Responsive Ad Slot


 

Showing posts with label छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग. Show all posts
Showing posts with label छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग. Show all posts

शादीशुदा व्यक्ति के साथ रहने से पहले हजार बार सोचें महिलाएं : राज्य महिला आयोग

No comments Document Thumbnail

 रायपुर:  छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में 253वीं सुनवाई हुई. इस दौरान एक मामले में सुनवाई करते हुए डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाएं शादीशुदा पुरूष के साथ रहने से पहले हजार बार सोचे और उसकी पहली पत्नि को घर से निकलवाकर दूसरी पत्नी बनने का प्रयास ना करें और बसा-बसाया घर उजाड़ने का प्रयास ना करें. ऐसी महिलाओं को महिला आयोग सुधारने की दिशा में सक्त प्रयास करती है. यह कहते हुए उन्होंने दो महिलाओं को नारी निकेतन भेज दिया है।


मंगलवार को राज्य महिला आयोग में सुनवाई में आवेदिका ने बताया कि उसके पति ने आवेदिका से बिना तलाक लिये दूसरी महिला को अपनी पत्नी बनाकर रखा है, जबकि दूसरी महिला ने भी अपने पति से तलाक नहीं लिया है. वर्तमान में दूसरी महिला के पास अपने रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं था, इसलिए उसे नारी निकेतन सुरक्षा की दृष्टि से भेजा गया. दूसरी महिला के पति या उसके परिवार वालों के द्वारा आवेदन या शपथ पत्र दिये जाने पर ही उसे नारी निकेतन से वापस भेजा जा सकेगा. अनावेदक को समझाइश दिया गया कि वह आवेदिका से अपना व्यवहार सही रखे, अगर आवेदिका को कोई परेशानी हो तो वह पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करा सकेगी।

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में भी दूसरी महिला आवेदिका के बसे- बसाये घर को उजाड़ने के लिए अवैध रूप से आवेदिका के पति के साथ रह रही थी और आवेदिका को घर से निकाल दिया है. दूसरी महिला ने भी यह स्वीकार किया है कि वह आवेदिका के पति के साथ अवैध रूप से रह रही है और विवाह नहीं किया है. अनावेदिका (दूसरी महिला) के पूर्व पति की मृत्यु हो चुकी है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसे सुधरने का मौका देकर 2 माह के लिए नारी निकेतन रायपुर भेजे जाने का आदेश आयोग द्वारा दिया गया।

एक प्रकरण में सुनवाई के दौरान अनावेदक ने बताया कि आवेदिका पक्ष की शिकायत पर उसके विशब्द धारा 306 आईपीसी का अपराध थाना तेलीबांधा में लगा है जिसमें अनावेदक 36 दिन जेल में रहा है और रायपुर जिला सत्र न्यायालय में अगली सुनवाई है. अनावेदक के अधिवक्ता ने पुष्टि की कि अनावेदक के विरुसब्द कोर्ट में पेशी चल रही है. इस स्तर पर आवेदिका पक्ष को समझाइश दिया गया कि यह अधिवक्ता की मदद लेकर अनावेदक के खिलाफ न्यायालय में चल रहे प्रकरण की पैरवी उचित तरह से कराये. इस सलाह के बाद प्रकरण नस्तीबंद किया गया।


छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने 4 दिनों में की 100 प्रकरणों की सुनवाई

No comments Document Thumbnail

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के राजधानी के शास्त्री चौक स्थित आयोग कार्यालय में अध्यक्ष किरणमयी नायक ने 7 जुलाई को रायपुर संभाग की महिलाओं की शिकायतों पर जन-सुनवाई की। जन-सुनवाई के चौथे दिन की जन सुनवाई के साथ 4 दिनों में रायपुर सम्भाग के 100 प्रकरणों की सुनवाई पूरी हो गई है। आयोग के समक्ष आए एक प्रकरण में आवेदिका की बच्ची है, यह जानते हुए अनावेदक ने उससे आर्य समाज में शादी की।





नेशनल लोक अदालत के लिए 13 खंडपीठ गठित, 522 लंबित और 540 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों की होगी सुनवाई





शादी के बाद पति द्वारा बच्ची के पालन-पोषण के लिए मना करने को अध्यक्ष नायक ने गंभीरता से लेते हुए अनावेदक को आवेदिका को सम्मानपूर्वक रखने की समझाइश देते हुए आयोग की काउंसलर को दोनों पक्षों की निगरानी के लिए नियुक्त किया। इसी तरह आयोग के समक्ष आए 2 प्रकरणों में से एक में अनावेदक ने अपने 2 बच्चों के लिए 5 हजार रूपये नियमित रूप से देने और दूसरे में अनावेदक ने आवेदिका को 3 हजार रूपये भरण-पोषण राशि देने की सहमति दी।





40 हजार प्रकरण चिन्हांकित, विशेष न्यायाधीश की नियुक्ति





राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार 10 जुलाई 2021 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य में भी तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में 10 जुलाई को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। जिसमें राजीनामा योग्य प्रकरणों को पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किया जाएगा। प्रकरणों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ ही 322 खंडपीठों का गठन और 40 हजार प्रकरण चिन्हांकित किए गए हैं।





सिटिंग की शक्ति





लोक अदालत में पक्षकार अपने निकटस्थ व्यवहार न्यायालय, जिला न्यायालय या विधिक सेवा संस्थान से संपर्क कर अपने प्रकरणों को अपनी भौतिक उपस्थिति के अतिरिक्त वर्चुअल मोड के द्वारा भी जुड़कर अपने प्रकरणों का निराकरण करा सकते हैं। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार मजिस्ट्रेट को स्पेशल सिटिंग की शक्ति प्रदान की गई है, जिसके चलते मजिस्ट्रेट अपनी शक्तियों का प्रयोग कर राजीनामा के अतिरिक्त छोटे मामलों में स्वीकृति के आधार पर मामले को निराकृत कर सकेंगे।





इन प्रकरणों पर होगी सुनवाई





इसके अलावा विशेष प्रकरणों जैसे धारा 321 दप्रसं, 258 दप्रसं और पेट्टी आफेन्स के प्रकरणों को भी रखा जाकर निराकृत किया जाएगा। कोरोना काल में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण किया जाएगा। इस लोक अदालत में फैमिली कोर्ट, स्थायी लोक अदालत, श्रम न्यायालयों के प्रकरण, बैंक वसूली, बिजली, पानी, श्रम न्यायालय मोटर दुर्घटना के प्रकरण, वैवाहिक मामले, धारा 138 चेक बाउंस मामले, समस्त सिविल मामले जो न्यायालय में लंबित है, इसके अलावा ऐसे मामले जो न्यायालय में अभी पेश नहीं हुए हैं, (प्री-लिटिगेशन) को निराकृत किया जाएगा। इसके साथ ही पक्षकारों के बीच लोक अदालत की तिथि के पूर्व प्री-सिटिंग के माध्यम से भी प्रकरणों को निराकृत किया जाएगा।


छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की कार्यप्रणाली को मिली तारीफ, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बोले - कार्यों से प्रेरणा लें अन्य राज्य

No comments Document Thumbnail

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग (Chhattisgarh Women Commission News) द्वारा महिलाओं को न्याय और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए किए गए कार्यों की प्रसंशा की। उन्होंने कहा जिस तरह छत्तीसगढ़ में महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए त्वरित कार्यवाही की जा रही है, वैसा किसी और राज्य में परिलक्षित नहीं हो रहा है। सभी राज्यों के महिला आयोग को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यों से प्रेरित होकर महिलाओं को यथाशीघ्र न्याय दिलाने की दशा में काम करना चाहिए।





Read More- खूनी चौक के नाम से मशहूर हो रहा टाटीबंध चौक, अब तक जा चुकी करीब 40 की जान





राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम





केन्द्रीय मंत्री जावेड़कर ने राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित देश के सभी राज्यों के महिला आयोग के अध्यक्षों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही। यह समारोह नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्यालय में आयोजित हुआ।





महिलाओं को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार सजग





इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि महिलाओं के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार सजग और संवेदनशील है। छत्तीसगढ़ राज्य ने कोविड-लॉकडाउन के दौरान महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए बड़ी संख्या में जनसुनवाई की है।





Read More - बहू को हुई बेटी तो भड़के ससुराल वाले हॉस्पिटल में छोड़कर भागे, बोले- कहा था न बेटा पैदा करना









छत्तीसगढ़ महिला आयोग (Chhattisgarh Women Commission News) ने अब तक 5 महीनों में 44 जनसुनवाई में 11 सौ प्रकरणों की सुनवाई की है, जिसमें लगभग 400 मामलों का निराकरण किया गया है। छत्तीसगढ़ में महिला आयोग की जनसुनवाई में सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक का सहयोग मिलता है। महिला आयोग के निर्देशों पर कड़ाई से पालन किया जाता है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं के शिकायतों के निराकरण में जिस तरह पुलिस-प्रशासन तत्परता से कार्य कर रही है, वैसा पूरे देश में कहीं नहीं हो रहा है।





CM ने की है बहुत सी शक्तियां प्रदान - किरणमयी नायक






छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में राज्य महिला आयोग को बहुत ज्यादा शक्ति प्रदान की है। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश पर ही पुलिस और प्रशासन से सहयोग लेकर तीव्र गति से महिलाओं को न्याय दिलाने में आयोग तत्परता से काम कर रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग के विशेष सलाहकार एवं छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय भी उपस्थित थीं।


Chhattisgarh : चार माह की बच्ची को मिलेगी माँ की गोद

No comments Document Thumbnail

रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग (State women's commission) की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने गुरूवार को रायपुर के जलविहार स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जिलों के महिलाओं के उत्पीड़न संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। प्रस्तुत प्रकरण शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद आदि से संबंधित थे।





यह भी पढ़ें : –PM मोदी : अगले कुछ हफ्तों में आ जाएगी कोरोना वैक्सीन





एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि चार माह की बच्ची को माँ से दूर रखना गलत है। बच्ची की सम्पूर्ण देखभाल के लिए माँ की नितांत आवश्यकता होती है। आयोग की समझाइश पर बच्ची के पिता अगले दिन ही आयोग के समक्ष माँ को सौपने तैयार हो गया।





यह भी पढ़ें : –Bollywood : प्रियंका ने फिर कहा निक को लव यू और फोटो पोस्ट की





एक अन्य प्रकरण में रायपुर निवासी महिला ने अपने बड़े बेटे द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत आयोग से की। प्रकरण की सुनवाई करते हुए आयोग की अध्यक्ष डॉ. नायक ने बड़े बेटे को पिता की सम्पति से हिस्सा लेकर अलग रहने कहा।





इसी तरह भिलाई में महिला महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापिकाओं को प्रबंधन द्वारा समय से पहले सेवानिवृत्त कर प्रताड़ित करने का मामला आयोग के समक्ष आया। प्राध्यापिकाआंे को सितंबर माह का वेतन काम करने के बाद भी नही दिया गया है। आयोग की अध्यक्ष ने एक सप्ताह के भीतर वेतन भुगतान करने प्रबंधन को कहा। सुनवाई के दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोसल डिस्टेंसिंग व फिजीकल डिस्टेंसिंग सहित अन्य दिशा-निर्देशों का पालन किया गया।    


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.