चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर तीखे प्रहार किए। शाह ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में हार की आशंका से “बहानेबाज़ी” कर रहे हैं।
शाह ने सवाल उठाया—“लालू प्रसाद यादव किसे बचाना चाहते हैं? क्या आप उन बांग्लादेशियों को बचाना चाहते हैं जो बिहार के लोगों की नौकरियां छीनते हैं?” उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में उन लोगों को वोट देने का अधिकार नहीं है जो भारत में जन्मे नहीं हैं, और राहुल गांधी को संविधान पढ़ना चाहिए।
गृह मंत्री ने याद दिलाया कि SIR कोई नया कदम नहीं है—“इसकी शुरुआत जवाहरलाल नेहरू के समय में हुई थी और 2003 में भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी।” उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने चाहिए या नहीं।
बिहार में एनडीए सरकार का दावा
अमित शाह ने विश्वास जताया कि बिहार में बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी। उन्होंने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा—“आपके माता-पिता लंबे समय तक सत्ता में रहे, लेकिन गुंडागर्दी, अपहरण और फिरौती के अलावा मिथिलांचल के विकास के लिए क्या किया?”
मिथिला और सांस्कृतिक गौरव
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने वैश्विक मंच पर मिथिला की कला का सम्मान बढ़ाया। “मोदी जी ने अर्जेंटीना की उपराष्ट्रपति को मधुबनी पेंटिंग और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को मिथिलांचल की कला का नमूना भेंट किया।”
उन्होंने माँ जानकी की जन्मस्थली पर बन रहे भव्य मंदिर को मिथिलांचल के भाग्योदय की शुरुआत बताया और कहा कि मिथिला सदियों से धर्म, साहित्य, संगीत, भाषा और तकनीक का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।