सुकमा। छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन और पुनर्वास नीति अब ज़मीन पर असर दिखाने लगी है। गुरुवार को जिले के अतिसंवेदनशील जगरगुंडा और चिंतलनार इलाके में सक्रिय पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। ये सभी नक्सली लंबे समय से संगठन से जुड़े थे और कई हिंसक वारदातों में शामिल रहे थे।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सरकार की पुनर्वास नीति और विश्वास निर्माण प्रयासों से प्रभावित होकर यह कदम उठाने के लिए तैयार हुए। आत्मसमर्पण के बाद उन्हें नियमानुसार प्रोत्साहन राशि दी गई है, साथ ही पुनर्वास के तहत आवास, रोजगार और सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
अधिकारियों ने बताया कि समर्पण करने वालों में डीएकेएमएस (DKAMS), मिलिशिया और जनताना सरकार से जुड़े सक्रिय सदस्य शामिल हैं। पुलिस ने इसे सुरक्षा बलों की रणनीतिक सफलता बताया है और कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि जो भी नक्सली हिंसा छोड़कर शांति का रास्ता अपनाना चाहता है, उसे हरसंभव सहायता और संरक्षण प्रदान किया जाए।
प्रशासन का कहना है कि भविष्य में और आत्मसमर्पण की उम्मीद है, क्योंकि अब इलाके में लोगों का भरोसा शासन-प्रशासन पर बढ़ा है और आम नागरिक भी नक्सलवाद से मुक्ति की दिशा में जागरूक हो रहे हैं।