भारत में सभी नौकरीपेशा लोगों का पीएफ खाता होता है। यह खाता एक बचत खाते की तरह कार्य करता है। इसमें कर्मचारी की सैलरी का 12% हिस्सा जमा किया जाता है, और उतना ही योगदान नियोक्ता यानी कंपनी की ओर से भी दिया जाता है।
पीएफ खाते में जमा राशि पर सरकार द्वारा ब्याज भी प्रदान किया जाता है। साथ ही, आपको बता दें कि आप विभिन्न अवसरों पर आवश्यकता पड़ने पर अपने पीएफ खाते से कभी भी पैसे निकाल सकते हैं।
नौकरी बदलने के बाद आपको अपने पीएफ खाते को लेकर कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसा न करने पर आपको बाद में परेशानी हो सकती है। आइए, जानते हैं कि आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आपको बता दें कि नौकरी बदलते समय अपने पुराने पीएफ खाते को नई कंपनी के खाते में स्थानांतरित करना आवश्यक है। यदि आपके पास केवल एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) है और वह आपके आधार से जुड़ा हुआ है।
तो फिर ऐसी स्थिति में आपको खाता स्थानांतरित करने में कोई परेशानी नहीं होगी, बशर्ते आपकी पिछली कंपनी में 'डेट ऑफ एग्जिट' सही तरीके से अपडेट हो गई हो। इस स्थिति में आपका शेष पीएफ बैलेंस स्वचालित रूप से नई कंपनी के खाते में स्थानांतरित हो जाता है।
नौकरी बदलने से पहले प्रोविडेंट फंड (PF) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी न हो। नीचे कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं, जिन्हें आपको जरूर ध्यान में रखना चाहिए:
PF खाते की स्थिति जांचें:
UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) सक्रिय करें:
UAN आपके PF खाते का एक यूनिक नंबर होता है। इसे EPFO पोर्टल पर सक्रिय करें और इसे नई नौकरी के नियोक्ता के साथ साझा करें। सुनिश्चित करें कि आपका आधार, पैन और बैंक खाता UAN से लिंक हैं।
PF ट्रांसफर करें, न निकालें:
निकासी से बचें:
नियोक्ता के नियमों की जांच करें:
कुछ कंपनियां PF योगदान के लिए अलग-अलग नियम लागू करती हैं। नई नौकरी जॉइन करने से पहले उनके PF पॉलिसी की जानकारी लें।
EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) का ध्यान रखें:
अगर आपका PF खाता EPS से जुड़ा है, तो ट्रांसफर के समय पेंशन खाते का भी ध्यान रखें। यह आपकी भविष्य की पेंशन के लिए महत्वपूर्ण है।
दस्तावेजों को अपडेट रखें:
सुनिश्चित करें कि आपके KYC दस्तावेज (आधार, पैन, बैंक खाता) EPFO में अपडेट हैं। इससे ट्रांसफर या निकासी में देरी नहीं होगी।
समय सीमा का ध्यान रखें:
अगर आप PF ट्रांसफर नहीं करते और खाता निष्क्रिय रहता है, तो 3 साल बाद यह निष्क्रिय खाता माना जाता है। हालांकि, अब ब्याज मिलता रहता है, लेकिन प्रबंधन में दिक्कत हो सकती है।