Chamoli Avalanche : उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा में हिमस्खलन के बाद बीआरओ के मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। लेकिन, चिंता की बात है कि बर्फ के नीचे अभी भी चार जिंदगियां मौत से जंग लड़ रही है। सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की संयुक्त टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुईं हैं।
उम्मीद जताई जा रही है कि सभी फंसे चारों मजदूरों को सकुशल निकाल लिया जाएगा। एवलांच में फंसे मजदूरों की तलाश हेतु एसडीआरएफ की टीम विक्टिम लोकेटिंग और थर्मल इमेज कैमरा के साथ रवाना हो गई है। पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल के निर्देशानुसार माणा में एवलांच के दौरान लापता मजदूरों की खोज के लिए एसडीआरएफ की एक विशेषज्ञ टीम को रवाना किया गया है।
टीम को विक्टिम लोकेटिंग कैमरा (V.L.C) एवं थर्मल इमेज कैमरा के साथ सहस्त्रधारा से हेलीकॉप्टर के माध्यम से घटनास्थल हेतु रवाना कर दिया गया है। इन उपकरणों (विक्टिम लोकेटिंग कैमरा (V.L.C) एवं थर्मल इमेज कैमरा) की सहायता से सर्चिंग का कार्य किया जाएगा।
दूसरी ओर, जिलाधिकारी चमोली ने बताया कि माणा के एवलांच में 55 नहीं 54 चपेट में आए थे। एक व्यक्ति अनऑफिशियल लीव पर गया हुआ है। जिलाधिकारी चमोली ने रेस्क्यू अभियान शुरू होने पर यह जानकारी दी बताया कि अब लापता हुए श्रमिक लोगों की संख्या मात्र चार रह गई है और युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।
200 रेस्क्यू कर्मियों ने 18 घंटे में बचाई 46 जानें
ह चीता हेलीकॉप्टर, 200 से ज्यादा सुरक्षा कर्मी, 18 घंटे का वक्त और रेस्क्यू मिशन 90 प्रतिशत कंप्लीट। छह से सात फीट मोटी बर्फ, मौसम और माहौल पूरी तरह से खिलाफ लेकिन एवलांच में फंसे श्रमिकों की तलाश में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों ने अपनी पूरी जान लगा दी।
रेस्क्यू टीमों के जाबांजों का अटूट जज्बा ही था कि कुछ ही घंटों में रेस्क्यू आपरेशन को 90 फीसदी तक कंप्लीट कर लिया गया। बीते रोज 11 बजे से शुरू हुए रेस्क्यू अभियान के तहत 55 में से 46 मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया है। जबकि चार की मौत हो गई। बाकी लापता पांच मजदूरों की तलाश में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत स्थानीय पुलिस-प्रशासन जुटे हुए हैं।
सीएम समेत पूरी मशीनरी सक्रिय
सेना, वायु सेना, आईटीबीपी, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान के दौरान फ्रंट फुट पर आकर मोर्चा संभाला। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी एवलांच की घटना के बाद लगातार रेस्क्यू अभियान के संपर्क में रहे।