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भारत के नाम से सहमा पाकिस्तान- एक दिन के लिए बदला अपने आकाश का रास्ता

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 इस्लामाबाद/नई दिल्ली। भारत की संयुक्त सैन्य कवायद “Tri-Series” से पहले पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने हवाई क्षेत्र में “ऑपरेशनल बदलाव” की घोषणा की है। पाकिस्तान एयरपोर्ट्स अथॉरिटी (PAA) ने 28 अक्टूबर 2025 से कराची और लाहौर के उड़ान मार्गों में संशोधन करते हुए कहा कि यह कदम “हवाई सुरक्षा और प्रभावी प्रबंधन” के लिए उठाया गया है।


हालांकि, यह बदलाव केवल एक दिन — 28 अक्टूबर सुबह 5:01 बजे से 29 अक्टूबर सुबह 9 बजे तक (PKT) — के लिए लागू रहेगा। विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम पाकिस्तान की सैन्य असुरक्षा और भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है।

भारत की “Tri-Series” कवायद से जुड़ा डर

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान का यह निर्णय भारत की आगामी “Tri-Series” संयुक्त सैन्य अभ्यास को देखते हुए लिया गया है, जिसमें थल, जल और वायु सेना की संयुक्त रणनीति का प्रदर्शन होगा। पाकिस्तान को आशंका है कि भारत इस दौरान नए हथियार परीक्षण या रणनीतिक अभ्यास कर सकता है।

PAA द्वारा जारी NOTAM (Notice to Airmen) में इसे “सामान्य परिचालन कारणों” से जोड़ा गया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय रक्षा विश्लेषक इसे भारत के प्रति भय और संवेदनशीलता से जोड़कर देख रहे हैं।

सीमा तनाव और हवाई प्रतिबंध का इतिहास

पिछले कुछ महीनों से दोनों देशों के बीच हवाई मार्ग विवाद गहराया है। मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद के तनाव के चलते पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए कई बार अपना हवाई क्षेत्र बंद किया था।
भारत ने भी जवाबी कदम के रूप में समान प्रतिबंध लागू किए थे।

2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान ने चार महीने तक भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद रखा था, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था और एयरलाइंस को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।

भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता से बढ़ी चिंता

पिछले एक दशक में भारत ने अपने रक्षा तंत्र को तीन स्तरों पर सशक्त किया है —
1️⃣ न्यूक्लियर ट्रायड (परमाणु हमले की तीनों माध्यमों से क्षमता),
2️⃣ Precision Strike Capability (सटीक मिसाइल डिलीवरी प्रणाली), और
3️⃣ Cyber एवं Electronic Warfare में उल्लेखनीय निवेश।

इन्हीं क्षमताओं ने पाकिस्तान की पारंपरिक “समान शक्ति” वाली सोच को तोड़ दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान को यह एहसास है कि किसी भी संघर्ष की स्थिति में भारत की प्रथम प्रतिक्रिया क्षमता निर्णायक साबित हो सकती है।

कूटनीतिक अलगाव भी बना कारण

सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि पाकिस्तान की कूटनीतिक स्थिति भी कमजोर हुई है। अमेरिका, सऊदी अरब और चीन जैसे देश अब भारत के साथ संतुलित संबंध नीति अपनाए हुए हैं। भारत की बढ़ती आर्थिक, सामरिक और तकनीकी साझेदारी ने पाकिस्तान की “सुरक्षा परिकल्पना” को कमजोर कर दिया है।

विश्लेषकों का मानना है कि इस्लामाबाद की हर ऐसी कार्रवाई अब “पूर्व सावधानी” नहीं, बल्कि “पूर्व भय” का संकेत देती है।

रणनीतिक धैर्य की परीक्षा

भारत के लिए यह स्थिति आत्मसंतोष नहीं, बल्कि रणनीतिक धैर्य की परीक्षा है। पाकिस्तान के कदम से यह स्पष्ट है कि भारत की सैन्य तैयारियों ने उसके मनोबल को प्रभावित किया है।

जब कोई प्रतिद्वंद्वी भयवश मार्ग बदलता है, तो उसे हराने की आवश्यकता नहीं रहती — क्योंकि युद्ध उसके मन में पहले ही हार चुका होता है।


निष्कर्ष

पाकिस्तान का यह एयरस्पेस परिवर्तन तकनीकी हो या सामरिक — लेकिन यह भारत की सैन्य और कूटनीतिक प्रभावशीलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। भारत अब केवल दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी शक्ति नहीं, बल्कि अपने प्रतिद्वंद्वी के मानसिक परिदृश्य का निर्णायक तत्व बन चुका है।

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