Waqf Amendment Bill : वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में 12 घंटे की चर्चा के बाद बुधवार को पास हो गया। वोटिंग में 520 सांसदों ने भाग लिया। 288 ने पक्ष में, 232 ने विपक्ष में वोट डाले।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया है। आज गुरुवार को यह बिल राज्यसभा में पेश होगा।
बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- वक्फ में गैर इस्लामिक नहीं आएगा। ऐसा कोई प्रोविजन भी नहीं है। वोट बैंक के लिए माइनॉरिटीज को डराया जा रहा है।
बिल पर चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनि मत से पास कर दिया।
पक्ष और विपक्ष में कितने वोट?
लोकसभा में वक्फ संशोधन अधिनियम को पास कराने के लिए हुई फाइनल वोटिंग में बिल के पक्ष में कुल 288 वोट पड़े हैं। वहीं, बिल के विपक्ष में 232 वोट पड़े। इसके साथ ही विपक्ष के सभी संशोधन खारिज कर दिए गए हैं। अब ये बिल राज्यसभा में जाएगा जहां इस पर चर्चा होगी और फिर इसे पास कराने के लिए वोटिंग होगी।
ओवैसी ने फाड़ी बिल की कॉपी
वक्फ संशोधन विधेयक मामले पर लोकसभा में AIMIM पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- "इस बिल में वक्फ अल औलाद का नियम आर्टिकल 25 का वाइलेशन है। यह कानून देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विवाद पैदा करने के लिए लाया गया है। यह दोनों धर्मों के लोगों के बीच विवाद बढ़ाने के लिए लाया गया है। इस बिल का मकसद सिर्फ मुसलमानों को जलील और रुसवा करना है और उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना है। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रिका के कानून को फाड़ दिया था तो मैं भी इसे फाड़ देता हूं।" इसके बाद असदुद्दीन ओवैसी ने संविधान संशोधन विधेयक की प्रति को फाड़ दी।