रायपुर : आकाश कनौजिया की जिंदगी एक झटके में बदल गई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में रहने वाले आकाश को मुंबई पुलिस ने सैफ अली खान के बांद्रा वाले घर में हुए हमले और लूटपाट के मामले में शक के आधार पर हिरासत में ले लिया। लेकिन सच्चाई यह थी कि आकाश निर्दोष था। यह कहानी सिर्फ एक गलत पहचान की नहीं है, बल्कि उस तकलीफ और दर्द की है, जो एक आम आदमी को पुलिस की लापरवाही से झेलनी पड़ी।
15 जनवरी 2025 की रात मुंबई के बांद्रा इलाके में सैफ अली खान के फ्लैट पर हमला हुआ। एक हमलावर ने लूटपाट करने की कोशिश की और सैफ अली खान पर चाकू से वार किया। सैफ को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, और इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
मुंबई पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध व्यक्ति नजर आया। इसके बाद 18 जनवरी को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर आकाश कनौजिया को पकड़ लिया गया। आकाश को सिर्फ इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि उसका चेहरा उस संदिग्ध से थोड़ा मिलता-जुलता था।
पुलिस की गलती से जिंदगी बदली
आकाश का कहना है कि मुंबई पुलिस की गलती ने उसकी जिंदगी पूरी तरह बर्बाद कर दी। आकाश ने कहा, “मैं अपनी दुल्हन से मिलने जा रहा था। तभी पुलिस ने मुझे रोका और बताया कि मैं एक बड़े केस में आरोपी हूं। मुझे हिरासत में लिया गया और फिर रायपुर ले जाया गया। वहां मुंबई पुलिस ने मुझसे पूछताछ की और मुझे मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया।”
सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति की मूंछें भी नहीं थीं, जबकि आकाश की मूंछें थीं। इसके बावजूद, बिना जांच-पड़ताल के उसे संदिग्ध मान लिया गया।
“मैं सैफ अली खान के घर जाकर नौकरी मांगूंगा”
आकाश ने कहा कि इस घटना ने उसे अंदर से तोड़ दिया है। उसने सबकुछ खो दिया। उसके पास न तो नौकरी बची और न ही शादी की कोई उम्मीद। आकाश ने कहा, “मैं सैफ अली खान की इमारत के बाहर खड़ा होकर उनसे नौकरी मांगने की योजना बना रहा हूं। मेरी कोई गलती नहीं थी, लेकिन मैंने सबकुछ खो दिया। अब मुझे नए सिरे से जिंदगी शुरू करनी होगी।”
अगर सही समय पर गिरफ्तारी न होती?
आकाश ने यह भी बताया कि यह उसकी किस्मत थी कि असली आरोपी को जल्दी पकड़ लिया गया। मुंबई पुलिस ने 19 जनवरी को असली आरोपी, बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम को गिरफ्तार किया। अगर उसे नहीं पकड़ा गया होता, तो शायद आकाश पर ही यह आरोप लग जाता।