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भारत-जापान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ के लिए भारतीय सेना रवाना, चीन और पाकिस्तान की बढ़ी चिंता

 India-Japan joint military : भारत और जापान के बीच 15 दिन तक चलने वाला संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘धर्म गार्डियन’ 24 फरवरी से शुरू हो रहा है. यह युद्धाभ्यास 9 मार्च 2025 तक जापान के पूर्वी फूजी युद्धाभ्यास प्रशिक्षण क्षेत्र में चलेगा. इस एक्सरसाइज का मकसद दोनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना और शहरी युद्ध तथा आतंकवाद रोधी अभियानों में सहयोग को मजबूत करना है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह अभ्यास क्षेत्रीय सुरक्षा, शांति और स्थिरता की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति को भी आगे बढ़ाता है. भारतीय सेना की एक टुकड़ी इस अभ्यास में शामिल होने के लिए जापान रवाना हो चुकी है. इसमें मुख्य रूप से मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन के 120 सैनिक शामिल हैं. वहीं, जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स (JGSDF) की ओर से 34वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट के 120 सैनिक भाग लेंगे.


क्या है ‘धर्म गार्डियन’?

‘धर्म गार्डियन’ एक सालाना अभ्यास है, जो भारत और जापान में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है. पिछली बार यह युद्धाभ्यास फरवरी-मार्च 2024 में राजस्थान में हुआ था. इस बार जापान इसकी मेजबानी कर रहा है. रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह अभ्यास उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और सामरिक रणनीति पर केंद्रित होगा. सैनिकों को शहरी युद्ध की चुनौतियों से निपटने और आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम देने की ट्रेनिंग दी जाएगी.

चीन और पाकिस्तान की बढ़ी चिंता

भारत और जापान का यह सैन्य सहयोग चीन और पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय बन सकता है. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और जापान की बढ़ती साझेदारी से चीन की समुद्री गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी. कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल बनाने में कारगर साबित होगा.

अक्टूबर 2024 में भारतीय सेना प्रमुख की जापान यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति बनी थी. इसी कड़ी में ‘धर्म गार्डियन’ सैन्य अभ्यास भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेगा.

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