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आज लोकसभा में पेश होगा वक्फ संशोधन बिल, सभी दलों ने जारी किया व्हिप

 Waqf Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर जारी बयानबाजी और विरोध-प्रदर्शनों के बीच सरकार जेपीसी की सिफारिशों के बाद केंद्र सरकार आज नए सिरे से इसे लोकसभा में पेश करेगी.


सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी अपने सांसदों को अगले तीन दिनों के लिए व्हिप जारी किए हैं. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में आयोजित कार्य मंत्रणा समिति यानि BAC की बैठक में इस विधेयक पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय तय किया गया है. हालांकि विपक्ष ने 12 घंटे का वक्‍त देने की मांग की थी, जिसे ठुकरा दिया गया. राज्यसभा में इस विधेयक पर गुरुवार को चर्चा होने की उम्मीद है.

क्या कहता है संसद का नंबर गेम

लोकसभा में 542 सांसदों में से 240 सदस्य बीजेपी के हैं वहीं एनडीए के कुल सांसदों की संख्या 293 है. बिल को पास करने के लिए 272 का नंबर होना जरूरी है. विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस के पास 99 सांसद हैं. वहीं विपक्ष की कुल संख्या 233 है. शिरोमणि अकाली दल और आजाद पार्टी के पास एक-एक सांसद हैं. इसके अलावा कुछ निर्दलीय सांसद भी हैं जो अभी तक अपना रुख सामने नहीं रखे हैं.

इसके अलावा राज्यसभा की बात करें तो अभी वहां 236 सदस्यों की संख्या है. जिसमें बीजेपी के पास 98 सांसद हैं. एनडीए गठबंधन के पास कुल 115 सांसद हैं. इसके अलावा 6 मनोनीत सांसद हैं जो लगभग सरकार के साथ रहते हैं. ऐसे में एनडीए यहां 121 की संख्या में है. बिल पास करने के लिए 119 की संख्या जरूरी है.

8 अगस्‍त को पहली बार किया था पेश

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने आठ अगस्त 2024 को यह बिल लोकसभा में पेश किया था. उस वक्‍त बिल को लेकर जमकर हंगामा हुआ था. इसके बाद लोकसभा अध्‍यक्ष ने बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था. जेपीसी का अध्‍यक्ष भाजपा सांसद जगदंबिका पाल को बनाया गया. इस समिति ने एनडीए के घटक दलों की ओर से पेश 14 संशोधनों के साथ अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की थी. वहीं विपक्ष की ओर पेश 44 संशोधनों को खारिज कर दिया गया. जेपीसी की रिपोर्ट के आधार पर संशोधित बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है.

वक्‍फ संशोधन विधेयक का क्‍या है उद्देश्‍य 

  • वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के उद्देश्यों और कारणों के विवरण में कहा गया है कि वर्ष 2013 में अधिनियम में व्यापक संशोधन किए गए थे. इसमें कहा गया है, "संशोधनों के बावजूद यह देखा गया है कि राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और सर्वेक्षण, अतिक्रमणों को हटाने, वक्फ की परिभाषा सहित संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए अधिनियम में अब भी और सुधार की आवश्यकता है."
  • इसमें कहा गया है कि 2013 में अधिनियम में संशोधन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राजिंदर सच्चर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों और वक्फ और केंद्रीय वक्फ परिषद पर संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर और अन्य हितधारकों के साथ विस्तृत परामर्श के बाद किया गया था.
  • विधेयक 2024 का एक प्रमुख उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करना है.
  • वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का उद्देश्य स्पष्ट रूप से "वक्फ" को किसी भी व्यक्ति द्वारा कम से कम पांच वर्षों तक इस्लाम का पालन करने और ऐसी संपत्ति का स्वामित्व रखने के रूप में परिभाषित करना है, और यह सुनिश्चित करना है कि वक्फ-अलल-औलाद के निर्माण से महिलाओं को विरासत के अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा.
  • विधेयक के अन्य उद्देश्यों में शामिल हैं, "उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ" से संबंधित प्रावधानों को हटाना; सर्वेक्षण आयुक्त के कार्यों को कलेक्टर या कलेक्टर द्वारा विधिवत नामित डिप्टी कलेक्टर के पद से नीचे के किसी भी अधिकारी को सौंपना; केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक संरचना प्रदान करना और मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना और बोहरा और अघाखानियों के लिए अलग औकाफ बोर्ड की स्थापना का प्रावधान करना.
  • वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है, ताकि वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों का समाधान किया जा सके। संशोधन विधेयक भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करना चाहता है.
  • इसका उद्देश्य अधिनियम की कमियों को दूर करना और पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार तथा वक्फ रिकॉर्ड के प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ाने जैसे बदलाव लाकर वक्फ बोर्डों की दक्षता बढ़ाना है.
 
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