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बोरवेल में 50 फुट की गहराई में गिरे बच्चे को 8 घंटे के बाद सुरक्षित निकाला गया

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 बिहारशरीफ। नालंदा जिले के नगर पंचायत क्षेत्र में बोलवेल में गिरे करीब चार साल के बच्चे को लगभग आठ घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बचाए गए बच्चे का नाम शिवम कुमार है और वह वार्ड संख्या-17 के निवासी डोमन माझी का पुत्र है। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर स्वयं घटनास्थल पहुंचकर बचाव अभियान की निगरानी कर रहे थें।


उन्होंने बताया कि बोरवेल में लगभग 50 फुट की गहराई पर फंसे बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची थी। अधिकारियों ने बताया कि छह-सात जेसीबी की मदद से बोरवेल के बगल में खुदाई की गई। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान के दौरान बोरवेल में फंसे बच्चे को ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई और उस पर सीसीटीवी के जरिए नजर रखी गई। इससे पहले एनडीआरएफ के सहायक कमांडर जयप्रकाश प्रसाद ने बताया कि बचाव कार्य में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को बोलवेल से निकालकर अस्पताल ले जाया गया है।

अधिकारी ने बताया कि बोरवेल में बच्चे को पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही थी और प्रदेश की राजधानी पटना से एनडीआरएफ एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम को भी बुलाया गया था.उन्होंने बताया कि लगातार आठ घंटे तक चलाए गए बचाव अभियान के बाद बच्चे को सकुशल जिंदा बोरवेल से बाहर निकाला गया.अधिकारी ने बताया कि मेडिकल टीम ने बाहर निकलते ही बच्चे की जांच की और उसे स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया. 


छत्तीसगढ़ सरकार की उद्योग नीति के कारण कोरोना काल में भी स्टील उद्योग ने किया बेहतर प्रदर्शन : सीएम

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को ऑल इंडिया स्टील कॉन्क्लेव में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने देशभर से आये स्टील उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्टील सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार तत्त्पर है। स्टील उद्योग छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है

लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्टील उद्योग को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कभी महंगी बिजली का संकट सामने आ जाता है, कभी ईंधन का संकट सामने आ जाता है, कभी सस्ते कच्चे माल की जरूरत शिद्दत के साथ महसूस की जाती है, तो कभी कोरोना और लॉकडाउन का संकट सामने आ जाता है। लेकिन कोरोना काल में छत्तीसगढ़ सरकार की नीति की वजह से उद्योग बंद नहीं हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को भले घाटा हो लेकिन हमने आपको बिजली में छूट दी ताकि उद्योग अच्छे से चलते रहें। हमारे राज्य से कोयला पूरे देश में जाता है, कोरोना काल मे हमने कोयला की आपूर्ति बाधित नहीं होने दी। मैं रायपुर सांसद के माध्यम से केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि एसईसीएल से स्टील व्यवसायिओं को कोल लिंकेज मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला खदानों की वजह से सड़कें बहुत खराब हैं। खराब सड़कों की वजह से परिवहन बहुत महंगा हो गया है। इसलिए किसी उद्योग की स्थापना के समय सड़क को भी प्रोजेक्ट में ले लेना चाहिए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा जब कोरोना की दूसरी लहर आयी तो देश की राजधानी और अन्य राज्यों में ऑक्सीजन की कमी थी लेकिन छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं हुई, हमने तुरन्त उद्योगपतियों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए लाइसेंस दिया। देशभर में ऑक्सीजन का दवाब था तो मैंने प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया कि स्टील प्लांट को भी कुछ ऑक्सीजन दीजिये। जिससे प्लांट भी चल सकें। कोरोना काल में देशभर में  मजदूर पलायन कर रहे थे, लेकिन छत्तीसगढ़ में स्थिति ऐसी नहीं थी। हमारे छत्तीसगढ़ में बेहतर उद्योग नीति की वजह से कोरोना काल मे भी उद्योग अच्छे से चलते रहे।

जब कोरोना संकट आया और लॉकडाउन की परिस्थितियां निर्मित हुई तब एक बारगी लगा कि प्रदेश का स्टील सेक्टर दम तोड़ देगा, लेकिन हमने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। भीषण संकट के बीच सरकार स्टील सेक्टर की ताकत बनी और हमारे स्टील उद्योग सरकार की ताकत बन गए। कोरोना संकट काल में भी हमारे यहां देश में सबसे ज्यादा स्टील का उत्पादन किया। पिछले चार सालों के दौरान छत्तीसगढ़ का औद्योगिक परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है। कार्यक्रम में वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर, रायपुर सांसद सुनील सोनी, स्टील कॉन्क्लेव के पदाधिकारी रमेश अग्रवाल, सुरेंद्र त्रिपाठी उपस्थित रहे।

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