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2 इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर, फिर हुए मुख्यधारा में शामिल

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सरकार और पुलिस की ओर से चलाए जा रहे अभियान की वजह से नक्सली समाज की मुख्य धारा की तरफ फिर लौट रहे हैं। इस बीच दंतेवाड़ा में CRPF 195 BN के अफसरों के सामने 2 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें से एक हांदावाड़ा मिलिशिया कमांडर पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित है। दोनों नक्सली इंद्रावती नदी के पार गांवों में उत्पात मचाने का काम करते थे। वहीं नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर दोनों ने लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर हथियार डाल दिए।

दरअसल, मिलिशिया कमांडर रमेश कुमार और जनताना सरकार सदस्य बैसु मंडावी बीते कई सालों से नक्सल संगठन से जुड़कर काम कर रहे थे। ये दोनों नक्सलियों के कई बड़े कैडर्स के साथ भी काम कर चुके हैं। इन्होंने CRPF के अधिकारियों को बताया कि संगठन में प्रताड़ित होते थे। जंगल-जंगल और गांव-गांव घुमने नहीं होता। यही वजह थी कि संगठन को छोड़ने का निर्णय लिया। फिर CRPF 195 BN के कमांडेंट वी प्रताप सिंह के सामने आकर हथियार डाल दिए। सरेंडर नक्सलियों ने कहा कि नक्सली विकास विरोधी हैं। उनकी विचारधारा ठीक नहीं। इसलिए सरेंडर कर रहे हैं, अब विकास में साथ देंगे।

अब तक 539 नक्सलियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ में भी नक्सलियों की वापसी के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं। इनमें से एक लोन वर्राटू अभियान है। छत्तीसगढ़ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों की घर वापसी के लिए थाना, शिविरों और ग्राम पंचायतों में संबंधित क्षेत्र के सक्रिय नक्सलियों का नाम चस्पा कर उनसे आत्मसमर्पण कर सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने लिए आह्वान किया जा रहा है। लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक जिले में 133 इनामी नक्सलियों समेत 545 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सरेंडर करने वालों में कई कमांडर स्तर के नक्सली भी शामिल है, जो अब विकास करने साथ दे रहे हैं।

लोन वर्राटू अभियान

बस्तर में इन दिनों पुलिस लोन वर्राटू अभियान चला रही है। जिसमें माओवाद का रास्ता छोड़ नक्सलियों की घर वापसी कराई जा रही है। बुधवार को लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर एक इनामी नक्सली ने समर्पण किया। नक्सली माओवादियों की खोखली विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा से लगातार जुड़ रहे हैं।

क्या है ‘लोन वर्राटू’ अभियान ?

दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है। जिसका नाम लोन वर्राटू दिया गया है, जिसका अर्थ है घर वापस लौट आइए। इसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा गांव-गांव में प्रचार करवाया जा रहा है।गांव-गांव में पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए जा रहे हैं, ताकि समर्पण की इच्छा रखने वाले नक्सली सीधे उनसे संपर्क कर सकें। इस अभियान के तहत अब धीरे-धीरे पूरे दंतेवाड़ा जिले से स्थानीय कैडर के नक्सली इस अभियान के तहत पुलिस से संपर्क कर सरकार की मुख्य धारा में लौट रहे हैं।

नक्सल विरोधी अभियान में 45 नक्सली गिरफ्तार, 23 ने किया सरेंडर

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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा हैं। पुलिस मुख्यालय के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अप्रैल माह में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान 45 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। वहीं 09 हथियार और 05 IED जब्त कर निष्क्रिय किया गया है।

इधर, बिहार के जमुई के बरहट थाना क्षेत्र अंतर्गत चोरमारा स्थित सीआरपीएफ कैंप में 3 हार्डकोर नक्सली ने सरेंडर किया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में हार्डकोर बालेश्वर कोड़ा, अर्जुन कोड़ा, नागेश्वर कोड़ा शामिल हैं। अर्जुन तथा नागेश्वर,बालेश्वर कोड़ा का खास बताया जाता है। पर फिलहाल सभी से पुलिस के वरीय अधिकारी चोरमरा कैंप में पूछताछ कर रहे हैं। बालेश्वर कोड़ा जो जमुई, मुंगेर,लखीसराय के जोनल कमांडर के रूप में कार्य कर रहा था।

मुठभेड़ से बचने किया सरेंडर

जानकारी के  मुताबिक लखीसराय-जमुई सीमा पर चौरमारा जंगल में हार्डकोर नक्सली बालेश्वर कोड़ा, अर्जुन कोड़ा, नागेश्वर कोड़ा ने आत्‍मसमर्पण कर दिया है। सभी को सीआरपीएफ कैंप में रखा गया है। नक्सली संगठन में बालेश्वर कोड़ा 2005 से सक्रिय रहा है। बताया जा रहा है कि चोरमारा इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान गिरफ्तारी और एनकाउंटर से बचने के लिए नक्‍सलियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया।

अलग अलग थानों में 12 से ज्यादा अपराधिक मामले दर्ज

बता दें कि आठ जून की रात गरही थाना क्षेत्र के गिद्धेश्वर जंगल में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने नक्सली संगठन के सब जोनल कमांडर मतलु तुरी को मार गिराया था। जिसके बाद अलग-अलग थाना इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा था। बालेश्वर कोड़ा, अर्जुन कोड़ा, नागेश्वर कोड़ा पर जमुई, लखीसराय, मुंगेर के अलग अलग थानों में 12 से ज्यादा अपराधिक मामले दर्ज है।                  

नक्सल प्रभावित परिवार को मुआवजा

वहीं कांकरे में कोयलीबेड़ा थाना अंतर्गत ग्राम पानीडोबीर निवासी महेशराम बघेल की 03 जनवरी 2022 को नक्सलियों द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसके प्रकरण में पुनर्वास योजनांतर्गत जिला समिति के अनुमोदन अनुसार कलेक्टर चन्दन कुमार द्वारा मृतक के आश्रित गिरधारीन बाई के लिए 05 लाख रूपये की सहायता राशि स्वीकृत किए गए हैं। स्वीकृत सहायता राशि को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के सावधिक जमा खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।गेश्वर कोड़ा पर जमुई, लखीसराय, मुंगेर के अलग अलग थानों में 12 से ज्यादा अपराधिक मामले दर्ज है।                  

खाते के जरिए किया जाएगा ट्रांसफर

वहीं कांकरे में कोयलीबेड़ा थाना अंतर्गत ग्राम पानीडोबीर निवासी महेशराम बघेल की 03 जनवरी 2022 को नक्सलियों द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसके प्रकरण में पुनर्वास योजनांतर्गत जिला समिति के अनुमोदन अनुसार कलेक्टर चन्दन कुमार द्वारा मृतक के आश्रित गिरधारीन बाई के लिए 05 लाख रूपये की सहायता राशि स्वीकृत किए गए हैं। स्वीकृत सहायता राशि को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के सावधिक जमा खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।

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