Chandra Grahan 2025 : इस साल 14 मार्च को होली का त्योहार पड़ रहा है. वहीं, साल का पहला चंद्रग्रहण भी इसी दिन लगने वाला है. यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जिसे "ब्लड मून" के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में सभी के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि चंद्रग्रहण का सूतक भारत में मान्य होगा नहीं?
दरअसल, हर साल फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा की तिथि पर शाम के वक्त होलिका दहन होता है, वहीं इसके अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है. इस साल 13 मार्च को होलिका दहन और 14 मार्च को होली मनाई जाएगी. लेकिन इस बार चंद्रग्रहण पर होली का साया पड़ रहा है.
चंद्र ग्रहण का समय
14 मार्च को होली के दिन भारतीय समयनुसार, दिन में 10.39 से दोपहर 2.18 तक विदेशों में खग्रास चंद्र ग्रहण पड़ेगा। भारतीय समय के अनुसार, इसका विरल छाया प्रवेश सुबह 9.27 पर होगा। ग्रहण का स्पर्श दिवाकाल 10.40 पर होगा। ग्रहण का मध्य दिवाकाल 12.29 पर होगा। ग्रहण को मोक्ष दिवाकाल दोपहर 2.30 पर एवं विरल छाया निर्गम दोपहर 3.30 पर होगा।
इन देशों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण को पेसिफिक सागर, उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको, ग्रीनलैंड, पनामा, पेरु, उरुग्वे, ब्राजील, अर्जेंटीना, चिली, पश्चिम यूरोप, पश्चिम में आयरलैंड, ब्रिटेन, नॉर्वे, स्वीडन, पश्चिमी पोलैंड, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, इटली, अफ्रीका, मोरक्को, अल्जीरिया, घाना, नाइजीरिया, लीबिया, उत्तरी अटलांटिक सागर व दक्षिणी अटलांटिक सागर, पूर्वी रूस में देखा जा सकेगा।
क्या भारत में दिखाई देगा ब्लड मून?
होली के दिन पड़ने वाले चंद्रग्रहण का समय सुबह 9:29 बजे से दोपहर 3:29 तक रहने वाला है. राहत की बात ये है कि यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. ऐसे में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. इसका प्रभाव मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका के अधिकांश क्षेत्र के अलावा प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक महासागर, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका पर पड़ेगा. भारत में चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा, क्योंकि चंद्रग्रहण भारतीय समय अनुसार दिन में घटित होने वाला है.
चंद्रग्रहण का ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व
चंद्रग्रहण का ज्योतिषीय, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व होता है. धार्मिक दृष्टि से इसका कारण राहु-केतु माने जाते हैं. ज्योतिष के अनुसार, ये ग्रहण केतु के कारण लगने वाला है. राहु और केतु को सांप की भांति माना गया है, जिनके डसने पर ग्रहण लगता है. वहीं, कुछ का मानना है कि जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तब चंद्रग्रहण लगता है. 14 मार्च को लगने वाला यह चंद्रग्रहण कन्या राशि में होगा. इसलिए कन्या राशि के जातकों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इस राशि से संबद्ध जातकों के लिए ये चंद्रग्रहण अशुभ फल देने वाला रहेगा.