रायपुर। छत्तीसगढ़ के संत समुदाय ने रायपुर कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपकर कुशालपुर निवासी अमनदत्त ठाकुर उर्फ स्वामी अभिरामदास के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। संत समाज का आरोप है कि अमनदत्त ठाकुर संतों की वेशभूषा पहनकर सनातन धर्म और धार्मिक परंपराओं का अपमान कर रहा है, साथ ही गौसेवा के नाम पर अवैध रूप से लाखों रुपये की कमाई भी कर रहा है।
ज्ञापन में बताया गया कि अमनदत्त द्वारा धमतरी जिले के ग्राम बोघाछापर में एक फर्जी गौशाला संचालित की गई थी। इस मामले की शिकायत पहले धमतरी के पुलिस अधीक्षक से की गई थी। जांच के दौरान गौशाला को फर्जी पाए जाने के बाद मामला रायपुर के पुरानी बस्ती थाने स्थानांतरित कर दिया गया, लेकिन दो माह बीत जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
संत समाज ने आरोप लगाया कि अमनदत्त ठाकुर ने कुंभ आयोजन के नाम पर आमजन से लगभग 75 लाख रुपये एकत्र किए। दावा किया गया था कि यह राशि संत सेवा और भंडारे में खर्च की जाएगी, लेकिन बाद में इन पैसों का उपयोग निजी लाभ—जैसे महंगी कार खरीदने और उपाधि प्राप्त करने—में किया गया।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि अमनदत्त वर्तमान में भागवत कथाओं के आयोजन के माध्यम से धन वसूली जारी रखे हुए है। जो लोग उसके कार्यों का विरोध कर रहे हैं, उन्हें धमकाया जा रहा है और उनके खिलाफ झूठे आत्महत्या के आरोप मढ़ने की कोशिश की जा रही है।
संत समाज ने "राधाकृष्णालय लोकन्यास कुशालपुर" नामक ट्रस्ट की निष्पक्ष जांच, ट्रस्ट के वित्तीय लेन-देन का ऑडिट, और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा और जनजागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा।