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अंततः हटाए गए महासमुन्द के SDM जायसवाल, मुख्य सचिव के हस्तक्षेप से हटे

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महासमुन्द। अतिवादी प्रशासनिक व्यवस्था के पर्याय बन चुके महासमुन्द एसडीएम भागवत प्रसाद जायसवाल को अंततः आज हटा दिया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव की फटकार के बाद SDM महासमुन्द से कार्यमुक्त किए गए। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की नोटिस का जवाब नहीं देने शासन के आदेश की अवज्ञा करने के लिए निलंबित भी किया जा सकता है। बताया जाता है कि निलंबन की तलवार लटक रही है। जिसे महासमुन्द के एक 'तिलकधारी' ने संरक्षित कर रखा है। 

भागवत प्रसाद जायसवाल

इधर, कलेक्टर क्षीरसागर ने शासकीय कार्यों के सुचारू सम्पादन को दृष्टिगत रखते हुए संयुक्त कलेक्टर एवं वर्तमान अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पिथौरा  राकेश कुमार गोलछा को आगामी आदेश पर्यन्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महासमुंद का सम्पूर्ण प्रभार सौंपा है। इसी प्रकार डिप्टी कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बागबाहरा  उमेश कुमार साहू को आगामी आदेश पर्यन्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पिथौरा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।


यह भी पढ़ें:- हटाए गए महासमुन्द के एडीएम और एसडीएम, एकतरफा रिलीव करने का आदेश जारी https://www.media24media.com/2022/08/ADM-and-SDM-of-Mahasamund-removed-order-issued-to-relieve-unilaterally.html


कलेक्टर  निलेशकुमार ने अपर कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर के मध्य पूर्व में सौंपे गए प्रभार में भी संशोधन करते हुए आगामी आदेश पर्यन्त तक कार्य विभाजन कर प्रभार सौंपा है। इनमें अपर कलेक्टर दुर्गेश वर्मा को जिले के लिए अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम), कानून व्यवस्था संबंधी, जिले के विभिन्न आयोजन, समारोह के संबंध में प्रभारी व समन्वयक, जिले के सभी अनुविभाग के लिए राजस्व कार्यों के समन्वय एवं नियंत्रण अधिकारी, शिक्षा विभाग एवं अन्य विभाग (कलेक्टर के सीधे नियंत्रण में है) के नियुक्ति एवं पदोन्नति संबंधी प्रकरण, जिला कार्यालय के विभिन्न  शाखाओं के लिये प्रभारी अधिकारी वरिष्ठ लिपिक शाखा-01 आवास आबंटन सहित, वरिष्ठ लिपिक शाखा-02, जिला शहरी विकास अभिकरण (डूडा) एवं नगरीय निकाय से संबंधित, विभिन्न स्तर से कार्यालय को प्राप्त होने वाले समस्त डाक की मार्किंग के लिए प्रभारी अधिकारी, जिला खनिज संस्थान न्यास (डी.एम.एफ) एवं सी.एस.आर मद अंतर्गत समस्त कार्य, वित्त स्थापना शाखा, एस.डब्ल्यू. शाखा, लाइसेंस शाखा, जिला विवाह अधिकारी, जिला पासपोर्ट सेल, मानव अधिकार आयोग एवं सभी संवैधानिक आयोग से संबंधित शाखा, जेल निरीक्षण, जिला विभागीय जाँच अधिकारी, भू-अर्जन, भू-बंटन, ई-प्रशासन अंतर्गत सॉफ्टवेयर का क्रियान्वयन, ई-डिस्ट्रिक्ट, लोक सेवा केन्द्र तथा निम्न विभागों के प्रभारी अधिकारी मेडिकल कॉलेज महासमुन्द के संबंध में समस्त कार्य, जिला अस्पताल एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण विभाग, खनिज विभाग, आदिवासी विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, निःशक्त कल्याण एवं पुनर्वास, जिला नवाचार निधि योजना, परिवहन विभाग, जिला पंजीयक, जिला कोषालय, जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र, लोक निर्माण विभाग, नगर सेना, फुड एण्ड ड्रग कंट्रोल, नापतौल विभाग, नगर एवं ग्राम निवेश तथा कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी महासमुंद द्वारा समय-समय पर सौंपे गए अन्य कार्य का प्रभार दिया गया है।

यह भी पढ़ें:- शासन के आदेश की अवहेलना, एसडीएम पर लटकी निलंबन की तलवार ! https://www.media24media.com/2022/09/Disobeying-the-order-of-the-government-the-sword-of-suspension-hanging-on-the-SDM.html

इसी प्रकार डिप्टी कलेक्टर एस.के. टंडन को भू-अभिलेख शाखा (आहरण संवितरण सहित कलेक्टर को प्रस्तुत की जाने वाली नस्तियां अपर कलेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत की जायेगी), नजूल शाखा (कलेक्टर को प्रस्तुत की जाने वाली नस्तियां अपर कलेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत की जायेगी), तकाबी शाखा, अधिक अन्न उपजाओ शाखा, सहायक अधीक्षक ( राजस्व/समान्य), राजस्व मोहर्रिर शाखा, प्रतिलिपि शाखा, नाजरात शाखा (आहरण संवितरण सहित), अभिलेखागार (हिन्दी/अंग्रेजी) तथा कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी महासमुंद द्वारा समय-समय पर सौंपे गये अन्य कार्य के लिए प्रभारी अधिकारी बनाए गए हैं।


डिप्टी कलेक्टर श्रीमती ऋतु हेमनानी को उप जिला निर्वाचन अधिकारी, सामान्य एवं स्थानीय निर्वाचन (आहरण एवं संवितरण सहित कलेक्टर को प्रस्तुत की जाने वाली नस्तियां अपर कलेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत की जायेगी), उप संचालक पंचायत की नस्तियां, जिला कार्यालय के निम्न शाखाओं के लिये प्रभारी अधिकारी, लोक सेवा गारंटी, जनगणना (नस्तियां अपर कलेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत की जायेगी), 20 सूत्रीय शाखा, आवक-जावक, पुस्तकालय शाखा, प्रपत्र शाखा विकास शाखा, अभिलेख एवं प्रमाण-पत्रों का सत्यापन, समय सीमा के तहत दर्ज आवेदन पत्रों, प्रकरणों के लिए प्रभारी अधिकारी (नस्तियां अपर कलेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत की जायेगी) देवस्थानम, अल्प बचत शाखा, भाड़ा नियंत्रण, जिला शहरी विकास अभिकरण (डूडा) एवं नगरीय निकाय से संबंधित, अभियोजन शाखा, शिकायत एवं जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ, नोडल अधिकारी (शासन की फ्लेगशिप स्कीम) स्वामी आत्मानंद स्कूल, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का सर्वेक्षण, आयुष्मान कार्ड, चिटफंड तथा कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी महासमुंद द्वारा समय-समय पर सौंपे गये अन्य कार्य।


डिप्टी कलेक्टर सुश्री नेहा भेड़िया को राजस्व लेखा, राहत शाखा (राजस्व पुस्तक परिपत्र से संबंधित व सोलेशियम फंड) सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ एवं जन सूचना अधिकारी, सत्कार शाखा, लोक आयोग के प्रकरणों का निराकरण, पुरातत्व शाखा, वाचक, कलेक्टर न्यायालय तथा कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी महासमुंद द्वारा समय-समय पर सौंपे गये अन्य कार्य का प्रभार दिया गया है।

शासन के आदेश की अवहेलना, एसडीएम पर लटकी निलंबन की तलवार !

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आनंदराम पत्रकारश्री

महासमुन्द। संयुक्त कलेक्टर और वर्तमान में एसडीएम महासमुन्द के पद पर लंबे समय से जमे विवादास्पद अधिकारी भागवत प्रसाद जायसवाल पर निलंबन की तलवार लटक रही है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के अनुमोदन से नवीन जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ स्थानांतरण 26 अगस्त को हुआ था। 29 अगस्त को एकतरफा कार्यमुक्त होकर एक सितंबर को नए जिले में कार्यभार ग्रहण करना था। शासनादेश की अवहेलना करते हुए महीनेभर से महासमुन्द में जमे हुए हैं। 9 सितम्बर 2022 को कारण बताने स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया। तीन दिन में जवाब मांगा गया। 12 सितम्बर तक जवाब देना था। 
सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश


इस नोटिस का जवाब देना भी उचित नहीं समझा गया। कलेक्टर महासमुन्द को भी नोटिस की प्रति आवश्यक कार्यवाही के लिए दी गई थी। 17 दिन बीत जाने के बावजूद न तो अधिकारी ने नई पदस्थापना में जॉइन किया। न ही महासमुन्द एसडीएम पद से रिलीव हुए। इसे शासन के आदेश की अवहेलना की श्रेणी में माना गया है। 
9 सितम्बर को जारी नोटिस



नए जिलों में अनुभवी अधिकारियों की आवश्यकता और महासमुन्द में अतिवादी प्रशासन की मिल रही निरंतर शिकायत पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समन्वय में अनुमोदन से हटाया है। बावजूद इस स्थानांतरण आदेश को रद्दी की टोकरी में डालकर अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। इस पर सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कार्यवाही की जा सकती है। अब तक निलंबित नहीं किया जाना भी संदेहास्पद है।

सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव क्लेमेन्टीना लकड़ा ने कलेक्टर महासमुन्द को 26 सितम्बर को जारी महत्वपूर्ण पत्र में तत्काल प्रभाव से आज ही 26 सितम्बर को एकतरफा कार्यमुक्त कर अवगत कराने का आदेश दिया है। इसका पालन नहीं होने पर निलंबन की कार्यवाही की जा सकती है। 

विवादों से है गहरा नाता


गौरतलब है कि एसडीएम भागवत प्रसाद जायसवाल का विवादों से गहरा नाता है। न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपनी जज पत्नी को प्रताड़ित करने के मामले में भागवत प्रसाद जायसवाल, उच्च न्यायालय बिलासपुर से अग्रिम जमानत पर हैं। वकीलों के साथ दुर्व्यवहार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार, विभिन्न संगठनों द्वारा मोर्चा खोलने, आंदोलन करने के बावजूद नहीं हटाया गया। प्रेस क्लब महासमुन्द के मामले में भी दुराग्रह से ग्रसित होकर कलेक्टर को भ्रमित करते रहे हैं। ओवरब्रिज में दर्जनभर भूमिस्वामियों को मुआवजा भुगतान किए बिना ही बलपूर्वक जबरिया आधी रात को भवनों को तोड़ने, उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की अवज्ञा करते हुए प्रेस कार्यालय को ढहा देने जैसे अनेक गम्भीर आरोप इस अधिकारी पर लगा है। नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव में सरेआम गड़बड़ी का आरोप है। किसानों के साथ ज्यादती और उधोगपति के साथ सांठगांठ के गम्भीर आरोप है। बावजूद, विवादास्पद अधिकारी को किनका संरक्षण है? यह शोध का विषय हो सकता है। 

कौन हैं संरक्षक?


अतिवादी प्रशासनिक अधिकारी का संरक्षक कौन हैं? यह चर्चा न केवल प्रशासनिक अमले में है, वरन आम आदमी में भी चर्चा का विषय है। किनके कहने पर कुछ सरपंचों को टारगेट कर पंचायती राज अधिनियम की धारा-40 के तहत पद से हटाया जा रहा है? यह पब्लिक है, सब जानती है। वक्त आने पर अतिवादी और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे लोगों को जनता जवाब देगी। 
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