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EPFO ने उच्च वेतन पर पेंशन के संबंध में आवेदन जमा करने की तारीख बढ़ाई

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नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) सदस्यों को अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने की समयसीमा को आगे बढ़ा दिया है. अब योग्य ईपीएस सदस्य हायर पेंशन के लिए 26 जून 2023 तक आवेदन कर सकेंगे. इससे आवेदन के मोर्चे पर कई समस्याओं और स्पष्टीकरण न मिलने से परेशान थे, लेकिन अब उन्हें राहत मिली है. बता दें कि बीते दिन ईपीएस सदस्यों की मांग पर ईपीएफ बोर्ड में पब्लिक सेक्टर के प्रतिनिधि अतुल सोबती ने सेंट्रल पीएफ कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर डेडलाइन आगे बढ़ाने को कहा था.


ईपीएफओ ने हायर पेंशन आवेदन के लिए दूसरी बार डेडलाइन बढ़ाई है. इससे पहले आवेदन की तिथि 3 मार्च थी, जिसे बढ़ाकर 3 मई 2023 किया गया था और अब इसे 26 जून 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. बता दें कि सबसे पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की तारीख 4 नवंबर 2022 से चार महीने की समयसीमा तय की थी जो 3 मार्च 2023 थी. हालांकि, ईपीएफओ द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने में देरी हुई. क्योंकि, पात्र सदस्यों को ऑनलाइन आवेदन की सुविधा 20 फरवरी को डेडलाइन खत्म होने से कुछ दिन पहले आई थी.

ईवाई इंडिया की पीपुल एडवाइजरी सर्विसेज के के पार्टनर पुनीत गुप्ता कहते हैं कि यह बहुत ही स्वागत योग्य कदम है. ईपीएफओ ने हायर पेंशन आवेदन दाखिल करने के लिए समयसीमा को 26 जून 2023 तक बढ़ा दिया है. हालांकि, यह अब भी मुद्दा बना हुआ है कि क्या होगा यदि नियोक्ता के पास कर्मचारी के पिछले रोजगार की पूरी अवधि के लिए वेतन डिटेल्स नहीं हैं? वहीं, ईपीएफओ को यह भी स्पष्ट करना होगा कि बढ़ी हुई समयसीमा केवल कर्मचारी को आवेदन दाखिल करने के लिए है या नियोक्ता के अनुमोदन के लिए भी लागू होगी.


इससे पहले स्टैंडिंग कांफ्रेंस ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज (SCOPE) के महानिदेशक और ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड में पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज के प्रतिनिधि अतुल सोबती ने केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त नीलम शमी राव को पत्र लिखकर पेंशन फंड मैनेजर से हायर पेंशन के लिए ऑनलाइन ज्वाइंट ऑप्शन फॉर्म की अंतिम तिथि कम से कम एक महीने के लिए बढ़ाने को कहा था. चिट्ठी में सोबती ने ईपीएस सदस्यों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा था कि ईपीएफओ ने डॉक्यूमेंट को लेकर विवादास्पद क्लॉज के बारे में कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है, न ही इसे ऑनलाइन फॉर्म से हटाया है, भले ही केरल हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को 10 दिनों के भीतर क्लॉज हटाने के निर्देश दिए हों. इस संबंध में सोबती ने ईपीएफओ से पैरा 26(6) के तहत पूर्व अनुमति देने की आवश्यकता पर स्पष्टीकरण मांगा था.


पुरानी पेंशन योजना खटाई में, मुख्यमंत्री भूपेश ने दोहराई प्रतिबद्धता

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रायपुर। नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की राशि केन्द्र सरकार से वापस प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्त विभाग के अधिकारियों को कर्मचारी संगठन से बात कर इसका रास्ता निकालने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पुरानी पेंशन योजना के लिए प्रतिबद्ध हैं।



कर्मचारी संगठनों से नई रणनीति पर सहमति बनाने की कोशिश होगी

गौरतलब है कि राज्य सरकार की वित्त सचिव ने पेंशन विनियामक विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान के तौर पर जमा राशि को वापस देने का आग्रह किया था। जवाब में पेंशन विनियामक विकास प्राधिकरण की ओर से कहा गया है कि यह रकम लौटाने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है, जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर यह रकम वापस मांगी थी। जबाव में बताया गया कि पीएफआरडीए अधिनियम और अन्य प्रासंगिक नियमों के तहत सरकार और कर्मचारियों के योगदान को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है।

पेंशन प्रकरणों का ई-कोष अन्तर्गत ऑनलाइन किया जा रहा है निराकरण

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रायपुर। सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों का निराकरण ऑनलाइन पद्धति से किया जा रहा है। इसके लिए आभार आपकी सेवाओं का पेंशन मैनेजमेंट सिस्टम का संचालन 31 मई 2018 से किया जा रहा है। शासकीय सेवक की सेवा पुस्तिका में दर्ज वेतनमानों का अनुमोदन संभागीय संयुक्त संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन कार्यालय द्वारा सेवा पुस्तिका में अंकित प्रविष्टियों व उपलब्ध अभिलेखों के आधार पर निर्धारित समयावधि में किया जा रहा है। पेंशन प्रकरणों में आ रही समस्याओं एवं त्वरित निराकरण हेतु संभागीय संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन कार्यालयों द्वारा अपने संभाग के विभिन्न जिलों में लगातार पेंशन शिविर का आयोजन किया जा रहा है।



अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग द्वारा पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु वित्त निर्देश 28/2018 जारी किया गया है। जिसके अंतर्गत पेंशन प्रक्रिया के निराकरण से संबंधित समस्त कार्यालय हेतु समय-सीमा निर्धारित की गई है। जारी निर्देश अनुसार शासकीय सेवक के सेवानिवृत्त होने के 2 वर्ष पूर्व संबंधित कर्मचारी का पेंशन प्रकरण बनाने की प्रक्रिया शुरू कर 3 माह पूर्व प्रकरण संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन को प्रेषित किया जाना अनिवार्य है। पेंशन प्रकरण भेजने की जिम्मेदारी संबंधित सेवानिवृत्त शासकीय सेवक के कार्यालय प्रमुख की है। प्रकरण प्राप्त होने पर संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन द्वारा 30 दिवस के भीतर प्रकरण का निराकरण कर पीपीओ जारी करते हुए प्रकरण कोषालय अधिकारी को प्रेषित किया जाता है। साथ ही पेंशनर को एसएमएस द्वारा पेंशन प्रकरण की जानकारी दी जाती है।

किसी प्रकरण में संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन द्वारा आपत्ति लगाए जाने की स्थिति में संबंधित कार्यालय प्रमुख द्वारा 15 दिवस के भीतर आपत्ति का निराकरण कर प्रकरण वापस संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन को प्रेषित किया जाना वित्त निर्देशों के अनुसार अनिवार्य है। पेंशन प्रकरणों में पेंशनरों से संबंधित कार्यालय प्रमुखों की ओर से ही पेंशन कार्यालय द्वारा लगायी गयी आपत्ति के निराकरण में विलंब के कारण ही पेंशन प्रकरणों के निराकरण में विलंब की स्थिति निर्मित होती है। पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए ई-कोष अंतर्गत पेंशन विकल्प अंतर्गत हेल्पलाईन नंबर पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है तथा पेंशन प्रकरण के निराकरण में किसी प्रकार की समस्या होने पर पेंशनर हेतु लॉगिन द्वारा आभार पोर्टल पर ऑनलाईन शिकायत की व्यवस्था है।


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