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स्वास्थ्य मंत्री का आश्वासन खोखला? सुबह 'स्वास्थ्य मितान' पद रखने की बात, शाम को टेंडर में नाम तक गायब"

 रायपुर : दिनांक 29.05.25 को छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों में कार्यरत स्वास्थ्य मितान लगभग 500-600 कि संख्या में स्वास्थ्य मंत्री के बंगले पहुंचे थे बड़ी उम्मीद से अपनी जॉब को कंपनी या कलेक्टर दर में पुनः एक्सटेंड करने के लिए वर्तमान में स्वास्थ्य मितान पद को जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगभग पूरे राज्य में 750 कि संख्या में थर्ड पार्टी कंपनी के माध्यम से लगभग 12 से 15 वर्षों से TPA कंपनी के माध्यम से रखा जाता था।


वर्तमान में FHPL कंपनी को टेंडर मिला था जिसका टेंडर 30 अप्रैल को समाप्त हो चुका है साथ ही स्वास्थ्य मितान कर्मचारी कि 3 माह कि सेलरी FHPL कंपनी नहीं दी है साथ ही वर्तमान कंपनी का टेंडर खत्म होने के बाद जॉब भी जा चुका है स्वास्थ्य मितान सभी चिकित्सालयों में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे ये लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाते ओर क्लेम का कार्य करते थे साथ शिविरो के माध्यम से आयुष्मान योजना प्रचार ओर विस्तार करते थे अभी वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य राष्टीय स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाने ओर क्लेम प्रोसेसिंग में टॉप 5 में जगह बना पाई इन स्वास्थ्य मितान कर्मचारियों के कारण इसी उम्मीद में स्वास्थ्य मंत्री जी से स्वास्थ्य मितान कर्मचारी संघ मिला और स्वास्थ्य मंत्री जी ने आश्वासन भी दिया की इनके 12 से 15 वर्षों के अनुभव का सरकार लाभ लेगी इनका पुनः भर्ती स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत कलेक्टर दर या TPA के माध्यम से किया जाएगा और साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इनकी नौकरी के लिए चिंतित दिखे स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य मितान कर्मचारियों को मंत्री जी के द्वारा उनके रायपुर निवास में आश्वासन मिलने के बाद शाम में स्वास्थ्य विभाग स्टेट नोडल एजेंसी के द्वारा टेंडर निकाला गया जिसमें स्वास्थ्य मितान पद का जगह नहीं था।

मेन पावर वाले कॉलम में जिससे यह समझ आया कि स्वास्थ्य मंत्री जी के आश्वासन के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी मंत्री जी के आश्वासन को झुंकलाते हुए टेंडर निकाल दिए जिससे स्वास्थ्य मितान कर्मचारी संघ ने रोष जाहिर किया है स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों पर क्योंकि 750 स्वास्थ्य मितान कर्मचारियों के साथ उनके परिवार का जीवन यापन अब कैसे होगा यह चिंता उत्पन्न हो गई है कर्मचारियों पर इसमें से बड़ी संख्या में स्वास्थ्य मितान बस्तर सम्भाग और सरगुजा सम्भाग में आदिवासी युवक युवतियां जॉब में थी पर अधिकारियों के गलत निर्णय के कारण बेरोजगारी का शिकार ये भोले भाले सुदूर क्षेत्र ओर आदिवासी युवक युवतियां हो रही हैं।

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