आरंग । जय जवान -जय किसान के संयोजक ध्रुवकुमार चन्द्राकर ,ज्ञानेंद्र साहू व ग्रामवासियो के सहयोग से ग्राम नारा के गौठान में रविवार को 25 ग्रामों के किसानों की बैठक हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य गांवों में हो रहे फसल नुकसान, मवेशियों की समस्या और आगामी फसल चक्र को लेकर किसानों की राय एवं समाधान प्रस्तुत करना था। बैठक में उपस्थित किसानों ने सर्वसम्मति से यह मांग रखी कि ग्राम नारा सहित अन्य गांवों के गौठानों को पुनः सक्रिय किया जाए, ताकि खेतों में विचरण कर रहे मवेशियों को नियंत्रित किया जा सके।
किसानों ने बताया कि वर्तमान में रोपा हुआ धान पौध अवस्था में है, जिसे छुट्टा जानवर नष्ट कर रहे हैं। अगर समय रहते रोका-छेका की उचित व्यवस्था नहीं की गई तो न केवल धान की उपज प्रभावित होगी, बल्कि आगामी उन्हारी फसलों जैसे तिलहन और दलहन की बुआई भी संकट में आ जाएगी।किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर गौठानों को पुनः क्रियाशील कर चारा-पानी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही रोका-छेका अभियान को प्रभावी बनाने के लिए ग्राम स्तरीय समितियों का गठन कर सख्ती से पालन कराया जाए। जिला पंचायत सदस्य वतन चन्द्राकर ने कहा- "हम मेहनत से धान की बोआई व रोपाई कर रहे हैं, लेकिन यदि मवेशियों का नियंत्रण नहीं हुआ तो हमारी सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसके अलावा तिलहन सहित उन्हारी फसलो में तिवड़ा, चना, मसूर बटरी उड़द जैसी फसलों की बुआई की कोई संभावना नहीं रहेगी।"
समीक्षा बैठक में उपस्थित किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा, सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष गोपाल धीवर, जनपद सदस्य (आरंग)अमर मांडले, श्रीमतीमीणा जांगड़े सरपंच नारा, कुंज बिहारी वर्मा सरपंच पिपरहट्टा, श्रीमती ज्योति निषाद सरपंच डीघारी सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने किसानों की मांगों को जायज बताते हुए किसानों की मांग का समर्थन किया। बैठक में उपस्थित सरपंचों ने कहा कि गौठानों के पुनरुद्धार और रोका-छेका अभियान के लिए जल्द ही पंचायत स्तर पर प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा।बैठक के अंत में यह तय किया गया कि यदि समय रहते गौठानों को पुनः प्रारंभ नहीं किया गया तो किसानों को आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होना पड़ेगा। गांवों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ रखने के लिए खेतों की सुरक्षा और मवेशियों का नियमन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है।
बैठक में ग्राम पंचायत लखौली रीवा कुकरा संडी नारा भानसोज पिपरहट्टा सिवनी गोढ़ी खमरिया टेकारी अमेंरी खुटेरी करही मालिडीह बरछा फरफौद छतौना सकरी तोड़गाव बड़गाँव जरौद कलाई के सरपंच सहित बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया।बैठक का संचालन रामकुमार वर्मा ने किया।