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यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम देश की संस्कृति को जोड़ने में सहायक : सांसद बृजमोहन अग्रवाल

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 रायपुर : भारत देश "अलग भाषा, अलग भेष—फिर भी अपना एक देश" की भावना से ओत-प्रोत है। ऐसे में यूथ एक्सचेंज कार्यक्रम भारतीय संस्कृति, कला, तीज-त्योहार, खानपान और जीवनशैली को समझने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह कहना है रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल का जिन्होंने बुधवार को नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS), युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत गुजरात के सूरत और नर्मदा जिले के साथ ही बस्तर से आए वॉलंटियर्स से मुलाकात कर संवाद किया।


इस दौरान उन्होंने कहा कि, इस अभिनव पहल के माध्यम से विभिन्न राज्यों की संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं का आदान-प्रदान होगा, जिससे राज्यों के बीच आपसी समझ और बंधन को मजबूत किया जा सकेगा। यह कार्यक्रम "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" की अवधारणा को साकार करते हुए भारत की एकता और अखंडता को प्रोत्साहित करेगा। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और भाषा, खानपान तथा अन्य गतिविधियों के माध्यम से परस्पर समझ विकसित करना है।

युवाओं से चर्चा करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि रायपुर देश के सबसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों में से एक है और अधोसंरचना में भी काफी आगे है। उन्होंने यह भी बताया कि वे स्वयं अपने छात्र जीवन में युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का हिस्सा रहे हैं और ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं को सीखने के कई अवसर मिलते हैं, जो देश की प्रगति में सहायक होते हैं।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति अत्यंत समृद्ध है और यहाँ के लोग सरल एवं सौम्य स्वभाव के होते हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि गुजरात और छत्तीसगढ़ का पुराना रिश्ता रहा है और "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" परियोजना के तहत दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से आदान-प्रदान कार्यक्रम चल रहा है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने युवाओं को राष्ट्र की विविधताओं को आत्मसात कर, राष्ट्र निर्माण और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। श्रमदान के महत्व पर चर्चा की और युवाओं को समाज सेवा के लिए आगे आने का आह्वान किया।

गुजरात से आए स्वयंसेवक मनोज, जो नेहरू युवा केंद्र के प्रतिनिधि हैं, ने कहा कि छत्तीसगढ़ आने से पहले उनकी यहाँ के बारे में एक अलग धारणा थी कि यह जंगली क्षेत्र है जहां नक्सली रहते हैं, लेकिन यहाँ की शानदार मेहमाननवाजी देखकर वे अत्यंत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जब वे वापस गुजरात लौटेंगे तो छत्तीसगढ़ और यहाँ के लोगों के लिए एक नई सकारात्मक सोच के साथ संदेश लेकर जाएंगे।

इस दौरान नेहरू युवा केंद्र के राज्य निदेशक अतुल निकम ने माननीय सांसद महोदय का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन से ही ऐसे युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम सफल होते हैं और युवाओं का विकास संभव हो पाता है।

नेहरू युवा केंद्र, रायपुर के उपनिदेशक अर्पित तिवारी ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न राज्यों की संस्कृति, परंपराओं और रीति-रिवाजों का आदान-प्रदान होगा, जिससे राज्यों के बीच आपसी समझ और संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे।

कार्यक्रम में रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल, महासमुंद के जिला शिक्षा अधिकारी, नेहरू युवा केंद्र के अन्य अधिकारी एवं स्वयंसेवक उपस्थित रहे।


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