IMD Monsoon Alert : भारत में मानसून सीजन की औपचारिक शुरुआत इस बार रिकॉर्ड समय से पहले हो चुकी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पुष्टि की है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 24 मई 2025 को केरल में दस्तक दे दी है, जो कि सामान्य तिथि 1 जून से पूरे 8 दिन पहले है। यह पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी मानसून की शुरुआत है।केरल पहुंचा मानसून
इतिहास में कब-कब जल्दी पहुंचा मानसून?
केरल में मानसून की औसतन शुरुआत 1 जून को होती है, लेकिन इतिहास में कुछ वर्ष ऐसे रहे हैं जब मानसून इससे पहले ही पहुंचा। 2001 और 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था। 1918 में मानसून सबसे जल्दी, 11 मई को आया था यह अब तक की सबसे शुरुआती एंट्री मानी जाती है। वहीं 1972 में मानसून ने सबसे ज्यादा देरी से, 18 जून को दस्तक दी थी।
2025 की शुरुआत इन सभी वर्षों में एक विशेष स्थान रखती है क्योंकि यह 16 वर्षों में सबसे पहले मानसून की वापसी है, जो आने वाले सीजन के लिए अहम संकेत हो सकता है।
IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, मानसून की इस शुरुआती एंट्री का असर अब देश के कई हिस्सों में देखने को मिलेगा। आने वाले दिनों में देश के 15 राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
पूर्वी भारत बिहार, झारखंड और ओडिशा में 26 मई तक तेज़ बारिश के आसार हैं। इन राज्यों में आकाशीय बिजली और तेज हवाओं के साथ गरज-चमक की भी संभावना है। वहीं पश्चिमी और दक्षिणी तटीय राज्य गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के तटीय इलाकों में 200 मिमी तक बारिश होने की संभावना है। बता दें कि यहां अगले सात दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव और यातायात प्रभावित हो सकता है।
किसानों के लिए भी गुड न्यूज
खेती के लिहाज़ से यह मानसून खास तौर से अहम है. खरीफ सीजन की प्रमुख फसलें जैसे धान, मक्का, ज्वार और बाजरा की बुआई समय पर शुरू हो सकेगी, जिससे उत्पादन बेहतर होने की संभावना है. इससे न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संजीवनी मिलेगी, बल्कि गांवों में रोजगार, सिंचाई और खाद्य आपूर्ति तंत्र को भी मजबूती मिलेगी. भरपूर बारिश का असर आम जनता पर भी पड़ेगा, क्योंकि अच्छी फसल होने से महंगाई पर भी अंकुश लग सकता है।