हुआ था, जहां पायल नदी के छठ घाट में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक छठ स्नान के दौरान डूबने से दोनों बच्चों की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि दोनों बच्चे राजहारा गांव के राजू भुईयां के बेटे थे। राजू भुईयां के साले की पत्नी राजहारा स्थित छठ घाट पर छठ स्नान और पूजा करने गई थी और उसके साथ राजू की पत्नी और बच्चे भी गए थे। वहीं गिरिडीह के मंगरोडीह गांव में भी ऐसा ही हादसा हुआ था। यहां छठ महापर्व को लेकर स्नान करने गई महिलाओं के साथ गए 4 बच्चों की नदी में डूबने से मौत हो गई थी।

हादसा: सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से 4 मजदूरों की मौत

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महाराष्ट्र हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में किसी न किसी दुर्घटना की खबर रोजाना सामने आ रही है। ताजा मामला पुणे के बाहरी इलाके में स्थित लोनी कलभोर का है, जहां एक सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से 4 लोगों की मौत हो गई है। पुलिस के मुताबिक ये हादसा लोनी कलभोर के कदम वाक वस्ती इलाके की एक रिहायशी इमारत में सुबह हुआ। पुलिस ने बताया कि सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए लाए गए चार लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। पहले पीड़ित को टैंक से बाहर निकाला गया, तो वो बेहोश पाया गया था। उसे पास के अस्‍पताल ले जाया गया, जहां डॉक्‍टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

फाइल फोटो

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अन्य तीन को इसके तत्काल बाद टैंक से बाहर निकाला गया, लेकिन उनकी पहले ही मौत हो चुकी थी। लोनी कालभोर पुलिस स्टेशन के प्रभारी वरिष्ठ निरीक्षक राजेंद्र मोकाशी ने बताया कि केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उन्‍होंने कहा कि पहले सिर्फ दो लोग सफाई के लिए आए थे। इसके बाद दो अन्‍य और पहुंचे। मृतकों में वे लोग भी शामिल हैं, जो इस आवासीय सोसायटी के दैनिक कामकाज में मदद करते थे।

जांच में जुटी पुलिस

सोसायटी पुणे शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। फायर ब्रिगेड की टीम ने शवों को बाहर निकाल लिया है, लेकिन चारों मजदूरों में से एक की भी जान नहीं बचाई जा सकी है। सेप्टी टैंक की सफाई का ये काम बहुत मुश्किल काम है। सेफ्टी टैंक में सफाई के दौरान होने वाली मौतों का ये पहला मामला नहीं है।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

ऐसी ही घटना पहले भी देश के कई बड़े शहरों में  सामने आ चुकी है। मुंबई से सटे ठाणे शहर की भी एक और सोसाइटी में कुछ साल पहले ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान एक मजदूर की दम घुटने की वजह से मौत हो गई थी। वहीं 30 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में गुड़ाखू बनाने वाली फैक्ट्री में काम करने वाले 3 मजदूरों की मौत हो गई थी। मजदूर केमिकल रखने वाले टैंक में गिर गए, जिसमें 3 कर्मचारियों की मौत हो गई थी।  

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