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राज्यसभा में बीजेपी ने तीन साल बाद फिर पार किया 100 का आंकड़ा, बनी देश की दूसरी पार्टी जो पहुंची इस मुकाम तक

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 नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक बार फिर राज्यसभा में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। तीन साल बाद पार्टी ने राज्यसभा में 100 का आंकड़ा पार कर लिया है, जिससे वह कांग्रेस के बाद देश की दूसरी ऐसी पार्टी बन गई है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है। यह राजनीतिक बढ़त ऐसे समय पर मिली है जब 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं, और बीजेपी की यह स्थिति उसे ऊपरी सदन में मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा करती है।


 कैसे बढ़ी बीजेपी की संख्या?

हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार नामित सदस्यों की घोषणा की थी। इनमें से तीन सदस्य — उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला और सी सदानंदन मास्टर — बीजेपी में शामिल हो गए हैं, जिससे पार्टी की राज्यसभा में सीटें बढ़कर 102 हो गई हैं। यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने यह आंकड़ा पार किया हो। इससे पहले मार्च 2022 में भी बीजेपी के राज्यसभा सदस्यों की संख्या 101 तक पहुंची थी।

राज्यसभा में बीजेपी की स्थिति

  • राज्यसभा में कुल सीटें: 245
  • वर्तमान सांसद: 240 (12 मनोनीत + 5 सीटें रिक्त)
  • बीजेपी के सांसद: 102 (जिसमें 5 नामित सदस्य शामिल)
  • बहुमत का आंकड़ा: 121

एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों को मिलाकर बीजेपी के पास प्रभावी संख्या 134 तक पहुंच रही है, जिससे उसकी स्थिति पहले से अधिक मजबूत मानी जा रही है।

 कौन हैं ये तीन नए नामित सदस्य जो बीजेपी में शामिल हुए?

उज्ज्वल निकम – देश के प्रख्यात सरकारी वकील, जिन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले में अजमल कसाब को फांसी दिलाई। 2016 में पद्मश्री से सम्मानित।

हर्षवर्धन श्रृंगला – पूर्व विदेश सचिव, अमेरिका व बांग्लादेश में भारत के राजनयिक, और 2023 में G20 समिट के मुख्य समन्वयक।

सी सदानंदन मास्टर – केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षक। 1994 में राजनीतिक हिंसा में घायल हुए थे, और वर्षों से बीजेपी से जुड़े रहे हैं।

इनके अलावा, प्रसिद्ध इतिहासकार और राजनीतिक विश्लेषक डॉ. मीनाक्षी जैन को भी राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। वे भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की सदस्य रह चुकी हैं और उन्हें भी 2020 में पद्मश्री मिला था।

कांग्रेस भी कर चुकी है यह उपलब्धि हासिल

बीजेपी से पहले सिर्फ कांग्रेस पार्टी ने 1988 से 1990 के बीच राज्यसभा में 100 से अधिक सीटों का आंकड़ा पार किया था। अब बीजेपी दूसरी ऐसी पार्टी बन गई है, जिसने यह गौरव दोबारा प्राप्त किया है।

 क्या होगा इसका असर?

  • उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को मिलेगी सीधी बढ़त
  • संसद में विधायी प्रक्रिया को पास करवाने में मिलेगी मजबूती
  • 2026 में राज्यसभा चुनावों में पार्टी की रणनीति को मिलेगा लाभ

निष्कर्ष:

बीजेपी की यह उपलब्धि न सिर्फ उसकी राजनीतिक ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह भी साफ करती है कि पार्टी भविष्य की रणनीतियों में उच्च सदन को और अधिक प्रभावशाली भूमिका में लाना चाहती है। अब उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले ही यह स्थिति बीजेपी को स्पष्ट बढ़त देती है।

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