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महासमुंद : कोविड-19 के नए वेरिएंट JN-1 को लेकर महासमुंद जिला प्रशासन अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग ने तेज की तैयारियाँ

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महासमुंद। देश के कुछ राज्यों में कोविड-19 के नए वेरिएंट JN-1 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं। शासन के 28 मई 2025 को जारी निर्देशों के अनुपालन में महासमुंद जिले में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियाँ तेज कर दी हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पी कुदेशिया ने जानकारी दी कि कोविड-19 प्रबंधन को लेकर जिले में सभी स्वास्थ्यकर्मियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।

कोविड से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध जिला चिकित्सालय में 6 बेड (ICU with ventilator) तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर 2-2 बेड आरक्षित रखे गए हैं।साथ ही शासन द्वारा विशेष रूप से ILI (Influenza Like Illness) और SARI (Severe Acute Respiratory Infection) मामलों की निगरानी पर ज़ोर दिया गया है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आई.एच.आई.पी. पोर्टल पर नियमित रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।

कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना आवश्यक है जिसमें हाथों को नियमित रूप से साबुन और साफ पानी से धोएं, अस्पतालों और भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें। बिना धोए हाथों से आंख, नाक और मुंह को न छुएं। खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या कोहनी से ढकें और इसमें से किसी भी लक्षण के दिखाई देने पर घर पर ही रहें और संतुलित एवं पौष्टिक आहार लें।

उच्च जोखिम वाले समूह (हाई रिस्क ग्रुप) में आने वाले व्यक्तियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है जिसमें नवजात शिशु एवं छोटे बच्चे, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यूनिटी) वाले व्यक्ति, 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक,गर्भवती महिलाएं और अस्थमा, डायबिटीज, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति शामिल है। वर्तमान में महासमुंद जिले में कोविड-19 का कोई सक्रिय मामला नहीं है। हालांकि, किसी भी संभावित लहर से निपटने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क एवं तैयार हैं।

 

CG News : उफनती शिवनाथ नदी को पार कर रहा था युवक तभी बैलेंस बिगड़ा फिर …...

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रायपुर । छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे नदी के रास्ते एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना मुश्किल हो गया है. बारिश को लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी किया है. अलर्ट के बीच लोगों को नदी के किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है. लेकिन फिर भी कुछ लोग नदी के एनीकेट को पार कर जान जोखिम में डाल रहे हैं. दुर्ग जिले से हादसे का ताजा मामला सामने आया है. 


यहां उफनती शिवनाथ नदी को युवक बाइक से पार कर रहा था, लेकिन नदी में युवक और उसकी बाइक दोनों नदी में बह गए.

जानकारी के अनुसार, दुर्ग जिले के ग्राम सुरजीडीह की यह घटना है. वीडियो में देख सकते हैं कि शिवनाथ नदी पूरी तरह से उफान पर है. इस बीच उफनती नदी में एक युवक बाइक लेकर पुल पार करने की कोशिश कर रहा है और वह अपनी बाइक लेकर आधे रास्ते तक पहुंच भी गया. लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि युवक अनियंत्रित हो गया और नदी के बीचो-बीच खड़ा हो गया. 

देखते ही देखते कुछ देर के बाद उसका बैलेंस बिगड़ा और तेज बहाव में बाइक सहित युवक बह गया. हालांकि, युवक को तैरना आता था इसलिए वह थोड़ी दूर तक बहा और तैरकर नदी से बाहर निकल गया.

 भारी बारिश में इस तरह अपनी जान की बाजी लगाकर पुल को पार करना अपनी जान के साथ खिलवाड़ करने के बराबर है. यदि नदी-नाले के ऊपर बने पुल पर पानी का बहाव तेज हो तो उस पुल को पार ना करें.

स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने कहा

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रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अलर्ट रहते हुए कोरोना की जांच, इलाज, इससे बचाव और नियंत्रण के लिए सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने को कहा। स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 के लक्षण वाले लोगों में इसकी पुष्टि के लिए ज्यादा से ज्यादा जांच आरटीपीसीआर टेस्ट के माध्यम से कराए जाने के साथ ही मेडिकल उपकरणों, ऑक्सीजन किट, वैक्सीन, दवाईयों, कन्जुमेबल्स (Consumables) आदि की समुचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।

उन्होंने पिछले एक माह में कोरोना से हुई मौतों की समीक्षा भी की।स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सैंपल जांच में तेजी लाते हुए रोजाना दस हजार टेस्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पतालों में जीवनरक्षक उपकरणों के संचालन और कोविड-19 के उपचार से जुड़े मानव संसाधन का प्रशिक्षण भी शुरू करने को कहा। सिंहदेव ने अस्पतालों में सामान्य बिस्तरों के साथ ही आईसीयू बेड, एचडीयू बेड तथा ऑक्सीजन सुविधा एवं वेंटिलेटर सुविधा वाले बिस्तरों की जानकारी ली। उन्होंने अस्पतालों में सर्जिकल मास्क, पीपीई किट, कैप्स, ग्लोव्स एवं एन-95 मास्क की उपलब्धता के बारे में भी पूछा।

स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कहा कि कोरोना संक्रमित 95 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में ही उपचार से अभी स्वस्थ हो जा रहे हैं। लेकिन देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रहे संक्रमण दर को देखते हुए अस्पतालों में भी इसके इलाज और नियंत्रण की तैयारी रखनी होगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि प्रदेश में रोजाना सैंपलों की जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है। विगत 11 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच प्रतिदिन औसत 3763 टेस्ट किए गए हैं, जबकि मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में प्रतिदिन औसत 1008 टेस्ट किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में विगत एक महीने में (17 मार्च से 17 अप्रैल के बीच) कोविड-19 के 11 मरीजों की मृत्यु हुई है जिनमें से आठ कोमोरबिडिटी पीड़ित थे।

इन 11 मरीजों में से चार मरीजों ने कोविड-19 से बचाव का टीका नहीं लगाया था। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के सिविल लाइन स्थित निवास कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., आयुक्त डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान, चिकित्सा शिक्षा विभाग की आयुक्त सुश्री नम्रता गांधी, संचालक डॉ. विष्णु दत्त, महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा, सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक चन्द्रकांत वर्मा, पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया, डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. एस.बी.एस. नेताम, डॉ. ओ.पी. सुंदरानी और स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. धर्मेन्द्र गहवई भी मौजूद थे। 

 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा लू के लिए अलर्ट जारी

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दुर्ग। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौसम में बदलाव के कारण सभी वर्ग के व्यक्ति प्रभावित होते हैं। प्रमुख रूप से बच्चों में सर्दी, खांसी बुखार व उल्टी दस्त की शिकायते मिलती है। जिले में औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष ग्रीष्म ऋतु में तापमान वृद्धि से लू की संभावना अधिक होती है। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा लू का अलर्ट जारी किया गया है। 

आम जनता को लू के लक्षण से अवगत कराया जाकर जन-जागरूकता लायी जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम तथा जिला नोडल अधिकारी, डॉ. सी.बी.एस. बंजारे द्वारा अवगत कराया गया। जिले में लू-तापघात के लक्षण जैसे सिर दर्द, तेज बुखार, कमजोरी, मुंह का सूखना, चक्कर आना, पेशाब कम आना, भूख न लगना आदि होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार करायें एवं स्वास्थ्य लाभ लें। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लू-तापघात से संबंधित प्रचार-प्रसार कर अवगत कराया जा रहा है।

कि बुखार पीड़ित व्यक्ति के सिर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाएँ, अधिक पेय पदार्थ का सेवन करें जैसे नारियल पानी, आम का पना, जलजीरा आदि। पीड़ित मरीज को पौष्टिक आहार दें, पूरी नींद लेने दें, शरीर को क्रियाशील रखें, ठंडी हवा दें एवं शुद्ध पेयजल अधिक से अधिक दिया जाना चाहिए, आस-पास का वातावरण स्वच्छ रखें। इस हेतु नगरीय निकाय एवं शुद्ध पेयजल हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से निरन्तर समन्वय बनाया जा रहा है। मितानिन व संबंधित क्षेत्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध करा दी गयी है।

डायरिया मरीजों को राहत देने स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर, 24 घंटे रखी जा रही निगरानी

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दुर्ग। भिलाई शहर के वृन्दानगर, जे.पी.नगर, शारदापारा और न्यू संतोषीपारा कैम्प क्षेत्र के आसपास डायरिया की स्थिति को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम ने 60 ए.एन.एम., 11 सुपरवाईजर एवं 03 बीईटीओ, 25 मितानिनो की डयूटी लगाई गई है। प्रतिदिन ए.एन.एम. गृह भेंट दो पालियों ड्यूटी लगाई गई है जिन्हे वार्डवार डायरिया के मरीज को अस्पताल भेजने की व्यवस्था कर स्वस्थ्य शिक्षा एवं मामूली दस्त होने पर ओ.आर.एस. घोल बनाने की विधि एवं दवा वितरण करने कहा गया है।



कन्ट्रोल रूम की यू.पी.एच.सी. बैकुण्ठधाम में व्यवस्था की गई है। आपातकालीन नं. 0788-4230397 से संपर्क किया जा सकता हैं। अस्पताल में चौबीस घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध रहेगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला दुर्ग के आदेशानुसार नोडल अधिकारियों को विभिन्न कार्याे का प्रभारी बनाया गया है। रिपोर्टिग हेतु आईडीएसपी नोडल डॉ. एस. के. मेश्राम, शहरी हमर क्लीनिक के डॉक्टरों की डयूटी लगाई गई है। प्रबंधन हेतु डॉ एस. के जामगडे की ड्यूटी औषधि एवं अन्य सामग्री प्रबंधन हेतु डीपीएम पद्माकर शिंदे, शासकीय व निजी संस्था की रिपोर्ट एकत्रित कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वा. अधिकारी को करना सुश्री रितिका सोनवानी एपिडेमिलाजिस्ट की ड्यूटी लगाई गई है।

अस्पताल जहॉ मरीज भर्ती है-शहरी प्राथमिक स्वा. केन्द्र बैकुण्ठधाम भिलाई में, सिविल अस्पताल सुपेला भिलाई, पं.ज.ला.ने.चिकि.एवं अनु. केन्द्र सेक्टर 9 भिलाई, भिलाई नर्सिग होम भिलाई, जिला चिकित्सालय दुर्ग, अम्बे अस्पताल पावर हाउस भिलाई, बी. एम. शाह अस्पताल भिलाई इत्यादि। इनमें कुल 91 मरीज भर्ती हुए उनमें से अब तक 21 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं।

सावधान : SOVA वायरस ने मचाया कहर एसबीआई ने यूजर्स के लिए जारी किया अलर्ट

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नई दिल्ली अब स्कैमर्स (scammers) नए-नए वायरस के जरिए लोगों को स्कैम का शिकार बना रहे हैं। मैसेज या सोशल मीडिया (social media) प्लेटफॉर्म पर लिंक शेयर कर यूजर्स को टारगेट किया जाता है। अब देश के सबसे बड़े बैक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने SOVA वायरस (virus) को लेकर अलर्ट जारी किया है। SOVA वायरस से सावधान रहने के लिए कहा गया है। आपकी एक गलती से आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है 



SOVA वायरस फोन में इंस्टॉल हो जाता है। फिर यह यूजर की डिटेल्स को चोरी करने लगता है। इसको अनइंस्टॉल करना भी काफी मुश्किल हो जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वायरस ने 200 से ज्यादा मोबाइल बैंकिंग और क्रिप्टो ऐप्स को टारगेट किया है। इस मैलवेयर (malware) के बारे में सबसे पहले सितंबर 2021 में पता चला था। यूजर जब मोबाइल बैंकिंग ऐप्स को एक्सेस करते हैं तो ये उनकी लॉगिन (login) डिटेल्स चुरा लेता है. इसको यूजर के डिवाइस पर इंस्टॉल करवाने के लिए स्कैमर्स फिशिंग एसएमएस भेजते हैं। 

जब यूजर इन लिंक पर क्लिक करते हैं तो वायरस वाला एंड्रॉयड ऐप उनके फोन में डाउनलोड हो जाता है। ये दिखने में किसी पॉपुलर ऐप जैसे क्रोम, ऐमेजॉन की तरह दिखता है. एक बार फोन में इंस्टॉल होने के बाद ये यूजर्स की सारी डिटेल्स स्कैमर्स तक पहुंचा देता है

इससे बचने के लिए आपको किसी भी अनजान ऐप को डाउनलोड करने से बचें। इसके अलावा फिशिंग लिंक पर क्लिक ना करें. फोन पर किसी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर ना करें. बैंक से जुड़ी डिटेल्स को किसी के साथ शेयर ना करें। 

https://twitter.com/TheOfficialSBI/status/1572968823325880324?s=20&t=zr4sDxtGCUeQ7Gcf1jATdQ

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