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12 से 14 फरवरी तक मैनपाट महोत्सव का आयोजन, कैलाश खेर सहित कई कलाकार होंगे शामिल

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छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से ख्याति प्राप्त सरगुजा जिले के मैनपाट (Mainpat) में अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ विभिन्न बोली, भाषा और संस्कृतियों का भी संगम है। मांझी-मंझवार, पहाड़ी कोरवा, आदिवासियों, यादवों और तिब्बती भाषा, बोली और संस्कृति का मेल मैनपाट को अनूठा बनाते हैं। मैनपाट (Mainpat) छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में स्थित एक पाट क्षेत्र है। यह विंध्य रेंज पर समुद्र तल से करीब 3500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।









407 वर्ग किलोमीटर में फैला पूरा पाट क्षेत्र पहाड़ी, हरियाली, झरने, नदी, खनिज पदार्थ जैसे प्राकृतिक संसाधनों के अनमोल उपहारों से भरा-पूरा है। मैनपाट (Mainpat) में तिब्बती कैम्प, बुद्धिष्ट मंदिर और अद्वितीय जलवायु प्रसिद्ध हिल स्टेशन शिमला का अहसास कराते हैं।





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मैनपाट (Mainpat) में 20 से 25 मनमोहक और अद्भूत पर्यटन पॉइंट है, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहां के पर्यटन पॉइंट में टाईगर पॉइंट, मेहता पॉइंट, फिश पॉइंट, किंग पॉइंट, परपटिया व्यू, बौद्ध मंदिर और अद्भूत उल्टा पानी सहित जलजली शामिल है। उल्टा पानी में नीचे से ऊपर की ओर पानी का बहाव और इंजन बंद वाहनों का चढ़ाई पर चढ़ना या जलजली की सिंप्रग जैसे उछाल वाली जमीन पर्यटकों को विस्मित करते हैं।





2012 से हर साल होता है मैनपाट महोत्सव का आयोजन





जिला मुख्यालय अंबिकापुर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मैनपाट जाने के लिए दरिमा-नावानगर से आगे करीब 15 किलोमीटर का सफर पहाड़ी पर चढ़ते हुए घुमावदार सड़क से गुजरता है। घुमावदार रास्ते के दोनों ओर हरे-भरे वृक्ष, बड़े-बड़े चट्टाने और खाई रोमांच का एहसास कराते हैं। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साल 2012 से मैनपाट में महोत्सव का आयोजन हर साल किया जा रहा है।









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महोत्सव में पर्यटकों के लिए मेला, एडवेंचर स्पोर्ट्स और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस साल भी 12 से 14 फरवरी तक 3 दिवसीय मैनपाट महोत्सव का आयोजन रोपाखार जलाशय के पास किया जा रहा है, जिसमें कैलाश खेर, अनुज शर्मा, खेसारी लाल, अक्षरा सिंह, काजल राघवानी जैसे प्रसिद्ध कलाकारों के साथ ही स्थानीय कलाकारों और लोक कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके ही साथ मेला, विभागीय स्टॉल, फूडजोन, एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी आकर्षण रहेगा।





10 फरवरी को अरपा महोत्सव में शामिल होंगे मुख्यमंत्री





मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 10 फरवरी को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही स्थित मल्टीपरपज स्कूल मैदान में आयोजित 'अरपा महोत्सव' कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री बघेल 10 फरवरी को दोपहर 12 बजे पुलिस ग्राउंड रायपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 12.45 बजे पेंड्रा पहुंचेंगे, जहां CM मल्टीपरपज स्कूल मैदान में दोपहर 12.55 बजे से आयोजित अरपा महोत्सव में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री शाम 4.25 बजे वापस रायपुर लौट जाएंगे।


मैनपाट महोत्सव में मिलेंगे गढ़कलेवा के स्वादिष्ट व्यंजन, लोक कलाकारों को भी मिलेगा मौका

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सरगुजा जिले के मैनपाट के रोपाखार जलाशय के पास 12 से 14 फरवरी तक आयोजित होने वाले महोत्सव में गढ़कलेवा के माध्यम से 15 प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजन मिलेंगे। मंच के पास ही गढ़कलेवा के लिए रसोई और भंडार गृह का निर्माण किया जा रहा है। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही विभागीय स्टाल, सामूहिक विवाह और एडवेंचर स्पोटर्स का आयोजन किया जाएगा।





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संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने महोत्सव के लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय-सीमा में करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर संजीव कुमार झा ने शनिवार को महोत्सव स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। महोत्सव में मुख्य मंच के पीछे विशिष्ट कलाकारों के लिए ग्रीन रूम और डाइनिंग रूम महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग तैयार हो रहा है।





नागरिकों के बैठक व्यवस्था करने के निर्देश





महोत्सव के दौरान नागरिकों के बैठक व्यवस्था और पर्याप्त मात्रा में कुर्सी की व्यवस्था, प्रवेश और निर्गम द्वार बनाए जा रहे हैं। महोत्सव में विभागीय स्टाल लगाया जाएगा। जलाशय के किनारे विकसित की जा रही गार्डन में फूलदार और शो के पौधे रोपे गए हैं।





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मंत्री अमरजीत भगत शनिवार को सरगुजा जिले के मैनपाट जनपद के राजापुर में आयोजित विकासखंड स्तरीय लोकनृत्य प्रतियोगिता में शामिल हुए। उन्होंने लोक नर्तकों को 2-2 हजार रूपए देने की घोषणा की। साथ ही 42 जरूरतमंद हितग्राहियों को अपने स्वेच्छानुदान मद से 10-10 हजार रूपए का चेक वितरित किया। मंत्री भगत ने कहा कि पहले महोत्सव में स्थानीय कलाकारों को मौका नहीं मिलता था। इसलिए इस बार मैनपाट महोत्सव में लोक कलाकारों को मौका देने के लिए करमा, शैला और सुआ नृत्य का विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता रखा गया है।





मैनपाट महोत्सव में लोक कलाकारों को मिलेगा मौका





विकासखंड स्तर पर जो दल प्रथम स्थान पर आएगा उन्हें मैनपाट महोत्सव में मौका मिलेगा और उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा। मंत्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति के संरक्षण के लिए अनेक आयोजन किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बीते साल से राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन किया किया गया। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा और संस्कृति को जानना भी है और बचाना भी है। इसके लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों को पहचान देने के लिए प्रदेश की संस्कृति विभाग द्वारा लोक कलाकारों का पंजीयन किया जा रहा है।





मंत्री भगत ने किया जरूरतमंदों को चेक वितरित





संस्कृति विभाग के संस्था चिन्हारी में पंजीयन होने के बाद लोक कलाकारों को पंजीयन नंबर दिया जाएगा। उन्होंने कहा चिन्हारी में पंजीकृत लोक कलाकारों को संस्कृति विभाग हर साल अनुदान देगी। यह अनुदान की राशि सीधे लोक कलाकारों के बैंक खाते में जमा की जाएगी। लोक कलाकारों के पंजीयन के लिए जिलों में संस्कृति विभाग द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिन कलाकारों का नाम संस्कृति विभाग में दर्ज होगा उन्हें लोक कलाकार के नाम से जाना जाएगा। इस अवसर पर मंत्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार गरीबों के घर में राशन पहुंचाने का काम कर रही है।





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राज्य सरकार हितग्राहियों को खोजकर उनका नाम राशन कार्ड में जोड़ने का काम कर रही है। बीते साल नवीन राशन कार्ड बनाने अभियान चलाया गया था और अभी भी जिन परिवारों के राशन कार्ड में त्रुटि है उसे सुधारने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंबिकापुर से सीतापुर तक सड़कों का जाल बिछाने का काम जल्द शुरू होगा। चलता से हर्रामार और पेंट-पीडिया रोड भी अब बन जाएगा। सड़क बनने से लोगों को आवागमन में सुविधा होगी।


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