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शोले के 'जेलर' असरानी का 84 की उम्र में निधन

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 Veteran Actor Asrani Death : अपनी बेहतरीन हास्य कला और बहुआयामी अभिनय के लिए मशहूर वरिष्ठ अभिनेता गोवर्धन असरानी, जिन्हें दुनिया प्यार से असरानी के नाम से जानती थी, का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद मुंबई में निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे।


चार दिन पहले उन्हें जुहू स्थित भारतीय आरोग्य निधि अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने बताया था कि उनके फेफड़ों में तरल पदार्थ जमा हो गया था। असरानी का अंतिम संस्कार सोमवार शाम सांताक्रूज़ श्मशान घाट में कर दिया गया।

उनके निजी सहायक बाबूभाई ने बताया,

“असरानी साहब को चार दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज दोपहर करीब 3:30 बजे उनका निधन हो गया। अंतिम संस्कार पहले ही पूरा हो चुका है।”

परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए निधन की खबर अंतिम संस्कार के बाद साझा की। असरानी ने अपनी पत्नी मंजू से कहा था कि उनके जाने को कोई बड़ा आयोजन या चर्चा का विषय न बनाया जाए।

उनके अचानक निधन ने फिल्म जगत और प्रशंसकों को गहरे सदमे में डाल दिया, ख़ासकर इसलिए क्योंकि उन्होंने उसी दिन सोशल मीडिया पर दिवाली 2025 की शुभकामनाएँ दी थीं।

हास्य का पर्याय बन चुके असरानी

करीब 350 से अधिक हिंदी फिल्मों में काम कर चुके असरानी भारतीय सिनेमा के सबसे प्रिय हास्य अभिनेताओं में से एक थे।
1975 की कालजयी फिल्म ‘शोले’ में उनका निभाया गया सनकी जेलर आज भी दर्शकों की यादों में ताज़ा है।
पाँच दशकों से अधिक लंबे करियर में उन्होंने हास्य, चरित्र और निर्देशन — सभी विधाओं में अपनी गहरी छाप छोड़ी।

प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत

1 जनवरी 1941 को जयपुर में एक मध्यमवर्गीय सिंधी परिवार में जन्मे असरानी ने पढ़ाई के दौरान ही कला की ओर रुझान दिखाया।
उन्होंने राजस्थान कॉलेज से पढ़ाई करते हुए ऑल इंडिया रेडियो में वॉइस आर्टिस्ट के रूप में काम किया।
1960 के दशक की शुरुआत में वे मुंबई पहुंचे और भारतीय फिल्म एवं टेलीविज़न संस्थान (FTII), पुणे से अभिनय की विधिवत शिक्षा ली।
1967 में फिल्म ‘हरे कांच की चूड़ियाँ’ से उन्होंने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की और 1969 में ऋषिकेश मुखर्जी की ‘सत्यकाम’ से पहचान बनाई।

स्वर्णिम काल : 1970 से 1980 का दशक

1970 और 1980 का दशक असरानी के करियर का सुनहरा दौर रहा। उन्होंने इन दो दशकों में 100 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया — जो हिंदी सिनेमा में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। वह राजेश खन्ना की कई फिल्मों में नियमित रूप से नज़र आए — दोनों ने मिलकर 25 फिल्मों में साथ काम किया, जिनमें ‘बावर्ची’, ‘नमक हराम’, और ‘महबूबा’ जैसी हिट फिल्में शामिल हैं।

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