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CG NEWS : 41 लाख की ठगी: फर्जी अधिकारी बने दो शातिर गुजरात से गिरफ्तार

 रायपुर : सीबीआई और दिल्ली पुलिस का फर्जी अधिकारी बनकर 41 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो शातिर अपराधियों को दुर्ग पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने ठगी से हासिल रकम को पहले क्रिप्टोकरेंसी के जरिए दुबई भेजा और फिर कुछ ही घंटों में हवाला नेटवर्क के ज़रिए पैसे को इधर-उधर कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक मनी काउंटिंग मशीन और 45 लाख रुपये की कीमत की फोर्ड एंडेवर कार भी जब्त की है।


नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग, चिराग जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि फरिहा अमीन कुरैशी, पिता स्व. मोहम्मद अमीन, उम्र 62 वर्ष, निवासी एलआईजी 512, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बघेरा, ने 5 फरवरी 2025 को कोतवाली थाना दुर्ग में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी।

फरिहा के अनुसार, 21 जनवरी 2025 को सुबह 10:35 बजे उनके मोबाइल पर दिल्ली पुलिस डिपार्टमेंट की ओर से एक वीडियो कॉल आया। कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और बताया कि वह संदीप कुमार नामक व्यक्ति के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी और पहचान चोरी के मामले में जांच कर रहे हैं। कॉल के दौरान यह भी बताया गया कि संदीप के पास से 180 बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिनमें एक खाता फरिहा कुरैशी के नाम से दिल्ली स्थित एचडीएफसी बैंक में है और उसमें 8.7 करोड़ रुपये जमा हैं।

जब फरिहा ने ऐसे किसी खाते की जानकारी से इनकार किया तो फर्जी अधिकारी ने कहा कि सभी विवरण उनके पास पहले से हैं। इसके बाद फरिहा को दिल्ली जाकर बयान देने को कहा गया, और ऐसा न करने पर गिरफ्तारी की धमकी दी गई। फरिहा की असमर्थता बताने पर, दूसरे फर्जी अधिकारी ने उन्हें ऑनलाइन बयान देने की अनुमति दी।

इसके बाद एक और फर्जी अधिकारी, सुनील कुमार गौतम, जो खुद को आईपीएस और दिल्ली पुलिस का अफसर बता रहा था, ने उनसे ऑनलाइन संपर्क किया। उसने उनसे उनके चल-अचल संपत्ति की जानकारी ली और बताया कि यह एक बेहद गोपनीय केस है, इसलिए इसकी जानकारी किसी को भी न दें। इसी प्रक्रिया में फरिहा ने अपने एसबीआई गंजपारा ब्रांच से आरटीजीएस के ज़रिए करीब 41 लाख रुपये विभिन्न चरणों में आरबीआई इंडिया के नाम पर ट्रांसफर कर दिए।

4 फरवरी 2025 तक जब उक्त अफसर से कोई संपर्क नहीं हो पाया, तब फरिहा को समझ आया कि वह ठगी का शिकार हुई हैं। इसके बाद कोतवाली थाना में FIR क्रमांक 66/2025 दर्ज कर जांच शुरू की गई।

थाना प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार यादव की टीम और साइबर सेल भिलाई द्वारा जांच में पता चला कि 29 जनवरी 2025 को 9.5 लाख रुपये की राशि राजकोट नागरिक सहकारी बैंक, मोरबी ब्रांच में ‘आस्था लांजिस्थ’ नामक संस्था के खाते में गई थी। इस खाते का संचालन मनीष दोसी नामक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था, जो राजकोट के नक्षत्र अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 504 में रहता है।

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मनीष दोसी को विधिवत गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बताया कि उसके कहने पर ही असरफ खान नामक व्यक्ति ने यह राशि उसके खाते में जमा करवाई थी। असरफ खान के मोबाइल की जांच में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित एप्लिकेशन पाए गए।

पूछताछ में सामने आया कि ठगी की राशि को क्रिप्टोकरेंसी में बदल कर दुबई भेजा गया और फिर गुजरात के लोकल हवाला एजेंटों के माध्यम से पैसों को आगे बढ़ा दिया गया।

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक मनी काउंटिंग मशीन और फोर्ड एंडेवर वाहन (GJ 13 AR 2422) भी बरामद किया है।

प्रकरण में भारतीय दंड संहिता की धारा 317(2), 317(4), 61(2)(ए) बीएनएस तथा 66 (D) IT एक्ट को जोड़ा गया है। अपराध साबित होने पर दोनों आरोपियों को 29 और 30 मार्च को गिरफ्तार कर मोरबी और सुरेन्द्रनगर न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड लेकर दुर्ग लाया गया और यहां की अदालत में पेश किया गया।

इस पूरे ऑपरेशन में निरीक्षक विजय कुमार यादव, सउनि पूरनदास, आरक्षक सुरेश जायसवाल, एसीसीयू टीम के राज कुमार चंद्रा और चित्रसेन साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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