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भारत का पहला स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर ‘विक्रम-3201’ लॉन्च, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

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नई दिल्ली। तकनीक की दुनिया में भारत ने एक नया इतिहास रच दिया है। देश का पहला स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर ‘विक्रम-3201’ लॉन्च हो गया है। इसे IIT मद्रास और IIT बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है।


यह उपलब्धि न सिर्फ तकनीकी सफलता है, बल्कि भारत को माइक्रोप्रोसेसर के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भरता से आज़ादी भी दिलाएगी।

माइक्रोप्रोसेसर क्या है और क्यों जरूरी है?

  • माइक्रोप्रोसेसर किसी भी मशीन का “दिमाग़” होता है।

  • यह कंप्यूटर, मोबाइल, रक्षा उपकरण, स्मार्ट डिवाइस और ऑटोमोबाइल को कंट्रोल करता है।

  • लाखों ट्रांजिस्टरों से बना यह चिप हार्डवेयर को निर्देश देता है कि क्या करना है और कैसे करना है

  • हर आधुनिक टेक्नोलॉजी की रीढ़ यही प्रोसेसर है।

कैसे और किसने बनाया ‘विक्रम-3201’?

इसे दो मुख्य हिस्सों में विकसित किया गया है:

  1. शक्ति प्रोसेसर (IIT मद्रास)

    • लो-पावर डिवाइसेज़, इंडस्ट्रियल कंट्रोलर और सर्वर के लिए

    • ओपन-सोर्स RISC-V आर्किटेक्चर पर आधारित

  2. मूसिक प्रोसेसर (IIT बॉम्बे)

    • हाई-परफॉर्मेंस मल्टी-कोर प्रोसेसर

    • AI और मशीन लर्निंग जैसे एडवांस टास्क के लिए

कहां-कहां होगा इस्तेमाल?

  • रक्षा: मिसाइल, रडार, ड्रोन और संचार सिस्टम

  • ऑटोमोबाइल: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और स्मार्ट कार

  • मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक्स: स्मार्टफोन, टीवी, वॉच, IoT डिवाइस

  • सुपर कंप्यूटिंग: डेटा सेंटर, AI, 5G और 6G एप्लिकेशन

  • शिक्षा और स्टार्टअप्स: रिसर्च और हार्डवेयर इनोवेशन

काम करने का तरीका

  1. इनपुट लेता है (डेटा या कमांड)

  2. ट्रांजिस्टरों के ज़रिए प्रोसेसिंग करता है

  3. आउटपुट के रूप में रिज़ल्ट देता है

शक्ति और मूसिक दोनों में हाई-स्पीड कंप्यूटिंग, लो-पावर खपत और एडवांस सिक्योरिटी फीचर्स मौजूद हैं।

अब तक भारत कहाँ से खरीदता था चिप्स?

भारत अब तक अमेरिका, ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया से प्रोसेसर इंपोर्ट करता था:

  • अमेरिका: Intel, AMD, Qualcomm

  • ताइवान: TSMC (Apple जैसी कंपनियों को सप्लाई)

  • दक्षिण कोरिया: Samsung

  • जापान: माइक्रोकंट्रोलर और इलेक्ट्रॉनिक सामग्री

भारत सरकार की बड़ी योजनाएँ

  • सेमीकंडक्टर मिशन: ₹76,000 करोड़ का पैकेज

  • PLI स्कीम: मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया से जुड़ी योजना

  • फैब यूनिट निवेश: वेदांता-फॉक्सकॉन जैसे पार्टनर

  • Design-Link: स्टार्टअप्स और कॉलेजों को सपोर्ट

  • इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2019: 2025 तक $400 बिलियन का लक्ष्य

 यह प्रोसेसर भारत को आत्मनिर्भर टेक्नोलॉजी पॉवर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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