जम्मू कश्मीर के रामबन इलाके में कुदरह ने कहर बरपाया है। यहां बादल फटने से करीब 25 घर जमींदोज हो गए जिसमें अबतक 3 लोगों की मौत हो चुकी है। 90 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। वहीं प्रशासन ने रामबन को नो एंट्री जोन घोषित कर दिया है। आपको बता दें कि रामबन जिले में कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। कई हिस्से में बाढ़ जैसी स्थिति है। बारिश के साथ हो रहे भूस्खलन ने हालात और भी बदतर कर दिए हैं।
भूस्खलन और पहाड़ों से बहकर आ रहे कीचड़ के चलते नेशनल हाइवे कई जगहों पर बंद कर दिए गए है। NH 44 रामबन को जम्मू कश्मीर से जोड़ता है और इसे जिले की लाइफ लाइन मानी जाती है। यातायात ठप होने के चलते रेस्क्यू में भी दिक्कत आ रही है। कई घरों में पानी घुस चुका है।
बच्चों, बुज़ुर्गों और बीमार लोगों के लिए स्थिति और भी चिंताजनक है। इसके अलावा किश्तवाड़ के पाथरनेकी-पाढर रोड पर शनिवार से लगातार भूस्खलन हो रहा है। आपात स्थिति को देखते हुए आसपास के 20 से ज्यादा घरों को खाली कराया गया है। आज का मौसम शनिवार से ज्यादा भयावह बन चुका है।
40 भेड़-बकरियां भी मरीं
बादल फटने के बाद बिजली गिरने से 40 बकरियां और भेड़ें भी मर गईं। बादल फटने के बाद पूरा इलाका जलमग्न हो गया। रियासी जिले में कई जगहों पर लैंड स्लाइडिंग भी हुई है। इसके चलते सड़कों पर लंबा वाहनों का लंबा जाम लग गया है।
इन रास्तों को किया गया बंद
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग में कई जगहों पर लैंड स्लाइंडिग की वजह से रास्ता बंद हो गया है। पूरे राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी बारिश हो रही है। इसके अलावा, एसएसजी रोड/मुगल रोड/सिंथन रोड भी बंद है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम में सुधार होने और सड़क साफ होने तक यात्रा न करें।