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स्वास्थ्य विभाग और टाटा ट्रस्ट ने मिलकर राज्य के 23 शहरी पीएचसी को बनाया मॉडल हमर अस्पताल

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रायपुर। राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और टाटा ट्रस्ट की सहयोगी संस्था सीआईएनआई (Collectives for Integrated Livelihood Initiatives) ने मिलकर प्रदेश के 23 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को मॉडल हमर अस्पताल के रूप में विकसित किया है। इन मॉडल हमर अस्पताल से स्थानीय लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। इन 23 में से 14 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाण पत्र से नवाजा जा चुका है।
                   

टाटा ट्रस्ट ने नवा रायपुर के सत्य साईं संजीवनी अस्पताल के साथ मिलकर जन्मजात हृदय रोगों (Congenital Heart Disease) से पीड़ित बच्चों की स्क्रीनिंग एवं इलाज में भी सहयोग प्रदान किया है। ट्रस्ट के सहयोग से एक हजार बच्चों के ऑपरेशन हुए हैं। ट्रस्ट की मदद से चार शहरों जगदलपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव और रायपुर में जन्मजात हृदय रोगों के स्क्रीनिंग सेंटर भी संचालित हो रहे हैं। सीआईएनआई द्वारा छत्तीसगढ़ में संचालित मॉडल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और टाटा ट्रस्ट की सीएचडी परियोजना का समापन कार्यक्रम आज नवा रायपुर स्थित एक निजी होटल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सभी 23 मॉडल हमर अस्पतालों में कार्यरत स्टॉफ को सम्मानित किया गया। अस्पताल स्टॉफ के लिए वर्कप्लेस हैप्पीनेस (Workplace Happiness)’ पर कार्यशाला के साथ ही शहरी आबादी के बीच प्रायमरी हेल्थ केयरविषय पर पैनल डिस्कशन भी इस दौरान आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सीआईएनआई द्वारा तैयार छत्तीसगढ़ में आदर्श हमर अस्पताल परियोजना पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
                 

राज्य शासन के साथ साझेदारी में टाटा ट्रस्ट द्वारा छत्तीसगढ़ हेल्थ सिस्टम्स स्ट्रेंथनिंग इनिशिएटिव्ह (Chhattisgarh Health Systems Strengthening Initiative) के अंतर्गत वर्ष 2019 से मॉडल शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परियोजना संचालित की जा रही थी। इसके तहत राज्य के 23 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों के अनुकूल मॉडल टीकाकरण कक्ष, रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य केंद्र, डिजिटल तकनीकों के उपयोग, फॉर्मेसी सुदृढ़ीकरण, जांच व दवाईयों की संख्या बढ़ाने तथा वहां कार्यरत स्टॉफ की कार्यदक्षता बढ़ाकर मॉडल हमर अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है। राज्य के अन्य शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी इसी तर्ज पर मॉडल हमर अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। टाटा ट्रस्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत जन्मजात हृदय रोगों (सीएचडी) से पीड़ितों की शीघ्र पहचान और उपचार के लिए भी सत्य साईं संजीवनी अस्पताल के साथ मिलकर काम किया है।

                                    
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपन ने परियोजना के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में हमें अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देनी हैं। स्वास्थ्य सबकी प्राथमिकता का क्षेत्र है। उन्होंने मॉडल हमर अस्पतालों में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे स्टॉफ को बधाई देते हुए कहा कि आप लोगों के फीडबैक से अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं को भी बेहतर करेंगे। इसके लिए आप लोगों का इनपुट जरूरी है। उन्होंने टाटा ट्रस्ट और सीआईएनआई को प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

टाटा ट्रस्ट के वरिष्ठ स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. सीता राम बुदराजू ने कार्यक्रम में कहा कि हम गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाने का प्रयास करते हैं, खासकर वंचित समुदायों के लिए। इस उद्देश्य के साथ हम पिछले कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ सरकार के साथ काम कर रहे हैं। राज्य में 23 मॉडल हमर अस्पताल के नेटवर्क, डिजिटलीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए सक्रिय निगरानी जैसे कार्यों ने इस पायलट परियोजना को सफल बनाया है। उम्मीद है हमारी यह पहल फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की क्षमता बढ़ाकर सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा नई-नई प्रौद्योगिकी के जरिए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में मददगार होंगी।

स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. सुरेन्द्र पामभोई और सीआईएनआई के कार्यकारी निदेशक डॉ. गणेश नीलम ने भी परियोजना के समापन कार्यक्रम को संबोधित किया। रायपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक आनंद साहू, शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. प्रदीप टंडन, विश्व स्वास्थ्य संगठन के उरिया नाग और टाटा ट्रस्ट के डॉ. अभिजीत चौधरी सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, टाटा ट्रस्ट तथा सीआईएनआई के कई अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

इन अस्पतालों को विकसित किया गया है मॉडल हमर अस्पताल के रूप में

रायपुर के भनपुरी, भाठागांव, लाभांडी, राजातालाब, गुढ़ियारी, आमासिवनी, मठपुरैना, हीरापुर, कांशीराम नगर, देवपुरी, गोगांव शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, चरोदा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बूढ़ा महादेव शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कबीरधाम, बिलासपुर के गांधी चौक और राजकिशोर नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नवापारा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंबिकापुर, कोरबा के ढोढ़ीपारा और गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, राम नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कांकेर, बैकुंठधाम शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, न्यू खुर्सीपार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पोटिया कला शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इनमें से रायपुर के भनपुरी, भाठागांव, राजातालाब, आमासिवनी, मठपुरैना, हीरापुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, चरोदा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बूढ़ा महादेव शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कबीरधाम, बिलासपुर के गांधी चौक और राजकिशोर नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नवापारा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंबिकापुर, कोरबा के ढोढ़ीपारा और गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा श्री राम नगर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कांकेर को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।

योनि कैंसर स्क्रीनिंग पर रायपुर में होगा प्रशिक्षण

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रायपुर। जिले में गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करते हुए, कैंसर के लक्षणों की समय पर जांच कर संभावित रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा कर स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण मातृ एवं शिशु चिकित्सालय कालीबाड़ी में आयोजित किया जाएगा। प्रशिक्षण का उद्देश्य समय रहते योनि कैंसर के संभावित लक्षणों की जांच कर बेहतर इलाज मुहैया कराना है। प्रशिक्षण का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार चौधरी के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष मेजरवार के मार्गदर्शन में किया जायेगा।



प्रशिक्षण की जानकारी देते हुए गैर संचारी रोग की जिला सलाहकार डॉ.सृष्टि यदु ने बताया’’ इस साल विश्व कैंसर दिवस की थीम क्लोज द केयर गैपनिर्धारित की गई है। कैंसर देखभाल असमानताओं की पहचान करने और उनका आकलन करने के लिए समर्पित है। इसी को आगे बढ़ते हुए जिले में दो प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहे है। पहला प्रशिक्षण 18 अक्टूबर और दूसरा 19 अक्टूबर को आयोजित होगा। पहले दिन 09 मेडिकल ऑफिसर और 30 नर्सों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और दूसरे दिन 16 मेडिकल ऑफिसर और 36 नर्सों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

मातृ एवं शिशु चिकित्सालय कालीबाड़ी में सर्वाइकल (यौनि) कैंसर, पर पं.जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर, की डॉ. ज्योति जायसवाल एचओडी गायनोकोलॉजिस्ट डिपार्टमेंट और  डॉ.  स्मृति के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत ओपीडी में आए लोगों की कैंसर जांच प्रशिक्षणार्थी के द्वारा करवाया जाएगा। जिससे प्रतिभागियों की समझ को विकसित किया जा सके और लक्षण को पहचान कर स्क्रीनिंग में आसानी हो।‘’

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