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Kuno National Park : हेलीकाप्टर से अब खोजी जाएगी मादा चीता निर्वा

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Kuno National Park :  मध्‍यप्रदेश के श्‍योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क  में नौ चीतों की मौत के बाद एक और चीता के नहीं मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। निर्वा नाम की मादा चीता  की कॉलर आईडी खराब है। इससे उसकी लोकेशन कूनो प्रबंधन को नहीं मिल रही है। मादा चीता निर्वा पिछले 20 दिन से गायब है। अब उसे ढूंढने के लिए वन विभाग हेलीकॉप्टर की मदद लेने की तैयारी कर रहा है। 80 लोगों की टीम, दो ड्रोन और एक हाथी टीम भी अब तक निर्वा की तलाश में नाकाम ही रही है।


बता दें कि कूनो नेशनल पार्क  से मादा चीता निर्वा 19 जुलाई से लापता है। मादा चीता निर्वा का कॉलर आईडी खराब है, जिसकी वजह से उसका संपर्क टूट गया है। संभावना जताई जा रही है कि मादा चीता निर्वा कूनो नेशनल पार्क के जंगल से बाहर निकल गई है। कूनो नेशनल पार्क का जमीनी अमला लगातार मादा चीता निर्वा को खोजने के लिए प्रयासरत है, यहां तक की मादा चीता को खोजने के लिए हाथी का भी उपयोग किया गया, लेकिन कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन को सफलता नहीं मिल सकी है।

बता दें मादा चीता निर्वा की कॉलर आईडी खराब है, जिसकी वजह से उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है. कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन अब और ज्यादा चिंतित हो गया है, क्योंकि पिछले एक सप्ताह से मादा चीता निर्वा के पगमार्क भी नहीं मिले हैं।

कूनो नेशनल पार्क में 14 चीते हैं, जो पूरी तरह से स्वस्थ है. यह सभी चीते बाड़े में है. इन चीतों में 7 नर, 6 मादा और 1 शावक शामिल हैं. जबकि नौ चीतों की मौत हो गई है। चीतों की मौत के सिलसिले की शुरुआत 26 मार्च से हुई थी. 26 मार्च को इन्फेक्शन की वजह से साशा की मौत हो गई थी। इसी तरह 23 अप्रैल को नर चीता उदय की हार्ट अटैक से जान चली गई थी. 9 मई को मादा चीता दक्षा की मीटिंग के दौरान मौत हुई, 23 मई को ज्वाला के एक शाव की मौत, 25 मई को ज्वाला के दो शावकों की मौत, 11 जुलाई को नर चीता तेजस की मौत, 14 जुलाई को सूरज की मौत के बाद धात्री भी मृत अवस्था में पाई गई।



Cheetah Project को फिर लगा बड़ा झटका, कूनो में एक और चीते की मौत, अब तक 9 ने दम तोड़ा

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Cheetah Project :  मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कूनो नेशनल पार्क से खबर आई है कि, यहां एक और मादा चीते की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि, मादा चीता 'तब्लीशी' पार्क में मृत पाई गई है। बता दें, कूनो नेशनल पार्क में अब तक 6 चीते और 3 शावकों की मौत हो चुकी है। कूनो में अब 14 चीते और एक शावक बचे हैं।


बता दें कि, तब्लीशी का लोकेशन दो दिनों से नहीं मिल रहा था। अब उसकी लाश बरामद की गई है। मादा चीता तब्लीशी को दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से भारत लाया गया था। यहां आने के बाद मादा चीता तब्लीशी पिछले कुछ दिनों से नजर नहीं आ रही थी, जिसके बाद उसकी लाश मिली है। फिलहाल, तब्लीशी की मौत कैसे हुई, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है। मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उसका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि, श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क में अब तक 6 चीतों और तीन शावकों समेत कुल 9 चीतों की मौत हो चुकी है। इस वक्त कूनो नेशनल पार्क में अब 14 चीते और एक शावक ही बचा है। जिससे इस प्रोजेक्ट को लेकर भी अब पार्क प्रबंधकों की परेशानियां बढ़ गई हैं। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए आठ चीतों को जंगल में छोड़ा था। आठ नामीबिया और 12 चीता दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। इसके साथ ही मादा चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया था। कूनो नेशनल पार्क में अभी 14 चीते बचे हैं।

कूनो नेशनल पार्क में साशा के बाद अब उदय ने तोड़ा दम...

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 भोपाल । कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है। जिस चीते की मौत हुई है उसका नाम उदय है। 23 अप्रैल को पार्क में बीमार पाए जाने के बाद उसका इलाज किया जा रहा था लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हालांकि अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं लग सका है। बता दें की इससे पहले 27 मार्च को साशा नाम की मादा चीता की भी मौत हो गई थी।


इस मामले पर मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका से लाए गए एक अन्य चीते उदय की कूनो नेशनल पार्क में बीमार पाए जाने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।'

बता दें कि साउथ अफ्रीका से कूनो लाए गए 12 चीतों में से तीन नर चीतों को 17 अप्रैल को क्वारंटीन बाडे़ से बड़े बाडे़ में छोड़ दिया गया था। वहीं 18, 19 अप्रैल को शेष 9 चीतों को भी कूनो के बड़े बाडे़ में रिलीज कर दिया गया था। वहीं नामीबियाई चीतों को सफलतापूर्वक कूनो पार्क में बसाया जा चुका है। वर्तमान में चार चीतों को खुले जंगल में छोड़ दिया गया है।

प्रेस नोट में ये भी कहा गया है कि सुबह 11 बजे के करीब चीते को बेहोश करके उसका इलाज किया गया और उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। लेकिन शाम 4 बजे के करीब चीते की मौत हो गई। मौत का कारण अभी पता नहीं लग सका है।

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