रायपुर : छत्तीसगढ़ में सरकारी राशन दुकानों से लगभग 1 लाख क्विंटल से अधिक चावल गायब होने का मामला सामने आया है, जिसकी कीमत लगभग 49 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह चावल राशन प्रणाली से गायब होकर कालाबाजार में बेच दिया गया है, जिसमें गरीबों को मिलने वाला अनाज भी है। इससे वे वंचित हो रहे हैं।
खाद्य विभाग के भौतिक सत्यापन में यह खुलासा हुआ है कि 1231 राशन दुकानों में गड़बड़ी पाई गई है, जिसमें चावल के अलावा अन्य राशन सामग्रियां जैसे कि चना, नमक, शक्कर भी गबन की गई हैं। रायगढ़ जिले की 110 राशन दुकानों में करीब 12,190 क्विंटल से अधिक चावल गायब पाया गया, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ से अधिक है। इसके अलावा, अन्य जिलों में भी इस तरह की कई रिपोर्ट्स आई हैं, जैसे बस्तर में 412 दुकानों से चावल गायब पाया गया है।
यह चावल अधिकांशतः उन हितग्राहियों के हिस्से का है जो गरीबी रेखा के नीचे आते हैं और जिन्हें उचित मूल्य पर राशन मिलना चाहिए था। लेकिन चूँकि यह चावल दुकानों से गायब हो रहा है, इसलिए यह गरीबों तक नहीं पहुंच पा रहा है। जांच में यह भी पता चला है कि कुछ राइस मिलर्स इस चावल को खरीदकर पुनः पैकिंग कर बाजार में बेच रहे हैं।
सरकार ने इस गड़बड़ी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि राशन दुकानों का भौतिक सत्यापन, हितग्राहियों और दुकानदारों का सत्यापन, और ऑनलाइन पारदर्शिता बढ़ाना, लेकिन अब भी बड़े स्तर पर भंडाफोड़ हो रहा है।
इस मामले में संबंधित व्यापारियों और राशन दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है और एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। आरोपितों से राशन की वसूली और जुर्माने करने की प्रक्रिया चल रही है, ताकि आम जनता को उनके हक का राशन मिल सके और खाद्य सुरक्षा योजना की विश्वसनीयता बनी रहे।
छत्तीसगढ़ में सरकारी राशन दुकानों से लगभग 1 लाख क्विंटल से अधिक चावल का गबन हुआ है, जिसका मूल्य लगभग 49 करोड़ रुपए है, और यह चावल गरीबों को मिलने की बजाय कालाबाजार में बेचा गया है। इस घोटाले की जांच और कार्रवाई जारी है.