रायपुर : महासमुंद कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश के किसान धूमधाम से अक्ती त्यौहार मनाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन प्रदेश के कुछ जिलों में मौसम ने करवट ली है, जिसकी वजह से बारिश और ओले गिरने से किसानो में मायूसी छा गई। बारिश और ओलों की वजह से खेतों में लगे फसल खराब हो रहे हैं। किसानों को इससे गंभीर नुकसान हुआ है। तेज हवा, बारिश और ओलों से खड़ी फसल गिर गई है।
महासमुंद कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा कि महासमुंद जिले के अनेकों गांव में ओला वृष्टि से किसानों की फसल खराब होने की जानकारी आई है। किसान पहले से भारी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और अब इस प्राकृतिक आपदा की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। फसलों में हुए नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने का काम शासन तत्काल प्रारंभ करे।
डॉ रश्मि चंद्राकर ने बताया कि जिले के हजारों किसानों का तेज आंधी, बारिश व ओलावृष्टि से रबी फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। यहां के किसानों के समक्ष अब आर्थिक संकट पैदा हो गया है। कई किसान ऋण लेकर खेती कर रहे थे, लेकिन बारिश के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि ने जिला प्रशासन से बेमौसम हुए बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर मुआवजा और आर्थिक सहायता की मांग की है । बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से आम के फल भी बर्बाद हो गये। इस बार आम की बेहतर पैदावार की उम्मीद थी। फलों से आम के पेड़ लदे थे। लोगों को उम्मीद थी कि आम इस बार किसानों को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आम के पेड़ों पर लदे आम नष्ट हो गये। लेकिन ओलावृष्टि के कारण सब कुछ नष्ट हो गया। एक झटके में सबकुछ समाप्त हो गया । डॉ रश्मि चंद्राकर ने बताया कि किसान फसलों की देखभाल बच्चों की तरह करते थे लेकिन एक झटके में सबकुछ समाप्त हो गया। खेतों में जो भी लगा था सब नष्ट हो गया। कर्जा लेकर किसान खेती कर रहे थे, अब कर्ज के बोझ से दब गए हैं। मुआवजा राशि मिलनी चाहिए क्योंकि ये प्राकृतिक आपदा थी और किसानों को भारी नुकसान हुआ है। चार महीने की मेहनत के बाद अचानक हुई इस बारिश ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है।
प्रशासन ध्यान दे, मुआवजे की प्रक्रिया के लिए किसानो को दफ्तरों के चक्कर लगाना न पड़े। अधिकारी तत्काल मौके पर जाकर किसानों की खराब हुई फसल का मुआयना करें और नुकसान की रिपोर्ट बनाकर शीघ्र सरकार को भेजें, ताकि किसानों को मुआवजा जल्दी मिल सके।